राम मंदिर ध्वजारोहणः आज संपूर्ण विश्व राममय है, ध्वज फहराने के बाद बोले पीएम मोदी

#ayodhyarammandirdhwajarohanceremony

Image 2Image 3Image 4Image 5

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। ऐतिहासिक ध्वजारोहण से ठीक पहले शेषावतार मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है।

बटन दबाते ही शीर्ष पर विराजमान हुआ ध्वज

अयोध्या राम मंदिर में पीएम मोदी के बटन दबाते ही झंडा धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता हुआ मंदिर के शीर्ष पर विराजमान हो गया। जैसे-जैसे झंडा ऊपर चढ़ता गया पीएम मोदी टकटकी लगाए उसे देखते रहे। पीएम मोदी इन पलों में भावुक नजर आए। ध्वजारोहण के समय सामने की कतार में साधु-संत बैठे हुए थे। वह भी भावुकता में अपने आंसू पोछते हुए नजर आए। इस कार्यक्रम में देश-दुनिया के करीब आठ हजार लोग आमंत्रित किए गए थे।

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबा ध्वज

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबे समकोण वाले तिकोने ध्वज पर एक चमकते सूरज की तस्वीर है, जो भगवान श्री राम की चमक और वीरता का प्रतीक है, और इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ‘ॐ’ लिखा है। पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट पर ध्वज फहराया।

सदियों की वेदना विराम पा रही है- पीएम मोदी

ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और बिंदु की साक्षी बन रही है। आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है। हर राम भक्त के हृदय में अपार अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। आज सदियों की वेदना विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है।

आज 500 साल के यज्ञ की पूर्णाहुति है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, राम मंदिर के शिखर पर फहरा रहा ये ध्वज भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का 'ध्वज' है। ये ध्वज सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार स्वरूप है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 साल तक प्रज्वलित रही। आज भगवान राम की ऊर्जा भव्य राम मंदिर के शिखर पर इस धर्म ध्वजा के रूप में स्थापित है।

अपने भीतर राम को जगाने का संकल्प लें- पीए मोदी

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें अपने अंदर राम को जगाना होगा। अपने भीतर के राम की प्राण प्रतिष्ठा करनी होगी। इस संकल्प के लिए आज से बड़ा सुअवसर कोई नहीं हो सकता। इसलिए, हम संकल्प लें कि अपने भीतर राम जगाएंगे।

इथियोपिया की ज्वालामुखी की राख पहुंची दिल्ली, कई उड़ानें रद्द, एडवाइजरी जारी

#ethiopiavolcanohugeashplumeeruptstowards_india

Image 2Image 3Image 4Image 5

इथियोपिया के हैली गुबी ज्वालामुखी में 12,000 साल बाद हुआ विस्फोट अब असर भारत तक देखा जा रहा है। इथियोपिया के अफार में हैली गुबी ज्वालामुखी में रविवार को विस्फोट हुआ। जिसके बाद राख का गुबार पूर्व की ओर फैलते हुए अरब सागर और भारत तक पहुंच चुका है, जिसका सीधा असर भारतीय उड़ानों पर पड़ रहा है। इसके चलते कई फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा है।

विमानों के लिए एडवाइजरी जारी

इथियोपिया के हैली गुबी ज्वालामुखी के राख रेड सी पार करती दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के ऊपर से गुजर रही है। घने बादल के कारण कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हुईं। समय रहते डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयरलाइनों को प्रभावित क्षेत्रों से बचने, रूट बदलने और सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

एयर इंडिया ने भी जारी किया बयान

एयर इंडिया ने कहा कि वह इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के बाद इलाके के कुछ हिस्सों में दिखे राख के बादलों पर करीब से नजर रख रही है। एयरलाइन ने कहा कि अभी उसके ऑपरेशन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है और वह अपने ऑपरेटिंग क्रू के साथ लगातार संपर्क में है। उसने कहा कि यात्रियों, क्रू और एयरक्राफ्ट की सुरक्षा पक्का करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। पूरे नेटवर्क में ग्राउंड टीमें भी यात्रियों की मदद कर रही हैं और उन्हें उनकी फ्लाइट की स्थिति के बारे में अपडेट दे रही हैं।

आकासा एयर ने कैंसिल की फ्लाइट

अकासा एयर ने बताया कि इथियोपिया में ज्वालामुखी की हलचल और उससे निकलने वाली राख के गुबार से आस-पास के एयरस्पेस पर असर पड़ने की वजह से 24 और 25 नवंबर, 2025 को जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए उसकी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं।

12,000 साल बाद फटा ज्वालामुखी

बता दें कि हैली गुबी ज्वालामुखी रविवार को लगभग 12,000 साल बाद फटा है। विस्फोट में उठी राख रेड सी पार करती हुई यमन, ओमान होती हुई अब अरब सागर और उत्तर भारत की ओर बढ़ गई। राख के घने हिस्से अब दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के ऊपर से गुजर रहे हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि राख बहुत ऊंचाई पर है, इसलिए जमीन पर वायु गुणवत्ता बिगड़ने की संभावना कम है। फिर भी निगरानी जारी है।

राम मंदिर ध्वजारोहणः अयोध्या पहुंचे पीएम मोदी, थोड़ी देर में रोड शो

#ayodhyaramtempleflaghoisting_ceremony

Image 2Image 3Image 4Image 5

राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 25 नवंबर को अयोध्या पहुंच गए हैं। पीएम मोदी का यह अयोध्या दौरा आध्यात्मिक रूप से बेहद खास है। यहां पीएम मोदी राम मंदिर के शिखर पर अभिजीत मुहूर्त में भगवा ध्वज फहराएंगे। ध्वाजारोहण का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है। ऐसा बताया जा रहा है कि 32 मिनट का यह शुभ योग भगवान श्रीराम के जन्म नक्षत्र अभिजीत मुहूर्त से मेल खाता है।

सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की आगवानी

साकेत कॉलेज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। साकेत कॉलेज के हेलीपैड पर ही प्रधानमंत्री की अगवानी की गई।

अयोध्या में सुरक्षा कड़ी

श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक ‘ध्वजारोहण’ समारोह के लिए अयोध्या में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। कार्यक्रम को लेकर 14 एसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई है। इतना ही नहीं, सुरक्षा में 30 ASP, 90 डिप्टी एसपी, 242 इंस्पेक्टर, 1060 एसआई, 80 महिला एसआई, 3090 पुरुष हेड कांस्टेबल, 448 महिला हेड कांस्टेबल के नेतृत्व में पुलिस बलों को तैनात किया गया है।

ट्रैफिक व्यवस्था भी मुस्तैद

साथ ही, कार्यक्रम के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए 16 टीआई, 130 टीएसआई और 820 ट्रैफिक सिपाही भी मुस्तैद रहेंगे। इनके अलावा एटीएस कमांडो की दो, एनएसजी स्नाइपर की दो, एंटी ड्रोन यूनिट की एक टीम भी तैनात की गई है. बम निरोधक दस्ते की 9 टीम, 15 स्पॉट चेक टीम,105 दरवाजा नुमा मेटल डिटेक्टर, 380 हाथ वाले मेटल डिटेक्टर के साथ चार साइबर कमांडो भी कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद किए गए हैं।

पर्दे पर सबसे चमकता सितारा, लेकिन राजनीति नहीं आई रास, जानें कैसा रहा सियासी सफर

#dharmendrahadgivenuppoliticswhyhedislikedpolitics

Image 2Image 3Image 4Image 5

बॉलीबुड के ही-मैन कहे जाने वाले धर्मेंद्र ने 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। धर्मेद्र के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी से लेकर बॉलीवुड के कई सेलेब्स ने दिग्गज अभिनेता को श्रद्धांजलि दी है।

अपने दमदार अभिनय के दम पर धर्मेद्र ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। यही नहीं उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। भारत के पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात के बाद उन्होंने पॉलिटिक्स में आने का फैसला लिया था। हालांकि, जल्द ही उनका राजनीति से मोहभंग हो गया। धर्मेंद्र का करियर सिनेमाई पर्दे पर जितना जादुई रहा उतना ही राजनीतिक पिच से वे निराश होकर लौटे।

बीकानेर से की राजनीतिक सफर की शुरुआत

धर्मेंद्र ने राजस्थान के बीकानेर से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बीकानेर सीट से वो भारतीय जनता पार्टी के सांसद रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से हराया था। इस चुनाव में धर्मेंद्र ने 57 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की और सांसद बन गए। उन्होंने इस संसदीय चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर लाल डूडी को हराया था।

आडवाणी के कहने पर आए राजनीति में

धर्मेंद्र ने राजनीति में आने का फैसला ले तो लिया, लेकिन पॉलिटिक्स उन्हें ज्यादा रास नहीं आई। आडवाणी के कहने पर राजनीति में आने वाले धर्मेंद्र का जल्द ही इससे मोहभंग हो गया। सांसद रहते हुए धर्मेंद्र भी ज्यादार समय मुंबई में व्यस्त रहते थे। इसे लेकर बीकानेर में उनकी काफी आलोचना भी हुई। शहर में उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगे थे। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। सांसद के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद धर्मेंद्र ने राजनीति को अलविदा कह दिया।

क्यों राजनीति से हुआ मोहभंग

कई इंटरव्यू में धर्मेंद्र स्पष्ट कह चुके हैं कि राजनीति की भाषा, उसके तौर-तरीके और उसके लोग उन्हें रास नहीं आए। उनका कहना था कि उन्होंने बीकानेर के लिए कई विकास कार्य करवाए, लेकिन सत्ता और सिस्टम की उलझनों में क्रेडिट किसी और के खाते में चला जाता था। फिर धर्मेंद्र ने खुलकर मान लिया, संसद और राजनीति मेरे बस की बात नहीं थी।

राजनाथ सिंह ने सिंध को बताया भारत का हिस्सा, पाकिस्तान को लगी मिर्ची, फिर अलापा कश्मीर राग

#pakistanrajnathsinghsindhremarksindiaculturalstatementpakistan_reaction 

Image 2Image 3Image 4Image 5

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से सिंधी समाज सम्मेलन में दिए गए एक बयान से पाकिस्तान को मिर्ची लगी है। भारत के रक्षा मंत्री ने पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए कहा था कि सभ्यतागत रूप से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहा है और सीमाएं बदल सकती हैं। इस बयान से पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान ने राजनाथ सिंह के इस बयान को खतरनाक और भड़काने वाला बताया है।

राजनाथ सिंह के बायन पर तिलमिलाया पाकिस्तान

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के संबंध में भारतीय रक्षा मंत्री की भ्रम से भरे और खतरनाक बदलाव की मांग करने वाली टिप्पणियों की पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है। बयान में कहा गया है कि भारतीय रक्षा मंत्री की तरफ से की गई टिप्पणी भारत की विस्तारवादी हिन्दुत्व वाली मानसिकता को दर्शाती है। पाकिस्तान ने कहा है कि राजनाथ सिंह का बयान पाकिस्तान की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून और 1947 में तय की गई सीमा के खिलाफ है।

पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग

राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कश्मीर और भारत के अल्पसंख्यकों को लेकर टिप्पणी की है। पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत को जम्मू-कश्मीर का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और स्थानीय लोगों की मंशा के मुताबिक करना चाहिए। पाकिस्तान ने भारत में अल्पसंख्यकों और पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रही हिंसा पर ध्यान देने की नसीहत दी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा था?

रक्षामंत्री ने सिंधी समुदाय द्वारा दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आडवाणी जी ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है कि सिंधी हिंदू, विशेषकर उनकी पीढ़ी के लोग, अब भी सिंध को भारत से अलग करने की बात को स्वीकार नहीं कर पाए हैं।'' पाकिस्तान का निर्माण 1947 में तत्कालीन भारत के विभाजन के परिणामस्वरूप हुआ था, और सिंधु नदी के पास का सिंध क्षेत्र तब से पाकिस्तान का हिस्सा है। उन्होंने कहा, केवल सिंध में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में हिंदू सिंधु नदी को पवित्र मानते थे। सिंध में कई मुसलमान भी मानते थे कि सिंधु नदी का पानी मक्का के आब-ए-जमजम (सबसे पवित्र जल) से कम पवित्र नहीं है।

भारत के 53वें सीजेआई बने जस्टिस सूर्यकांत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

#cjioathtakingceremonyjusticesuryakant53rdchiefjusticeof_india

Image 2Image 3Image 4Image 5

जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।

राष्ट्रपति ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) से दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। जस्टिस गवई ने रविवार को 65 साल की उम्र में सीजेआई का पद छोड़ दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को अपना उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा को बनाए रखा।

9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

हरियाणा के गांव से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ 'फर्स्ट क्लास फर्स्ट' से पास किया। वह 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए और इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।

महत्वपूर्ण मामले

1. चुनाव आयोग को बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।

2. उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

3. ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) को संविधानिक रूप से वैध माना और भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसरों का समर्थन किया।

4. जस्टिस कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने असम से संबंधित नागरिकता के मुद्दों पर धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखा था।

5. जस्टिस कांत दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया था।

जस्टिस सूर्यकांत का शपथ ग्रहण होगा ऐतिहासिक, 6 देशों के जज होंगे शामिल

#nextcjisuryakantswearingwillbe_different

सोमवार यानी 24 नवंबर को जस्टिस सूर्यकांत भारत के नए और 53वें चीफ जस्टिस (सीजेआई) के तौर पर शपथ लेने वाले हैं। राष्ट्रपति भवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया के सात देशों के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के जज शामिल होंगे। पहली बार ऐसा हो रहा कि राष्ट्रपति भवन में नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के शपथग्रहण के दौरान 6 देशों के चीफ जस्टिस, जज और उनके परिजन उपस्थित रहेंगे

Image 2Image 3Image 4Image 5

भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में पहला मौका

बार एंड बेंच की रिपोर्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत के शपथग्रहण समारोह में इस बार 6 देशों के एक दर्जन से ज्यादा जज और चीफ जस्टिस मौजूद रहेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब भारत के प्रधान न्यायाधीश के शपथग्रहण समारोह में न्यायपालिका से जुड़ा इतना बड़ा अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल उपस्थित रहेगा।

जस्टिस कांत के शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन शामिल होंगे?

डेलीगेशन में भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका से चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट के जज और उनके साथ आए परिवार के सदस्य शामिल होंगे। यहां देखिए पूरी लिस्ट

1. भूटान

• जस्टिस ल्योनपो नोरबू शेरिंग, भूटान के चीफ जस्टिस

• ल्हाडेन लोटे, भूटान के चीफ जस्टिस की पत्नी

2. केन्या

• जस्टिस मार्था कूमे, केन्या के सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस और प्रेसिडेंट

• जस्टिस सुसान न्जोकी न्दुंगु, केन्या के सुप्रीम कोर्ट की जज

3. मलेशिया

• जस्टिस टैन श्री दातुक नलिनी पथमनाथन, मलेशिया के फेडरल कोर्ट की जज

• पशुपति शिवप्रगसम, मलेशिया के फेडरल कोर्ट के जज की पत्नी

4. मॉरिशस

• जस्टिस बीबी रेहाना मुंगली-गुलबुल, मॉरिशस की चीफ जस्टिस

• रेबेका हन्ना बीबी गुलबुल, मॉरिशस के चीफ जस्टिस की बेटी

5. नेपाल

• जस्टिस प्रकाश मान सिंह राउत, नेपाल के चीफ जस्टिस

• जस्टिस सपना प्रधान मल्ला, जज, सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ नेपाल

• अशोक बहादुर मल्ला, जस्टिस सपना प्रधान मल्ला के पति

• अनिल कुमार सिन्हा, नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और अभी नेपाल सरकार में कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री;

• उर्सिला सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा की पत्नी।

6. श्रीलंका

• जस्टिस पी पद्मन सुरसेना, श्रीलंका के चीफ जस्टिस

• सेपालिका सुरसेना, श्रीलंका के चीफ जस्टिस की पत्नी

• जस्टिस एस. थुरैराजा, PC, जज, श्रीलंका- सुप्रीम कोर्ट

• शशिकला थुरैराजा, जस्टिस एस. थुरैराजा की पत्नी

• जस्टिस अहमद नवाज़, जज, सुप्रीम कोर्ट ऑफ श्रीलंका

• रिज़ान मोहम्मद धलिप नवाज़, जस्टिस अहमद नवाज़ की पत्नी

कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत?

जस्टिस सूर्यकांत सीजेआई बीआर गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं और उन्हें देश के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में नामित किया गया है। 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत को 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। इससे पहले वे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे। जस्टिस सूर्यकांत 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएट हुए। 1984 में उन्होंने रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली। इसके तुरंत बाद ही उन्होंने हिसार जिला अदालत से ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी।

जस्टिस सूर्यकांत के अहम फैसले

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत कई कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच का हिस्सा रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान वे संवैधानिक, मानवाधिकार और प्रशासनिक कानून से जुड़े मामलों को कवर करने वाले 1000 से ज्यादा फैसलों में शामिल रहे। उनके बड़े फैसलों में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के 2023 के फैसले को बरकरार रखना भी शामिल है। जस्टिस सूर्यकांत ने बिहार में SIR से जुड़े मामले की सुनवाई भी की। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता को रेखांकित करने वाले एक आदेश में जस्टिस सूर्यकांत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहर किए गए 65 लाख नामों की डीटेल सार्वजनिक की जाए

लाल किला ब्लास्ट जांच की आंच आईआईटी कानपुर तक, दो कश्मीरी छात्र लापता, 15 दिनों से कोई संपर्क नहीं

#iitkanpurtwokashmiriphdstudentsmissing

दिल्ली आतंकवादी हमले की जांच कर रही एजेंसियां आईआईटी कानपुर तक पहुंच गईं हैं। लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट के मामले में यूपी के कानपुर के डॉ. शाहीन और डॉ. आरिफ का कनेक्शन सामने आने के बाद से लगातार एटीएस, आईबी और पुलिस सक्रिय हैं। इसी क्रम में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। खुफिया एजेंसियों को शुक्रवार देर रात ये जानकारी मिली कि आईआईटी कानपुर से कश्मीर मूल के 2 पीचडी छात्र दिल्ली ब्लास्ट के पहले से लापता हैं।

Image 2Image 3Image 4Image 5

कश्मीरी मूल के छात्रों के सत्यापन में चौंकाने वाला खुलासा

दिल्ली हमले की आरोपी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पूर्व में तैनात रही डॉ. शाहीन पहले अरेस्ट की जा चुकी है। इसके बाद जांच एजेंसियां कार्डियोलॉजी से डॉक्टर मो. आरिफ को पहले ही ले जा चुकी हैं। जांच एजेंसियां इन दोनों के करीबियों की तलाश कर रही हैं। जांच के दौरान कश्मीरी मूल के नागरिक और छात्र भी जांच के दायरे में आए थे। इसी आधार पर पिछले दिनों शहर में पढ़ रहे कश्मीरी मूल के छात्र छात्राओं का ब्यौरा मांगा गया था। अब नई जानकारी आईआईटी से सामने आई है। कश्मीरी मूल के दो पीएचडी छात्र लापता हैं।

थीसिस जमा करने के बाद आईआईटी के संपर्क में नहीं

जानकारी के मुताबिक एक छात्र 18 अक्टूबर से लापता है, जबकि दूसरा छात्र बीते 10 नवंबर से लापता है। दोनों लापता छात्र इस समय कहां हैं, एजेंसियां इसकी जानकारी जुटा रही हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि दोनों ने शोध पूरी करने के बाद अपनी थीसिस जमा कर दी है। इसके बाद से वह आईआईटी के संपर्क में नहीं हैं, लेकिन दोनों छात्र कहां हैं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। एजेंसियां पूरे मामले की जांच ने जुटी हैं।

तुर्की-चाइना मेड हथियार से दिल्ली दहलाने की थी साजिश, इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

#delhicrimebranchbustedpakistanisibackedinternationalweaponssmugglingracket

Image 2Image 3Image 4Image 5

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तान की एक और घातक साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था।

तस्करों के पास से क्या-क्या हुआ बरामद?

डीसीपी संजीव कुमार यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियार सप्लाई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गैंग के चार मुख्य ऑपरेटिवों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के सदस्यों कोके पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। ये हथियार दिल्ली और आसपास के राज्यों में बदमाशों और गैंगस्टरों तक पहुंचाए जा रहे थे।

आईएसआई के इशारों पर कर रहे था काम

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े लोगों के इशारे पर काम कर रहा था। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में भेजी गई थी, जो बताती है कि दुश्मन कितनी आधुनिक तकनीक से आतंक फैलाने की तैयारी में था।

आरोपी पंजाब-यूपी और दिल्ली के

इन गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय उर्फ मोनू के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी पंजाब, यूपी और दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पहले हथियार पाकिस्तान पहुंचाए जाते, फिर वहां से तस्करी कर भारत की सीमा के अंदर लाए जाते थे।

लाल किला धमाके के बाद सतर्क हुईं एजेसियां

बता दें कि बीते 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की घटना के बाद एजेसियों ने अपनी निगरानी और पैनी कर दी है। हर एक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंक से संबंध रखने वाले हर किसी की धर-पकड़ की जा रही है। लाल किला धमाके की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

पीएम मोदी ने जोहान्सबर्ग में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई बात

#pmmodiholdsbilateralmeetingwithaustralianpmanthony_albanese

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जोहानिसबर्ग में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात की तथा दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचने के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अल्बनीज से मुलाकात की। 

Image 2Image 3Image 4Image 5

पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए तीन दिन की दक्षिण अफ्रीका यात्रा पर हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज से मिले। दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल्स), व्यापार और निवेश, शिक्षा और जन–संपर्क जैसे अनेक क्षेत्रों में सहयोग की प्रगति की समीक्षा की।

पीएम मोदी ने कहा- हमारा सहयोग और गहरा हुआ

मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बानीज के साथ मीटिंग बहुत अच्छी रही। इस साल, हमारे देशों के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के 5 साल पूरे हो रहे हैं और इन सालों में ऐसे बड़े बदलाव आए हैं जिनसे हमारा सहयोग और गहरा हुआ है। आज हमारी बातचीत में, तीन खास सेक्टर पर ज़ोर दिया गया, डिफेंस और सिक्योरिटी, न्यूक्लियर एनर्जी और ट्रेड, जहां रिश्तों को और बढ़ाने की बहुत ज़्यादा गुंजाइश है। जिन दूसरे सेक्टर पर बात हुई उनमें एजुकेशन, कल्चरल लेन-देन और भी बहुत कुछ शामिल था।

ऑस्ट्रेलिया के पीएम बोले- भारत करीबी दोस्त और साझेदार

बैठक के दौरान अल्बनीज़ ने कहा, हमारे बीच गहरे संबंध हैं और आर्थिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने की जरूरत है। रक्षा व सुरक्षा सहयोग भी भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाद में सोशल मीडिया पर अल्बनीज ने लिखा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत करीबी दोस्त और साझेदार हैं, और व्यापार से लेकर रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा और स्वच्छ ऊर्जा तक संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं।