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“सऊदी अरब एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी”, जेद्दा रवानगी से पहले बोले पीएम मोदी


#primeministermodijeddahvisit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिन के सऊदी अरब के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी तीसरी बार सऊदी अरब जा रहे हैं। इससे पहले 2016 और 2019 में मोदी सऊदी अरब गए थे।

जेद्दा रवानगी से पहले पीएम ने किया ट्वीट

सऊदी अरब के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' पर ट्वीट किया, 'सऊदी अरब के जेद्दा के लिए रवाना हो रहा हूं, जहां मैं विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लूंगा। भारत सऊदी अरब के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देता है। पिछले दशक में द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय गति आई है। मैं सामरिक भागीदारी परिषद की दूसरी बैठक में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। मैं वहां भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करूंगा।

हमारा बंधन स्थिरता का स्तंभ-पीएम मोदी

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा से पहले अरब न्यूज को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने सऊदी अरब को एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी बताया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच साझेदारी में असीम संभावनाएं हैं। एक अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में, हमारा बंधन स्थिरता का एक स्तंभ है।

मोहम्मद बिन सलमान को बताया दूरदर्शी नेता

प्रधानमंत्री ने सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का मजबूत समर्थक और एक ऐसा दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने विजन 2030 के तहत सुधारों के जरिए पूरी दुनिया में प्रशंसा हासिल की है। पीएम मोदी ने कहा, हर बार जब मैं उनसे मिला हूं, उन्होंने मुझ पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। उनकी अंतर्दृष्टि, उनकी दूरदर्शी सोच और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का उनका जुनून वास्तव में अद्वितीय है।

कई समझौतों पर हो सकते हैं हस्ताक्षर

पीएम मोदी की ये यात्रा सितंबर 2023 में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा और भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के बाद हो रही है। इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

देवघर- नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत होर्डिंग प्रचार प्रसार के लिए देवघर नगर निगम के द्वारा बंदोबस्ती की गई।
देवघर: नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत होर्डिंग्स/बैनर/दीवार लेखन एवं अन्य प्रचार प्रसार से शुल्क वसूली (अधिकृत एजेंसी को स्वीकृत यूनीपोल/ मनोपल/ गैंट्री  गेट/ होर्डिंग एवं निगम द्वारा विज्ञापन की अनुमति प्राप्त होर्डिंग/ बैनर एवं अन्य को छोड़ कर की बंदोबस्ती खुली डाक की निर्धारित तिथि 24.02.25 को नगर आयुक्त सह प्रशासक की अध्यक्षता में की गई । डाक की न्यूनतम राशि  85 लाख से शुरू हुई।         जिसमे 4 डाक वक्ता  द्वारा भाग लिया M/S Sita devi Prime adcom Saurav kumar R.S Enterprises Prime adcom के द्वारा उच्चतम बोली Rs1,36,00,000.00  लगा कर प्राप्त किया। बंदोबस्ती की अवधि 1 वर्ष के लिए होगी दिनांक 01.04.2025 से 31.03.2026 तक                 उक्त बंदोबस्ती में गौरव कुमार, सहायक नगर आयुक्त, रौशनी टोप्पो लेखा पधाधिकारी, हिमांशु  शेखर, नगर मिशन प्रबंधक, रोकड पाल  अरुण धारी झा, टॅक्स दारोगा जय शंकर साह एवम आदि उपस्थित थे।
बरौनी रिफाइनरी का 15 जनवरी को 60 साल होगा पूरा
1965 में देश को समर्पित होकर अपनी यात्रा प्रारंभ करने वाली इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी 15 जनवरी को 60 साल पूरा होने पर अपनी हीरक जयंती मनाएगी। बिहार में बरौनी रिफाइनरी की स्थापना होना पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। उनके प्रयास और रणनीतिक सोच ने बरौनी रिफाइनरी को एक ऐसा औद्योगिक केन्द्र बनाया, जिसने न केवल बिहार, बल्कि पूरे पूर्वी भारत की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

तत्कालीन सोवियत संघ के सहयोग और रोमानिया की सीमित भागीदारी से 49.4 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित बरौनी रिफाइनरी ने 1964 में उत्पादन शुरू किया। बिहार के बेगूसराय जिले में गंगा नदी के किनारे स्थित यह रिफाइनरी न केवल भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में, बल्कि बिहार के सामाजिक और औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अपने 60 वर्षों के सफर में बरौनी रिफाइनरी ने ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज कल्याण तथा क्षेत्रीय विकास में भी अतुलनीय योगदान दिया

शुरुआत में 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) की क्षमता के साथ शुरू हुई बरौनी रिफाइनरी ने समय के साथ अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर वर्तमान में 6 MMTPA तक पहुंचाया है। भारत के ऊर्जा मानकों को पूरा करने के लिए इसे समय-समय पर उन्नत किया गया। 2002 में हाई सल्फर क्रूड के प्रसंस्करण के लिए प्रमुख इकाई RFCCU, DHDT, और SRU को जोड़ा गया। 2010 में रिफाइनरी ने BS-III ईंधन उत्पादन के लिए MSQ परियोजना शुरू की। बरौनी रिफाइनरी ने बीएस- IV अपग्रेडेशन के तहत मौजूदा डीएचडीटी (DHDT), प्राइम जी (Prime G) और एनएसयू (NSU) इकाइयों का आधुनिकीकरण किया।

इसके साथ ही नई सीसीआरयू (CCRU), एनएसयू (NSU) और प्राइम जी (Prime G) इकाइयों की स्थापना की। इन संशोधनों के परिणामस्वरूप मोटर स्पिरिट (MS) और हाई-स्पीड डीजल (HSD) का उत्पादन संभव हुआ। बरौनी रिफाइनरी BS-VI मानकों का पालन करने वाले स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल ईंधन का उत्पादन कर रही है।

2022 में एविएशन टर्बाइन फ्युल (ATF) के उत्पादन के लिए इंडजेट यूनिट की स्थापना, 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित मोटर स्पिरिट (EBMS-20) का उत्पादन और 9 MMTPA क्षमता विस्तार परियोजना का शुभारंभ इस रिफाइनरी की निरंतर प्रगति का प्रमाण है।

बरौनी रिफाइनरी बिहार की औद्योगिक शक्ति और भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह रिफाइनरी न केवल बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करती है, बल्कि नेपाल को भी ईंधन और एलपीजी की आपूर्ति करती है। इसके उत्पादों में डीजल, पेट्रोल, विमान ईंधन, एलपीजी, नाफ्था और बिटुमेन आदि शामिल हैं। यह रिफाइनरी बिहार की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और क्षेत्रीय रोजगार के अवसर प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रही है।

बरौनी रिफाइनरी बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास का एक स्तंभ रही है। अपनी सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत रिफाइनरी ने 4000 से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है। स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आरओ प्लांट लगाए हैं। रिफाइनरी ने सदर अस्पताल, बेगूसराय में 50 बेड के अत्याधुनिक बाल चिकित्सा वार्ड का निर्माण किया और तीन एम्बुलेंस दिए। इसके साथ ही ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन और जैव विविधता संरक्षण जैसी परियोजना चला रही है।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखते हुए, रिफाइनरी ने शून्य अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और हरित ऊर्जा परियोजनाएं शुरू की हैं। इसके 125.99 एकड़ क्षेत्रफल में हरित बेल्ट और 7.58 एकड़ क्षेत्र में विकसित ईको पार्क इसे प्रकृति के साथ तालमेल के प्रतीक के रूप में स्थापित करता है। ईको पार्क न केवल पर्यावरणीय सौंदर्य का उदाहरण है, बल्कि सैकड़ों स्थानीय और प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान भी है।

बरौनी रिफाइनरी की 9.0 MMTPA क्षमता विस्तार परियोजना बिहार के लिए एक नई औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त करेगी। इस परियोजना के तहत एक मॉडर्न पॉलीप्रोपाइलीन इकाई की स्थापना की जाएगी, जो बिहार को पेट्रोकेमिकल उत्पादन में अग्रणी बनाएगी। यह परियोजना न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि बिहार को माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज (MSME) क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

15 जनवरी 1965 तत्कालीन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री प्रो. हुमायूं कबीर द्वारा राष्ट्र को समर्पित होकर 2025 तक के 60 वर्षों का यह सफर न केवल भारतीय ऊर्जा क्षेत्र की एक अद्भुत उपलब्धि है, बल्कि बिहार के विकास और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है। इसने बिहार और पूरे देश में सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हीरक जयंती का यह अवसर बरौनी रिफाइनरी के गौरवशाली इतिहास और उज्ज्वल भविष्य की कहानी को प्रस्तुत करता है। 15 जनवरी 1965 को एक मिलियन मैट्रिक टन शोधन क्षमता के बरौनी रिफाइनरी का उद्घाटन किया गया था। 1969 में इसकी क्षमता एक से बढ़ाकर तीन मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) कर दिया गया। इसके बाद 1999 में रिफाइनरी की क्षमता का नवीकरण कर तीन से 6 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) किया गया था। इसके बाद अब इसकी क्षमता छह से बढ़ाकर 9 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) किया जा रहा है। बरौनी रिफाइनरी को 1965 में असम के कम सल्फर कच्चे तेल (स्वीट क्रूड) को संसाधित करने के लिए डिजाइन किया गया था। पूर्वोत्तर में अन्य रिफाइनरियों की स्थापना के बाद असम में कच्चे तेल की उपलब्धता कम हो रही थी। इसलिए स्वीट क्रूड अफ्रीका, नाइजीरिया और मलेशिया से मंगाया जा रहा था।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
भारत एक एकमात्र सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन

#former_prime_minister_dr_manmohan_singh_dies_at_the_age_of_92

Dr. Manmohan Singh (1932-2024)

भारत ने 26 दिसंबर को अपने एकमात्र सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। 92 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले पूर्व पीएम को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। 

भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार, सिंह 33 साल के कार्यकाल के बाद अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री बनने के कुछ महीनों बाद अक्टूबर 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया। अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गाँव में 26 सितंबर, 1932 को जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1982-1985 तक RBI के गवर्नर के रूप में भी काम किया। 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को गुरुवार को रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि 92 वर्षीय दिग्गज कांग्रेसी की हालत गंभीर थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सिंह की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रमुख संस्थान पहुंचीं।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट किया, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।" इसके कुछ ही देर बाद उनके निधन की खबरें आने लगी। 

2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे सिंह इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए, जिससे 33 साल बाद उच्च सदन में उनकी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान चले गए। संसद में उनका अंतिम हस्तक्षेप नोटबंदी के खिलाफ था, उन्होंने इसे "संगठित लूट और वैधानिक लूट" बताया। पीटीआई ने सिंह के हवाले से 2021 में एक कार्यक्रम में कहा, "बेरोजगारी अधिक है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है, 2016 में लिए गए बिना सोचे-समझे नोटबंदी के फैसले से यह संकट पैदा हुआ है।" 

26 सितंबर, 1932 को पंजाब में जन्मे सिंह ने 1952 और 1954 में क्रमशः पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. किया। पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन के बाद सिंह भारत सरकार में शामिल हो गए। 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में। डॉ. मनमोहन सिंह को 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया गया।

यूएनसीटीएडी सचिवालय में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987-1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग का महासचिव नियुक्त किया गया। सिंह ने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पदों पर भी कार्य किया।

देश उनके योगदान के लिए सदैव आभारी रहेगा, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। 

