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महबूबा मुफ़्ती ने पुंछ जिले के नवग्रह मंदिर में शिवलिंग का किया जलाभिषेक, बीजेपी ने बताया नौटंकी

#mehbooba_mufti_performed_jalabhishek_shivling

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती काफी बदल गई हैं। जीं हां, अपने बदले हुए व्यवहार के कारण पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती चर्चा में आ गई है। मुफ्ती के चर्चा में आने का कारण है उनका शिवलिंग का जलाभिषेक करना। दरअसल, महबूबा मुफ्ती पूंछ जिले की दौरे पर थीं और उन्होंने नवग्रह मंदिर में पूजा अर्चना की और शिवलिंग पर जल चढ़ाया है। यही नहीं, उन्होंने मंदिर में बनी पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ पीडीपी नेता यशपाल शर्मा की मूर्ति पर फूल भी चढ़ाए।

मुफ्ती दो दिवसीय पूंछ जिले के दौरे पर हैं।दौरान महबूबा मुफ्ती यहां के नवग्रह मंदिर गई थी। यहां महबूबा मुफ्ती ने न सिर्फ मंदिर में अंदर घूमकर निरीक्षण किया बल्कि शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया।मुफ्ती ने नवग्रह मंदिर में काफी समय व्यतीत किया। महबूबा मुफ़्ती ने जिस नवग्रह मंदिर का दौरा किया, इसका निर्माण पीडीपी के पूर्व एमएलसी यशपाल शर्मा ने करवाया था। मंदिर के अन्दर यशपाल शर्मा की प्रतिमा भी लगाई गई है।वहां स्थापित पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ पीडीपी नेता यशपाल शर्मा की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन भेंट किए। इस अवसर पर पीडीपी नेताओं के साथ दिवंगत यशपाल शर्मा के पुत्र एवं युवा समाज सेवक डॉ. उदेशपाल शर्मा भी मौजूद रहे।

बीजेपी बोली- ड्रामा

वहीं महबूबा मुफ़्ती के जलाभिषेक करने पड़ बीजेपी ने उनपर निशाना साधा है। भाजपा ने महबूबा के मंदिर जाने को ड्रामा बताया है। पार्टी ने कहा कि कभी महबूबा ने अमरनाथ धाम के लिए जमीन देने से इनकार कर दिया था।बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रणवीर सिंह ने कहा कि ये पीडीपी प्रमुख की एक मात्र नौटंकी है। उन्होंने कहा, “2008 में महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी ने अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड को भूमि आवंटन का विरोध किया था। महबूबा मुफ्ती की पार्टी ने तीर्थयात्रियों के लिए हट के निर्माण के लिए श्राइन बोर्ड को भूमि के अस्थायी हस्तांतरण की अनुमति नहीं दी थी।

देवबंद के मौलाना बोले- यह इस्लाम के खिलाफ

इधर, देवबंद के मौलाना असद कासमी ने महबूबा के मंदिर जाने और वहां शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विरोध किया है। कासमी ने कहा- महबूबा ने जो किया, वह गलत है। यह इस्लाम के खिलाफ है।

राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर सियासत जारी, अब किरेन रिजिजू का हमला, बोले- हमें देश के विरूद्ध बोलने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए

#kiren_rijiju_s_big_attack_on_congress

राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर सियासी बवाल कम होता नहीं दिख रहा है। राहुल गांधी के लंदन में दिए बयानों पर बीजेपी हमलावर है।अब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनसे माफी की मांग की है।

लंदन सेमिनार में कही गई बातों के लिए माफी की मांग

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर राहुल गांधी कुछ कहते हैं और इससे कांग्रेस को परेशानी होती है, तो इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अगर वह हमारे देश को बदनाम करते हैं, तो इस देश के नागरिक के रूप में हम चुप नहीं बैठ सकते। रिजिजू ने कहा, राहुल गांधी को अपने लंदन सेमिनार में कही गई बातों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने हमारे लोकतंत्र, न्यायपालिका और देश का अपमान किया है। हमें अपने देश के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

