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*बीबीसी पर बैन की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज, शीर्ष अदालत ने कहा-हमारा समय बर्बाद मत करिए*

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सुप्रीम कोर्ट ने भारत में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका के अनुसार, बीबीसी और बीबीसी इंडिया पर पूरी तरह से बैन लगाने की मांग की गई थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और एक किसान बीरेंद्र कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, हमारा समय बरबाद मत करिए।

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और एक किसान बीरेंद्र कुमार सिंह ने पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। दोनों ही याचिकाओं में बीबीसी की भारत में रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग गई थी।याचिका में आरोप लगाया गया था कि बीबीसी और बीबीसी इंडिया भारत में शांति और अखंडता को बाधित करने की कोशिश कर रहा है। इस साजिश की जांच एनआईए द्वारा करवाई जानी चाहिए।

याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा याचिका में दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती है। याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। हमारा समय बर्बाद मत करिए।

दरअसल, बीबीसी ने 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी। जिसे केंद्र सरकार ने भ्रामक मानते हुए इस पर बैन लगा दिया था। इस प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस पर हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और बीरेंद्र कुमार सिंह ने भारत में बीबीसी के संचालन पर ही बैन लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

*यूपी में हर जिले में 2023 के अंत तक मिलेगी 5जी सर्विस, 75 हजार करोड़ निवेश करेगी रिलायंस, मुकेश अंबानी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट किया ऐलान*

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरूआत हो गई है। समिट के पहले दिन ही देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बड़ा ऐलान किया। मुकेश अंबानी ने 2023 के अंत तक उत्तर प्रदेश के हर शहर, गांव और कस्बे तक जियो की 5-जी सेवाएं पहुंचाए जाने की घोषणा की। साथ ही यूपी में अगले चार सालों में 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश का भी ऐलान किया।

1 लाख से ज्यादा नौकरियां देने का भरोसा

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने समिट को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में क्षेत्रीय असंतुलन तेजी से गायब हो रहा है। शहरी-ग्रामीण भारत के बीच विभाजन भी बंद हो रहा है।उत्तर प्रदेश इसका एक ज्वलंत उदाहरण है। शहरी भारत और ग्रामीण भारत के बीच की खाई भी खत्म हो रही है। मुकेश अंबानी ने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार के कारण यूपी नए भारत के लिए आशा का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए उद्योग और सहयोग दोनों की आवश्यकता है जिसे यूपी पूरा कर रहा है। मुकेश अंबानी ने समिट के दौरान बताया कि रिलायंस उत्तर प्रदेश में अगले चार सालों में जियो, रिटेल और रिन्यूएबल बिजनेस के माध्यम से 75000 करोड़ रुपयों का निवेश करेगी। इससे हम 1 लाख से अधिक नौकरियां देंगे।

5 सालों में यूपी 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा-मुकेश अंबानी

समिट में मुकेश अंबानी ने कहा कि 5 सालों के भीतर ही यूपी 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।रिलायंस उत्तर प्रदेश में 10 GW की रिन्यूबल एनर्जी क्षमता को स्थापित करेगा। यह उत्तर प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा परियोजना होगी।कंपनी ने यूपी में बायो-गैस एनर्जी बिजनेस में उतरने की घोषणा भी की है। अंबानी ने राज्य के गांवों और छोटे शहरों में किफायती शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के लिए रिलायंस ने जियो प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से दो पायलट प्रोजेक्ट्स जियो-स्कूल और जियो-एआई-डॉक्टर की भी घोषणा की है। साथ ही मुकेश अंबानी ने 2023 के अंत तक यूपी के सभी शहरों में 5जी रोलआउट करने की बात भी कही।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बोले पीएम मोदी- सिर्फ 5-6 साल में बदली यूपी की पहचान, बना देश का ग्रोथ इंजन

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उत्तर प्रदेश में आज से तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट का उद्घाटन किया।इस मौके पर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहें।

