करनैलगंज में खुलेआम अवैध मीट दुकानों का साम्राज्य- प्रशासन मौन, जनता परेशान
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गोंडा। जिले के करनैलगंज कस्बे में अवैध रूप से संचालित मीट, मछली और अंडे की दुकानों ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। कस्बे के प्रमुख चौराहों, धार्मिक स्थलों और विद्यालयों के पास खुलेआम चल रही इन दुकानों से गंदगी, दुर्गंध और अस्वच्छता का माहौल पैदा हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी रोष है।
स्कूलों और मंदिरों के पास अवैध दुकानें- आदेशों की उड़ रही धज्जियाँ
सूत्रों के अनुसार कंपोजिट विद्यालय बालकरामपुरवा, गायत्री मंदिर के पास, सकरौरा चौराहा, सुक्खापुरवा मोड़ सहित कई स्थानों पर बिना लाइसेंस व अनुमति के मीट व मछली की दुकानें संचालित हो रही हैं। यह स्थिति तब है जबकि शासनादेश के अनुसार विद्यालय, धार्मिक स्थल, आबादी क्षेत्र और सार्वजनिक स्थलों से निर्धारित दूरी पर ऐसे कारोबार पूर्णतः प्रतिबंधित हैं।
दुर्गंध और गंदगी से राहगीर परेशान- आवागमन तक दूभर
दिन भर खुले में काटा जा रहा मीट, बहता खून, सड़ती मछली की दुर्गंध और नालियों का अंबार इलाके में दुर्गंध फैला रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि “जहाँ बच्चे पढ़ने जाते हैं और श्रद्धालु पूजा करने, वहीं कुछ कदम दूर कत्ल और दुर्गंध क्या यही कानून व्यवस्था है?” स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासनिक उदासीनता और मौन ने संदेह पैदा कर दिया है कि आखिर यह अवैध कारोबार किसके संरक्षण में फल-फूल रहा है।
क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द अवैध दुकानों को हटाया नहीं गया तो वे धरना-प्रदर्शन व आंदोलन करने को बाध्य होंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार के आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित हैं? आखिर किसकी शह पर यह अवैध कारोबार चल रहा है। मासूम बच्चों, श्रद्धालुओं और आम जनता की भावना और स्वास्थ्य की किसी को चिंता क्यों नहीं? करनैलगंज में स्थिति साफ कह रही है कि “यहाँ कानून नहीं, बल्कि अवैध मीट कारोबारियों का राज चलता है।” अब देखना यह है कि प्रशासन जागेगा या फिर जनता के सब्र का बांध टूटेगा।




















49 min ago
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