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


अमेरिका के बाद अब इस पड़ोसी देश में सत्ता परिवर्तन, संसदीय चुनावों में लेबर पार्टी की जीत, भारत के लिए क्या हैं मायने?*
#naveen_ramgoolam_became_new_prime_minister_of_mauritius
अमेरिका में जो बाइडन की “विदाई” के बाद डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हुई है। ठीक इसी तरह भारत के पड़ोसी देश मॉरीशस में भी सत्ता परिवर्तन हुआ है। मॉरीशस में हुए संसदीय चुनावों नतीजे आ गए है। यहां लेबर पार्टी ने जीत हासिल की है और पार्टी के प्रमुख डॉ. नवीन रामगुलाम देश के नए प्रधानमंत्री बने हैं। नवीन रामगुलाम ने देश के मौजूदा प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को हराया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में लेबर पार्टी की जीत पर डॉ. नवीन रामगुलाम को बधाई दी है। विपक्षी नेता नवीन रामगुलाम अपने गठबंधन अलायंस ऑफ चेंज के प्रमुख के रूप में तीसरी बार कार्यभार संभालने वाले हैं। पीएम मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए एक पोस्ट में लिखा, 'अपने दोस्त डॉ रामगुलाम से गर्मजोशी भरी बातचीत हुई। उन्हें उनकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर बधाई दी। मैंने मॉरीशस का नेतृत्व करने में उनकी बड़ी सफलता की कामना की और भारत आने का न्योता दिया। हमारी विशेष और अनूठी साझेदारी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने को तत्पर हैं।' 77 वर्षीय नवीन रामगुलाम तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। नवीन रामगुलाम 1995 से 2000 और 2005 से 2014 तक मॉरीशस के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। नवीन रामगुलाम के पिता शिवसागर रामगुलाम मॉरीशस के पहले मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री रहे हैं। मॉरीशस को आजादी दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। मॉरीशस को 1968 में ब्रिटेन से आजादी मिली थी। *नवीन रामगुलाम का बिहार से नाता* बता दें कि नवीन रामगुलाम के पूर्वज बिहार के रहने वाले थे। 1800 के दशक में उनके पूर्वज बिहार के भोजपुर के हरिगांव में रहते थे। जिसके बाद वो मॉरीशस चले गए थे। तभी से उनका परिवार वहीं रहता है। बता दें कि मॉरीशस में कई लोग ऐसे रहते हैं जिनका संबंध बिहार से रहा है। प्रधानमंत्री के अलावा बिहारी वहां राष्ट्रपति भी बन चुका है। इसके अलावा मॉरीशस में अन्य कई बड़े पदों पर भी आपको बिहारी देखने को मिल जाएंगे। *दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और दीर्घकालिक रिश्ते* वहीं, अगर मॉरीशस से भारत के संबंधों की बात करें तो दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और दीर्घकालिक रिश्ते रहे हैं। वहां की 1.2 मिलियन की आबादी में लगभग 70% भारतीय मूल के लोग हैं। मॉरीशस ने 1968 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। भारत से मॉरीशस पहुंचने वाले लोगों में सबसे पहले पुडुचेरी के लोग थे। मॉरीशस उन महत्वपूर्ण देशों में से एक रहा है जिसके साथ भारत ने आजादी से पहले ही 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। 1948 और 1968 के बीच ब्रिटिश शासित मॉरीशस में भारत का प्रतिनिधित्व एक भारतीय आयुक्त द्वारा किया गया और उसके बाद 1968 में मॉरीशस के स्वतंत्र होने के बाद एक उच्चायुक्त नियुक्त किया गया। *मॉरीशस का मददगार भारत* संकट के समय में भारत मॉरीशस को मदद पहुंचाने वाले देशों में सबसे आगे रहा है। कोविड-19 और वाकाशियो तेल रिसाव संकट में दुनिया ने इसे देखा भी। मॉरीशस के अनुरोध पर भारत ने अप्रैल-मई 2020 में कोविड से निपटने में मदद के लिए 13 टन दवाएं, 10 टन आयुर्वेदिक दवाएं और एक भारतीय रैपिड रिस्पांस मेडिकल टीम की आपूर्ति की। भारत मुफ्त कोविशील्ड टीकों की 1 लाख खुराक की आपूर्ति करने वाला पहला देश भी था। *भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक* 2005 से भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है। वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए मॉरीशस को भारतीय निर्यात 462.69 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। वहीं भारत को मॉरीशस का निर्यात 91.50 मिलियन अमेरिकी डॉलर था और कुल व्यापार 554.19 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। पिछले 17 वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार में 132% की वृद्धि हुई है। निवर्तमान प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने कई ऐसे फैसले लिए थे जिससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए थे। इस साल जनवरी में अयोध्या मंदिर के उद्घाटन के दौरान मॉरीशस ने धार्मिक कार्यों में भाग लेने के लिए हिंदुओं को दो घंटे की छुट्टी भी दी थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस साल जुलाई में मॉरीशस का दौरा किया था और रामगुलाम और बेरेन्जर सहित शीर्ष विपक्षी मॉरीशस राजनेताओं से मुलाकात की थी।
ये देसी कंपनी दे रही Jio, Airtel को टक्कर,तीन महीने तक Free इंटरनेट, जानें ऑफर

By : StreetBuzz Desk

Edited By: pari_shaw

अब तक जियो और एयरटेल देश की दिग्गज ब्रॉडबैंड कंपनियां हैं. लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी कंपनी ने आई है, जो कम कीमत पर ज्यादा फायदा दे रहा है. ये कंपनी ने ग्राहकों के लिए एक खास ऑफर निकाला है. इस ऑफर के तहत कंपनी 3 महीने तक मुफ्त इंटरनेट और 18 तरह के ओटीटी (जैसे Netflix, Amazon Prime) के सब्सक्रिप्शन दे रही है.

इस ऑफर के तहत कंपनी ग्राहकों को लुभा रही है और अच्छी क्वालिटी का इंटरनेट देने का वादा कर रही है. आइए, इस ऑफर के बारे में डिटेल में जानते हैं.

Excitel का नया 499 रुपये महीने वाला प्लान

इस कंपनी का नाम Excitel है. Excitel का नया ऑफर 499 रुपये महीने का है. अगर आप 9 महीने तक इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं तो आपको 3 महीने का इंटरनेट मुफ्त मिलेगा. साथ ही आपको 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म और 150 से ज्यादा चैनल्स देखने को मिलेगा. यह ऑफर अभी एक्टिव है.

इस ऑफर में आपको 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे Amazon Prime, Disney+Hotstar, Sony Liv, Altbalaji और कई ओटीटी का एक्सेस मिलता है. इस ऑफर के तहत कंपनी ग्राहकों को लुभा रही है और अच्छी क्वालिटी का इंटरनेट देने का वादा कर रही है. इस प्लान के साथ मुफ्त लाइव टीवी चैनल और मुफ्त स्मार्ट टीवी या फिर एचडी प्रोजेक्टर भी मिलेगा. कंपनी का ये ऑफर 35 से ज्यादा शहरों में उपलब्ध है.

Excitel ने लॉन्च किए ये दो नए प्लान

Excitel ने इस महीने की शुरुआत में दो नए ब्रॉडबैंड प्लान लॉन्च किए थे, जिनका नाम बिग स्क्रीन प्लान है. इन प्लान्स की कीमत 1,299 रुपये और 1,499 रुपये है. इन प्लान्स में यूजर्स को हाई-स्पीड इंटरनेट, ओटीटी सब्सक्रिप्शन, मुफ्त लाइव टीवी चैनल और मुफ्त स्मार्ट टीवी या फिर एचडी प्रोजेक्टर मिलेगा. बता दें कंपनी का ये ऑफर 35 से ज्यादा शहरों में उपलब्ध है. 

‘इजरायल के पहुंच से परे कोई जगह नहीं’: हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद नेतन्याहू की ईरान को चेतावनी

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Israel's Prime Minister Benjamin Netanyahu (REUTERS)

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि “ईरान या मध्य पूर्व में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां इजरायल की लंबी भुजाएं नहीं पहुंच सकतीं,” उन्होंने इजरायली सशस्त्र बलों द्वारा हवाई हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की लक्षित हत्या को लेकर ईरान को उनके देश पर हमला करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी।

नेतन्याहू ने कहा, “अगर कोई आपको मारने के लिए उठता है, तो पहले उसे मार दें। कल, इजरायल राज्य ने कट्टर हत्यारे हसन नसरल्लाह को मार डाला,” उन्होंने कहा कि इजरायल ने “अनगिनत” इजरायलियों और अमेरिका और फ्रांस सहित अन्य देशों के नागरिकों की हत्या में कथित भूमिका के लिए हिजबुल्लाह प्रमुख के साथ “हिसाब-किताब चुकाया” है। उन्होंने नसरल्लाह को “सिर्फ एक और आतंकवादी” नहीं बल्कि “आतंकवादी” कहा और पश्चिम एशिया में “ईरान की बुराई की धुरी का मुख्य इंजन” भी कहा। नेतन्याहू ने यह भी आरोप लगाया कि नसरल्लाह ईरान के अयातुल्ला शासन की इजरायल को "नष्ट" करने की योजना के मुख्य वास्तुकारों में से एक थे।

पश्चिम एशिया में इस्लामी शासन और उसके सहयोगियों को जनविरोधी के रूप में चित्रित करने के प्रयास में, नेतन्याहू ने कहा, "वे सभी जो बुराई की धुरी का विरोध करते हैं, वे सभी जो लेबनान, सीरिया, ईरान और अन्य स्थानों पर ईरान और उसके समर्थकों की हिंसक तानाशाही के तहत लड़ रहे हैं, वे सभी आज आशा से भरे हुए हैं। मैं उन देशों के नागरिकों से कहता हूं: इजरायल आपके साथ खड़ा है और अयातुल्ला शासन से मैं कहता हूं: जो हम पर हमला करते हैं, हम उन पर हमला करते हैं। ईरान या मध्य पूर्व में ऐसी कोई जगह नहीं है जहाँ इजरायल का लंबा हाथ न पहुँच सके। आज, आप पहले से ही जानते हैं कि यह सही है"।

नसरल्लाह को क्यों मारा जाए?

नेतन्याहू ने तर्क दिया कि नसरल्लाह को खत्म करना इजरायली नागरिकों को लेबनान के साथ देश की उत्तरी सीमा पर अपने घरों में वापस लाने और आने वाले "वर्षों" के लिए क्षेत्र में "शक्ति संतुलन" को बदलने के लिए आवश्यक था।

इजरायली प्रधानमंत्री ने अपने नागरिकों की “रक्षा” करने और सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए अपने देश की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम अपने दुश्मनों पर हमला जारी रखने, अपने निवासियों को उनके घरों में वापस भेजने और अपने सभी बंधकों को वापस भेजने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। हम उन्हें एक पल के लिए भी नहीं भूलते।”

जब तक नसरल्लाह जीवित थे, उन्होंने हिजबुल्लाह से छीनी गई क्षमताओं को जल्दी से फिर से बनाया होता। उनके खात्मे से हमारे निवासियों की उत्तर में उनके घरों में वापसी की संभावना बढ़ेगी। इससे दक्षिण में हमारे बंधकों की वापसी की संभावना भी बढ़ेगी,” नेतन्याहू ने इजरायली सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों को उनकी “महान उपलब्धियों” के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा।

नितिन गडकरी को विपक्षी नेता ने दिया था पीएम बनने का ऑफर? जानें क्या दिया था दवाब*
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केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता नितिन गडकरी ने खुद को लेकर बड़ा दावा किया है। नितिन गडकरी ने कहा कि लोकसभा के चुनाव के वक्त एक विपक्षी नेता ने उनसे प्रधानमंत्री बनने का ऑफर मिला था। हालांकि, उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। नागपुर में जर्नलिज्म अवार्ड के दौरान गडकरी ने उस घटना का जिक्र किया। गड़करी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रधानमंत्री पद का ऑफर किया गया था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया। गडकरी ने कहा कि यह ऑफर विपक्ष के एक बड़े नेता ने किया था लेकिन मैंने उसे यह कहते हुए इनकार कर दिया है मुझे पद की लालसा नहीं है। गडकरी ने कहा कि मैंने नेता से कहा कि मैं एक विचारधारा और दृढ़ भरोसे का पालन करने वाला इंसान हूं। मैं उस पार्टी में हूं, जिसने मुझे वह सब कुछ दिया है, जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। कोई भी प्रस्ताव मुझे लुभा नहीं सकता। हालांकि उन्होंने घटना का खुलकर पूरा ब्योरा नहीं किया। अपने भाषण में गडकरी ने उन्होंने ये भी कहा कि ईमानदारी से विरोध करने वाले व्यक्ति का सम्मान किया जाना चाहिए। लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया जैसे चारों स्तंभ नैतिकता का पालन करे। गडकरी ने समारोह में चार वरिष्ठ पत्रकारों को पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए 2023-24 के अनिलकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया।
“सऊदी अरब एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी”, जेद्दा रवानगी से पहले बोले पीएम मोदी


#primeministermodijeddahvisit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिन के सऊदी अरब के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी तीसरी बार सऊदी अरब जा रहे हैं। इससे पहले 2016 और 2019 में मोदी सऊदी अरब गए थे।

जेद्दा रवानगी से पहले पीएम ने किया ट्वीट

सऊदी अरब के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' पर ट्वीट किया, 'सऊदी अरब के जेद्दा के लिए रवाना हो रहा हूं, जहां मैं विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लूंगा। भारत सऊदी अरब के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देता है। पिछले दशक में द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय गति आई है। मैं सामरिक भागीदारी परिषद की दूसरी बैठक में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। मैं वहां भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करूंगा।

हमारा बंधन स्थिरता का स्तंभ-पीएम मोदी

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा से पहले अरब न्यूज को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने सऊदी अरब को एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी बताया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच साझेदारी में असीम संभावनाएं हैं। एक अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में, हमारा बंधन स्थिरता का एक स्तंभ है।

मोहम्मद बिन सलमान को बताया दूरदर्शी नेता

प्रधानमंत्री ने सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का मजबूत समर्थक और एक ऐसा दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने विजन 2030 के तहत सुधारों के जरिए पूरी दुनिया में प्रशंसा हासिल की है। पीएम मोदी ने कहा, हर बार जब मैं उनसे मिला हूं, उन्होंने मुझ पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। उनकी अंतर्दृष्टि, उनकी दूरदर्शी सोच और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का उनका जुनून वास्तव में अद्वितीय है।

कई समझौतों पर हो सकते हैं हस्ताक्षर

पीएम मोदी की ये यात्रा सितंबर 2023 में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा और भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के बाद हो रही है। इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

देवघर- नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत होर्डिंग प्रचार प्रसार के लिए देवघर नगर निगम के द्वारा बंदोबस्ती की गई।
देवघर: नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत होर्डिंग्स/बैनर/दीवार लेखन एवं अन्य प्रचार प्रसार से शुल्क वसूली (अधिकृत एजेंसी को स्वीकृत यूनीपोल/ मनोपल/ गैंट्री  गेट/ होर्डिंग एवं निगम द्वारा विज्ञापन की अनुमति प्राप्त होर्डिंग/ बैनर एवं अन्य को छोड़ कर की बंदोबस्ती खुली डाक की निर्धारित तिथि 24.02.25 को नगर आयुक्त सह प्रशासक की अध्यक्षता में की गई । डाक की न्यूनतम राशि  85 लाख से शुरू हुई।         जिसमे 4 डाक वक्ता  द्वारा भाग लिया M/S Sita devi Prime adcom Saurav kumar R.S Enterprises Prime adcom के द्वारा उच्चतम बोली Rs1,36,00,000.00  लगा कर प्राप्त किया। बंदोबस्ती की अवधि 1 वर्ष के लिए होगी दिनांक 01.04.2025 से 31.03.2026 तक                 उक्त बंदोबस्ती में गौरव कुमार, सहायक नगर आयुक्त, रौशनी टोप्पो लेखा पधाधिकारी, हिमांशु  शेखर, नगर मिशन प्रबंधक, रोकड पाल  अरुण धारी झा, टॅक्स दारोगा जय शंकर साह एवम आदि उपस्थित थे।
बरौनी रिफाइनरी का 15 जनवरी को 60 साल होगा पूरा
1965 में देश को समर्पित होकर अपनी यात्रा प्रारंभ करने वाली इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी 15 जनवरी को 60 साल पूरा होने पर अपनी हीरक जयंती मनाएगी। बिहार में बरौनी रिफाइनरी की स्थापना होना पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। उनके प्रयास और रणनीतिक सोच ने बरौनी रिफाइनरी को एक ऐसा औद्योगिक केन्द्र बनाया, जिसने न केवल बिहार, बल्कि पूरे पूर्वी भारत की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

तत्कालीन सोवियत संघ के सहयोग और रोमानिया की सीमित भागीदारी से 49.4 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित बरौनी रिफाइनरी ने 1964 में उत्पादन शुरू किया। बिहार के बेगूसराय जिले में गंगा नदी के किनारे स्थित यह रिफाइनरी न केवल भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में, बल्कि बिहार के सामाजिक और औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अपने 60 वर्षों के सफर में बरौनी रिफाइनरी ने ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज कल्याण तथा क्षेत्रीय विकास में भी अतुलनीय योगदान दिया

शुरुआत में 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) की क्षमता के साथ शुरू हुई बरौनी रिफाइनरी ने समय के साथ अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर वर्तमान में 6 MMTPA तक पहुंचाया है। भारत के ऊर्जा मानकों को पूरा करने के लिए इसे समय-समय पर उन्नत किया गया। 2002 में हाई सल्फर क्रूड के प्रसंस्करण के लिए प्रमुख इकाई RFCCU, DHDT, और SRU को जोड़ा गया। 2010 में रिफाइनरी ने BS-III ईंधन उत्पादन के लिए MSQ परियोजना शुरू की। बरौनी रिफाइनरी ने बीएस- IV अपग्रेडेशन के तहत मौजूदा डीएचडीटी (DHDT), प्राइम जी (Prime G) और एनएसयू (NSU) इकाइयों का आधुनिकीकरण किया।

इसके साथ ही नई सीसीआरयू (CCRU), एनएसयू (NSU) और प्राइम जी (Prime G) इकाइयों की स्थापना की। इन संशोधनों के परिणामस्वरूप मोटर स्पिरिट (MS) और हाई-स्पीड डीजल (HSD) का उत्पादन संभव हुआ। बरौनी रिफाइनरी BS-VI मानकों का पालन करने वाले स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल ईंधन का उत्पादन कर रही है।

2022 में एविएशन टर्बाइन फ्युल (ATF) के उत्पादन के लिए इंडजेट यूनिट की स्थापना, 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित मोटर स्पिरिट (EBMS-20) का उत्पादन और 9 MMTPA क्षमता विस्तार परियोजना का शुभारंभ इस रिफाइनरी की निरंतर प्रगति का प्रमाण है।

बरौनी रिफाइनरी बिहार की औद्योगिक शक्ति और भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह रिफाइनरी न केवल बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करती है, बल्कि नेपाल को भी ईंधन और एलपीजी की आपूर्ति करती है। इसके उत्पादों में डीजल, पेट्रोल, विमान ईंधन, एलपीजी, नाफ्था और बिटुमेन आदि शामिल हैं। यह रिफाइनरी बिहार की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और क्षेत्रीय रोजगार के अवसर प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रही है।

बरौनी रिफाइनरी बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास का एक स्तंभ रही है। अपनी सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत रिफाइनरी ने 4000 से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है। स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आरओ प्लांट लगाए हैं। रिफाइनरी ने सदर अस्पताल, बेगूसराय में 50 बेड के अत्याधुनिक बाल चिकित्सा वार्ड का निर्माण किया और तीन एम्बुलेंस दिए। इसके साथ ही ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन और जैव विविधता संरक्षण जैसी परियोजना चला रही है।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखते हुए, रिफाइनरी ने शून्य अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और हरित ऊर्जा परियोजनाएं शुरू की हैं। इसके 125.99 एकड़ क्षेत्रफल में हरित बेल्ट और 7.58 एकड़ क्षेत्र में विकसित ईको पार्क इसे प्रकृति के साथ तालमेल के प्रतीक के रूप में स्थापित करता है। ईको पार्क न केवल पर्यावरणीय सौंदर्य का उदाहरण है, बल्कि सैकड़ों स्थानीय और प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान भी है।

बरौनी रिफाइनरी की 9.0 MMTPA क्षमता विस्तार परियोजना बिहार के लिए एक नई औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त करेगी। इस परियोजना के तहत एक मॉडर्न पॉलीप्रोपाइलीन इकाई की स्थापना की जाएगी, जो बिहार को पेट्रोकेमिकल उत्पादन में अग्रणी बनाएगी। यह परियोजना न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि बिहार को माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज (MSME) क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

15 जनवरी 1965 तत्कालीन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री प्रो. हुमायूं कबीर द्वारा राष्ट्र को समर्पित होकर 2025 तक के 60 वर्षों का यह सफर न केवल भारतीय ऊर्जा क्षेत्र की एक अद्भुत उपलब्धि है, बल्कि बिहार के विकास और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है। इसने बिहार और पूरे देश में सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हीरक जयंती का यह अवसर बरौनी रिफाइनरी के गौरवशाली इतिहास और उज्ज्वल भविष्य की कहानी को प्रस्तुत करता है। 15 जनवरी 1965 को एक मिलियन मैट्रिक टन शोधन क्षमता के बरौनी रिफाइनरी का उद्घाटन किया गया था। 1969 में इसकी क्षमता एक से बढ़ाकर तीन मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) कर दिया गया। इसके बाद 1999 में रिफाइनरी की क्षमता का नवीकरण कर तीन से 6 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) किया गया था। इसके बाद अब इसकी क्षमता छह से बढ़ाकर 9 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) किया जा रहा है। बरौनी रिफाइनरी को 1965 में असम के कम सल्फर कच्चे तेल (स्वीट क्रूड) को संसाधित करने के लिए डिजाइन किया गया था। पूर्वोत्तर में अन्य रिफाइनरियों की स्थापना के बाद असम में कच्चे तेल की उपलब्धता कम हो रही थी। इसलिए स्वीट क्रूड अफ्रीका, नाइजीरिया और मलेशिया से मंगाया जा रहा था।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
भारत एक एकमात्र सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन

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Dr. Manmohan Singh (1932-2024)

भारत ने 26 दिसंबर को अपने एकमात्र सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। 92 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले पूर्व पीएम को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। 

भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार, सिंह 33 साल के कार्यकाल के बाद अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री बनने के कुछ महीनों बाद अक्टूबर 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया। अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गाँव में 26 सितंबर, 1932 को जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1982-1985 तक RBI के गवर्नर के रूप में भी काम किया। 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को गुरुवार को रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि 92 वर्षीय दिग्गज कांग्रेसी की हालत गंभीर थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सिंह की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रमुख संस्थान पहुंचीं।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट किया, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।" इसके कुछ ही देर बाद उनके निधन की खबरें आने लगी। 

2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे सिंह इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए, जिससे 33 साल बाद उच्च सदन में उनकी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान चले गए। संसद में उनका अंतिम हस्तक्षेप नोटबंदी के खिलाफ था, उन्होंने इसे "संगठित लूट और वैधानिक लूट" बताया। पीटीआई ने सिंह के हवाले से 2021 में एक कार्यक्रम में कहा, "बेरोजगारी अधिक है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है, 2016 में लिए गए बिना सोचे-समझे नोटबंदी के फैसले से यह संकट पैदा हुआ है।" 

26 सितंबर, 1932 को पंजाब में जन्मे सिंह ने 1952 और 1954 में क्रमशः पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. किया। पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन के बाद सिंह भारत सरकार में शामिल हो गए। 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में। डॉ. मनमोहन सिंह को 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया गया।

यूएनसीटीएडी सचिवालय में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987-1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग का महासचिव नियुक्त किया गया। सिंह ने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पदों पर भी कार्य किया।

देश उनके योगदान के लिए सदैव आभारी रहेगा, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। 

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


अमेरिका के बाद अब इस पड़ोसी देश में सत्ता परिवर्तन, संसदीय चुनावों में लेबर पार्टी की जीत, भारत के लिए क्या हैं मायने?*
#naveen_ramgoolam_became_new_prime_minister_of_mauritius
अमेरिका में जो बाइडन की “विदाई” के बाद डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हुई है। ठीक इसी तरह भारत के पड़ोसी देश मॉरीशस में भी सत्ता परिवर्तन हुआ है। मॉरीशस में हुए संसदीय चुनावों नतीजे आ गए है। यहां लेबर पार्टी ने जीत हासिल की है और पार्टी के प्रमुख डॉ. नवीन रामगुलाम देश के नए प्रधानमंत्री बने हैं। नवीन रामगुलाम ने देश के मौजूदा प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को हराया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में लेबर पार्टी की जीत पर डॉ. नवीन रामगुलाम को बधाई दी है। विपक्षी नेता नवीन रामगुलाम अपने गठबंधन अलायंस ऑफ चेंज के प्रमुख के रूप में तीसरी बार कार्यभार संभालने वाले हैं। पीएम मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए एक पोस्ट में लिखा, 'अपने दोस्त डॉ रामगुलाम से गर्मजोशी भरी बातचीत हुई। उन्हें उनकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर बधाई दी। मैंने मॉरीशस का नेतृत्व करने में उनकी बड़ी सफलता की कामना की और भारत आने का न्योता दिया। हमारी विशेष और अनूठी साझेदारी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने को तत्पर हैं।' 77 वर्षीय नवीन रामगुलाम तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। नवीन रामगुलाम 1995 से 2000 और 2005 से 2014 तक मॉरीशस के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। नवीन रामगुलाम के पिता शिवसागर रामगुलाम मॉरीशस के पहले मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री रहे हैं। मॉरीशस को आजादी दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। मॉरीशस को 1968 में ब्रिटेन से आजादी मिली थी। *नवीन रामगुलाम का बिहार से नाता* बता दें कि नवीन रामगुलाम के पूर्वज बिहार के रहने वाले थे। 1800 के दशक में उनके पूर्वज बिहार के भोजपुर के हरिगांव में रहते थे। जिसके बाद वो मॉरीशस चले गए थे। तभी से उनका परिवार वहीं रहता है। बता दें कि मॉरीशस में कई लोग ऐसे रहते हैं जिनका संबंध बिहार से रहा है। प्रधानमंत्री के अलावा बिहारी वहां राष्ट्रपति भी बन चुका है। इसके अलावा मॉरीशस में अन्य कई बड़े पदों पर भी आपको बिहारी देखने को मिल जाएंगे। *दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और दीर्घकालिक रिश्ते* वहीं, अगर मॉरीशस से भारत के संबंधों की बात करें तो दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और दीर्घकालिक रिश्ते रहे हैं। वहां की 1.2 मिलियन की आबादी में लगभग 70% भारतीय मूल के लोग हैं। मॉरीशस ने 1968 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। भारत से मॉरीशस पहुंचने वाले लोगों में सबसे पहले पुडुचेरी के लोग थे। मॉरीशस उन महत्वपूर्ण देशों में से एक रहा है जिसके साथ भारत ने आजादी से पहले ही 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। 1948 और 1968 के बीच ब्रिटिश शासित मॉरीशस में भारत का प्रतिनिधित्व एक भारतीय आयुक्त द्वारा किया गया और उसके बाद 1968 में मॉरीशस के स्वतंत्र होने के बाद एक उच्चायुक्त नियुक्त किया गया। *मॉरीशस का मददगार भारत* संकट के समय में भारत मॉरीशस को मदद पहुंचाने वाले देशों में सबसे आगे रहा है। कोविड-19 और वाकाशियो तेल रिसाव संकट में दुनिया ने इसे देखा भी। मॉरीशस के अनुरोध पर भारत ने अप्रैल-मई 2020 में कोविड से निपटने में मदद के लिए 13 टन दवाएं, 10 टन आयुर्वेदिक दवाएं और एक भारतीय रैपिड रिस्पांस मेडिकल टीम की आपूर्ति की। भारत मुफ्त कोविशील्ड टीकों की 1 लाख खुराक की आपूर्ति करने वाला पहला देश भी था। *भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक* 2005 से भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है। वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए मॉरीशस को भारतीय निर्यात 462.69 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। वहीं भारत को मॉरीशस का निर्यात 91.50 मिलियन अमेरिकी डॉलर था और कुल व्यापार 554.19 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। पिछले 17 वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार में 132% की वृद्धि हुई है। निवर्तमान प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने कई ऐसे फैसले लिए थे जिससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए थे। इस साल जनवरी में अयोध्या मंदिर के उद्घाटन के दौरान मॉरीशस ने धार्मिक कार्यों में भाग लेने के लिए हिंदुओं को दो घंटे की छुट्टी भी दी थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस साल जुलाई में मॉरीशस का दौरा किया था और रामगुलाम और बेरेन्जर सहित शीर्ष विपक्षी मॉरीशस राजनेताओं से मुलाकात की थी।
ये देसी कंपनी दे रही Jio, Airtel को टक्कर,तीन महीने तक Free इंटरनेट, जानें ऑफर

By : StreetBuzz Desk

Edited By: pari_shaw

अब तक जियो और एयरटेल देश की दिग्गज ब्रॉडबैंड कंपनियां हैं. लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी कंपनी ने आई है, जो कम कीमत पर ज्यादा फायदा दे रहा है. ये कंपनी ने ग्राहकों के लिए एक खास ऑफर निकाला है. इस ऑफर के तहत कंपनी 3 महीने तक मुफ्त इंटरनेट और 18 तरह के ओटीटी (जैसे Netflix, Amazon Prime) के सब्सक्रिप्शन दे रही है.

इस ऑफर के तहत कंपनी ग्राहकों को लुभा रही है और अच्छी क्वालिटी का इंटरनेट देने का वादा कर रही है. आइए, इस ऑफर के बारे में डिटेल में जानते हैं.

Excitel का नया 499 रुपये महीने वाला प्लान

इस कंपनी का नाम Excitel है. Excitel का नया ऑफर 499 रुपये महीने का है. अगर आप 9 महीने तक इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं तो आपको 3 महीने का इंटरनेट मुफ्त मिलेगा. साथ ही आपको 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म और 150 से ज्यादा चैनल्स देखने को मिलेगा. यह ऑफर अभी एक्टिव है.

इस ऑफर में आपको 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे Amazon Prime, Disney+Hotstar, Sony Liv, Altbalaji और कई ओटीटी का एक्सेस मिलता है. इस ऑफर के तहत कंपनी ग्राहकों को लुभा रही है और अच्छी क्वालिटी का इंटरनेट देने का वादा कर रही है. इस प्लान के साथ मुफ्त लाइव टीवी चैनल और मुफ्त स्मार्ट टीवी या फिर एचडी प्रोजेक्टर भी मिलेगा. कंपनी का ये ऑफर 35 से ज्यादा शहरों में उपलब्ध है.

Excitel ने लॉन्च किए ये दो नए प्लान

Excitel ने इस महीने की शुरुआत में दो नए ब्रॉडबैंड प्लान लॉन्च किए थे, जिनका नाम बिग स्क्रीन प्लान है. इन प्लान्स की कीमत 1,299 रुपये और 1,499 रुपये है. इन प्लान्स में यूजर्स को हाई-स्पीड इंटरनेट, ओटीटी सब्सक्रिप्शन, मुफ्त लाइव टीवी चैनल और मुफ्त स्मार्ट टीवी या फिर एचडी प्रोजेक्टर मिलेगा. बता दें कंपनी का ये ऑफर 35 से ज्यादा शहरों में उपलब्ध है. 

‘इजरायल के पहुंच से परे कोई जगह नहीं’: हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद नेतन्याहू की ईरान को चेतावनी

#netanyahuwarnsiranafterisraelkilledhassan_nasrallah

Israel's Prime Minister Benjamin Netanyahu (REUTERS)

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि “ईरान या मध्य पूर्व में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां इजरायल की लंबी भुजाएं नहीं पहुंच सकतीं,” उन्होंने इजरायली सशस्त्र बलों द्वारा हवाई हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की लक्षित हत्या को लेकर ईरान को उनके देश पर हमला करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी।

नेतन्याहू ने कहा, “अगर कोई आपको मारने के लिए उठता है, तो पहले उसे मार दें। कल, इजरायल राज्य ने कट्टर हत्यारे हसन नसरल्लाह को मार डाला,” उन्होंने कहा कि इजरायल ने “अनगिनत” इजरायलियों और अमेरिका और फ्रांस सहित अन्य देशों के नागरिकों की हत्या में कथित भूमिका के लिए हिजबुल्लाह प्रमुख के साथ “हिसाब-किताब चुकाया” है। उन्होंने नसरल्लाह को “सिर्फ एक और आतंकवादी” नहीं बल्कि “आतंकवादी” कहा और पश्चिम एशिया में “ईरान की बुराई की धुरी का मुख्य इंजन” भी कहा। नेतन्याहू ने यह भी आरोप लगाया कि नसरल्लाह ईरान के अयातुल्ला शासन की इजरायल को "नष्ट" करने की योजना के मुख्य वास्तुकारों में से एक थे।

पश्चिम एशिया में इस्लामी शासन और उसके सहयोगियों को जनविरोधी के रूप में चित्रित करने के प्रयास में, नेतन्याहू ने कहा, "वे सभी जो बुराई की धुरी का विरोध करते हैं, वे सभी जो लेबनान, सीरिया, ईरान और अन्य स्थानों पर ईरान और उसके समर्थकों की हिंसक तानाशाही के तहत लड़ रहे हैं, वे सभी आज आशा से भरे हुए हैं। मैं उन देशों के नागरिकों से कहता हूं: इजरायल आपके साथ खड़ा है और अयातुल्ला शासन से मैं कहता हूं: जो हम पर हमला करते हैं, हम उन पर हमला करते हैं। ईरान या मध्य पूर्व में ऐसी कोई जगह नहीं है जहाँ इजरायल का लंबा हाथ न पहुँच सके। आज, आप पहले से ही जानते हैं कि यह सही है"।

नसरल्लाह को क्यों मारा जाए?

नेतन्याहू ने तर्क दिया कि नसरल्लाह को खत्म करना इजरायली नागरिकों को लेबनान के साथ देश की उत्तरी सीमा पर अपने घरों में वापस लाने और आने वाले "वर्षों" के लिए क्षेत्र में "शक्ति संतुलन" को बदलने के लिए आवश्यक था।

इजरायली प्रधानमंत्री ने अपने नागरिकों की “रक्षा” करने और सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए अपने देश की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम अपने दुश्मनों पर हमला जारी रखने, अपने निवासियों को उनके घरों में वापस भेजने और अपने सभी बंधकों को वापस भेजने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। हम उन्हें एक पल के लिए भी नहीं भूलते।”

जब तक नसरल्लाह जीवित थे, उन्होंने हिजबुल्लाह से छीनी गई क्षमताओं को जल्दी से फिर से बनाया होता। उनके खात्मे से हमारे निवासियों की उत्तर में उनके घरों में वापसी की संभावना बढ़ेगी। इससे दक्षिण में हमारे बंधकों की वापसी की संभावना भी बढ़ेगी,” नेतन्याहू ने इजरायली सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों को उनकी “महान उपलब्धियों” के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा।

नितिन गडकरी को विपक्षी नेता ने दिया था पीएम बनने का ऑफर? जानें क्या दिया था दवाब*
#nitin_gadkari_says_opposition_leader_was_approached_me_for_prime_ministership
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता नितिन गडकरी ने खुद को लेकर बड़ा दावा किया है। नितिन गडकरी ने कहा कि लोकसभा के चुनाव के वक्त एक विपक्षी नेता ने उनसे प्रधानमंत्री बनने का ऑफर मिला था। हालांकि, उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। नागपुर में जर्नलिज्म अवार्ड के दौरान गडकरी ने उस घटना का जिक्र किया। गड़करी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रधानमंत्री पद का ऑफर किया गया था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया। गडकरी ने कहा कि यह ऑफर विपक्ष के एक बड़े नेता ने किया था लेकिन मैंने उसे यह कहते हुए इनकार कर दिया है मुझे पद की लालसा नहीं है। गडकरी ने कहा कि मैंने नेता से कहा कि मैं एक विचारधारा और दृढ़ भरोसे का पालन करने वाला इंसान हूं। मैं उस पार्टी में हूं, जिसने मुझे वह सब कुछ दिया है, जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। कोई भी प्रस्ताव मुझे लुभा नहीं सकता। हालांकि उन्होंने घटना का खुलकर पूरा ब्योरा नहीं किया। अपने भाषण में गडकरी ने उन्होंने ये भी कहा कि ईमानदारी से विरोध करने वाले व्यक्ति का सम्मान किया जाना चाहिए। लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया जैसे चारों स्तंभ नैतिकता का पालन करे। गडकरी ने समारोह में चार वरिष्ठ पत्रकारों को पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए 2023-24 के अनिलकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया।