CLAT 2026 के परिणाम घोषित: रायपुर के छात्रों ने किया शानदार प्रदर्शन

रायपुर- कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) 2026 का परिणाम 16 दिसंबर को घोषित कर दिया गया। यह परीक्षा देश के 25 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयू) में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। CLAT 2026 का आयोजन 7 दिसंबर 2025 को हुआ था, जिसमें लगभग 75 हजार विद्यार्थियों ने पाँच वर्षीय विधि (एलएलबी) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए भाग लिया।

इस वर्ष रायपुर के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए शहर और प्रदेश को गौरवान्वित किया है। आरूष तिवारी ने ऑल इंडिया रैंक (AIR) 111 हासिल कर छत्तीसगढ़ में प्रथम स्थान (स्टेट रैंक-1) प्राप्त किया। उन्होंने 119 में से 102.5 अंक अर्जित किए। वहीं हर्ष कुमार झा ने ऑल इंडिया रैंक 130 के साथ छत्तीसगढ़ में द्वितीय स्थान (स्टेट रैंक-2) हासिल किया, उन्हें 119 में से 101.75 अंक प्राप्त हुए।

इसके अलावा, करियर लॉन्चर रायपुर से मार्गदर्शन प्राप्त करने वाले अन्य विद्यार्थियों ने भी CLAT 2026 में उल्लेखनीय सफलता दर्ज कराई है, जिससे संस्थान के साथ-साथ रायपुर का नाम भी राष्ट्रीय स्तर पर रोशन हुआ है।

जिनका विवरण निम्नानुसार है:

अनुष्का शर्मा – AIR 648 | CG रैंक10,

शुभांकर बर्मनिया – AIR 804 | CG रैंक 12,

शुभ अग्रवाल – AIR 1114 | CG रैंक16,

मुकुंद जैन – AIR 1342 | CG रैंक17,

सिद्धि अग्रवाल – AIR 1839

सृष्टि शुक्ला – AIR 2249 | CG रैंक31,

ध्वज गुप्ता – AIR 2841 | CG रैंक40,

आशिता सिंह – AIR 3168 | CG रैंक 44,

सभी सफल छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय करियर लॉन्चर रायपुर के अनुभवी शिक्षकों, उत्कृष्ट स्टडी मटेरियल एवं नियमित मॉक टेस्ट को दिया है। करियर लॉन्चर रायपुर की सेंटर हेड प्रियंका सिंह ने सभी विद्यार्थियों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

रायपुर–बिलासपुर हाईवे: एनएचएआई के योजनाबद्ध रखरखाव और सुरक्षा उपायों से यात्रा हुई अधिक सुरक्षित व सुगम

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को बिलासपुर से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण मार्गों में शामिल है। यह हाईवे प्रदेश की वाणिज्यिक, औद्योगिक और सामाजिक गतिविधियों की रीढ़ माना जाता है। यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और सुगम आवागमन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा रायपुर–बिलासपुर हाईवे पर नियमित और योजनाबद्ध रखरखाव कार्य किया जा रहा है।

कंसल्टेंट निगरानी में सड़क रखरखाव

एनएचएआई द्वारा पिछले कुछ वर्षों से इस हाईवे पर निरंतर मरम्मत और सुधार कार्य किए जा रहे हैं। भारी यातायात के बावजूद सड़क की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पैचवर्क, ड्रेनेज सफाई और रोड मार्किंग जैसे कार्य नियमित रूप से कराए जाते हैं। इसके साथ ही एनएचएआई की कंसल्टेंट जांच टीम द्वारा समय-समय पर तकनीकी सर्वे कर सड़क की स्थिति का आकलन किया जाता है।

वर्ष 2024-25 में कंसल्टेंट टीम की अनुशंसा पर 2136 स्थानों पर पैनल रिप्लेसमेंट का कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा किया गया। वहीं वर्ष 2025-26 में अब तक 3616 स्थानों पर लगभग 1520 पैनल बदले जा चुके हैं, जबकि शेष स्थानों पर कार्य जारी है। बेहतर रखरखाव के लिए ‘रिस्क एंड कॉस्ट’ शर्तों पर नया टेंडर भी जारी किया गया है।

