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मिग-21 का आज आखिरी विदाईः 62 साल बाद अब इतिहास के पन्नों में हो जाएगा दर्ज

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देश में एयरफोर्स की पहचान रहे फाइटर प्लेन मिग-21 की आज अंतिम विदाई दी जा रही है। छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे प्रसिद्ध रूसी लड़ाकू विमान मिग-21 आज सेवामुक्त हो जाएंगे। मिग-21 विमानों के संचालन का आधिकारिक समापन आज चंडीगढ़ में एक औपचारिक फ्लाईपास्ट और विदाई समारोह के साथ होगा। जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।

आज आखिरी बार उड़ान भरेगा मिग-21

चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन 12 विंग का एयरबेस से मिग 21 को विदाई देने की तैयारी की गई। लड़ाकू विमान मिग-21 फाइटर प्लेन को आखिरी बार आसमान में बादल और पैंथर फॉर्मेशन में उड़ेगा। एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह 'बादल 3' नाम से स्क्वाड्रन का नेतृत्व करेंगे। आखिरी सलामी के बाद मिग-21 एयरफोर्स के बेड़े से बाहर हो जाएगा।इस फाइटर प्लेन को अलविदा कहने से पहले एयफोर्स की स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह के साथ उड़ान भरेंगी। प्रिया शर्मा देश की 7वीं महिला वीमन फाइटर पायलट हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे चीफ गेस्ट

मिग-21 फाइटर प्लेन के फेयरवेल सरेमनी के चीफ गेस्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे। सेरेमनी में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, वायुसेना के छह पूर्व प्रमुख भी शिरकत करेंगे।अंतिम फ्लाईपास्ट के बाद छह मिग-21 विमानों को उतरते ही वाटर कैनन से सलामी देकर अलविदा कहा जाएगा। मिग-21 लड़ाकू जेट विमानों ने 18-19 अगस्त को राजस्थान के बीकानेर में नाल वायु सेना स्टेशन पर अपनी आखिरी उड़ानी भरी थी। आज के बाद मिग आसमान में नजर नहीं आएगा।

देश का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान

मिग-21 को भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान माना जाता है। साउंड की स्पीड से तेज उड़ने वाले इस विमान की खासियत रही है कि यह पलक झपकते ही मैक-2 की स्पीड पर पहुंच जाता है। 6 दशकों तक सेवा के बाद जब यह रिटायर होगा, तब इसकी जगह तेजस मार्क 1ए को तैनात किया जाएगा। मिग 21 ने पाकिस्तान के खिलाफ दो युद्ध, बांग्लादेश मुक्सित संग्राम और करगिल में दुश्मनों के दांत खट्टे कर चुका है।

65 के भारत-पाक युद्ध से हुई थी शुरुआत

सबसे पहले इस विमान ने साल 1965 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लिया था। उसके बाद साल 1971 के युद्ध में भी यह विमान गेमचेंजर बना। वर्ष 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर के दौरान कारगिल में भी इस विमान ने कौशल दिखाया। इस दौरान मिग-21 ने भारतीय इलाके में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तान नेवल एयर आर्म के अटलांटिक विमान को मार गिराया था।

ऑपरेशन सिंदूर में भी था अलर्ट मोड पर

साल 1965 से लेकर बालाकोट एयर स्ट्राइक तक विभिन्न अभियानों के तहत इस लड़ाकू विमान ने अहम भूमिका निभाई। ऑपरेशन सिंदूर में भी यह विमान पूरी तरह अलर्ट मोड में था और इसकी लड़ाकू रैकी जारी थी। 26 सितंबर को यह विमान 62 साल के सफर के बाद इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। इसकी विदाई इसके सबसे पहले घर चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से ही होगी। यह विमान एयरफोर्स के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज, रानीगंज: शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और समर्पण की मिसाल

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के रानीगंज क्षेत्र में स्थित मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज आज शिक्षा के क्षेत्र में एक भरोसेमंद और अग्रणी संस्थान के रूप में पहचान बना चुका है। वर्ष 2025 के एडमिशन शुरू है। यह संस्थान न केवल रानीगंज, बल्कि पूरे प्रतापगढ़ जिले से आने वाले छात्रों के लिए एक शैक्षणिक केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह विद्यालय केजी से लेकर कक्षा 12वीं तक की शिक्षा प्रदान करता है, जिसमें हिंदी माध्यम और अंग्रेज़ी माध्यम – दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। विज्ञान और कला दोनों ही विषयों में विशेषज्ञता के साथ यह कॉलेज विद्यार्थियों को भविष्य की तैयारी का मजबूत आधार देता है।

कॉलेज का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाना है। यहां बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी जाती है – चाहे वह शैक्षणिक प्रदर्शन हो, नैतिक मूल्य हों या फिर अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का विकास।

मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज को प्रतापगढ़ जिले के शिक्षा जगत में अग्रणी स्थान प्राप्त है। यह केवल एक स्कूल नहीं, बल्कि एक ऐसा संस्थान है जो विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखता है। स्कूल प्रबंधन समय के साथ बदलाव को अपनाने में विश्वास रखता है और इसी दृष्टिकोण के साथ इस वर्ष कॉलेज प्रबंधन ने विद्यालय के प्रधानाचार्य समेत कई महत्वपूर्ण फैकल्टी सदस्यों में परिवर्तन किया है। यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है कि शिक्षण पद्धति को और अधिक प्रभावशाली एवं आधुनिक बनाया जा सके, जिससे छात्रों को नवीनतम शैक्षणिक दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रशिक्षण मिल सके।

इस वर्ष मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज में कई योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिनमें राम मणि पाण्डेय (एम.ए., बी.एड.), सुशील पाल (एम.ए., बी.एड.), बी.पी. गौतम (एम.एससी., बी.एड.), ललित मिश्रा, प्रमोद श्रीवास्तव, वी.के. मिश्रा एवं मनोज श्रीवास्तव जैसे समर्पित शिक्षक शामिल हैं। ये सभी शिक्षक अपने-अपने विषय में दक्ष हैं और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एवं व्यवहारिक शिक्षा देने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

