जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने प्रकिया को ठहराया सही
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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। इस प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के परिसीमन की प्रकिया को सही ठहराया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में अब चुनावों का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें कि श्रीनगर के रहने वाले हाजी अब्दुल गनी खान और मोहम्मद अयूब मट्टू ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। जबकि केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और चुनाव आयोग ने इस दलील को गलत बताया था। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित किया था। पिछले साल 1 दिसंबर को जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था। आज ये फैसला जस्टिस अभय एस ओक ने सुनाया।
याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए आयोग का गठन संवैधानिक प्रावधानों के हिसाब से सही नहीं है। परिसीमन में विधानसभा क्षेत्रों की सीमा बदली गई है. उसमें नए इलाकों को शामिल किया गया है। साथ ही सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 कर दी गई है, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की भी 24 सीटें शामिल हैं। यह जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 63 का उल्लंघन है
केंद्र सरकार ने कहा
केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 2, 3 और 4 के तहत संसद को देश में नए राज्य या प्रशासनिक इकाई के गठन और उसकी व्यवस्था से जुड़े कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। इसी के तहत पहले भी परिसीमन आयोग का गठन किया जाता रहा है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता का यह कहना भी गलत है कि परिसीमन सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही लागू किया गया है। इसे असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के लिए भी शुरू किया गया है।
परिसीमन पर बवाल क्यों
बता दें कि आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले जम्मू और कश्मीर की लोकसभा सीटों का परिसीमन केंद्र करता था। विधानसभा सीटों का परिसीमन राज्य सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट, 1957 के तहत होता था। 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा और लोकसभा दोनों सीटों का परिसीमन का अधिकार केंद्र के पास चला गया है।
Feb 13 2023, 16:26