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चतरा में भरी पंचायत में प्रेमी युगल को ग्रामीणों ने बांधकर की पिटाई, प्रेमिका की मौत,सात लोग गिरफ्तार

चतरा सदर थाना के बरैनी पंचायत मसूरिया तरी में प्रेमी प्रेमिका को जमकर पिटाई की गयी. जिसमें प्रेमिका की मौत हो गयी. प्रेमी की स्थिति गंभीर बनी हुई है. 

दोनों की पिटाई भरी पंचायत में की थी. पुलिस गांव पहुंचकर महिला का शव बरामद किया. इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है.

 यह मामला 30 जून को सदर थाना क्षेत्र में स्थानीय लोगों के एक समूह ने एक जोड़े की पिटाई कर दी थी.

संताली भाषा को राजभाषा की दर्जा और पढ़ाई के सिलेबस में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड बंद का चांडिल में रहा असर

संताली भाषा को राज भाषा की दर्जा एवं पढ़ाई के कोर्स में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड बंद का आज आयोजन किया गया था जिसका सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल में असर रहा. टाटा रांची मुख्य मार्ग संख्या एनएच 33 चांडिल गोल चक्कर में छोटी बड़ी वाहनों की लंबी कतारें लग गई. 

वहीं बंद समर्थकों ने एन एच-33 पर टायर जलाकर बंद किया . बंद समर्थक ने कहा कि ओलचिकी भाषा को लेकर झारखंड सरकार से हमारी मांगे हैं कि झारखंड प्रदेश में संताली भाषा का ओल चिकी लिपि से पुस्तकों का मुद्रण एवं पठन-पाठन आरम्भ करे, संथाली शिक्षकों का बहाली हो, संताली भाषा को प्रथम राज भाषा का दर्जा देना होगा, अलग से संताली अकादमी का गठन करना होगा जैसे मांगे शामिल हैं.

आज 4 को झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति की बैठक, लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव को लेकर होगी मंथन

झामुमो केंद्रीय समिति की बैठक रांची स्थित सोहराई भवन में आयोजित है। इसकी अध्यक्षता शिबू सोरेन करेंगे। जो बैठक में शामिल होने के लिए सोहराई भवन में पहुंच गए हैं। 

 कार्यकारी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री! हेमंत सोरेन भी इस बैठक में शामिल होंगे। केंद्रीय समिति की बैठक में सांसद विधायक व ढाई सौ सदस्यों के साथ पार्टी की अगली दिशा क्या होगी इस पर विचार विमर्श करेंगे। बताया गया कि अगले वर्ष लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव पर चर्चा होगी साथ ही कार्यकर्ताओं को चुनावी त्यारी में जुट जाने का आवाहन किया जाएगा।

आइए जानते है सावन के पवित्र महीने में किन किन खाध पदार्थ का करना पड़ता है परहेज, और क्यों जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...?*


पंचांग के अनुसार आज से श्रावण मास यानी सावन शुरू हो गया है सावन का महीना का बहुत पवित्र माना जाता है। श्रावण मास यानी सावन माह की शुरुआत होते ही सड़कों पर 'बोल बम' के नारे लगने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रावण मास कुछ खाद्य पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाता है? मांसाहार के अलावा हरी सब्जियां, बैंगन आदि खाना और यहां तक ​​कि दूध पीना भी वर्जित है। लेकिन क्यों? आइए आज हम इसी बारे में बात करते हैं और समझते हैं कि इस महीने में पांच चीजों का सेवन करना क्यों वर्जित है। 

दूध

दूध बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है और डॉक्टर इसे रोजाना पीने की सलाह देते हैं। लेकिन कहा जाता है कि सावन में दूध से परहेज करना चाहिए। ऐसा किस लिए?

धार्मिक मान्यता: सावन के महीने को भगवान शिव का महीना माना जाता है, हर दिन शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है दूध; इसलिए इस दौरान दूध पीने से मना किया जाता है। 

वैज्ञानिक मान्यता : लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस माह में दूध पीने की मनाही है। क्योंकि इस महीने में बहुत अधिक बारिश होती है जिसमें गायें कीड़े या सड़ी हुई घास की पत्तियाँ खाती हैं जिनमें कई रोगाणु हो सकते हैं। ऐसे में दूध उतना स्वास्थ्यवर्धक नहीं है जितना आम दिनों में होता है। इसलिए इस माह में दूध पीने की मनाही है।

मांस और मछली 

सावन में मांस-मछली नहीं खाई जाती. हिंदू धर्म में इसके पीछे कई धार्मिक कारण हैं। वहीं, वैज्ञानिक तौर पर भी मानसून के दौरान मछली का सेवन नहीं किया जाता है क्योंकि यही वह मौसम होता है जब मछलियां अंडे देती हैं (जो इंसानों के लिए हानिकारक हो सकता है)। वहीं, चिकन और मटन अच्छे से पच नहीं पाता, जिससे पेट खराब हो जाता है। इसलिए इन सभी कारणों से सावन में मांस-मछली से परहेज करना चाहिए।

हरी सब्जियां 

सावन माह में हरी सब्जियां भी वर्जित हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश में मच्छर और मक्खियाँ बहुत फैलती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों में भी कई कीटाणु होते हैं जो पेट और त्वचा संबंधी रोगों का कारण बनते हैं। इसलिए इनसे दूर रहने के लिए सावन के महीने में हरी सब्जियों से परहेज करने को कहा जाता है.

स्ट्रीटबज न्यूज: आइए जानते है सावन के पवित्र महीने में किन किन खाध पदार्थ का करना पड़ता है परहेज, और क्यों जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...?


पंचांग के अनुसार आज से श्रावण मास यानी सावन शुरू हो गया है सावन का महीना का बहुत पवित्र माना जाता है। श्रावण मास यानी सावन माह की शुरुआत होते ही सड़कों पर 'बोल बम' के नारे लगने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रावण मास कुछ खाद्य पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाता है? मांसाहार के अलावा हरी सब्जियां, बैंगन आदि खाना और यहां तक ​​कि दूध पीना भी वर्जित है। लेकिन क्यों? आइए आज हम इसी बारे में बात करते हैं और समझते हैं कि इस महीने में पांच चीजों का सेवन करना क्यों वर्जित है। 

दूध

दूध बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है और डॉक्टर इसे रोजाना पीने की सलाह देते हैं। लेकिन कहा जाता है कि सावन में दूध से परहेज करना चाहिए। ऐसा किस लिए?

धार्मिक मान्यता: सावन के महीने को भगवान शिव का महीना माना जाता है, हर दिन शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है दूध; इसलिए इस दौरान दूध पीने से मना किया जाता है। 

वैज्ञानिक मान्यता : लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस माह में दूध पीने की मनाही है। क्योंकि इस महीने में बहुत अधिक बारिश होती है जिसमें गायें कीड़े या सड़ी हुई घास की पत्तियाँ खाती हैं जिनमें कई रोगाणु हो सकते हैं। ऐसे में दूध उतना स्वास्थ्यवर्धक नहीं है जितना आम दिनों में होता है। इसलिए इस माह में दूध पीने की मनाही है।

मांस और मछली 

सावन में मांस-मछली नहीं खाई जाती. हिंदू धर्म में इसके पीछे कई धार्मिक कारण हैं। वहीं, वैज्ञानिक तौर पर भी मानसून के दौरान मछली का सेवन नहीं किया जाता है क्योंकि यही वह मौसम होता है जब मछलियां अंडे देती हैं (जो इंसानों के लिए हानिकारक हो सकता है)। वहीं, चिकन और मटन अच्छे से पच नहीं पाता, जिससे पेट खराब हो जाता है। इसलिए इन सभी कारणों से सावन में मांस-मछली से परहेज करना चाहिए।

हरी सब्जियां 

सावन माह में हरी सब्जियां भी वर्जित हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश में मच्छर और मक्खियाँ बहुत फैलती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों में भी कई कीटाणु होते हैं जो पेट और त्वचा संबंधी रोगों का कारण बनते हैं। इसलिए इनसे दूर रहने के लिए सावन के महीने में हरी सब्जियों से परहेज करने को कहा जाता है.

अपडेट: राँची: झारखंड सरकार में फिर मिला विरासत को कमान,दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी बनी झारखंड सरकार में मंत्री


राँची: पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी आज झारखंड की हेमंत सरकार में ली मंत्री पद की शपथ। राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री सत्यानन्द भोक्ता, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह समेत कई मंत्री और अधिकारी मौजूद थे।

बता दें, जगरनाथ महतो के निधन के बाद से लम्बे समय से शिक्षा मंत्री का पद रिक्त था। बेबी देवी को मंत्रिपद मिलने के बाद उम्मीद है उन्हें शिक्षा विभाग ही मिलेगा। इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन की ओर से राजभवन को पत्र भेजा गया था। जिस पर राज्यपाल ने सहमति दे दी है।

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद पद था खाली

 जगरनाथ महतो कोरोना काल में गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। लंबी बीमारी के बाद पिछले 6 अप्रैल को निधन हो गया था। उसके बाद से जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी या पुत्र अखिलेश महतो को मंत्री बनाए जाने की चर्चा और अटकलें चल रही थीं। सम्भवतः अखिलेश महतो की उम्र उनके मंत्री बनने में बाधा बन गयी। 

उनकी आयु 25 वर्ष पूरी नहीं होने के कारण सीएम हेमंत सोरेन ने जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाने का निर्णय लिया।

 फिर मिला विरासत को कमान

हेमंत सोरेन सरकार में एक बार फिर विरासत को कमान सौंपने की घटना दोहराई गयी है। इससे पहले मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का निधन के बाद उनके पुत्र हफीजुल हसन को मंत्री बना गया था। बाद में वह मधुपुर उपचुनाव में विजयी होकर विधानसभा पहुंचे। और अब जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाया जा रहा है।

गिरिडीह: मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के लेदा बड़का अहार के समीप युवक का शव बरामद, हत्या की आशंका


गिरिडीह. मुफ्फसिल थाना इलाके के लेदा के बड़का अहार के समीप सोमवार की सुबह एक युवक का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गयी. 

मृतक की पहचान धर्मपुर गावं निवासी शंकर तुरी के रूप में की गयी. घटना की सूचना मिलने के बाद मुफ्फसिल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया है. बता दें कि परिजनों का कहना है कि किसी ने युवक की हत्या कर दी है.

पश्चिम सिंहभूम के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बुजुर्ग दंपती की गला रेतकर हत्या,क्षेत्र में सनसनी

पश्चिम सिंहभूम जिला के नक्सल प्रभावित इलाके में रविवार की रात अज्ञात अपराधियों ने बुजुर्ग दंपती की धारदार हथियार से वारकर हत्या कर दी. घटना कराईकेला थाना क्षेत्र अंतर्गत ओटार पंचायत के जोमरो आदिवासी टोला की है. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए चक्रधरपुर भेज दिया. 

जानकारी के मुताबिक आदिवासी टोला के सकारी दिग्गी एवं पत्नी बदेगी दिग्गी अपने घर में रात को आराम कर रही थी. इसी दौरान अज्ञात अपराधियों ने धारदार हथियार से सकारी दिग्गी एवं बदेगी दिग्गी के सर पर वार किया. जिससे घटनास्थल पर ही दोनों की मौत हो गई.

आज दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी ने ली मंत्री पद की शपथ

राँची: दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी आज मंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उनका शपथ ग्रहण करवाया.

आज सुबह हीं मंत्री पद की शपथ लेने बेबी देवी राजभवन पहुंच चुकी थी . अतिथि भी राजभवन पहुंच गए थे .इस दौरान वहीं मंत्री मिथिलेश ठाकुर राजभवन से नाराज होकर वापस लौट गए. बताया जा रहा कि उनके साथ गाड़ी पर मौजूद जेएमएम प्रवक्ता को जाने से रोका गया तो मंत्री नाराज हो गए.

सीएम सोरेन ने की घोषणा, राज्य के बुजुर्ग,दिव्यांग और छात्र को मिलेगी फ्री बस सेवा,मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत होगा बसों का संचालन

झारखंड के।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ दिव्यांगों और छात्र-छात्राओं को शीघ्र ही निशुल्क बस सेवा उपलब्ध कराने की घोषणा की है।इन बसों का संचालन मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत होगा।

उन्हने कहा कि राज्य में काम की कमी नहीं है। आप हाथ बढ़ाएं, सरकार आपके दरवाजे तक योजना पहुंचाएगी। वह शुक्रवार को साहिबगंज के बरहेट स्थित भोगनाडीह में हूल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान उन्होंने 15 करोड़ 71 लाख रुपये की 99 योजनाओं का जहां उद्घाटन किया, वहीं 148 करोड़ 63 लाख रुपये की 517 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर 12 करोड़ 80 लाख रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण भी किया।

हेमंत सोरेन ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पुरुषों संग महिलाएं भी कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहीं हैं। परिसंपत्तियों के वितरण के क्रम में कई ट्रैक्टर महिलाओं को दिए गए हैं, जिन्हें वह स्वयं चलाएंगी। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि हड़िया-दारू छोड़ कर योजनाओं का लाभ लें। युवाओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें रोजगार दिया जा रहा है। हाल ही में लगभग तीन हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए उत्कृष्ट विद्यालयों की शुरुआत की है। पूर्व सांसद विजय कुमार हांसदा ने कहा कि सरकार विकास की अनेक योजनाएं चला रही हैं, आमलोग इसका लाभ लेकर अपना जीवन स्तर उन्नत करें।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पंचकठिया क्रांति स्थल पर पूजा-अर्चना की। इसके बाद बूंदाबांदी के बीच भोगनाडीह पहुंचे और हूल क्रांति के नायक सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। साथ ही उनके वंशजों के घर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया।

सीएम ने इस बीच कालाजार के उपचार के बाद की योजना के तहत 6600 रुपये दो लाभुकों को प्रदान किए। साथ ही टीबी की रोकथाम के लिए एक मरीज़ को निश्चय मित्र के रूप में फूड बास्केट दिया। इस बीच उन्होंने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत चेक के अलावा आभा कार्ड, आयुष्मान कार्ड आदि का भी वितरण किया। साथ ही अनुकंपा पर बहाल दो लोगों और दो चिकित्सकों को नियुक्त पत्र तथा 429 सखीमंडल समूह को 10.77 करोड़ का चेक दिया।

इसी क्रम में उन्होंने सदर अस्पताल में नेक्स्ट जेन ई- अस्पताल का शुभारंभ किया। इसके माध्यम से जहां अब ओपीडी के लिए आनलाइन समय लिया जा सकता है, वहीं रिम्स और एम्स के डाक्टरों से भी मरीज परामर्श लिया जा सकेगा।

बरहेट के पेटखस्सा में निर्मित फूलो-झानो स्मृति वन का किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने इस बीच वन विभाग द्वारा बरहेट के पेटखस्सा में निर्मित फूलो-झानो स्मृति वन का उद्घाटन भी किया। गुमानी बराज परियोजना में दी गई वनभूमि के बदले क्षतिपूर्ति के तौर पर मिले 2.57 हेक्टेयर में इसका निर्माण कराया गया है। मुख्यमंत्री ने सात दिसंबर 2021 को इसका शिलान्यास किया था।

वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि पार्क को सभी के लिए खोल दिया गया है। पार्क में एक तालाब है, जिसमे फव्वारा लगाया गया है। यह काफी मनमोहक है। साथ ही पार्क में कई प्रकार के फूलों की प्रजातियां लगाई गई है। बच्चों के खेलने के लिए भी यहां काफी व्यवस्था है।

इस पार्क के बन जाने से शिवगादी धाम जाने वाले पर्यटकों को घूमने में काफी सुविधा होगी। उधर, कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सखुआ का पौधा लगाकर 74वें वन महोत्सव की शुरूआत की।