*गोण्डा: आयुक्त की अध्यक्षता में 12 दिसंबर को मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक*

12 दिसंबर को आयुक्त की अध्यक्षता में मंडलीय उद्योग बंधु बैठक होगी आयोजित

देवीपाटन मंडल में औद्योगिक विकास पर मंथन, 12 दिसंबर को होगी महत्वपूर्ण बैठक

गोण्डा, 11 दिसम्बर 2025 — देवीपाटन मंडल में औद्योगिक विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने के उद्देश्य से मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक 12 दिसंबर 2025 को आयोजित की जाएगी। यह बैठक अपराह्न 1:00 बजे आयुक्त कार्यालय सभागार, गोंडा में होगी। बैठक की अध्यक्षता स्वयं आयुक्त, देवीपाटन मंडल गोंडा द्वारा की जाएगी।

इस संबंध में जानकारी देते हुए संयुक्त आयुक्त, उद्योग, देवीपाटन मंडल गोंडा ने बताया कि बैठक में मंडल के चारों जिलों—गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच एवं श्रावस्ती—से संबंधित औद्योगिक परियोजनाओं की प्रगति, निवेशकों को आने वाली समस्याएं, क्लियरेंस से जुड़े लंबित मामले तथा आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों, उद्योग प्रतिनिधियों और उद्यमियों को आमंत्रित किया गया है, ताकि समस्याओं पर सीधे संवाद करके त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके। यह बैठक ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ को बढ़ावा देने तथा निवेश-अनुकूल वातावरण तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

संयुक्त आयुक्त ने बताया कि उद्योग बंधु की यह बैठक प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों को प्रभावी रूप से लागू करने और निवेशकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा है। बैठक में लिए गए निर्णयों के आधार पर औद्योगिक गतिविधियों को गति देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

संजय चतुर्वेदी बने वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक,छ: महीने बाद हुई तैनाती

शिक्षक संघर्ष समिति का दिखा असर

गोंडा।जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में छ: महीने बाद नये वित्त एवं लेखाधिकारी संजय चतुर्वेदी की तैनाती की गयी है।इसकी जानकारी विशेष सचिव संजीव सिंह ने दिया।यहाँ यह स्पष्ट करना अतिश्योक्ति होगा कि संजय चतुर्वेदी पूर्व में भी जिले में वित्त एवं लेखाधिकारी के पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं तो वहीं शासन द्वारा उन्हें यहाँ से हटाकर उपनिदेशक वित्तीय प्रबंधन प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान,उत्तर प्रदेश बनाया गया था और अब उन्हें पुनः एक बार वित्त एवं लेखाधिकारी गोंडा नियुक्त किया गया है।ज्ञातव्य हो कि जिले में वित्त एवं लेखाधिकारी की तैनाती को लेकर शिक्षक संघर्ष समिति निरन्तर प्रदर्शन कर रहा था साथ ही संघर्ष समिति उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी भी कर रहा था।यहाँ यह बताना आवश्यक है कि उक्त प्रकरण को लेकर गत दिवस शिक्षक संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया था।इस नियुक्ति को शिक्षक संघर्ष समिति के विरोध प्रदर्शन का परिणाम भी माना जा रहा है।अटेवा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमर यादव ने बताया कि यह उनकी लंबे समय से लंबित मांग थी जिसके संबंध में संगठन द्वारा कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया गया था और संगठन कोर्ट जाने की तैयारी भी कर रहा था परन्तु उससे पहले ही अधिकारी की तैनाती हो गयी जिसके लिए अमर यादव ने सरकार को धन्यवाद दिया है।संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष सतीश पाण्डेय ने इसे अपनी मांग और विरोध प्रदर्शन का असर बताया।वहीं सहसंयोजक गौरव पाण्डेय ने कहा कि यदि नये अधिकारी की तैनाती नहीं होती तो आगामी भविष्य में एक बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही थी।उन्होंने भी सरकार का आभार व्यक्त किया।वहीं प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष अवधेश मणि मिश्रा ने भी कहा कि हम लोगों को काफी दिक्कतें हो रही थी लेकिन अब नये अधिकारी की तैनाती होने से हम लोगों की दिक्कतें दूर हो जाएंगी।

निशुल्क चश्मा छात्रों को वितरित किया गया

करनैलगंज गोण्डा। जिला अंधता निवारण समिति गोंडा के तत्वाधान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करनैलगंज के द्वारा स्कूल स्क्रीनिंग कार्यक्रम आतज से चौदह वर्ष के छात्रों को यूपीएस नारायणपुर माझा में किया गया था, जिसका आज निशुल्क चश्मा छात्रों को वितरित किया गया। चश्मा पाए गए छात्रा कुमारी रानी, खुशी, विशाल ,संतोष यादव ,सत्यम शुक्ला, प्रदीप कुमार, करण कुमार, विजयपाल यादव, अंकुर, विजय कुमार,आदि छात्रों को निशुल्क चश्मा उपलब्ध कराया गया।यह जानकारी श्री ए के गोस्वामी नेत्र परीक्षण अधिकारी ने बताया कि पूरे वर्ष समस्त शिक्षा विभाग की विद्यालयों को 8 से 14 वर्ष के बच्चों को स्क्रीनिंग के उपरांत नेत्र दोष पाए जाने पर उन्हें निशुल्क चश्मा दिया जाता है,

सड़क हादसे में पूर्व प्रधानाचार्य के लड़के का निधन

करनैलगंज गोण्डा। सड़क हादसे में पूर्व प्रधानाचार्य के लड़के का निधन हो गया।जिसकी सूचना पर उनके घर पर लोगो का भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत धमसड़ा निवासी दिनेश मिश्र का 26 वर्षीय पुत्र अखिलेश मिश्रा उर्फ मिथुन किसी कार्य वश बाइक से जा रहा था तभी करनैलगंज -परसपुर रोड अंतर्गत बाबागंज चौराहे के पास सड़क किसी अज्ञात वाहन की चपेट में उसकी दर्दनाक मौत हो गई जबकि बाइक पर बैठा मिथुन का चचेरा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं इस दुखद खबर से उनके धमसड़ा स्थित आवास पर सगे, संबंधियों, इष्ट मित्रो सहित क्षेत्र के लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बता दें कि दिनेश मिश्र अभी कुछ दिनों पूर्व विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करनैलगंज से सेवानिवृत हुए हैं।

अज्ञात महिला की अधजली लाश की तीन जिलों में पहचान जारी, बाराबंकी की चप्पलें व पायल बनी सुराग

*11 दिन बाद भी महिला की अधजली लाश की शिनाख्त नहीं

गोंडा। जिले के धानेपुर थाना क्षेत्र के रेतवागाड़ा गांव के पास 30 नवंबर को एक महिला का शव मिला था। घटना के 11 दिन बीत जाने के बाद भी महिला के शव की पहचान नहीं हो पायी है। पुलिस महिला की चप्पल व पायल को मुख्य सुराग मान रही है।जो चप्पल बाराबंकी में बनी थी। वह बाराबंकी में बनकर बहराइच, बलरामपुर व गोंडा जिले में ही सप्लाई की गयी थी ऐसे में तीनों जिलों में चप्पल बेचने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। इसी आधार पर ग्राम समितियों की मदद से इन तीनों जिलों में गांव गांव जाकर पूछताछ की जा रही है। ग्राम समितियों के लोगों को चप्पल व पायल की फोटो दी गई है। उनके द्वारा उसी के माध्यम से पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।शव की पहचान के लिए अभी तक 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा चुकी है परन्तु अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। धानेपुर थाने की पुलिस व ग्राम समितियों ने तीनों जिलों के लगभग 200 से अधिक गांवों में पूछताछ की है, परन्तु अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।इस संबंध में थानाध्यक्ष धानेपुर अरविन्द कुमार सिंह ने बताया कि 11 दिन बाद भी महिला की पहचान नहीं हो पायी है। उन्होंने पुष्टि की है कि महिला की चप्पलें बाराबंकी से तीन जिलों में भेजी गयी थी और ग्राम समितियों के माध्यम से इन्हीं के सहारे पहचान का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक हाथ और एक पैर भी मिला था जिसके आधार पर भी पहचान की कोशिश की जा रही है। थानाध्यक्ष ने उम्मीद जताया कि जल्द ही चप्पल व पायल के माध्यम से महिला की पहचान कर मामले का खुलासा किया जाएगा। महिला की पहचान के लिए कई टीमें लगी हुई हैं। जो चप्पल महिला ने पहन रखा था उसकी अन्य जिलों में बिक्री नहीं होती है ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही हम लोग पहचान कर लेंगे।

दो करोड़ से होगा ढेमवाघाट पर बनेगा पीपे का पुल,64.96 लाख रुपये की पहली किस्त जारी

बाढ़ में बह गया था पुल का एक हिस्सा

गोंडा।जिले के नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत ढेमवाघाट पुल पर अस्थाई पीपे के पुल का निर्माण होने जा रहा है।इससे नवाबगंज, गोंडा व अयोध्या के लाखों लोगों को आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी।इस पुल के निर्माण में 2 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत आएगी।कैसरगंज से भाजपा सांसद करण भूषण सिंह व तरबगंज से भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय के प्रयासों से यह परियोजना स्वीकृत हुई है।शासन ने पुल निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपा है।पुल निर्माण के लिए प्रथम किस्त के रूप में 64.96 लाख रूपए शासन द्वारा आवंटित किया गया है।जिसमें अनुदान संख्या 57 से 51.18 लाख रुपए और अनुदान संख्या 83 से 13.78 लाख रुपए शामिल है।वर्ष 2021 में आई भीषण बाढ़ के कारण ढेमवाघाट पुल का एक हिस्सा घाघरा नदी में बह गया था।इसके बाद गोंडा और अयोध्या के बीच आवागमन बाधित था,जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।पुल टूटने के बाद बीते चार सालों से जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करने को मजबूर थे।इस दौरान कई वाहन फंसे,जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया।हाल ही में आई बाढ़ में एक बुल्डोजर भी फंस गया था,जिसे क्रैन से बाहर निकाला गया।इस बड़ी सौगात के लिए सांसद करण भूषण सिंह और विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है।जनप्रतिनिधियों द्वारा स्थाई पुल निर्माण की मांग की जा रही थी,फिलहाल अस्थाई पीपे पुल का निर्माण किया जाएगा।बाढ़ इतनी भीषण थी कि कैसरगंज के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह के घर तक पानी पहुंच था ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह को ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से आना जाना पड़ रहा था और उसी दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने पहली बार तंज भी कसा था।पुल के निर्माण को लेकर के वर्ष 2022 में बृजभूषण शरण सिंह ने मौके पर पहुंचकर के प्रेस वार्ता कर मांग की थी और कई बार उनके सांसद बेटे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।जिसका नतीजा है कि ढेमवाघाट पर अस्थाई पीपे के पुल का निर्माण होने जा रहा है।कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह व विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने बताया कि जल्द ही पुल का निर्माण कार्य भी शुरू हो जायेगा।23 अगस्त को ही लोक निर्माण विभाग देवीपाटन मंडल के मुख्य अभियंता अखिलेश कुमार दिवाकर द्वारा इसको लेकर स्वीकृत प्रदान करने के लिए शासन को पत्र भी भेजा गया था।

