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चीन की विस्तारवाद की नीति को लग सकता है तगड़ा झटका, US ने अरुणाचल प्रदेश को बताया भारत का अभिन्न हिस्सा, सीनेट में प्रस्ताव पेश

अरुणाचल प्रदेश को US ने भारत का अभिन्न हिस्सा बताया है।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद में अरुणाचल प्रदेश से जुड़ी चीन की सीमा भी दोनों देशों के बीच टकराव की एक वजह है। इस विवाद के बीच अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में एक प्रस्ताव पेश किया गया है। इस प्रस्ताव का दूरगामी असर हो सकता है और चीन की विस्तारवाद की नीति को तगड़ा झटका लग सकता है।

सीनेट में लाए गए प्रस्ताव के अनुसार अमेरिका, अरुणाचल प्रदेश को चीन से अलग करने वाली लाइन मैकमोहन रेखा को बतौर अंतर्राष्ट्रीय बाउंड्री की तरह मान्यता देता है। इसका मतलब यह है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा मानता है। इस प्रस्ताव को दो सीनेटरों ने पेश किया है। बता दें कि अमेरिकी संसद की तुलना भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा से की जा सकती है।

सीनेटर बिल हेगार्टी, जिन्होंने सीनेटर जेफ मर्कले के साथ मिलकर इस प्रस्ताव को सीनेट में पेश किया है, ने कहा कि, "ऐसे समय में जब चीन मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक आइडिया के लिए गंभीर खतरे पैदा कर है, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए इस क्षेत्र में हमारे रणनीतिक साझीदारों विशेष रूप से भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना महत्वपूर्ण है।

अरुणाचल प्रदेश पर अमेरिका की चीन को दो टूक

बिल हेगार्टी ने न सिर्फ अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया बल्कि चीन के घुसपैठ की कोशिशों की भी निंदा की। उन्होंने कहा, यह प्रस्ताव अरुणाचल प्रदेश राज्य को भारत के अभिन्न हिस्से के रूप में मान्यता देने के लिए सीनेट को समर्थन को व्यक्त करता है। इसके अलावा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति को बदलने के लिए चीन की सैन्य आक्रामकता की निंदा करता है। 

मैकमोहन रेखा को अमेरिका की मान्यता

बता दें कि डोकलाम में भारत और चीन के बीच हुए टकराव के लगभग 6 साल बाद आए इस प्रस्ताव से इस बात की पुष्टि हो गई है कि अमेरिका मैकमोहन रेखा को भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय रेखा के रूप में मान्यता देता है।

इस प्रस्ताव से चीन की विस्तारवादी नीतियों को भी झटका लगा है जिसके तहत चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश चीन की जमीन है। बता दें कि हाल के दिनों में चीन अपनी विस्तारवादी छवि पर चलते हुए उग्र विदेश नीति का पालन करता हुआ दिख रहा है।

सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा कि स्वतंत्रता और कानून आधारित व्यवस्था को समर्थन करने की अमेरिकी नीति हमारे सभी कार्यों का बेसिक उद्देश्य होना चाहिए। ये तब और भी जरूरी हो जाता है जब चीन इस दिशा में एक वैकल्पिक विचारधारा पेश करता है।

उन्होंने कहा कि, "यह संकल्प स्पष्ट करता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारतीय गणराज्य के हिस्से के रूप में देखता है, न कि चीन के हिस्से के रूप में." मर्कले ने कहा कि यह प्रस्ताव अमेरिका को समान विचारधारा वाले अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ क्षेत्र में समर्थन और सहायता को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध करता है।

भारत की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना

दो सीनेटरों की ओर से पेश इस प्रस्ताव में चीन की ओर से उकसावे की कार्रवाई की भी निंदा की गई है। इसके अलावा सैन्य शक्ति का इस्तेमाल कर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की स्थिति में बदलाव लाने की कोशिश की भी निंदा की गई है। इस प्रस्ताव में सीमावर्ती इलाकों में चीन की ओर से किये जा रहे निर्माण, मंडेरिन भाषा में स्थानीय शहरों के नक्शों की छपाई, अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र में दिखाने की कोशिश जैसे कदमों की निंदा की गई है।

इसके अलावा इस प्रस्ताव में चीनी आक्रमकता के खिलाफ भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई है

 इन कदमों में भारत के दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित रखना, सप्लाई चेन की लगातार सुरक्षा, चीन के साथ सहयोग में इजाफा शामिल है।

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार? जानें नोबेल कमेटी के डिप्टी लीडर ने क्या कहा

#nobelprizepanelmemberhailspmmodisaymostcrediblefaceofpeace 

नोबेल प्राइज कमेटी के डिप्टी लीडर असल तोजे ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्र मोदी की जमकर तारीफ की है। पिछले एक साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के प्रयासों की असल तोजे ने सराहना की है। असल तोजे ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से रूसी राष्ट्रपति को युद्ध के बारे में समझाया, वो काबिले तारीफ है। उन्होंने बिना कोई धमकी दिए परमाणु यद्ध के परिणामों के बारे में पूरी दुनिया को समझाया दिया। हमें अंतरराष्ट्री राजनीति में इसी तरह के लीडर की जरूरत है। साथ ही तोजे ने कहा, 'भारत का सुपरपावर बनना तय है।

पीएम मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के प्रबल दावेदार

असल तोजे ने कहा कि नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। बकौल तोजे, पीएम मोदी भरोसेमंद नेता हैं। वह शांति स्थापित कर सकते हैं। वह दुनिया के बड़े नेताओं में शुमार हैं। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति को पीएम मोदी ने बताया कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह तारीफ के काबिल है।

भारत ने किसी से तेज आवाज में बात नहीं की

नोबेल प्राइज कमेटी के डिप्टी लीडर ने कहा कि भारत ने किसी से तेज आवाज में बात नहीं की, किसी को धमकी नहीं दी, सिर्फ दोस्ताना तरीके से अपनी स्थिति से अवगत कराया। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हमें इसकी और जरूरत है।

भारत का महाशक्ति बनना तय

भारत को शांति की विरासत बताते हुए असल तोजे ने कहा कि भारत का महाशक्ति बनना तय है। उन्होंने भारत को विकसित देश बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान के लिए भी उनकी तारीफ की। तोजे ने कहा कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं जो न केवल भारत और इसकी अर्थव्यवस्था के उत्थान का ख्याल रखते हैं बल्कि दुनिया भर के मामलों में योगदान और भागीदारी भी करते हैं।

बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार समिति के सदस्य असल तोजे अपने भारत दौरे पर हैं। ऐसे में तोजे के बयान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नोबेल शांति पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है, जो शांति को बढ़ावा देने और संघर्षों को हल करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को मान्यता देता है। पीएम मोदी का नाम पहले भी कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उठा था। कई लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, गरीबी को कम करने और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने की वकालत की है

विक्रमशिला सुपरफास्ट ट्रेन में फटा यात्री का मोबाइल, कोच हुआ धुआं-धुआं, मची अफरा-तफरी, एक घायल

बिहार के भागलपुर से आनंद विहार जा रही विक्रमशिला सुपरफास्ट ट्रेन के स्लीपर कोच में एक यात्री का मोबाइल फट गया, जिससे पूरे कोच में धुआं-धुआं हो गया। लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इसमें एक यात्री घायल हो गया। घटना विक्रमशिला सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कोच संख्या एस-9 में हुई है।

घायल यात्री की पहचान खड़गपुर निवासी संदीप कुमार के तौर पर हुई है। मोबाइल फटने की घटना से संदीप कुमार का पैर जल गया। संदीप को उपचार के लिए रेल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के कारण विक्रमशिला एक्सप्रेस जमालपुर स्टेशन से करीब 15 मिनट की देरी से आनंद विहार के लिए रवाना हुई। मोबाइल विस्फोट के कारण कोच के साथ ही प्लेटफार्म संख्या एक पर भी अफरा-तफरी मच गई। आरपीएफ मामले की जांच कर रही है।

लंदन में दिए बयान पर मचे बवाल के बीच राहुल का कटाक्ष, कहा-मुझे बोलने का मौका दिया गया तो लोकसभा में दूंगा जवाब

#rahul_gandhi_in_parliament_if_allowed_to_speak_in_the_house

लंदन में दिए बयान के बाद मचे सियासी संग्राम के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार (15 मार्च) को भारत लौट आए। आज वह संसद भी पहुंचे।संसद से बाहर निकलते हुए राहुल ने ब्रिटेन में अपने बयान को लेकर कहा कि अगर मुझे संसद में बोलने का मौका दिया जाता है तो मैं अपने विचार सामने रखूंगा।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से संसद जाते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, मैंने भारत विरोधी कुछ भी नहीं बोला। अगर वे अनुमति देंगे तो मैं संसद के अंदर बोलूंगा।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर राहुल गांधी कुछ कहते हैं और इससे कांग्रेस को परेशानी होती है, तो इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अगर वह हमारे देश को बदनाम करते हैं, तो इस देश के नागरिक के रूप में हम चुप नहीं बैठ सकते। रिजिजू ने कहा, राहुल गांधी को अपने लंदन सेमिनार में कही गई बातों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने हमारे लोकतंत्र, न्यायपालिका और देश का अपमान किया है। हमें अपने देश के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर विपक्ष को उकसाने का आरोप लगाते हुए आज गुरुवार को कहा कि वह अडानी मुद्दे और अपनी ‘नाकामियों’ पर चर्चा से बचने के लिए संसद नहीं चलने दे रही है। खरगे ने एक बार फिर कहा कि राहुल गांधी की ब्रिटेन में की गई टिप्पणी को लेकर माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है।

बता दें कि लंदन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने लेक्चर को लेकर राहुल गांधी भाजपा और मोदी सरकार के निशाने पर हैं। इसे लेकर संसद में हंगामा मचा हुआ है और भाजपा लगातार उनसे माफी मांगने की मांग कर रही है। बीजेपी ने मांग की है कि राहुल गांधी विदेशी धरती पर भारत का अपमान करने के लिए संसद से माफी मांगें।इसी हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही रोजाना बाधित हो रही है।

भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर अरुणाचल में हादसे का शिकार, पालयट लापता

#indian_army_cheetah_helicopter_has_crashed

अरुणाचल प्रदेश में बड़ा हादसा हुआ है। भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश के मंडला पहाड़ी इलाके के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।हादसे के बाद पायलटों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।

पीआरओ, डिफेंस गुवाहाटी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला के पास ऑपरेशनल सॉर्टी में आर्मी एविएशन चीता हेलीकॉप्टर उड़ान पर था। सुबह लगभग 09:15 बजे इसके एटीसी से संपर्क टूटने की सूचना मिली थी। सर्च अभियान शुरू कर दिया गया है।

*कम नहीं हो रही जेल में बंद मनीष सिसोदिया की मुश्किलें, अब जासूसी मामले में एफआईआर

#cbiregisterscaseagainstmanish_sisodia

जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।सीबीआई ने सिसोदिया पर यह दूसरी एफआईआर दर्ज की है।यह एफआईआर दिल्ली फीडबैक यूनिट (एफबीयू) भ्रष्टाचार मामले में की गई है।बता दें कि मनीष सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।

सिसोदिया समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी

सीबीआई ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की कथित ‘फीडबैक यूनिट’ (एफबीयू) से जुड़े एक जासूसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत सात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित एफबीयू ने कथित तौर पर ‘राजनीतिक खुफिया जानकारी’ एकत्र की। 

एमएचए की मंजूरी के 14 दिन बाद एफआईआर

बीती 8 फरवरी को सीबीआई फीडबैक यूनिट के कथित जासूसी मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से आप नेता के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय जांच एजेंसी को सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। इसके बाद से ही मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की आशंका जताई जा रही थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दिए जाने के 14 दिन बाद सीबीआई ने 14 मार्च को एफआईआर दर्ज की है।

इन लोगों पर दर्ज हुआ केस

सिसोदिया के अलावा जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है उनमें, तत्कालीन विजिलेंस सेक्रेटरी सुकेश कुमार जैन, रिटायर्ड डीआईजी, सीआईएसएफ एंड स्पेशल एडवाइजर टू सीएम एंड जॉइंट डायरेक्टर फीडबैक यूनिट, रिटायर्ड जॉइंट डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप कुमार पुंज (डिप्टी डायरेक्टर एफबीयू), रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट सीआईएसएफ सतीश खेत्रपाल (फीड बैक अफसर), गोपाल मोहन (दिल्ली सीएम के एडवाइजर) और एक अन्य नाम शामिल हैं।

एफबीयू में नियुक्तियों के लिए उपराज्यपाल से कोई मंजूरी नहीं ली गई

बता दें कि दिल्ली में आप के सत्ता में आने के बाद इस विभाग के तहत फीडबैक यूनिट बनाई गई थी। एजेंसी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में एक कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन कोई एजेंडा नोट प्रसारित नहीं किया गया था। उसने आरोप लगाया कि एफबीयू में नियुक्तियों के लिए उपराज्यपाल से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा था कि फीडबैक इकाई ने उसे सौंपी गई जानकारी एकत्र करने के अलावा राजनीतिक खुफिया/विविध गोपनीय जानकारियों को भी एकत्र किया।

महबूबा मुफ़्ती ने पुंछ जिले के नवग्रह मंदिर में शिवलिंग का किया जलाभिषेक, बीजेपी ने बताया नौटंकी

#mehbooba_mufti_performed_jalabhishek_shivling

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती काफी बदल गई हैं। जीं हां, अपने बदले हुए व्यवहार के कारण पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती चर्चा में आ गई है। मुफ्ती के चर्चा में आने का कारण है उनका शिवलिंग का जलाभिषेक करना। दरअसल, महबूबा मुफ्ती पूंछ जिले की दौरे पर थीं और उन्होंने नवग्रह मंदिर में पूजा अर्चना की और शिवलिंग पर जल चढ़ाया है। यही नहीं, उन्होंने मंदिर में बनी पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ पीडीपी नेता यशपाल शर्मा की मूर्ति पर फूल भी चढ़ाए।

मुफ्ती दो दिवसीय पूंछ जिले के दौरे पर हैं।दौरान महबूबा मुफ्ती यहां के नवग्रह मंदिर गई थी। यहां महबूबा मुफ्ती ने न सिर्फ मंदिर में अंदर घूमकर निरीक्षण किया बल्कि शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया।मुफ्ती ने नवग्रह मंदिर में काफी समय व्यतीत किया। महबूबा मुफ़्ती ने जिस नवग्रह मंदिर का दौरा किया, इसका निर्माण पीडीपी के पूर्व एमएलसी यशपाल शर्मा ने करवाया था। मंदिर के अन्दर यशपाल शर्मा की प्रतिमा भी लगाई गई है।वहां स्थापित पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ पीडीपी नेता यशपाल शर्मा की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन भेंट किए। इस अवसर पर पीडीपी नेताओं के साथ दिवंगत यशपाल शर्मा के पुत्र एवं युवा समाज सेवक डॉ. उदेशपाल शर्मा भी मौजूद रहे।

बीजेपी बोली- ड्रामा

वहीं महबूबा मुफ़्ती के जलाभिषेक करने पड़ बीजेपी ने उनपर निशाना साधा है। भाजपा ने महबूबा के मंदिर जाने को ड्रामा बताया है। पार्टी ने कहा कि कभी महबूबा ने अमरनाथ धाम के लिए जमीन देने से इनकार कर दिया था।बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रणवीर सिंह ने कहा कि ये पीडीपी प्रमुख की एक मात्र नौटंकी है। उन्होंने कहा, “2008 में महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी ने अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड को भूमि आवंटन का विरोध किया था। महबूबा मुफ्ती की पार्टी ने तीर्थयात्रियों के लिए हट के निर्माण के लिए श्राइन बोर्ड को भूमि के अस्थायी हस्तांतरण की अनुमति नहीं दी थी।

देवबंद के मौलाना बोले- यह इस्लाम के खिलाफ

इधर, देवबंद के मौलाना असद कासमी ने महबूबा के मंदिर जाने और वहां शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विरोध किया है। कासमी ने कहा- महबूबा ने जो किया, वह गलत है। यह इस्लाम के खिलाफ है।

राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर सियासत जारी, अब किरेन रिजिजू का हमला, बोले- हमें देश के विरूद्ध बोलने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए

#kiren_rijiju_s_big_attack_on_congress

राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर सियासी बवाल कम होता नहीं दिख रहा है। राहुल गांधी के लंदन में दिए बयानों पर बीजेपी हमलावर है।अब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनसे माफी की मांग की है।

लंदन सेमिनार में कही गई बातों के लिए माफी की मांग

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर राहुल गांधी कुछ कहते हैं और इससे कांग्रेस को परेशानी होती है, तो इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अगर वह हमारे देश को बदनाम करते हैं, तो इस देश के नागरिक के रूप में हम चुप नहीं बैठ सकते। रिजिजू ने कहा, राहुल गांधी को अपने लंदन सेमिनार में कही गई बातों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने हमारे लोकतंत्र, न्यायपालिका और देश का अपमान किया है। हमें अपने देश के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

खड़गे ने कहा-माफ़ी का सवाल ही नहीं

वहीं किरेन रिजिजू के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि माफ़ी का सवाल ही नहीं। उन्होंने कहा, “यह उनकी साजिश है कि संसद नहीं चलने दी जाए और अडानी मामले में जेपीसी जांच की हमारी मांग को नजरअंदाज किया जाए। वे बेरोजगारी और मुद्रास्फीति के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। इससे पहले कई मौकों पर मोदी जी विदेशों में भारत के खिलाफ बोल चुके हैं। माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है।

राहुल के माफी मांगने पर अड़ा सत्ता पक्ष

सोमवार से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही में सत्ताधारी पार्टी राहुल गांधी की ओर से माफी मांगने पर अड़ी हुई है। राहुल गांधी के माफी मांगने को लेकर सोमवार को भी दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिला था। मंगलवार और बुधवार को भी हंगामी की वजह से संसद की कार्यवाही अधिकतर समय तक स्थगित रही थी।

क्या कहा था राहुल गांधी ने

बता दें कि हाल ही में राहुल गांधी लंदन के दौरे पर गए थे। उस दौरान उन्होंने लंदन में हाउस ऑफ पार्लियामेंट परिसर में एक कार्यक्रम में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि हमारे यहां लोकसभा में अक्सर विपक्षी सांसदों के माइक बंद कर दिए जाते हैं। हमें चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जाती। राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी हमला बोला और कहा कि आरएसएस ने भारत के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग सभी खतरे में हैं। राहुल गांधी ने सरकार पर उनकी जासूसी करने और चीन के साथ सीमा विवाद पर भी सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।

*ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में खालिस्तानी समर्थकों का उत्पात, जबरन बंद कराया भारतीय वाणिज्य दूतावास*

#indian_consulate_in_brisbane_closed_by_khalistani_supporters_posters 

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज हाल ही में अपने देश में भारत विरोधी तत्वों पर अंकुश लगाने का आश्वासन दिया था। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के आश्वासन के कुछ दिन बाद ही ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में बुधवार को खालिस्तानी समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। ब्रिस्‍बेन में भारतीय वाणिज्‍य दूतावास पर खालिस्‍तान समर्थकों ने हमला बोला और भारतीय वाणिज्य दूतावास को जबरन बंद करा दिया।

यह ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के खिलाफ हो रही कट्टरपंथी गतिविधियों की श्रृंखलाओं में एक और घटना है। खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिस्बेन के तारिंगा उपनगर में स्वान रोड पर स्थित मानद वाणिज्य दूतावास के प्रवेश को बाधित कर दिया, जिसके कारण दूतावास को मजबूरन बंद करना पड़ा। क्वींसलैंड पुलिस ने बताया कि ये लोग अनधिकृत रूप से एकत्र हुए थे।

द ऑस्ट्रेलियन टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, खालिस्तानी समर्थकों ने दूतावास के एंट्री गेट को ब्लॉक कर दिया था। पुलिस पर आरोप है कि वे तमाशबीन बने रहे। किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की। क्वींसलैंड पुलिस ने कहा कि बिना परमीशन के लिए प्रोटेस्ट किया गया।

हिंदू मानवाधिकार की निदेशक सारा एल गेट्स ने द ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया कि सिख फॉर जस्टिस ने अपने प्रचार के साथ उन्हें निशाना बनाने के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण आज भारतीय वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए मजबूर किया। गेट्स ने कहा कि वे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।

बता दें कि ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्‍बानीस ने 11 मार्च को नई दिल्‍ली में कहा था कि ऑस्‍ट्रेलिया में किसी भी धार्मिक इमारत में होने वाली किसी भी चरमपंथ की कार्रवाई या हमलों को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों की जांच होगी और पुलिस अपना काम करेगी। साथ ही उन्होंने ऐसे लोगों और संगठनों पर लगाम लगाने की बात भी कही थी।

बाइडेन का भारतीयों पर भरोसा कायम, पेंटागन में इस अहम पद के लिए चुने गए रवि चौधरी

#ravi_chaudhary_will_be_the_assistant_secretary_of_defense_of_the_us 

भारत और भारतीयों का दबदबा दुनिया भर में कायम है। अमेरिका में भी भारतीय काफी भरोसेमंद साबित हो रहे हैं।इसी क्रम में अमेरिका की सीनेट ने वायुसेना के सहायक रक्षा सचिव पद के लिए भारतीय-अमेरिकी रवि चौधरी के नाम पर मुहर लगा दी है। यह पद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के शीर्ष पदों में से एक है।व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया। इसमें रवि को नॉमिनेट किए जाने की पुष्टि की गई है।

सीनेट में हुई वोटिंग के दौरान चौधरी के पक्ष में 65 वोट पड़े। 29 सदस्यों ने उनके खिलाफ वोट डाला। उन्हें पेटागन (अमेरिकी सेना मुख्यालय) में टॉप सिविलियन लीडरशिप के पदों में से एक पद मिला है। चौधरी पहले अमेरिकी परिवहन विभाग में सीनियर एग्जीक्यूटिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। जहां वे फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन में एडवांस्ड प्रोग्राम्स एंड इनोवेशन, ऑफिस ऑफ कमर्शियल स्पेस के निदेशक थे।

रवि चौधरी ने अमेरिकी वायुसेना में 1993 से 2015 तक पायलट के रूप में एक्टिव ड्यूटी की है। उन्होंने अफगानिस्तान और इराक में हुई लड़ाई में हिस्सा लिया है। वायुसेना से रिटायर होने के बाद चौधरी ने फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के कमर्शियल स्पेस ऑफिस में पांच साल काम किया। पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने उन्हें एशियाई अमेरिकियों और प्रशांत द्वीपसमूह पर राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग में सेवा देने के लिए नियुक्त किया था। इस भूमिका में उन्होंने एएपीआई समुदाय के लिए पूर्व सैनिकों के समर्थन में सुधार के लिए कार्यकारी शाखा के प्रयासों पर राष्ट्रपति को सलाह दी।