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गर्भगृह अग्निकांड : महाकाल भस्म आरती के बदले नियम! पुजारियों और श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी, पढ़िए, रिपोर्ट


 ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में होली पर हुए अग्निकांड के बाद मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था में कठोर कदम उठाए हैं। भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में पुजारियों की संख्या सीमित कर दी गई है। साथ ही पंडे, पुजारी तथा सेवकों के अनावश्यक रूप से मंदिर में घूमने पर रोक लगा दी गई है। श्रद्धालुओं का मंदिर में मोबाइल लेकर प्रवेश करना भी प्रतिबंधित किया गया है।

मंदिर प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति तथा जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त द्वार से कार्रवाई की जा रही है। 

1. भस्म आरती के समय गर्भगृह में पुजारियों की संख्या सीमित कर दी गई है।

2. अनावश्यक पंडा, पुजारी तथा सेवकों का प्रवेश भी प्रतिबंधित किया गया है।

3. भस्म आरती दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थियों को भी जांच पड़ताल के उपरांत ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है।

4. श्रद्धालुओं के मोबाइल लेकर आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

5. इलेक्ट्रानिक उपकरण सहित अन्य संवेदनशील उपकरण जिनसे दुर्घटना की आशंका होती है, उन्हें अलग रखवाने के लिए काउंटर बनाए जा रहे हैं।

अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं से रुपये लेने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है।

भस्म आरती के दौरान पहले लोग नंदीजी के सामने गेट तक बैठते थे। अब भक्तों को नंदीजी के पीछे से बैठाया जा रहा है।

गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए मंदिर के द्वार से मंदिर तक छांव तथा कारपेट बिछाने की व्यवस्था की गई है।

यह बदलाव मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए गए हैं।

कलेक्टरी छोड़ नेता बनने निकलीं निशा बांगरे का क्या हो गया 'मोए-मोए'? अब वापस मांग रही सरकारी नौकरी, लेकिन कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट

 चुनाव लड़ने के लिए अपना इस्तीफा स्वीकार कराने वाली पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपनी सरकारी नौकरी वापस चाहती हैं। निशा बांगरे ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए अपना इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार से लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने मुझे लोकसभा टिकट देने का वादा किया था, लेकिन पार्टी अपने वादे से मुकर गई।' यह पूछे जाने पर कि क्या ऑफर मिलने पर वह बीजेपी में शामिल होंगी। 

उन्होंने कहा, 'मुझे बीजेपी से कोई ऑफर नहीं मिला है। मैंने जनवरी में ही सामान्य प्रशासन विभाग को मुझे सेवा में वापस लाने के लिए लिखा था। मुझे वापस लेने का मेरा आवेदन सरकार के पास पेंडिंग है।' पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान निशा बांगरे कांग्रेस के टिकट पर आमला सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। हालांकि, जब तक सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया, कांग्रेस ने इस सीट से एक और उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी।

उन्होंने कहा, 'मेरा परिवार चाहता है कि मैं सेवा में वापस आ जाऊं। मप्र सेवा नियम में इसका प्रावधान है। ऐसे भी उदाहरण हैं जहां सरकारी कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया, चुनाव लड़ा और चुनाव हारने के बाद सेवा में वापस आ गए।' छतरपुर जिले के लवकुश नगर की एसडीएम रही बांगरे ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 23 जून, 2023 को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जीएडी ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

दलाई लामा से चीन को क्यों है इतनी चिढ़? ड्रैगन की करतूत जान आप भी रह जाएंगे दंग

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चीन अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं है। एक बार फिर चीन ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को निशाना बनाने की कोशिश की है। पड़ोसी देशों की सीमाओं पर नजर गड़ाए रखना वाला चीन तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को अपना दुश्मन समझता है। दलाई लामा के खिलाफ हमेशा से जहर उगलते आ रहे ड्रैगन ने अब उनकी मौत की कामना की है। दरअसल, चीन तिब्बती मठों में दलाई लामा के खिलाफ आपत्तिजनक बुकलेट बांट रहा है। जिसमें ये कहा गया है कि दलाई लामा की मौत के बाद किसी तरह का धार्मिक अनुष्ठान न हो।

रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) की 9 अप्रैल की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के उत्तर पश्चिम प्रांत के गांसु के मठों में दलाई लामा की मृत्यु से संबंधित पारंपरिक प्रथाओं पर 10 प्रतिबंधों वाला एक मैनुअल वितरित किया गया है। कथित तौर पर मैनुअल में 10 नियमों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनका बौद्ध भिक्षुओं को पालन करना होगा। बुकलेट के जरिए कहा गया है कि दलाई लामा की मौत के बाद बौद्ध भिक्षुओं को तिब्बती आध्यात्मिक नेता और अन्य धार्मिक गतिविधियों और अनुष्ठानों की तस्वीरें जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तिब्बती बौद्धों ने चीनी अधिकारियों की उस निर्देश के लिए निंदा की है जो दलाई लामा की मृत्यु के बाद आयोजित कुछ धार्मिक प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने की बात करता है।

चीन ने दलाई लामा की मृत्यु के बाद होने वाले अनुष्ठानों को लेकर फरमान जारी किया है। ये बात काफी ये समझने के लिए चीन दलाई लामा से किस कदर चिढ़ता है? या यूं कहें की चीन एक वृद्ध धार्मिक नेता से खौफ खाता है। अब सवाल ये है कि आखिर कौन हैं दलाई लामा और क्‍यों चीन उनसे इतना चिढ़ता है?

बता दें कि 14वें दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक नेता है। तिब्‍बती मान्‍यता के मुताबिक दलाई लामा एक अवलौकितेश्‍वर या तिब्‍बत में जिसे शेनेरेजिंग कहते हैं, वही स्‍वरूप हैं। दलाई लामा को बोधिसत्‍व यानी बौद्ध धर्म का संरक्षक माना जाता है। बौद्ध धर्म में बोद्धिसत्‍व ऐसे लोग होते हैं तो जो मानवता की सेवा के लिए फिर से जन्‍म लेने का निश्‍चय लेते हैं। वर्तमान में जो दलाई लामा हैं, उनका असली नाम ल्‍हामो दोंडुब है। उनका जन्‍म नार्थ तिब्‍बत के आमदो स्थित एक गांव जिसे तकछेर कहते हैं, वहां पर छह जुलाई 1935 को हुआ था। ल्‍हामो दोंडुब की उम्र जब सिर्फ 2 साल थी तो उसी समय उन्‍हें 13वें दलाई लामा, थुबतेन ग्‍यात्‍सो का अवतार मान लिया गया था। इसके साथ ही उन्‍हें 14वां दलाई लामा घोषित कर दिया गया।

चीन तिब्बत पर अपना दावा पेश करता है। चीन दलाई लामा को अलगाववादी मानता है। वह सोचता है कि दलाई लामा उसके लिए समस्या हैं। 1950 में चीन ने तिब्‍बत पर हमला किया। साल 1954 में दलाई लामा ने चीन के राष्‍ट्रपति माओ त्से तुंग और दूसरे चीनी नेताओं के साथ शांति वार्ता के लिए बीजिंग गए। इस ग्रुप में चीन के प्रभावी नेता डेंग जियोपिंग और चाउ एन लाइ भी शामिल थे। साल 1959 में चीन की सेना ने ल्‍हासा में तिब्‍बत के लिए जारी संघर्ष को कुचल दिया। तब से ही दलाई लामा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित जिंदगी बिता रहे हैं।

चीन को भारत में दलाई लामा को शरण मिलना अच्छा नहीं लगा। तब चीन में माओत्से तुंग का शासन था। दलाई लामा और चीन के कम्युनिस्ट शासन के बीच तनाव बढ़ता गया। दलाई लामा को दुनिया भर से सहानुभूति मिली लेकिन अब तक वह निर्वासन की ही ज़िंदगी जी रहे हैं।

ईडी के सिर्फ 3% मामले राजनेताओं के खिलाफ, बीजेपी शासित राज्यों में भी भ्रष्टाचार पर एक्शन जारी”, पीएम मोदी की दो टूक

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लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार मीडिया संस्थानों से रूबरू हो रहे हैं। हाला ही में पीएम मोदी ने अमेरिकी पत्रिका न्‍यूजवीक को इंटरव्यू दिया। पत्रिका को दिए इंटरव्‍यू में पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव, पाकिस्तान में आतंकवाद और चीन के साथ सीमा विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी है। साथ ही अयोध्या राम मंदिर के निर्माण और देश में लोकतंत्र सहित विभिन्न मुद्दों पर भी बात की। अब उन्होंने ‘लाइव हिंदुस्तान’को साक्षात्कार दिया है।

देश में लोकसभा चुनाव तो लेकर प्रचार अभियान जोरों पर है। मोदी धुआंधार खुद चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। पीएम एक दिन में 2 से 3 राज्यों के अलग-अलग शहरों में जाकर चुनावी रैलियों और जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने ‘लाइव हिंदुस्तान’ को दिए एक इंटरव्यू में भ्रष्टाचार पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का एक्शन जारी है और यह कार्रवाई अब नहीं रुकेगी। 

भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं कर सकते-पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, तब से ही हम भ्रष्टाचार को लेकर सख्त हैं। इसको खत्म करने के लिए हमने कई प्रयास किए। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इससे समझौता नहीं कर सकते। देश में जहां बीजेपी की सरकार है, वहीं भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। मगर आज कल एक अलग नैरेटिव सेट कर दिया गया है।

97 प्रतिशत मामले अधिकारियों और अपराधियों से जुड़े-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, वह राजनीतिक है। तो मैं कहना चाहता हूं ईडी के पास केवल तीन फीसदी मामले ही राजनीति से जुड़े हैं। बाकी के 97 प्रतिशत मामले अधिकारियों और अपराधियों से रिलेटेड है। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने कई भ्रष्ट अधिकारियों को अरेस्ट किया है।

सरकारी सेवाओं को पारदर्शी बनाने की कोशिश-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में हैं, वहां भी कार्रवाई हो रही है। जो आरोप लग रहे हैं, वो सिर्फ वो लोग लगा रहे हैं, जिन्हें अपने खिलाफ जांच का डर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'साल 2014 में हमारी सरकार बनते ही, हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। हमने केंद्रीय भर्ती में ग्रुप सी और ग्रुप डी के साक्षात्कार खत्म किए। हमने देश में क्लीयरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया। हमने सरकारी सेवाओं को जहां तक हो सके पारदर्शी बनाने की कोशिश की है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं। विपक्षी पार्टियां सरकार पर विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ईडी के सिर्फ तीन प्रतिशत मामले ही राजनीति से जुड़े हैं।

नेशनल क्रश’ बहुत होंगे, पीएम मोदी की गारंटी ‘नेशनल ट्रस्ट’, बोले-अनुराग ठाकुर

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लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। एकग तरफ सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगा है, तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार की खामियों को जनता के सामने लाने की कोशिश में लगी है। इस बीच सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में कई नेशनल क्रश होंगे लेकिन पीएम मोदी की गारंटी नेशनल ट्रस्ट है।

केंद्रीय मंत्री और हिमाचल की हमीरपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर विभिन्न राजनीतिक दलों के गठबंधन पर इंडिया पर हमला बोला। गांधी चौक हमीरपुर में आयोजित बीजेपी रैली को संबोधित करते हुए अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सरकार की खूब घेराबंदी की है। उन्होंने कहा कि पांच लाख नौकरियों का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार प्रदेश में पांच नौकरियां तक नहीं दे पाई है। आखिर कांग्रेस ने किया क्या है जिस आधार पर वह वोट मांगने आएंगे।  

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि कांग्रेस और उसके वादों की पूरे देश में पोल खुल चुकी है।उन्होंने कहा कि ये पार्टी महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये देने, 100 रुपये प्रति लीटर दूध खरीदने और पांच लाख नौकरियां देने के वादे को नहीं पूरा कर सकी है। उन्होंने आगे कहा कि जनता प्रधानमंत्री मोदी और उनकी गारंटी पर देश को भरोसा करती है। उन्होंने कहा कि देश में कई नेशनल क्रश होंगे लेकिन पीएम मोदी की गारंटी पर नेशनल ट्रस्ट है। मोदी देश ही नहीं दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं।

ठाकुर ने कहा कि आज की रैली ने साबित कर दिया है कि बीजेपी एकजुट है। पुराने और नए नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीच कोई मतभेद नहीं है। दूसरी ओर कांग्रेस विभाजित हो चुकी है। यही कारण है कि अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर सकी है।

वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं से लोकसभ चुनावों और उपचुनावों में कमर कसने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से अुर्जन को केवल आंख दिखती है बीजेपी के कार्यकर्ताओं को कमल का फूल दिखना चाहिए।

मोदी का अपमान कर अब उनकी ही नीति अपना रहे हैं मालदीव के मुइज्जु

मालदीव में भारतीय पर्यटकों को वापस लुभाने के लिए माले में एक प्रमुख पर्यटन निकाय ने घोषणा की है कि वह प्रमुख भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करेगा।चूंकि मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट जारी है, मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स (MATATO) ने यहां भारत के उच्चायुक्त, मुनु के साथ चर्चा की। 

मोदी द्वारा फोटो और वीडियो पोस्ट करने के बाद मालदीव के तीन अधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया पर भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के बाद मालदीव पर तीखी प्रतिक्रिया हुई।

कई मशहूर हस्तियों सहित करोड़ों भारतीयों ने अपना आरक्षण रद्द कर दिया और मालदीव जाने की योजना रद्द कर दी। पर्यटन आगमन के आँकड़े दर्शाते हैं कि भारत एक शीर्ष पर्यटक देश होने से कैसे जनवरी के बाद स्थान पहले पांचवें और अब छठे स्थान पर चला गया।

मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 10 अप्रैल तक, आने वाले कुल 6,63,269 पर्यटकों में से चीन 71,995 के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद यूनाइटेड किंगडम रहा।रूस (66,803), इटली (61,379), जर्मनी (52,256) और भारत (37,417)।

माले में भारतीय उच्चायोग में आयोजित एक बैठक में चर्चा के बाद, MATATO ने एक बयान में कहा कि उन्होंने भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया है।

इस प्रक्षेप पथ में, वर्तमान में प्रमुख भारतीय शहरों में व्यापक रोड शो शुरू करने और आगामी मालदीव में प्रभावशाली व्यक्तियों और मीडिया परिचित यात्राओं की सुविधा प्रदान करने की योजना पर काम चल रहा है।

जबकि भारत मालदीव के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटक बाजार बना हुआ है, MATATO का कहना है कि वे आगे बढ़ावा देने के लिए भारत भर में प्रमुख यात्रा संघों और उद्योग हितधारकों के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर हैं।

एसोसिएशन ने भारतीय उच्चायुक्त के साथ अपनी बैठक को "मालदीव और भारत के बीच मजबूत पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देने के लिए MATATO के निरंतर समर्पण का एक प्रमाण" बताया, जो इसमें कहा गया है कि मालदीव और भारत के बीच मजबूत पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देने से क्षेत्र के पर्यटन क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए परिवर्तनकारी सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा।

इससे पहले इस राजनयिक विवाद के भड़कने से पहले, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले नवंबर में शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर, भारत से अपने 88 सैन्य कर्मियों को देश से वापस लेने के लिए कहा था।

अपने चीन समर्थक झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने घोषणा की है कि 10 मई तक सभी 88 कर्मियों की स्वदेश वापसी के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक ​​कि नागरिक कपड़ों में भी, मालदीव में मौजूद नहीं रहेगा।

केजरीवाल समेत आप के कई बड़े नेता जेल में, अब पार्टी के सात सांसदों की हो रही “खोज”

#whereare7outof10aapmpmissing 

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी पर टूट का खतरा मंडरा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत ये है कि पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम केजरीवाल जेल में हैं। एक बड़ी परेशानी ये है कि कई बड़े चेहरे पार्टी छोड़ रहे हैं। पंजाब से एकलौते लोकसभा सांसद सुशील कुमार टिंकू ने पार्टी छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली है। वहीं केजरीवाल के सहयोगी और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री राज कुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता और अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। इन सबके बीच जो बातें सबसे ज्यादा नोटिस की जा रही वो है कि आम आदमी पार्टी के कई सांसद गायब हैं।

आम आदमी पार्टी के कुल 10 सांसद हैं। 10 में से 3 सांसद ही सक्रिय दिख रहे हैं। ज़मानत पर बाहर आए संजय सिंह के अलावा संदीप पाठक, एनडी गुप्ता पार्टी के तीन ऐसे राज्यसभा सांसद हैं, जो बीते दिनों सक्रिय दिखे हैं। बाकी के 7 सांसद ना तो केजरीवाल की गिरफ्तारी पर ही मुखर दिखे, ना ही केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में।

21 मार्च को अपने राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रही है। पर 10 राज्यसभा सदस्यों में से अधिकांश इन विरोध प्रदर्शनों से गायब रहे हैं। केवल संजय सिंह, संदीप पाठक और एन डी गुप्ता को ही इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा देखा गया है। आम आदमी पार्टी के जो सांसद सक्रिय नहीं दिख रहे हैं, उनमें राघव चड्ढा, स्वाति मालिवाल, हरभजन सिंह, अशोक कुमार मित्तल, संजीव अरोड़ा, बलबीर सिंह और विक्रमजीत सिंह का नाम शामिल है।

कहां हैं आम आदमी पार्टी के सात राज्यसभा सांसद?

राघव चड्ढा-आंख का ऑपरेशन करवाने लंदन गए थे। मार्च के आख़िर में लौटना था, पर नहीं लौटे। हालांकि, राघव सोशल मीडिया पर सक्रिय दिखे हैं।

स्वाति मालिवाल- वो अमेरिका में हैं और इलाज करवा रही बहन के साथ हैं। स्वाति भी सोशल मीडिया पर सक्रिय दिख रही हैं।

हरभजन सिंह- हरभजन सिंह आम आदमी पार्टी के कार्यक्रमों में कम ही दिखते हैं। केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर भी हरभजन सिंह शांत दिखे। सोशल मीडिया पर हरभजन सिंह की पोस्ट आईपीएल के बारे में तो दिखती हैं, मगर 'आप' पर नहीं।

अशोक कुमार मित्तल- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के फाउंडर अशोक मित्तल पार्टी की गतिविधियों से नदारद दिखते हैं।

संजीव अरोड़ा- संजीव ने कहा कि वो केजरीवाल की पत्नी से 24 मार्च को मिले थे। हालांकि उन्होंने इंडिया गठबंधन के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की बात को स्वीकार किया। संजीव ने कहा- मुझे पार्टी ने लुधियाना में कुछ ज़िम्मेदारियां दी हैं।

बलबीर सिंह- बलबीर सिंह पर्यावरण के मुद्दे पर भी काम करते हैं। मगर बीते दिनों हुए विरोध प्रदर्शनों में वो नज़र नहीं आए हैं।

विक्रमजीत सिंह- केजरीवाल की गिरफ़्तारी कतो लेकतर पार्टी के विरोध प्रदर्शनों में विक्रमजीत सिंह कहीं नज़र नहीं आए हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर उन्होंने स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के साथ बातचीत का वीडियो साझा किया है।

हमारी सरकार आई, तो पीएम मोदी जेल में होंगे..', लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने दिया बड़ा बयान

बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा और RJD नेताओं में जमकर जुबानी तीर चल रहे हैं। अब लालू प्रसाद यादव की बेटी और RJD नेता मीसा भारती ने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। बिहार के पूर्व सीएम और चारा घोटाले में जेल काट चुके लालू यादव की बेटी मीसा ने कहा है कि यदि चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक की सरकार बनी, तो पीएम समते सारे भाजपा नेता जेल के अंदर होंगे। 

रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी के इंडिया ब्लॉक पर मुस्लिम तुष्टिकरण के इल्जाम लगाने से संबंधी सवाल का जवाब देते हुए मीसा भारती ने कहा कि, 'जो इंडिया गठबंधन है वो 30 लाख रोजगार प्रदान कर रहा है, उसमें उनको तुष्टिकरण नज़र आ रहा है। हम किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रहे हैं, MSP देने की बात कर रहे हैं, वो तुष्टिकरण है? मुंह बंद हो गया प्रधानमंत्री जी का? इलेक्टोरेल बॉन्ड पर वो जवाब क्यों नहीं देते?'

RJD की राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने कहा कि, प्रधानमंत्री जब भी आते हैं वो हमारे परिवार पर इल्जाम लगाते हैं, भ्रष्टाचार का, जानते हैं कितना बड़ा भ्रष्टाचार है? यदि देश की जनता ने कहीं हमें मौका दे दिया इंडिया गठबंधन को, तो फिर प्रधानमंत्री से लेकर जितने भी भाजपा नेता हैं वो जेल में होंगे।' बता दें कि लालू यादव ने इस बार भी मीसा भारती को पाटलीपुत्र लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है जहां उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार रामकृपाल यादव से होगा।

मुझे माँ के अंतिम संस्कार में जाने नहीं दिया”, राजनाथ सिंह ने याद किया आपातकाल का दौर

#rajnath_singh_remembers_emergency_time_when_he_was_in_jain_and_mother_died

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार किया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इमरजेंसी के दिनों को याद करते हुए कहा कि, आज जो लोग हमें तानाशाह कह रहे हैं, उन्हीं लोगों ने मुझे मेरी मां के अंतिम संस्कार में जाने नहीं दिया। मैं उस समय जेल में था, लेकिन मुझे पैरोल नहीं मिली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया।

एएनआई की संपादक स्मिता मिश्रा के पॉडकास्ट में राजनाथ सिंह ने कई मुद्दों पर बात की है। पॉडकास्ट का कुछ हिस्सा न्यूज एजेंसी ने सोशल मीडिया में शेयर किया है। इसमें रक्षा मंत्री ने पाकिस्तानी आतंकवाद, चीन से लेकर इमरजेंसी के दौर तक विभिन्न मुद्दों पर बात की है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने इस इंटरव्यू में कहा कि मैं आपातकाल के विरोध के आरोप में जेल में था। दूसरी तरफ मेरी मां बीमार थी। उसका ब्रेन हेम्रेज हो गया था। वह इक्कीस दिनों तक अस्पताल में रहीं। मैं उनको देखने नहीं जा सका। मुझे परोल नहीं मिली। उनका निधन हो गया लेकिन मुझे रिहाई नहीं मिल सकी। अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। राजनाथ सिंह ने कहा कि हैरत है कि आज वो लोग हम पर तानाशाही का आरोप लगाते हैं।

रक्षा मंत्री ने चीन के मुद्दे पर कहा कि नरेंद्र मोदी के पीएम रहते हुए देश की एक इंच जमीन पर भी किसी का कब्जा नहीं हो सकता। उन्होंने पीओके पर कहा, पीओके हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा। पाकिस्तान अगर आतंकवाद का सहारा लेकर अगर उसने भारत को अस्थिर करने का प्रयास किया तो अंजाम बुरे होंगे। अगर वो आतंकवाद से लड़ने में सक्षम नहीं है तो भारत उनके साथ कॉपरेट करने को तैयार है।

कनाडा के चुनावों में विदेशी दखल पर सुनवाई, गवाही के दौरान पीएम ट्रूडो ने उगला भारत के खिलाफ जहर, आतंकी निज्जर पर दिखाई नरमी*
#justin_trudeau_again_speaks_against_india_for_nijjar कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला एक बार फिर उठा है। दरअसल, कनाडा के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप लग रहे हैं। बीते दो सप्ताह से इस मामले में सुनवाई चल रही है। इससे जुड़े एक आयोग के सामने सार्वजनिक सुनवाई में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गवाही दी। गवाही के दौरान जस्टिन ट्रूडो ने भारत के खिलाफ फिर जहर उगला। ट्रूडो ने कनाडा की पिछली कंजर्वेटिव सरकार पर वर्तमान भारत सरकार के साथ ‘मिलीभगत’ होने का आरोप लगाया। यही नहीं सुनवाई में आतंकी निज्जर की मौत का जिक्र किया गया। *कंजर्वेटिव पार्टी का भारत सरकार के साथ मिले होने का आरोप* सुनवाई के दौरान ट्रूडो ने कंजर्वेटिव पार्टी का भारत सरकार के साथ 'सहज' होने का आरोप लगाया। ट्रूडो ने कहा, 'हमारे सिद्धांत के मुताबिक जो भी कोई दुनिया में कहीं से भी कनाडा में आता है, उसके पास एक कनाडाई के सभी अधिकार हैं। वह जबरन वसूली, जोर जबरदस्ती या उस देश के हस्तक्षेप से मुक्त होते हैं, जिसे वह छोड़कर आते हैं।' *ट्रूडो ने आलापा “निज्जर” राग* ट्रूडो ने कहा, ' हम कैसे इनके साथ खड़े होते हैं वह निज्जर की हत्या के गंभीर मामले में दिखा चुके हैं, जिसका मुद्दा हमने संसद में उठाया था। यह कनाडाई लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारी सरकार हमेशा कनाडा में अलपसंख्यकों के बोलने के अधिकार की रक्षा के लिए खड़ी रही है, भले ही इससे उनके घरेलू देशों को चिढ़ हो।' बता दें कि पिछले साल जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंटों को कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की थी। भारत ने इन आरोपों से इनकार किया था। इन आरोपों से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हुआ था। *कनाडा के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप* बता दें कि कनाडा के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप लग रहे हैं। कनाडा ने भारत समेत कई देशों पर उसके 2019 और 2021 के चुनावों में दखल देने का आरोप लगाया है। कनाडा की मीडिया ने आरोप लगाया था कि 2019 और 2021 के चुनाव में भारत ने हस्तक्षेप किया। भारत पहले ही एक सिरे से खारिज कर चुका है। इसके अलावा बीते बुधवार को भी इस मामले की जांच कर रही कनाडा की जांच एजेंसी ने भी कहा था क उन्हें चुनावों में भारत की संलिप्तता के सबूत नहीं मिले लेकिन हां चीन इसमें शामिल था इसके सबूत मिल गए हैं। फिर भी इस सुनवाई में भारत और आतंकी निज्जर की मौत का जिक्र किया गया।