यूपी की पहचान यहां की कानून व्यवस्था है-पीएम मोदी

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल मेहमानों का स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूपी के प्रति मेरा विशेष स्नेह है। मैं जिम्मेदारी को निभाने के लिए इस समिट का हिस्सा भी बना हूं।पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब यूपी बीमारू राज्य कहलाता था। हर कोई यूपी से अपनी उम्मीदें छोड़ चुका था, लेकिन बीते 5-6 वर्षों में यूपी ने अपनी नई पहचान स्थापित कर ली है। यूपी की धरती अपने सांस्कृतिक वैभव के लिए जानी जाती है। यूपी की पहचान यहां की कानून व्यवस्था है। आज उत्तर प्रदेश की पहचान बेहतर कानून व्यवस्था, शांति और स्थिरता से है। उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर की पहल के परिणाम नजर आ रहे हैं।

5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला यूपी पहला राज्य

पीएम नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए जो कदम उठाए गए थे उसके परिणाम अब नजर आने लगे हैं। उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बहुत जल्द उत्तर प्रदेश देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर जाना जाएगा, जहां 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यूपी सीधे समुद्र के रास्ते से गुजरात से जुड़ेगा।

बजट में 35 हजार करोड़ रुपये सिर्फ एनर्जी ट्रांजिशन के लिए

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में सोशल, डिजिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हुआ है उसका बड़ा लाभ यूपी को भी मिला है। हमने दर्जनों पुराने कानूनों को खत्म किया है और आज भारत सही मायनों में स्पीड और स्केल के रास्ते पर चल पड़ा है।उन्होंने कहा कि आज इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार रिकॉर्ड खर्च कर रही है और हम हर साल इसको बढ़ा रहे हैं। ग्रीन ग्रोथ के जिस रास्ते पर भारत चल पड़ा है उस पर मैं आपको विशेष रूप से आमंत्रित करता हूं। इस वर्ष बजट में हमने 35 हजार करोड़ रुपये सिर्फ एनर्जी ट्रांजिशन के लिए रखे हैं। यह दिखाता है कि हमारा इरादा क्या है।

समापन कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगीं

बता दें कि लखनऊ में ये ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 12 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान 30 से ज्यादा सत्र आयोजित किए जाएंगे जिनमें कारोबारी जगत से जुड़े दिग्गज भाग लेंगे। तीन दिन के दौरान 30 से ज्यादा अलग अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे। उद्घाटन समारोह में जहां पीएम मोदी मौजूद रहेंगे तो समापन कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगीं।

पीएम मोदी के नेतृत्व में अब यूपी व देश में उद्योगों को लेकर लोगों की धारणा बदली है: राजनाथ सिंह

लखनऊ। तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 में लखनऊ के सांसद व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा होने के कारण ही आज नए भारत का नया उत्तर प्रदेश आकार ले रहा है। अब यूपी मतलब शिक्षा हब, यूपी मतलब इंवेस्टमेंट हब और यूपी मतलब निवेश फ्रेंडली माहौल वाला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि भारत में छद्म समाजवाद ने उद्योगों के खिलाफ माहौल बनाया है पर पीएम मोदी के नेतृत्व में अब यूपी व देश में उद्योगों को लेकर लोगों की धारणा बदली है। 

दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना : सीएम योगी

समिट में करीब 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के करार होने की उम्मीद है। इससे दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एक साथ सभी 75 जनपदों में निवेश हो रहा है। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के साथ ही देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के संकल्प को पूर्ण करेगा। 

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश के विकास के लिए नई संभावनाएं खोलेगा : डेनियल बर्चर 

ज्यूरिख एयरपोर्ट आफ एशिया के सीईओ डेनियल बर्चर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास के मुख्य वाहक बन गए हैं। उनके सहयोग से ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आकार ले पा रहा है। प्रोजेक्ट के विकास के लिए हमें भूमि अधिग्रहण में आसानी हुई। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश के विकास के लिए नई संभावनाएं खोलेगा। 