जेल भेजा गया सीएमओ कार्यालय का रिश्वतखोर सहायक

5000 की रिश्वत लेते एंटीकरप्शन टीम ने किया था गिरफ्तार

जेल जाते समय गिड़गिड़ाता रहा सीएमओ कार्यालय का बाबू

गोंडा।रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किये गए सीएमओ कार्यालय गोंडा के वरिष्ठ सहायक शशिकांत सिंह को देवीपाटन मंडल एंटीकरप्शन टीम द्वारा गोरखपुर जेल भेज दिया गया है।गोरखपुर जेल ले जाते समय रास्ते भर शशिकांत सिंह एंटीकरप्शन टीम के सामने गिड़गिड़ाता रहा।शशिकांत सिंह द्वारा बार बार एंटीकरप्शन टीम से मेरी गलती नहीं है मुझे छोड़ दीजिये व मुझे जानबूझ कर फंसाया गया है कहा जाता रहा।एंटीकरप्शन टीम ने शशिकांत सिंह को गोरखपुर लेजाकर जेल भेज दिया।बताते चलें कि बुधवार को 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटीकरप्शन टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ गोंडा देहात कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ सहायक शशिकांत सिंह को आज गोरखपुर जेल भेज दिया गया और एंटीकरप्शन टीम उन्हें गोरखपुर जेल लेकर गयी।यह रिश्वत बहराइच निवासी आशीष पांडेय के पिता अंगद पांडेय की 50,102 रुपये की चिकित्सा प्रतिपूर्ति भुगतान के लिए मांगी गई थी।शशिकांत सिंह ने इस भुगतान के लिए 5000 रुपये रिश्वत की मांग की थी।रिश्वत न देने के कारण आशीष पांडेय को कई बार वापस कर दिया गया था जिससे उन्हें इलाज में अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा।परेशान होकर आशीष पांडेय ने इसकी शिकायत किया था।जेल भेजने से पहले एंटीकरप्शन टीम ने वरिष्ठ सहायक शशिकांत सिंह व पीड़ित आशीष पांडेय को आमने सामने बैठाकर इस पूरे मामले पर पूछताछ किया।इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गयी है।एंटीकरप्शन टीम के प्रभारी राज किशोर यादव ने बताया कि आशीष पांडेय की शिकायत पर कल शशिकांत सिंह को गिरफ्तार किया गया था।इस पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी और आडियो रिकार्डिंग भी कराई गयी है।उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगने पर लोगों को आगे आकर शिकायत करनी चाहिए ताकि ऐसे मामलों पर कार्रवाई की जा सके।

सड़क सुरक्षा को मजबूत करने तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से चलाया अभियान

*सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं- एआरटीओ प्रशासन

गोण्डा। सड़क सुरक्षा को मजबूत करने तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से एआरटीओ (प्रशासन) आर.सी. भारतीय द्वारा विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान मुख्य रूप से गन्ने से लदी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों एवं एआईटीपी बसों में रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप न लगाए जाने की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए संचालित किया गया। रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप वाहन की दृश्यता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेषकर रात के समय, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है।अभियान के दौरान एआरटीओ प्रशासन ने विभिन्न मार्गों पर वाहनों की चेकिंग की और उन वाहनों को रोका जिनमें नियमानुसार रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगाए गए थे। उन्होंने चालकों और मालिकों को चेतावनी देते हुए स्पष्ट कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसे वाहन जो रिफ्लेक्टिव टेप लगाए बिना सड़कों पर चलते पाए गए, उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।एआरटीओ आर.सी. भारतीय ने वाहन चालकों को यह भी समझाया कि रिफ्लेक्टिव टेप लगाना सिर्फ नियम का पालन भर नहीं, बल्कि उनकी और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। कई सड़क दुर्घटनाएं रात के समय वाहनों की कम दृश्यता के कारण होती हैं, जिसे इस टेप के माध्यम से काफी हद तक रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से गन्ना परिवहन करने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियाँ भारी व लंबे होने के कारण दुर्घटनाओं की दृष्टि से अधिक संवेदनशील होती हैं, इसलिए इन पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाना अनिवार्य है।अभियान के दौरान परिवहन विभाग की टीम ने चालकों को जागरूक भी किया और उन्हें नियमों का पालन करने का आग्रह किया। विभाग द्वारा यह भी कहा गया कि भविष्य में ऐसे वाहनों पर निरंतर निगरानी रखी जाएगी और नियम उल्लंघन की स्थिति में जुर्माना एवं अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अभियान के दौरान पांच ट्रैक्टर में रिफ्लेक्टर भी लगाया गया तथा एक बस के विरुद्ध कार्रवाई की गई।इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना, दुर्घटनाओं में कमी लाना तथा लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। परिवहन विभाग ने सभी वाहन चालकों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करते हुए सुरक्षित और जिम्मेदार यातायात व्यवस्था बनाने में सहयोग दें।

करनैलगंज CHC में निशुल्क नेत्र शिविर: 165 मरीजों की जांच, 18 मोतियाबिंद मरीज ऑपरेशन हेतु अयोध्या भेजे गए

गोंडा। जिला अंधता निवारण समिति गोंडा के तत्वाधान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करनैलगंज में बुधवार, 10 दिसंबर को निशुल्क स्क्रीनिंग नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कुल 165 मरीजों की जांच की गई, जिनमें 18 मरीज मोतियाबिंद ऑपरेशन हेतु योग्य पाए गए। सभी योग्य मरीजों को लेंस प्रत्यारोपण विधि से ऑपरेशन के लिए अयोध्या नेत्र चिकित्सालय भेजा गया।

ऑपरेशन योग्य मरीजों में गीता, राम भजन, मुन्नी, रामकुमार, शेषनारायण, कमला, राधा मोहन, श्रीदेवी, शीला, रामचंद्र, पालना, राजकुमारी, राजकुमार, लीलावती, रामावती सहित अन्य मरीज शामिल रहे।

नेत्र परीक्षण अधिकारी ए. के. गोस्वामी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करनैलगंज में प्रत्येक बुधवार को निशुल्क स्क्रीनिंग नेत्र शिविर आयोजित किया जाता रहेगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं जागरूक नागरिकों से अपील की कि वे अपने-अपने गांवों के ऐसे बुजुर्गों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आने हेतु प्रेरित करें जो नेत्र दोष से पीड़ित हैं तथा आधार कार्ड साथ लाएं।

सीएमओ कार्यालय का बाबू शशिकांत सिंह 5000 रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार

गोंडा।जिले में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए देवीपाटन मंडल की एंटीकरप्शन टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक शशिकांत सिंह को 5000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।यह कार्रवाई चिकित्सा प्रतिपूर्ति भुगतान के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में की गयी है।बताते चलें कि बहराइच जनपद के आदमपुर गांव निवासी आशीष पांडेय ने शिकायत दर्ज कराया था कि उनके पिता अंगद पांडेय के 51,102 रुपए चिकित्सा प्रतिपूर्ति भुगतान के लिए वरिष्ठ सहायक शशिकांत सिंह लगातार रिश्वत की मांग कर रहे थे।

इससे परेशान होकर आशीष पांडेय ने देवीपाटन मंडल एंटीकरप्शन के गोंडा थाने में शिकायत किया था।शिकायत के आधार पर एंटीकरप्शन टीम ने आज वरिष्ठ सहायक शशिकांत सिंह को पीड़ित आशीष पांडेय से 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।गिरफ्तारी के बाद टीम शशिकांत सिंह को लेकर देहात कोतवाली गयी।जहाँ उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस एक तरफ जहाँ शिकायतकर्ता आशीष पांडेय से पूछताछ कर रही है तो वहीं शशिकांत सिंह से भी पूछताछ कर रही है।शशिकांत सिंह मूलतः बलिया जनपद के सहतवार गांव के रहने वाले हैं और स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 1996 में उनकी नियुक्ति हुई थी।गोंडा एंटीकरप्शन थाने के प्रभारी राज किशोर यादव ने बताया कि उनकी टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई है।उन्होंने पुष्टि करते हुए यह भी बताया कि शशिकांत सिंह को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से चिकित्सा प्रतिपूर्ति भुगतान के नाम पर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है तथा मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।