यूपी : 31 दिसंबर को बीएचयू के सभी प्रवेश द्वार रहेंगे निर्धारित समय पर बंद


वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 31 दिसंबर (बुधवार) को विश्वविद्यालय के सभी प्रवेश द्वार निर्धारित समय पर बंद रखे जाएंगे। यह जानकारी मुख्य आरक्षाधिकारी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई है।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सुन्दरबगिया गेट एवं हैदराबाद गली गेट सायं 7 बजे बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा विश्वविद्यालय के अन्य सभी प्रवेश द्वार रात्रि 9 बजे बंद होंगे, जबकि मुख्य द्वार को रात्रि 10 बजे बंद किया जाएगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं आगंतुकों से अपील की है कि वे निर्धारित समय का पालन करें और अनावश्यक असुविधा से बचने के लिए समय से पहले अपने आवागमन की योजना बना लें, जिससे परिसर की सुरक्षा व्यवस्था सुचारु रूप से बनाए रखी जा सके।

हस्तिनापुर मुख्य मार्ग पर बना बड़ा गड्ढा, राहगीर हो रहे चोटिल

कुलदीप भारद्वाज

हस्तिनापुर। नगर पंचायत क्षेत्र के पास मुख्य मार्ग पर पिछले 15 दिनों से सड़क धंसकर बने बड़े गड्ढे ने लोगों की परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया है। यह मार्ग शहर का सबसे व्यस्त रूट माना जाता है, जहां रोजाना लाखों वाहनों का आवागमन होता है। लगातार अनदेखी और विभागीय लापरवाही के चलते सड़क अभी तक दुरुस्त नहीं हो सकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 15 दिनों से मार्ग बुरी तरह टूट चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही।

जानकारी के अनुसार नगर पंचायत के जेई अशूल शर्मा द्वारा कुछ समय पूर्व आरसीसी सड़क का निर्माण कराया गया था, लेकिन चंद पाइप लाइन में लीकेज होने से सड़क धीरे-धीरे धंस गई और अब वहां खतरनाक गड्ढा बन गया है। जेई अंशुल शर्मा ने बताया जल निगम की बाहरी कमी के कारण पाइपलाइन का पानी सड़क पर लगातार बह रहा है। इससे न केवल सड़क और कमजोर होती जा रही है, बल्कि राहगीरों के फिसलने और दुर्घटनाएं होने की आशंका भी लगातार बढ़ रही है।

जल निगम के अवर अभियंता विवेक मिश्रा का कहना है कि “पाइपलाइन कहीं भी लीकेज हो सकती है। जानकारी मिलते ही इसे ठीक कराने का कार्य शुरू कर दिया गया है।” दूसरी ओर नगर पंचायत के जेई अशूल शर्मा ने बताया कि “लिखित अनुमति मिलते ही सड़क को जल्द ठीक कराया जाएगा।” वहीं नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि पाइपलाइन लीकेज की वजह से सड़क बैठ गई है और मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है।

इसके बावजूद मुख्य मार्ग की स्थिति अत्यंत गंभीर है। गड्ढे के कारण रोजाना वाहन चालक जोखिम उठाने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि हस्तिनापुर मुख्य मार्ग पर बना यह खड्डा रोजाना एक्सीडेंट का कारण बन रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारी मौन हैं। लोगों का कहना है कि जेई और अधिशासी अधिकारी की लापरवाही के चलते यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। अधिकारियों की गाड़ियां इसी मार्ग से गुजरती हैं, लेकिन कोई भी प्रभावी कदम जमीन पर देखने को नहीं मिलता।

क्षेत्रवासियों ने बताया कि समय पर पाइपलाइन दुरुस्त न होने और बहते पानी से सड़क की सतह लगातार खराब हो रही है। कई दोपहिया चालक फिसलकर चोटिल भी हो चुके हैं, बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग सक्रिय नहीं दिखते।

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि पाइपलाइन को तत्काल ठीक कराया जाए और मुख्य मार्ग की मरम्मत प्राथमिकता से शुरू कर आवागमन को सुरक्षित बनाया जाए, ताकि किसी बड़े हादसे को रोका जा सके।

हस्तिनापुर पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र में लापरवाही उजागर, चारा उत्पादन में भारी देरी से पशुधन संकट गहराया

कुलदीप भारद्वाज,हस्तिनापुर। क्षेत्र के पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र में चल रही लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, खादर क्षेत्र के खेतों में अभी तक चारा बोया नहीं गया है, जबकि अधिकारियों को पहले ही अवगत कराया गया था कि यहां का चारा बाढ़ के दौरान नष्ट हो जाता है और समय से बोवाई अत्यंत आवश्यक है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते खेतों में चारा उत्पादन शुरू नहीं किया गया।

ऐसा ही मामला हस्तिनापुर टाउन एरिया के सीटीबीपी ब्रीडिंग फार्म में देखने को मिला है। यहां पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र द्वारा समय से चारे की बोवाई नहीं की गई, जबकि फार्म में लगभग तीन सरकारी नलकूप मौजूद हैं जिनसे सिंचाई की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सकती थी। क्षेत्र के किसानों ने तो अपनी रवि की फसल—गेहूं, सरसों, जौ एवं बरसीम—समय से बो दी हैं, लेकिन इसके विपरीत प्रक्षेत्र के लगभग 60 प्रतिशत खेत अभी तक खाली पड़े हुए हैं।कई खेतों में तो झाड़ियाँ और कबाड़ उग रहा है, जो फार्म प्रबंधन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।

पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र के अंतर्गत रखी गई गाय–भैंसों के लिए भी समय पर चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे पशुधन की सेहत और उत्पादन क्षमता दोनों पर असर पड़ रहा है। स्थानीय कर्मचारियों का कहना है कि फार्म में संसाधनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन प्रबंधन की उदासीनता के कारण खेती और पशुपालन दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।

इस संबंध में जब प्रक्षेत्र के मैनेजर अर्जुन कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन संपर्क से बाहर मिला। वहीं प्रमुख सचिव मुकेश मिश्रा से भी संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन फोन रिसीव नहीं हो सका।

स्थानीय लोगों का कहना है कि लगभग पांच वर्ष पहले इसी प्रक्षेत्र में भूसा, जय तथा दूध का उत्पादन काफी अच्छा था। लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों में लगातार उत्पादन में गिरावट आई है। सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से आधुनिक उपकरण और सुविधाएँ उपलब्ध कराए जाने के बावजूद फार्म की स्थिति सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

अब सवाल यह है कि जब संसाधन और सुविधाएँ उपलब्ध हैं, तो आखिरकार चारा उत्पादन और सिंचाई कार्य में देरी का जिम्मेदार कौन है? यदि समय रहते चारा नहीं बोया गया तो पशुधन को चारे की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है, जिसका सीधा असर प्रदेश के कृषि–पशुधन विकास पर पड़ना तय है।

भुगतान में लेट-लतीफी और कमीशनखोरी के आरोपों से भड़के ग्राम प्रधान, सचिव पर कार्रवाई की मांग तेज


कुलदीप भारद्वाज,हस्तिनापुर क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने विकास कार्यों के भुगतान में हो रही देरी को लेकर गंभीर नाराज़गी जताई है। प्रधानों का कहना है कि समय पर कार्य पूरे कराने के बावजूद भुगतान लंबित है और अधिकारी जानबूझकर फाइलें रोक रहे हैं। ग्राम पंचायत लतीफपुर के प्रधान करतार सिंह ने बताया कि उनके गांव में नाली और टाइल्स का निर्माण समय से करा दिया गया, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बावजूद अभी तक भुगतान नहीं हुआ है।

इसी तरह नांगली गाजरोली के ग्राम प्रधान अमित कुमार और झड़ाका की प्रधान राजकुमारी पत्नी वीरपाल ने भी अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में कराए गए विकास कार्यों का एक भी भुगतान नहीं मिला है। प्रधानों का कहना है कि भुगतान के लिए बार-बार विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़े, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।

प्रधानों ने सबसे गंभीर आरोप ग्राम सचिव देवेन्द्र कुमार पर लगाते हुए कहा कि वह लगातार 20 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक कमीशन नहीं दिया जाएगा, भुगतान फाइनल नहीं होगा। इन आरोपों ने ग्रामीण प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। प्रधानों ने बताया कि भुगतान न मिलने से ठेकेदारों और मजदूरों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है, जिससे आगे के विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं।

इस विवाद पर एडीओ पंचायत धीर सिंह ने कहा कि उन्हें शिकायत मिल चुकी है और विभागीय नियमों के अनुसार जांच कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारी या कर्मचारी पर किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

ग्राम प्रधानों ने संयुक्त रूप से खंड विकास अधिकारी अमरीश कुमार को एक विस्तृत शिकायत पत्र भी सौंपा। बीडीओ अमरीश कुमार ने सभी प्रधानों को आश्वस्त किया कि वह पूरे मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। उन्होंने कहा कि भुगतान में देरी और कमीशनखोरी जैसे आरोप बेहद गंभीर हैं और इन पर निष्पक्ष जांच अनिवार्य है।

प्रधानों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र भुगतान जारी नहीं किया गया और आरोपितों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

बेटिया फाउंडेशन की अध्यक्ष अंजु पांडेय को मिला, आईआईए मिशन शक्ति अवार्ड 2025

  