मवेशी प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय

यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप कदम उठाए जा रहे हैं। रायपुर से बिलासपुर के बीच मवेशियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 20 संवेदनशील स्थानों की पहचान कर वहां सुधार कार्य किए जा रहे हैं। इन स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, जिससे मवेशियों का प्रवेश रोका जा सके। साथ ही सोलर लाइट, सोलर ब्लिंकर, ट्रांसफर बार मार्किंग और चेतावनी संकेतक बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं।

ब्लैक स्पॉट्स पर अंडरपास व सर्विस रोड

रायपुर–बिलासपुर नेशनल हाईवे पर 11 ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित किए गए हैं। इन दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में निर्बाध और सुरक्षित यातायात के लिए अंडरपास एवं सर्विस लेन के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।

वृहद वृक्षारोपण से हरित गलियारा

हाईवे को ‘ग्रीन कॉरिडोर’ के रूप में विकसित करने की दिशा में भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वर्ष 2025-26 में अब तक 19,286 पौधों का रोपण किया जा चुका है। मीडियन में तिकोमा, बोगनवेलिया और गुलमोहर जैसे पौधे लगाए गए हैं, जबकि सड़क किनारे नीम, कचनार, अमलताश, पीपल और बरगद जैसे छायादार वृक्ष लगाए जा रहे हैं, जिससे यात्रा अधिक सुखद और मनमोहक बन रही है।

टोल प्लाजा पर स्वास्थ्य शिविर

एनएचएआई द्वारा सड़क उपयोगकर्ताओं के हित में समय-समय पर जनकल्याणकारी गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं। टोल प्लाजा पर ड्राइवरों और यात्रियों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं, जहां निःशुल्क नेत्र परीक्षण, रक्तचाप जांच और सामान्य स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

कैम्प में ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच कर दवायें वितरीत, साई कॉलेज ने ग्राम कुल्हाड़ी में लगाया स्वास्थ्य शिविर

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय की यूथ रेडक्रॉस सोसायटी एवं रेड रिबन के तत्वावधान में ग्राम कुल्हाड़ी में स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुआ जिसमें १०० से अधिक ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ तथा नि:शुल्क दवायें वितरीत की गयी। 

यूथ रेडक्रॉस प्रभारी डॉ. एल.पी. गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य शिविर में पीएससी फुंडुरडिहारी के डॉ. आयुषी साहू, अमलेंद्र सिन्हा, तारा सिंह, निलिमा प्रधान, राजेद्र जायसवाल मेडिकल टीम ने स्वास्थ्य जांच की।  

 ग्रामीणों का रक्तचाप, मधुमेह, आंख, कान, नाक, गला आदि की जांच की गयी। इस दौरान सहायक प्राध्यापक अभिषेक कुमार, राहुल कुमार गुप्ता, सुशील कुमार, अनुज, पुर्वेश, राहुल देव, रूपाली,जया, पुजा अनुषा, अभिलाषा आदि ने सहयोग किया।

युवाओं से मिटेगी गांव और शहरों के बीच की दूरी, साई कॉलेज का थोर में राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर शुरू

अम्बिकापुर- व्यक्ति से समाज, समाज से देश बनता है और व्यक्ति उसकी सबसे छोटी इकाई है। युवाओं के सहयोग- साथ से देश को विकसित भारत बनाया जा सकता है। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय के ग्राम पंचायत थोर में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के उद्घाटन अवसर पर संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. एस.एन. पांडेय ने कही।

उन्होंने कहा कि गांव और शहरों के बीच की दूरी मिटती जा रही है। डिजीटल दुनिया लिट्रेसी को कम्प्यूट्रेसी में बदल चुकी है। युवाओं का दायित्व है कि वह ग्रामीणों को शहर से जोड़ें और गांव की विरासत से सीखें। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कविता हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं, का उद्धरण देते हुए कहा कि युवा हमेशा नया गीत रचता है और गाता भी है। उन्होंने कहा कि यह सात दिवसीय विशेष शिविर ग्रामीणों को नया संदेश देने में सफल होगी।

