*फर्जी प्रमाणपत्र से की नौकरी, छह शिक्षकों की सेवा समाप्त*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। फर्जी प्रमाणपत्र एवं दूसरे के अभिलेख से नौकरी करने वाले छह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। विश्वविद्यालय एवं बोर्ड से सत्यापन रिपोर्ट आने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह कार्रवाई की। कई बार नोटिस भेजने के बाद भी जवाब न देने पर विभाग ने यह कदम उठाया। 15 से 20 साल तक विभाग में सेवा करने वाले ऐसे शिक्षकों से वेतन की वसूली की जाएगी। इसकी कवायद में विभाग जुटा है। जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। जिसमें चार हजार से अधिक शिक्षकों की तैनाती है। शासन स्तर से जरूरत के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। पिछले पांच से छह साल में नियुक्ति से लेकर अन्य गतिविधियां ऑनलाइन होने से प्रमाणपत्र की खामियां उजागर हो जाती हैं, लेकिन डेढ़ से दो दशक पूर्व की नियुक्ति प्रक्रिया कागजों में ही चलती थी।विश्वविद्यालय एवं बोर्ड स्तर पर होने वाले सत्यापन में भी गड़बड़ी से फर्जी एवं दूसरे के प्रमाणपत्र पकड़ में नहीं आते। प्रेरणा पोर्टल पर सभी अभिलेख ऑनलाइन होने के बाद प्रदेश स्तर पर बड़ी संख्या में शिक्षकों के प्रमाणपत्र संदिग्ध मिले। जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालय एवं बोर्ड से अभिलेखों का सत्यापन कराया गया। जिले में जनवरी से अप्रैल तक ऐसे छह शिक्षकों के निवास प्रमाणपत्र, आचार्य, शास्त्री, बीएड, यूपी बोर्ड के प्रमाणपत्र या तो फर्जी मिले या दूसरे विद्यार्थी के अंकित मिले। विभाग ने सभी को छह से अधिक नोटिस जारी कर जवाब मांगा, लेकिन स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। जिसको संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी। जिन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई वह विद्यालयों में 15 से 20 साल तक सेवा दे चुके हैं। ऐसे में सभी ने दो से तीन करोड़ रुपये सरकारी राजस्व का चुना लगाया। अब विभाग इन शिक्षकों से वेतन की रिकवरी कराने में जुटा है। इन शिक्षकों पर की गई कार्रवाई ज्ञानपुर। कंपोजिट विद्यालय गंगापुर तलिया के शिक्षक राजकुमार राय निवासी बरदह आजमगढ़, प्राथमिक विद्यालय लांगनबारी के निर्भय नारायण यादव निवासी ग्राम गोसलपुर गाजीपुर, कंपोजिट विद्यालय गड़ेरियापुर के शिक्षक चंद्रशेखर यादव निवासी बाराडीह, अवराई बलिया, कंपोजिट विद्यालय लक्षमणिया के इम्तियाज अहमद निवासी माधोसिंह, कंपोजिट विद्यालय द्वारिकापुर के रामचंद्र यादव निवासी कलापुर सुवधैं और एके मिश्रा शामिल हैं।
सत्यापन में किसी के प्रमाणपत्र फर्जी मिले तो किसी ने दूसरे अभ्यर्थी के प्रमाणपत्र को लगाया था। नोटिस के बाद भी जवाब न देने पर छह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। जुलाई 2022 से अब तक 14 शिक्षकों पर कार्रवाई की जा चुकी है। - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए।
Aug 30 2024, 17:16