टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में शिक्षकों ने दिल्ली में किया ऐतिहासिक प्रदर्शन

गोंडा।शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने की तिथि से पूर्व के सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता से छूट दिए जाने की माँग को लेकर आज देशभर के २२ राज्यों के करीब एक लाख से अधिक शिक्षकों ने आज दिल्ली के जंतर- मंतर पर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। २८ शिक्षक संगठनों के द्वारा संयुक्त रूप से गठित अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनरतले शिक्षकों ने सरकार को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि संसद के शीतकालीन सत्र में सेवारत शिक्षकों को टीईटी से मुक्त किए जाने संबंधी संशोधित अध्यादेश पारित नहीं किया जाता है तो देशभर के लाखों अध्यापक संसद का घेराव करेंगे।

आरटीई लागू होने से पूर्व के नियुक्त अध्यापकों को टीईटी से छूट दिए जाने का अध्यादेश पारित किया जाए। धरना प्रदर्शन में अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक बासवराज गुरिकर, सह संयोजक एवं यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष कारण राजेन्द्र सिंह राठौर, प्रदेश संगठन मंत्री यादवेन्द्र शर्मा ने संबोधित किया वहीं यूटा के जिलाध्यक्ष रवि प्रकाश सिंह ,जिला संरक्षक हेमंत तिवारी,महामंत्री आत्रेय मिश्रा,विपिन मिश्रा कोषाध्यक्ष चंदन सिंह,बृजभूषण पांडेय,अरुण मिश्रा,गिरीश पांडेय सहित सहित सैंकड़ो की संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने प्रभावी प्रतिभागिता की कर शिक्षकों की आवाज को बुलन्द किया।

रेल पथ निरीक्षक संतोष चौरसिया निलम्बित

गोंडा।जिले में तीन महीने में तीन मालगाड़ियों के डिब्बे और इंजन बेपटरी होने के बाद रेलवे विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रेल पथ निरीक्षक (pwi) संतोष चौरसिया को निलम्बित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिये गये हैं।रेलवे के अधिकारी सुरक्षित ट्रेन संचालन का दावा करते रहे हैं परन्तु इन घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है।बताते चलें कि पहली घटना 24 सितंबर को हुई थी।रेलवे यार्ड के मुख्य यार्ड मास्टर दफ्तर के पास लाइन नंबर 24 से बीसीएम लखनऊ जाते समय मालगाड़ी के पहले इंजन के चारों पहिये ट्रैक से उतर गये थे।

इस घटना के कारण शंटिंग का कार्य लगभग 5 घंटे तक बाधित रहा था।दूसरी घटना 1 नवंबर को सामने आई।जिसमें पत्थर की गिट्टी से लदी एक मालगाड़ी गोंडा की मेन लाइन नंबर 4 से कचेहरी की तरफ जा रही थी,तभी उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गये थे जिसके कारण ट्रेनों का संचालन तीन घंटे तक प्रभावित रहा था।तीसरी घटना हाल ही में 14 नवंबर को रात को हुई।रेलवे यार्ड के ट्रैक संख्या 45 पर शंटिंग कर रही मालगाड़ी का एक डिब्बा पटरी से उतर गया था।

इन तीनों घटनाओं को लेकर अलग अलग जांच कमेटियों का गठन किया गया था,जिनके रिपोर्ट के आधार पर रेलवे विभाग ने कार्रवाई की है।इस संबंध में रेलवे विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक शिव शंकर प्रसाद ने बताया कि तीन घटनाएं सामने आने के बाद रेल पथ निरीक्षक संतोष चौरसिया को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश दिये गये हैं और रेलवे अपने स्तर पर भी अलग से जांच करा रहा है।

आयुक्त ने विकास भवन व तहसील में किया मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य का निरीक्षण

*शहर के कई पोलिंग बूथों पर पहुंचकर आयुक्त ने बीएलओ से लिया डिजिटाइजेशन कार्य का फीडबैक