हस्तिनापुर।इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन मेरठ चैप्टर एवं जिला प्रशासन मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में आईआईए मिशन शक्ति अवार्ड 2025 का आयोजन सुभाष चंद्र बोस सभागार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में किया गया जिसमें बेटियां फाउंडेशन की अंजू पांडे को शिक्षा क्षेत्र में किए गए सर्वश्रेष्ठ कार्यों के लिए सम्मानित किया गया संस्था आईआईए एवं जिला प्रशासन का आभार प्रकट करती है

हस्तिनापुर स्वास्थ्य केंद्र की प्रेरणा कैंटीन पर लगातार लटका ताला, मरीजों को हो रही भारी परेशानी

कुलदीप भारद्वाज,हस्तिनापुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जच्चा-बच्चा सहित सभी मरीजों को भोजन, नाश्ता और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हस्तिनापुर स्वास्थ्य केंद्र पर प्रेरणा कैंटीन की स्थापना की गई थी। ग्राम पंचायत तारापुर के समय सहायता समूह, जिसका संचालन सीमा नाम की महिला के नेतृत्व में होना था, को इस कैंटीन का आवंटन किया गया था। सरकार द्वारा यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई थी ताकि अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को चाय, नाश्ता, पानी और कपड़ों जैसी बुनियादी जरूरतें आसानी से मिल सकें।

लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों और मरीजों के अनुसार कैंटीन पिछले लंबे समय से बंद पड़ी हुई है और उस पर लगातार ताला लटका रहता है। समय सहायता समूह की किसी भी सदस्य द्वारा कैंटीन को संचालित नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण अस्पताल आने वाले मरीजों को बेहद असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

अस्पताल में भर्ती जच्चा-बच्चा वार्ड की महिलाओं के परिजनों का कहना है कि भोजन, चाय, नाश्ता और अन्य आवश्यक सामान लेने के लिए उन्हें मजबूरी में अस्पताल से बाहर बाजार तक जाना पड़ता है। कई बार रात के समय तो मरीजों के लिए कोई व्यवस्था मिलना भी मुश्किल हो जाता है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब सहायता समूह द्वारा कैंटीन का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है, तो इसे किसी अन्य जिम्मेदार समूह या व्यक्ति को हस्तांतरित कर देना चाहिए, जिससे मरीजों को राहत मिल सके।

स्वास्थ्य केंद्र आने वाले लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि कैंटीन का संचालन शीघ्र शुरू कराया जाए, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े।

मऊ की घोसी सीट से सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन

मऊ (उत्तर प्रदेश) । उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक सुधाकर सिंह का आज लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उनकी तबीयत पिछले कुछ समय से गंभीर थी। लीवर और किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। 

सुधाकर सिंह उस उपचुनाव में जीतकर विधायक बने थे, जब उन्होंने 2023 में भाजपा के दारा सिंह चौहान को हराया था। उनके निधन पर सपा में गहरा शोक है।

मेरठ: गन्ने से भरे ओवरलोड ट्रक ने तोड़े बिजली के केबल, बहसुमा में लगा जाम

बहसुमा, मेरठ। गन्ने से भरे ओवरलोड व ओवर हाईट ट्रक ने बटावली रोड कैलाशपुरी क्षेत्र में बिजली के केवल तोड़ दिए जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया व्यापार मंडल अध्यक्ष आशीष सिंगल ने घटना को गंभीर बताते हुए शुगर मिल प्रबंधन और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की कस्बे में एक बड़ा हादसा होने से टल गया जब बटावली रोड कैलाशपुरी क्षेत्र में गन्ने से भरे एक ओवरलोड ट्रक ने व्यापारियों की दुकानों के ऊपर से गुजरती बिजली की लाइनों को तोड़ दिया ट्रक में गन्ने की अत्यधिक ऊंचाई होने के कारण हीं बिजली के केवल क्षतिग्रस्त हो गए व्यापार मंडल ने बताया कि इस संबंध में बिजली विभाग के अधिकारियों से वार्ता हो चुकी है साथ ही बहसुमा थाना प्रभारी और आरटीओ मेरठ को भी लिखित शिकायत भेज कर इस घटना की जानकारी दी जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही पर रोग लगाई जा सके व्यापार मंडल ने मांग की है इस गंभीर मुद्दे पर कठोर कदम उठाते हुए माननीय जिलाधिकारी मेरठ व मुजफ्फरनगर तथा शुगर मिल प्रबंधन को सख्त निर्देश जारी किए जाएं नगर व्यापारियों और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके भविष्य में किसी बड़े हादसे की आशंका खत्म हो सके जिससे क्षेत्र में डर का माहौल बन गया था लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई है।

*जनता के विश्वास और सरकार की प्रतिबद्धता से हो रहा समग्र विकास : एके शर्मा*

विकास की नई गाथा: मऊ में मंत्री ने किया करोड़ों की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास

मऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने आज संत विनोबा इंटर कॉलेज, मादीसिपाह (मऊ) में नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में विकास कार्यों की गति अभूतपूर्व है। हर क्षेत्र में जनता को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

कार्यक्रम के दौरान मादीसिपाह में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र पर ₹3.44 करोड़ की लागत से विभिन्न कार्यों का तथा नरई बांध, मऊ उपकेंद्र पर ₹3.96 करोड़ की लागत से किए गए कार्यों का लोकार्पण किया गया। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति और गुणवत्तापूर्ण बिजली वितरण में सुधार होगा, जिससे स्थानीय नागरिकों, किसानों और व्यापारियों को सीधा लाभ प्राप्त होगा।इसी क्रम में नगर पंचायत अमिला में लगभग ₹5 करोड़ की लागत से कुल 22 कार्यों का लोकार्पण तथा ₹2.43 करोड़ की लागत से कुल 24 कार्यों का शिलान्यास भी किया गया। इन कार्यों में पेयजल आपूर्ति, सीवरेज लाइन, सड़क निर्माण, नाली निर्माण, इंटरलॉकिंग, प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं जनता के जीवन स्तर में सुधार और नगरों के समग्र विकास की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

अपने संबोधन में श्री शर्मा ने कहा कि “हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर कार्य कर रही है। मऊ सहित पूरे प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास को समान रूप से गति दी जा रही है। ऊर्जा विभाग और नगर विकास विभाग मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर गांव, हर शहर का समेकित विकास हो। ऊर्जा मंत्री ने बताया की विगत वर्ष में जनपद मऊ में 1160 ट्रांसफार्मर्स की क्षमता वृद्धि हुई है, 192 नए ट्रांसफार्मर लगे हैं एवं 33 केवी की ग्यारह नई लाइन भी लगाई गई है।

कार्यक्रम के दौरान पूर्व चेयरमैन गुलाब गुप्ता, क्षेत्रीय महामंत्री सुनील गुप्ता, गुलाब चंद्र, विनय जायसवाल, शुभम, दिग्विजय सहित अन्य गणमान्य तथा संबंधित अधिकारी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

"जनता को गालियां पड़ रही, आप कह रहे सब ठीक, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बिजली विभाग के अधिकारियों पर सख्त वार

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (ए.के. शर्मा) ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली। सोमवार को शक्ति भवन, लखनऊ में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन से लेकर XEN स्तर के अधिकारियों को साफ शब्दों में चेतावनी दी जनता हमें गालियां दे रही है और आप कह रहे हैं सब ठीक है? अब बर्दाश्त नहीं होगा।"

वा में सुधार लाइए वरना सख्त कार्रवाई तय

ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को कड़े शब्दों में फील्ड की हकीकत समझाते हुए कहा कि “हमारी मौजूदगी में ट्रांसफॉर्मर जल रहे हैं, विधायक और जनप्रतिनिधि खुलेआम हमें कोस रहे हैं और आप लोग एसी में बैठकर झूठी रिपोर्ट बना रहे हैं। अब यह सब बंद होगा। सेवा में सुधार लाइए वरना सख्त कार्रवाई तय है।”

बिजली विभाग कोई बनिए की दुकान नहीं

बैठक के दौरान एके शर्मा ने फील्ड विजिट्स की अनदेखी, ट्रांसफार्मर न बदलने, गलत बिलिंग, झूठी FIR और अंधाधुंध वसूली जैसे मामलों पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने दो टूक कहा बिजली विभाग कोई बनिए की दुकान नहीं है, यह जनसेवा है। आप लोगों ने सरकारी बदनामी की सुपारी ले रखी है क्या?”

एक-एक अधिकारी को दी चेतावनी

बैठक में मौजूद अधिकारियों को फील्ड में न उतरने और जनता की समस्याओं से बेखबर रहने पर लताड़ लगाते हुए उन्होंने कहा अब कुर्सी से उठिए, जनता का सामना कीजिए। जो नहीं सुधरेगा, उस पर कार्रवाई होगी। ऊर्जा मंत्री ने XEN स्तर के एक अधिकारी को लताड़ते हुए कहा आशीष, ये क्या व्यवस्था है? एक घर का बिल न भरा तो पूरे गांव की बिजली काट दी? ये कोई प्राइवेट दुकान है क्या? यह पब्लिक सर्विस है। सेवा तो देनी ही पड़ेगी।

ट्रांसफार्मर जल जाने पर हफ्तों तक नहीं बदला जाता

उन्होंने विजिलेंस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि गलत जगह छापे मारते हैं, असली बिजली चोरों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। FIR के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं। ट्रांसफार्मर जल जाने पर हफ्तों तक नहीं बदला जाता।बैठक के अंत में मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गुणवत्ता युक्त और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति है। इसमें कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"