14 साल की नाबालिग को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 28 हफ्ते का गर्भ गिराने की मिली इजाजत
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 14 वर्षीय एक दुष्कर्म पीड़िता को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पीड़ित को 28 हफ्ते की प्रेग्नेंसी को समाप्त करने की इजाजत दे दी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने आदेश में कहा कि मेडिकल बोर्ड कि रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी से जान को खतरा हो सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल की नाबालिग की गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत अपनी अपरिहार्य शक्ति का प्रयोग किया।यौन उत्पीड़न की वजह से गर्भवती हुई 14 साल की लड़की ने सुप्रीम कोर्ट से अपने 28 हफ्ते की गर्भवस्था को समाप्त करने की इजाजत मांगी थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे गर्भपात की इजाजत दे दी।
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सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने बॉम्बे हाई कोर्ट के गर्भपात कराने के आदेश देने से मना करने के फैसले को खारिज कर दिया। कोर्ट ने डॉक्टरों के एक्सपर्ट पैनल के नेतृत्व में पीड़िता की प्रेग्नेंसी को खत्म करने का निर्देश दिया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने आदेश में कहा कि गर्भपात में देरी से हर घंटा बच्चे के लिए कठिनाई भरा है।
संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए (जो इसे किसी भी मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए आवश्यक आदेश पारित करने का अधिकार देता है) मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने लोकमान्य तिलक नगर मेडिकल कॉलेज और जनरल अस्पताल (एलटीएमजीएच) के डीन को निर्देश दिया है। गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए मुंबई के सायन में तुरंत डॉक्टरों की एक टीम गठित की जाएगी।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 19 अप्रैल को नाबालिग की मेडिकल जांच का आदेश दिया था।कोर्ट ने मुंबई के सायन स्थित लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा था कि अगर पीड़िता चिकित्सकीय रूप से गर्भपात कराती है या उसे ऐसा न करने की सलाह दी जाती है तो इसका उसकी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति पर क्या असर पड़ने की संभावना है।
इस पर सायन के मेडिकल बोर्ड ने इस मामले में साफ तौर से राय दी है कि गर्भावस्था जारी रहने से नाबालिग की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर असर पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही कहा, ‘इसमें कुछ हद तक जोखिम शामिल है। हालांकि मेडिकल बोर्ड ने राय दी है कि बच्चे को जन्म देने के मुकाबले गर्भपात करने में जोखिम कम है।’ पीठ ने कहा, ‘सायन अस्पताल के डीन से नाबालिग के चिकित्सीय गर्भपात करने का अनुरोध किया जाता है।
बता दें कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम के तहत गर्भावस्था को समाप्त करने की ऊपरी सीमा विवाहित महिलाओं के साथ-साथ विशेष श्रेणियों की महिलाओं के लिए 24 सप्ताह रखी गई है। इनमें बलात्कार पीड़िताओं और कुछ अन्य महिलाओं जैसे कि विकलांग और नाबालिग को शामिल किया गया है।








हैदराबाद लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के. माधवी लता की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। हैदराबाद पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। उनके खिलाफ शिकायत मिलने के बाद अब हैदराबाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। माधवी लता के पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा है। बीजेपी की कैंडिडेट माधवी लता के खिलाफ मजिस्द की तरफ काल्पनिक तीर छोड़ने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। रामनवमी के मौके पर निकली शोभायात्रा में माधवी ने हवा में आसमान की तरफ राम बाण चलाने का प्रदर्शन किया था। घटना का एक कथित वीडियो पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। जिसके बाद माधवी लता के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। एआईएमआईएम ने वायरल वीडियो के आधार पर आरोप लगाया है कि बीजेपी की कैंडिडेट ने मस्जिद की तरफ तीर छोड़ा। पार्टी के प्रमुख असुदद्दीन ओवैसी इस मुद्दा बना चुके हैं। अब विवाद के तूल पकड़ने के बाद हैदराबाद के बेगम बाजार थाने में माधवी लता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर शेख इमरान ने दर्ज कराई है। *के. माधवी लता ने दी सफाई* तीर विवाद में खुद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर माधवी लता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। माधवी लता ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा ”मेरे संज्ञान में आया है कि मेरा एक वीडियो मीडिया में नकारात्मकता पैदा करने के लिए प्रसारित किया जा रहा है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि यह एक अधूरा वीडियो है और ऐसे वीडियो के कारण भी अगर किसी की भावनाएं आहत होती हैं तो मैं माफी मांगना चाहूंगी क्योंकि मैं सभी का सम्मान करती हूँ।” साथ ही सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर विपक्ष पर हमला करते हुए के. माधवी लता ने विपक्षी दलों के खिलाफ कड़े शब्दों में कहा कि उन्हें बदनाम ना करे और समुदायों के बीच नफरत ना फैलाए। *हैदराबाद में 13 मई को मतदान* देश में लोकसभा चुनाव शुरू हो गए हैं, 19 अप्रैल को 21 राज्यों में 102 सीटों पर मतदान हुए। हालांकि हैदराबाद में 13 मई को मतदान होना है। माधवी लता हैदराबाद सीट से पार्टी की उम्मीदवार हैं, जिस पर 2004 से असदुद्दीन ओवैसी और 1989 से उनके पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी का कब्जा रहा है।
Apr 22 2024, 13:59
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