बाराबंकी में तेज रफ्तार डंपर रेल ट्रैक पर गिरा, हिल गई गरीब रथ , बड़ा हादसा टला
लखनऊ । बाराबंकी में रामनगर से फतेहपुर मार्ग पर अगानपुर गांव के पास बुधवार रात एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। प्लाई से लदा एक तेज रफ्तार डंपर अचानक अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग तोड़ते हुए करीब 25–30 फीट नीचे रेलवे लाइन पर जा गिरा। ठीक उसी समय दूसरी लाइन पर अमृतसर से बिहार जा रही गरीब रथ सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजर रही थी, जिसके चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को समय रहते रोक लिया।

जोरदार धमाका होने से सहमे लोग

डंपर के गिरते ही जोरदार धमाका हुआ, जिससे पूरी ट्रेन हिल गई और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कई यात्री अनहोनी की आशंका में ट्रेन से नीचे उतर आए। लोगों को शुरुआत में लगा कि कोई विस्फोट हुआ है, लेकिन ट्रैक पर पलटा डंपर देखकर सभी ने राहत की सांस ली।

ओवरहेड बिजली लाइन टूटी, बुढ़वल–गोंडा रेलमार्ग बाधित

डंपर के सीधे बिजली तारों पर गिरने से ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन (ओएचई) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जिसके चलते बुढ़वल–गोंडा रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन तुरंत रोक दिया गया। बुढ़वल जंक्शन से सीतापुर, गोरखपुर–बिहार और बाराबंकी–लखनऊ की लाइनें जुड़ती हैं, ऐसे में सैकड़ों यात्रियों की यात्राएं प्रभावित हुईं।रेल विभाग की कई टीमें मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन और मरम्मत कार्य में जुट गईं। देर रात तक विद्युत लाइन दुरुस्त न हो पाने के कारण कई ट्रेनों को अयोध्या–मनकापुर मार्ग पर डायवर्ट किया गया।

डंपर चालक को काटकर निकाला गया, हालत गंभीर

डंपर बुरी तरह मलबे में दब गया था। कड़ी मशक्कत के बाद चालक को वाहन के केबिन को काटकर बाहर निकाला गया। उसकी पहचान पंकज कुमार, निवासी मनिहारी गांव, थाना करनैलगंज (गोंडा) के रूप में हुई है। चालक को गंभीर हालत में लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया।

धमाका होने पर ट्रेन के दरवाजे पर बैठक लोग सहम गए

सहरसा (बिहार) निवासी पिंटू ने बताया हम ट्रेन के दरवाजे पर बैठे थे कि अचानक जबरदस्त धमाका हुआ। ऊपर से चिंगारियां गिर रही थीं। लगा पूरा डिब्बा पलट जाएगा। दुकानदार राजबहादुर ने कहा पहले रेलिंग टूटने की आवाज आई, फिर ऐसा लगा जैसे पूरी ट्रेन पटरी से उछल गई हो। नीचे देखा तो डंपर उलटा लटका था। वाराणसी निवासी यात्री चमन सिंह ने बताया पहले लगा कि बम धमाका हुआ है। कुछ यात्री तो घबराकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे।”

रेलवे ने ट्रेनों का रूट बदला

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने जानकारी दी कि ओएचई लाइन पूरी तरह टूटने के कारण सभी ट्रेनों को बाराबंकी–अयोध्या–मनकापुर रूट पर डायवर्ट किया गया है। गोरखपुर और बिहार से आने वाली ट्रेनों को भी वैकल्पिक मार्ग से लखनऊ भेजा जा रहा है।एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने कहा कि डंपर फतेहपुर की तरफ से तेज रफ्तार में आ रहा था, जो पुल की रेलिंग तोड़कर सीधा रेलवे लाइन पर जा गिरा। समय रहते ट्रेन रुक जाने से बड़ा रेल हादसा टल गया।
ड्रग्स के खिलाफ बड़ा कदम: सीएम योगी ने ANTF को और सशक्त करने के निर्देश दिए
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अवैध ड्रग नेटवर्क को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) को और अधिक प्रभावी, सक्षम और संसाधन-संपन्न बनाने के स्पष्ट निर्देश दिए। बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई केवल कानून-व्यवस्था का विषय नहीं बल्कि समाज और प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपराधियों को यह सख्त संदेश जाना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में अवैध ड्रग कारोबार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सभी थानों व यूनिटों में स्थायी मैनपॉवर की तैनाती के निर्देश

