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कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक वायरस की दस्तक, इस अफ्रीकी देश में 9 लोगों की मौत, डब्लूएचओ ने जारी की चेतावनी

#marburg_virus_outbreak_in_equatorial_guinea 

कोरोना वायरस का कहर अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है। इस बीच एक नये खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है।जो अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में कहर बनकर टूटा है। जहां इस नए खतरनाक वायरस के संक्रमण से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं। इस खबर के बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन(डब्लूएचओ ) के भी हाथ-पांव फूल गए हैं और संगठन ने आपात बैठक बुलवाई है।

एक बयान में, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इक्वेटोरियल गिनी में सोमवार (स्थानीय समय) को इस वायरस से नौ लोगों की मौत की पुष्ट की है। सभी मृतकों की जांच में मारबर्ग वायरस से संक्रमण का पता चला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के बयान के अनुसार, इस वायरस के बारे में पता चला है कि यह चमगादड़ से फैलता है। गिनी में इस वायरस का पता चलने के बाद जिन लोगों में इस बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं उनकी पूरी निगरानी की जा रही है।डब्लूएचओ ने बयान जारी कर कहा है कि मारबर्ग वायरस का इतने बड़े पैमाने पर यह पहला संक्रमण फैला है। प्रभावित इलाकों में एडवांस टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो वायरस संक्रमितों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट कर रही है और उन्हें इलाज भी मुहैया करा रही हैं। 

डब्लूएचओ ने चेतावनी जारी की

मारबर्ग वायरस कितना खतरनाक साबित हो सकता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डब्लूएचओ ने स्वास्थ्य आपातकाल विशेषज्ञ, संक्रमण को फैलने से रोकने वाली टीमें, लैब और कम्यूनिकेशन सपोर्ट सिस्टम मारबर्ग वायरस से प्रभावित इलाकों में तैनात कर दी हैं ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके। मारबर्ग वायरस मिलने के बाद डब्लूएचओ ने चेतावनी जारी की है और लोगों को सावधान रहने का निर्देश दिया है। डब्ल्यूएचओ के बयान के अनुसार, संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेट करने और बीमारी के लक्षण दिखाने वाले लोगों के इलाज और देखभाल करने के लिए प्रभावित जिलों में एडवांस टीमों को तैनात किया गया है।

कितना खतरनाक है मारबर्ग वायरस?

डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका के लिए संगठन के क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि इस बीमारी में हेमरेजिक फीवर होता है और यह बहुत ज्यादा तेजी से फैलता है। अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में इसका पहला प्रकोप में देखने को मिला है। डब्लूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मातशिदिसो मोइती ने बताया कि मारबर्ग वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है और इसके संक्रमण की मृत्यु दर 88 फीसदी तक जा सकती है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद अचानक लक्षण दिखने शुरू होते हैं।

इबोला वायरस की तरह हैं मारबर्ग वायरस के लक्षण

इक्वेटोरियल गिनी में मिले मारबर्ग वायरस के लक्षण इबोला वायरस की तरह हैं और बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। मारबर्ग वायरस के आम लक्षणों में मरीज को बुखार और छाती में दर्द की समस्या रहती है। मारबर्ग वायरस के लक्षणों में सबसे पहले तेज बुखार आता है। जिसके बाद लक्षण धीरे-धीरे गंभीर होने लगते हैं। इसके आम लक्षण इस प्रकार हैं। यह इतना खतरनाक है कि समय पर इलाज नहीं मिलने पर मरीज की मौत भी हो सकती।

पहली बार इस वायरस की पहचान 1967 में की गई

पहली बार इस वायरस की पहचान 1967 में की गई थी। यह वायरस जर्मनी के दो शहरों मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट के साथ युगोस्लाविया की राजधानी बेलग्रेड में एक साथ फैला था। इबोला की तरह मारबर्ग वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न होता है। यह अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, सतहों जैसे दूषित चादरें या कपड़े के निकट संपर्क के माध्यम से लोगों के बीच फैलता है।

बीबीसी ऑफिस में रेड के बीच सरकार और विपक्ष आमने-सामने, बीजेपी ने बताया दुनिया की सबसे भ्रष्ट और बकवास कॉर्पोरेशन, विपक्ष ने भी किया वार

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बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पर इनकम टैक्स रेड के बीच देश की सियासत गरमा गई है।कांग्रेस और विपक्षी दल बीबीसी पर एक्शन को लेकर मोदी सरकार पर सवाल कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने बीबीसी पर हमला बोला है।

बीबीसी पर नियमानुसार और संविधान के मुताबिक कार्रवाई-गौरव भाटिया

बीजेपी ने बीबीसी को सबसे भ्रष्ट और बकवास कॉरपोरेशन बताया है। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि बीबीसी पूरे विश्व की सबसे भ्रष्ट और बकवास कॉरपोरेशन हो गई है। उन्होंने कहा कि बीबीसी भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने का टूल बन गया है। इसका इतिहास द्वेष के साथ भारत के लिए काम करने का रहा है। भाटिया ने कहा, बीबीसी पर आयकर विभाग नियमानुसार और संविधान के मुताबिक कार्रवाई कर रहा है। इसे लेकर जिस तरह से राजनीतिक प्रतिक्रिया कांग्रेस की ओर से आ रही है, वह हर भारतीय के लिए चिंता का विषय है। पहले तो कांग्रेस को समझना होगा कि भारत संविधान और कानून के हिसाब से चलता है। यहां चाहें कोई भी एजेंसी हो, ये पिंजरे का तोता नहीं रहीं। ये एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। भाटिया ने कहा कि बीबीसी का प्रोपगेंडा और कांग्रेस का अजेंडा मेल खाता है।

जयराम रमेश ने इसे अघोषित आपातकाल बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों को लेकर डॉक्यूमेंट्री बनाने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से हुई इस कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस से लेकर टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा तक ने सरकार पर तंज कसा है।बीबीसी ऑफिस पर छापे पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे अघोषित आपातकाल बताया है।उन्होंने कहा कि हम अडानी मामले पर जेपीसी की मांग कर रहे हैं और सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी है. उन्होंने छापे को ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’ करार दिया है।

महुआ मोइत्रा का सरकार पर तंज

तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने ट्विटर के जरिए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, बीबीसी के दिल्ली दफ्तर पर छापेमारी की खबर मिली है। क्या सच में? इसकी तो उम्मीद ही नहीं थी...इस बीच अदाणी की फरसान सेवा (अदाणी को गुजराती व्यंजन मिलेंगे) होगी, जब वे सेबी प्रमुख से बातचीत के लिए पहुंचेंगे।

भारत सरकार सच बोलने वालों के पीछे पड़ी है-महबूबा मुफ्ती

दूसरी तरफ पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, बीबीसी के दफ्तर पर छापेमारी की वजह साफ है। भारत सरकार सच बोलने वालों के पीछे पड़ी है। फिर चाहे वह नेता हों, मीडिया हो या कार्यकर्ता हो या कोई और है।

स्पेस में सऊदी का बड़ा कदम, पहली बार महिला एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष भेजने की तैयारी

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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने देश की रूढ़ीवादी छवि को बदलने में लगे हैं। जिसके लिए क्राउन प्रिंस ने कई लिबरल फैसले लिए है।अब धार्मिक रूप से कट्टर माने जाने वाले मुस्लिम देश सऊदी अरब ने महिलाओं के हित में बड़ा कदम उठाया है। दरअसल सऊदी अरब ने पहली बार महिला अंतरिक्षयात्री को स्पेस मिशन पर भेजने का फैसला किया है। इस महिला के साथ एक पुरुष अंतरिक्ष यात्री भी साथ होंगे। दोनों इसी साल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरेंगे।

सऊदी अरब ने जिस महिला एस्ट्रोनॉट को स्पेस मिशन पर भेजने का फैसला लिया है, उनका नाम रेयाना बरनावी है। वो सऊदी अरब की पहली महिला अंतिरक्ष यात्री होने वाली हैं। रेयाना इसी साल अमेरिका से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरेंगी। रेयाना बरनावी के साथ सऊदी अरब के अंतरिक्ष यात्री अली अल कर्नी भी स्पेस मिशन पर जाएंगे।

साउदी अरब ने रविवार को घोषणा की कि वह 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान अपनी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री रेयना बरनावी और एक पुरुष अंतरिक्ष यात्री अली अलकर्नी को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजेगा। दोनों अंतरिक्ष यात्री AX-2 के चालक दल में शामिल होंगे। दोनों अंतरिक्ष यात्री अमेरिका से लॉन्च होने वाले AX-2 स्पेस मिशन में शामिल होंगे। इस मिशन का उद्देश्य मानव अंतरिक्ष यान में देश की क्षमता को बढ़ाना है। इसके साथ ही सऊदी का लक्ष्य है कि अंतरिक्ष को एक उद्योग की तरह इस्तेमाल किया जाए।

कहा जा रहा है कि सऊदी नेता क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कई सुधारों पर जोर देते हुए अपने देश की कट्टर छवि को हटाने की कोशिश में जुटे हैं। पहले के किए गए सुधारों में 2017 में उनके सत्ता में आने के बाद से महिलाओं को बिना पुरुष साथी के अकेले वाहन चलाने और विदेश यात्रा करने की अनुमति दी गई है। देश में महिला कर्मचारियों की भी भागीदारी बढ़ी है। 2016 के मुकाबले अब महिलाओं की भागीदारी दोगुना से अधिक यानी 17 प्रतिशत से 37 प्रतिशत हो गया है।

2024 के लोकसभा चुनाव में कौन होगा मुख्य विपक्ष, जाने अमित शाह का जवाब

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2024 में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले इस साल त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में इस महीने के अंत तक चुनाव होने हैं।इस महीने तीन राज्यों में होने वाले चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा दावा किया है। शाह की माने तो 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के टक्कर में कोई नहीं है। उन्होंने ये भी कहा है कि जनता ने मुख्य विपक्षी पार्टी किसी को नहीं बनाया है।

2024 में मोदी के सामने कोई नहीं

शाह ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के सामने कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि देश पीएम मोदी के साथ है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने अपने 8 साल में बहुत काम किए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 8 साल के कार्यकाल में रेलवे में आमूल-चूल परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में हम दुनिया का लीडर बनने की कोशिश कर रहे हैं। ड्रोन बनाने का अभियान छेड़ा है, वैश्विक ड्रोन बाजार का बड़ा खिलाड़ी भारत बनेगा, खदान क्षेत्र में सुधारों को लागू कर रहे हैं, मेक इन इंडिया को बूस्ट देने के लिए इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट पर फोकस कर रहे हैं ताकि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जा सके, डिफेंस सेक्टर में भारत की विदेशों पर निर्भरता 30 प्रतिशत घटाई, वामपंथी उग्रवाद पर लगाम लगी है, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों पर नकेल कसी है, पूर्वोत्तर राज्यों के 8 हजार उग्रवादियों को मेन स्ट्रीम में लाया है, देश के कोने-कोने में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया है।

2024 में कौन होगा विपक्ष का नेता?

2024 के लोकसभा चुनाव में मुख्य विपक्ष किसे मानते हैं, इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि यह देश की जनता तय करेगी। अभी तक जनता ने किसी को भी मुख्य विपक्षी दल नहीं बनाया है। शाह ने कहा कि देश के लोग 2024 के चुनावों में भाजपा के प्रमुख विपक्षी दल के बारे में फैसला करेंगे।

राहुल गांधी के पीएम पद के उम्मीदवारी पर शाह का जवाब

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार माना जा रहा है, इस सवाल पर अमित शाह ने कहा कि तीन राज्यों में चुनाव है और देखना होगा कि इसका क्या असर होता है। त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में इस महीने के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राहुल गांधी की ओर से त्रिपुरा में अब तक प्रचार नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि राज्य में आना कांग्रेस सांसद के लिए समय की बात हो सकती है, लेकिन पार्टी के लिए परिणाम होना चाहिए। देखते हैं क्या परिणाम आता है। उन्होंने कहा कि जिन तीन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, वे पहले के मजबूत कांग्रेस राज्य थे। शाह ने कहा, ‘हम देखेंगे कि मतगणना के दिन दोपहर 12 बजे से पहले बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा।

दिल्ली-मुंबई में बीबीसी के दफ्तर पर इनकम टैक्स का छापा, सील किए गए ऑफिस

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गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर उठे विवाद के बीच एक बड़ी खबर है। दिल्ली और मुंबई स्थित बीबीसी के दफ्तर परआयकर विभाग के छापा मारा है।मिल रही जानकारी के अनुसार दफ्तर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। साथ ही कर्मचारियों के फोन को भी जब्त किया गया है।संदेह कि बीबीसी ने वित्तीय लेनदेन और टैक्स के रेगुलेशन को लेकर यह रेड की गई है। 

खबर के मुताबिक आयकर विभाग की यह कार्रवाई सुबह 11 बजे शुरू हुई। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में बीबीसी के ऑफिस में 60 से 70 लोगों की टीम छापेमारी करने पहुंची है।खबर है कि बीबीसी दफ्तर में मौजूद वहां के सभी कर्मचारियों के फोन बंद करवा दिए गए और उन्हें बाहर जाने की अनुमित नहीं थी। इनकम टैक्स विभाग की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

इस बीच इस मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी हुई है। विनाशकाले विपरीत बुद्धि। उन्होंने कहा कि हम अडाणी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रहे हैं और सरकार बीबीसी के पीछे पड़ गई है

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पीएफआई को बताया धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाला संगठन, कहा-पूर्वोतर को मिली नई पहचान

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ स्पेशल इंटरव्यू के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत की। इंटरव्यू में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अडानी मामले को लेकर कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। तो वहीं पीएफआई पर बैन, कई राज्यों में नक्सलवाद और पूर्वोतर भारत के राज्यों को लेकर खुलकर अपनी बात रखी।

वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर पीएफआई पर बैन लगाया-अमित शाह

एएनआई के साथ बातचीत के दौरान पीएफआई को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, पीएफआई कैडर पर कई मामले थे उन्हें समाप्त करने का काम कांग्रेस ने किया, जिसे कोर्ट ने रोका, हमने पीएफआई को सफलतापूर्वक बैन किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, यह एक ऐसा संगठन था जो देश में धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहा था। मिले सबूतों से पता चलता है कि उनकी गतिविधियां देश की एकता और अखंडता के खिलाफ थीं। हम वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठे और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया।

छत्तीसगढ़ में भी शांति बहाल करने में जल्द होंगे सफल-अमित शाह

इसके अलावा बिहार और झारखंड में नक्सलवाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, बिहार और झारखंड में नक्सवादी उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में भी कुछ ही समय में शांति बहाल करने में हम सफल होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद से संबंधित सभी प्रकार के आंकड़े सबसे अच्छी स्थिति में हैं।

आठ सालों में 51 बार पीएम ने किया पूर्वोतर का दौरा-अमित शाह

पूर्वोत्तर के लिए केंद्र के विकास पर जोर देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले आठ वर्षों के दौरान 51 बार इस क्षेत्र का दौरा किया और पूर्वोत्तर में पनपी अलगाव की भावना को समाप्त कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद हमने पूरे पूर्वोत्तर को बदलने के लिए बहुत कुछ किया है। पहली बात यह है कि आज पूर्वोत्तर में शांति है। यहां कई कई उग्रवादी संगठन थे। हमने ऐसे कई संगठनों के साथ समझौतों को अंतिम रूप दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि ब्रू और रियांग समुदायों के लगभग 40,000 परिवार अमानवीय परिस्थितियों में 25 वर्षों से त्रिपुरा में रह रहे हैं और भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद ही उन्हें बसने दिया गया है। अमित शाह ने कहा कि यहां नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के साथ भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भाजपा सरकार ने पूर्वोत्तर की पहचान को मजबूत बनाया है- अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में, पूर्वोत्तर की स्थानीय भाषाएं मजबूत हुई हैं, प्राथमिक शिक्षा भी क्षेत्रीय भाषाओं में दी जा रही है। बीजेपी सरकार ने पूर्वोत्तर की पहचान को मजबूत किया है। जबकि पहले अफवाह फैलाया जाता था कि भाजपा आएगी तो स्थानीय लोगों की पहचान छीन जाएगी। जबकि उनकी पहचान और बढ़ी है। पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्व के लोगों और देश के बाकी हिस्सों के लोगों की बीच की मन की दूरी को खत्म कर दिया है।

मुगल इतिहास को मिटाने के आरोपों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया इनकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुगल इतिहास को मिटाने के आरोपों से इनकार किया है। मुगलों के इतिहास को मिटाने और उनसे जुड़े शहरों के नाम बदलने के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भाजपा की राज्य सरकारों ने भली-भांति सोचकर फैसले लिए हैं, जो उनके वैधानिक अधिकारों के दायरे में हैं। हालांकि अमित शाह ने कहा कि भाजपा इतिहास में किसी के योगदान को हटाना नहीं चाहती है।

अदानी मुद्दे पर केरल में बोले राहुल गांधी, मेरा अपमान करने व भाषण हटाने से सच बदल नहीं जाएगा, एक ना एक दिन पीएम को जवाब देना ही पड़ेगा

संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्षी नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंशों को हटाने को लेकर विपक्षी नेता लगातार आलोचना कर रहे हैं। इसी क्रम में केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र में पीएम मोदी पर भी हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं है कि मेरे शब्दों को रिकॉर्ड पर जाने दिया जाएगा। देश के पीएम सीधे तौर पर मेरा अपमान करते हैं लेकिन उनकी बातों को ऑफ द रिकॉर्ड नहीं किया जाता। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि आपका नाम गांधी क्यों है, नेहरू क्यों नहीं। ऐसा बोलकर उन्होंमे मेरा अपमान किया, लेकिन मेरे अपमान से सच नहीं छिपेगा। एक ना एक दिन आपको जवाब देना ही पड़ेगा।

कहा कि संसद में मेरे भाषण के कुछ अंश हटा दिए गए। बावजूद इसके कि मैंने किसी का अपमान नहीं किया। मैंने जो कहा उसके संबंध में मुझे सबूत दिखाने के लिए कहा गया था और मैंने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सच्चाई हमेशा सामने आती है।

कांप रहे थे पीएम मोदी के हाथ

इस दौरान उन्होंने सदन में पीएम मोदी के संबोधन को दोबारा देखने के लिए आग्रह करते हुए कहा कि आपको बस इतना करना है कि जब मैं बोल रहा था तो मेरे चेहरे और उनके चेहरे को देखना था। देखिए कितनी बार पीएम ने पानी पिया और कैसे पानी पीते हुए उनके हाथ कांप रहे थे। मैने जो कहा था वह सच कहा था इसलिए मेरे मन में किसी तरह का कोई डर नहीं था। 

पीएम मोदी को लगता है सब उनसे डर जाएंगे- राहुल गांधी

ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगता है कि वह बहुत ताकतवर हैं, सब उनसे डर जाएंगे। लेकिन उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि भले ही वह प्रधानमंत्री हों, लेकिन वह आखिरी व्यक्ति होंगे जिनसे मुझे कोई डर हो। एक दिन उन्हें भी अपनी सच्चाई का सामना करने के लिए मजबूर किया जाएगा।

संसदीय कार्यवाही देखना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण  

 वायनाड में अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि इस देश में हर किसी के लिए संसद की कार्यवाही देखना कि देश में क्या हो रहा है, महत्वपूर्ण है। इस दौरान राहुल गांधी ने यह भी कहा कि पीएम और अदाणी के बीच सांठगांठ को समझना महत्वपूर्ण है। 

लोकसभा सचिवालय ने मांगा था जवाब

इससे पहले रविवार को लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से जवाब मांगा था। दरअसल, 7 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान 'भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और भड़काऊ बयान' देने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और प्रल्हाद जोशी ने विशेषाधिकार हनन को लेकर लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखा था।

राहुल के बयान पर जताई थी आपत्ति

इससे पहले लोकसभा में मंगलवार को 'राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव' पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी के भाषण के बाद निशिकांत दुबे और प्रह्लाद जोशी ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। गांधी ने हिंडनबर्ग-अदाणी के मुद्दे पर टिप्पणी की थी।

महंगाई से अभी राहत नहीं, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंची


खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पहले जनवरी महीने में सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में खुदरा महंगाई दर एक साल के सबसे निचले स्तर 5.72 फीसदी पर आ गई थी।

दिसंबर लगातार दूसरा महीना था जिसमें जिसमें खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के 4 (+/- 2) फीसदी के टॉलरेंस बैंड के भीतर आ गई थी। दो महीने की गिरावट के बाद जनवरी महीने में यह फिर इस टॉलरेंस बैंड के बाहर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2022 में 6.77 प्रतिशत और नवंबर में 5.88 प्रतिशत थी।

दिसंबर में ग्रामीण क्षेत्रों में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति नवंबर के 6.09% से घटकर दिसंबर में 6.05% हो गई थी। वहीं, शहरी क्षेत्रों में यह 5.39% रही थी। खुदरा महंगाई दर लगातार 40 महीने से मध्यम अवधि के लक्ष्य चार प्रतिशत से ऊपर रही है।

ग्रामीण और शहरी भारत में खुदरा मुद्रास्फीति क्रमश: 6.85 प्रतिशत और 6.00 प्रतिशत रही। समूहों में अनाज और उत्पादों, अंडे, मसालों सहित अन्य सामग्री ने जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि में योगदान दिया है। पिछले साल मई से रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए अल्पकालिक ब्याज दर में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इसी महीने रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है। रेपो दर बढ़ाने से अर्थव्यवस्था में मांग को कम करने में मदद मिलती है और इस प्रकार मुद्रास्फीति के प्रबंधन में मदद मिलती है।

अडानी मुद्दे पर बोले शाह- भाजपा के लिए छिपाने और डरने जैसा कुछ नहीं

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अडानी ग्रुपर्स को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद एक तरफ बाजार में हलचल मची हुई है, तो दूसरी तरफ सियासी गलियारे में खींचतान जारी है। इस रिपोर्ट के बाद अदानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। विवाद को लेकर विपक्ष की ओर से भाजपा को निशाना बनाए जाने पर अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस मामले पर बोलने के लिए कुछ है भी नहीं। 

न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक स्पेशल इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है तो एक मंत्री के रूप में मेरे लिए टिप्पणी करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी के लिए छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और डरने की कोई बात नहीं है।कांग्रेस के हमलावर होने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष केवल शोर मचाना जानता है। अगर उनके पास गड़बड़ी के सबूत हैं तो उन्हें कोर्ट जाना चाहिए।

बीते दिनों हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर पूरे देश में सियासी बवाल छिड़ा था। संसद में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर खूब हमले किए थे।राहुल गांधी ने बीजेपी और पीएम मोदी पर अदानी से मित्रता का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि पीएम से मित्रका के कारण अदानी को सारे कॉन्ट्रैक्ट मिल रहे हैं।

कांग्रेस समेत विपक्ष ने संसद के बजट सत्र के दौरान संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग करते हुए इस मुद्दे को उठाया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है। विपक्ष ने अडानी समूह में एलआईसी और कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निवेश पर सवाल उठाए हैं।

बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अदानी समूह के संबंध में शेयरों में गड़बड़ी करने और वित्तीय धोखाधड़ी करने के दावे किए गए थे। इस रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के मुखिया गौतम अदाणी जो पिछले महीने 24 जनवरी तक दुनिया के तीसरे सबसे धनवान व्यक्ति थे उनकी संपत्ति में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई वे दुनिया के अमीरों की टॉप 10 लिस्ट से बाहर हो गए।

राहुल का प्रयागराज दौरा रद्द, प्लेन को लैंड करने की नहीं मिली इजाजत, कांग्रेस बोली-राहुल गांधी की लोकप्रियता से घबराई बीजेपी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी का प्रयागराज आने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को प्रयागराज में अपने एक निजी कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन उनका यह दौरा रद्द हो गया। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल गांधी का चार्टेड प्लेन वायनाड से यहां के लिए निकला था, लेकिन उसे वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (बाबतपुर एयरपोर्ट) पर उतरने की अनुमति नहीं दी गई। जिसके कारण दौरा रद्द हो गया।

राहुल को कमला नेहरू ट्रस्ट की वार्षिक बैठक में शामिल होना था। ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल के संचालन को लेकर हर साल बैठक होती है। राहुल गांधी और पूरा गांधी परिवार कमला नेहरू ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। हर साल ट्रस्ट की बैठक में गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य जरूर आता है। इस दौरे में कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं से भी स्वराज भवन में राहुल गांधी के मिलने का कार्यक्रम था।राहुल को रात 10:30 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरना था, लेकिन वाराणसी में प्लेन नहीं उतरने की वजह से कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

कांग्रेस ने कहा-सरकार के दबाव में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इजाजत नहीं दी

प्लेन को लैंड करने की इजाजत नहीं दिए जाने पर कांग्रेस की ओर से हमला भी किया गया। अजय राय ने कहा कि सरकार के दबाव में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इजाजत नहीं दी है। राहुल की लोकप्रियता से बीजेपी सरकार घबराई हुई है।

दूसरी ओर एयरपोर्ट अथॉरिटी का कहना है कि रात 9.30 बजे उन्हें ये सूचना मिली कि राहुल गांधी ने कुन्नूर से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी। वाराणसी आने का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया।