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आतंकवाद न खत्म हुआ और ना ही कभी खत्म होगा', फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान

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5 अगस्त को भारत के संविधान से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत सरकार के फैसले को 6 साल पूरे होने वाले हैं। जिसे लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। एनसी के प्रमुख पारूख अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। हालांकि इस दौरान आतंकवाद को लेकर उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा कि आतंकवाद न खत्म हुआ है और ना ही खत्म होगा।

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में जारी मुठभेड़ पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवाद खत्म नहीं होगा। मैंने कभी नहीं कहा कि आतंकवाद पूरी तरह खत्म हो गया है, लेकिन जो लोग मानते हैं कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा, मैं उन्हें इसी वक्त चुनौती देता हूं। जब तक हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे रिश्ते बेहतर नहीं हो जाते, तब तक आतंकवाद खत्म नहीं होगा।

जो लोग ये कहते थे कि अनुच्छेद 370 आतंकवाद के लिए जिम्मेदार है, वो कई सालों तक यहां प्रभारी थे। पहलगाम हमले से पहले उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने सभी आतंकी शिविरों को खत्म कर दिया है। फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि यहां तक कि उन्होंने ये भी कहा कि पड़ोसी के साथ चल रहे मौजूदा युद्ध में आतंकवादियों को पीछे धकेल दिया गया है। तो फिर अब कुलगाम में मुठभेड़ कैसे हो रही है?

मुझे शांति आती नहीं दिख रही- अब्दुल्ला

अब्दुल्ला ने कहा कि संघर्ष से बाहर निकलने का रास्ता खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे शांति आती नहीं दिख रही है। मुझे लगता है कि हम यह सोचकर मूर्खों के स्वर्ग में जी रहे हैं कि रातोंरात शांति आ जाएगी। हमारे पास एक मजबूत पड़ोसी है। चाहे वह चीन हो या पाकिस्तान। किसी तरह हमें एक रास्ता खोजना होगा। युद्ध कोई रास्ता नहीं है। अंत में आपको एक कलम का उपयोग करना होगा और चीजों पर चर्चा करनी होगी। इससे हमें क्या नुकसान होता है?

पूछा-जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा?

5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाए जाने को छह साल होने जा रहे हैं, जिसे लेकर फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब वापस मिलेगा? उन्होंने (भाजपा ने) पिछले छह सालों में जम्मू-कश्मीर में सुधार के नाम पर क्या किया है? मुझे ये पूरा भरोसा है कि एक दिन उनको ये फैसला करना ही पड़ेगा। इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं। यहां (जम्मू-कश्मीर में) राजभवन में एक वायसराय बैठे हैं, लेकिन मुख्य व्यक्ति राजभवन में बैठे वायसराय ही हैं। इस व्यवस्था को बदलने का समय आ गया है। यह एक लोकतांत्रिक देश है।

पाकिस्तान में बैठे हैं पहलगाम हमले के हैंडलर”, फारूक अब्दुल्ला ने अटैक में स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर कही बड़ी बात

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले को दर्दनाक बताया साथ ही पाकिस्तान पर कड़े एक्शन की मांग की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद फारूक अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं।

पाकिस्तान में बैठे हैं हैंडलर

न्यूज़ 18 से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात पर उन्होंने कहा, पहलगाम की घटना में कोई भी हो सकता है, जब तक हम उनको पकड़ेंगे नहीं तब तक हम यह नहीं कह सकते हैंडलर कौन है। मैं कह सकता हूं कि इस हमले के पीछे वही होंगे, ये आज की बात नहीं है बल्कि उरी, पुलवामा, पठानकोट, पुंछ और मुंबई में अटैक किसने किया था? ये बात सभी लोग जानते हैं। हैंडलर तो वहीं (पाकिस्तान) बैठे हैं।

हम अमन से रह रहे ये उन्हें पसंद नहीं आया- फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, उनको (पाकिस्तान) लगा कि हम अमन से रह रहे हैं और यहां हजारों पर्यटक घूम रहे हैं। उनको यह पसंद नहीं आया और वह चाहते हैं कि जब हम 1947 में उनके साथ नहीं बने हैं तो वह जितना हमें बर्बाद कर सकेंगे, वो ऐसा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर कही बड़ी बात

पहलगाम आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की संभावित संलिप्तता पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं। वे यहां कैसे और किस तरह से आए? मैंने पहले भी यही कहा था, जब मौलाना अजहर को रिहा किया गया था, तो मैंने इसके खिलाफ चेतावनी दी थी। मैंने कहा था, उसे रिहा मत करो; वह रास्तों को जानता है और उन्हें मैप भी कर चुका है। कौन जानता है, हो सकता है कि इसमें उसका हाथ भी हो, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, वे उसे सीमा पार ले गए।

आतंकवाद की फैक्ट्री खत्म करनी होगी- फारूक अब्दुल्ला

अब पाकिस्तान के साथ क्या करना चाहिए? इस सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मैं प्रधानमंत्री के हर फैसले के साथ हूं। वो जो फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं। वो जो सोचेंगे बेहतर है। हम चाहते हैं आतंकवाद बिल्कुल खत्म हो। अब जड़ से इसे उखाड़ा जाए। जो इसके पीछे जिम्मेवार हैं, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, आतंकवाद की फैक्ट्री खत्म करनी होगी। जब भी आक्रमण हुआ है, उनकी (पाकिस्तान) तरफ से हुआ है। हमने शुरू नहीं किया। उसने शुरू किया। फिर हमने कार्रवाई की। हम इंसानियत के पक्षधर हैं। ये महात्मा गांधी का देश है।

पाक से बातचीत की सलाह पर अफसोस

पाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं अफसोस करता हूं कि मैं इसकी बात करता था। खुद अफसोस करता हूं। जिस चीज को कहता था, आज उससे हार गया। उन्होंने (पाक) मुझे हरा दिया। वो मानते ही नहीं थे। वो टेबल पर आना ही नहीं चाहते हैं। क्या कश्मीर उनके साथ जा सकता है। कभी नहीं। जिनको पाकिस्तान जाना था, वो काफी पहले जा चुके हैं।

क्या फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने से सहमत थे? पूर्व रॉ प्रमुख के खुलासा से गरमाई राजनीति

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आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर की राजनीति के लिए हमेशा से एक सबसे अहम मुद्दों में से एक रहा है। इस बीच आर्टिकल 370 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए गुप्त रूप से सहमत थे। भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने अपनी नई किताब में ये दावा किया है। इस दावे के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल पैदा हो गई है।

पूर्व रॉ प्रमुख की किताब ने खोले राज

पूर्व चीफ एएस दुलत ने अपनी किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं। इस किताब का विमोचन 18 अप्रैल को होने वाला है। एएस दुलत ने अपनी किताब में फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनुच्छेद 370हटाने से कुछ दिन पहले हुई मुलाकात का जिक्र किया है। दुलत लिखते हैं कि उस मुलाकात में क्या हुआ? यह कोई नहीं जान पाएगा। फारूक ने निश्चित रूप से कभी इसका जिक्र नहीं किया।

फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को बताया दुखद

दुलत के अनुसार, 2019 में फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद करना कश्मीर की सबसे दुखद कहानी थी। दुलत ने बताया कि बातचीत के दौरान एनसी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने अपनी नजरबंदी पर सवाल उठाया था। दुलत ने किताब में लिखा है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में उनसे बात करते हुए कहा था कि 'कर लो अगर करना है। उन्होंने थोड़ा कड़वाहट के साथ कहा कि 'पर ये अरेस्ट क्यूं करना था? इसका मतलब है कि फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने के पक्ष में थे, लेकिन वे अपनी गिरफ्तारी से नाखुश थे।

किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए “सस्ती चाल”-फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत द्वारा किए गए दावे की आलोचना की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह दावा दुलत की अपनी आगामी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए की गई “सस्ती चाल” का हिस्सा है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें हिरासत में लिया गया क्योंकि विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के खिलाफ हमारा रुख जगजाहिर था। मैंने जो गुपकार अलायंस बनाई उसका मकसद क्या था कि हम सब इकट्ठे होकर इसके खिलाफ खड़े हों। शुक्र है अल्लाह का कि हम सब खड़े रहे। आज भी खड़े हैं।

खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं- सज्जाद गनी

वहीं दूसरी तरफ, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। 4 अगस्त, 2019 को मौजूदा मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) और फारूक अब्दुल्ला की पीएम (नरेंद्र मोदी) से मुलाकात उनके लिए कभी रहस्य नहीं रही।

सज्जाद गनी लोन ने लिखा, दुलत साहब ने अपनी आने वाली किताब में खुलासा किया है कि फारूक साहब ने निजी तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था। दुलत साहब के इस खुलासे से यह बात बहुत विश्वसनीय लगती है क्योंकि वह फारूक के सबसे करीबी सहयोगी और मित्र हैं। सजाद ने आगे लिखा, संयोग से दुलत साहब दिल्ली के कुख्यात अंकल और आंटी ब्रिगेड के प्रसिद्ध अंकल हैं। बेशक नेशनल कॉन्फ्रेंस इससे इनकार करेगी। इसे एनसी के खिलाफ एक और साजिश कहेंगे।

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिए…” फारूक अब्दुल्ला ने गाया माता का भजन

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जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को मां शेरा वाली को समर्पित एक भजन गाकर श्रद्धालुओं को चौंका दिया। उन्होंने कटरा के आश्रम में 'तू ने मुझे बुलाया शेरावालिये' भजन गाया। अब्दुल्ला के भजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।इससे पहले अप्रैल 2024 में भी रामधुन को लेकर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था।

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कटरा में माता वैष्णो देवी के धाम पहुंचे। लाल चुनरी ओढ़े हुए फारूक अब्दुल्ला मातारानी के लिए भजन गाते हुए दिखाई दिए। उन्होंने भजन गायक के सुर में सुर मिलाकर ‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है भजन गुनगुनाया।’फारूक अब्दुल्ला 87 साल के हैं और उन्होंने सुरीली आवाज मे जब भजन गुनगुनाया तो आश्रम में मौजूद लोग बहुत खुश हो गए।

रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध को दिया समर्थन

इस मौके पर अब्दुल्ला ने रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध में अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर का संचालन करने वालों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे वहां रह रहे लोगों की हितों को नुकसान पहुंचे। ना ही ऐसा कोई फैसला लिया जाए, जिससे उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि शहर में अगर कोई नई परियोजना या निर्माण शुरू करना है तो सबसे पहले स्थानीय लोगों से जुड़े विषयों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कटरा शहर में रोपवे बनाने वाले बोर्ड की कड़ी निंदा की है। अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों ने अपनी मांगों को लेकर मजबूती से आवाज उठाई।

हो रहा रोपवे का विरोध?

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने नवंबर 2024 में गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबे रास्ते पर रोपवे बनाने का ऐलान किया था। बोर्ड का कहना है कि इस रास्ते पर वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है। कई लोग इसमें सक्षम नहीं होते है और उन्हें पीठ पर बैठाकर ले जाना पड़ता है। श्रद्धालुओं की आसानी के लिए रोपवे बनाया जाएगा। इसमें 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके जरिए ताराकोट मार्ग को सांजी छत से जोड़ा जाएगा, जो मंदिर की ओर जाता है। हालांकि, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराने वाले हजारों श्रमिकों की आजीविका बंद हो जाएगी।

फारूख अब्दुल्ला या उमर कौन लड़ेगा चुनाव? नेशनल कांफ्रेंस में पिता-पुत्र को लेकर असमंजस बरकरार
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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर को होगा, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर तो तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा। चुनाव की घोषणा के बाद से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस बीच नेशनल कांफ्रेंस में असमंजस की स्थिति बरकरार है। सवाल उठ रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस से पिता पारूख अब्दुल्ला और बेटे उमर के बीच कौन चुनावी मैदान में नजर आएगा?

चुनाव की तारीखों के एलान के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं ये चुनाव लड़ूंगा, उमर अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे। जब राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो मैं पद छोड़ दूंगा और उस सीट पर उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम राज्य का दर्जा चाहते हैं, न केवल एनसी बल्कि जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियां ऐसा चाहती हैं। यह भारत सरकार का वादा है कि पूर्ण राज्य का दर्जा होगा।

दरअसल, विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर उमर को लेकर असमंजस इसलिए है क्योंकि उन्होंने 2020 में यह दावा कर दिया था कि जबतक जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता, वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। 2019 में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद इसे राज्य से बदलकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। उमर ने इसी के विरोध में यह सियासी प्रतिज्ञा कर ली थी। लेकिन, परिस्थितियां दावे के विपरीत दिखने लगीं तो उन्होंने हाल ही एक बयान दिया, जिसमें इस बात के संकेत दिए थे कि वह अपने वादे को दूर रखकर चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन पार्टी को उमर अब्दुल्ला जैसे नेता के रूप में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा, जहां बारामुला में वह यूएपीए केस में जेल में बंद इंजीनियर राशिद से हार गए। अब उनके विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर भी संशय है।
कठुआ हमले पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, बोले-ऐसा ना हो कि युद्ध हो जाए

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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। आतंकियों ने सेना के गश्ती वाहन को निशाना बनाया जिसमें पांच सैनिक शहीद हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू के कठुआ में पांच जवानों के शहीद होने पर मंगवाल को बड़ा बयान दिया है।आतंकियों की इस हरकत पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कठुआ हमले पर कहा, सारी दुनिया में इसकी निंदा हो रही है। ये गलत है। दुनिया का कोई देश आतंकवाद को कबूल करने के लिए तैयार नहीं है। ये आतंकवाद उन्हें (पाकिस्तान) बर्बाद कर देगा। जब आतंकवाद बंद होगा तब बातचीत शुरू होगी। दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकती। उन्हें इस बारे में सख़्त कदम उठाने चाहिए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी वारदातों से कहीं ऐसा न हो कि भारत के लोगों का लावा इतना बढ़ जाए कि उन्हें लड़ाई पर करनी पड़ जाए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही बर्बाद हो चुका है ऐसे में उसे यह सोचना चाहिए। इसके आगे उन्होंने कहा कि लड़ाई से दोनों ही मुल्कों में सिर्फ और सिर्फ तबाही ही मचेगी इससे ज्यादा और कुछ नहीं होगा। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना बंद करना चाहिए. जो पाकिस्तान कर रहा है वह पूरी तरह से गलत है।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कठुआ में सोमवार को भारतीय सेना की गाड़ी पर गोलीबारी और ग्रेनेड हमले की सख्त निंदा की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि जम्मू कश्मीर के कठुआ में सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले में पांच जवानों की शहादत और छह जवानों के घायल होने की खबर बेहद दुखद और निंदनीय है। जम्मू प्रांत में आतंकवाद का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। हमारी संवेदनाएं घायल जवानों और उनके परिवारों के साथ है। सरकार को आतंकवाद से निपटने और जनता की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने होंगे.

फारूक अब्दुल्ला की पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी, बोले-अपनी पत्नी तो संभाल नहीं पाए...

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चुनाव प्रचार के दौरान नेता एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। इस दौरान कई बार नेता अपनी मर्यादा भूलते जा रहे हैं। इसी क्रम में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद विवादित टिप्पणी की है।उन्होंने कहा कि वह अपनी बीवी को संभाल नहीं पाए। जब उनके बच्चे नहीं हैं तो उनकी मोहब्बत क्या जानेंगे।

फारूक अब्दुल्ला ने एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाते हुए वो कहते हैं कि ये मुसलमान ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। मोदी साहब आप अपनी बीवी को संभाल नहीं सके, तो आपके बच्चे कहां से आते। आप क्या जानते हैं। आप क्या जानते हैं बच्चों की मोहब्बत और उनका लगाव। किस तरह से बच्चे अपने मां-बाप की इज्जत और खिदमत करते हैं, आप क्या जानते हैं, आपको तो कोई नहीं है, अकेले हो और अकेले जाओगे। उनसे पूछो जिनकी औलाद है।

वैसे, फारूक अब्दुल्ला अकेले नहीं हैं जिन्होंने पीएम मोदी के परिवार को लेकर विवादित बयान दिया है। इससे पहले आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने महागठबंधन की रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी। लालू यादव ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी आजकल परिवारवाद का जिक्र कर रहे हैं, आपका परिवार नहीं है और आप हिंदू भी नहीं हैं

फारूक अब्दुल्ला ने बांधे पीएम मोदी के तारीफों के पुल, जानें क्यों दी बधाई?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जम्मू कश्मीर को 30 हजार 500 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की सौगात दी है। पीएम मोदी आज यानी मंगलवार को जम्मू में दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज का उद्घाटन किया।इसके अलावा घाटी में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन और संगलदान स्टेशन व बारामूला स्टेशन के बीच ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई।इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पीएम मोदी की खूब तारीफ की है।फारूक अब्दुल्ला ने भी जम्मू-कश्मीर को मिली सौगातों पर प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार और उनकी तारीफों के पुल बांधे।

अब्दुल्ला ने कहा, हमें इसकी जरूरत थी। यह हमारे पर्यटन और लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक बड़ा कदम है जो आज उठाया गया है। मैं इसके लिए रेल मंत्रालय और पीएम मोदी को बधाई देता हूं। अब्दुल्ला ने कहा कि रेल को जोड़ने से सड़क सेवा के कारण होने वाली कई समस्याओं का समाधान हो जाता है, यह वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन और आपूर्ति में भी मदद करता है। मुझे उम्मीद है कि यह सेवा हमारे लोगों के लिए प्रगति लाएगी। हमें उम्मीद थी कि यह सेवा 2007 में ही शुरू हो जाएगी लेकिन पहाड़ी इलाके के कारण कई कठिनाइयां थीं। अब यह सेवा शुरू होगी, इसकी खुशी है।

हाल में कई बार उन्हें अब्दुल्ला को मोदी सरकार की तारीफ करते हुए देखा गया है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने फारूक अब्दुल्ला पर केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सूत्रों से पता चलता है कि फारुख अबदुल्ला केंद्रीय नेतृत्व से मिलने का प्रयास करते हैं लेकिन सिर्फ रात में।

इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि, जब मैं उनके ऐसे बयान सुनता हूं तो मुझे हैरानी होती है। उन्होंने कहा था कि अगर मुझे प्रधानमंत्री मोदी या अमित शाह से मिलना है तो मैं दिन में मिलूंगा, रात में क्यों मिलूंगा?फारूक अब्दुल्ला ने कहा था, मैं जरूर आजाद साहब की इज्जत करता हूं लेकिन मुझे हैरानी होती है।

फारुक अब्दुल्ला को सता रहा “इंडिया”गठबंधन टूटने का डर, जानें क्या है वजह

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आने वाले समय में देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहीं लोकसभा चुनाव की भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि, विपक्षी गठबंधन “इंडिया” में सीट शेयरिंग पर अब तक फैसला नहीं हो सका है। इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है।अब्दुल्ला ने कहा कि अगर सीट बंटवारे पर जल्द सहमति नहीं बनी तो इंडिया ब्लॉक के लिए खतरा है। 

देश को बचाना है, तो हमें मतभेदों को भूलना होगा-अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि सीट शेयरिंग पर गठबंधन में शामिल दलों के बीच सहमति नहीं बन पाती है तो अलासंय में शामिल कुछ पार्टियां अलग गठबंधन बना सकती हैं।जब गठबंधन में सीट-बंटवारे की व्यवस्था पर स्पष्टता की कमी के बारे में सवाल पूछा गया तो अब्दुल्ला ने कहा कि अगर हमें देश को बचाना है, तो हमें मतभेदों को भूलना होगा और देश के बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा कि अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप नहीं दिया गया तो गठबंधन के लिए यह बात एक बड़ा खतरा बन सकती है। इसे समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए। यह संभव है कि कुछ दल अलग गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आ सकते हैं, जो मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है। अभी भी समय है। हमें इस बारे में जल्द से जल्द सोचना होगा।

पार्टियों को सिर्फ वहीं सीटें मांगनी चाहिए जहां उनका दबदबा-अब्दुल्ला

अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टियों को सिर्फ वहीं सीटें मांगनी चाहिए जहां उनका दबदबा है और जहां वे प्रभावी नहीं हैं वहां सीटें मांगना गलत है। उन्होंने कहा कि खतरे में पड़ा गणतंत्र ही नहीं आने वाली पीढ़ी भी हमें माफ नहीं करेगी। हमारे सामने यह बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, अगर हम अपने अहंकार को छोड़कर एक साथ मिलकर यह नहीं सोचते कि इस देश को कैसे बचाया जाए, तो मुझे लगता है कि यह हमारी ओर से सबसे बड़ी गलती होगी। अब्दुल्ला ने कहा कि पिछली बार तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी वाम दलों के साथ सीटें साझा करने के लिए तैयार नहीं थीं लेकिन इस बार उन्होंने पेशकश की है कि वाम दल वहां से चुनाव लड़ सकते हैं जहां से वह जीत सकते हैं। लोग उनके खिलाफ बयान जारी कर मतभेद बढ़ा रहे हैं।

अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को ईडी का समन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज पूछताछ के लिए बुलाया

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केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तलब किए जानेवाले नेताओं में एक और विपक्षी नेता का नाम जुड़ गया है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है।न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि उन्हें गुरुवार (11 जनवरी) को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।फारूख अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में उनसे पूछताछ होगी।

ईडी ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर ईडी ने साल 2022 में आरोप पत्र दायर किया था। ईडी ने सीबीआई द्वारा वर्ष 2018 में इसी मामले मे दायर आरोप पत्र के आधार पर केस दर्ज किया था। यह मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के फंड के हेरफेर से संबंधित है। इस फंड को क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित कई लोगों ने अपने व्यक्तिगत बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया था। ईडी ने जेकेसीए के पदाधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।

बता दें कि फारूक अब्दुल्ला साल 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे।इस चार्जशीट में अब्दुल्ला के साथ-साथ जेकेसीए के तब के अधिकारी अहसान अहमद मिर्जा, मीर मंजूर गजानफर आदि को आरोपी बनाया गया था। ऊपर लगे आरोप की जांच ईडी और सीबीआई दोनों कर रही हैं।फारूक अब्दुल्ला पर आरोप है कि जेकेसीए के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया।

बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि घटाले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने समन भेजा था। इसके अलावा दिल्ला आबकारी मामले को लेकर ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कई बार समन भेजे हैं। विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार के ऊपर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं।

आतंकवाद न खत्म हुआ और ना ही कभी खत्म होगा', फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान

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5 अगस्त को भारत के संविधान से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत सरकार के फैसले को 6 साल पूरे होने वाले हैं। जिसे लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। एनसी के प्रमुख पारूख अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। हालांकि इस दौरान आतंकवाद को लेकर उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा कि आतंकवाद न खत्म हुआ है और ना ही खत्म होगा।

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में जारी मुठभेड़ पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवाद खत्म नहीं होगा। मैंने कभी नहीं कहा कि आतंकवाद पूरी तरह खत्म हो गया है, लेकिन जो लोग मानते हैं कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा, मैं उन्हें इसी वक्त चुनौती देता हूं। जब तक हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे रिश्ते बेहतर नहीं हो जाते, तब तक आतंकवाद खत्म नहीं होगा।

जो लोग ये कहते थे कि अनुच्छेद 370 आतंकवाद के लिए जिम्मेदार है, वो कई सालों तक यहां प्रभारी थे। पहलगाम हमले से पहले उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने सभी आतंकी शिविरों को खत्म कर दिया है। फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि यहां तक कि उन्होंने ये भी कहा कि पड़ोसी के साथ चल रहे मौजूदा युद्ध में आतंकवादियों को पीछे धकेल दिया गया है। तो फिर अब कुलगाम में मुठभेड़ कैसे हो रही है?

मुझे शांति आती नहीं दिख रही- अब्दुल्ला

अब्दुल्ला ने कहा कि संघर्ष से बाहर निकलने का रास्ता खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे शांति आती नहीं दिख रही है। मुझे लगता है कि हम यह सोचकर मूर्खों के स्वर्ग में जी रहे हैं कि रातोंरात शांति आ जाएगी। हमारे पास एक मजबूत पड़ोसी है। चाहे वह चीन हो या पाकिस्तान। किसी तरह हमें एक रास्ता खोजना होगा। युद्ध कोई रास्ता नहीं है। अंत में आपको एक कलम का उपयोग करना होगा और चीजों पर चर्चा करनी होगी। इससे हमें क्या नुकसान होता है?

पूछा-जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा?

5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाए जाने को छह साल होने जा रहे हैं, जिसे लेकर फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब वापस मिलेगा? उन्होंने (भाजपा ने) पिछले छह सालों में जम्मू-कश्मीर में सुधार के नाम पर क्या किया है? मुझे ये पूरा भरोसा है कि एक दिन उनको ये फैसला करना ही पड़ेगा। इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं। यहां (जम्मू-कश्मीर में) राजभवन में एक वायसराय बैठे हैं, लेकिन मुख्य व्यक्ति राजभवन में बैठे वायसराय ही हैं। इस व्यवस्था को बदलने का समय आ गया है। यह एक लोकतांत्रिक देश है।

पाकिस्तान में बैठे हैं पहलगाम हमले के हैंडलर”, फारूक अब्दुल्ला ने अटैक में स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर कही बड़ी बात

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले को दर्दनाक बताया साथ ही पाकिस्तान पर कड़े एक्शन की मांग की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद फारूक अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं।

पाकिस्तान में बैठे हैं हैंडलर

न्यूज़ 18 से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात पर उन्होंने कहा, पहलगाम की घटना में कोई भी हो सकता है, जब तक हम उनको पकड़ेंगे नहीं तब तक हम यह नहीं कह सकते हैंडलर कौन है। मैं कह सकता हूं कि इस हमले के पीछे वही होंगे, ये आज की बात नहीं है बल्कि उरी, पुलवामा, पठानकोट, पुंछ और मुंबई में अटैक किसने किया था? ये बात सभी लोग जानते हैं। हैंडलर तो वहीं (पाकिस्तान) बैठे हैं।

हम अमन से रह रहे ये उन्हें पसंद नहीं आया- फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, उनको (पाकिस्तान) लगा कि हम अमन से रह रहे हैं और यहां हजारों पर्यटक घूम रहे हैं। उनको यह पसंद नहीं आया और वह चाहते हैं कि जब हम 1947 में उनके साथ नहीं बने हैं तो वह जितना हमें बर्बाद कर सकेंगे, वो ऐसा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों की संलिप्तता पर कही बड़ी बात

पहलगाम आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की संभावित संलिप्तता पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है ऐसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना भी हो सकती हैं। वे यहां कैसे और किस तरह से आए? मैंने पहले भी यही कहा था, जब मौलाना अजहर को रिहा किया गया था, तो मैंने इसके खिलाफ चेतावनी दी थी। मैंने कहा था, उसे रिहा मत करो; वह रास्तों को जानता है और उन्हें मैप भी कर चुका है। कौन जानता है, हो सकता है कि इसमें उसका हाथ भी हो, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, वे उसे सीमा पार ले गए।

आतंकवाद की फैक्ट्री खत्म करनी होगी- फारूक अब्दुल्ला

अब पाकिस्तान के साथ क्या करना चाहिए? इस सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मैं प्रधानमंत्री के हर फैसले के साथ हूं। वो जो फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं। वो जो सोचेंगे बेहतर है। हम चाहते हैं आतंकवाद बिल्कुल खत्म हो। अब जड़ से इसे उखाड़ा जाए। जो इसके पीछे जिम्मेवार हैं, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, आतंकवाद की फैक्ट्री खत्म करनी होगी। जब भी आक्रमण हुआ है, उनकी (पाकिस्तान) तरफ से हुआ है। हमने शुरू नहीं किया। उसने शुरू किया। फिर हमने कार्रवाई की। हम इंसानियत के पक्षधर हैं। ये महात्मा गांधी का देश है।

पाक से बातचीत की सलाह पर अफसोस

पाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं अफसोस करता हूं कि मैं इसकी बात करता था। खुद अफसोस करता हूं। जिस चीज को कहता था, आज उससे हार गया। उन्होंने (पाक) मुझे हरा दिया। वो मानते ही नहीं थे। वो टेबल पर आना ही नहीं चाहते हैं। क्या कश्मीर उनके साथ जा सकता है। कभी नहीं। जिनको पाकिस्तान जाना था, वो काफी पहले जा चुके हैं।

क्या फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने से सहमत थे? पूर्व रॉ प्रमुख के खुलासा से गरमाई राजनीति

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आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर की राजनीति के लिए हमेशा से एक सबसे अहम मुद्दों में से एक रहा है। इस बीच आर्टिकल 370 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए गुप्त रूप से सहमत थे। भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने अपनी नई किताब में ये दावा किया है। इस दावे के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल पैदा हो गई है।

पूर्व रॉ प्रमुख की किताब ने खोले राज

पूर्व चीफ एएस दुलत ने अपनी किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं। इस किताब का विमोचन 18 अप्रैल को होने वाला है। एएस दुलत ने अपनी किताब में फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनुच्छेद 370हटाने से कुछ दिन पहले हुई मुलाकात का जिक्र किया है। दुलत लिखते हैं कि उस मुलाकात में क्या हुआ? यह कोई नहीं जान पाएगा। फारूक ने निश्चित रूप से कभी इसका जिक्र नहीं किया।

फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को बताया दुखद

दुलत के अनुसार, 2019 में फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद करना कश्मीर की सबसे दुखद कहानी थी। दुलत ने बताया कि बातचीत के दौरान एनसी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने अपनी नजरबंदी पर सवाल उठाया था। दुलत ने किताब में लिखा है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में उनसे बात करते हुए कहा था कि 'कर लो अगर करना है। उन्होंने थोड़ा कड़वाहट के साथ कहा कि 'पर ये अरेस्ट क्यूं करना था? इसका मतलब है कि फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने के पक्ष में थे, लेकिन वे अपनी गिरफ्तारी से नाखुश थे।

किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए “सस्ती चाल”-फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत द्वारा किए गए दावे की आलोचना की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह दावा दुलत की अपनी आगामी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए की गई “सस्ती चाल” का हिस्सा है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें हिरासत में लिया गया क्योंकि विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के खिलाफ हमारा रुख जगजाहिर था। मैंने जो गुपकार अलायंस बनाई उसका मकसद क्या था कि हम सब इकट्ठे होकर इसके खिलाफ खड़े हों। शुक्र है अल्लाह का कि हम सब खड़े रहे। आज भी खड़े हैं।

खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं- सज्जाद गनी

वहीं दूसरी तरफ, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। 4 अगस्त, 2019 को मौजूदा मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) और फारूक अब्दुल्ला की पीएम (नरेंद्र मोदी) से मुलाकात उनके लिए कभी रहस्य नहीं रही।

सज्जाद गनी लोन ने लिखा, दुलत साहब ने अपनी आने वाली किताब में खुलासा किया है कि फारूक साहब ने निजी तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था। दुलत साहब के इस खुलासे से यह बात बहुत विश्वसनीय लगती है क्योंकि वह फारूक के सबसे करीबी सहयोगी और मित्र हैं। सजाद ने आगे लिखा, संयोग से दुलत साहब दिल्ली के कुख्यात अंकल और आंटी ब्रिगेड के प्रसिद्ध अंकल हैं। बेशक नेशनल कॉन्फ्रेंस इससे इनकार करेगी। इसे एनसी के खिलाफ एक और साजिश कहेंगे।

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिए…” फारूक अब्दुल्ला ने गाया माता का भजन

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जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को मां शेरा वाली को समर्पित एक भजन गाकर श्रद्धालुओं को चौंका दिया। उन्होंने कटरा के आश्रम में 'तू ने मुझे बुलाया शेरावालिये' भजन गाया। अब्दुल्ला के भजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।इससे पहले अप्रैल 2024 में भी रामधुन को लेकर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था।

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कटरा में माता वैष्णो देवी के धाम पहुंचे। लाल चुनरी ओढ़े हुए फारूक अब्दुल्ला मातारानी के लिए भजन गाते हुए दिखाई दिए। उन्होंने भजन गायक के सुर में सुर मिलाकर ‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है भजन गुनगुनाया।’फारूक अब्दुल्ला 87 साल के हैं और उन्होंने सुरीली आवाज मे जब भजन गुनगुनाया तो आश्रम में मौजूद लोग बहुत खुश हो गए।

रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध को दिया समर्थन

इस मौके पर अब्दुल्ला ने रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध में अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर का संचालन करने वालों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे वहां रह रहे लोगों की हितों को नुकसान पहुंचे। ना ही ऐसा कोई फैसला लिया जाए, जिससे उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि शहर में अगर कोई नई परियोजना या निर्माण शुरू करना है तो सबसे पहले स्थानीय लोगों से जुड़े विषयों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कटरा शहर में रोपवे बनाने वाले बोर्ड की कड़ी निंदा की है। अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों ने अपनी मांगों को लेकर मजबूती से आवाज उठाई।

हो रहा रोपवे का विरोध?

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने नवंबर 2024 में गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबे रास्ते पर रोपवे बनाने का ऐलान किया था। बोर्ड का कहना है कि इस रास्ते पर वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है। कई लोग इसमें सक्षम नहीं होते है और उन्हें पीठ पर बैठाकर ले जाना पड़ता है। श्रद्धालुओं की आसानी के लिए रोपवे बनाया जाएगा। इसमें 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके जरिए ताराकोट मार्ग को सांजी छत से जोड़ा जाएगा, जो मंदिर की ओर जाता है। हालांकि, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराने वाले हजारों श्रमिकों की आजीविका बंद हो जाएगी।

फारूख अब्दुल्ला या उमर कौन लड़ेगा चुनाव? नेशनल कांफ्रेंस में पिता-पुत्र को लेकर असमंजस बरकरार
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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर को होगा, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर तो तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा। चुनाव की घोषणा के बाद से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस बीच नेशनल कांफ्रेंस में असमंजस की स्थिति बरकरार है। सवाल उठ रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस से पिता पारूख अब्दुल्ला और बेटे उमर के बीच कौन चुनावी मैदान में नजर आएगा?

चुनाव की तारीखों के एलान के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं ये चुनाव लड़ूंगा, उमर अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे। जब राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो मैं पद छोड़ दूंगा और उस सीट पर उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम राज्य का दर्जा चाहते हैं, न केवल एनसी बल्कि जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियां ऐसा चाहती हैं। यह भारत सरकार का वादा है कि पूर्ण राज्य का दर्जा होगा।

दरअसल, विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर उमर को लेकर असमंजस इसलिए है क्योंकि उन्होंने 2020 में यह दावा कर दिया था कि जबतक जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता, वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। 2019 में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद इसे राज्य से बदलकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। उमर ने इसी के विरोध में यह सियासी प्रतिज्ञा कर ली थी। लेकिन, परिस्थितियां दावे के विपरीत दिखने लगीं तो उन्होंने हाल ही एक बयान दिया, जिसमें इस बात के संकेत दिए थे कि वह अपने वादे को दूर रखकर चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन पार्टी को उमर अब्दुल्ला जैसे नेता के रूप में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा, जहां बारामुला में वह यूएपीए केस में जेल में बंद इंजीनियर राशिद से हार गए। अब उनके विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर भी संशय है।
कठुआ हमले पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, बोले-ऐसा ना हो कि युद्ध हो जाए

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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। आतंकियों ने सेना के गश्ती वाहन को निशाना बनाया जिसमें पांच सैनिक शहीद हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू के कठुआ में पांच जवानों के शहीद होने पर मंगवाल को बड़ा बयान दिया है।आतंकियों की इस हरकत पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कठुआ हमले पर कहा, सारी दुनिया में इसकी निंदा हो रही है। ये गलत है। दुनिया का कोई देश आतंकवाद को कबूल करने के लिए तैयार नहीं है। ये आतंकवाद उन्हें (पाकिस्तान) बर्बाद कर देगा। जब आतंकवाद बंद होगा तब बातचीत शुरू होगी। दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकती। उन्हें इस बारे में सख़्त कदम उठाने चाहिए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी वारदातों से कहीं ऐसा न हो कि भारत के लोगों का लावा इतना बढ़ जाए कि उन्हें लड़ाई पर करनी पड़ जाए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही बर्बाद हो चुका है ऐसे में उसे यह सोचना चाहिए। इसके आगे उन्होंने कहा कि लड़ाई से दोनों ही मुल्कों में सिर्फ और सिर्फ तबाही ही मचेगी इससे ज्यादा और कुछ नहीं होगा। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना बंद करना चाहिए. जो पाकिस्तान कर रहा है वह पूरी तरह से गलत है।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कठुआ में सोमवार को भारतीय सेना की गाड़ी पर गोलीबारी और ग्रेनेड हमले की सख्त निंदा की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि जम्मू कश्मीर के कठुआ में सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले में पांच जवानों की शहादत और छह जवानों के घायल होने की खबर बेहद दुखद और निंदनीय है। जम्मू प्रांत में आतंकवाद का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। हमारी संवेदनाएं घायल जवानों और उनके परिवारों के साथ है। सरकार को आतंकवाद से निपटने और जनता की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने होंगे.

फारूक अब्दुल्ला की पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी, बोले-अपनी पत्नी तो संभाल नहीं पाए...

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चुनाव प्रचार के दौरान नेता एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। इस दौरान कई बार नेता अपनी मर्यादा भूलते जा रहे हैं। इसी क्रम में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद विवादित टिप्पणी की है।उन्होंने कहा कि वह अपनी बीवी को संभाल नहीं पाए। जब उनके बच्चे नहीं हैं तो उनकी मोहब्बत क्या जानेंगे।

फारूक अब्दुल्ला ने एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाते हुए वो कहते हैं कि ये मुसलमान ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। मोदी साहब आप अपनी बीवी को संभाल नहीं सके, तो आपके बच्चे कहां से आते। आप क्या जानते हैं। आप क्या जानते हैं बच्चों की मोहब्बत और उनका लगाव। किस तरह से बच्चे अपने मां-बाप की इज्जत और खिदमत करते हैं, आप क्या जानते हैं, आपको तो कोई नहीं है, अकेले हो और अकेले जाओगे। उनसे पूछो जिनकी औलाद है।

वैसे, फारूक अब्दुल्ला अकेले नहीं हैं जिन्होंने पीएम मोदी के परिवार को लेकर विवादित बयान दिया है। इससे पहले आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने महागठबंधन की रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी। लालू यादव ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी आजकल परिवारवाद का जिक्र कर रहे हैं, आपका परिवार नहीं है और आप हिंदू भी नहीं हैं

फारूक अब्दुल्ला ने बांधे पीएम मोदी के तारीफों के पुल, जानें क्यों दी बधाई?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जम्मू कश्मीर को 30 हजार 500 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की सौगात दी है। पीएम मोदी आज यानी मंगलवार को जम्मू में दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज का उद्घाटन किया।इसके अलावा घाटी में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन और संगलदान स्टेशन व बारामूला स्टेशन के बीच ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई।इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पीएम मोदी की खूब तारीफ की है।फारूक अब्दुल्ला ने भी जम्मू-कश्मीर को मिली सौगातों पर प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार और उनकी तारीफों के पुल बांधे।

अब्दुल्ला ने कहा, हमें इसकी जरूरत थी। यह हमारे पर्यटन और लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक बड़ा कदम है जो आज उठाया गया है। मैं इसके लिए रेल मंत्रालय और पीएम मोदी को बधाई देता हूं। अब्दुल्ला ने कहा कि रेल को जोड़ने से सड़क सेवा के कारण होने वाली कई समस्याओं का समाधान हो जाता है, यह वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन और आपूर्ति में भी मदद करता है। मुझे उम्मीद है कि यह सेवा हमारे लोगों के लिए प्रगति लाएगी। हमें उम्मीद थी कि यह सेवा 2007 में ही शुरू हो जाएगी लेकिन पहाड़ी इलाके के कारण कई कठिनाइयां थीं। अब यह सेवा शुरू होगी, इसकी खुशी है।

हाल में कई बार उन्हें अब्दुल्ला को मोदी सरकार की तारीफ करते हुए देखा गया है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने फारूक अब्दुल्ला पर केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सूत्रों से पता चलता है कि फारुख अबदुल्ला केंद्रीय नेतृत्व से मिलने का प्रयास करते हैं लेकिन सिर्फ रात में।

इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि, जब मैं उनके ऐसे बयान सुनता हूं तो मुझे हैरानी होती है। उन्होंने कहा था कि अगर मुझे प्रधानमंत्री मोदी या अमित शाह से मिलना है तो मैं दिन में मिलूंगा, रात में क्यों मिलूंगा?फारूक अब्दुल्ला ने कहा था, मैं जरूर आजाद साहब की इज्जत करता हूं लेकिन मुझे हैरानी होती है।

फारुक अब्दुल्ला को सता रहा “इंडिया”गठबंधन टूटने का डर, जानें क्या है वजह

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आने वाले समय में देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहीं लोकसभा चुनाव की भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि, विपक्षी गठबंधन “इंडिया” में सीट शेयरिंग पर अब तक फैसला नहीं हो सका है। इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है।अब्दुल्ला ने कहा कि अगर सीट बंटवारे पर जल्द सहमति नहीं बनी तो इंडिया ब्लॉक के लिए खतरा है। 

देश को बचाना है, तो हमें मतभेदों को भूलना होगा-अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि सीट शेयरिंग पर गठबंधन में शामिल दलों के बीच सहमति नहीं बन पाती है तो अलासंय में शामिल कुछ पार्टियां अलग गठबंधन बना सकती हैं।जब गठबंधन में सीट-बंटवारे की व्यवस्था पर स्पष्टता की कमी के बारे में सवाल पूछा गया तो अब्दुल्ला ने कहा कि अगर हमें देश को बचाना है, तो हमें मतभेदों को भूलना होगा और देश के बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा कि अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप नहीं दिया गया तो गठबंधन के लिए यह बात एक बड़ा खतरा बन सकती है। इसे समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए। यह संभव है कि कुछ दल अलग गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आ सकते हैं, जो मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है। अभी भी समय है। हमें इस बारे में जल्द से जल्द सोचना होगा।

पार्टियों को सिर्फ वहीं सीटें मांगनी चाहिए जहां उनका दबदबा-अब्दुल्ला

अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टियों को सिर्फ वहीं सीटें मांगनी चाहिए जहां उनका दबदबा है और जहां वे प्रभावी नहीं हैं वहां सीटें मांगना गलत है। उन्होंने कहा कि खतरे में पड़ा गणतंत्र ही नहीं आने वाली पीढ़ी भी हमें माफ नहीं करेगी। हमारे सामने यह बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, अगर हम अपने अहंकार को छोड़कर एक साथ मिलकर यह नहीं सोचते कि इस देश को कैसे बचाया जाए, तो मुझे लगता है कि यह हमारी ओर से सबसे बड़ी गलती होगी। अब्दुल्ला ने कहा कि पिछली बार तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी वाम दलों के साथ सीटें साझा करने के लिए तैयार नहीं थीं लेकिन इस बार उन्होंने पेशकश की है कि वाम दल वहां से चुनाव लड़ सकते हैं जहां से वह जीत सकते हैं। लोग उनके खिलाफ बयान जारी कर मतभेद बढ़ा रहे हैं।

अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को ईडी का समन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज पूछताछ के लिए बुलाया

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केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तलब किए जानेवाले नेताओं में एक और विपक्षी नेता का नाम जुड़ गया है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है।न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि उन्हें गुरुवार (11 जनवरी) को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।फारूख अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में उनसे पूछताछ होगी।

ईडी ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर ईडी ने साल 2022 में आरोप पत्र दायर किया था। ईडी ने सीबीआई द्वारा वर्ष 2018 में इसी मामले मे दायर आरोप पत्र के आधार पर केस दर्ज किया था। यह मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के फंड के हेरफेर से संबंधित है। इस फंड को क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित कई लोगों ने अपने व्यक्तिगत बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया था। ईडी ने जेकेसीए के पदाधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।

बता दें कि फारूक अब्दुल्ला साल 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे।इस चार्जशीट में अब्दुल्ला के साथ-साथ जेकेसीए के तब के अधिकारी अहसान अहमद मिर्जा, मीर मंजूर गजानफर आदि को आरोपी बनाया गया था। ऊपर लगे आरोप की जांच ईडी और सीबीआई दोनों कर रही हैं।फारूक अब्दुल्ला पर आरोप है कि जेकेसीए के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया।

बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि घटाले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने समन भेजा था। इसके अलावा दिल्ला आबकारी मामले को लेकर ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कई बार समन भेजे हैं। विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार के ऊपर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं।