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बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- हम अंधे नहीं, अगली कार्यवाही के लिए रहें तैयार

#patanjalimisleadingadssupremecourthearingslamsbabaramdevacharyabalkrishna 

पंतजलि के खिलाफ दर्ज भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दी और उन्हें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाया। शीर्ष अदालत ने दोनों को फटकारते हुए कहा कि हम अंधे नहीं हैं। हम माफीनामा स्वीकार करने से इनकार करते हैं। वहीं, यह भी कहा कि वह केंद्र के जवाब से संतुष्ट नहीं है। 

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष योग गुरु बाबा रामदेव का हलफनामा पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह विज्ञापन के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगते हैं। योग गुरु रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण की ओर से माफी गई माफी से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं हैं और उसने फिर से जमकर फटकार लगाई है। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बाबा रामदेव की तरफ से दलीलें रखीं। वकील मुकुल ने कहा कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सार्वजनिक माफी मांगेंगे। 

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'माफी सिर्फ कागजों के लिए हैं। हम इसे जानबूझकर आदेश की अवहेलना मानते हैं। समाज को यह संदेश जाना चाहिए कि न्यायालय के आदेश का उल्लंघन न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कानून जानते हैं। पिछले हलफनामे में हेरफेर किया गया। यह बहुत ही गंभीर है। एक तरफ छूट मांग रहे हैं और वो भी उल्लंघन करके।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा समाज में एक संदेश जाना चाहिए

मामले पर जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि हमें माफी को उसी तिरस्कार के साथ क्यों नहीं लेना चाहिए जैसा कि अदालती उपक्रम को दिखाया गया है? हम आश्वस्त नहीं हैं। अब इस माफी को ठुकराने जा रहे हैं। रोहतगी ने कहा कि कृपया 10 दिनों के बाद सूचीबद्ध करें, अगर कुछ और है तो मैं कर सकता हूं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम अंधे नहीं हैं। हम इस मामले में इतना उदार नहीं होना चाहते। अब समाज में एक संदेश जाना चाहिए।

सरकार की ओर से दर्ज हलफनामे में यह कहा गया?

वहीं मामले को लेकर सरकार के आयुष मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। आयुष मंत्रालय ने एलोपैथिक दवाओं को लेकर पतंजलि के बयानों की आलोचना की है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान, पतंजलि को कोरोनिल को वायरस के इलाज के रूप में प्रचारित करने के प्रति आगाह किया गया था। पतंजलि को मंत्रालय द्वारा कोरोना वैक्सीन या किसी भी दवाई के लिए अनिवार्य टेस्ट की जरूरतों की याद दिलाई गई थी। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से भी कहा गया था कि जब तक मंत्रालय द्वारा मामले की पूरी तरह से जांच नहीं कर ली जाती, तब तक वह कोविड-19 के खिलाफ कोरोनिल की प्रभावकारिता के बारे में दावों का विज्ञापन न करें।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी लपेटे में लिया था। कोर्ट ने पूछा था कि जब पतंजलि ने कोविड के दौरान आधुनिक चिकित्सा को खारिज कर दिया था, तब केंद्र सरकार ने इसपर कार्रवाई क्यों नहीं की थी।

तेजस्वी यादव के लंच पर बीजेपी को क्यों एतराज?

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पूरे देश के तापमान में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है। एक तरफ सूरज की तपिश ने तापमान बढ़ाया है, तो दूसरी तरफ सियासी हलचल से पारा चढता ही जा रहा है। लोकसभा चुनाव के माहौल में नेता एक दूसरे पर वार करने के लिए मुद्दों की तलाश में हैं। इस बीच, लालू प्रसाद यादव के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक घमासान को न्योता दे दिया है। दरअसल, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। इस तस्वीर में तेजस्वी यादव मछली खाते हुए दिखाई दे रहे हैं। तेजस्वी यादव की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी वायरल हो रही है। अब, भारतीय जनता पार्टी को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के लंच से एतराज हो रहा है। बीजेपी ने इसे मुद्दा बना दिया है और आरजेडी नेता पर निशाना साधा है।

लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वो चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं। साथ में उनके नए-नए बने पार्टनर मुकेश सहनी भी हैं। दोनों हेलीकॉप्टर में लंच यानी दोपहर के भोजन का आनंद ले रहे हैं। लेकिन इसी भोजन को लेकर तेजस्वी यादव घिर गए हैं।