विद्यालय में छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई सुविधाओं का विस्तार किया गया है। अब विद्यालय में शुद्ध पेयजल हेतु वाटर कूलर की सुविधा उपलब्ध है। पूरे परिसर में वाई-फाई इंटरनेट की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिससे छात्र तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बन सकें। इसके अतिरिक्त, विद्यार्थियों के मानसिक, भावनात्मक एवं शैक्षणिक कल्याण के लिए परामर्श सेवाएँ भी शुरू की गई हैं, जिससे वे व्यक्तिगत और शैक्षणिक जीवन में बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।

विद्यालय का प्रबंधन हमेशा इस बात पर ज़ोर देता है कि शिक्षकगण अपने विषय में न केवल दक्ष हों, बल्कि छात्रों की मनोवृत्ति और आवश्यकताओं को भी भली-भांति समझें। यही कारण है कि कॉलेज में कार्यरत प्रत्येक शिक्षक अपने दायित्व के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और संस्थान के साझा विज़न एवं दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर मेहनत करते हैं।

कॉलेज की भौगोलिक स्थिति भी इसे एक विशेष पहचान देती है। यह रानीगंज रेलवे क्रॉसिंग के पास एक प्रमुख और सुलभ स्थान पर स्थित है, जिससे पहली बार आने वाले विद्यार्थियों और अभिभावकों को भी कॉलेज तक पहुंचना बेहद आसान होता है। रानीगंज और आसपास के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से विद्यार्थी यहां आसानी से आ सकते हैं, क्योंकि परिवहन के कई विकल्प पास में उपलब्ध हैं।

यह संस्थान न केवल एक शिक्षा केंद्र है, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने वाला संगठन भी है। विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के साथ-साथ यह संस्था उन्हें नैतिक मूल्यों, अनुशासन और सेवा भावना से भी परिचित कराती है। बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन के लिए आवश्यक संस्कार और दृष्टिकोण भी प्रदान किए जाते हैं।

मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज की सबसे बड़ी ताकत इसकी समर्पित शिक्षण प्रणाली, अनुशासित वातावरण और माता-पिता के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने की नीति है। यही कारण है कि यह संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में एक ब्रांड बन चुका है और इसकी लोकप्रियता में निरंतर वृद्धि हो रही है।

निकट भविष्य में, कॉलेज अपने शैक्षणिक ढांचे का और अधिक विस्तार करने की योजना बना रहा है, ताकि यह और अधिक छात्रों तक अपनी सेवाएं पहुँचा सके। नई फैकल्टी, बेहतर व्यवस्थाएं और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयास इसके आधुनिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

यदि आप अपने बच्चे को एक सुरक्षित, प्रेरणादायक और गुणवत्ता-युक्त शैक्षणिक माहौल देना चाहते हैं, तो मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज, रानीगंज आपके लिए एक आदर्श विकल्प है।

अधिक जानकारी या प्रवेश हेतु विद्यालय से संपर्क करने के लिए दूरभाष संख्या 7054596061 पर कॉल करें।

दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

म्यांमार की मदद के लिए भारत का “ऑपरेशन ब्रह्मा”, भूकंप से तबाही के बीच पहुंचाई राहत सामग्री

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पड़ोसी मुल्क म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में भारी तबाही पहुंचाई है। अब तक 1000 से ज्यादा मौतों की जानकारी आई है। 1670 से अधिक लोग घायल हैं। ऐसे मुश्किल वक्त में भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत सामग्री भेजी है। वायुसेना का विमान सी-130 जे करीब 15 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंच गया है। इसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाने के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं भेजी गईं हैं। वहीं पीएम मोदी ने म्यांमार के जनरल से बात की है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमार के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है। विदेश मंत्री ने कहा कि IAF_MCC-130 कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट भेजा गया है। इसके जरिए मेडिकल सुविधाएं भी भेजी गई हैं।

यही नहीं, भूकंप की वजह से प्रभावित क्षेत्रों पर एडीआरएफ की 8वीं बटालियन और भारतीय वायुसेना म्यांमार में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए इस रेस्क्यू ऑपेशन का हिस्सा बने हैं।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।

बता दें कि म्यांमार में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए। इनमें से एक झटका 7.2 तीव्रता का था। म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई। अकेले म्यांमार में भूकंप में एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग लापता हैं। वहीं इस भूकंप में अभी तक 1500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। राहत-बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। भारत ने भी पड़ोसी देश म्यांमार की मदद का एलान किया है।

झारखंड में The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप ने पकड़ी रफ्तार, फेलोज़ विभागीय परियोजनाओं में ला रहे नई ऊर्जा

रांची : झारखंड सरकार और The/Nudge इंस्टिट्यूट के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप (IAF) राज्य के प्रमुख विभागों में तेजी से कार्य कर रही है। फेलोशिप का उद्देश्य नीति में सुधार, परियोजनाओं का प्रबंधन और तकनीकी नवाचार के ज़रिए शासन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाना है।

वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने जानकारी दी है कि यह फेलोशिप झारखंड सरकार की प्रशासनिक क्षमता को और अधिक सशक्त बनाएगी. शासन को कुशल, प्रभावी और नवीन दृष्टिकोण देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. हमें विश्वास है कि इन फेलोज़ का योगदान नीतिगत सुधारों और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक होगा.

उन्होंने कहा कि आईएएफ के तहत नियुक्त ये सभी फेलो 20+ वर्षों का निजी क्षेत्र का अनुभव रखते हैं. उनका उद्देश्य अपने विशेषज्ञता का उपयोग कर सरकारी तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाना है, जिससे राज्य के समावेशी और सतत विकास को बल मिल सके.

 फेलोशिप के शुरुआती दो महीनों में फेलोज़ ने विभागीय टीमों के साथ मिलकर प्रक्रियाओं का विश्लेषण, डेटा समीक्षा और सुधार एजेंडों की पहचान की है. 