खड़गे ने कहा-माफ़ी का सवाल ही नहीं

वहीं किरेन रिजिजू के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि माफ़ी का सवाल ही नहीं। उन्होंने कहा, “यह उनकी साजिश है कि संसद नहीं चलने दी जाए और अडानी मामले में जेपीसी जांच की हमारी मांग को नजरअंदाज किया जाए। वे बेरोजगारी और मुद्रास्फीति के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। इससे पहले कई मौकों पर मोदी जी विदेशों में भारत के खिलाफ बोल चुके हैं। माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है।

राहुल के माफी मांगने पर अड़ा सत्ता पक्ष

सोमवार से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही में सत्ताधारी पार्टी राहुल गांधी की ओर से माफी मांगने पर अड़ी हुई है। राहुल गांधी के माफी मांगने को लेकर सोमवार को भी दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिला था। मंगलवार और बुधवार को भी हंगामी की वजह से संसद की कार्यवाही अधिकतर समय तक स्थगित रही थी।

क्या कहा था राहुल गांधी ने

बता दें कि हाल ही में राहुल गांधी लंदन के दौरे पर गए थे। उस दौरान उन्होंने लंदन में हाउस ऑफ पार्लियामेंट परिसर में एक कार्यक्रम में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि हमारे यहां लोकसभा में अक्सर विपक्षी सांसदों के माइक बंद कर दिए जाते हैं। हमें चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जाती। राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी हमला बोला और कहा कि आरएसएस ने भारत के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग सभी खतरे में हैं। राहुल गांधी ने सरकार पर उनकी जासूसी करने और चीन के साथ सीमा विवाद पर भी सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।

*ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में खालिस्तानी समर्थकों का उत्पात, जबरन बंद कराया भारतीय वाणिज्य दूतावास*

#indian_consulate_in_brisbane_closed_by_khalistani_supporters_posters 

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज हाल ही में अपने देश में भारत विरोधी तत्वों पर अंकुश लगाने का आश्वासन दिया था। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के आश्वासन के कुछ दिन बाद ही ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में बुधवार को खालिस्तानी समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। ब्रिस्‍बेन में भारतीय वाणिज्‍य दूतावास पर खालिस्‍तान समर्थकों ने हमला बोला और भारतीय वाणिज्य दूतावास को जबरन बंद करा दिया।

यह ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के खिलाफ हो रही कट्टरपंथी गतिविधियों की श्रृंखलाओं में एक और घटना है। खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिस्बेन के तारिंगा उपनगर में स्वान रोड पर स्थित मानद वाणिज्य दूतावास के प्रवेश को बाधित कर दिया, जिसके कारण दूतावास को मजबूरन बंद करना पड़ा। क्वींसलैंड पुलिस ने बताया कि ये लोग अनधिकृत रूप से एकत्र हुए थे।

द ऑस्ट्रेलियन टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, खालिस्तानी समर्थकों ने दूतावास के एंट्री गेट को ब्लॉक कर दिया था। पुलिस पर आरोप है कि वे तमाशबीन बने रहे। किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की। क्वींसलैंड पुलिस ने कहा कि बिना परमीशन के लिए प्रोटेस्ट किया गया।

हिंदू मानवाधिकार की निदेशक सारा एल गेट्स ने द ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया कि सिख फॉर जस्टिस ने अपने प्रचार के साथ उन्हें निशाना बनाने के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण आज भारतीय वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए मजबूर किया। गेट्स ने कहा कि वे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।

बता दें कि ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्‍बानीस ने 11 मार्च को नई दिल्‍ली में कहा था कि ऑस्‍ट्रेलिया में किसी भी धार्मिक इमारत में होने वाली किसी भी चरमपंथ की कार्रवाई या हमलों को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों की जांच होगी और पुलिस अपना काम करेगी। साथ ही उन्होंने ऐसे लोगों और संगठनों पर लगाम लगाने की बात भी कही थी।

बाइडेन का भारतीयों पर भरोसा कायम, पेंटागन में इस अहम पद के लिए चुने गए रवि चौधरी

#ravi_chaudhary_will_be_the_assistant_secretary_of_defense_of_the_us 

भारत और भारतीयों का दबदबा दुनिया भर में कायम है। अमेरिका में भी भारतीय काफी भरोसेमंद साबित हो रहे हैं।इसी क्रम में अमेरिका की सीनेट ने वायुसेना के सहायक रक्षा सचिव पद के लिए भारतीय-अमेरिकी रवि चौधरी के नाम पर मुहर लगा दी है। यह पद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के शीर्ष पदों में से एक है।व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया। इसमें रवि को नॉमिनेट किए जाने की पुष्टि की गई है।

सीनेट में हुई वोटिंग के दौरान चौधरी के पक्ष में 65 वोट पड़े। 29 सदस्यों ने उनके खिलाफ वोट डाला। उन्हें पेटागन (अमेरिकी सेना मुख्यालय) में टॉप सिविलियन लीडरशिप के पदों में से एक पद मिला है। चौधरी पहले अमेरिकी परिवहन विभाग में सीनियर एग्जीक्यूटिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। जहां वे फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन में एडवांस्ड प्रोग्राम्स एंड इनोवेशन, ऑफिस ऑफ कमर्शियल स्पेस के निदेशक थे।

रवि चौधरी ने अमेरिकी वायुसेना में 1993 से 2015 तक पायलट के रूप में एक्टिव ड्यूटी की है। उन्होंने अफगानिस्तान और इराक में हुई लड़ाई में हिस्सा लिया है। वायुसेना से रिटायर होने के बाद चौधरी ने फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के कमर्शियल स्पेस ऑफिस में पांच साल काम किया। पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने उन्हें एशियाई अमेरिकियों और प्रशांत द्वीपसमूह पर राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग में सेवा देने के लिए नियुक्त किया था। इस भूमिका में उन्होंने एएपीआई समुदाय के लिए पूर्व सैनिकों के समर्थन में सुधार के लिए कार्यकारी शाखा के प्रयासों पर राष्ट्रपति को सलाह दी।

एरिक गार्सेटी होंगे भारत में अमेरिका के नए राजदूत, यूएस सीनेट ने दी मंजूरी, राष्ट्रपति जो बाइडेन के हैं करीबी

#eric_garcetti_will_be_us_ambassador_to_india_approved_by_us_senate 

लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी भारत में अमेरिका के नए राजदूत होंगे।अमेरिकी सीनेट ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के निकट सहयोगी एरिक गार्सेटी की भारत के राजदूत के रूप में नियुक्ति की बुधवार को पुष्टि कर दी।भारत में अमेरिका के अगले राजदूत के तौर पर एरिक गार्सेटी के नामांकन पर सीनेट में बुधवार को मतदान हुआ।सीनेट में मतदान के बाद उनके नाम पर मुहर लगी।

अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में एरिक गार्सेटी का नामंकन जुलाई 2021 से ही लंबित था। राष्ट्रपति जो बाइडन ने एरिक गार्सेटी के नाम का प्रस्ताव समिति के पास भेजा था। कुल 52 वोट भारत में अमेरिकी राजदूत के लिए डाले गए, जिसमे से 42 वोट एरिक गार्सेटी के पक्ष में पड़े। डेमोक्रेट के सभी सदस्यों के साथ-साथ रिपब्लिकन सीनेटर टॉड यंग और बिल हेर्टी ने भी एरिक गार्सेटी के पक्ष में मतदान किया।

यूएस सीनेट से अपने नामांकन को मंजूरी मिलने के बाद एरिक गार्सेटी ने खुशी का इजहार किया। उन्होंने एक बयान में कहा कि वह आज के नतीजे से काफी खुश है, जो लंबे समय से खाली पड़े महत्वपूर्ण पद को भरने के लिए जरूरी था। उन्होंने आगे कहा, 'मैं राष्ट्रपति जो बाइडन और व्हाइट हाउस का आभारी हूं। मैं भारत में हमारे महत्वपूर्ण हितों का प्रतिनिधित्व करने वाली अपनी सेवा शुरू करने के लिए तैयार और उत्सुक हूं।

52 वर्षीय एरिक गार्सेटी नई दिल्ली में केन जस्टर की जगह लेंगे, जिन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नामित किया गया था और मई 2017 में भारत में अमेरिका का राजदूत बनाकर भेजा गया था। जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

महिला आयोग की तर्ज पर बनेगा ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग'! जानें सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंचा मामला

#nationalcommissionformenpleainsupreme_court 

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पुरुषों के लिए राष्ट्रीय आयोग की मांग की गई है।घरेलू हिंसा के शिकार विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामलों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश और ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग' बनाने के अनुरोध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।यह याचिका वकील महेश कुमार तिवारी द्वारा दायर की गई है। याचिका में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की देश में दुर्घटनावश होने वाली मौतों के आंकड़ों का हवाला दिया है। 

एनएचआरसी को कार्रवाई करने का निर्देश देने की गुहार

याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया, वर्ष 2021 में दावा किया गया कि उस वर्ष पूरे देश में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की। याचिका में कहा गया है कि इनमें से आत्महत्या करने वाले विवाहित पुरुषों की संख्या 81,063 थी जबकि 28,680 विवाहित महिलाएं थीं।याचिका में एनसीआरबी के रेकॉर्ड को पेश किया गया है और कहा गया है कि 33.2 फीसदी पुरुषों ने पारिवारिक समस्या के कारण और 4.8 फीसदी ने विवाह संबंधित विवाद और डोमेस्टिक वायलेंस के कारण आत्महत्या कर ली है। याचिका में कहा गया है कि पुरुषों के आत्महत्या से निपटने के लिए और घरेलू हिंसा से पीड़ित पुरुषों की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को कार्रवाई करने का निर्देश देने की गुहार लगाई गई है।

गृह मंत्रालय से अपील

याचिका में केंद्र को गृह मंत्रालय के जरिए पुलिस विभाग को यह निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है कि घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की शिकायतें तत्काल स्वीकार की जाएं। याचिका में मांग की गई कि घरेलू हिंसा या पारिवारिक समस्या और विवाह संबंधी मुद्दों से पीड़ित विवाहित पुरुषों की आत्महत्या के मुद्दे पर अनुसंधान करने के लिए भारत के विधि आयोग को एक निर्देश/सिफारिश जारी करें और राष्ट्रीय जैसे मंच का गठन करने के लिए आवश्यक रिपोर्ट तैयार करें।

इमरान को कोर्ट से राहत, लाहौर हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी रोकने का दिया आदेश

#lahore_high_court_orders_stop_police_operation_for_arrest_of_imran_khan 

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को अरेस्ट करने की सारी कोशिशें बेकार साबित हुईं। इमरान के समर्थकों ने पुलिस को करारा जवाब दिया। उनके समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद लाहौर के जमान पार्क इलाके में किसी जंग के मैदान जैसा मंजर दिखा। सड़कों पर आंसू गैस के गोले, जले हुए टायर और वाहन का मलबा बिखरा पड़ा नजर आ रहा है। इस झड़प में दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।इस बीच लाहौर हाई कोर्ट से इमरान खान को राहत मिल गई है। हाई कोर्ट ने कल यानी 16 मार्च सुबह 10 बजे तक पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

इमरान खान के आवास के बाहर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष (पीटीआई) समर्थकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच दिन भर चली नोकझोंक के कुछ घंटे बाद लाहौर उच्च न्यायालय ने जमान पार्क में कल सुबह 10 बजे तक पुलिस कार्रवाई रोक दी। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने पुलिस को फिलहाल इमरान को गिरफ्तार किए बिना ही पीछे हटने को कहा है।

कोर्ट के आदेश के बाद इमरान खान की गिरफ्तारी के लिए जमान पार्क पर जमा हुई पुलिस पीछे हटनी शुरू हो गई है। लाहौर हाई कोर्ट ने पंजाब के आईजी, मुख्य सचिव और इस्लामाबाद पुलिस (ऑपरेशंस) हेड को तलब किया है। पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने जमान पार्क के बाहर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर लाहौर हाई कोर्ट के जस्टिस तारिक सलीम शेख ने ये निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि पीएसएल मैच के चलते ये फैसला किया गया है। 

लाहौर हाईकोर्ट की ओर से कहा गया कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से आदेश जारी होने तक पुलिस इमरान खान की गिरफ्तारी के लिए ज़मान पार्क में अपना अभियान रोक दे। इस बीच इस्लामाबाद हाई कोर्ट में इमरान खान के खिलाफ जारी किए गए अरेस्ट वारंट पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

इससे पहले लाहौर में इमरान खान के आवास के बाहर बख्तरबंद पुलिस वाहन पहुंचे थे। इस्लामाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है। इमरान खान के आवास के बाहर पीटीआई कार्यकर्ता जमा होने लगे थे। इसके बाद पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प भी शुरू हो गई थी।

दिल्ली में 6 महीने और लागू रहेगी ‘पुरानी शराब पॉलिसी’, सीएम केजरीवाल ने दिए नई नीति जल्द बनाने के निर्देश

#delhi_government_extended_old_excise_policy_for_6_months

दिल्ली शराब घोटाले को लेकर पिछले एक साल से ज्यादा समय से दिल्ली की राजनीति में कोहराम मचा हुआ है।इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष की गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं बीजेपी सीएम केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रही है। इस बीच दिल्ली सरकार ने अपनी पुरानी आबकारी नीति को अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही अधिकारियों से जल्द नई एक्साइज पॉलिसी तैयार करने को कहा है।

इसके अलावा दिल्ली सरकार ने अगामी छह माह के दौरान पांच दिन दिल्ली में ड्राई डे घो,त किया है। ऐसा इसलिए कि इस दौरान महावीर जयंती, गुड फ्राइडे, बुद्ध पूर्णिमा, ईद अल-फितर और ईद अल-अधा पड़ेगा। पांचों दिनों पर पहले से ही सरकार की ओर से ड्राई डे घोषित है। ड्राई डे दिन शराब के कोई भी ठेके नहीं खुलते हैं। कहने का मतलब यह है कि ड्राई डे के किसी भी फॉर्मेट की शराब की खरीद बिक्री पर रोक होता है।

आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार ने आबकारी विभाग को जल्द नई नीति लाने का निर्देश भी दिया है। सरकार ने पिछले साल सितंबर में आबकारी नीति 2021-22 को वापस लेने के बाद अपनी पुरानी आबकारी नीति को लागू किया था।

बता दें कि नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर विवाद चरम पर पहुंचने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी छह माह पूर्व वापस ले ली थी। पुरानी शराब नीति को जब दिल्ली सरकार ने हटाया तो बीजेपी ने विरोध किया। बीजेपी का कहना था कि नियमों की अनदेखी पर नई शराब नीति में कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई थी। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई। एलजी के निर्देश के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की तो पाया गया कि इसमें भ्रष्टाटार हुआ है। जब एलजी दफ्तर की तरफ से मुकदमा चलाने की इजाजत मिली तो दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी को अमल में लाने से रोक दिया और पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी। इस मामले में आबकारी विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सवालों के घेरे में आए। बता दें कि इस मामले में मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं

*मुंबई में प्लास्टिक बैग में मिली महिला की सड़ी-गली लाश, हिरासत में 22 साल की बेटी*

#mumbai_53_yr_old_woman_murder_found_body_in_building

मुंबई के लालबाग इलाके के एक अपार्टमेंट में 53 साल की महिला की सड़ी-गली लाश के टुकड़े प्लास्टिक बैग में मिले हैं।मामले में पुलिस ने उसकी बेटी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि पीड़िता की बेटी ने उसकी हत्या की होगी।घटना मुंबई की लालबाग के पेरू कंपाउंड इलाके की बताया जा रही है।

पुलिस के मुताबिक, महिला कई महीनों से लापता थी जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। महिला के भाई और भतीजे ने कुछ दिन पहले उसके गुमशुदा होने की रिपोर्ट कलाचौकी थाने में कराई थी। जब तलाश करने के बाद महिला का सुराग नहीं मिला तो महिला के घर की तलाशी ली गई। तक प्लास्टिक की थैली में 50 से 55 साल की उम्र की एक महिला का शव क्षत-विक्षत अवस्था मिला। इसके बाद शव को अलमारी से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

डीसीपी प्रवीण मुंधे ने बताया कि महिला की पहचान वीना प्रकाश जैन के रूप में हुई है। महिला के हाथ-पैर और शरीर के कुछ हिस्सों को काट दिया गया था। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। 22 साल की बेटी को पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस को शक है कि बेटी ने ही मां को महीनों कोठरी में बंद रखा। इसके बाद उसकी हत्या कर दी।

*अडानी मामले को लेकर विपक्षी दलों का ईडी ऑफिस तक मार्च, टीएमसी-एनसीपी ने बनाई दूरी*

#oppositionmpswillmarchtoedofficeonadani_issue 

अडानी ग्रुप के खिलाफ विपक्षी दलों ने हल्ला बोल दिया है। संसद से लेकर सड़क तक इस मामले को लेकर विपक्षी दलों का संग्राम जारी है। इसी बीच 17 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन से ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें धारा 144 का हवाला देते हुए विजय चौक पर ही रोक दिया।

एलआईसी, एसबीआई और अन्य बैंक बर्बाद हो गए-खड़गे

विजय चौक पर रोके जाने से खफा सांसदों ने वहीं पर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम अडानी के घोटाले में एक ज्ञापन सौंपने के लिए निदेशक ईडी से मिलने जा रहे हैं। लेकिन सरकार हमें विजय चौक के पास से कहीं नहीं जाने दे रही है, उन्होंने हमें रोक दिया है। लाखों रुपये का घोटाला हुआ है, एलआईसी, एसबीआई और अन्य बैंक बर्बाद हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिस वाले लगाए गये हैं

अडानी और मोदी के बीच के रिश्ते की जांच होनी चाहिए -खड़गे

मल्लिकार्जु खरगे ने कहा, मोदी जी ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दे रहे हैं जिनकी संपत्ति कम थी और अब मोदी जी की कृपा से उनकी संपत्ति बहुत बढ़ गई है, मैं यह जानना चाहता हूं कि उनको आखिर पैसे कौन दे रहा है? इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, अडानी और मोदी के बीच के रिश्ते की जांच होनी चाहिए, बस इसी के लिए हम ईडी दफ्तर जाकर अपनी बात रखना चाह रहे हैं.

टीएमसी-एनसीपी नहीं बनीं पदयात्रा का हिस्सा

इससे पहले सोमवार को संसद में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में 16 दलों ने हिस्सा लिया था। इन दलों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, विदुथलाई चिरुथिगल काची और एनसी शामिल थे। हालांकि इस बैठक से तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) और एनसीपी ने दूरी बनाई। आज की पथयात्रा में भी दोनों पार्टियों के सांसद शामिल नहीं हुए।

जेपीसी की मांग पर अड़ा विपक्ष

बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल अदाणी मामले की जांच के लिए जेपीसी की मांग कर रहे हैं। मौजूदा बजट सत्र में भी विपक्षी दल अदाणी मामले पर मुखर हैं। वहीं सत्ता पक्ष लंदन में दिए बयान को लेकर राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहा है। जिसके चलते संसद नहीं चल पा रही है। कांग्रेस अदाणी मामले पर खासी सक्रिय होकर विरोध कर रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटी है और देशभर में प्रदर्शन कर रही है। विभिन्न प्रदेशों में कांग्रेस कमेटी अदाणी मामले पर विरोध मार्च निकाल रही हैं।

संसद हो रहा प्रभावित

हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से विपक्ष अडानी मुद्दे को उठाता रहा है। हिंडनबर्ग-अडानी रिपोर्ट को लेकर विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रहा है। बता दें कि एक महीने के ब्रेक के बाद सोमवार को संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया। विपक्ष के लगातार विरोध पर सदन में हंगामे और विरोध के बीच संसद को भी बार-बार व्यवधान का सामना करना पड़ा है।