गोण्डा।देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने सोमवार की शाम मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने सबसे पहले विकास भवन, गोण्डा पहुंचकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और पुनरीक्षण कार्य को तेज गति से गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। आयुक्त ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी प्रक्रियाएं पूर्ण हों, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी फील्ड स्तर पर सतर्कता रखें।समीक्षा के बाद आयुक्त श्री सुशील तहसील सदर पहुंचे, जहां उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम के साथ पुनरीक्षण कार्यक्रम की वास्तविक प्रगति का निरीक्षण किया। उन्होंने अभिलेखों, फार्मों और प्रगति रिपोर्ट को बारीकी से जांचते हुए निर्देशित किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इसके उपरांत आयुक्त ने शहर गोंडा के पोलिंग बूथ संख्या 89, 86, 88 और 83 का स्थलीय निरीक्षण किया। यहां उन्होंने पुनरीक्षण कार्य में लगे बीएलओ से फार्मों के डिजिटाइजेशन की स्थिति, नए मतदाताओं के पंजीकरण और त्रुटि संशोधन से संबंधित जानकारी ली। आयुक्त ने बीएलओ को निर्देश दिया कि प्रत्येक फार्म का समय पर सत्यापन एवं डिजिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए, ताकि मतदाता सूची शुद्ध और अद्यतन बनाई जा सके।

संदिग्ध परिस्थितियों में बीएलओ ने खाया जहर,गंभीर हालत में लखनऊ रिफर

अधिकारियों पर दबाव का आरोप

गोंडा।जिले के तरबगंज तहसील अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय जैतपुर माझा में तैनात सहायक अध्यापक व बीएलओ विपिन यादव ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खा लिया।जहर खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई,जिसके बाद उन्हें आनन फानन में नवाबगंज स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहाँ विपिन यादव की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें गोंडा मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया जहाँ से बेहतर इलाज के लिए लखनऊ रिफर कर दिया गया।घटना की जानकारी होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन,उप जिलाधिकारी सदर अशोक कुमार व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर रश्मि वर्मा जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज पहुंची।उन्होंने विपिन यादव का स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त किया।जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने लखनऊ में उनके इलाज के लिए संबंधित अधिकारियों से बात किया और एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें लखनऊ भेजा गया।इलाज के दौरान सहायक अध्यापक विपिन यादव का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर उपजिलाधिकारी तरबगंज, खंड विकास अधिकारी नवाबगंज और लेखपाल द्वारा उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा था उन्होंने कहा कि इसी से परेशान हो कर जहर खाया है।यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है,जिसमें उनकी पत्नी सीमा यादव उनसे पूछताछ कर रही हैं।इस पूरे मामले पर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि सहायक अध्यापक विपिन यादव कुछ पारिवारिक कारणों से परेशान थे,जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर दबाव बनाने के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया।मामले की जांच की जा रही है पारिवारिक माहौल में यहाँ मतदाता पुनरीक्षण कार्य चल रहा है।किसी भी कर्मचारी अथवा व्यक्ति के ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है।विपिन यादव और उनके परिजनों को इस तरीके का बयान देने के लिए लोगों द्वारा उकसाया गया है।विपिन यादव के बुथ पर लगभग 700 वोट था और 350 गणना प्रपत्र इनके द्वारा भरा जा चुका है।यह कार्य भी अच्छा कर रहे थे उनके ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया गया है।इन्हें बीएलओ ड्यूटी से भी हटा दिया गया है पत्नी की भूमिका पूरे प्रकरण में संदिग्ध है उसकी भी जांच कराई जा रही है।कल देर शाम इन्होंने जहर खाया है और पूरा प्रशासन इलाज में लगा हुआ है।

बारात ले जा रही बोलेरो में लगी आग, बारातियों ने कूद कर बचाई जान

हरि ओम हॉस्पिटल के पास हुआ हादसा

गोंडा।जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी दूर धानेपुर नगर पंचायत क्षेत्र में सोमवार देर रात एक बड़ा हादसा होते होते टल गया।हरि ओम हॉस्पिटल के पास एक बोलेरो गाड़ी में आग लगने से हड़कम्प मच गया।बताया जा रहा है कि बोलेरो बलरामपुर जिले के हुसैनाबाद दुल्हिया गांव से बारात लेकर गंतव्य स्थान की। तरफ जा रही थी।बारातियों से भरी गाड़ी में जैसे ही आग की चिंगारी दिखी,उसमें बैठे लोगों में अफरातफरी मच गई और सभी बारातियों ने गाड़ी से उतरकर अपनी जान बचाई।मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बोलेरो गाड़ी सड़क पर सामान्य गति से चल रही थी कि तभी बोनट की तरफ से धुंआ उठने लगा जिसे देखकर चालक ने तत्काल गाड़ी को सड़क किनारे खड़ी कर दिया और कुछ ही क्षणों में गाड़ी की वायरिंग आग की चपेट में आ गई और आग ने विकराल रुप धारण कर लिया।जिसको देखकर मौके पर मौजूद लोगों ने मिट्टी और पानी डालकर आग को फैलने से रोका परिणामस्वरूप ग्रामीणों की तत्परता और समझदारी से एक बड़ी दुर्घटना टल गई अन्यथा की दृष्टि में गाड़ी में मौजूद लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती थी।घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति का जायजा लिया।सूत्रों की मानें तो शार्ट सर्किट के कारण वाहन की वायरिंग में आग लगना प्रतीत हो रहा है।वाहन में बैठे बाराती पूरी तरह से सुरक्षित हैं और कोई जनहानि नहीं हुई है।हालांकि गाड़ी की पूरी वायरिंग और इंजन कम्पार्टमेन्ट का एक बड़ा हिस्सा जलकर नष्ट हो गया है।देर रात हुई इस घटना ने क्षेत्र में चिंता का माहौल पैदा कर दिया।ग्रामीणों के अनुसार यदि आग कुछ देर और फैलती तो आसपास खड़ी अन्य गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ सकती थीं।

21 साल पुराने मामले में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भेजे गये जेल

भगोड़ा घोषित होने के पश्चात कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

गोंडा।गोंडा के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष निर्मल श्रीवास्तव उर्फ रुपेश ने लगभग दो दशक पुराने मामले में आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।आगजनी, बलबा व उपद्रव भड़काने के मामले में न्यायालय में लगातार अनुपस्थित रहने के कारण न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।आत्मसमर्पण के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें तत्काल न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।यह मामला लगभग दो दशक से अधिक पुराना है।जिसमें निर्मल श्रीवास्तव पर आगजनी, उपद्रव और दंगा भड़काने समेत कई गंभीर आरोप दर्ज हैं।मुकदमे की सुनवाई के दौरान कई बार तलब किये जाने के बावजूद पूर्व पालिका चेयरमैन अदालत में हाजिर नहीं हुए थे।पूर्व चेयरमैन की लगातार गैरहाजिरी को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह ने पूर्व नगर पालिका चेयरमैन को भगोड़ा घोषित कर दिया था।जिसके बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही थी।न्यायालय ने पहले उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया था और जब वारंट का तामील नहीं हो सका तो अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए निर्मल श्रीवास्तव की चल व अचल सम्पति कुर्क करने का आदेश भी जारी किया था।इसके अतिरिक्त न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल को भी इस नोटिस का व्यक्तिगत रूप से पालन कराने और पूर्व चेयरमैन को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था।पुलिस की लगातार बढ़ती सक्रियता एवं सम्पत्ति कुर्की के आदेश के दबाव के चलते निर्मल श्रीवास्तव ने आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक प्रार्थना पत्र देकर आत्मसमर्पण किया।गोंडा नगर कोतवाली पुलिस भी पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार करने के लिए लगातार दबिश दे रही थी।लेकिन पुलिस के पकड़ने से पहले ही उन्होंने कोर्ट में हाजिर होना उचित समझा।जेल भेजे जाने से पहले निर्मल श्रीवास्तव ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान किया जाये।अब 21 साल पुराने इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जेल भेजे जाने के बाद प्रारम्भ होगी और न्यायालय द्वारा तय की जाएगी।

हस्तिनापुर में नियमों को ताक पर रखकर खड़ी हो रहीं स्कूलों की अवैध इमारतें, बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

हस्तिनापुर,गोंडा। हस्तिनापुर क्षेत्र में शिक्षा के नाम पर लापरवाही और नियमों की खुली धज्जियाँ उड़ाने का सिलसिला लगातार जारी है। सूत्रों के अनुसार हस्तिनापुर क्षेत्र में दर्जनों निजी स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने बिना मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की आवश्यक परमिशन के बहुमंज़िला इमारतें खड़ी कर दी हैं। हालात यह हैं कि कई स्कूलों में भवन निर्माण मानकों का जरा भी पालन नहीं किया गया है।

सबसे गंभीर बात यह सामने आई है कि इन इमारतों में आग से सुरक्षा को लेकर जरूरी अग्निशमन इंतज़ाम मौजूद नहीं हैं। न ही ऊँची इमारतों में लिफ्ट की व्यवस्था की गई है, जिससे बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। कुछ स्कूलों में तो केवल टीन शेड डालकर कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं, जो तेज हवा, बारिश या आग जैसी स्थिति में बड़े हादसे को आमंत्रित कर सकती हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि मनमानी फीस वसूलने वाले स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद गैर–जिम्मेदार रवैया अपना रहे हैं। लेट फीस पर पेनल्टी लेने वाले ये स्कूल खुद अपनी बिल्डिंग को नियमों के अनुसार सुरक्षित बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इससे अभिभावकों में भी भारी आक्रोश है, क्योंकि बच्चे रोज़ाना ऐसे जोखिमपूर्ण माहौल में पढ़ाई करने मजबूर हैं।

सबसे बड़ा सवाल एमडीए की भूमिका पर खड़ा हो रहा है। शिकायतों के बावजूद प्राधिकरण द्वारा न तो इन विशाल अवैध निर्माणों की जांच की गई और न ही किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही। इससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि क्या बिना अधिकारियों की अनदेखी के इतने बड़े निर्माण संभव हैं? क्या नियमों का खुला उल्लंघन होने के बावजूद संबंधित विभाग वाकई अनजान हैं?

समाजसेवी संगठनों और क्षेत्रवासियों ने इन अवैध निर्माणों को बच्चों की सुरक्षा के साथ सीधा खिलवाड़ बताते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन नहीं जागा, तो किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिसके लिए जिम्मेदार लोगों को बच पाना मुश्किल होगा।

कुल मिलाकर, हस्तिनापुर में शिक्षा के नाम पर हो रहा यह लापरवाही भरा खेल जनसुरक्षा से खिलवाड़ है, जिस पर तत्काल रोक लगाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

रिश्वतखोरी में जिला समन्यवकों पर कार्यवाही नहीं

बीएसए पर कार्यवाही के बाद जिला समन्वयकों पर कार्यवाही की मांग

गोंडा।जिले का बेसिक शिक्षा विभाग रिश्वतखोरी के एक मामले को लेकर सुर्खियों में है।इस प्रकरण में पहले ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी को निलम्बित कर दिया गया है।हालांकि मामले में शामिल दो जिला समन्यवकों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही न होने से शिक्षा विभाग पर सवाल उठ रहे हैं।शिकायतकर्ता मनोज कुमार पाण्डेय ने इन दोनों जिला समन्वयकों के खिलाफ भी तत्काल कार्यवाही की मांग की है।शिकायतकर्ता मनोज पाण्डेय का आरोप है कि अतुल कुमार तिवारी ने इन्हीं दोनों समन्वयकों के माध्यम से रिश्वत ली थी।पाण्डेय ने सरकार से उनके खिलाफ भी कठोर कार्यवाही करने की अपील की है।शिकायतकर्ता के अनुसार,स्कूलों में फर्नीचर सप्लाई के नाम पर जिला समन्वयक निर्माण विद्या भूषण मिश्रा और जिला समन्वयक जैम पोर्टल प्रेम शंकर मिश्रा ने चार चार लाख रुपए रिश्वत लिया था।वहीं निलम्बित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी पर 22 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है।शिकायतकर्ता का दावा है कि रिश्वत देने के बावजूद उनकी फर्म को काम नहीं दिया गया,बल्कि उसकी फर्म को कालीसूची में डालकर नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया।एंटी करप्शन कोर्ट गोरखपुर के आदेश पर दोनों जिला समन्यवकों के खिलाफ नगर कोतवाली गोंडा में भ्रष्टाचार सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।इसके बावजूद अभी तक इव सभी लोगों पर कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है।इस संबंध में जिले के प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डाक्टर रामचंद्र ने बताया कि पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है तथा साथ ही विभागीय जांच जारी है।उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे,उनके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।शासन द्वारा भई इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है और जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

गोंडा अयोध्या सीमा आगामी 36 घंटे के लिए हुई सील

*प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के मद्देनजर रूट डायवर्जन,सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद

गोंडा।अयोध्या में राम मंदिर पर होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर गोंडा अयोध्या की सीमा को 26 नवंबर की रात्रि 8 बजे तक के सील कर दिया गया है।यह सीलिंग आज देर रात 12 बजे से प्रभावी हो गई है।कटरा शिवदयालगंज तिराहे पर बैरिकेडिंग लगाई गई है, जिससे गोंडा से अयोध्या और अयोध्या से गोंडा की तरफ किसी भी वाहन को आने जाने की अनुमति नहीं है।गोंडा अयोध्या सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं।आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के आईडी कार्ड की जांच की जा रही है और उनकी जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जा रही है।सीमा पर ड्रोन कैमरे व सीसीटीवी कैमरों से भी लगातार निगरानी की जा रही है।संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की सघन चेकिंग की जा रही है।होटल, ढाबों व कटरा रेलवे स्टेशन पर भी विशेष सुरक्षा की जांच की जा रहा है।सरयू नदी के निचले इलाकों में पुलिसकर्मी लगातार पैदल मार्च कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।गोंडा से अयोध्या की तरफ जाने वाले मालवाहक वाहन जैसे ट्रक,ट्रैक्टर व डीसीएम का रूट लकड़मण्डी से लालपुर होते हुए बस्ती की तरफ डायवर्ट किया गया है।खुफिया विभाग द्वारा भी अयोध्या से सटे क्षेत्रों में लगातार नजर रखी जा रही है।वहाँ पर भी आने वाले संदिग्ध लोगों की चेकिंग की जा रही है।गोंडा के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अयोध्या दौरे के मद्देनजर गोंडा अयोध्या सीमा को सील किया गया है।26 नवंबर देर रात तक भारी वाहन गोंडा अयोध्या सरयू पुल से अयोध्या नहीं जा सकेंगे,उन्हें नए सरयू पुल का उपयोग करना होगा।पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि वह स्वयं और अन्य पुलिस अधिकारी लगातार बार्डर का निरीक्षण कर रहे हैं,ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही है और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

*एसआईआर फॉर्म डिजिटाइजेशन के प्रगति का औचक निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने ली जानकारी*

गोण्डा ।जिला निर्वाचन अधिकारी /जिलाधिकारी गोण्डा श्रीमती प्रियंका निरंजन ने तहसील सदर गोण्डा, विकास खण्ड झंझरी तथा विकास खण्ड पण्डरीकृपाल में एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन कार्य की प्रगति का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभिन्न केंद्रों पर चल रहे फॉर्म संकलन व फीडिंग की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों से कार्य की गति को लेकर आवश्यक पूछताछ की।

जिलाधिकारी ने एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन को निर्वाचन कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह कार्य समयबद्ध, शतप्रतिशत गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि फार्मों का संकलन, सत्यापन एवं डिजिटाइजेशन कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार नहीं की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान तहसील सदर गोण्डा में कार्य की कम प्रगति सामने आई, तो जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने उपजिलाधिकारी सदर एवं संबंधित कर्मचारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वे तत्काल प्रभाव से कार्य की गति तेज करें तथा सुनिश्चित करें कि सभी एसआईआर फार्मों का शतप्रतिशत संकलन एवं फीडिंग समय पर पूर्ण हो जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक कर्मचारी को उसकी जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से सौंपते हुए प्रगति की समीक्षा की जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही की स्थिति पाई जाने पर उत्तरदायित्व तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ब्लॉक और तहसील स्तर पर टीमों को सक्रिय किया जाए, फील्ड में जाकर लंबित फार्मों को तत्काल एकत्र कराया जाए और डिजिटाइजेशन कार्य निरंतर चलता रहे। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि निर्वाचन कार्यों में पारदर्शिता और शुचित्ता सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा इसमें बाधक बनने वाली किसी भी प्रकार की देरी या उदासीनता को गंभीरता से लिया जाएगा, और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं भी प्रगति की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी कार्य पूरी प्रतिबद्धता और दक्षता के साथ पूर्ण हो जाएँ। उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि यदि सभी टीमें समन्वय और सतत प्रयासों के साथ काम करेंगी, तो एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन का लक्ष्य समय पर पूरा किया जा सकेगा।