आने वाले महीनों में ये फेलोज विभिन्न परियोजनाओं का प्रगति को बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे. 

बता दें कि The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप 3 फरवरी 2025 को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में झारखंड सरकार के वित्त विभाग के सचिव, श्री प्रशांत कुमार (आईएएस) की उपस्थिति में लॉन्च की गई थी. इस फेलोशिप का प्रमुख उद्देश्यनीति निर्माण को मजबूत करना है.

योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में तेजी लाना,विभागीय कार्यप्रणाली में नवाचार और तकनीक का उपयोग बढ़ाना और शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है.

क्या है The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप..?

The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप एक 18 महीने का नेतृत्व-उन्मुख कार्यक्रम है, जिसा उद्देश्य शासन और नीति-निर्माण में नवाचार को बढ़ावा देना है. इसके तहत फेलो राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर विभिन्न विकास परियोजनाओं और योजनाओं पर कार्य करेंगे। 

फेलो तकनीकी नवाचार, नीति निर्माण और शासन के मध्य तारतम्यता स्थापित करने पर कार्य करेंगे. वे डेटा-संचालित निर्णय लेने, डिजिटल समाधानों और नवीन तकनीकों को सरकारी प्रक्रियाओं में एकीकृत करने में सहायक होंगे. इस प्रयास का उद्देश्य शासन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देना है. ये सभी फेलो वरिष्ठ पेशेवर हैं, जिनके पास औसतन 20+ वर्षों का निजी क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव है. वे अपनी विशेषज्ञता और ज्ञान का उपयोग सरकारी परियोजनाओं को मजबूत करने और नीति क्रियान्वयन में सुधार लाने के लिए करेंगे. इससे झारखंड के सर्वांगीण विकास और सभी नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने में काफ़ी मदद मिलेगी.

The/Nudge इंस्टिट्यूट के इस प्रयास का उद्देश्य प्रशासनिक सुधारों में सहयोग प्रदान करना और राज्य में सामाजिक व आर्थिक विकास को फेलोगति देना है. आईएएफ टीम ने जानकारी दी कि जल्द ही प्रत्येक फेलो अपनी प्राथमिक परियोजनाओं पर विस्तृत कार्य योजना विभागीय सचिवों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे, ताकि अगले चरण के काम में तेजी लाई जा सके.

नक्सल मुठभेड़ अपडेट: दो शहीद जवानों के शवों को जिला मुख्यालय लाया गया, बालोद और बलौदाबाजार में शोक की लहर

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 31 वर्दीधारी नक्सली मारे गए. यह मुठभेड़ थाना मद्देड-फरसेगढ़ बॉर्डर एरिया के जंगलों में 9 फरवरी की सुबह शुरू हुई और शाम तक रुक-रुक कर चलती रही.

मुठभेड़ में DRG हेड कांस्टेबल नरेश कुमार ध्रुव (बालोदाबाजार) और STF कांस्टेबल वासित रावटे (बालोद) शहीद हो गए. दोनों शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया है. शवों को हॉस्पिटल के मर्चुरी में रखा गया है, जहां डॉक्टर्स की टीम और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहें.

शहीद जवानों का परिचय

प्रधान आरक्षक नरेश कुमार ध्रुव

पदनाम: प्रधान आरक्षक / 836

जन्मतिथि: 19 सितंबर 1982

भर्ती दिनांक: 23 मई 2007

शहीद दिनांक: 9 फरवरी 2025

स्थायी पता: गुर्रा, जिला बालोदाबाजार

आरक्षक वसित कुमार रावटे

पदनाम: आरक्षक / 1688

जन्मतिथि: 26 अक्टूबर 1991

भर्ती दिनांक: 12 अप्रैल 2016

शहीद दिनांक: 9 फरवरी 2025

स्थायी पता: फागुनदाह, डौंडी, जिला बालोद

मुठभेड़ में 31 वर्दीधारी नक्सली ढेर

बीजापुर के मद्देड-फरसेगढ़ बॉर्डर क्षेत्र में DRG, STF और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. इसके बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान 09 फरवरी की सुबह 8 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जो शाम 3-4 बजे तक चलती रही. मुठभेड़ खत्म होने के बाद 31 वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद किए गए, जिनमें 11 महिला नक्सली भी शामिल हैं. मौके से AK-47, SLR, INSAS, .303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, BGL लॉन्चर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई. संभावना जताई जा रही है कि इस मुठभेड़ में और भी नक्सली मारे गए या घायल हुए हैं. इसके मद्देनजर क्षेत्र में DRG, STF, बस्तर फाइटर्स और CRPF की अतिरिक्त टुकड़ियों को भेजा गया है.

घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर रायपुर भेजा गया

मुठभेड़ में घायल DRG कांस्टेबल जग्गू कलमू और STF कांस्टेबल गुलाब मंडावी को भारतीय वायु सेना (IAF) की मदद से एयरलिफ्ट कर रायपुर भेजा गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

40 दिनों में 65 हार्डकोर नक्सली ढेर – आईजी सुंदरराज पी

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि पिछले 40 दिनों में सुरक्षा बलों ने 65 हार्डकोर नक्सलियों को ढेर किया है. सरकार के मंशा के अनुसार और जनता की इच्छा के अनुसार पुलिस मुख्यालय के मार्गदर्शन में बस्तर रेंज में तैनात DRG/STF/CoBRA/CRPF/BSF/ITBP/CAF/ Bastar Fighters & अन्य समस्त सुरक्षा बल सदस्यों द्वारा मजबूत मनोबल एवं स्पष्ट लक्ष्य के साथ बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा व विकास हेतु समर्पित होकर कार्य किया जा रहा है. शहीद जवानों का बलिदान हमारे संकल्प के लिए प्रेरणा होगा.

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दरभंगा जिले को दी लगभग 1500 करोड़ रुपये की सौगात,


पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में दरभंगा जिले को लगभग 1500 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने 186 योजनाओं से संबंधित शिलापट्टों का अनावरण कर उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसके तहत 935.28 करोड़ रुपये की लागत से 89 योजनाओं का उद्घाटन एवं 561.75 करोड़ रुपये की लागत से 97 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत दरभंगा जिले के मौजा मनिहास में 200 आवासन के नवनिर्मित वृहद् आश्रय गृह भवन का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृहद् आश्रय गृह प्रांगण एवं कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह दरभंगा पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई। अधिकारियों ने वृहद आश्रय गृह के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि यह वृहद् आश्रय गृह 5 एकड़ भूमि में बनाया गया है, जिसमें 100 बालकों तथा 100 बालिकाओं के आवासन के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह के प्रांगण में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 32 सी०सी०टीवी कैमरे आच्छादित किये गये हैं। पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। फायर फाइटिंग अलार्म और स्मॉक अलार्म भी लगाये गये हैं। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने सिंहवाड़ा प्रखण्ड स्थित सिमरी में चंद्रसार पोखर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी बड़ा पोखर है, जो 52 बीघा में स्थित है। लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इसके चारो तरफ सीढीनुमा घाट निर्माण कराएं और सघन वृक्षारोपण भी कराएं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मखाना भंडार गृह निर्माण हेतु मखाना विकास योजना अंतर्गत सहायता अनुदान का सांकेतिक चेक लाभुकों को प्रदान किया। सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति से जुड़े लोगों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। इस दौरान सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति द्वारा मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में सुधा डेयरी बूथ का फीता काटकर उद्घाटन किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में बने प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति लिमिटेड का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पैक्स द्वारा किए जा रहे धान अधिप्राप्ति का चेक लाभुकों को प्रदान किया।

    पंचायत सरकार भवन, सिमरी के प्रांगण में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तथा आंगनबाड़ी केंद्र का फीता काटकर मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर चिकित्सीय परामर्श कक्ष, प्रसव पूर्व जांच आदि का जायजा लिया। ग्राम पंचायत सरकार भवन सिमरी का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर न्यायालय कक्ष, पुस्तकालय आदि की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा मध्य विद्यालय सिमरी के प्रांगण में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सिंहवाड़ा का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं द्वारा लिए जा रहे जूडो कराटे (आत्म) प्रशिक्षण को मुख्यमंत्री ने देखा एवं उसके बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। आत्म प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बच्चियों से मुख्यमंत्री ने बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। प्लस टू उच्च विद्यालय सिमरी के परिसर में दरभंगा जिला अंतर्गत विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उद्घाटन एवं शिलान्यास किए गए विकासात्मक योजनाओं से संबंधित पुस्तिका को जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को भेंट किया।

    मुख्यमंत्री ने उच्च विद्यालय सिमरी परिसर में जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत कुल 2391 परिवारों को 9 करोड़ 87 लाख 86 हजार रुपये का सांकेतिक चेक, 23384 जीविका स्वयं सहायता समूह एवं समूह से संबंधित कुल 93536 जीविका दीदियों को बैंक से क्रेडिट लिंकेज के रूप में प्राप्त वित्तीय सुविधा का 284 करोड़ 79 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही जीविका भवन की चाबी, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत संपोषित वाहन की चाबी, बिहार लघु उद्यमी योजना अंतर्गत प्रदत्त राशि का सांकेतिक चेक, आयुष्मान वय वंदना कार्ड, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत मनरेगा द्वारा निर्मित बकरी शेड की चाबी, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्मित आवास की चाबी, अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि आप सभी बहुत अच्छा काम कर रही हैं। हम जहां भी जाते हैं वहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियों से जरूर बातचीत करते हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर जीविका दीदियां काफी मेहनत कर रही हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ रही है। साथ ही परिवार और समाज में उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है। महिलाएं जहां पहले घर से बाहर निकलने में शर्माती थीं वहीं अब निःसंकोच न सिर्फ घरों से बाहर निकल रही हैं बल्कि कई प्रकार के कारोबार से जुड़कर अपने परिवार के भरण-पोषण में अहम भूमिका निभा रही हैं। स्वयं सहयता समूहों से जुड़ी महिलाओं का जीविका नाम हमने ही दिया। हमारे इस काम से प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने इसका नाम आजीविका किया। इसको आप सब भूलियेगा मत। मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत सिमरी के प्लस टू वासुदेव उच्च विद्यालय के प्रांगण में 9.95 लाख रुपये की लागत से निर्मित खेल मैदान का भी रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उ‌द्घाटन किया। दरभंगा के दिल्ली मोड़ स्थित न्यू बस स्टैंड को प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय/अंतर्राज्यीय बस पड़ाव स्थल के रुप में विकसित करने एवं दरभंगा बस स्टैंड को दरभंगा हवाई अड्डा के सिविल इनक्लेव से जोड़ने संबंधी प्रस्ताव के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों ने प्रस्तावित दरभंगा बस स्टैंड के भवन प्रारूप एवं मैप के माध्यम से पार्किंग, यात्रियों की सामान रखने की सुविधा, चार्जिंग प्वाइंट, कार्यालय भवन आदि की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी। इस दौरान मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना का सांकेतिक चेक एवं वाहन की चाबी लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित दरभंगा बस पड़ाव के संदर्भ में तैयार किए गए लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने हराही, दिग्धी, गंगा सागर तालाब का निरीक्षण किया।

       निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों तालाबों को इंटर कनेक्ट करवाएं। ये तीनों तालाब आसपास ही स्थित है। इसके चारो तरफ सीढ़ीनुमा घाट का निर्माण कराएं ताकि सहूलियत पूर्वक लोगों की पहुंच पानी तक हो सके। इसके पश्चात् दरभंगा के दोनार चौक स्थित रेलवे गुमटी पर जाम की समस्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने दरभंगा जिला अंतर्गत राज्य उच्च पथ संख्या-56 पर दरभंगा-लहेरियासराय रेलवे स्टेशन के बीच लेबल क्रॉसिंग संख्या-25 एस०पी०एल० के बदले पहुंच पथ सहित आर०ओ०बी० का 134.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।

मिग-21 का आज आखिरी विदाईः 62 साल बाद अब इतिहास के पन्नों में हो जाएगा दर्ज

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देश में एयरफोर्स की पहचान रहे फाइटर प्लेन मिग-21 की आज अंतिम विदाई दी जा रही है। छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे प्रसिद्ध रूसी लड़ाकू विमान मिग-21 आज सेवामुक्त हो जाएंगे। मिग-21 विमानों के संचालन का आधिकारिक समापन आज चंडीगढ़ में एक औपचारिक फ्लाईपास्ट और विदाई समारोह के साथ होगा। जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।

आज आखिरी बार उड़ान भरेगा मिग-21

चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन 12 विंग का एयरबेस से मिग 21 को विदाई देने की तैयारी की गई। लड़ाकू विमान मिग-21 फाइटर प्लेन को आखिरी बार आसमान में बादल और पैंथर फॉर्मेशन में उड़ेगा। एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह 'बादल 3' नाम से स्क्वाड्रन का नेतृत्व करेंगे। आखिरी सलामी के बाद मिग-21 एयरफोर्स के बेड़े से बाहर हो जाएगा।इस फाइटर प्लेन को अलविदा कहने से पहले एयफोर्स की स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह के साथ उड़ान भरेंगी। प्रिया शर्मा देश की 7वीं महिला वीमन फाइटर पायलट हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे चीफ गेस्ट

मिग-21 फाइटर प्लेन के फेयरवेल सरेमनी के चीफ गेस्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे। सेरेमनी में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, वायुसेना के छह पूर्व प्रमुख भी शिरकत करेंगे।अंतिम फ्लाईपास्ट के बाद छह मिग-21 विमानों को उतरते ही वाटर कैनन से सलामी देकर अलविदा कहा जाएगा। मिग-21 लड़ाकू जेट विमानों ने 18-19 अगस्त को राजस्थान के बीकानेर में नाल वायु सेना स्टेशन पर अपनी आखिरी उड़ानी भरी थी। आज के बाद मिग आसमान में नजर नहीं आएगा।

देश का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान

मिग-21 को भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान माना जाता है। साउंड की स्पीड से तेज उड़ने वाले इस विमान की खासियत रही है कि यह पलक झपकते ही मैक-2 की स्पीड पर पहुंच जाता है। 6 दशकों तक सेवा के बाद जब यह रिटायर होगा, तब इसकी जगह तेजस मार्क 1ए को तैनात किया जाएगा। मिग 21 ने पाकिस्तान के खिलाफ दो युद्ध, बांग्लादेश मुक्सित संग्राम और करगिल में दुश्मनों के दांत खट्टे कर चुका है।

65 के भारत-पाक युद्ध से हुई थी शुरुआत

सबसे पहले इस विमान ने साल 1965 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लिया था। उसके बाद साल 1971 के युद्ध में भी यह विमान गेमचेंजर बना। वर्ष 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर के दौरान कारगिल में भी इस विमान ने कौशल दिखाया। इस दौरान मिग-21 ने भारतीय इलाके में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तान नेवल एयर आर्म के अटलांटिक विमान को मार गिराया था।

ऑपरेशन सिंदूर में भी था अलर्ट मोड पर

साल 1965 से लेकर बालाकोट एयर स्ट्राइक तक विभिन्न अभियानों के तहत इस लड़ाकू विमान ने अहम भूमिका निभाई। ऑपरेशन सिंदूर में भी यह विमान पूरी तरह अलर्ट मोड में था और इसकी लड़ाकू रैकी जारी थी। 26 सितंबर को यह विमान 62 साल के सफर के बाद इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। इसकी विदाई इसके सबसे पहले घर चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से ही होगी। यह विमान एयरफोर्स के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज, रानीगंज: शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और समर्पण की मिसाल

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के रानीगंज क्षेत्र में स्थित मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज आज शिक्षा के क्षेत्र में एक भरोसेमंद और अग्रणी संस्थान के रूप में पहचान बना चुका है। वर्ष 2025 के एडमिशन शुरू है। यह संस्थान न केवल रानीगंज, बल्कि पूरे प्रतापगढ़ जिले से आने वाले छात्रों के लिए एक शैक्षणिक केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह विद्यालय केजी से लेकर कक्षा 12वीं तक की शिक्षा प्रदान करता है, जिसमें हिंदी माध्यम और अंग्रेज़ी माध्यम – दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। विज्ञान और कला दोनों ही विषयों में विशेषज्ञता के साथ यह कॉलेज विद्यार्थियों को भविष्य की तैयारी का मजबूत आधार देता है।

कॉलेज का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाना है। यहां बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी जाती है – चाहे वह शैक्षणिक प्रदर्शन हो, नैतिक मूल्य हों या फिर अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का विकास।

मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज को प्रतापगढ़ जिले के शिक्षा जगत में अग्रणी स्थान प्राप्त है। यह केवल एक स्कूल नहीं, बल्कि एक ऐसा संस्थान है जो विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखता है। स्कूल प्रबंधन समय के साथ बदलाव को अपनाने में विश्वास रखता है और इसी दृष्टिकोण के साथ इस वर्ष कॉलेज प्रबंधन ने विद्यालय के प्रधानाचार्य समेत कई महत्वपूर्ण फैकल्टी सदस्यों में परिवर्तन किया है। यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है कि शिक्षण पद्धति को और अधिक प्रभावशाली एवं आधुनिक बनाया जा सके, जिससे छात्रों को नवीनतम शैक्षणिक दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रशिक्षण मिल सके।

इस वर्ष मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज में कई योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिनमें राम मणि पाण्डेय (एम.ए., बी.एड.), सुशील पाल (एम.ए., बी.एड.), बी.पी. गौतम (एम.एससी., बी.एड.), ललित मिश्रा, प्रमोद श्रीवास्तव, वी.के. मिश्रा एवं मनोज श्रीवास्तव जैसे समर्पित शिक्षक शामिल हैं। ये सभी शिक्षक अपने-अपने विषय में दक्ष हैं और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एवं व्यवहारिक शिक्षा देने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