दरअसल, तेजस्वी ने नवरात्रि के पहले ही दिन मछली खाने का वीडियो पोस्ट किया है। सनातन धर्म में नवरात्रि के 9 दिन माता के माने जाते हैं और इन दिनों लोग मीट-मछली तो दूर प्याज भी खाना छोड़ देते हैं। ऐसे समय में तेजस्वी यादव के मछली खाने को लेकर बीजेपी हमलावर है।

बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा, कुछ लोग खुद को सनातन का बेटा बताते हैं लेकिन सनातन के मूल्यों को स्वीकार नहीं कर पाते। मुझे खाने से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन आप नवरात्रि में मछली खाने का वीडियो पोस्ट करके जो दिखाना चाहते हैं, वह तुष्टिकरण की राजनीति है, किसी को अपने धर्म, मूल्यों, राष्ट्र और समाज पर गर्व होना चाहिए लेकिन उन्हें नीचा दिखाना धर्मनिरपेक्षता का मतलब नहीं है। विजय सिन्हा ने आगे कहा कि तेजस्वी सिर्फ वोट के लिए सावन में मटन और नवरात्रि में मछली खाते हैं। ये लोग धर्म का अपमान करते हैं।

वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे सनातन का अपमान बताया और कहा कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं। गिरिराज सिंह ने कहा, तेजस्वी यादव ‘चुनावी सनातनी’ हैं। वे सनातन का मुखौटा पहनकर तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। बता दें कि नवरात्रि के दौरान अधिकांश हिंदू नौ दिनों के त्योहार के दौरान प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन खाने से बचते हैं।

भारत ने चीन को दी बड़ी चोट! ईरान में चाबहार बंदरगाह के बाद म्यांमार के सिटवे में दूसरा विदेशी बंदरगाह करेगा ऑपरेट

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भारत ने चीन को करारी चोट दी है। पड़ोसी देशों पर चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत को बड़ी सफलता हासिल हुई है। भारत की इस कामयाबी से चीन को मिर्ची लगना तय है। दरअसल, भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के बाद एक और देश के बंदरगाह पर परिचालन का नियंत्रण हासिल किया है। भारत ने अब म्यांमार के सिटवे में अपना दूसरा विदेशी बंदरगाह संचालित करने का अधिकार सुरक्षित कर लिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने सिटवे में कलादान नदी पर स्थिति पूरे बंदरगाह के संचालन को संभालने के लिए इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईजीपीएल) के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।

विदेश मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद आईजीपीएल को कलादान नदी पर बंदरगाह संचालन का प्रबंधन मिल गया है। इसे समुद्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। भारत और म्यांमार ने 2008 में सिटवे बंदरगाह समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और इस परियोजना को लागू होने में 15 साल लग गए। कुल मिलाकर, इस सौदे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारत को कई बाधाओं से गुजरना पड़ा है। 

भारत ने एशिया में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी चीन को कड़ी चुनौती दी

सितवे बंदरगाह के विकास के लिए भारत ने म्यांमार को 500 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया था औऱ इस बंदरगाह की नींव रखी थी। इस अनुदान के माध्यम से, भारत ने अपने संबंधों को मजबूत किया और व्यापारिक महत्वपूर्णता बढ़ाने का प्रयास किया है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, भारत और म्यांमार के बीच भावी व्यापारिक और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। इस बंदरगाह से भारत ने एशिया में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी चीन को कड़ी चुनौती दी और अपनी स्थिति को म्यामांर में मजबूत कर लिया है।

म्यांमार के सितवे बंदरगाह से भारत को ये फायदा

पोर्ट भारत के मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत कोलकाता से म्यांमार के पश्चिमी तट तक समुद्री रास्ता तैयार किया गया है। भारत को इससे सबसे बड़ा फायदा होगा कनेक्टिविटी को लेकर क्योंकि अब सितवे बंदरगाह को भारत के मिजोरम राज्य से जोड़ दिया जाएगा और ये काम कलादान नदी पर बनने वाली मल्टीमॉडल ट्रांजिट कनेक्टिविटी परियोजना के तहत किया जाएगा। इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईजीपीएल), सितवे बंदरगाह के विकास के लिए तमाम संसाधनों को जुटाएगा। सितवे बंदरगाह का विकास करके भारत चारों ओर से घिरे अपने पूर्वोत्तर राज्यों को विकसित करेगा और ये केंद्र की मोदी सरकार की सबसे बड़ी रणनीति है।

मिजोरम तक जोड़ने वाले इस रूट के तैयार होने के बाद भारत के लिए उत्तर पूर्व में मौजूद राज्यों तक सप्लाई पहुंचाने में आसान होगी। इस लिंक के खुलने से न केवल पूर्वोत्तर राज्यों में माल भेजने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान होगा, बल्कि कोलकाता से मिजोरम और उससे आगे तक की लागत और दूरी को भी काफी कम कर देगा। 

वहीं, दूसरी तरफ इससे इससे भूटान और बांग्लादेश के बीच स्थित सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर निर्भरता भी कम हो जाएगी। इससे म्यांमार के पलेतवा तक लगभग 158 किलोमीटर का जलमार्ग बनेगा और इसके आगे होते हुए पलेतवा के ही ज़ोरिनपुई तक लगभग 109 किमी का सड़क भी बनाई जाएगी। इस कनेक्टिविटी को जमकर फायदा होगा और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापार की संभावना भी बढ़ जाएगी। सितवे बंदरगाह से भारत की सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर अभी जो निर्भरता है वो भी काफी हद तक घट जाएगी। सिलीगुड़ी कॉरिडोर को चिकेन नेक के नाम से भी जाना जाता है और ये भारत का महत्वपूर्ण कॉरिडोर है। जाहिर है, उत्तर पूर्व के लिए एक और रास्ता मिलने से चीन को मिर्ची लगना तय है।

चीन भी म्यांमार के रास्ते हिंद महासागर तक अपनी पहुंच बनाने में जुटा हुआ है। जिसको लेकर चीन-म्यांमार इकॉनमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य जारी है। इस इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए चीन की हिंद महासागर तक पहुंच बन जाएगी। चीन ने रखाइन प्रांत के कयोकप्यू में एक बड़े बंदरगाह और औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण की योजना बनाई है। इस लिहाज से फिलहाल भारत ने बाजी मार ली है।

संजय सिंह और भगवंत मान को नहीं मिली तिहाड़ में बंद केजरीवाल से मिलने की इजाजत, जानें क्या है वजह

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राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने वाले थे। हालांकि, तिहाड़ प्रशासन ने संजय सिंह और भगवंत मान को मिलने की इजाजत नहीं दी है।जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री मान और संजय सिंह को सीएम केजरीवाल से मिलने से मना कर दिया। अब तिहाड़ जेल प्रशासन मुलाकात के लिए नया समय बताएगा।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह आज यानी बुधवार को दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करना चाहते थे।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कुछ दिन पहले ही तिहाड़ जेल प्रशासन से अरविंद केजरीवाल से मिलने का समय मांगा था। जिसे लेकर तिहाड़ जेल ने बुधवार को स्थिति स्पष्ट कर दी और आज मिलने की इजाजत नहीं दी। हालांकि तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा है कि वो मिलने का नया समय बताएगी। तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि जेल के अपने नियम होते हैं और जेल मैनुअल के हिसाब से जेल प्रशासन चलता है।

दरअसल, जेल नियमावली के तहत अरविंद केजरीवाल को उन 10 लोगों के नाम तिहाड़ प्रशासन को सौंपने थे, जिनसे वह मुलाकात कर सकते हैं।इन 10 लोगों में सबसे पहले उनके परिवार और पार्टी के नेता संदीप पाठक का नाम शामिल था। बाद में केजरीवाल ने इस लिस्ट में भगवंत मान का और संजय सिंह का नाम भी जोड़ दिया है। 

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत में भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने ईडी की इस दलील पर गौर किया कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत थे। कोर्ट ने कहा, हमारे सामने रखी गई फाइलें और सबूत से पता चलता है कि ईडी ने कानून का पालन किया है। ट्रायल कोर्ट का आदेश दो लाइन का आदेश नहीं है। ईडी के पास हवाला डीलरों के साथ-साथ गोवा चुनाव में आप उम्मीदवारों के बयान भी हैं।

बता दें कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल को ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में लगातार 9 बार समन भेजने के बाद लंबी पूछताछ के बाद उनके आवास से 21 मार्च को हिरासत में ले लिया था। जिस के बाद अब सीएम केजरीवाल फिलहाल 15 अप्रैल तक तिहाड़ जेल में बंद हैं। इसी मामले में आप के दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन भी तिहाड़ जेल में बंद हैं। हालांकि 2 अप्रैल को ही सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में सांसद संजय सिंह को जमानत दी है।

हेमा मालिनी पर टिप्पणी करना रणदीप सुरजेवाला को पड़ा भारी, चुनाव आयोग ने बेजा नोटिस

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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने उन्हें बीजेपी की नेता हेमा मालिनी के खिलाफ बयान देने के मामले में मंगलवार (नौ अप्रैल) को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने उनसे 11 अप्रैल शाम 5 बजे तक जवाब मांगा है।निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी जवाब मांगा है।

चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस मामले में एक्शन की मांग की है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उनके नेता महिलाओं के प्रति सम्मान से पेश आएं. मल्लिकार्जुन खरगे को इस मामले में 11 अप्रैल, 2024 तक जवाब देना होगा कि उन्होंने इस बाबत क्या कदम उठाए।ECI ने कांग्रेस अध्यक्ष से पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों द्वारा महिलाओं के प्रति सम्मानजनक सार्वजनिक चर्चा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की मांग की। ECI ने दोहराया कि चुनाव अभियान को महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार के अपमान का मंच नहीं बनने दिया जा सकता।

क्या है हेमा मालिनी से जुड़ा मामला

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक अप्रैल को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुशील गुप्ता के समर्थन में जनसभा की थी। इस दौरान उन्होंने मथुरा की भाजपा सांसद और एक्ट्रेस हेमा मालिनी के खिलाफ विवादित बयान दिया था। इसके बाद उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे लेकर भाजपा ने पटलवार किया।

महिला आयोग की चेयरपर्सन ने जताई थी आपत्ति

हेमा मालिनी उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से इस बार के चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार हैं। रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें लेकर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने कांग्रेस नेता पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, रणदीप सुरजेवाला ने ऐसा कहकर मानसिकता दिखाई है। ऐसा कहकर उन्‍होंने यह बताया कि उनकी मां ने उन्हें महिलाओं के लिए किस तरह की परवरिश दी है। मुझे इस बात से हैरानी होती है कि दिखने में इतने अच्‍छे लोग मन के काले कैसे हो सकते हैं। ऐसे तो रणदीप सुरजेवाला महिलाओं को कभी आगे नहीं बढ़ने देंगे।

सुरजेवाला ने दी थी सफाई

हालांकि, चौतरफा घिरने के बाद रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हेमा मालिनी का अपमान करना मेरा इरादा नहीं था। हम महिलाओं को सम्मान करते हैं। सुरजेवाला ने एक वीडियो क्लिप शेयर की, जिसमें वह कह रहे हैं कि हेमा मालिनी ने धर्मेंद्र से शादी की, वह हमारी बहू हैं। हम उनका सम्मान करते हैं।

सऊदी अरब ने पाक पीएम शहबाज की उम्मीदों पर फेरा पानी, कश्मीर पर दिया बड़ा झटका

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बड़े अरमान लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) से मिलने पहुंचे थे। हालांकि, उनकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा। सऊदी अरब ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिए सुलझाना होगा।

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने साझा बयान में कश्मीर समेत अन्य लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी शासक प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच मक्का के अल-सफा पैलेस में हुई एक आधिकारिक बैठक के एक दिन बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया।बयान के मुताबिक, उनकी चर्चा सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच भाईचारे वाले संबंधों को मजबूत करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर केंद्रित रही।

सऊदी ने भारत-पाक में बातचीत का किया आह्वान

बयान में कश्मीर सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की बात कही गई है। सऊदी अरब ने संयुक्त बयान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया।

सऊदी अरब का बयान पाक के लिए बड़ा झटका

सऊदी अरब के कश्मीर को लेकर दिए गए बयान को पाकिस्तान के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है, दरअसल पाकिस्तान यूएन सहित अन्य वैश्विक मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है। वह यूएन के तत्वाधान में जनमत संग्रह का राग भी अलापता रहा है, हालांकि भारत ने हमेशा से ही इसका विरोध किया है और इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। नई दिल्ली का लंबे समय से रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दा हम दो देशों का है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है।

मिशन 2024 के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान, विदेशी निभाएंगे अहम भूमिका

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मदर ऑफ डेमोक्रेसी यानी भारत में लोकतंत्र के महापर्व का आगाज हो चुका है। लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में हलचल तेज हो गई है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनावी प्रचार प्रसार में जुटी हैं। 19 अप्रैल से शुरू होने वाली वोटिंग को इस बार देश की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करने वाली बनाने की प्लानिंग कर रही है। इसके लिए इस बार लोकसभा चुनावों में बीजेपी कई देशों की राजनीतिक पार्टियों को भारत बुलाकर यहां कैसे चुनाव होता है और किस तरह से बीजेपी प्रचार अभियान चलाती है, उसको दिखाने का प्लान कर रही है।इसको लेकर बीजेपी विदेश विभाग के प्रभारी विजय चौथाईवाला ने कई देशों के राजनीतिक दलों से संपर्क किया है और उनको भारत आने का निमंत्रण दिया है।

इन देशों को किया आमंत्रित

लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने बड़ी पहल की है। दुनिया के कई देशों को भारतीय लोकतंत्र के उत्सव साक्षी बनाएगी बीजेपी। बीजेपी ने अमेरिका ,ब्रिटेन, यूरोपियन देशों और नेपाल समेत इन देशों की करीब दो दर्जन पार्टियों को भारत आकर लोकसभा चुनाव देखने के लिए आमंत्रित किया है। ब्रिटेन की कंजरवेटिव और लेबर पार्टी, जर्मनी की क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स और द सोशल डेमोक्रेट्स और अमेरिका की डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन जैसी सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों को भारत के लोकतंत्र का उत्सव देखने के लिए आमंत्रित किया गया है। पड़ोसी देश नेपाल की सत्ता में शामिल पांचों दलों को बुलावा भेजा गया है।

अब तक 13 विदेशी राजनीतिक दलों न स्वीकार किया न्योता

फिलहाल इजरायल, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपालमॉरीशस, तंजानिया और युगांडा के कुछ दलों की तरफ से शामिल होने का कन्फर्मेशन भी मिल चुका है। बीजेपी के विदेश विभाग के प्रभारी विजय चौथाईवाला ने बताया की भारत में किस तरह से चुनाव होता है उसको जानने के लिए विदेशों की कई पार्टियां इच्छुक हैं। इसलिए हम पहली बार कई विदेशी पार्टियों को भारत में कैसे चुनाव होता है वो दिखाने का काम करेंगे. बीजेपी किस तरह से प्रचार करती है उसको दिखाएंगे। अब तक 13 राजनीतिक दलों की तरफ से हमको कन्फर्मेशन आया है। पक्ष और विपक्ष दोनों दल शामिल हैं। इन सभी लोगों को पीएम नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की रैलियां में ले जाया जाएगा।

तीसरे और चौथे चरण के दौरान दिखेंगे विदेशी मेहमान

विजय चौथाईवाला ने बताया की इन पार्टियों को तीसरे और चौथे चरण के मतदान के समय इस डेलीगेशन को भारत में ले जाया जाएगा। इस डेलीगेशन को 3-4 लोकसभाओं में घुमाया जायेगा और अपना कैंपेन दिखाया जायेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री, अध्यक्ष और गृहमंत्री की रैलियों में ले जाया जाएगा।

मोदी मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ, मेहनत करता है, क्योंकि लक्ष्य बड़ा है...मध्यप्रदेश में बोले PM मोदी, जानिए और क्या-क्या कहा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन में दूसरी बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आए है। आज वे बालाघाट में जनसभा को संबोधित कर रहे है। इससे पहले बीते रविवार को उन्होंने जबलपुर में रोड शो किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के बालाघाट में रैली की उसके बाद जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज जनता जनार्दन का जनसैलाब, ऐसा लग रहा है जैसे केसरिया सागर नजर आ रहा है। इतनी बड़ी माताओं और बहनों का आशीर्वाद साफ दिखा रहा है कि चार जून को मध्यप्रदेश में क्या परिणाम आने वाले हैं।

उन्होंने मंच से कहा, जय श्री कोटेश्वर महादेव, जय मां काली, जय मां गढ़कालिका, आज देश के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष मनाया जाता है। आज नवरात्रि का भी आरंभ हुआ है। मैं आप सभी को नववर्ष की और नवरात्रि की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। बालाघाट की धरती भारत की नारी शक्ति के पराक्रम की साक्षी है। मैं रानी दुर्गावती और रानी अवंतीबाई की इस धरती को प्रणाम करता हूं। आज जनता जनार्दन का जन सैलाब, ऐसा लग रहा है जैसे केसरिया सागर नजर आ रहा है। इतनी बड़ी माताओं और बहनों का आशीर्वाद साफ दिखा रहा है कि चार जून को मध्यप्रदेश में क्या परिणाम आने वाले हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि ये चुनाव नए भारत का मिशन है। विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस को साफ कर दिया। कांग्रेस चुनाव नहीं आपस में लड़ रही है। कांग्रेस सरकार अपनी शिकायत लेकर दूसरों के पास जाती थी, अब जो देश आपस में लड़ रहे हैं, हल खोजने भारत आते हैं। कांग्रेस के मन में आजादी के आंदोलन का अहंकार भरा पड़ा था। कांग्रेस कहती थी हम तो गरीब देश हैं कि देश को आधुनिक सड़कों की एयरपोर्ट की आखिर क्या जरूरत है? कांग्रेस केवल कुछ शहरों, जहां उनके बड़े नेता रहते थे वहां का विकास करती थी। बीजेपी सरकार हम जगह को प्राथमिकता दे रही है, बीजेपी सरकार एमपी का कायाकल्प कर रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि जो काम अभी हुए हैं, वह सारे केवल ट्रेलर हैं। अभी बहुत कुछ करना है। देश को बहुत आगे लेकर जाना है। आप यानी जनता मेरी जिंदगी को बहुत अच्छे से जानती है। मोदी मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है, मोदी मेहनत करता है, क्योंकि उसके लक्ष्य बहुत बड़े हैं। ये देश के लिए है, देश की जनता के उज्जवल भविष्य के लिए है। मोदी ने अभी तक जो काम किया है वो केवल फुलझड़ी है। बीजेपी सरकार वंचितों को वरीयता देते हुए काम कर रही है। एमपी में 5.50 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन दे रहे हैं। एमपी में 70 लाख घरों में नल से जल की व्यवस्था कर दी है।

उनसे पहले बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंच से जनता को संबोधित किया।उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश में चार करोड़ पीएम आवास दिए हैं। दो करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का फैसला पीएम मोदी ने लिया है। उन्होंने किसानों का सम्मान बढ़ाया। सीएम मोहन यादव ने भी किसानों का सम्मान किया।

RCB की लगातार हार के बीच दिग्गज क्रिकेटर ने कर दिया बड़ा ऐलान, कहा- यह मेरा लास्ट IPL है, क्रिकेटर जगत में मची खलबली!


आईपीएल 2024 का आगाज आरसीबी के लिए काफी खराब रहा है। विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु इस आईपीएल सीजन अभी तक कुल 5 मुकाबले खेल चुकी है, लेकिन सिर्फ एक मैच में जीत दर्ज कर पाई है। ऐसे में एक बार फिर से बेंगलुरु का पत्ता प्लेऑफ से कटता दिख रहा है। बेंगलुरु फिलहाल 5 में से एक जीत के साथ प्वाइंट्स टेबल में 9वें स्थान पर है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो अगले एक-दो मैचों में ही बेंगलुरु को बाहर का रास्ता देखना पड़ जाएगा।

आरसीबी के करोड़ों फैंस 16 साल से इंतजार कर रहे हैं कि वह अपनी फेवरेट टीम को आईपीएल ट्रॉफी उठाते देख सके, लेकिन फैंस को आज तक सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है। फैंस को उम्मीद थी कि आईपीएल 2024 आरसीबी के लिए कुछ तो बेहतर होगा, लेकिन बेंगलुरु के लिए यह आईपीएल सीजन भी अभी तक काफी खराब रहा है। इस कड़ी में बेंगलुरु के एक दिग्गज खिलाड़ी ने अपने फैंस को दोहरा झटका दे दिया है। खिलाड़ी ने ऐलान कर दिया है कि यह उनका आखिरी आईपीएल सीजन है।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के दिग्गज खिलाड़ी ने अपने बयान से सभी को हैरान कर दिया है। अभी भी जब बेंगलुरु को रनों की जरूरत पड़ती है, तो फैंस को इस दिग्गज की याद आती है। लेकिन अब दिग्गज ने आईपीएल से संन्यास लेने का फैसला किया है। इससे फ्रेंचाइजी को तो झटका लगा ही है, इसके साथ उनके करोड़ों फैंस भी सदमे में पड़ गए हैं।

बता दें कि दिग्गज खिलाड़ी ने यह बयान स्टार स्पोर्ट्स पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन से बात करते हुए दिया है। यह बयान आरसीबी के लिए खेलने वाले भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने दिया है। खिलाड़ी ने अपने बयान से आरसीबी फैंस में हलचल मचा दी है। आरसीबी की टीम जब भी मुश्किल में पड़ती है, दिनेश कार्तिक बतौर फिनिशर मैदान पर आते हैं और बल्ले तूफानी पारी खेलते हैं, इस कारण से दिनेश कार्तिक के बयान पर फैंस में हलचल मची हुई है।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने इस सीजन आईपीएल का ओपनिंग मैच चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ खेला था। साल 2024 में आरसीबी की टीम डब्ल्यूपीएल ट्रॉफी जीत चुकी है, ऐसे में फैंस को उम्मीद थी कि आरसीबी की मेंस टीम भी इस साल आईपीएल ट्रॉफी जरूर जीतेगी, लेकिन अभी तक खेले गए कुल 5 मुकाबलों में आरसीबी का लक्षण जीतने वाला नहीं लग रहा है। ऐसे में फैंस को एक बार फिर से निराशा ही हाथ लगेगी। आरसीबी की टीम सिर्फ एक मैच पंजाब किंग्स के खिलाफ जीत पाई है, इस मैच में दिनेश कार्तिक का अहम योगदान रहा था। बेंगलुरु की टीम फिलहाल प्वाइंट्स टेबल में 9वें स्थान पर है।

हमारी जमीन में घुसकर आतंकियों को मार रहा भारत..', पाकिस्तान के आरोप पर अमेरिका बोला- हम बीच में नहीं पड़ेंगे

पाकिस्तान के इस आरोप पर कि भारत सरकार ने उसके देश में घुसकर कई लोगों की हत्या की है, अमेरिका ने कहा है कि वह स्थिति के बीच में नहीं आएगा। हालांकि, अमेरिका ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों को तनाव बढ़ने से बचना चाहिए। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर की प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे द गार्जियन की उस रिपोर्ट पर वाशिंगटन के रुख के बारे में पूछा गया, जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों का हवाला देते हुए आरोप लगाया गया था कि भारत ने पाकिस्तान की धरती पर आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़े कई लोगों को मार डाला है। मिलर ने कहा कि, "इसलिए, हम इस मुद्दे के बारे में मीडिया रिपोर्टों का अनुसरण कर रहे हैं। अंतर्निहित आरोपों पर हमारी कोई टिप्पणी नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से, हम इस स्थिति के बीच में नहीं आएंगे।" उन्होंने कहा, "हम दोनों पक्षों को तनाव से बचने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।" उल्लेखनीय है कि, इस महीने की शुरुआत में रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान के खुफिया कार्यकर्ताओं के हवाले से दावा किया गया था कि भारत का कदम विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा था। रिपोर्ट को कनाडा के हालिया दावों द्वारा समर्थित किया गया था, जिसमें खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाया गया था, जिनकी 18 जून, 2023 को सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाद में रिपोर्ट के जवाब में विदेश मंत्रालय ने ऐसे सभी आरोपों का खंडन किया और इन्हें "झूठा और दुर्भावनापूर्ण प्रचार" बताया. विदेश मंत्रालय ने द गार्जियन को बताया कि ये आरोप "झूठे और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार" हैं। इसने विदेश मंत्री एस जयशंकर के पिछले बयान को भी रेखांकित किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अन्य देशों में लक्षित हत्याएं "भारत सरकार की नीति नहीं" थीं।