इससे पहले अतिथियों ने राष्ट्रीय सेया योजना के प्रेरणा पुरूष औरयुवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानन्द की तस्वीर पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अतिथियों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र दास सोनवानी ने कहा कि थोर के ग्रामीणों के बीच अपनापन का एहसास हो रहा है। सात दिनों के विशेष शिविर में स्वयं सेवक ग्राम दिनचर्या से अवगत होंगे और सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं से अवगत करायेंगे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले ने कहा कि शिविर की सफलता ग्रामीणों से जुड़ना है।

शासी निकाय के सचिव अजय कुमार इंगोले ने कहा कि हमें कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना है। युवा अपने कर्तव्य और दायित्वों से प्रेरित करेगा। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि युवाओं के साथ शिविर में समय बिताना अनुशासन का संदेश देता है। आप महाविद्यालय के चयनित स्वयं सेवक हैं जो हमारी पहचान हैं।

इस अवसर पर ग्राम पंचायत के सचिव महेन्द्र राजवाडे, सरपंच विनिता सिंह ने अतिथियों के साथ ध्वजारोहण कर शिविर का शुभारंभ किया। अतिथियों के द्वारा सभी स्वयं सेवकों को एनएसएस की डायरी और बैच प्रदान किया गया। अतिथियों का आभार डॉ. अजय कुमार तिवारी ने प्रकट किया। कार्यक्रम के दौरान मोतीलाल राजवाड़े के साथ सभी ग्रामीण उपस्थित रहे।

जीवन मूल्यों को बचाना संविधान और आयोग की जिम्मेदारी, साई कॉलेज में मनाया गया मानवाधिकार दिवस

अम्बिकापुर- जो अधिकार हमे प्रकृति प्रदत्त मिलें हैं जिनके लिये हम कोई मूल्य अदा नहीं करते हैं, वे मानवाधिकार हैं। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विश्व मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य पर लीगल लिट्रेसी क्लब के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील शुक्ला ने कही।

उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार, कर्तव्य संविधान द्वारा प्रदत्त हैं और इनका संरक्षण भी है। जीवन जीने का अधिकार सभी को है और किसी को उससे वंचित नहीं किया जा सकता है।

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ और बैच लगा कर किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमें दूसरों का सम्मान करना चाहिए। जब हम दूसरों के अधिकारों का सम्मान करते हैं तो अपने अधिकार सुरक्षित होते हैं।

डॉ. अजय कुमार तिवारी ने विधि द्वारा स्थापित मानवाधिकार आयोग के गठन, पेरिस सिद्धांत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार आयोग जांच के लिए प्रस्ताव कर सकता है। उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी, कश्मीर से हिन्दुओं के पलायन आदि के बारे में बताया।

कार्यक्रम का संचालन शिप्रा दत्ता और साक्षी सिंह ने किया और लीगल लिट्रेसी क्लब प्रभारी डॉ. दिनेश शाक्य ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के दौरान आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. शैलेष देवांगन, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, सहायक प्राध्यापक पल्लवी द्विवेदी तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

हमारा दायित्व है जिन्दगी को सजाना व संवारना, साई कॉलेज में खुसरो ईरानी ने दिये मोटीवेशनल टिप्स

अम्बिकापुर- जन्म और मृत्यु जीवन के दो छोर हैं और इस बीच हमारी जिन्दगी है। इस जिन्दगी को सजाना, संवारना ही हमारी कर्तव्य दायित्व है। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान के दौरान मोटीवेशनल स्पीकर खुसरो ईरानी ने कहा।

उन्होंने कहा कि जिन्दगी में माता-पिता की इच्छाओं के साथ अपने चयन को भी महत्व दिया जाना चाहिए। प्रत्येक काम, कर्तव्य और जिम्मेदारी के दौरान हमेशा दो चयन उपलब्ध होते हैं। इन्हीं दोनों में अपने लिये किसी एक का चयन करते हैं जो निर्णायक होता है। उन्होंने प्राध्यापक और विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षण कार्य और विद्यार्थीपन जीवन का आदर्श होता है, जिसमें हम हमेशा सीखते हैं। उन्होंने तकनीकी जीवन, एआई, चैट जीपीटी जैसे एप्प के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कक्षाओं को तकनीकी का प्रयोग कीजिये जो प्राध्यापकों के साथ विद्यार्थियों के लिये भी सुगम होगी।

इससे पहले महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले और अतिथियों में ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों को स्वागत बैच लगाकर और पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया गया।

विद्यार्थी और शिक्षकों के लिए अलग-अलग सत्र आयोजित हुआ जिसमें शैक्षिक जिज्ञासाओं को समाधान किया गया। शासी निकाय अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले और डॉ. आरएन शर्मा ने मोटीवेशनल स्पीकर खुसरो ईरानी को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान लाईफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैलेष देवांगन, कम्प्यूटर साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

जल जीवन मिशन में तकनीकी अनियमितता का आरोप: DI Pipe की जगह O-PVC का उपयोग, एक साल से कार्रवाई ठप

रायपुर- जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज स्कीम में कथित तकनीकी अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने 23 अक्टूबर 2024 को पीएचई विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक को एक विस्तृत शिकायत-पत्र भेजकर मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र रायपुर राजेश गुप्ता के खिलाफ D.I. Pipe की जगह O-PVC Pipe उपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए अनियमितता की जांच करने तथा राजेश गुप्ता के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने की बात लिखी गई थी।

पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता रहे टीडी शांडिल्य ने भी विभागीय सचिव को 29 अप्रैल 2025 तथा 18 जुलाई 2025 को राजेश गुप्ता को निलंबित करने पत्र लिखा है। चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग एक साल बीतने के बाद भी विभाग स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जबकि पत्र में उठाए गए बिंदु पूरी तरह तकनीकी और नीति-विरुद्ध बदलाव से जुड़े हुए हैं।

क्या है मामला?

डॉ.भूरे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज योजनाओं के DPR में Gravity Main लाइन के लिए DI K-7 Pipe को अनिवार्य रूप से अपनाया गया था। उच्च स्तरीय वित्तीय/तकनीकी स्वीकृति भी इसी पाइप के आधार पर दी गई थी।

लेकिन विभागीय स्तर पर बाद में 250 mm से नीचे Diameter वाले O-PVC Pipe को लेकर डिजाइन बनाया गया और फिर इसी आधार पर PAC की तकनीकी स्वीकृति देकर निविदा प्रक्रिया संचालित की गई।

पत्र में उठाए गए प्रमुख तकनीकी बिंदु

DPR में DI K-7 Pipe की ही स्वीकृति

Bulk Water Supply के लिए DI K-7 Pipe प्रस्तावित थी, जिसकी राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (SLSSC) से प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी।

यहां डिजाइन बदलकर O-PVC Pipe ले लिया गया। आरोप है कि मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता द्वारा अपने स्तर पर डिजाइन बदला गया और O-PVC Pipe को मंजूरी देते हुए PAC स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

DPR में प्रस्तावित सामग्री को बदलने के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अनिवार्य थी, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार यह स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई।

SLSSC से पुनरीक्षित स्वीकृति भी नहीं ली गई। पत्र में साफ उल्लेख है कि O-PVC पाइप के उपयोग को लेकर SLSSC की संशोधित स्वीकृति रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।

डॉ. भूरे ने तकनीकी समिति से जांच की अनुशंसा की

पत्र में कहा गया है कि मामला पूरी तरह तकनीकी है, इसलिए जल जीवन मिशन की तकनीकी समिति के माध्यम से मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया जाना उचित होगा। यह भी लिखा है कि उपलब्ध दस्तावेज यह स्पष्ट करते हैं कि विभागीय नियमों के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

O-PVC बनाम DI Pipe – तकनीकी और वित्तीय अंतर

DI (Ductile Iron) Pipe - अधिक मजबूत, टिकाऊ, जंग-प्रतिरोधी, लंबी अवधि की योजनाओं के लिए उपयुक्त,महंगी, लेकिन गुणवत्ता और सुरक्षा अधिक।

O-PVC Pipe - सस्ती, हल्की और आसान इंस्टॉलेशन,हाई-प्रेशर और Gravity Main जैसी लाइनों में मानकों के अनुसार कम उपयुक्त अधिक बार मरम्मत/रिसाव की संभावना।

विशेषज्ञों के अनुसार Bulk Water Supply में DI Pipe का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानकों में दर्ज है, जबकि O-PVC को बिना तकनीकी समिति की स्वीकृति के बदलना गंभीर प्रक्रिया उल्लंघन माना जाता है।

