बालासोर ट्रेन दुर्घटना का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सुरक्षा मानकों की जांच के लिए आयोग का गठन करने की मांग
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ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है और एक हजार से अधिक घायल हो गए हैं। इस हादसे के बाद रेलवे के सुरक्षा इंतजाम पर सवाल उठ रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।मामले की जांच को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ पैनल बनाया जाए, जो बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच करे।
विशाल तिवारी नाम के सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने मामले को लेकर याचिका दाखिल की है।पीआईएल में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि वह सरकार को रेलवे में मौजूदा जोखिम और सुरक्षा मानकों की जांच के लिए आयोग का गठन करे। आयोग में विशेषज्ञ को शामिल किया जाए और इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज करें। यह आयोग रेलवे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करे।विशाल यिवारी ने अपनी याचिका में मांग की है कि कवच और अन्य सुरक्षा मानकों की गहन जांच होनी चाहिए। रेल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश बनाए जाएं और आयोग दो महीने में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे।
आपको बता दें कि कवच सिस्टम इस रूट में एक्टिव नहीं था। अगर ये सिस्टम एक्टिव होता तो शायद ये हादसा टल जाता। अभी तक कुछ ही रूट्स पर इसको लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को नोटिस जारी करे औऱ कहे कि वो जल्द से जल्द सभी रूटों पर इसको फिक्स करे ताकि यात्रियों की जान को कोई खतरा न हो।
बता दें कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हाल के वर्षों में सबसे बड़ा रेल हादसा हुआ था। हादसे में तीन ट्रेनें (दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी) शामिल थी। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानागा बाजार स्टेशन के पास ट्रैक पर पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ये डिब्बे दूसरे ट्रैक पर चले गए थे जिसपर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस तेज रफ्तार से आ रही थी। इसने पटरी पर मौजूद डिब्बों को टक्कर मार दी। दोनों पैसेंजर ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।
Jun 04 2023, 13:58