विद्यालय में छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई सुविधाओं का विस्तार किया गया है। अब विद्यालय में शुद्ध पेयजल हेतु वाटर कूलर की सुविधा उपलब्ध है। पूरे परिसर में वाई-फाई इंटरनेट की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिससे छात्र तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बन सकें। इसके अतिरिक्त, विद्यार्थियों के मानसिक, भावनात्मक एवं शैक्षणिक कल्याण के लिए परामर्श सेवाएँ भी शुरू की गई हैं, जिससे वे व्यक्तिगत और शैक्षणिक जीवन में बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।

विद्यालय का प्रबंधन हमेशा इस बात पर ज़ोर देता है कि शिक्षकगण अपने विषय में न केवल दक्ष हों, बल्कि छात्रों की मनोवृत्ति और आवश्यकताओं को भी भली-भांति समझें। यही कारण है कि कॉलेज में कार्यरत प्रत्येक शिक्षक अपने दायित्व के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और संस्थान के साझा विज़न एवं दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर मेहनत करते हैं।

कॉलेज की भौगोलिक स्थिति भी इसे एक विशेष पहचान देती है। यह रानीगंज रेलवे क्रॉसिंग के पास एक प्रमुख और सुलभ स्थान पर स्थित है, जिससे पहली बार आने वाले विद्यार्थियों और अभिभावकों को भी कॉलेज तक पहुंचना बेहद आसान होता है। रानीगंज और आसपास के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से विद्यार्थी यहां आसानी से आ सकते हैं, क्योंकि परिवहन के कई विकल्प पास में उपलब्ध हैं।

यह संस्थान न केवल एक शिक्षा केंद्र है, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने वाला संगठन भी है। विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के साथ-साथ यह संस्था उन्हें नैतिक मूल्यों, अनुशासन और सेवा भावना से भी परिचित कराती है। बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन के लिए आवश्यक संस्कार और दृष्टिकोण भी प्रदान किए जाते हैं।

मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज की सबसे बड़ी ताकत इसकी समर्पित शिक्षण प्रणाली, अनुशासित वातावरण और माता-पिता के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने की नीति है। यही कारण है कि यह संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में एक ब्रांड बन चुका है और इसकी लोकप्रियता में निरंतर वृद्धि हो रही है।

निकट भविष्य में, कॉलेज अपने शैक्षणिक ढांचे का और अधिक विस्तार करने की योजना बना रहा है, ताकि यह और अधिक छात्रों तक अपनी सेवाएं पहुँचा सके। नई फैकल्टी, बेहतर व्यवस्थाएं और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयास इसके आधुनिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

यदि आप अपने बच्चे को एक सुरक्षित, प्रेरणादायक और गुणवत्ता-युक्त शैक्षणिक माहौल देना चाहते हैं, तो मनीष मेमोरियल इंटर कॉलेज, रानीगंज आपके लिए एक आदर्श विकल्प है।

अधिक जानकारी या प्रवेश हेतु विद्यालय से संपर्क करने के लिए दूरभाष संख्या 7054596061 पर कॉल करें।

दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

म्यांमार की मदद के लिए भारत का “ऑपरेशन ब्रह्मा”, भूकंप से तबाही के बीच पहुंचाई राहत सामग्री

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पड़ोसी मुल्क म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में भारी तबाही पहुंचाई है। अब तक 1000 से ज्यादा मौतों की जानकारी आई है। 1670 से अधिक लोग घायल हैं। ऐसे मुश्किल वक्त में भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत सामग्री भेजी है। वायुसेना का विमान सी-130 जे करीब 15 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंच गया है। इसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाने के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं भेजी गईं हैं। वहीं पीएम मोदी ने म्यांमार के जनरल से बात की है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमार के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है। विदेश मंत्री ने कहा कि IAF_MCC-130 कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट भेजा गया है। इसके जरिए मेडिकल सुविधाएं भी भेजी गई हैं।

यही नहीं, भूकंप की वजह से प्रभावित क्षेत्रों पर एडीआरएफ की 8वीं बटालियन और भारतीय वायुसेना म्यांमार में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए इस रेस्क्यू ऑपेशन का हिस्सा बने हैं।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।

बता दें कि म्यांमार में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए। इनमें से एक झटका 7.2 तीव्रता का था। म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई। अकेले म्यांमार में भूकंप में एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग लापता हैं। वहीं इस भूकंप में अभी तक 1500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। राहत-बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। भारत ने भी पड़ोसी देश म्यांमार की मदद का एलान किया है।

झारखंड में The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप ने पकड़ी रफ्तार, फेलोज़ विभागीय परियोजनाओं में ला रहे नई ऊर्जा

रांची : झारखंड सरकार और The/Nudge इंस्टिट्यूट के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप (IAF) राज्य के प्रमुख विभागों में तेजी से कार्य कर रही है। फेलोशिप का उद्देश्य नीति में सुधार, परियोजनाओं का प्रबंधन और तकनीकी नवाचार के ज़रिए शासन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाना है।

वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने जानकारी दी है कि यह फेलोशिप झारखंड सरकार की प्रशासनिक क्षमता को और अधिक सशक्त बनाएगी. शासन को कुशल, प्रभावी और नवीन दृष्टिकोण देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. हमें विश्वास है कि इन फेलोज़ का योगदान नीतिगत सुधारों और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक होगा.

उन्होंने कहा कि आईएएफ के तहत नियुक्त ये सभी फेलो 20+ वर्षों का निजी क्षेत्र का अनुभव रखते हैं. उनका उद्देश्य अपने विशेषज्ञता का उपयोग कर सरकारी तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाना है, जिससे राज्य के समावेशी और सतत विकास को बल मिल सके.

 फेलोशिप के शुरुआती दो महीनों में फेलोज़ ने विभागीय टीमों के साथ मिलकर प्रक्रियाओं का विश्लेषण, डेटा समीक्षा और सुधार एजेंडों की पहचान की है. 

आने वाले महीनों में ये फेलोज विभिन्न परियोजनाओं का प्रगति को बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे. 

बता दें कि The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप 3 फरवरी 2025 को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में झारखंड सरकार के वित्त विभाग के सचिव, श्री प्रशांत कुमार (आईएएस) की उपस्थिति में लॉन्च की गई थी. इस फेलोशिप का प्रमुख उद्देश्यनीति निर्माण को मजबूत करना है.

योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में तेजी लाना,विभागीय कार्यप्रणाली में नवाचार और तकनीक का उपयोग बढ़ाना और शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है.

क्या है The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप..?

The/Nudge इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप एक 18 महीने का नेतृत्व-उन्मुख कार्यक्रम है, जिसा उद्देश्य शासन और नीति-निर्माण में नवाचार को बढ़ावा देना है. इसके तहत फेलो राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर विभिन्न विकास परियोजनाओं और योजनाओं पर कार्य करेंगे। 

फेलो तकनीकी नवाचार, नीति निर्माण और शासन के मध्य तारतम्यता स्थापित करने पर कार्य करेंगे. वे डेटा-संचालित निर्णय लेने, डिजिटल समाधानों और नवीन तकनीकों को सरकारी प्रक्रियाओं में एकीकृत करने में सहायक होंगे. इस प्रयास का उद्देश्य शासन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देना है. ये सभी फेलो वरिष्ठ पेशेवर हैं, जिनके पास औसतन 20+ वर्षों का निजी क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव है. वे अपनी विशेषज्ञता और ज्ञान का उपयोग सरकारी परियोजनाओं को मजबूत करने और नीति क्रियान्वयन में सुधार लाने के लिए करेंगे. इससे झारखंड के सर्वांगीण विकास और सभी नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने में काफ़ी मदद मिलेगी.

The/Nudge इंस्टिट्यूट के इस प्रयास का उद्देश्य प्रशासनिक सुधारों में सहयोग प्रदान करना और राज्य में सामाजिक व आर्थिक विकास को फेलोगति देना है. आईएएफ टीम ने जानकारी दी कि जल्द ही प्रत्येक फेलो अपनी प्राथमिक परियोजनाओं पर विस्तृत कार्य योजना विभागीय सचिवों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे, ताकि अगले चरण के काम में तेजी लाई जा सके.

नक्सल मुठभेड़ अपडेट: दो शहीद जवानों के शवों को जिला मुख्यालय लाया गया, बालोद और बलौदाबाजार में शोक की लहर

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 31 वर्दीधारी नक्सली मारे गए. यह मुठभेड़ थाना मद्देड-फरसेगढ़ बॉर्डर एरिया के जंगलों में 9 फरवरी की सुबह शुरू हुई और शाम तक रुक-रुक कर चलती रही.

मुठभेड़ में DRG हेड कांस्टेबल नरेश कुमार ध्रुव (बालोदाबाजार) और STF कांस्टेबल वासित रावटे (बालोद) शहीद हो गए. दोनों शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया है. शवों को हॉस्पिटल के मर्चुरी में रखा गया है, जहां डॉक्टर्स की टीम और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहें.

शहीद जवानों का परिचय

प्रधान आरक्षक नरेश कुमार ध्रुव

पदनाम: प्रधान आरक्षक / 836

जन्मतिथि: 19 सितंबर 1982

भर्ती दिनांक: 23 मई 2007

शहीद दिनांक: 9 फरवरी 2025

स्थायी पता: गुर्रा, जिला बालोदाबाजार

आरक्षक वसित कुमार रावटे

पदनाम: आरक्षक / 1688

जन्मतिथि: 26 अक्टूबर 1991

भर्ती दिनांक: 12 अप्रैल 2016

शहीद दिनांक: 9 फरवरी 2025

स्थायी पता: फागुनदाह, डौंडी, जिला बालोद

मुठभेड़ में 31 वर्दीधारी नक्सली ढेर

बीजापुर के मद्देड-फरसेगढ़ बॉर्डर क्षेत्र में DRG, STF और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. इसके बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान 09 फरवरी की सुबह 8 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जो शाम 3-4 बजे तक चलती रही. मुठभेड़ खत्म होने के बाद 31 वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद किए गए, जिनमें 11 महिला नक्सली भी शामिल हैं. मौके से AK-47, SLR, INSAS, .303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, BGL लॉन्चर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई. संभावना जताई जा रही है कि इस मुठभेड़ में और भी नक्सली मारे गए या घायल हुए हैं. इसके मद्देनजर क्षेत्र में DRG, STF, बस्तर फाइटर्स और CRPF की अतिरिक्त टुकड़ियों को भेजा गया है.

घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर रायपुर भेजा गया

मुठभेड़ में घायल DRG कांस्टेबल जग्गू कलमू और STF कांस्टेबल गुलाब मंडावी को भारतीय वायु सेना (IAF) की मदद से एयरलिफ्ट कर रायपुर भेजा गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

40 दिनों में 65 हार्डकोर नक्सली ढेर – आईजी सुंदरराज पी

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि पिछले 40 दिनों में सुरक्षा बलों ने 65 हार्डकोर नक्सलियों को ढेर किया है. सरकार के मंशा के अनुसार और जनता की इच्छा के अनुसार पुलिस मुख्यालय के मार्गदर्शन में बस्तर रेंज में तैनात DRG/STF/CoBRA/CRPF/BSF/ITBP/CAF/ Bastar Fighters & अन्य समस्त सुरक्षा बल सदस्यों द्वारा मजबूत मनोबल एवं स्पष्ट लक्ष्य के साथ बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा व विकास हेतु समर्पित होकर कार्य किया जा रहा है. शहीद जवानों का बलिदान हमारे संकल्प के लिए प्रेरणा होगा.

