शीत गृहों में अभी भी 195 लाख मीट्रिक टन आलू का भंडार, किसानों को नहीं मिल पा रहा उनके उत्पादन का पैसा बर्बादी की कगार पर पहुंच किसान
फर्रुखाबाद l आलू विपणन संघ के निर्देशक अशोक कटिहार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 2207 शीतगृहों में लगभग 195 लाख मीट्रिक टन आलू भण्डारण है. इस साल आलू के रेट अत्यधिक कम है. जिससे किसानो की लागत भी नही निकल पा रही है, आल् किसानो के हित में राहत हेतु उचित कदम उठाया जाना चाहिए l उन्होंने कहा कि
आलू विकास बोर्ड की स्थापना की जाये।
आलू को प्राथमिक विद्यालयों में मिड्डे मील कार्यक्रम में शामिल किया जाये।
शीतगृहों में भण्डारित आलू को सरकारी राशन की दुकानों से इस आलू का वितरण कराया जाये।
आलू पर मण्डी टैक्स समाप्त किया जाये।
आलू के चिपसोना, हालैण्ड, 37-97/ श्रीनाथ आदि अच्छी गुणवत्ता वाले आलू बीज पर्याप्त मात्रा में किसानो को उपलब्ध कराने की ठोस नीति बनायी जाये।
आलू भण्डारण शुल्क पर किसानो को अनुदान दिया जाये।
फर्रुखाबाद, कानपुर, आगरा, मेरठ, कन्नौज आदि से आलू, नेपाल, श्रीलंका, बांगलादेश, निर्यात करने के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र फाइटो जिनेट्री लैव (रोग मुक्त) की स्थापना की जाये। आलू आधारित उद्योगों को फर्रुखाबाद, आगरा, सिरसागंज, कन्नौज, कानपुर, लखनऊ, मेरत, मथुरा हाथरस, बुलन्दशहर आदि जनपदों में प्रोत्साहन दिया जाये।
उत्तर प्रदेश शासन में कानपुर के अरौल में प्रस्तावित सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस पार्क में पोटैटो की भी स्थापन की जाये।
शीतगृहों को कृषि उपज आलू भण्डारित करने के आधार पर सस्ती दरों पर विद्युत आपूर्ति करने की बात की जाए l
शीतगृहों से हर वर्ष सैकड़ो ट्राली सड़ा, कटा, हरा, छरी व मलवा बाहर सड़को पर फेंका जाता है
शीतगृह कैम्पस में नेडप कम्पोस्ट यूनिट लगवाने की नीति बनायी जाये, जैविक खाद बनने से आम जनमानस को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और कृषि भूमि के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा l साथ ही अतिरिक आय भी प्राप्त होगी। प्रायोगिक तौर पर कुछ शीतगृहों में आलू से चिप्स, पाउडर एल्कोहल, स्टार्च आदि के बनाने कारखाने भी उसी कैम्पस में संचालित किया जाये।
उन्होंने कहा कि आलू किसानों के हित में शीघ्र कार्यवाही करें।







2 hours and 24 min ago
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