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छठ को लेकर ट्रेनों में भारी भीड़ पर भड़के राहुल, पूछा-कहां हैं 12 हजार स्पेशल ट्रेनें

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आस्था के महापर्व छठ के दौरान ट्रेनों में भारी भीड़ और बदइंतजामी को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया है कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें ?

आज नहाय खाय से महापर्व छठ की शुरूआत हो गई है। नहाय खान के दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि त्योहारों का महीना है। दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।

राहुल गांधी ने आगे लिखा है, बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 गुना तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं।

राहुल के तीखे सवाल

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।

एनडीए की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत-राहुल

राहुल ने लिखा कि ये सिर्फ़ मजबूर यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।

लालू प्रसाद यादव ने भी सरकार को घेरा

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने भी एनडीए सरकार पर हमला बोला। राजद प्रमुख ने ‘एक्स’ पर लिखा, “झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने शेखी बघारते हुए कहा था कि देश की कुल 13,198 ट्रेनों में से 12,000 रेलगाड़ियां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जायेंगी। यह भी सफेद झूठ निकला। मेरे बिहार वासियों को अमानवीय तरीके से ट्रेनों में यात्रा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”

सरकार के दावों की खुली पोल

दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनावों और महापर्व छठ से पहले ही केंद्र सरकार ने 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने की बात कही थी। ऐसा दावा किया गया था कि किसी को भी घर जाने में किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि इन दिनों ट्रेनों में लोगों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिल पा रही है।

मरना मंजूर लेकिन आरजेडी में वापस नहीं जायेंगे तेज प्रताप, बिहार चुनाव के बीच बड़ा बयान

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बिहार विधानसभा चुनाव में नई पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' बनाकर ताल ठोंक रहे लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने दो टूक कहा, आरजेडी में वापस जाने से बेहतर हम मरना मंजूर करेंगे। लालू के बड़े बेटे के इस बयान ने राज्य की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। बता दें कि तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं और वे लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं।

तेज प्रताप ने की स्वाभिमान की बात

शुक्रवार को महुआ में एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में वापसी की संभावना को पूरी तरह से खारिज करते हुए साफ शब्दों में कहा कि हम मरना कबूल करेंगे, लेकिन वापस उस पार्टी में नहीं जाएंगे। तेज प्रताप ने साफ कहा कि मेरे लिए मेरा स्वाभिमान बड़ी चीज है। मुझे बड़ा से बड़ा पद भी मिले तो भी मैं वापस उस पार्टी में नहीं जाऊंगा।

मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं-तेज प्रताप

तेज प्रताप ने कहा, मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मेरे लिये सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा, जनता की सेवा करना मेरे लिये सबसे बड़ी बात है। लोग मुझ पर भरोसा करते हैं।

तेजस्वी के सीएम फेस पर कहा

तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किए जाने के बाद जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैं क्या करूं। मैं किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नेता नहीं जनता मुख्यमंत्री चुनती है। जनता के पास ही अधिकार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम वहां पर थे तब तक हमने उनको आशीर्वाद दिया।

14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा-तेज प्रताप

बिहार में एक रैली में पीएम मोदी के बयानों पर तेज प्रताप यादव ने कहा, बिहार की जनता जनार्दन का क्या मूड है ये तो समय बताएगा..14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा।

आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं तेज प्रताप

मालूम हो कि तेज प्रताप यादव को राजद सुप्रीमो ने कुछ महीनों पहले अपनी पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित किया था। तेज प्रताप पर यह कार्रवाई तब हुई थी जब उनकी कुछ तस्वीरें एक लड़की के साथ साथ सोशल मीडिया पर सामने आई थी।

बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी जेएमएम, कांग्रेस-आरजेडी पर लगाया ये गंभीर आरोप

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हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने बिहार में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। पार्टी ने महागठबंधन के सहयोगी दलों राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन दोनों दलों पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा है कि वह आनेवाले दिनों में इस गठबंधन पर फिर से विचार करेगी। इस बड़े राजनीतिक फैसले की घोषणा झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री एवं बिहार चुनाव प्रभारी सुदिव्य कुमार सोनू ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की।

राजनीतिक धूर्तता का लगाया आरोप

झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री एवं बिहार चुनाव प्रभारी सुदिव्य कुमार सोनू ने तीखे लहजे में कहा कि बहुत दुख और आक्रोश के साथ कहना पड़ रहा है कि राजद और कांग्रेस ने झामुमो के साथ खुला राजनीतिक धोखा किया है। गठबंधन के नाम पर हमें अंधेरे में रखा गया, और हमारी हिस्सेदारी को साजिश के तहत कुचल दिया गया। झामुमो की प्रतिबद्धता और समर्पण के बावजूद हमारे साथ धूर्तता की गई।

कांग्रेस-आरजेडी के साथ अलायंस का रिव्यू करेगी जेएमएम

सुदिव्य कुमार सोनू ने गे कहा कि पार्टी झारखंड में कांग्रेस और आरजेडी के साथ अलायंस का रिव्यू करेगी और इस राजनीतिक धूर्तता का जवाब देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड की भावनाएं आहत की गई है। उन्होंने कहा था कि जेएमएम ने 2019 और 2024 में राजद और कांग्रेस के विधायकों को झारखंड कैबिनेट में सम्मान दिया, लेकिन बिहार में उनके कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान से समझौता किया जा रहा है।

पहले किया था 6 सीटों पर लड़ने का ऐलान

इससे पहले जेएमएम के बिहार विधानसभा का चुनाव ना लड़ने के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दरअसल, पार्टी ने मात्र दो दिन पहले बिहार में 6 सीटों (जमुई, चकाई, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और कटोरिया) पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

बिहार में महागठबंधन से अलग हुई जेएमएम, छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया इस वक्त अपने चरम पर है। राज्य में चुनाव दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे। पहले फेज में 121 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर थी, जिसके बाद नामांकन पत्रों की जांच और स्क्रूटनी चल रही है, जिसमें कई प्रत्याशियों के नामांकन रद्द भी हुए हैं। वहीं, दूसरे फेज में 122 सीटों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर है। एक तरफ चुनावी प्रकिया आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ महागबंधन की रार थमने का नाम नहीं ले रही है।

जेएमएम ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन में तकरार की कई बार खबरें सामने आई हैं। हालांकि कई नेताओं की तरफ से ये दावा किया गया कि सब कुछ ठीक है। पहले दौर की वोटिंग के लिए नामांकन खत्म हो चुका है और अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। यही वजह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। जेएमएम कुल 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली है।

बिहार की इन सीटों पर चुनाव लड़ेगा जेएमएम

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी बिहार में छह सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। भट्टाचार्य ने कहा, पार्टी ने बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है। वह छह विधानसभा सीट चकाई, धमदाहा, कटोरिया (सुरक्षित), मनिहारी (सुरक्षित), जमुई और पीरपैंती (सुरक्षित) पर चुनाव लड़ेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी बिहार में अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर विचार करेगी, भट्टाचार्य ने कहा, हम इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं, सीटों की संख्या बढ़कर 10 हो सकती है।

सकारात्मक जवाब नहीं मिला- मनोज पांडे

वहीं, महागठबंधन से अलग होने पर झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा हर पहलू पर बातचीत चल रही थी, लेकिन जब हमें सकारात्मक जवाब नहीं मिला और हमारी मांगी गई सीटों की संख्या भी नहीं दी गई। एक राजनीतिक दल के पास क्या विकल्प बचते हैं? इसलिए, हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे।

क्या महागठबंधन को भुगतना होगा खामियाजा?

मनोज पांडे ने कहा कि हमें महागठबंधन में कम आंका गया है। जबकि पूरे देश ने हमारे नेता और हमारी पार्टी के करिश्मे को देखा है। हमने कैसे फासीवादी ताकतों को झारखंड में चुनाव हराया था। उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में हमारी पार्टी का अच्छा-खासा दबदबा है। अगर हम एकजुट रहते, तो भारत गठबंधन और भी प्रभावशाली प्रदर्शन करता, लेकिन हमें नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए, महागठबंधन को इसके परिणाम भुगतने होंगे

बीजेपी की पहली लिस्ट जारी, 71 नामों का ऐलान, नंदकिशोर यादव का टिकट कटा

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बिहार चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी गयी है। बीजेपी ने 71 उम्मीदवारों के नामों का लान किया है। बीजेपी की पहली उम्मीदवारों की सूची में सम्राट चौधरी के अलावा रामकृपाल यादव, संजीव चौरसिया, विजय सिन्हा, श्रेयसी सिंह और मंगल पांडे जैसे बड़े नाम शामिल हैं। लिस्ट की सबसे चौंकाने वाली बात विधानसभा सभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव का टिकट कटना है। बीजेपी ने पहली लिस्ट में कुल में नौ विधायकों के टिकट काटे हैं। इस सूची में कुल 9 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।

रामकृपाल यादव को दानापुर से टिकट

बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची में रामकृपाल यादव को भी टिकट मिला है। पूर्व सांसद रामकृपाल यादव को दानापुर से टिकट दिया गया है। बीजेपी उम्मीवारों की पहली सूची के अनुसार सम्राट चौधरी को तारापुर से टिकट मिला है। वहीं नीरज बबलू छातापुर से चुनाव लड़ेंगे। वहीं आरा से संजय टाइगर को टिकट दिया गया है।

पटना साहिब से नंदकिशोर यादव का टिकट कटा

बीजेपी ने पटना की 2 बड़ी सीटों पर इस बार बड़ा बदलाव किया है। पार्टी पटना की कुम्हारर सिटी से इस बार अरुण कुमार सिन्हा की जगह संजय गुप्ता को टिकट दिया गया है। वहीं पटना साहिब से नंदकिशोर यादव का टिकट कट गया है। नंदकिशोर यादव की जगह इस बार रत्नेश कुशवाहा को पटना साहिब से टिकट दिया गया है।

इन दिग्गजों पर भरोसा

पार्टी ने अपने कई कद्दावर मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को उनकी वर्तमान सीटों से दोबारा मैदान में उतारा है। मंत्री नितिन नबीन को पटना की बांकीपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, मंत्री मंगल पाण्डेय को सिवान से टिकट दिया गया है। इसके अतिरिक्त, संजय सरावगी को दरभंगा सीट से चुनावी जंग में उतारा गया है। इसके अलावा, पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को बेतिया विधानसभा सीट से एक बार फिर टिकट दिया गया है।

बिहार में खत्म नहीं हो रही सीट शेरिंग का टेंशन, 12 सीटें मांग रही हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम

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बिहार चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन आज से शुरु हो गए है। लेकिन अभी तक जन सुराज को छोड़कर किसी भी दल ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं है। एनडीए के साथ साथ महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग को लेकर माथा पच्ची जारी है। इस बीच महागठबंधन में शामिल झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भी अपने लिए बड़ी मांग रख दी है। जेएमएम ने ‘इंडिया’ गठबंधन में 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है।

जेएमएम ने आरजेडी को 12 सीटों की सूची सौंपी

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने के मुताबिक हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने आरजेडी को 12 सीटों की सूची सौंपी है। बिहार में जेएमएम 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जेएमएम तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई सीट चाहती है।

सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी

जेएमएम के महासचिव विनोद कुमार पांडे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के घटकों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात चल रही है। सीट बंटवारे को अगले एक-दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। विनोद कुमार पांडे ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, हमने पिछले दिनों में पटना में हुई एक बैठक के दौरान बिहार में इंडिया गठबंधन के घटकों के नेताओं को अपनी मंशा से अवगत करा दिया था। हमने अपने पार्टी नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी बैठक के नतीजों के बारे में बता दिया है। अब, मुख्यमंत्री सोरेन इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में जेएमएम की ओर से चुनाव लड़ी जाने वाली सीटों पर अंतिम फैसला लेंगे।

कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी सीटों पर तय किए उम्मीदवार

कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी सीटों पर उम्मीदवार के नाम फाइनल कर दिए हैं। इस बात के संकेत बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने भी दिए है। राजेश राम का कहना है कि, हमने अपने उम्मीदवारों के सभी विधानसभा क्षेत्र तय कर लिए है। आने वाले समय में सभी लोग इंडिया गठबंधन की चुनावी ताकत और संघर्ष को देखेंगे। सीटों की आधिकारिक घोषणा बहुत जल्द की जाएगी।

सीट शेयरिंग पर इन फॉर्मूले पर बन सकती है बात

महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची जारी है। इस बीच दो फॉर्मूला सामने आए है। इनमें किसी एक पर मुहर लग सकती है। राज्य में विधानसभा की 243 सीटें है। पहले फार्मूले के तहत आरजेडी 138, कांग्रेस 52, वाम दल 35,वीआईपी पार्टी 15, आरएलजेपी 2, जेएमएम को 1 सीटें दी जा सकती हैं। जबकि दूसरे फॉर्मूले के तहत आरजेडी 130, कांग्रेस 55, वाम दल 35, वीआईपी 18, आरएलजेपी 3, जेएमएम को 2 सीटें मिल सकती हैं।

बिहार में नई वोटर लिस्ट एकदम सही? गड़बड़ी को लेकर 9 दिन तक नहीं आई एक भी शिकायत

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बिहार में वोटर ल‍िस्‍ट का स्‍पेशल इंटेंस‍िव रिवीजन (एसआईआर) शुरू हुआ तो खूब हंगामा मचा। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। आखिरकार 30 सितंबर को बिहार में फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित किया गया। फाइनल वोटर लिस्ट जारी हुए 9 दिन बीत चुके हैं। आज 10वें दिन के बाद भी किसी जिले से कोई अपील नहीं की गई। यानी बिहार के 38 जिलों में किसी ने भी वोटर लिस्ट को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई। चुनाव आयोग ने इस बात की जानकारी दी।

चुनाव आयोग ने दी जानकारी

30 सितंबर को जारी हुई इस सूची पर, शिकायत या अपील करने की समय सीमा के बाद भी, राज्य के किसी भी जिले से एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है। राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने पुष्टि की है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(क) के तहत जिलाधिकारियों के पास कोई अपील दर्ज नहीं की गई है। आयोग ने एक्स पर लिखा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के दौरान, सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचक निबंधन अधिकारी द्वारा मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के संबंध में जिलाधिकारियों को कोई अपील प्राप्त नहीं हुई है।

चुनाव आयोग ने बताया-ऐतिहासिक सफलता

चुनाव आयोग ने इसे एक ऐतिहासिक सफलता और मिसाल बताया है, जो यह साबित करता है कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के दौरान नाम जोड़ने, हटाने और सुधार का काम पूरी पारदर्शिता और शुद्धता से किया गया। मतदाता सूची को सटीक बनाने के लिए चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं। पूरे राज्य से लगभग 65 लाख पुराने नाम (मृत या गलत) मतदाता सूची से हटाए गए। लगभग 21.53 लाख नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया।

बीजेपी और जेडीयू ने विपक्ष पर निशाना साधा

वोटर लिस्ट पर शून्य शिकायतें आने के बाद, सत्ताधारी दलों बीजेपी और जेडीयू ने विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लगातार वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के झूठे आरोप लगा रहे थे, लेकिन अगर उनके पास कोई सबूत थे, तो उन्हें चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करनी चाहिए थी। शून्य शिकायतें यह साबित करती हैं कि उनके आरोप निराधार थे।

65 लाख नाम हटे, 21.5 लाख नए मतदाता जुड़े

बता दें कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की। जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्यभर में करीब 65 लाख पुराने नाम सूची से हटाए गए, जबकि 21.53 लाख नए मतदाताओं को जोड़ा गया है। इससे राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या अब लगभग 7.42 करोड़ रह गई है।

हेमंत सरकारों पार्ट 2 में भी भ्रष्टाचार और टेंडर घोटाला जारी,स्वास्थ्य विभाग में मैनपॉवर सप्लाई में 50 करोड़ के घोटाले की तैयारी - प्रतुल


भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हेमंत सरकार पार्ट 2 में भी लगातार टेंडर घोटाले और भ्रष्टाचार के जारी रहने का आरोप लगाया। प्रतुल ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निकाले गए टेंडर पर बड़ा प्रश्न चिन्ह करते हुए इसे 50 करोड़ का घोटाला करार दिया।

प्रतुल ने कहा कि सिविल सर्जन सह सीएमओ रांची के कार्यालय के द्वारा नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं अन्य तकनीकी स्टाफ के लिए ई टेंडर संख्या 4374, दिनांक 20 सितंबर, 2025 को निकाला गया। इस टेंडर में ऐसी शर्तों को डाला गया जिससे झारखंड की कोई स्थानीय कंपनी हिस्सा ही नहीं ले पाएगी।प्रतुल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी आदिवासी मूलवासी और झारखंडियत की बात करते हैं। लेकिन इस टेंडर के जरिए बिहार की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को काम देने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

प्रतुल ने कहा कि इस से पूर्व जब इसी सिविल सर्जन के कार्यालय ने 2022 में जब टेंडर निकला था तो उस समय की अर्हता और अभी की अर्हता में लगभग 5 गुण का इजाफा कर दिया गया है। यह सिर्फ बिहार की एक विशेष ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।प्रतुल ने कहा कि इसी टेंडर में 2022 में सिक्योरिटी मनी (ईएमडी) चार लाख रुपए रखा गया था। इस वर्ष उसे 15 लाख कर दिया गया। 2022 में टेंडर की अर्हता में सिंगल वर्क आर्डर का वैल्यू 3 करोड़ था। 3 वर्षों में इस बार इसे 15 करोड़ कर दिया गया है। ईसीआर की कॉपी 300 लोगों की आवश्यकता थी। इस वर्ष इसे 1500 कर दिया गया है। 2022 में निकाले गए टेंडर में पिछले तीन वित्तीय वर्ष का कंपनी का एवरेज टर्नओवर 5 करोड़ होने की आवश्यकता थी। इस बार इसे 5 गुना बढ़कर 25 करोड़ कर दिया गया है। जिस कंपनी को ये टेंडर देने की कोशिश की जा रही है ,उसे झारखंड के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने डिबार किया है। लेकिन टेंडर में ब्लैकलिस्टेड कॉलम में सिर्फ यह लिखकर डाल दिया गया है कि जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है वह एक अंडरटेकिंग देगी।

प्रतुल ने कहा कि इन सारी चीजों से स्पष्ट है कि टेंडर को इस रूप में बनाया गया है कि झारखंड की किसी स्थानीय कंपनी को कोई लाभ न हो।लाभ होना तो दूर की बात है, झारखंड की कोई कंपनी इसमें हिस्सा भी नहीं ले पाएगी। बिहार की एक विवादास्पद ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर देने के लिए अर्हता को बदल गया है क्योंकि यही इन सारी अहर्ताओं को पूरा करती है। अब वह कंपनी मनमाने रेट पर टेंडर डालेगी और कमीशन ऊपर से नीचे तक सब जगह बटेगा। प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मुद्दे को सरकार और एसीबी के सामने भी ले जाएगी।

Corruption and Tender Scams Continue in Hemant Government Part 2

₹50 Crore Scam Planned in Health Department’s Manpower Supply Tender – Pratul Shah Deo

BJP State Spokesperson Pratul Shah Deo today addressed a press conference at the party’s state headquarters, alleging that large-scale tender scams and corruption continue unabated in the Hemant Soren Government Part 2. Pratul raised serious questions over a recent tender issued by the Health Department, calling it a ₹50 crore scam in the making.

Pratul said that the Office of the Civil Surgeon -cum- Chief Medical Officer, Ranchi, issued an e-tender (No. 4374 dated September 20, 2025) for the supply of nursing, paramedical, and other technical staff. Pratul alleged that the tender conditions have been deliberately framed in such a way that no local company from Jharkhand can participate.

Pratul remarked, “The Chief Minister and Health Minister often talk about Adivasi, Moolvasi, and 'Jharkhandiyat', but through this tender, a conspiracy is being hatched to award the work to a blacklisted company from Bihar.”

He pointed out that in 2022, when a similar tender was issued by the same office, the eligibility criteria were much more reasonable. However, in the 2025 tender, the qualifications have been raised nearly fivefold, seemingly to benefit a specific blacklisted Bihar-based company.

He detailed the differences:

In 2022, the security deposit (EMD) was ₹4 lakh; this time, it has been raised to ₹15 lakh.

The minimum value of a single work order required earlier was ₹3 crore; now, it has been increased to ₹15 crore.

The ECR copy requirement for 300 personnel has now been raised to 1,500.

The average annual turnover required over the past three financial years was ₹5 crore; this year, it has been increased 500% to ₹25 crore.

Pratul further revealed that the company being favoured has been debarred by a reputed university in Jharkhand, yet the tender document conveniently allows blacklisted firms to participate if they merely provide an undertaking.

He added, “It is now absolutely clear that this tender has been structured to exclude local Jharkhand-based companies and favour one specific Bihar-based blacklisted company. Once awarded, this company will quote arbitrary rates, and the commission will flow from top to bottom.”

Pratul Shah Deo said that the Bharatiya Janata Party will take up this issue not only with the state government but also before the Anti-Corruption Bureau (ACB) for a full investigation.

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2 चरणों में होंगे मतदान, जानें कब होगी वोटिंग?

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बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने की सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के विस्तृत कार्यक्रम की आधिकारिक ऐलान किया गया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में इस बार एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया की गयी और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गयी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव न सिर्फ बिहार के मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि शांतिपूर्ण और पूर्ण पारदर्शी ढंग से मतदान कराएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण सुझाव लिए हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहले चरण के चुनाव का गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर को। पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और दूसरे की 30 अक्टूबर। स्क्रूटनी की तारीख 18 और 21 अक्टूबर होगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 20 और 23 अक्टूबर तय की गई है। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।

बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14,000 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है।

मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बिहार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।

बजने वाला है बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल, आज शाम 4 बजे तारीखों का होगा ऐलान

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही हैं। बिहार चुनाव की तारीखों का आज एलान होगा। निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान आज

चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 4 बजे होगी। प्रेस रिलीज के अनुसार चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर देगा। इसमें वोटिंग काउंटिंग से लेकर चुनाव संपन्न होने तक की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि निर्वाचन आयोग बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 17 नई पहल लागू करने जा रहा है। इनमें से कुछ पहल मतदान प्रक्रिया से पहले, कुछ उसके दौरान और कुछ प्रक्रिया खत्म होने के बाद से संबंधित हैं। कुमार ने कहा, पहली बार 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा लागू की जा रही है।

मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। इस बार किसी भी बूथ पर 1,200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। आम तौर पर 1,500 या उससे अधिक मतदाता होने पर लंबी लाइन लग जाती थी। अब इसे रोका जा सकता है।

एक या दो चरणों में होगा चुनाव

जानकारी के मुताबिक, बिहार में इस बार भी चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। चुनावी प्रक्रिया में इस बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, आयोग विशेष रूप से मतदान केंद्रों की सुरक्षा, संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती और मतदाता सुविधा केंद्रों की व्यवस्था पर भी चर्चा करेगा।

छठ को लेकर ट्रेनों में भारी भीड़ पर भड़के राहुल, पूछा-कहां हैं 12 हजार स्पेशल ट्रेनें

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आस्था के महापर्व छठ के दौरान ट्रेनों में भारी भीड़ और बदइंतजामी को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया है कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें ?

आज नहाय खाय से महापर्व छठ की शुरूआत हो गई है। नहाय खान के दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि त्योहारों का महीना है। दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।

राहुल गांधी ने आगे लिखा है, बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 गुना तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं।

राहुल के तीखे सवाल

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।

एनडीए की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत-राहुल

राहुल ने लिखा कि ये सिर्फ़ मजबूर यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।

लालू प्रसाद यादव ने भी सरकार को घेरा

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने भी एनडीए सरकार पर हमला बोला। राजद प्रमुख ने ‘एक्स’ पर लिखा, “झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने शेखी बघारते हुए कहा था कि देश की कुल 13,198 ट्रेनों में से 12,000 रेलगाड़ियां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जायेंगी। यह भी सफेद झूठ निकला। मेरे बिहार वासियों को अमानवीय तरीके से ट्रेनों में यात्रा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”

सरकार के दावों की खुली पोल

दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनावों और महापर्व छठ से पहले ही केंद्र सरकार ने 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने की बात कही थी। ऐसा दावा किया गया था कि किसी को भी घर जाने में किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि इन दिनों ट्रेनों में लोगों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिल पा रही है।

मरना मंजूर लेकिन आरजेडी में वापस नहीं जायेंगे तेज प्रताप, बिहार चुनाव के बीच बड़ा बयान

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बिहार विधानसभा चुनाव में नई पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' बनाकर ताल ठोंक रहे लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने दो टूक कहा, आरजेडी में वापस जाने से बेहतर हम मरना मंजूर करेंगे। लालू के बड़े बेटे के इस बयान ने राज्य की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। बता दें कि तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं और वे लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं।

तेज प्रताप ने की स्वाभिमान की बात

शुक्रवार को महुआ में एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में वापसी की संभावना को पूरी तरह से खारिज करते हुए साफ शब्दों में कहा कि हम मरना कबूल करेंगे, लेकिन वापस उस पार्टी में नहीं जाएंगे। तेज प्रताप ने साफ कहा कि मेरे लिए मेरा स्वाभिमान बड़ी चीज है। मुझे बड़ा से बड़ा पद भी मिले तो भी मैं वापस उस पार्टी में नहीं जाऊंगा।

मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं-तेज प्रताप

तेज प्रताप ने कहा, मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मेरे लिये सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा, जनता की सेवा करना मेरे लिये सबसे बड़ी बात है। लोग मुझ पर भरोसा करते हैं।

तेजस्वी के सीएम फेस पर कहा

तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किए जाने के बाद जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैं क्या करूं। मैं किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नेता नहीं जनता मुख्यमंत्री चुनती है। जनता के पास ही अधिकार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम वहां पर थे तब तक हमने उनको आशीर्वाद दिया।

14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा-तेज प्रताप

बिहार में एक रैली में पीएम मोदी के बयानों पर तेज प्रताप यादव ने कहा, बिहार की जनता जनार्दन का क्या मूड है ये तो समय बताएगा..14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा।

आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं तेज प्रताप

मालूम हो कि तेज प्रताप यादव को राजद सुप्रीमो ने कुछ महीनों पहले अपनी पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित किया था। तेज प्रताप पर यह कार्रवाई तब हुई थी जब उनकी कुछ तस्वीरें एक लड़की के साथ साथ सोशल मीडिया पर सामने आई थी।

बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी जेएमएम, कांग्रेस-आरजेडी पर लगाया ये गंभीर आरोप

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हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने बिहार में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। पार्टी ने महागठबंधन के सहयोगी दलों राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन दोनों दलों पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा है कि वह आनेवाले दिनों में इस गठबंधन पर फिर से विचार करेगी। इस बड़े राजनीतिक फैसले की घोषणा झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री एवं बिहार चुनाव प्रभारी सुदिव्य कुमार सोनू ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की।

राजनीतिक धूर्तता का लगाया आरोप

झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री एवं बिहार चुनाव प्रभारी सुदिव्य कुमार सोनू ने तीखे लहजे में कहा कि बहुत दुख और आक्रोश के साथ कहना पड़ रहा है कि राजद और कांग्रेस ने झामुमो के साथ खुला राजनीतिक धोखा किया है। गठबंधन के नाम पर हमें अंधेरे में रखा गया, और हमारी हिस्सेदारी को साजिश के तहत कुचल दिया गया। झामुमो की प्रतिबद्धता और समर्पण के बावजूद हमारे साथ धूर्तता की गई।

कांग्रेस-आरजेडी के साथ अलायंस का रिव्यू करेगी जेएमएम

सुदिव्य कुमार सोनू ने गे कहा कि पार्टी झारखंड में कांग्रेस और आरजेडी के साथ अलायंस का रिव्यू करेगी और इस राजनीतिक धूर्तता का जवाब देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड की भावनाएं आहत की गई है। उन्होंने कहा था कि जेएमएम ने 2019 और 2024 में राजद और कांग्रेस के विधायकों को झारखंड कैबिनेट में सम्मान दिया, लेकिन बिहार में उनके कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान से समझौता किया जा रहा है।

पहले किया था 6 सीटों पर लड़ने का ऐलान

इससे पहले जेएमएम के बिहार विधानसभा का चुनाव ना लड़ने के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दरअसल, पार्टी ने मात्र दो दिन पहले बिहार में 6 सीटों (जमुई, चकाई, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और कटोरिया) पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

बिहार में महागठबंधन से अलग हुई जेएमएम, छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया इस वक्त अपने चरम पर है। राज्य में चुनाव दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे। पहले फेज में 121 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर थी, जिसके बाद नामांकन पत्रों की जांच और स्क्रूटनी चल रही है, जिसमें कई प्रत्याशियों के नामांकन रद्द भी हुए हैं। वहीं, दूसरे फेज में 122 सीटों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर है। एक तरफ चुनावी प्रकिया आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ महागबंधन की रार थमने का नाम नहीं ले रही है।

जेएमएम ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन में तकरार की कई बार खबरें सामने आई हैं। हालांकि कई नेताओं की तरफ से ये दावा किया गया कि सब कुछ ठीक है। पहले दौर की वोटिंग के लिए नामांकन खत्म हो चुका है और अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। यही वजह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। जेएमएम कुल 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली है।

बिहार की इन सीटों पर चुनाव लड़ेगा जेएमएम

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी बिहार में छह सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। भट्टाचार्य ने कहा, पार्टी ने बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है। वह छह विधानसभा सीट चकाई, धमदाहा, कटोरिया (सुरक्षित), मनिहारी (सुरक्षित), जमुई और पीरपैंती (सुरक्षित) पर चुनाव लड़ेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी बिहार में अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर विचार करेगी, भट्टाचार्य ने कहा, हम इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं, सीटों की संख्या बढ़कर 10 हो सकती है।

सकारात्मक जवाब नहीं मिला- मनोज पांडे

वहीं, महागठबंधन से अलग होने पर झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा हर पहलू पर बातचीत चल रही थी, लेकिन जब हमें सकारात्मक जवाब नहीं मिला और हमारी मांगी गई सीटों की संख्या भी नहीं दी गई। एक राजनीतिक दल के पास क्या विकल्प बचते हैं? इसलिए, हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे।

क्या महागठबंधन को भुगतना होगा खामियाजा?

मनोज पांडे ने कहा कि हमें महागठबंधन में कम आंका गया है। जबकि पूरे देश ने हमारे नेता और हमारी पार्टी के करिश्मे को देखा है। हमने कैसे फासीवादी ताकतों को झारखंड में चुनाव हराया था। उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में हमारी पार्टी का अच्छा-खासा दबदबा है। अगर हम एकजुट रहते, तो भारत गठबंधन और भी प्रभावशाली प्रदर्शन करता, लेकिन हमें नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए, महागठबंधन को इसके परिणाम भुगतने होंगे

बीजेपी की पहली लिस्ट जारी, 71 नामों का ऐलान, नंदकिशोर यादव का टिकट कटा

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बिहार चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी गयी है। बीजेपी ने 71 उम्मीदवारों के नामों का लान किया है। बीजेपी की पहली उम्मीदवारों की सूची में सम्राट चौधरी के अलावा रामकृपाल यादव, संजीव चौरसिया, विजय सिन्हा, श्रेयसी सिंह और मंगल पांडे जैसे बड़े नाम शामिल हैं। लिस्ट की सबसे चौंकाने वाली बात विधानसभा सभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव का टिकट कटना है। बीजेपी ने पहली लिस्ट में कुल में नौ विधायकों के टिकट काटे हैं। इस सूची में कुल 9 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।

रामकृपाल यादव को दानापुर से टिकट

बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची में रामकृपाल यादव को भी टिकट मिला है। पूर्व सांसद रामकृपाल यादव को दानापुर से टिकट दिया गया है। बीजेपी उम्मीवारों की पहली सूची के अनुसार सम्राट चौधरी को तारापुर से टिकट मिला है। वहीं नीरज बबलू छातापुर से चुनाव लड़ेंगे। वहीं आरा से संजय टाइगर को टिकट दिया गया है।

पटना साहिब से नंदकिशोर यादव का टिकट कटा

बीजेपी ने पटना की 2 बड़ी सीटों पर इस बार बड़ा बदलाव किया है। पार्टी पटना की कुम्हारर सिटी से इस बार अरुण कुमार सिन्हा की जगह संजय गुप्ता को टिकट दिया गया है। वहीं पटना साहिब से नंदकिशोर यादव का टिकट कट गया है। नंदकिशोर यादव की जगह इस बार रत्नेश कुशवाहा को पटना साहिब से टिकट दिया गया है।

इन दिग्गजों पर भरोसा

पार्टी ने अपने कई कद्दावर मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को उनकी वर्तमान सीटों से दोबारा मैदान में उतारा है। मंत्री नितिन नबीन को पटना की बांकीपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, मंत्री मंगल पाण्डेय को सिवान से टिकट दिया गया है। इसके अतिरिक्त, संजय सरावगी को दरभंगा सीट से चुनावी जंग में उतारा गया है। इसके अलावा, पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को बेतिया विधानसभा सीट से एक बार फिर टिकट दिया गया है।

बिहार में खत्म नहीं हो रही सीट शेरिंग का टेंशन, 12 सीटें मांग रही हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम

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बिहार चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन आज से शुरु हो गए है। लेकिन अभी तक जन सुराज को छोड़कर किसी भी दल ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं है। एनडीए के साथ साथ महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग को लेकर माथा पच्ची जारी है। इस बीच महागठबंधन में शामिल झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भी अपने लिए बड़ी मांग रख दी है। जेएमएम ने ‘इंडिया’ गठबंधन में 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है।

जेएमएम ने आरजेडी को 12 सीटों की सूची सौंपी

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने के मुताबिक हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने आरजेडी को 12 सीटों की सूची सौंपी है। बिहार में जेएमएम 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जेएमएम तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई सीट चाहती है।

सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी

जेएमएम के महासचिव विनोद कुमार पांडे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के घटकों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात चल रही है। सीट बंटवारे को अगले एक-दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। विनोद कुमार पांडे ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, हमने पिछले दिनों में पटना में हुई एक बैठक के दौरान बिहार में इंडिया गठबंधन के घटकों के नेताओं को अपनी मंशा से अवगत करा दिया था। हमने अपने पार्टी नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी बैठक के नतीजों के बारे में बता दिया है। अब, मुख्यमंत्री सोरेन इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में जेएमएम की ओर से चुनाव लड़ी जाने वाली सीटों पर अंतिम फैसला लेंगे।

कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी सीटों पर तय किए उम्मीदवार

कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी सीटों पर उम्मीदवार के नाम फाइनल कर दिए हैं। इस बात के संकेत बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने भी दिए है। राजेश राम का कहना है कि, हमने अपने उम्मीदवारों के सभी विधानसभा क्षेत्र तय कर लिए है। आने वाले समय में सभी लोग इंडिया गठबंधन की चुनावी ताकत और संघर्ष को देखेंगे। सीटों की आधिकारिक घोषणा बहुत जल्द की जाएगी।

सीट शेयरिंग पर इन फॉर्मूले पर बन सकती है बात

महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची जारी है। इस बीच दो फॉर्मूला सामने आए है। इनमें किसी एक पर मुहर लग सकती है। राज्य में विधानसभा की 243 सीटें है। पहले फार्मूले के तहत आरजेडी 138, कांग्रेस 52, वाम दल 35,वीआईपी पार्टी 15, आरएलजेपी 2, जेएमएम को 1 सीटें दी जा सकती हैं। जबकि दूसरे फॉर्मूले के तहत आरजेडी 130, कांग्रेस 55, वाम दल 35, वीआईपी 18, आरएलजेपी 3, जेएमएम को 2 सीटें मिल सकती हैं।

बिहार में नई वोटर लिस्ट एकदम सही? गड़बड़ी को लेकर 9 दिन तक नहीं आई एक भी शिकायत

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बिहार में वोटर ल‍िस्‍ट का स्‍पेशल इंटेंस‍िव रिवीजन (एसआईआर) शुरू हुआ तो खूब हंगामा मचा। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। आखिरकार 30 सितंबर को बिहार में फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित किया गया। फाइनल वोटर लिस्ट जारी हुए 9 दिन बीत चुके हैं। आज 10वें दिन के बाद भी किसी जिले से कोई अपील नहीं की गई। यानी बिहार के 38 जिलों में किसी ने भी वोटर लिस्ट को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई। चुनाव आयोग ने इस बात की जानकारी दी।

चुनाव आयोग ने दी जानकारी

30 सितंबर को जारी हुई इस सूची पर, शिकायत या अपील करने की समय सीमा के बाद भी, राज्य के किसी भी जिले से एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है। राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने पुष्टि की है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(क) के तहत जिलाधिकारियों के पास कोई अपील दर्ज नहीं की गई है। आयोग ने एक्स पर लिखा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के दौरान, सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचक निबंधन अधिकारी द्वारा मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के संबंध में जिलाधिकारियों को कोई अपील प्राप्त नहीं हुई है।

चुनाव आयोग ने बताया-ऐतिहासिक सफलता

चुनाव आयोग ने इसे एक ऐतिहासिक सफलता और मिसाल बताया है, जो यह साबित करता है कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के दौरान नाम जोड़ने, हटाने और सुधार का काम पूरी पारदर्शिता और शुद्धता से किया गया। मतदाता सूची को सटीक बनाने के लिए चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं। पूरे राज्य से लगभग 65 लाख पुराने नाम (मृत या गलत) मतदाता सूची से हटाए गए। लगभग 21.53 लाख नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया।

बीजेपी और जेडीयू ने विपक्ष पर निशाना साधा

वोटर लिस्ट पर शून्य शिकायतें आने के बाद, सत्ताधारी दलों बीजेपी और जेडीयू ने विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लगातार वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के झूठे आरोप लगा रहे थे, लेकिन अगर उनके पास कोई सबूत थे, तो उन्हें चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करनी चाहिए थी। शून्य शिकायतें यह साबित करती हैं कि उनके आरोप निराधार थे।

65 लाख नाम हटे, 21.5 लाख नए मतदाता जुड़े

बता दें कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की। जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्यभर में करीब 65 लाख पुराने नाम सूची से हटाए गए, जबकि 21.53 लाख नए मतदाताओं को जोड़ा गया है। इससे राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या अब लगभग 7.42 करोड़ रह गई है।

हेमंत सरकारों पार्ट 2 में भी भ्रष्टाचार और टेंडर घोटाला जारी,स्वास्थ्य विभाग में मैनपॉवर सप्लाई में 50 करोड़ के घोटाले की तैयारी - प्रतुल


भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हेमंत सरकार पार्ट 2 में भी लगातार टेंडर घोटाले और भ्रष्टाचार के जारी रहने का आरोप लगाया। प्रतुल ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निकाले गए टेंडर पर बड़ा प्रश्न चिन्ह करते हुए इसे 50 करोड़ का घोटाला करार दिया।

प्रतुल ने कहा कि सिविल सर्जन सह सीएमओ रांची के कार्यालय के द्वारा नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं अन्य तकनीकी स्टाफ के लिए ई टेंडर संख्या 4374, दिनांक 20 सितंबर, 2025 को निकाला गया। इस टेंडर में ऐसी शर्तों को डाला गया जिससे झारखंड की कोई स्थानीय कंपनी हिस्सा ही नहीं ले पाएगी।प्रतुल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी आदिवासी मूलवासी और झारखंडियत की बात करते हैं। लेकिन इस टेंडर के जरिए बिहार की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को काम देने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

प्रतुल ने कहा कि इस से पूर्व जब इसी सिविल सर्जन के कार्यालय ने 2022 में जब टेंडर निकला था तो उस समय की अर्हता और अभी की अर्हता में लगभग 5 गुण का इजाफा कर दिया गया है। यह सिर्फ बिहार की एक विशेष ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।प्रतुल ने कहा कि इसी टेंडर में 2022 में सिक्योरिटी मनी (ईएमडी) चार लाख रुपए रखा गया था। इस वर्ष उसे 15 लाख कर दिया गया। 2022 में टेंडर की अर्हता में सिंगल वर्क आर्डर का वैल्यू 3 करोड़ था। 3 वर्षों में इस बार इसे 15 करोड़ कर दिया गया है। ईसीआर की कॉपी 300 लोगों की आवश्यकता थी। इस वर्ष इसे 1500 कर दिया गया है। 2022 में निकाले गए टेंडर में पिछले तीन वित्तीय वर्ष का कंपनी का एवरेज टर्नओवर 5 करोड़ होने की आवश्यकता थी। इस बार इसे 5 गुना बढ़कर 25 करोड़ कर दिया गया है। जिस कंपनी को ये टेंडर देने की कोशिश की जा रही है ,उसे झारखंड के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने डिबार किया है। लेकिन टेंडर में ब्लैकलिस्टेड कॉलम में सिर्फ यह लिखकर डाल दिया गया है कि जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है वह एक अंडरटेकिंग देगी।

प्रतुल ने कहा कि इन सारी चीजों से स्पष्ट है कि टेंडर को इस रूप में बनाया गया है कि झारखंड की किसी स्थानीय कंपनी को कोई लाभ न हो।लाभ होना तो दूर की बात है, झारखंड की कोई कंपनी इसमें हिस्सा भी नहीं ले पाएगी। बिहार की एक विवादास्पद ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर देने के लिए अर्हता को बदल गया है क्योंकि यही इन सारी अहर्ताओं को पूरा करती है। अब वह कंपनी मनमाने रेट पर टेंडर डालेगी और कमीशन ऊपर से नीचे तक सब जगह बटेगा। प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मुद्दे को सरकार और एसीबी के सामने भी ले जाएगी।

Corruption and Tender Scams Continue in Hemant Government Part 2

₹50 Crore Scam Planned in Health Department’s Manpower Supply Tender – Pratul Shah Deo

BJP State Spokesperson Pratul Shah Deo today addressed a press conference at the party’s state headquarters, alleging that large-scale tender scams and corruption continue unabated in the Hemant Soren Government Part 2. Pratul raised serious questions over a recent tender issued by the Health Department, calling it a ₹50 crore scam in the making.

Pratul said that the Office of the Civil Surgeon -cum- Chief Medical Officer, Ranchi, issued an e-tender (No. 4374 dated September 20, 2025) for the supply of nursing, paramedical, and other technical staff. Pratul alleged that the tender conditions have been deliberately framed in such a way that no local company from Jharkhand can participate.

Pratul remarked, “The Chief Minister and Health Minister often talk about Adivasi, Moolvasi, and 'Jharkhandiyat', but through this tender, a conspiracy is being hatched to award the work to a blacklisted company from Bihar.”

He pointed out that in 2022, when a similar tender was issued by the same office, the eligibility criteria were much more reasonable. However, in the 2025 tender, the qualifications have been raised nearly fivefold, seemingly to benefit a specific blacklisted Bihar-based company.

He detailed the differences:

In 2022, the security deposit (EMD) was ₹4 lakh; this time, it has been raised to ₹15 lakh.

The minimum value of a single work order required earlier was ₹3 crore; now, it has been increased to ₹15 crore.

The ECR copy requirement for 300 personnel has now been raised to 1,500.

The average annual turnover required over the past three financial years was ₹5 crore; this year, it has been increased 500% to ₹25 crore.

Pratul further revealed that the company being favoured has been debarred by a reputed university in Jharkhand, yet the tender document conveniently allows blacklisted firms to participate if they merely provide an undertaking.

He added, “It is now absolutely clear that this tender has been structured to exclude local Jharkhand-based companies and favour one specific Bihar-based blacklisted company. Once awarded, this company will quote arbitrary rates, and the commission will flow from top to bottom.”

Pratul Shah Deo said that the Bharatiya Janata Party will take up this issue not only with the state government but also before the Anti-Corruption Bureau (ACB) for a full investigation.

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2 चरणों में होंगे मतदान, जानें कब होगी वोटिंग?

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बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने की सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के विस्तृत कार्यक्रम की आधिकारिक ऐलान किया गया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में इस बार एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया की गयी और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गयी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव न सिर्फ बिहार के मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि शांतिपूर्ण और पूर्ण पारदर्शी ढंग से मतदान कराएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण सुझाव लिए हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहले चरण के चुनाव का गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर को। पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और दूसरे की 30 अक्टूबर। स्क्रूटनी की तारीख 18 और 21 अक्टूबर होगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 20 और 23 अक्टूबर तय की गई है। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।

बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14,000 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है।

मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बिहार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।

बजने वाला है बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल, आज शाम 4 बजे तारीखों का होगा ऐलान

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही हैं। बिहार चुनाव की तारीखों का आज एलान होगा। निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान आज

चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 4 बजे होगी। प्रेस रिलीज के अनुसार चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर देगा। इसमें वोटिंग काउंटिंग से लेकर चुनाव संपन्न होने तक की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि निर्वाचन आयोग बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 17 नई पहल लागू करने जा रहा है। इनमें से कुछ पहल मतदान प्रक्रिया से पहले, कुछ उसके दौरान और कुछ प्रक्रिया खत्म होने के बाद से संबंधित हैं। कुमार ने कहा, पहली बार 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा लागू की जा रही है।

मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। इस बार किसी भी बूथ पर 1,200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। आम तौर पर 1,500 या उससे अधिक मतदाता होने पर लंबी लाइन लग जाती थी। अब इसे रोका जा सकता है।

एक या दो चरणों में होगा चुनाव

जानकारी के मुताबिक, बिहार में इस बार भी चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। चुनावी प्रक्रिया में इस बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, आयोग विशेष रूप से मतदान केंद्रों की सुरक्षा, संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती और मतदाता सुविधा केंद्रों की व्यवस्था पर भी चर्चा करेगा।