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दरभंगा जिले को दी लगभग 1500 करोड़ रुपये की सौगात,


पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में दरभंगा जिले को लगभग 1500 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने 186 योजनाओं से संबंधित शिलापट्टों का अनावरण कर उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसके तहत 935.28 करोड़ रुपये की लागत से 89 योजनाओं का उद्घाटन एवं 561.75 करोड़ रुपये की लागत से 97 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत दरभंगा जिले के मौजा मनिहास में 200 आवासन के नवनिर्मित वृहद् आश्रय गृह भवन का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृहद् आश्रय गृह प्रांगण एवं कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह दरभंगा पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई। अधिकारियों ने वृहद आश्रय गृह के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि यह वृहद् आश्रय गृह 5 एकड़ भूमि में बनाया गया है, जिसमें 100 बालकों तथा 100 बालिकाओं के आवासन के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह के प्रांगण में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 32 सी०सी०टीवी कैमरे आच्छादित किये गये हैं। पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। फायर फाइटिंग अलार्म और स्मॉक अलार्म भी लगाये गये हैं। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने सिंहवाड़ा प्रखण्ड स्थित सिमरी में चंद्रसार पोखर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी बड़ा पोखर है, जो 52 बीघा में स्थित है। लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इसके चारो तरफ सीढीनुमा घाट निर्माण कराएं और सघन वृक्षारोपण भी कराएं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मखाना भंडार गृह निर्माण हेतु मखाना विकास योजना अंतर्गत सहायता अनुदान का सांकेतिक चेक लाभुकों को प्रदान किया। सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति से जुड़े लोगों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। इस दौरान सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति द्वारा मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में सुधा डेयरी बूथ का फीता काटकर उद्घाटन किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में बने प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति लिमिटेड का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पैक्स द्वारा किए जा रहे धान अधिप्राप्ति का चेक लाभुकों को प्रदान किया।

    पंचायत सरकार भवन, सिमरी के प्रांगण में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तथा आंगनबाड़ी केंद्र का फीता काटकर मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर चिकित्सीय परामर्श कक्ष, प्रसव पूर्व जांच आदि का जायजा लिया। ग्राम पंचायत सरकार भवन सिमरी का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर न्यायालय कक्ष, पुस्तकालय आदि की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा मध्य विद्यालय सिमरी के प्रांगण में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सिंहवाड़ा का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं द्वारा लिए जा रहे जूडो कराटे (आत्म) प्रशिक्षण को मुख्यमंत्री ने देखा एवं उसके बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। आत्म प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बच्चियों से मुख्यमंत्री ने बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। प्लस टू उच्च विद्यालय सिमरी के परिसर में दरभंगा जिला अंतर्गत विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उद्घाटन एवं शिलान्यास किए गए विकासात्मक योजनाओं से संबंधित पुस्तिका को जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को भेंट किया।

    मुख्यमंत्री ने उच्च विद्यालय सिमरी परिसर में जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत कुल 2391 परिवारों को 9 करोड़ 87 लाख 86 हजार रुपये का सांकेतिक चेक, 23384 जीविका स्वयं सहायता समूह एवं समूह से संबंधित कुल 93536 जीविका दीदियों को बैंक से क्रेडिट लिंकेज के रूप में प्राप्त वित्तीय सुविधा का 284 करोड़ 79 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही जीविका भवन की चाबी, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत संपोषित वाहन की चाबी, बिहार लघु उद्यमी योजना अंतर्गत प्रदत्त राशि का सांकेतिक चेक, आयुष्मान वय वंदना कार्ड, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत मनरेगा द्वारा निर्मित बकरी शेड की चाबी, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्मित आवास की चाबी, अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि आप सभी बहुत अच्छा काम कर रही हैं। हम जहां भी जाते हैं वहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियों से जरूर बातचीत करते हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर जीविका दीदियां काफी मेहनत कर रही हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ रही है। साथ ही परिवार और समाज में उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है। महिलाएं जहां पहले घर से बाहर निकलने में शर्माती थीं वहीं अब निःसंकोच न सिर्फ घरों से बाहर निकल रही हैं बल्कि कई प्रकार के कारोबार से जुड़कर अपने परिवार के भरण-पोषण में अहम भूमिका निभा रही हैं। स्वयं सहयता समूहों से जुड़ी महिलाओं का जीविका नाम हमने ही दिया। हमारे इस काम से प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने इसका नाम आजीविका किया। इसको आप सब भूलियेगा मत। मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत सिमरी के प्लस टू वासुदेव उच्च विद्यालय के प्रांगण में 9.95 लाख रुपये की लागत से निर्मित खेल मैदान का भी रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उ‌द्घाटन किया। दरभंगा के दिल्ली मोड़ स्थित न्यू बस स्टैंड को प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय/अंतर्राज्यीय बस पड़ाव स्थल के रुप में विकसित करने एवं दरभंगा बस स्टैंड को दरभंगा हवाई अड्डा के सिविल इनक्लेव से जोड़ने संबंधी प्रस्ताव के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों ने प्रस्तावित दरभंगा बस स्टैंड के भवन प्रारूप एवं मैप के माध्यम से पार्किंग, यात्रियों की सामान रखने की सुविधा, चार्जिंग प्वाइंट, कार्यालय भवन आदि की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी। इस दौरान मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना का सांकेतिक चेक एवं वाहन की चाबी लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित दरभंगा बस पड़ाव के संदर्भ में तैयार किए गए लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने हराही, दिग्धी, गंगा सागर तालाब का निरीक्षण किया।

       निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों तालाबों को इंटर कनेक्ट करवाएं। ये तीनों तालाब आसपास ही स्थित है। इसके चारो तरफ सीढ़ीनुमा घाट का निर्माण कराएं ताकि सहूलियत पूर्वक लोगों की पहुंच पानी तक हो सके। इसके पश्चात् दरभंगा के दोनार चौक स्थित रेलवे गुमटी पर जाम की समस्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने दरभंगा जिला अंतर्गत राज्य उच्च पथ संख्या-56 पर दरभंगा-लहेरियासराय रेलवे स्टेशन के बीच लेबल क्रॉसिंग संख्या-25 एस०पी०एल० के बदले पहुंच पथ सहित आर०ओ०बी० का 134.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।