एक साल से कार्रवाई क्यों नहीं? विभाग के भीतर चर्चाएँ तेज

यह पत्र 23 अक्टूबर 2024 को लिखा गया था। अब लगभग 12 महीने बाद भी न तो तकनीकी जांच कमेटी बनी, न मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया गया और न किसी प्रकार की निलंबन/जांच कार्रवाई हुई।विभाग के भीतर इस चुप्पी को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हैं विभागीय सचिव भी संदेह के दायरे में है।

सवाल उठता है कि क्या फाइल दबा दी गई? क्या जानबूझकर जांच नहीं की जा रही? या फिर यह मामला किसी बड़े ठेकेदार-इंजीनियर गठजोड़ से जुड़ा है?

ऐसे में जल जीवन मिशन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली योजनाओं में इस प्रकार की तकनीकी अनियमितताओं का आरोप गंभीर है। पूर्व संचालक का पत्र स्वयं विभाग के उच्च अधिकारियों को संबोधित था, फिर भी एक वर्ष तक कार्रवाई का अभाव शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि इस खुलासे के बाद बाद विभाग मंत्री उप मुख्यमंत्री अरुण साव इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करते है।

राष्ट्रीय संगोष्ठी में गूंजा पत्रकारिता का मंथन, संगठन ने घोषित की नई कार्यकारिणी और पराड़कर सम्मान 2025

रायपुर- स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन छत्तीसगढ़ द्वारा 6 दिसंबर 2025, शनिवार को रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी पत्रकारिता के बदलते परिवेश और चुनौतियों पर केंद्रित रही। विभिन्न राज्यों से आए वरिष्ठ पत्रकारों और प्रतिनिधियों ने इस मंच को संवाद, समीक्षा और सुझाव का महत्वपूर्ण अवसर बताया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने वर्तमान मीडिया जगत की परिस्थितियों पर बात रखते हुए कहा कि डिजिटल क्रांति के बीच पत्रकारिता का मूल मूल्य, सत्य, निष्पक्षता और जनपक्ष कभी भी कमजोर नहीं होना चाहिए। उन्होंने फील्ड रिपोर्टिंग में बढ़ती जोखिम, संसाधनों की कमी और व्यावसायिक दबावों को पत्रकारों के सामने बड़ी चुनौती बताया। विशेष अतिथि बलविंदर सिंह जम्मू, राष्ट्रीय महासचिव(इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन) ने कहा कि पत्रकार यदि संगठित रहेंगे, तभी उनके अधिकार, सुरक्षा और सम्मान को संरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने दोहराया कि डेटा प्रोटेक्शन एक्ट और श्रम कानूनों में आए बदलावों के मद्देनज़र पत्रकारों को जागरूक होने और संगठन के साथ खड़े रहने की आवश्यकता है। वही इस अवसर पर यूनियन ने प्रतिष्ठित बाबूराव विष्णु पराड़कर सम्मान-2025 की घोषणा भी की। यह सम्मान इस वर्ष बस्तर संभाग के भोपालपट्टनम में कार्यरत जमीनी पत्रकार मो. इरशाद ख़ान को दिया जाएगा। संगठन ने उनके निडर और जनपक्षीय पत्रकारिता को सराहा।

तृतीय राज्य सम्मेलन में संगठन की नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें दिलीप कुमार साहू (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य), पी.सी. रथ (प्रदेश अध्यक्ष), सुधीर आजाद तंबोली (महासचिव), रेणु नंदी, कृष्णा गोस्वामी, अजीत शर्मा (उपाध्यक्ष), शुभम वर्मा (कोषाध्यक्ष), सैयद सलमा (उप कोषाध्यक्ष), रूमा सेन गुप्ता और संतोष राजपूत (संयुक्त सचिव), राकेश दत्ता (प्रदेश संगठन सचिव), तथा जयदास मानिकपुरी (प्रदेश मीडिया प्रभारी) शामिल हैं। वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र कुमार शर्मा, घनश्याम गुप्ता, मो. शाह, संजय चंदेल के साथ जितेंद्र साहू, शिवशंकर पांडेय व हरिमोहन तिवारी को प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य की जिम्मेदारी मिली। राज्य सम्मेलन में संगठन के रायपुर जिला पदाधिकारियों ने अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई। संगोष्ठी का समापन पत्रकारिता की मजबूती, संगठनात्मक एकता और भविष्य की कार्ययोजना को नए संकल्प के साथ किया गया।

