भारत और अमेरिका की दोस्ती और हुई प्रगाढ़, चीन को जवाब देने दोनों देश मिलकर करेंगे बख्तरबंद वाहनों का निर्माण
भारत और अमेरिका की दोस्ती में एक फैक्टर कॉमन है और वह है चीन। दोनों देशों की संबंध लंबे समय से चीन के साथ अच्छे नहीं हैं। एलएसी पर भारत और चीन के बीच कई बार झड़प हो चुकी है, तो वहीं, अमेरिका का ताइवान, साउथ चाइना सी समेत तमाम मुद्दों पर चीन से आमना-सामना होता रहता है। चीन से टकराव के बीच भारत और अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। दोनों देश मिलकर बख्तरबंद वाहनों का निर्माण करेंगे। इससे चीन की किसी भी नापाक हरकत पर जवाब दिया जा सकेगा। बाद में इन वाहनों की तैनाती चीन और पाक बॉर्डर के पास की जा सकेगी, जोकि पड़ोसी देशों के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला होगा।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका रक्षा औद्योगिक सहयोग के तहत लड़ाकू वाहनों का को-प्रोडक्शन करेंगे। ऑस्टिन दिल्ली में 'टू प्लस टू' रक्षा और विदेश मंत्रिस्तरीय विचार-विमर्श के बाद कुछ संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन के अलावा विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी शामिल थे। भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। ऑस्टिन ने कहा, "हम बख्तरबंद वाहन के सह-उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और यह बेहद अहम है।"
उन्होंने कहा कि चीन से बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों सहित विभिन्न मुद्दों पर बैठक के दौरान चर्चा हुई। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका-भारत संबंध सिर्फ चीन की ओर से मिली चुनौतियों पर हीं आधारित नहीं हैं, बल्कि ये दोनों देशों के साझा मूल्यों पर आधारित हैं। भारत के अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन खरीदने से जुड़ी परियोजना के बारे में पूछने पर ऑस्टिन ने कहा कि इसकी घोषणा उचित समय पर की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार के अधिकारीगण यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि भारत को वह क्षमता जल्द से जल्द हासिल हो। ऑस्टिन ने कहा, 'हम अंतरिक्ष से लेकर समुद्र के नीचे तक विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र, मध्य पूर्व और यूक्रेन के अहम घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया।'' अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि मौजूदा अमेरिका-भारत सहयोग पहले से कहीं अधिक मजबूत है।
एक भारतीय अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर 'ब्लूमबर्ग' से कहा, अधिकांश वाहनों को चीन से लगती सीमा पर तैनात किया जाएगा, जहां 2020 में एक झड़प के बाद तनाव अधिक बना हुआ है। इसके अलावा, कुछ वाहनों को पाकिस्तान के साथ लगती भारत की सीमा पर भी तैनात किया जाएगा। भारत हजारों सह-निर्मित वाहनों की मांग कर रहा है, जिनमें से अधिकांश टैंक रोधी मिसाइल सिस्टम से लैस होंगे। अधिकारी ने कहा, ''बाकी का इस्तेमाल युद्धक्षेत्र की निगरानी या कमांड वाहनों के रूप में किया जाएगा।''
Nov 11 2023, 15:10