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एशिया कप 2023 के वेन्यू में हो सकता है बदलाव, कोलंबो में बाढ़ के हालात

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श्रीलंका और पाकिस्तान में खेले जा रहे एशिया कप के वेन्यू में बदलाव किए जा सकते हैं। पहले यह टूर्नामेंट पूरा पाकिस्तान में खेला जाना था, लेकिन टीम इंडिया द्वारा पाकिस्तान का दौरा करने से मना किए जाने के बाद एसीसी ने श्रीलंका को भी नए वेन्यू के तौर पर जोड़ लिया था। लेकिन श्रीलंका में होने वाले मैचों में बारिश एक बड़ी परेशानी के रूप में सामने आई है। कोलंबो में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। ऐसे में मौजूदा एशिया कप 2023 में सुपर फोर मैचों को शिफ्ट किए जाने की संभावना है। भारत और पाकिस्तान के बीच लीग स्टेज का मैच बारिश के कारण पूरा नहीं खेला जा सका। जिस कारण मुकाबले को रद्द कर दिया गया और दोनों ही टीमों में प्वाइंट्स बांट दिए गए। सुपर-4 का पहला मैच लाहौर में और फाइनल समेत सभी मुकाबले कोलंबो में होना है।

कोलंबो में भारी बारिश

श्रीलंका के कोलंबों में बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालांत हैं। ऐसे में सुपर फोर में होने वाले कई मुकाबलों पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एशियन क्रिकेट काउंसिल एशिया कप के सुपर-4 मैचों का वेन्यू बदलने पर विचार कर रही है। जिसे लेकर आने वाले दो दिनों के अंदर फैसला लिया जा सकता है। एशिया कप के सुपर फोर के मुकाबलों को कोलंबों से शिफ्ट किया जा सकता है। आपको बता दें कि श्रीलंका में जिन वेन्यू पर मैच खेले जा रहे हैं वहां पर काफी ज्यादा बारिश हो रही है। इस कारण एसीसी एक बड़ा फैसला ले सकती है।

कहां खेले जाएंगे मुकाबले

एशिया कप के सुपर 4 मुकाबलों को श्रीलंका और पाकिस्तान में खेला जाना है। पाकिस्तान के मैच लाहौर में आयोजित होंगे जबकि श्रीलंका में खेले जाने वाले मुकाबलों को कोलंबो में कराया जाना है। यह सभी मुकाबले जहां होने हैं वहीं पर बारिश से बुरे हालात हो गए हैं। ऐसे में इन सभी मुकाबलों को दांबुला या फिर पल्लेकल में शिफ्ट किया जा सकता है।

बारिश की भेंट चढ़ा भारत-पाकिस्तान मैच

इससे पहले शनिवार यानी 2 सितंबर को भारत-पाकिस्तान का मुकाबला बारिश की भेंट चढ़ गया था। अब इन दोनों देशों के बीच रविवार 10 सितंबर को सुपर फोर में मैच होने की उम्मीद है। अगर वेन्यू में बदलाव नहीं होता है तो एक बार फिर फैंस को सिर्फ मायूसी हाथ लगेगी। लंबे समय से फैंस भारत-पाकिस्तान मैच का इंतजार करते हैं, ऐसे में मौसम की मार फैंस की उम्मीदों को तोड़ने का काम करती है।

'एक देश एक चुनाव' की तैयारी तेज, कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने रामनाथ कोविंद से की मुलाकात

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देश में इन दिनों एक देश एक चुनाव की चर्चा जोरों पर है। मई 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई, तो कुछ समय बाद ही एक देश और एक चुनाव को लेकर बहस शुरू हो गई। पीएम नरेंद्र मोदी खुद कई बार वन नेशन, वन इलेक्शन की वकालत कर चुके हैं। संविधान दिवस के मौके पर एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था- आज एक देश-एक चुनाव सिर्फ बहस का मुद्दा नहीं रहा। ये भारत की जरूरत है। इसलिए इस मसले पर गहन विचार-विमर्श और अध्ययन किया जाना चाहिए।इस बीच 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव पर 2 सितंबर को एक कमेटी बनाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में इसको लेकर बिल भी ला सकती है।

इस बीच, देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना पर बनाई गई समिति सक्रिय हो गई है। शीर्ष अधिकारियों ने समिति के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रारंभिक जानकारी दे दी है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति से मुलाकात की।न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कानून सचिव नितेन चंद्रा, विधायी सचिव रीता वशिष्ठ और अन्य अधिकारियों ने कोविंद को बताया कि समिति के सामने एजेंडे पर किस तरह आगे बढ़ेंगे। नितेन चंद्रा उच्च स्तरीय समिति के सचिव भी हैं और रीता वशिष्ठ का विभाग चुनाव के मुद्दे, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और संबंधित नियमों से संबंधित है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी

इससे पहले सरकार ने शनिवार को आठ सदस्यीय समिति अधिसूचित किया था।केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव पर 2 सितंबर को एक कमेटी बनाई है। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर होंगे। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी की बैठकों में स्पेशल मेंबर के तौर पर शामिल होंगे। हालांकि, इस कमेटी में नाम आने के बाद अधीर रंजन ने गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखा। उन्होंने कहा कि मैं इस समिति में काम नहीं करूंगा, क्योंकि ये धोखा देने के लिए बनाई गई है।

क्या काम करेगी कमेटी?

यह कमेटी अविश्वास प्रस्ताव, दल-बदल कानून और लोकसभा की परिस्थितियों का विश्लेषण करेगी और उसके मुताबिक अपने सुझाव देगी। इसके अलावा समिति लोकसभा, विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार और सिफारिश करेगी। फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कमेटी का कार्यकाल कितना होगा। हालांकि समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है।

केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर कमेटी ऐसे समय में बनाई है जब इस साल के आखिरी में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने वाले हैं। वहीं अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है।

आजादी के बाद लागू था वन नेशन, वन इलेक्शन

वन नेशन, वन इलेक्शन या एक देश-एक चुनाव का मतलब हुआ कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हों। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।

*अमित शाह का स्टालिन के बेटे को जवाब, कहा-"हिंदू धर्म से नफरत करता है विपक्षी गठबंधन"*

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए' वाली टिप्पणी पर सियासत तेज है। सत्ता पक्ष उदयनिधि के बयान को लेकर विपक्ष पर हमलावर है। अब गृह मंत्री अमित शाह ने उदयनिधि के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण के लिए सनातन धर्म का अपमान किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने आज राजस्थान के डूंगरपुर से भाजपा की ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा' का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा है कि पिछले दो दिनों से इंडिया गठबंधन ‘सनातन धर्म’ का अपमान कर रहा है। डीएमके और कांग्रेस के नेता सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए ‘सनातन धर्म’ को खत्म करने की बात कर रहे हैं। इस दौरान अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू संगठनों को लश्कर-ए-तैयबा से ‘अधिक खतरनाक' बताया है। अब विपक्षी गुट ‘इंडिया' के नेताओं ने वोट बैंक तथा तुष्टीकरण की राजनीति के लिए ‘सनातन धर्म' के संदर्भ में बात की है।

पहली बार सनातन धर्म का अपमान नहीं किया गया-शाह

अमित शाह ने आगे कहा, यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हमारे ‘सनातन धर्म’ का अपमान किया है। इससे पहले मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि बजट पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है, लेकिन हम कहते हैं कि पहला हक गरीबों, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का है। आज कांग्रेस पार्टी कहती है कि मोदी जी जीतेंगे तो सनातन राज करेगा।

शाह ने विपक्षी गठबंधन को बताया 'घमंडिया'

अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन को 'घमंडिया गठबंधन' बताते हुए करारा अटैक किया। शाह ने कहा कि ये गठबंधन वोट बैंक की राजनीति के लिए ये किसी भी हद तक जा सकता है, लेकिन वे जितना सनातन (धर्म) के खिलाफ बात करेंगे, उतना ही कम नजर आएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि वे कहते हैं कि अगर मोदी जीत गए तो सनातन शासन आ जाएगा। सनातन लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। अमित शाह बोले कि पीएम मोदी ने कहा है देश संविधान के आधार पर चलेगा। प्रधानमंत्री ने देश को सुरक्षित करने के लिए काम किया है।

*चांद पर अस्त हुआ सूर्य, स्लीप मोड में गए रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम*

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चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने अपना काम पूरा कर लिया है। जिसके बाद इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क कर दिया गया। 23 अगस्त को चंद्रमा कि सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अपना काम बखूबी कर रहे थे। वह चांद पर होने वाली हलचल और हालातों के बारे में लगातार जानकरियां धरती पर भेज रहे थे। मिशन के लगभग 10 दिन बाद अब रोवर प्रज्ञान ने अपने काम को खत्म पूरा कर दिया है। इसके बाद उसे स्लीप मोड में सेट करके सुरक्षित पार्क कर दिया गया है।22 सितंबर को रोवर की नींद फिर टूटेगी और वो अपना काम शुरू करेगा।

इसरो ने माइक्रो ब्लोगिंग साइट एक्स पर लिखा कि प्रज्ञान रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है. इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क कर स्लीप मोड में सेट किया गया है। APXS और LIBS अब बंद हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के जरिए पृथ्वी तक पहुंचा दिया गया है। अभी बैटरी भी पूरी तरह चार्ज है। रोवर को ऐसी दिशा में रखा गया है कि 22 सितंबर 2023 को जब चांद पर अगला सूर्योदय होगा तो सूर्य का प्रकाश सौर पैनलों पर पड़े। इसके रिसीवर को भी चालू रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि 22 सितंबर को ये फिर से काम करना शुरू करेगा।

चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। रोवर-लैंडर सूर्य की रोशनी में तो पावर जनरेट कर सकते हैं, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे।

रोवर ने तय की 100 मीटर की दूरी

इससे पहले दिन में इसरो ने बताया था कि रोवर ने शिवशक्ति लैंडिंग पॉइंट से 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। लैंडर और रोवर के बीच की दूरी का ग्राफ भी शेयर किया था। विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरा था। रोवर को यह दूरी तय करने में 10 दिन लगे।

कई अहम जानकारियां भेज चुका है प्रज्ञान

स्लीपिंग मोड पर जाने से पहले हमारे चंद्रयान-3 ने कई अहम और खास जानकारियां भेजी हैं। जिसमें चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्जर्वेशन भेजा था। इसके बाद प्रज्ञान रोवर ने 4 मीटर का गड्ढा देखकर रास्ता भी बदला और एक अहम जानकारी भेजी। जिसमें रोवर ने चांद पर सल्फर होने की पुष्टि की। जिसमें उम्मीद के मुताबिक, एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन होने का अनुमान है जिस पर अभी और डिटेल्स आनी बाकी है। इसके बाद रोवर ने निरंतर आगे बढ़ते हुए चंद्रमा की सतह पर भूकंप भी रिकॉर्ड किया।

*‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा-ये विचार राज्यों पर हमला, देश की संघीय प्रणाली के विरुद्ध*

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केंद्र सरकार ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ (One Nation One Election) को लेकर कमेटी गठित कर चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में इसको लेकर बिल भी ला सकती है। इस बीच, कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर पहली प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार के ‘एक राष्ट्र एक चुनाव' के विचार को खारिज करते हुए इसे राज्यों पर हमला करार दिया और कहा कि यह देश की संघीय प्रणाली के विरुद्ध है।

‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर रिएक्शन देते हुए राहुल गांधी ने पोस्ट किया, इंडिया अर्थात भारत, राज्यों का एक संघ है। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है।

इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी की ओर से प्रायोजित हर दूसरे मुद्दे की तरह यह विचार भी पहले से निर्धारित और पूर्व नियोजित लगता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव एक राजनीतिक-कानूनी प्रश्न है। यह कानून से ज्यादा राजनीतिक है।

अधीर रंजन चौधरी ने समिति का हिस्सा बनने से किया इनकार

बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना की जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था। इसमें जिन आठ लोगों को रखा गया था उनमें कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का नाम भी शामिल था। हालांकि, चौधरी ने समिति का हिस्सा बनने से मना कर दिया है। 

जयराम रमेश ने समिति के गठन पर जताई शंका

जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा जिसे ‘एक राष्ट्र एक चुनाव कहा जा रहा है उस पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन एक अनुष्ठानिक अभ्यास है और इस काम की प्रक्रिया को सामने लाने का समय सन्देह पैदा करता है। इस संदर्भ में अपनाई गई शर्तें और सिफारिशें मनमानी से निर्धारित की गई हैं। समिति की संरचना भी अपने हिसाब से तय हुई हैं और इसी वजह से लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार रात बहुत ही उचित तरीके से इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार किया है।

कौन-कौन है कमेटी का सदस्य?

समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी सदस्य बनाए गए हैं।

कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी20 की बैठकें कराए जाने को लेकर पाक और चीन को पीएम मोदी की दो टूक, जानें क्या कहा?

#pm_modi_interview_message_to_pak_china_on_g20_meets 

दिल्ली में 9-10 सितंबर को G20 का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही संसद का विशेष सत्र 18-22 सितंबर के बीच बुलाया गया है।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को इंटरव्यू दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को जी20 की अध्यक्षता मिलना बड़ी बात है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि जी20 की अध्यक्षता मिलने से भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। G20 में हमारे शब्दों और विजन को दुनिया हमारे भविष्य के लिए एक रोडमैप के रूप में देखती है, और यह केवल एक विचार नहीं है। 

इंटरव्यू में पीएम मोदी ने जी 20 बैठक पर पाकिस्तान, चीन की आपत्तियों को खारिज किया। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में जी20 की बैठक पर आपत्ति जताई थी तो पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में बैठक का विरोध किया था। इसपर पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर हो या अरुणाचल प्रदेश, हर जगह बैठक आयोजित करना स्वभाविक है। बातचीत और कूटनीति ही अलग-अलग समाधान का रास्ता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत साल 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। हमारे राष्ट्रीय जीवन में जातिवाद, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत के पास आज शानदार मौका है विकास की नींव रखने की जिसे हजारों वर्ष तक याद रखा जाएगा। भविष्य में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि लंबे समय तक भारत को एक अरब भूखे पेट वाले देश के रूप में देखा जाता था, अब यह एक अरब महत्वाकांक्षी मस्तिष्क और दो अरब कुशल हाथों वाला देश है। भारतीयों के पास आज भविष्य की नींव रखने के लिए अच्छा मौका है। आज के विकास की नींव अगले एक हजार साल का भविष्य तय करेगा।

इसके अलावा पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि विभिन्न जगहों पर अलग-अलग संघर्षों को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है। पीएम ने कहा कि भारत की जी 20 की अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए।

I.N.D.I.A गठबंधन 2 अक्‍टूूबर को करने जा रहा बड़ा कार्यक्रम, नीतीश कुमार ने सीटों की शेयरिंग पर कहा, सारी बातें तय हो चुकी, कमेटी का भी गठन किया

इंडिया गठबंधन की शुक्रवार को मुंबई में हुई बैठक के 24 घंटे बाद बिहार सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया है। नीतीश कुमार ने खुलासा किया कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। उन्होंने बताया कि एलायंस में शामिल सभी पार्टियों के नेता मिलकर इसकी शुरूआत करेंगे।

कमेटी गठित

बता दें मुंबई में दो दिवसीय बैठक में इंडिया गठबंधन की कमेटी गठित हुई जो गठबंधन से जुड़े फैसले लेगी और उसके बाद अपने नेताओं को उससे अवगत करवाएंगे। ये इंडिया गठबंधन की आगे की रणनीति कार्यक्रम और शीट शेयरिंग पर चर्चा करेगी।

नीतीश कुमार ने सीट शेयरिंग पर किया ये खुलासा

बता दें अब तक इंडिया गठबंधन की तीन बैठके हा चुकी हैं लेकिन अभी तक राजनीतिक दलों के बीच सीट शेयरिंग की बात नहीं हुई हैं। बिहार में सीट शेयरिंग का आखिर क्या फार्मूला होगा? इस पर नीतीश कुमार ने कहा सीटों के बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, हमारी सब मुद्दों पर बात हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही सीट शेयरिंग भी हो जाएगी। नीतीश कुमार ने आगे कहा पहले लोगों को लगता था कि गठबंधन नहीं होगा लेकिन अब सब हो रहा है ना।

वन नेशन वन इलेक्शन' पर क्या बोले नीतीश कुमार

इसके साथ नीतीश कुमार ने दावा किया मोदी सरकार इंडिया एलायंस से घबराहट में आ गई है इसलिए "वन नेशन वन इलेक्शन" की बात कर रही है। उन्होंने कहा जब ये "वन नेशन वन इलेक्शन" की बात सदन में लाई जाएगी तब पर हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। उन्होंने दोबारा कहा ये वन नेशन वन इलेक्शन भाजपा की धबराहट का नतीजा है। नीतीश कुमार ने कहा जातीय जनगणन करवा देनी चाहिए, इस पर क्यों मोदी सरकार चुप्पी साधे हुए है।

दुन‍ि‍याभर में छाए RBI गवर्नर, अमेरिका स्थित ग्लोबल फाइनेंस पत्रिका ने उनको ग्‍लोबल लेवल पर शीर्ष केंद्रीय बैंकर का दिया दर्जा, PM मोदी ने तारीफ

अमेरिका स्थित ग्लोबल फाइनेंस पत्रिका ने RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को ग्‍लोबल लेवल पर शीर्ष केंद्रीय बैंकर का दर्जा द‍िया गया है। ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड्स 2023 में शक्तिकांत दास को 'ए+' ग्रेड रेट‍िंग दी गई है। RBI गवर्नर दास (Shaktikanta Das) को उन 3 केंद्रीय बैंक गवर्नरों की सूची में भी टॉप पर रखा गया जिन्हें 'ए+' रेटिंग दी गई है। स्विट्जरलैंड के गवर्नर थॉमस जे जॉर्डन एवं वियतनाम के सेंट्रल बैंक के चीफ गुयेन थी होंग को भी 'ए+' रेटिंग प्राप्त हुई है।

ग्लोबल फाइनेंस मैग्‍जीन के सालाना 'सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड' का उद्देश्य ऐसे केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की पहचान करना है ज‍िन्‍होंने इनोवेट‍िव, क्र‍िएट‍िव एवं स्‍ट्रेटजी के दम पर शानदार प्रदर्शन किया। ग्रेडिंग में महंगाई दर को नियंत्रण रखना, इकोनॉमि‍क ग्रोथ, करेंसी स्‍टेब‍िलि‍टी तथा इंटरेस्‍ट रेट मैनेजमेंट जैसे प्‍वाइंट को ध्यान में रखा गया। पत्र‍िका की ओर से ए से एफ तक ग्रेड‍िंग की जाती है। 'ए+' ग्रेडिंग का अर्थ है क‍ि प्रदर्शन बेहतरीन रहा, जबक‍ि 'एफ' ग्रेड का मतलब पूरी तरह नाकामी है।

RBI गवर्नर की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रसन्‍नता व्यक्त की। उन्‍होंने अपने ट्वीट (X) में कहा क‍ि 'RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को बधाई। यह भारत के लिए गौरव का क्षण है, जो वैश्‍व‍िक मंच पर हमारे वित्तीय नेतृत्व को दिखता है। उनका समर्पण एवं दूरदर्शिता हमारे देश के विकास पथ को मजबूत करती रहेगी।' दास के अतिरिक्त, 'ए' रेटिंग हास‍िल करने वाले दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक गवर्नरों में ब्राजील के रॉबर्टो कैंपोस नेटो, इस्रायल के अमीर यारोन, मॉरीशस के हरवेश कुमार सीगोलम एवं न्यूजीलैंड के एड्रियन ओर्र सम्मिलित हैं। 'ए-' ग्रेड हास‍िल करने वालों में कोलंबिया के लियोनार्डो विलार, डोमिनिकन र‍िपब्‍ल‍िक के हेक्टर वाल्डेज अल्बिजू, आइसलैंड के असगीर जोंसन, इंडोनेशिया के पेरी वारजियो और अन्य सम्मिलित हैं।

पूर्व ISRO चीफ डॉ के सिवान बने IIT इंदौर बोर्ड के अध्यक्ष, बीटेक स्पेस टेक्नोलॉजी के तहत रिसर्च को करेंगे लीड, विद्यार्थियों को होगा फायदा

 मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर IIT के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का नया अध्यक्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व डॉक्टर के सिवान को बनाया गया है। यह उनके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। दरअसल, इन दिनों IIT इंदौर द्वारा बीटेक स्पेस टेक्नोलॉजी का आरम्भ किया है। इसी के तहत रिसर्च का कार्य किया जा रहा है जिसमें अब डॉ के सिवान का अनुभव भी काम आने वाला है।

डॉ के सिवान स्पेस एवं एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बहुत अधिक अनुभवी है। उनका यह अनुभव IIT के छात्र-छात्राओं को अब जल्द ही प्राप्त हो सकेगा। प्राप्त खबर के अनुसार, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के नए अध्यक्ष के सिवान का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा। उन्हें चेयरमैन डॉ दीपक फाटक की जगह दी गई है। जल्द ही वह IIT इंदौर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पद का कार्यभार संभाल सकते हैं। वही बात करें डॉ के सिवान के अनुभव एवं कार्य की तो उन्होंने 1982 में PSLV कार्यक्रम के साथ इसरो ज्वाइन किया था। उसके अनुभवों के कारण कई कार्यों में तेजी आई। वह डिजाइन एवं मिशन सिम्युलेशन में मास्टर है। उनकी रिसर्च सबसे विशेष होती है। 

उन्होंने स्पेस साइंस व इंजीनियरिंग में खूब रिसर्च की है। इतना ही नहीं इसी पर उन्होंने एजुकेशन भी प्राप्त किया है। डॉ के सिवान यरोस्पेस इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली इंजीनियरिंग, लॉन्च वाहन, मिशन डिजाइन, नियंत्रण, मार्गदर्शन डिजाइन, मिशन सिमुलेशन सॉफ्टवेयर डिजाइन, मिशन संश्लेषण एवं उड़ान प्रणालियों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उनका ये अनुभव IIT इंदौर के बहुत काम आने वाला है क्योंकि IIT इंदौर भी इसी पर कार्य कर रहा है। इस कारण ये IIT के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी साबित हो सकती है।

नए ऑर्बिट में स्थापित हुआ आदित्य एल 1, पहली बार कक्षा बदलने के बाद इसरो ने दिया बड़ा अपडेट

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चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग करने के बाद भारत ने दुनियाभर में अपना लोहा मनवाया है। अब सूरज से “साक्षात्‍कार” की बारी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारत का पहला सोलर मिशन आदित्‍य एल-1 लॉन्‍च हो चुका है।ये मिशन पृथ्वी से 15 लाख किमी की दूरी पर पहुंचकर सूर्य के रहस्यों से पर्दा हटाने की कोशिश करेगा. लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए आदित्य-एल1 को कई चरणों से होकर गुजरना होगा।इसी क्रम में लॉन्चिंग के एक दिन बाद आदित्य एल-1 रविवार पहली बार अपनी कक्षा बदली।आदित्य एल-1 दूसरी कक्षा में स्थापित हो गया है। 

इसरो ने जानकारी दी है कि उसके सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने आज सफलतापूर्वक कक्षा बदल ली है। इसरो ने रविवार को ट्वीट करते हुए बताया कि आदित्य एल1 सैटेलाइट स्वस्थ है और वह अपना काम अच्छी तरह से कर रही है। इसरो ने यह भी बताया कि सैटेलाइट ने पृथ्वी का पहला चक्कर लगा लिया है, यानी अर्थ-बाउंड मैन्यूवर पूरा कर लिया है और अब वह दूसरे ऑर्बिट में पहुंच गया है। 

पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा

इसरो ने रविवार को सुबह करीब 11.45 बजे पहली अर्थ बाउंड फायरिंग की जिसकी मदद से आदित्य एल1 ने कक्षा बदली। अब आदित्य एल1 पृथ्वी से 22,459 किलोमीटर दूर है और अब अगला मैनुवर पांच सितंबर 2023 को किया जाएगा। इसरो ने बताया कि आदित्य एल1 ने पावर जेनरेट करना शुरू कर दिया है। अर्थ बाउंड मैनुवर्स की मदद से यह फायरिंग की गई। जिससे आदित्य एल1 ने अपनी कक्षा बदलकर अगली कक्षा में प्रवेश किया। आदित्य एल1 पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा। इस दौरान पांच बार इसकी कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायरिंग की जाएगी। आदित्य एल-1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा। इसके बाद थ्रस्टर फायर किए जाएंगे और यह एल-1 की ओर आगे बढ़ जाएगा।

 

110 दिन बाद लैग्रेंजियन पॉइंट पर पहुंचेगा आदित्य एल1

110 दिन की यात्रा के बाद आदित्य एल1 लैग्रेजियन-1 पॉइंट पर पहुंचेगा। लैग्रेंजियन-1 पॉइंट पहुंचने के बाद आदित्य एल1 में एक और मैनुवर किया जाएगा, जिसकी मदद से आदित्य एल1 को एल1 पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। यही से आदित्य एल1 सूरज की स्टडी करेगा। यह लैग्रेंजियन पॉइंट सूरज की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है। 

इसरो को उम्मीद है कि चंद्रयान-3 की तरह आदित्य एल 1 मिशन भी अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब होगा। चुनौतियों के बावजूद आदित्य एल-1 मिशन में अपार संभावनाएं हैं। हालांकि आदित्य एल-1 मिशन की पूरी तरह सफलता का आकलन करने के लिए लगभग चार महीने तक इंतजार करना होगा।