सीएम योगी ने बताया कि ANTF की संरचना को मजबूत करते हुए इसके 6 थानों और 8 यूनिटों में निरीक्षक, उपनिरीक्षक, आरक्षी, कंप्यूटर ऑपरेटर और अन्य आवश्यक मैनपॉवर की स्थायी तैनाती तत्काल पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि टीम को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाए ताकि कार्रवाई अधिक प्रभावी और पेशेवर ढंग से हो सके।

एएनटीएफ को आधुनिक तकनीक व डिजिटल सिस्टम से लैस किया जाएगा

मुख्यमंत्री ने एएनटीएफ को आधुनिक उपकरण, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम, उन्नत निगरानी संसाधन और अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित करने पर जोर दिया। उनका कहना था कि तकनीकी क्षमता बढ़ने से कार्रवाई तेज, सटीक और परिणामकारी होगी।प्रस्तावित थानों के लिए न्यायालय आवंटन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम मामलों की त्वरित सुनवाई और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि फोर्स के सभी थानों के लिए स्थायी भवन निर्माण भी आवश्यक है, जिससे कार्यप्रणाली और बेहतर होगी।

883 तस्कर गिरफ्तार किया

2023 से 2025 के बीच बड़ी कार्रवाई—310 मामले, 35 हजार किलो से अधिक ड्रग्स जब्त। बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार एएनटीएफ गठन के बाद कार्रवाई में महत्वपूर्ण सफलता मिली है।2023 से 2025 के बीच, 310 मुकदमे दर्ज, 35,313 किलो अवैध मादक पदार्थ जब्त, 883 तस्कर गिरफ्तार किया, जब्त माल की कीमत 343 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई

अब तक 2.61 लाख किलो ड्रग्स का विनष्टीकरण

समीक्षा के दौरान यह भी बताया गया कि सामान्य कार्रवाई के साथ-साथ बड़े नेटवर्क और माफियाओं पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है।पिछले तीन वर्षों में  2,61,391 किलो अवैध मादक पदार्थों का विधिसम्मत विनष्टीकरण किया गया, जिसका अनुमानित कीमत लगभग 775 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स का निस्तारण नियमित, पारदर्शी और विधिसम्मत तरीके से जारी रहना चाहिए ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना न रहे।

ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में समाज की भूमिका पर बल

मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट कहा कि ड्रग्स के खिलाफ संघर्ष केवल पुलिस या सरकार का काम नहीं है, बल्कि यह युवाओं की सुरक्षा, परिवारों की भलाई और समाज की जिम्मेदारी का मुद्दा है। उन्होंने परिवारों, शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन से सहयोग बढ़ाने की अपील की।उन्होंने कहा हमारी कोशिश है कि नशे की पहुंच किसी भी हालत में युवाओं तक न हो। कानून सख्त है और कार्रवाई और सख्त होगी।”
डीजीपी ने किया आगरा कमिश्नरेट स्थापना दिवस का वर्चुअल उद्घाटन, संवेदनशील पुलिसिंग पर जोर

लखनऊ । आगरा पुलिस कमिश्नरेट की स्थापना के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक  राजीव कृष्ण ने किया। इस अवसर पर उन्होंने पुलिस आयुक्त आगरा दीपक कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, सम्मानित नागरिकों और पत्रकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कमिश्नरेट व्यवस्था के अब तक के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।

साल 2020 में यूपी में कमिश्नरी प्रणाली लागू की गई थी

डीजीपी ने अपने संबोधन में कहा कि  मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश में पुलिस के प्रशासनिक ढांचे में ऐतिहासिक सुधार करते हुए कमिश्नरी प्रणाली लागू की गई थी। इसी क्रम में आगरा को तीन वर्ष पूर्व कमिश्नरेट का दर्जा दिया गया, जिसका उद्देश्य आमजन को अधिक प्रभावी, त्वरित और संवेदनशील पुलिस सेवा उपलब्ध कराना है।

कमिश्नरेट प्रणाली पहले से ही कई राज्यों में सफल मॉडल साबित हुई

उन्होंने बताया कि कमिश्नरेट प्रणाली पहले से ही देश के कई राज्यों में सफल मॉडल साबित हुई है। उत्तर प्रदेश में भी जहां-जहां यह व्यवस्था लागू की गई, वहाँ अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा, साइबर अपराधों से निपटने और शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिले हैं। डीजीपी ने कहा कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने भी इन सभी क्षेत्रों में प्रभावी कार्य किया है।

ट्रैफिक प्रबंधन और साइबर जागरूकता की सराहना

डीजीपी राजीव कृष्णा ने आगरा में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना के चलते उत्पन्न यातायात चुनौतियों पर चर्चा करते हुए, पुलिस द्वारा किए जा रहे सुगम यातायात प्रबंधन प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने आगरा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे साइबर अपराध जागरूकता अभियानों को भी अत्यंत महत्वपूर्ण बताया, जिनके माध्यम से नागरिकों को साइबर अपराधों के तरीकों और बचाव के उपायों की जानकारी दी जा रही है।

पुलिस कर्मियों को स्थापना दिवस पर डीजीपी ने दी शुभकामनाएं

कार्यक्रम के दौरान डीजीपी ने सभी उपस्थित नागरिकों, पत्रकारों और पुलिस कर्मियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इस अवसर पर यह संकल्प लिया जाना चाहिए कि कमिश्नरेट व्यवस्था के मूल उद्देश्योंजन शिकायतों का त्वरित निस्तारण, महिलाओं की सुरक्षा, अपराध नियंत्रण और संवेदनशील पुलिसिंग को निरंतर और बेहतर बनाया जाए।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज संविधान दिवस है, और संविधान नागरिकों के अधिकारों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को संविधान की भावना को आत्मसात करते हुए कार्य करने का आह्वान किया।
यूपी पुलिस का तकनीकी स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र, डीजीपी राजीव कृष्णा पहुंचे निरीक्षण को


लखनऊ । भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की डायमंड जुबली व 19वीं राष्ट्रीय जम्बूरी में उत्तर प्रदेश पुलिस का अत्याधुनिक तकनीक आधारित भव्य स्टॉल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने स्टॉल का निरीक्षण किया। इस दौरान महानिदेशक यूपी-112 नीरा रावत ने उन्हें मोमेंटो भेंट कर स्वागत किया।

19 पुलिस विभागों को एक ही मंच पर दिखाया गया

स्टॉल में यूपी पुलिस की आधुनिक तकनीक, त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र और इंटीग्रेटेड सुरक्षा मॉडल को प्रभावशाली तरीके से प्रदर्शित किया गया है। इसके अंतर्गत कुल 19 पुलिस विभागों को एक ही मंच पर दिखाया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से एटीएस, एसटीएफ, यूपी-112 और एसडीआरएफ की कार्यप्रणाली को विस्तार से समझाया गया। आगंतुकों को बताया गया कि कैसे ये इकाइयां मिलकर पूरे प्रदेश में मजबूत और समन्वित सुरक्षा कवच तैयार करती हैं।

तीन नये कानूनों को सरल तरीके से समझाया गया

स्टॉल में नए लागू तीन आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की मुख्य विशेषताओं और उनके प्रभाव को भी सरल रूप में समझाया गया, जिससे युवाओं और प्रतिभागियों को आधुनिक कानूनी ढांचे को समझने में आसानी हुई।

यूपी-112 की त्वरित सहायता प्रणाली मुख्य आकर्षण

स्टॉल का सबसे प्रमुख आकर्षण यूपी-112 की फास्ट रिस्पॉन्स सिस्टम रहा। ‘112 इंडिया ऐप’ के माध्यम से दुर्घटना, महिला सुरक्षा, आग, क्राइम और मेडिकल इमरजेंसी में तत्काल सहायता कैसे पहुंचती है—इसका डेमो भी दिया गया। मौके पर डीजी यूपी-112, डीजी साइबर क्राइम, एडीजी टेक्निकल और जीएसओ टू डीजीपी सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
लखनऊ के मडियांव में दाल कारोबारी के घर लाखों की चोरी
लखनऊ। काकोरी के चकौली गांव में सोमवार रात शादी समारोह में गए मौरंग-बालू कारोबारी के मकान में घुसे चोरों ने नकदी व जेवरात चोरी कर लिए। पीड़ित ने अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
चकौली निवासी अमित कुमार वर्मा मौरंग-बालू के कारोबारी हैं। वह सोमवार को परिवार सहित ससुराल में आयोजित शादी समारोह में शामिल होने गए थे, तभी देर रात मकान के पिछले गेट से फांदकर घुसे चोरों ने अलमारी में रखे 2.20 लाख की नकदी और पांच लाख के जेवरात चुरा लिए। चोरी से पहले चोरों ने पड़ोसियों के मकान में बाहर से कुंडी लगा दी थी, जिससे कोई बाहर न आ सके। मंगलवार सुबह घर पहुंचे छोटे भाई अमरेंद्र को कमरे के दरवाजे के ताले टूटे मिले। इंस्पेक्टर सतीश चंद्र राठौर ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज समेत अन्य पहलुओं पर जांच की जा रही है।
हेड कांस्टेबल के घर से लाखों की चोरी

लखनऊ । सरोजनीनगर क्षेत्र में चोरों ने हेड कांस्टेबल कृष्ण प्रताप सिंह के बंद मकान का ताला तोड़कर लाखों रुपये कीमत के गहने पार कर दिए। मामले की एफआईआर दर्ज कर पुलिस सीसीटीवी कैमरों के जरिये चोरों का सुराग लगाने में जुटी है।मूल रूप से प्रतापगढ़ के सराय आना देव निवासी पूनम सिंह सरोजनीनगर के अमौसी गंगानगर में मकान बनाकर परिवार के साथ रहती हैं। उनके पति कृष्ण प्रताप सिंह अयोध्या में तैनात हैं। पूनम सिंह 22 नवंबर को घर में ताला बंद कर परिवार सहित प्रतापगढ़ स्थित अपने गांव गई थीं। 24 नवंबर को जब वह लौटीं तो उन्हें मकान के दरवाजे के ताला टूटे होने के साथ अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा मिला। साथ ही अलमारियां टूटी थीं। अलमारी के अंदर रखें 25 लाख कीमत के गहने गायब मिले। थाना प्रभारी राजदेव प्रजापति का कहना है कि सूचना पर पुलिस ने मौके की जांच की है। पीड़िता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर सीसीटीवी कैमरों के जरिये चोरों का सुराग लगाया जा रहा है।
लखनऊ-सीतापुर हाईवे हादसा: 25 बार काल करने के बाद भी घायल युवक को  नहीं मिली सरकारी एंबुलेंस, पुलिस ने खुद अस्पताल पहुंचाया
लखनऊ । राजधानी में सड़क हादसे में घायल युवक को समय पर सरकारी एंबुलेंस न मिलने से गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ा। हाईवे किनारे तड़पते हुए घायल युवक संजय सिंह (बाराबंकी के जिंदरपुर निवासी) को पुलिसकर्मियों ने अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

अज्ञात वाहन के टक्कर माने से एक पैर और हाथ टूट गया था

संजय ने बताया कि शनिवार को वह लखनऊ-सीतापुर हाईवे स्थित पेट्रोल पंप के पास अपने ई-रिक्शा की मरम्मत करा रहे थे। मंगलवार को करीब पौने 12 बजे पान मसाला की दुकान से लौटते समय अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में उनका एक पैर और एक हाथ टूट गया, साथ ही कई अन्य चोटें भी आई।स्थानीय लोगों और परिजनों ने 108 कंट्रोल रूम पर बार-बार कॉल कर एंबुलेंस की मांग की, लेकिन तीन घंटे में 25 बार से अधिक कॉल करने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली।

सूचना देने के बाद भी नहीं पहुंची एंबुलेंस

पुलिस को सूचना देने के बाद भी एंबुलेंस देर तक नहीं आई, जिसके कारण पुलिस ने संजय को अपने वाहन से साढ़ामऊ स्थित राम सागर मिश्र अस्पताल पहुँचाया।डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद संजय को ट्रॉमा सेंटर रेफर किया। स्थानीय निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि अस्पताल और उनके प्रयासों के बावजूद सरकारी एंबुलेंस तक पहुँचने में करीब तीन घंटे लग गए।राम सागर मिश्र अस्पताल के पास दो एंबुलेंस उपलब्ध होने के बावजूद घायल मरीज को इसका लाभ नहीं मिला। अस्पताल के सीएमएस ने कहा कि इस मामले में एमरजेंसी स्टाफ से जवाब माँगा जाएगा।
गोमतीनगर में 19 वर्षीय अफसरी बानो की संदिग्ध मौत, लिवइन पार्टनर संदेह में
लखनऊ । राजधानी के गोमतीनगर में शनिवार को रायबरेली की रहने वाली 19 वर्षीय अफसरी बानो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। अफसरी की पहचान मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस में उनके भाई रईस ने की। आरोप है कि अफसरी की हत्या उनके लिवइन पार्टनर ने की।रईस ने बताया कि दो माह पहले उनकी बहन रायबरेली के ही युवक के साथ गोमतीनगर आ गई थी और तब से दोनों लिवइन में रह रहे थे। शनिवार को युवक ने घरवालों को कॉल कर कहा कि अफसरी ने फंदा लगा लिया है। इसके बाद उसने अफसरी को लोहिया अस्पताल ले जाकर छोड़ दिया और चला गया। अफसरी कुछ देर बाद ही मौत के मुंह में चली गई।

पुलिस पता करने में जुटी की मामला आत्महत्या है या हत्या

घटना के समय अफसरी के पास कोई पहचान दस्तावेज नहीं था, इसलिए विभूतिखंड पुलिस ने शव को अज्ञात के रूप में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रईस ने बताया कि लिवइन पार्टनर का मोबाइल शनिवार रात से बंद है।इंस्पेक्टर गोमतीनगर ब्रजेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है, जबकि इंस्पेक्टर विभूतिखंड अमर सिंह ने बताया कि युवती के परिजन अभी तक पुलिस से संपर्क नहीं कर पाए हैं।पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश में है कि यह आत्महत्या है या हत्या।
लखीमपुर सड़क हादसा: शारदा सायफन में गिरी कार, पाँच की मौत, चालक घायल

लखनऊ । लखीमपुर खीरी जनपद में मंगलवार की आधी रात एक ऐसी दिल दहला देने वाली दुर्घटना हुई, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। बहराइच की ओर लौट रही एक ऑल्टो कार अचानक अनियंत्रित होकर शारदा सायफन में गिर गई। हादसा इतना भयंकर था कि कार में बैठे छह लोगों में से पाँच की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चालक को गंभीर हालत में जीवित निकाल लिया गया।

शादी समारोह में शामिल होने के बाद लौट रहे थे घर

यह घटना पढुआ थाना क्षेत्र के शारदा सायफन के पास देर रात लगभग 12 बजे हुई। जानकारी के मुताबिक सभी लोग लखीमपुर में आयोजित एक शादी समारोह से वापस अपने गांव लौट रहे थे। सफर के दौरान अचानक चालक को झपकी आ गई, जिससे वाहन ने नियंत्रण खो दिया और सीधे गहरे सायफन में जा समाया। कार पानी में डूबते ही अफरा-तफरी मच गई, लेकिन अंधेरा होने और पानी के तेज बहाव के चलते लोगों को बचाया नहीं जा सका।

रेस्क्यू अभियान चलाकर बाहर निकाल गया शव

सूचना मिलते ही पढुआ थाना प्रभारी अभिषेक सिंह अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद कार चालक बबलू पुत्र राजेश को बाहर निकाला गया और अस्पताल भेजा गया, जहाँ उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। लेकिन कार में सवार बाकी पाँच लोग पानी में डूबकर जान गंवा बैठे।हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग बहराइच जनपद के रहने वाले थे, जिनकी पहचान  जितेंद्र, पुत्र विपिन बिहारी, निवासी घाघरा बैराज, घनश्याम, पुत्र बल्लू, निवासी घाघरा बैराज, लालजी, पुत्र मेवा लाल, निवासी सीशियन पुरवा, अजीमुल्ला, निवासी गिरजापुरी, सुरेंद्र, पुत्र विशुसोखा, निवासी रामवृक्ष पुरवा के रूप हुई ।

पुलिस ने पांच शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा

पुलिस ने पाँचों के शवों को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह हादसा ड्राइवर की झपकी आने से वाहन के अनियंत्रित होने के कारण हुआ है, हालांकि अन्य कारणों की भी जांच की जा रही है। प्रशासन ने घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
30 नवंबर को 5 IPS और 4 PPS अधिकारी सेवानिवृत्त, पुलिस विभाग में बड़े बदलाव


लखनऊ । वर्ष 1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी और तिलोत्तमा वर्मा 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद लखनऊ जोन के एडीजी सुजीत पांडेय और जीआरपी के एडीजी प्रकाश डी. को क्रमशः डीजी के पद पर प्रोन्नत किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, डीजी बीएसएफ रह चुके दलजीत सिंह चौधरी को केंद्र सरकार सेवानिवृत्ति के बाद कोई अहम जिम्मेदारी दे सकती है।

ये आईपीएस अधिकारी हो रहे सेवानिवृत्त

बता दें कि 30 नवंबर को कुल पांच आईपीएस अधिकारी सेवा से मुक्त होंगे। इनमें दलजीत सिंह चौधरी और तिलोत्तमा वर्मा के अलावा पीएसी में डीआईजी अरुण कुमार श्रीवास्तव, राज्य कर में एसपी प्रकाश स्वरूप पांडेय, और तकनीकी सेवा शाखा में तैनात एसपी शिवाजी शामिल हैं।इसके साथ ही चार पीपीएस अधिकारी भी नवंबर अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें इटावा में डीएसपी अतुल प्रधान, आगरा पुलिस कमिश्नरेट में तैनात डीएसपी अमरदीप लाल, एंटी करप्शन में तैनात राम सेन सिंह, और पुलिस मुख्यालय में तैनात छोटे सिंह शामिल हैं।

अाईपीएस सुजीत पांडेय को मिलेगा DG पद

इस बदलाव के बाद प्रदेश में पुलिस प्रशासन में नए नेतृत्व की नियुक्ति होगी और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यभार का हस्तांतरण होगा। अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के साथ प्रशासनिक क्रम में बदलाव और विभागीय कार्यों में नए दृष्टिकोण की उम्मीद जताई जा रही है। बता जा रहा है कि लखनऊ जोन के एडीजी सुजीत पांडेय को डीजी पद पर प्रोन्नत किया जा सकता है।