कलेक्टरी छोड़ नेता बनने निकलीं निशा बांगरे का क्या हो गया 'मोए-मोए'? अब वापस मांग रही सरकारी नौकरी, लेकिन कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट
चुनाव लड़ने के लिए अपना इस्तीफा स्वीकार कराने वाली पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपनी सरकारी नौकरी वापस चाहती हैं। निशा बांगरे ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए अपना इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार से लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने मुझे लोकसभा टिकट देने का वादा किया था, लेकिन पार्टी अपने वादे से मुकर गई।' यह पूछे जाने पर कि क्या ऑफर मिलने पर वह बीजेपी में शामिल होंगी।
उन्होंने कहा, 'मुझे बीजेपी से कोई ऑफर नहीं मिला है। मैंने जनवरी में ही सामान्य प्रशासन विभाग को मुझे सेवा में वापस लाने के लिए लिखा था। मुझे वापस लेने का मेरा आवेदन सरकार के पास पेंडिंग है।' पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान निशा बांगरे कांग्रेस के टिकट पर आमला सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। हालांकि, जब तक सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया, कांग्रेस ने इस सीट से एक और उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी।
उन्होंने कहा, 'मेरा परिवार चाहता है कि मैं सेवा में वापस आ जाऊं। मप्र सेवा नियम में इसका प्रावधान है। ऐसे भी उदाहरण हैं जहां सरकारी कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया, चुनाव लड़ा और चुनाव हारने के बाद सेवा में वापस आ गए।' छतरपुर जिले के लवकुश नगर की एसडीएम रही बांगरे ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 23 जून, 2023 को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जीएडी ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।








कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला एक बार फिर उठा है। दरअसल, कनाडा के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप लग रहे हैं। बीते दो सप्ताह से इस मामले में सुनवाई चल रही है। इससे जुड़े एक आयोग के सामने सार्वजनिक सुनवाई में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गवाही दी। गवाही के दौरान जस्टिन ट्रूडो ने भारत के खिलाफ फिर जहर उगला। ट्रूडो ने कनाडा की पिछली कंजर्वेटिव सरकार पर वर्तमान भारत सरकार के साथ ‘मिलीभगत’ होने का आरोप लगाया। यही नहीं सुनवाई में आतंकी निज्जर की मौत का जिक्र किया गया। *कंजर्वेटिव पार्टी का भारत सरकार के साथ मिले होने का आरोप* सुनवाई के दौरान ट्रूडो ने कंजर्वेटिव पार्टी का भारत सरकार के साथ 'सहज' होने का आरोप लगाया। ट्रूडो ने कहा, 'हमारे सिद्धांत के मुताबिक जो भी कोई दुनिया में कहीं से भी कनाडा में आता है, उसके पास एक कनाडाई के सभी अधिकार हैं। वह जबरन वसूली, जोर जबरदस्ती या उस देश के हस्तक्षेप से मुक्त होते हैं, जिसे वह छोड़कर आते हैं।' *ट्रूडो ने आलापा “निज्जर” राग* ट्रूडो ने कहा, ' हम कैसे इनके साथ खड़े होते हैं वह निज्जर की हत्या के गंभीर मामले में दिखा चुके हैं, जिसका मुद्दा हमने संसद में उठाया था। यह कनाडाई लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारी सरकार हमेशा कनाडा में अलपसंख्यकों के बोलने के अधिकार की रक्षा के लिए खड़ी रही है, भले ही इससे उनके घरेलू देशों को चिढ़ हो।' बता दें कि पिछले साल जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंटों को कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की थी। भारत ने इन आरोपों से इनकार किया था। इन आरोपों से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हुआ था। *कनाडा के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप* बता दें कि कनाडा के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप लग रहे हैं। कनाडा ने भारत समेत कई देशों पर उसके 2019 और 2021 के चुनावों में दखल देने का आरोप लगाया है। कनाडा की मीडिया ने आरोप लगाया था कि 2019 और 2021 के चुनाव में भारत ने हस्तक्षेप किया। भारत पहले ही एक सिरे से खारिज कर चुका है। इसके अलावा बीते बुधवार को भी इस मामले की जांच कर रही कनाडा की जांच एजेंसी ने भी कहा था क उन्हें चुनावों में भारत की संलिप्तता के सबूत नहीं मिले लेकिन हां चीन इसमें शामिल था इसके सबूत मिल गए हैं। फिर भी इस सुनवाई में भारत और आतंकी निज्जर की मौत का जिक्र किया गया।
Apr 12 2024, 12:57
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