बाल-तंत्रिका विज्ञान में राष्ट्रीय गौरव: डॉ. अनूप वर्मा को मिला प्रतिष्ठित “प्रो. पी. ए. एम. कुंजू ओरेशन” सम्मान

रायपुर- प्रदेश के लिए गर्व का अवसर है कि क्षेत्र के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ और बाल-तंत्रिका विज्ञान के ख्यात चिकित्सक डॉ. अनूप वर्मा को प्रतिष्ठित “प्रो. पी. ए. एम. कुंजू ओरेशन” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान पेडियाट्रिक न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चुनिंदा विशेषज्ञों को प्रदान किया जाता है। डॉ. वर्मा पिछले 37 वर्षों से छत्तीसगढ़ के बच्चों के उपचार और अनुसंधान कार्य में निरंतर सेवाएं दे रहे हैं। बाल-तंत्रिका विज्ञान में उनके क्लीनिकल अनुभव, शोध और शैक्षणिक नेतृत्व ने रायपुर को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान दिलाई है।

अकादमी ऑफ पेडियाट्रिक न्यूरोलॉजी (AOPN) की ओर से दिया जाने वाला यह ओरेशन उन विशेषज्ञों को सम्मानित करता है जिन्होंने बाल-तंत्रिका विज्ञान में उल्लेखनीय नवाचार, उत्कृष्टता और प्रभावशाली सेवाएं दी हों। इस सम्मान के साथ डॉ. वर्मा राष्ट्रीय स्तर के उन चुनिंदा अग्रणी विशेषज्ञों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं जिन्हें पूर्व में भी यह प्रतिष्ठा प्राप्त हो चुकी है। वे पहले भी कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय ओरेशन से सम्मानित किए जा चुके हैं।

डॉ. वर्मा यह ओरेशन 6 दिसंबर को गुवाहाटी में आयोजित होने वाले NeuroPedicon 2025, अकादमी ऑफ पेडियाट्रिक न्यूरोलॉजी के वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत करेंगे। देशभर के बाल-तंत्रिका विशेषज्ञ उनके व्याख्यान को लेकर उत्साहित हैं। इसके साथ ही डॉ. अनूप वर्मा IMA छत्तीसगढ़ राज्य शाखा के स्टेट प्रेसीडेंट इलेक्ट भी हैं, जो उनके नेतृत्व और पेशेवर उत्कृष्टता को दर्शाता है।

यह उपलब्धि रायपुर और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है, जो प्रदेश की चिकित्सा और अकादमिक क्षमता को राष्ट्रीय मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करती है।

जन्मदिन को बनाया सीख और सेवा का उत्सव, आंगनबाड़ी बच्चों संग मनाया खास दिन

रायपुर- महिला एवं बाल विकास विभाग के आओ खुशियां बांटें प्रोजेक्ट के तहत एक सराहनीय पहल सामने आई। विभाग की पर्यवेक्षक वंदना शर्मा ने अपना जन्मदिन होटल या किसी आयोजन स्थल पर मनाने के बजाय आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ मनाया। उन्होंने बच्चों को खीर, पूरी, सब्जी, केला, रसगुल्ला और चॉकलेट वितरित किए और उनके साथ दिनभर खेलकूद, गीत-संगीत और बातचीत में समय बिताया।

वंदना शर्मा ने कहा कि बच्चों की मुस्कान ही उनके लिए सबसे बड़ी खुशी है। उन्होंने सभी आंगनबाड़ी बच्चों को खिलौने भी उपहार स्वरूप दिए। रायपुर कलेक्टर द्वारा शुरू की गई यह पहल लगातार आगे बढ़ रही है। न्योता भोज कार्यक्रम के तहत कोई भी व्यक्ति या संस्था किसी विशेष अवसर पर स्कूल या आंगनबाड़ी के बच्चों को भोजन करा सकती है।

इस अवसर पर बैरनबाजार आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता, सहायिका और स्थानीय नागरिक भी उपस्थित रहे।