निवेश के लिए आकर्षण बन गया है यूपी : आदित्य बिरला 

 

आदित्य बिरला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिरला ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने ईज आफ डूइंग बिजनेस को लेकर कई शानदार कदम उठाए हैं जिसके कारण यह निवेशकों के लिए आकर्षक प्रदेश बन गया है। उन्होंने उद्योगपतियों ने प्रदेश में निवेश की अपील की है। 

मुकेश अंबानी बोले, 2023 के अंत तक उत्तर प्रदेश के हर कोने में पहुंचेगा 5 जी 

 

लखनऊ में चल रहे समिट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने किया बड़ा एलान, कहा 2023 के अंत तक उत्तर प्रदेश के हर शहर, गांव और कस्बे तक जियो की 5-जी सेवाएं पहुंच जाएंगी। कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार और ईज आफ डूइंग बिजनेस में सुधार के कारण यूपी नए भारत के लिए आशा का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए उद्योग और सहयोग दोनों की आवश्यकता है जिसे यूपी पूरा कर रहा है।

यूपी में विकास की अपार संभावनाएं: एन चंद्रशेखरन

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने अपने भाषण में कहा कि यूपी में विकास की अपार संभावनाएं हैं। कृषि के क्षेत्र में प्रदेश पहले ही खुद को साबित कर चुका है। यहां की करीब 24 करोड़ जनसंख्या प्रदेश की ताकत है। यूपी भारत को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में बड़ा योगदान दे सकता है। टाटा संस प्रदेश के विकास में सहयोग देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 का उद्घाटन कर दिया है। इस मौके पर उनके साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे।

अशोक गहलोत ने करवाई कांग्रेस की किरकिरी, विधानसभा में पढ़ने लगे पिछले साल का बजट

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में बजट पेश किया। हालांकि बजट पेश करते वक्त अशोक गहलोत अचानक रुक गए। दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन में पुराना भाषण पढ़ दिया। कुछ सेकंड के बाद उन्हें समझ में आया कि जो बजट पढ़ रहे हैं, वह पुराना है। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने के दौरान विपक्ष ने भाषण शुरू होने के साथ ही हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने बजट लीक किया है और मुख्यमंत्री ने बजट की पुरानी लाइनें पढ़ीं हैं। वहीं इधर भारी हंगामे के बाद विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आ गए और विपक्ष के हंगामे को देखते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

राजस्थान विधानसभा सदन में सीएम अशोक गहलोत अपने बजट भाषण के दौरान अचानक अटक गए। मालूम हो कि गहलोत ने सुबह 11 बजे बजट भाषण पढ़ना शुरू किया और थोड़ी ही देर बाद वह बजट पढ़ते पढ़ते अटक गए। गहलोत ने अपने बजट भाषण के दौरान कुछ पुरानी घोषणाएं पढ़ दीं । हालांकि, उन्हें गलती का एहसास हुआ। जिसके बाद सदन में हंगामा हो गया। विपक्षी भाजपा ने जमकर हंगामा किया।

बता दें कि अशोक गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। उनका यह मौजूदा कार्यकाल का पांचवां एवं अंतिम बजट है। राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

तुर्की-सीरिया बना कब्रगाह! भूकंप से मरने वालों की संख्या 21 हजार के पार, मलबे से अब भी निकल रहीं लाशें

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तुर्की और सीरिया में मौत का मातम थमने का नाम नहीं ले रहा है। भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई है कि परिवार के परिवार खत्म हो गए हैं। चार दिन पहले आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 21 हजार से अधिक हो गई है। मलबे के नीचे से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है। तुर्किये और सीरिया में बचाव और राहत कार्य उसी तेजी के साथ जारी है। 

तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने गुरुवार को कहा कि भूकंप से मरने वालों की संख्या तुर्की में 17,674 हो गई। 72,879 लोग घायल हुए हैं। वहीं सीरिया में भी मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरिया में कम से कम 3,377 व्यक्ति मारे गए हैं। जिनमें 2,030 उत्तर पश्चिम में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में और 1,347 सरकार नियंत्रित क्षेत्रों में मारे गए हैं।

राहत और बचाव के लिए विश्व बैंक देगा 1.78 अरब डॉलर

विश्व बैंक ने तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत और बहाली के प्रयासों में मदद के लिए प्रारंभिक सहायता के बतौर 1.78 अरब डॉलर की घोषणा की है। वहीं भूकंप प्रभावित सीरिया और तुर्की की मदद के लिए अमेरिका ने 85 मिलियन डॉलर की सहायता की मानवीय सहायता की घोषणा की है। अमेरिका यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के माध्यम से दोनों देशों को तत्काल मानवीय सहायता में 85 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान करेगा। मानवीय सहायता में शरणार्थियों और नए विस्थापित लोगों के लिए आपातकालीन भोजन और आश्रय प्रदान करना, आघात सहायता, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सहायता शामिल है। अमेरिका ने डिजास्टर असिस्टेंस रिस्पांस टीम को तैनात किया है।

तुर्की राहत और बचाव में जुटी भारतीय सेना और एनडीआरएफ

तुर्की की मदद के लिए भारत भी आगे आया है. भारत ने तुर्की को 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत विशेष मदद भेजी है. भारतीय सेना ने हताए शहर में फील्ड हॉस्पिटल बनाया है। जहां लगातार घायलों का इलाज किया जा रहा है। इतना ही नहीं एनडीआरएफ की टीमें भी रेस्क्यू अभियान चला रही हैं। भारत की तरफ से एनडीआरएफकी 3 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्की पहुंची हैं। इनमें विशेष रेस्क्यू डॉग स्क्वायड भी शामिल है।

7.8 तीव्रता का आया था भूकंप

बता दें कि तुर्की और सीरिया में सोमवार को 7.8 तीव्रता का शक्तिकाली भूकंप आया था। सुबह आए इस विनाशकारी भूकंप की भयावह तस्वीरें और लोगों के मरने का आंकड़ा दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ता जा रहा था। अब तक मरने वालों का आंकड़ा 21 हजार पहुंच चुका है। कई चश्मदीदों ने बताया कि उनके घर के सामने कई इमारतें उन्होंने भरभराकर गिरते देखीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 का किया शुभारंभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गवर्नर आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। मुकेश अंबानी भी समिट में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं। 10 से 12 फरवरी यानी 3 दिनों तक यह इन्वेस्टर समिट चलेगी। यूपी सरकार ने दावा किया है कि यह देश की सबसे बड़ी इन्वेस्टर समिट है।

समिट में करीब 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के करार होने की उम्मीद है। इससे दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एक साथ सभी 75 जनपदों में निवेश हो रहा है। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के साथ ही देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के संकल्प को पूर्ण करेगा। 

25 हजार वर्गमीटर में टेंट सिटी बसाई गई

समिट के लिए डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 25 हजार वर्गमीटर में फाइव स्टार होटल की तर्ज पर 5 बड़े पंडाल और टेंट सिटी बसाई गई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर यूपी पुलिस अलर्ट है। नेपाल और पड़ोसी राज्यों की सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर खुफिया पुलिस तैनात की गई है।

अमेरिका की सबसे ज्यादा 53 कंपनियां हो रहीं शामिल

समिट के शुरू होने से पहले अब तक 27 लाख करोड़ के निवेश से जुड़े एमओयू साइन हो चुके हैं। समिट में गूगल, एप्पल, रोल्स रॉयस, सुजुकी, वॉलमार्ट, अमेजन, जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर, मर्क, मर्सिडीज, लॉरेल और फिलिप्स समेत कंपनियां शामिल होंगी। इनके जरिए 4 लाख करोड़ के विदेशी निवेश का टारगेट है। विदेशी निवेश के लिए 20 सेक्टरों की निवेश नीतियां बनाई गई हैं।समिट में सबसे ज्यादा अमेरिका की 53 कंपनियां शामिल हो रही हैं।

*जम्मू-कश्मीर में धरती के नीचे दबा मिला बड़ा खजाना, देश में पहली बार लीथियम के भंडार की पहचान*

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भारत की मिट्टी के लिए कहा जाता है कि यहां की धरती सोने, हीरे और मोती उगलती है। धरती के नीचे छुपे इन्हीं खजानों से भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के शीर्ष पर पहुंचने वाली है। दरअसल लिथियम का बड़ा भंडार भारत मे मिला है। देश में पहली बार लिथियम और सोने का बड़ा भंडार मिला है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में इस खजाने की पहचान की है।

देश की पहली लीथियम रिजर्व साइट

गुरुवार को सेंट्रल ज्योलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 62वीं बैठक में खदान सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया कि जीएसआई के सर्वे में जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में देश की पहली लीथियम रिजर्व साइट मिली है। खान मंत्रालय को रियासी जिले के सलाल-हैमाना इलाके में करीब 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है। देश में कुल 51 ब्लॉक मिले हैं। इनमें से 5 ब्लॉक में लिथियम, गोल्ड, पोटाश, मॉलिब्डेनम से जुड़े हुए हैं। 2018-19 से लेकर आज की तारीख में इन ब्लॉक्स को खोजा गया है। इसके अलावा 17 ब्लॉक्स कोयले के रिजर्व से जुड़े हैं। बैठक के दौरान 15 अन्य संसाधनों वाली भूवैज्ञानिक रिपोर्ट और 35 भूवैज्ञानिक ज्ञापनों के साथ यह रिपोर्ट संबंधित राज्य सरकारों को सौंपी गई। 

यहां होता है लिथियम का इस्तेमाल

बता दें कि लिथियम नॉन फेरस मेटल है और इसका इस्तेमा इलेक्ट्रानिक गाड़ियों की बैट्री में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है। उन्माद की गंभीरता और आवृत्ति को कम करने में मदद करता है, मूड स्विंग, बाइपोलर अवसाद का इलाज करने में मदद कर सकता है। यदि आपको आत्महत्या के बारे में अधिक सोचते हैं तो लिथियम इन भावनाओं को कम करने में मदद कर सकता है। लिथियम भविष्य में होने वाले उन्मत्त और अवसादग्रस्तता प्रकरणों को रोकने में भी मदद करता है।लिथियम और इसके यौगिकों में कई औद्योगिक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। जिनमें गर्मी प्रतिरोधी ग्लास और चीनी मिट्टी की चीजे, लिथियम ग्रीस स्नेहक, लोहा, स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादन के लिए फ्लक्स एडिटिव्स, लिथियम धातु बैटरी और लिथियम-आयन बैटरी शामिल हैं।

अब तक लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है भारत

इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है। अब इस खजाने के मिलने के बाद सरकार की ये परेशानी हल होती दिख रही है। दरअसल, इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रमोट कर रहा है ताकि पेट्रोल और डीजल से निर्भरता कम हो सके, जो प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। अगर गाड़ियां ईवी से चलेंगी तो इससे होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। व्हीकल को ईवी से चलने में सबसे बड़ी भूमिका निभाती है, उसमें लगाई जाने वाली बैटरी और बैटरी बनाने के लिए लिथियम की जरूरत पड़ती है। भारत में आवश्यकतानुसार लिथियम की उपलब्धता नहीं है। हमें विदेशों से आयात करना पड़ रहा है। अब इससे राहत मिलेगी, क्योंकि लिथियम का बड़ा भंडार अब इंडिया में ही मिल गया है।

मंदी का कहर, डिजनी ने सात हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, जानिए, दुनिया की किन दिग्गज टेक कंपनियों में छंटनी का लगातार जारी है सिलसिला

मनोरंजन की दुनिया में अपना नाम बना चुके डिजनी में भी छंटनी का दौर शुरू हो गया है। कंपनी ने अपने सात हजार कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का फैसला लिया है। कंपनी के सीईओ बॉब इगर ने ये जानकारी दी। पिछले साल ही बॉब ने सीईओ का पद संभाला है।

बॉब ने कहा, 'मैं इस निर्णय को हल्के में नहीं लेता। मेरे मन में दुनिया भर में हमारे कर्मचारियों की प्रतिभा और समर्पण के लिए बहुत सम्मान और प्रशंसा है।' इस प्रक्रिया के जरिए कंपनी 5.5 बिलियन डॅालर की सेविंग करना चाहती है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार ग्राहकों की धीमी वृद्धि हुई है। डिजनी पल्स के सब्सक्रिप्शन में पहली तिमाही में कमी आई है, जिसकी वजह से स्ट्रीमिंग मीडिया यूनिट को एक बिलियन डॅालर से अधिक का नुकसान हुआ। एक प्रतिशत यूजर्स भी घट गए।

ऐसा नहीं है कि केवल डिजनी में ही कर्मचारियों की छंटनी चल रही है। इसके पहले अमेरिका की कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया है। बुधवार को ही टेक कंपनी जूम ने अपने 1300 कर्मचारियों को निकालने का एलान किया था। सोमवार को डेल ने अपने छह हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की थी। 

 आइए जानते हैं कि पिछले छह महीनों में किन दस दिग्गज कंपनियों ने छंटनी की हैं? 

जूम

कर्मचारियों की छंटनी का ताजा मामला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सर्विस कंपनी जूम से जुड़ा हुआ है। दरअसल, जूम ने 1300 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। यह कंपनी के कुल कार्यबल का 15 फीसदी है। कंपनी के सीईओ एरिक युआन ने कंपनी की वेबसाइट पर एक ब्लॉग पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। 

डेल

सोमवार को डेल टेक्नोलॉजीज ने अपने 6000 से अधिक कर्मचारियों को को नौकरी से निकालने की घोषणा की। रिपोर्ट्स के अनुसार, डेल अपने वैश्विक कार्यबल से पांच फीसदी हिस्सा घटाने की योजना बना रही है। कंपनी के को-चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जेफ क्लार्क ने अपने कर्मचारियों के साथ साझा किए गए नोट में कहा कि बाजार चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है। क्लार्क के मुताबिक, कंपनी ने 2020 में भी इसी तरह की छंटनी की घोषणा की थी।

 

बायजू 

सोमवार को ही सामने आईं रिपोर्ट्स के मुताबिक, एडटेक यूनिकॉर्न बायजू ने करीब 1,500 कर्मचारियों की छंटनी की है। मामले की जानकारी रखने वाले चार लोगों ने बताया कि बायजू ने कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और ऑपरेशंस की आउटसोर्सिंग का हवाला देते हुए इन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इससे पहले अक्तूबर में भी बायजू ने करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी, जो उसके कार्यबल का पांच फीसदी था। 

 

मेटा 

फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने फेसबुक में और छंटनी के संकेत दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में अधिकारियों की बैठक में सीईओ मार्क जकरबर्ग ने अधिक छंटनी की संभावना पर जोर दिया। मेटा कंपनी ने पिछले साल नवंबर में 13 प्रतिशत कर्मचारियों की कटौती की थी, जो कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ी छंटनी थी

स्विगी 

फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने जनवरी में अपने 380 कर्मचारियों को बाहर निकालने की घोषणा की थी। कंपनी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि यह बहुत कठिन फैसला है। कंपनी ने 380 क्षमतावान कर्मचारियों को निकालने के बारे में बताया कि हम यह फैसला अपनी टीम को छोटा करने के लिए कर रहे हैं। कंपनी के सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने अपनी ओर से भेजे गए मेल में कर्मचारियों से बताया था कि फूड डिलीवरी क्षेत्र में ग्रोथ रेट धीमा हो गया है।

 

अल्फाबेट 

जनवरी महीने में ही टेक दिग्गज गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट ने 12,000 कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों के साथ साझा किए गए एक मेमो में यह जानकारी दी थी।

 

माइक्रोसॉफ्ट 

दुनिया की नंबर वन सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी में 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की थी। यह छंटनी कंपनी के कार्यबल की पांच प्रतिशत थी। माइक्रोसॉफ्ट में यह छंटनी मानव संसाधन और इंजीनियरिंग विभागों में हुई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर में माइक्रोसॉफ्ट ने विभिन्न विभागों में करीब 1,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में भी कुछ कर्मचारियों की छंटनी की थी।

 

अमेजन

जनवरी में आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन में छंटनी शुरू की थी। कंपनी के सीईओ एंडी जेसी ने कहा था कि छंटनी से कंपनी से करीब 18000 से अधिक कर्मचारी प्रभावित होंगे। कंपनी ने भारत में करीब 1000 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर किया है। अमेजन ने निकाले गए कर्मचारियों को ईमेल भेजकर पांच महीने के अग्रिम वेतन की पेशकश की थी। 

 

आईबीएम 

जनवरी माह में आईबीएम कॉर्प ने अपनी संपत्ति के कुछ हिस्सों के विनिवेश की योजना के तहत 3,900 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी। कंपनी ने अपनी चौथी तिमाही में वार्षिक नकद लक्ष्य से चूकने के बाद यह फैसला लिया था।

 

ट्विटर 

जनवरी में आई नई रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क ने ट्विटर के प्रोडक्शन विभाग में 50 कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाई है। अक्टूबर में ट्विटर को खरीदने के बाद मस्क ने कई संगठनात्मक बदलाव किए और कुछ हफ्तों के भीतर उन्होंने 7,500 कमचारियों की छंटनी कर दी। यह छंटनी कुल कार्यबल का करीब 50 फीसदी थी।

भारत की अंतरिक्ष में ऊंची उड़ान, इसरो ने लॉन्च किया अपना सबसे छोटा रॉकेट, जानें क्या है खासियत?

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भारत ने स्पेस के क्षेत्र में एक और कदम बढ़ाया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सबसे छोटे रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया।ने आज यानी शुक्रवार को सुबह 9.18 बजे एसएसएलवी-डी 2 को अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से यह लॉन्चिंग की गई।

एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जिनमें अमेरिकी की कंपनी अंतारिस की 10.2 ग्राम का सैटेलाइट Janus-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट AzaadiSAT-2, जो करीब 8.7 किलोग्राम का है और इसरो की सैटेलाइट EOS-07 शामिल हैं। ये तीनों सैटेलाइट्स 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित की जाएंगी। 

सफल नहीं हो सकी थी पहली उड़ान

इस रॉकेट की पहली उड़ान बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी। बीते साल एसएसएलवी की पहली उड़ान के दौरान रॉकेट के दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान कंपन महसूस होने के कारण लॉन्चिंग सफल नहीं हो सकी थी। साथ ही रॉकेट का सॉफ्टवेयर उपग्रहों को गलत कक्षा में लॉन्च कर रहा था, जिसके चलते इसरो ने एसएसएलवी की लॉन्चिंग को रद्द कर दिया था।

रॉकेट की क्या है खासियत

एसएसएलवी-डी2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम है। जिसमें 156.3 किलोग्राम EOS, 10.2 किग्रा Janus-1 और 8.7 किग्रा AzaadiSat-2 का होगा। इसरो ने एसएसएलवी को 550 किलोग्राम की पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) तक ले जाने की क्षमता के साथ विकसित किया है।