अहमदाबाद विमान हादसे में 265 लोगों की मौत, सरकार जांच के लिए बनाएगी हाई लेवल कमेटी

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एयर इंडिया का लंदन जा रहा प्लेन गुरुवार दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद क्रैश हो गया। इस हादसे में 265 लोग मारे गए। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और 12 क्रू मेंबर्स समेत 241 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, डिप्टी कमिश्नर कानन देसाई ने देर रात बताया कि 265 लोगों की मौत हुई है।

265 शव अस्पताल पहुंचे

पुलिस डिप्टी कमिश्नर कानन देसाई ने कहा कि हमें प्राप्त संदेश के अनुसार 265 शव अस्पताल पहुंच चुके हैं। इनमें 241 विमान सवारों के अलावा 4 एमबीबीएस छात्र और एक डॉक्टर की पत्नी भी शामिल हैं। बाकी शवों की पहचान की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी से पता चला कि विमान ने रनवे 23 की पूरी लंबाई का उपयोग करते हुए उड़ान भरी, जो 11,499 फीट लंबी पट्टी है, और मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया। हालांकि, उड़ान भरने के एक मिनट से भी कम समय में विमान का सिग्नल खो गया।

केंद्र सरकार ने बड़ा कदम

अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) को जांच सौंपी गई है। यह जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के प्रोटोकॉल के तहत की जाएगी।

विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति करेगी

नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की ओर से निर्धारित प्रोटोकॉल के लिहाज से विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। नायडू ने एक्स पर पोस्ट किया कि इसके अलावा, सरकार इस घटना की गहन जांच के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर रही है। उन्होंने बताया कि समिति विमानन सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम करेगी।

क्रैश होने के बाद हॉस्पिटल की बिल्डिंग से टकराई प्लेन

बता दें कि फ्लाइट नंबर AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ करने के कुछ मिनटों बाद ही एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हो गया। आग लगते ही विमान 2.5 किमी दूर बीजे मेडिकल एंड सिविल हॉस्पिटल की बिल्डिंग से जा टकराया। इस बिल्डिंग में अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते हैं। हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे, इनमें 15 से ज्यादा घायल हो गए हैं।

वहीं विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे।

मुंबई में बड़ा ट्रेन हादसा, चलती गाड़ी से गिरे 10 लोग, 3 की मौत की आशंका

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महाराष्ट्र के ठाणे में लोकल ट्रेन में बड़ा हादसा हुआ है। ठाणे के मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास मुंब्रा-दिवा रेलवे लाइन पर सोमवार सुबह 9:30 बजे एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें सीएसएमटी की ओर जा रही एक फास्ट लोकल ट्रेन से 10 से 12 यात्री ट्रैक पर गिर पड़े।खबरों की मानें तो इस घटना में 3 यात्रियों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायलों को नजदीकि अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार ट्रेन से गिरने की वजह से 3 यात्रियों की मौत की आशंका है। ठाणे जीआरपी की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अर्चना दुसाने ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन को अलर्ट किया गया। उन्होंने कहा-ट्रेन में क्षमता से ज्यादा भीड़ थी, इसलिए ये हादसा हुआ। ट्रेन खचाचच भरी थी। ट्रेन में पैर रखने की जगह नहीं थी। यात्री दरवाजे पर लटककर सफर कर रहे थे। इसी दौरान यह हादसा हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह हादसा मुंब्रा और दीवा रेलवे स्टेशन के बीच हुआ। पुष्पक एक्सप्रेस और कसारा ट्रेन एक-दूसरे को क्रॉस कर रही थीं, तभी ट्रेन में सवार कुछ यात्री नीचे गिर गए। अधिकारियों के अनुसार, दोनों ट्रेनों के फुटबोर्ड पर 8 यात्री लटके हुए थे। जब दोनों ट्रेनें एक-दूसरे के बगल से गुजरीं तो यात्रियों की आपस में टक्कर हो गई और वो ट्रेन से नीचे गिर गए।

हादसे के कारण सेंट्रल रेलवे की लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं और मुंब्रा-दिवा खंड पर कुछ समय के लिए परिचालन धीमा रहा, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।

Three Injured in Head-On Bike Collision in Deurpur Market

Azamgarh

In a road accident that took place under the jurisdiction of Kaptainganj Police Station in Budhanpur Tehsil of Azamgarh district, three individuals were injured in a head-on collision between two motorcycles in Deurpur Market.

Police personnel present at the nearby police station quickly responded and, with the help of a 108 ambulance, transported the injured to the Community Health Center in Ranipur Koilsa. After receiving primary medical treatment, all three were referred to the district hospital for further care.

The injured have been identified as Mukesh and Vishal, sons of Radheshyam Prajapati, residents of Kakrahi village under the same police station, and Ayush, son of Ranvijay, a resident of Koinha village.

According to reports, Vishal and Mukesh were traveling towards Maharajganj on their motorcycle when another bike, speeding towards Budhanpur, collided with them head-on, resulting in serious injuries to all three riders.

‘Rajveer X India’s Luxury Drive’ Becomes a Movement of Unity

Rajveer Singh’s Bold Step to Support Kashmir: ‘Rajveer X India’s Luxury Drive’ to Proceed with Srinagar Visit Despite Recent Tragedy

In the face of sorrow and uncertainty, when the entire nation mourns the heartbreaking loss of innocent tourists in Pahalgam, one voice rises with purpose, compassion, and unwavering patriotism. Rajveer Singh India’s beloved digital creator and a symbol of youth strength, has taken a powerful and emotional stand—he will not cancel the Srinagar leg of his ongoing campaign, 'Rajveer X India’s Luxury Drive.'

While many are questioning the future of tourism in Kashmir, Rajveer’s decision has sparked a new wave of hope. His visit to Srinagar on 4th May stands as a tribute to the spirit of unity, trust in the Indian Army, and the beauty of Kashmir—the crown of India.

Is this the end of Kashmir’s tourism dream? Are we letting fear overshadow the essence of one of the most breathtaking destinations on Earth? Can the valley’s warm-hearted people and incredible landscapes continue to attract visitors? Rajveer’s bold decision answers them all with one powerful message: India stands with Kashmir.

As part of his historic ‘Rajveer X India’s Luxury Drive,’ Rajveer is traveling across the country in a caravan specially modified by Camper Wheels, beautifully branded with elements of the Indian tricolor. His journey is not just a celebration of India’s diverse landscapes and culture but also a testament to the spirit of Bharat and unity among all.

On 23rd April, Rajveer celebrated his birthday at The LaLiT Udaipur, where he was surprised with a personal visit by Yukit Yora, one of the associate partners of the drive. Gifts poured in from campaign sponsors, making the day even more memorable. Today, on 26th April, Rajveer has reached his 6th destination: The Pink City, The LaLiT Jaipur.

Rajveer’s journey has already covered thousands of kilometers and countless emotions. Speaking of the roads, he shared some highlights of India’s evolving highway infrastructure:

Best Highway (Scenic + Driving Comfort): The Kerala to Goa coastal stretch, covering around 610 km in approx. 13 hours, stood out with its breathtaking views and smooth drive.

Best Night Drive: The Udaipur to Jaipur highway (around 395 km, 7.5 hours) offered great lighting, minimal traffic, and felt secure for overnight travel.

Worst Experience So Far: The Goa to Mumbai highway (approx. 590 km, 12 hours) was flagged by Rajveer for its poor condition and lack of lighting, making it extremely unsafe and highly accident-prone, especially for night drives.

As crowds greet his caravan on highways and locals stop by for photos and blessings, the success of ‘Rajveer X India’s Luxury Drive’ is turning into a national movement—one of hope, resilience, and pride.

उत्तराखंड के चमोली में बड़ा हादसा, ग्लेशियर फटने से 57 मजदूर दबे, 16 बचाए गए

#badrinath_accident_glacier_broke_57_workers_buried

हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। अब तक 16 मजदूरों को निकाल लिया गया है। सेना व आईटीबीपी द्वारा रेस्‍क्‍यू कार्य जारी है। एयर फोर्स से मदद मांगी जा रही है। एनडीआरएफ की टीम को भी मूव कर दिया गया है।

सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन ने बताया कि चमोली बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के पास गलेशियर आने से 57 मजदूर दब गए. हालांकि 16 को बचा लिया गया है। बाकी 41 मजदूरों की ढूंढ खोज जारी है। वहीं, चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि संचार व्यवस्था काफी टॉप पर होने की वजह से सही-सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। इसी को देखते हुए बद्रीनाथ धाम से तीन किलोमीटर आगे माणा गांव के पास सड़क से बर्फ हटाने और उसकी मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। शुक्रवार सुबह के समय भी एक निजी ठेकेदार के 57 मजदूर सड़क पर से बर्फ हटा रहे थे, तभी अचानक से पहाड़ पर ग्लेशियर फटा और सभी के सभी मजदूर बर्फ में दब गए।

बता दें कि चमोली के ऊपरी इलाकों में कई दिनों से भारी बर्फभारी हो रही है। जिसकी वजह से गोपेश्वर चोपता मोटर मार्ग, हनुमानचट्टी से आगे बद्रीनाथ और नीतिघाटी मार्ग बर्फ़बारी के चलते बंद हो गए हैं। बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, नीति घाटी, चोपता समेत औली में जमकर बर्फबारी हो रही है और अभी तक 2 फिट से ज्यादा बर्फ जम चुकी है। मौसम विभाग ने पहले ही आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ था। यहां तक कि 32 सौ मीटर से ऊपर के एरिया में बर्फबारी होने की आशंका जताई थी। साथ ही एवलांच की आशंका भी जताई थी।

तेलंगाना के सुरंग में पांच दिनों से फंसी हैं आठ जिंदगियां, रैट माइनर्स को सौंपा गया रेस्क्यू का काम

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हैदराबाद से 132 किमी दूर नागरकुर्नूल में बन रही 42 किमी की दुनिया की सबसे लंबी पानी की टनल में 8 कर्मचारियों को फंसे हुए आज पांचवा दिन है। इन 8 जिंदगियों को बचाने के लिए सेना, नौसेना,एनडीआरफ, एसडीआरएफ, आईआईटी चेन्नई और एलएनटी कंपनी के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। लेकिन अब तक फंसे हुए कर्मचारियों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। इसके बाद अब यह काम 12 रैट माइनर्स (चूहों की तरह खदान खोदने वाले मजदूर) को सौंपा गया है। इन्होंने ही 2023 में उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही-सलामत बाहर निकाला था।

6 रैट माइनर्स की एक टीम सोमवार दोपहर को पहुंच चुकी है। 6 लोगों की बाकी टीम कल (बुधवार) पहुंचेगी। अभी यह टीम अंदर जाकर सिर्फ हालात का जायजा लेगी। एनडीआरफ और एसडीआरएफ के साथ रैट माइनर्स टीम की मीटिंग के बाद रेस्क्यू शुरू होगा। नौसेना के जवान इस काम में रैट माइनर्स टीम की मदद करेंगे। ये आईआईटी चेन्नई के स्पेशल पुश कैमरे और रोबोट की मदद से खुदाई का सही रास्ता बताएंगे। पानी की वजह से रेस्क्यू में ज्यादा वक्त लग सकता है।

सुरंग से पानी और कीचड़ निकालने का काम चल रहा है, लेकिन जैसे-जैसे समय निकल रहा है श्रमिकों की कुशलता को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। सेना और एनडीआरएफ के सदस्य पहले से ही बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे नागरकुर्नूल के जिला कलेक्टर बी संतोष ने कहा कि आगे कोई भी कदम उठाने से पहले सुरंग की स्थिरता को ध्यान में रखा गया है। सुरंग से जल निकासी का काम भी चल रहा है। जीएसआई और एनजीआरआई की सलाह ले रहे हैं। स्थिति का आकलन करने के लिए एलएंडटी से जुड़े ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है। कीचड़ और मलबा भरने के कारण हम आखिर के 40-50 मीटर के अंदर नहीं जा पा रहे हैं, जहां श्रमिक फंसे हुए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, तेलंगाना के डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमारक ने कहा कि राज्य सरकार तब तक हार नहीं मानेगी, जब तक सुरंग के अंदर फंसे आठों लोग नहीं मिल जाते। शनिवार सुबह सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिससे आठ मजदूर अंदर फंस गए थे। रेस्क्यू टीम 13.85 किलोमीटर लंबी सुरंग के 13.79 किलोमीटर तक का दायरा खंगाल चुके हैं। लेकिन आखिरी हिस्से में पानी और कीचड़ जमा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। इसका मतलब है कि उन आठ जिंदगियों की सलामती के लिए महज 0.06 किलोमीटर का फासला है।

जलगांव रेल हादसाःचाय वालों की एक अफवाह से बिछ गई लाशें, ट्रेन में फैली थी आग की खबर

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महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक ट्रेन में आग की अफवाह फैली। इसके बाद यात्री दहशत में आए। घबराए यात्रियों ने ट्रेन से बाहर कूदना शुरू कर दिया। इस दौरान पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। इस हादसे में कम से कम 13 यात्रियों की मौत हो गई।

हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इस जानलेवा अफवाह का जिम्मेदार कौन है? पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 2 चायवालों के अफवाह फैलाने से ये घटना घटी है। बताया जा रहा है कि बुधवार शाम करीब 4.45 बजे ट्रेन में चाय बेचने आए शख्स ने यात्रियों को बताया कि ट्रेन में आग लग गई है। यह सुनते ही वहां अफरा-तफरी मच गई और हल्ला हो गया। इसके बाद कुछ यात्रियों ने न आव देखा न ताव, चेन पुलिंग की और दरवाजों से नीचे कूदने लगे। घबराए हुए लोगों ने खुद को ही मौत के मुंह में धकेल दिया और कुछ ही पल में सब खत्म हो गया।

महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक ट्रेन में आग की अफवाह के बाद पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक यह हादसा उस समय हुआ जब 12533 लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री आग लगने के डर से जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए और बेंगलुरु से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। सेंट्रल सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे।

हालांकि, रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने इस बात से इनकार किया कि डिब्बे के अंदर किसी चिंगारी या आग के कारण यात्रियों ने अलार्म बजाया। उन्होंने बताया कि हमें जो सूचना मिली है उसके अनुसार कोच में कोई चिंगारी या आग नहीं देखी गई। इस बीच स्विटजरलैंड के दावोस से एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ट्रेन में कुछ यात्रियों ने गलती से मान लिया कि ट्रेन से धुआं निकल रहा है और वे कूद गए। दुर्भाग्य से वे दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। उन्होंने इस त्रासदी में मारे गए यात्रियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री के अलावा रेलवे बोर्ड ने अलग से मृतकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 5,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

अज़रबैजान एयरलाइंस दुर्घटना, एक साज़िश या हादसा

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AP

रूस ने लोगों से अज़रबैजान एयरलाइंस विमान दुर्घटना के कारण के बारे में अटकलें न लगाने का आग्रह किया है, और उनसे जांच के परिणामों की प्रतीक्षा करने का आग्रह किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने गुरुवार को कहा, "अज़रबैजान एयरलाइंस विमान दुर्घटना के कारणों की जांच चल रही है और इसके निष्कर्ष आने से पहले अटकलें लगाना गलत है।"

कज़ाकिस्तान के अक्ताऊ शहर के पास बुधवार को एक एम्ब्रेयर EMBR3.SA यात्री जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई, यह विमान रूस के उस क्षेत्र से निकला था, जिसे मॉस्को ने हाल ही में यूक्रेनी ड्रोन हमलों से बचाया है। दुर्घटना ने संभावित रूसी वायु रक्षा हमले के दावों सहित गहन अटकलों को जन्म दिया है - एक सिद्धांत जिसे मॉस्को ने नकार दिया है।

प्रारंभिक निष्कर्ष और आधिकारिक बयान

जांच अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, और कज़ाख अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्होंने दुर्घटना स्थल से 38 शव बरामद किए हैं। कम से कम 29 जीवित बचे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, हालांकि उनकी चोटों की सीमा का सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया गया है। रूस में खराब मौसम की स्थिति के कारण शुरू में मार्ग बदलने के बाद विमान को कजाकिस्तान की ओर मोड़ दिया गया था। विमान मूल रूप से रूस के माखचकाला जा रहा था, फिर कैस्पियन सागर के पार लगभग 310 किलोमीटर पूर्व में स्थित अक्तौ की ओर मोड़ दिया गया।

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पक्षी के टकराने से दुर्घटना हुई होगी, हालांकि कुछ विमानन विशेषज्ञों ने संदेह व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर सामने आए दुर्घटना स्थल के वीडियो फुटेज ने सवाल खड़े कर दिए हैं, कुछ पर्यवेक्षकों ने सुझाव दिया है कि विमान को जो नुकसान हुआ है वह पक्षी के टकराने से मेल नहीं खाता। इसके बजाय, कुछ लोगों ने अनुमान लगाया है कि विमान पर मिसाइल या किसी अन्य प्रकार का हमला हो सकता है। इन अफवाहों के जवाब में, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने गुरुवार को सावधानी बरतने का आग्रह किया, आधिकारिक जांच के निष्कर्ष पर पहुंचने तक प्रतीक्षा करने के महत्व पर जोर दिया। पेसकोव ने कहा, "जांच पूरी होने से पहले अटकलें लगाना गलत है," उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को निष्कर्ष पर पहुंचने से बचना चाहिए।

यात्री और चालक दल का विवरण

एम्ब्रेयर 190 विमान में 62 यात्री सवार थे, जिनमें अज़रबैजान, रूस और अन्य देशों के नागरिक और पाँच चालक दल के सदस्य शामिल थे। अज़रबैजान एयरलाइंस के अनुसार, विमान का अक्टूबर में पूर्ण तकनीकी निरीक्षण किया गया था और उड़ान से पहले कोई ज्ञात समस्या नहीं थी। एयरलाइन ने दुर्घटना के कारण के बारे में अटकलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, राष्ट्रपति समीर रजायेव ने बाकू में संवाददाताओं से कहा कि "विस्तृत जांच" चल रही है।

अज़रबैजान एयरलाइंस ने गुरुवार को यह भी घोषणा की कि वह जांच पूरी होने तक ग्रोज़्नी और माखचकाला दोनों के लिए सभी उड़ानों को निलंबित कर रही है। इसने लोगों को चौंका दिया है, कुछ विमानन विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि एयरलाइन को क्षेत्र के हवाई क्षेत्र में सुरक्षा जोखिमों पर संदेह हो सकता है। मॉस्को स्थित एक स्वतंत्र विमानन विशेषज्ञ और पायलट आंद्रेई लिटविनोव ने कहा, "किसी एयरलाइन द्वारा स्पष्ट स्पष्टीकरण के बिना किसी क्षेत्र के लिए अपनी सभी उड़ानों को निलंबित करना बेहद असामान्य है।" "यह हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंता का संकेत हो सकता है।"

षड्यंत्र के सिद्धांत

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, सोशल मीडिया पर दुर्घटना के बारे में षड्यंत्र के सिद्धांतों की बाढ़ आ गई है। सिद्धांत बताते हैं कि विमान रूसी विमान-रोधी मिसाइल प्रणाली से टकराया हो सकता है, जो संभवतः क्षेत्र में चल रहे तनाव से संबंधित है। माखचकाला और ग्रोज़नी दोनों को हाल ही में यूक्रेनी ड्रोन हमलों का निशाना बनाया गया था, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि विमान को रूसी सुरक्षा बलों द्वारा गलती से या जानबूझकर निशाना बनाया गया हो सकता है। हालाँकि, ये दावे निराधार हैं।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने गुरुवार को बताया कि यूक्रेनी स्रोतों और विमानन सुरक्षा सलाहकार ऑस्प्रे दोनों ने मिसाइल हमले की संभावना का सुझाव दिया है, जो रूसी-नियंत्रित क्षेत्रों के पास हाल ही में ड्रोन गतिविधि के संबंध में दुर्घटना के समय और स्थान की ओर इशारा करता है। हालाँकि, इस सिद्धांत की अभी पुष्टि होनी बाकी है, और कजाकिस्तान की आपातकालीन सेवाओं ने इस बात पर जोर दिया है कि दुर्घटना का कारण अभी भी जांच के अधीन है।

मुंबई नाव हादसा: 13 लोगों की मौत, जानें क्या हैं वो 4 बड़े कारण जिनसे हुआ यह दर्दनाक हादसा।

महाराष्ट्र में गेटवे ऑफ इंडिया के पास बुधवार शाम को हुए दर्दनाक नाव हादसे (Mumbai Boat Accident Update) में 13 लोगों की मौत हो गई. 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया है. इस पूरी घटना में कहां और क्या लापरवाही हुई, इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. अब तक हुई जांच से जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक 4 कारणों से यह हादसा हुआ है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो 4 कारण (Boat Accident Reasons) जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया.

हर दिन हजारों की संख्या में लोग मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया को देखने के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान इनमें से ज्यादातर एलिफेंटा आईलैंड को भी देखने के लिए जाते हैं. एलिफेंटा आईलैंड के लिए नाव से जाना होता है. बुधवार दोपहर को भी लोग आईलैंड को देखने के लिए एक नीलकमल नाम की बड़ी नाव से जा रहे थे, लेकिन लापरवाही की वजह से यहां दर्दनाक हादसा हो गया. तेज रफ्तार नेवी की बोट यात्रियों से भरी नाव से टकरा गई और फिर 13 लोगों की मौत हो गई.

हादसे के पीछे ये 4 कारण सामने आए हैं-

नाव में क्षमता से अधिक यात्रियों का होना

गलत जगह पर नेवी बोट की टेस्टिंग

सेफ्टी गैजेट की कमी

नौसेना नाव के चालकों का स्टंट करना

कैपेसिटी से ज्यादा लोग

बताया जा रहा है जिस समय यह हादसा हुआ उस समय नीलकमल नाव में करीब 120 से ज्यादा लोग सवार थे. हालांकि, नाव की केपेसिटी केवल 80 लोगों की ही थी. प्रशासन की लापरवाही के कारण धड़ल्ले से यहां केपेसिटी से ज्यादा लोगों को बैठाकर नाव चलाई जा रही है, जो बीते बुधवार को 13 लोगों की मौत का कारण बनी हैं. हादसे को लेकर पीड़ित परिवार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है.

सुरक्षित जगह पर टेस्टिंग

नाव हादसे को लेकर नेवी का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि नेवी की स्पीड बोट इंजन टेस्टिंग चल रही थी. इसी दौरान इंजन ने अपना नियंत्रण खो दिया और एक बड़ा हादसा हो गया. हादसे को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि जब सभी को पता है कि यह रास्ता यात्री बोट के लिए है, तो यहां टेस्टिंग की क्या जरूरती थी. टेस्टिंग हमेशा ऐसी जगह पर करनी चाहिए जहां कोई यात्री बोट आती-जाती ना हो.

नीलकमल बोट में सेफ्टी गैजेटकी कमी

नेवी की तेज रफ्तार वोट के टकराते ही नीलकमल बोट में एक छेद हो गया था. यात्रियों के देखते ही देखते ही नाव समुद्र में डूबने लगी थी. सभी लोगों ने बचने की कोशिश की, लेकिन बोट पर सुरक्षा के पूरे उपकरण ही नहीं थे, जो थे भी वह बहुत कम थे. इस कारण से यह हादसा और भी ज्यादा बड़ा होता चला गया. लोग पानी में डूब रहे थे, लेकिन उनके पास सेफ्टी गैजेट नहीं थे. हादसे से पहले अगर सुरक्षा बिंदुओं की जांच की जाती तो, शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता.

नौसेना नाव चालकों का स्टंट

हादसे को लेकर प्रत्यश्रदर्थियों का कहना है कि नौसेना नाव के चालक बहुत ही तेजी से नाव पर स्टंट कर रहे थे. उनकी स्पीड लगभग 100 किलोमीटर घंटा थी. वह हवा में खुब तेजी से नाव गोल-गोल लहरा रहे थे. साथ ही नाव को हवा में उड़ा के खतरनाक स्टंट कर रहे थे. इसी दौरान नौसेना के नाव चालकों की लापरवाही के कारण उनकी नाव यात्रियों से भरी नाव में टकरा गई थी.

मुंबई के कुर्ला में भीषण सड़क हादसा, 7 की मौत, 49 जख्मी
#mumbai_kurla_best_bus_accident
* मुंबई के कुर्ला में बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बीईएसटी) की बस ने सोमवार रात कई लोगों को कुचल दिया। हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। 49 घायलों का इलाज चल रहा है। घायलों को सायन और कुर्ला भाभा में भर्ती कराया गया है।सड़क हादसे के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मुंबई हादसे में शामिल बेस्ट बस के चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। सोमवार रात को 9:50 बजे एल वार्ड के सामने अंजुम-ए-इस्लाम स्कूल के पास एसजी बारवे रोड पर यह हादसा हुआ। यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर भीड़भाड़ वाले इलाके में जा घुसी। तेज रफ्तार बस ने इस दौरान कई लोगों को रौंद दिया। आखिर में बस एक बिल्डिंग के आरसीसी कॉलम से टकराने के बाद रुक गई। लेकिन बिल्डिंग की बाउंड्री वॉल ढह गई। इस बीच बस ने 100 मीटर के दायरे में 40 वाहनों को टक्कर मार दी। इस भीषण हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है जबकि 49 घायल बताए जा रहे हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुर्ला बस हादसे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि ड्राइवर को बस चलाने का अनुभव नहीं था। वह पहली बार बस चला रहा था। इससे पहले वो हल्के वाहन यानि कार-वैन चलाया करता था। जांच में यह भी सामने आया है कि ड्राइवर को बेस्ट (बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन) ने कॉन्ट्रैक्ट पर रखा था। बताया जा रहा है कि आरोपी ड्राइवर संजय मोरे सोमवार को पहली बार बस चला रहा था। वह 1 दिसंबर को ही कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवर के रूप में बेस्ट में शामिल हुआ था। यह माना जा रहा है कि उसने ब्रेक की जगह एक्सलरेटर दबा दिया था। इसी वजह से यह हादसा हुआ। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया है। वह देर रात से हिरासत में था।
अहमदाबाद विमान हादसे में 265 लोगों की मौत, सरकार जांच के लिए बनाएगी हाई लेवल कमेटी

#ahmedabadairindiaplanecrash

एयर इंडिया का लंदन जा रहा प्लेन गुरुवार दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद क्रैश हो गया। इस हादसे में 265 लोग मारे गए। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और 12 क्रू मेंबर्स समेत 241 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, डिप्टी कमिश्नर कानन देसाई ने देर रात बताया कि 265 लोगों की मौत हुई है।

265 शव अस्पताल पहुंचे

पुलिस डिप्टी कमिश्नर कानन देसाई ने कहा कि हमें प्राप्त संदेश के अनुसार 265 शव अस्पताल पहुंच चुके हैं। इनमें 241 विमान सवारों के अलावा 4 एमबीबीएस छात्र और एक डॉक्टर की पत्नी भी शामिल हैं। बाकी शवों की पहचान की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी से पता चला कि विमान ने रनवे 23 की पूरी लंबाई का उपयोग करते हुए उड़ान भरी, जो 11,499 फीट लंबी पट्टी है, और मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया। हालांकि, उड़ान भरने के एक मिनट से भी कम समय में विमान का सिग्नल खो गया।

केंद्र सरकार ने बड़ा कदम

अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) को जांच सौंपी गई है। यह जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के प्रोटोकॉल के तहत की जाएगी।

विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति करेगी

नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की ओर से निर्धारित प्रोटोकॉल के लिहाज से विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। नायडू ने एक्स पर पोस्ट किया कि इसके अलावा, सरकार इस घटना की गहन जांच के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर रही है। उन्होंने बताया कि समिति विमानन सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम करेगी।

क्रैश होने के बाद हॉस्पिटल की बिल्डिंग से टकराई प्लेन

बता दें कि फ्लाइट नंबर AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ करने के कुछ मिनटों बाद ही एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हो गया। आग लगते ही विमान 2.5 किमी दूर बीजे मेडिकल एंड सिविल हॉस्पिटल की बिल्डिंग से जा टकराया। इस बिल्डिंग में अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते हैं। हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे, इनमें 15 से ज्यादा घायल हो गए हैं।

वहीं विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे।

मुंबई में बड़ा ट्रेन हादसा, चलती गाड़ी से गिरे 10 लोग, 3 की मौत की आशंका

#mumbai_train_accident_thane_10_to_12_people_fell

महाराष्ट्र के ठाणे में लोकल ट्रेन में बड़ा हादसा हुआ है। ठाणे के मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास मुंब्रा-दिवा रेलवे लाइन पर सोमवार सुबह 9:30 बजे एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें सीएसएमटी की ओर जा रही एक फास्ट लोकल ट्रेन से 10 से 12 यात्री ट्रैक पर गिर पड़े।खबरों की मानें तो इस घटना में 3 यात्रियों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायलों को नजदीकि अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार ट्रेन से गिरने की वजह से 3 यात्रियों की मौत की आशंका है। ठाणे जीआरपी की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अर्चना दुसाने ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन को अलर्ट किया गया। उन्होंने कहा-ट्रेन में क्षमता से ज्यादा भीड़ थी, इसलिए ये हादसा हुआ। ट्रेन खचाचच भरी थी। ट्रेन में पैर रखने की जगह नहीं थी। यात्री दरवाजे पर लटककर सफर कर रहे थे। इसी दौरान यह हादसा हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह हादसा मुंब्रा और दीवा रेलवे स्टेशन के बीच हुआ। पुष्पक एक्सप्रेस और कसारा ट्रेन एक-दूसरे को क्रॉस कर रही थीं, तभी ट्रेन में सवार कुछ यात्री नीचे गिर गए। अधिकारियों के अनुसार, दोनों ट्रेनों के फुटबोर्ड पर 8 यात्री लटके हुए थे। जब दोनों ट्रेनें एक-दूसरे के बगल से गुजरीं तो यात्रियों की आपस में टक्कर हो गई और वो ट्रेन से नीचे गिर गए।

हादसे के कारण सेंट्रल रेलवे की लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं और मुंब्रा-दिवा खंड पर कुछ समय के लिए परिचालन धीमा रहा, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।

Three Injured in Head-On Bike Collision in Deurpur Market

Azamgarh

In a road accident that took place under the jurisdiction of Kaptainganj Police Station in Budhanpur Tehsil of Azamgarh district, three individuals were injured in a head-on collision between two motorcycles in Deurpur Market.

Police personnel present at the nearby police station quickly responded and, with the help of a 108 ambulance, transported the injured to the Community Health Center in Ranipur Koilsa. After receiving primary medical treatment, all three were referred to the district hospital for further care.

The injured have been identified as Mukesh and Vishal, sons of Radheshyam Prajapati, residents of Kakrahi village under the same police station, and Ayush, son of Ranvijay, a resident of Koinha village.

According to reports, Vishal and Mukesh were traveling towards Maharajganj on their motorcycle when another bike, speeding towards Budhanpur, collided with them head-on, resulting in serious injuries to all three riders.

‘Rajveer X India’s Luxury Drive’ Becomes a Movement of Unity

Rajveer Singh’s Bold Step to Support Kashmir: ‘Rajveer X India’s Luxury Drive’ to Proceed with Srinagar Visit Despite Recent Tragedy

In the face of sorrow and uncertainty, when the entire nation mourns the heartbreaking loss of innocent tourists in Pahalgam, one voice rises with purpose, compassion, and unwavering patriotism. Rajveer Singh India’s beloved digital creator and a symbol of youth strength, has taken a powerful and emotional stand—he will not cancel the Srinagar leg of his ongoing campaign, 'Rajveer X India’s Luxury Drive.'

While many are questioning the future of tourism in Kashmir, Rajveer’s decision has sparked a new wave of hope. His visit to Srinagar on 4th May stands as a tribute to the spirit of unity, trust in the Indian Army, and the beauty of Kashmir—the crown of India.

Is this the end of Kashmir’s tourism dream? Are we letting fear overshadow the essence of one of the most breathtaking destinations on Earth? Can the valley’s warm-hearted people and incredible landscapes continue to attract visitors? Rajveer’s bold decision answers them all with one powerful message: India stands with Kashmir.

As part of his historic ‘Rajveer X India’s Luxury Drive,’ Rajveer is traveling across the country in a caravan specially modified by Camper Wheels, beautifully branded with elements of the Indian tricolor. His journey is not just a celebration of India’s diverse landscapes and culture but also a testament to the spirit of Bharat and unity among all.

On 23rd April, Rajveer celebrated his birthday at The LaLiT Udaipur, where he was surprised with a personal visit by Yukit Yora, one of the associate partners of the drive. Gifts poured in from campaign sponsors, making the day even more memorable. Today, on 26th April, Rajveer has reached his 6th destination: The Pink City, The LaLiT Jaipur.

Rajveer’s journey has already covered thousands of kilometers and countless emotions. Speaking of the roads, he shared some highlights of India’s evolving highway infrastructure:

Best Highway (Scenic + Driving Comfort): The Kerala to Goa coastal stretch, covering around 610 km in approx. 13 hours, stood out with its breathtaking views and smooth drive.

Best Night Drive: The Udaipur to Jaipur highway (around 395 km, 7.5 hours) offered great lighting, minimal traffic, and felt secure for overnight travel.

Worst Experience So Far: The Goa to Mumbai highway (approx. 590 km, 12 hours) was flagged by Rajveer for its poor condition and lack of lighting, making it extremely unsafe and highly accident-prone, especially for night drives.

As crowds greet his caravan on highways and locals stop by for photos and blessings, the success of ‘Rajveer X India’s Luxury Drive’ is turning into a national movement—one of hope, resilience, and pride.

उत्तराखंड के चमोली में बड़ा हादसा, ग्लेशियर फटने से 57 मजदूर दबे, 16 बचाए गए

#badrinath_accident_glacier_broke_57_workers_buried

हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। अब तक 16 मजदूरों को निकाल लिया गया है। सेना व आईटीबीपी द्वारा रेस्‍क्‍यू कार्य जारी है। एयर फोर्स से मदद मांगी जा रही है। एनडीआरएफ की टीम को भी मूव कर दिया गया है।

सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन ने बताया कि चमोली बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के पास गलेशियर आने से 57 मजदूर दब गए. हालांकि 16 को बचा लिया गया है। बाकी 41 मजदूरों की ढूंढ खोज जारी है। वहीं, चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि संचार व्यवस्था काफी टॉप पर होने की वजह से सही-सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। इसी को देखते हुए बद्रीनाथ धाम से तीन किलोमीटर आगे माणा गांव के पास सड़क से बर्फ हटाने और उसकी मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। शुक्रवार सुबह के समय भी एक निजी ठेकेदार के 57 मजदूर सड़क पर से बर्फ हटा रहे थे, तभी अचानक से पहाड़ पर ग्लेशियर फटा और सभी के सभी मजदूर बर्फ में दब गए।

बता दें कि चमोली के ऊपरी इलाकों में कई दिनों से भारी बर्फभारी हो रही है। जिसकी वजह से गोपेश्वर चोपता मोटर मार्ग, हनुमानचट्टी से आगे बद्रीनाथ और नीतिघाटी मार्ग बर्फ़बारी के चलते बंद हो गए हैं। बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, नीति घाटी, चोपता समेत औली में जमकर बर्फबारी हो रही है और अभी तक 2 फिट से ज्यादा बर्फ जम चुकी है। मौसम विभाग ने पहले ही आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ था। यहां तक कि 32 सौ मीटर से ऊपर के एरिया में बर्फबारी होने की आशंका जताई थी। साथ ही एवलांच की आशंका भी जताई थी।

तेलंगाना के सुरंग में पांच दिनों से फंसी हैं आठ जिंदगियां, रैट माइनर्स को सौंपा गया रेस्क्यू का काम

#tunnel_accident_in_telangana_8_workers_trapped 

हैदराबाद से 132 किमी दूर नागरकुर्नूल में बन रही 42 किमी की दुनिया की सबसे लंबी पानी की टनल में 8 कर्मचारियों को फंसे हुए आज पांचवा दिन है। इन 8 जिंदगियों को बचाने के लिए सेना, नौसेना,एनडीआरफ, एसडीआरएफ, आईआईटी चेन्नई और एलएनटी कंपनी के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। लेकिन अब तक फंसे हुए कर्मचारियों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। इसके बाद अब यह काम 12 रैट माइनर्स (चूहों की तरह खदान खोदने वाले मजदूर) को सौंपा गया है। इन्होंने ही 2023 में उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही-सलामत बाहर निकाला था।

6 रैट माइनर्स की एक टीम सोमवार दोपहर को पहुंच चुकी है। 6 लोगों की बाकी टीम कल (बुधवार) पहुंचेगी। अभी यह टीम अंदर जाकर सिर्फ हालात का जायजा लेगी। एनडीआरफ और एसडीआरएफ के साथ रैट माइनर्स टीम की मीटिंग के बाद रेस्क्यू शुरू होगा। नौसेना के जवान इस काम में रैट माइनर्स टीम की मदद करेंगे। ये आईआईटी चेन्नई के स्पेशल पुश कैमरे और रोबोट की मदद से खुदाई का सही रास्ता बताएंगे। पानी की वजह से रेस्क्यू में ज्यादा वक्त लग सकता है।

सुरंग से पानी और कीचड़ निकालने का काम चल रहा है, लेकिन जैसे-जैसे समय निकल रहा है श्रमिकों की कुशलता को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। सेना और एनडीआरएफ के सदस्य पहले से ही बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे नागरकुर्नूल के जिला कलेक्टर बी संतोष ने कहा कि आगे कोई भी कदम उठाने से पहले सुरंग की स्थिरता को ध्यान में रखा गया है। सुरंग से जल निकासी का काम भी चल रहा है। जीएसआई और एनजीआरआई की सलाह ले रहे हैं। स्थिति का आकलन करने के लिए एलएंडटी से जुड़े ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है। कीचड़ और मलबा भरने के कारण हम आखिर के 40-50 मीटर के अंदर नहीं जा पा रहे हैं, जहां श्रमिक फंसे हुए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, तेलंगाना के डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमारक ने कहा कि राज्य सरकार तब तक हार नहीं मानेगी, जब तक सुरंग के अंदर फंसे आठों लोग नहीं मिल जाते। शनिवार सुबह सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिससे आठ मजदूर अंदर फंस गए थे। रेस्क्यू टीम 13.85 किलोमीटर लंबी सुरंग के 13.79 किलोमीटर तक का दायरा खंगाल चुके हैं। लेकिन आखिरी हिस्से में पानी और कीचड़ जमा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। इसका मतलब है कि उन आठ जिंदगियों की सलामती के लिए महज 0.06 किलोमीटर का फासला है।

जलगांव रेल हादसाःचाय वालों की एक अफवाह से बिछ गई लाशें, ट्रेन में फैली थी आग की खबर

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महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक ट्रेन में आग की अफवाह फैली। इसके बाद यात्री दहशत में आए। घबराए यात्रियों ने ट्रेन से बाहर कूदना शुरू कर दिया। इस दौरान पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। इस हादसे में कम से कम 13 यात्रियों की मौत हो गई।

हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इस जानलेवा अफवाह का जिम्मेदार कौन है? पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 2 चायवालों के अफवाह फैलाने से ये घटना घटी है। बताया जा रहा है कि बुधवार शाम करीब 4.45 बजे ट्रेन में चाय बेचने आए शख्स ने यात्रियों को बताया कि ट्रेन में आग लग गई है। यह सुनते ही वहां अफरा-तफरी मच गई और हल्ला हो गया। इसके बाद कुछ यात्रियों ने न आव देखा न ताव, चेन पुलिंग की और दरवाजों से नीचे कूदने लगे। घबराए हुए लोगों ने खुद को ही मौत के मुंह में धकेल दिया और कुछ ही पल में सब खत्म हो गया।

महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक ट्रेन में आग की अफवाह के बाद पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक यह हादसा उस समय हुआ जब 12533 लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री आग लगने के डर से जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए और बेंगलुरु से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। सेंट्रल सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे।

हालांकि, रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने इस बात से इनकार किया कि डिब्बे के अंदर किसी चिंगारी या आग के कारण यात्रियों ने अलार्म बजाया। उन्होंने बताया कि हमें जो सूचना मिली है उसके अनुसार कोच में कोई चिंगारी या आग नहीं देखी गई। इस बीच स्विटजरलैंड के दावोस से एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ट्रेन में कुछ यात्रियों ने गलती से मान लिया कि ट्रेन से धुआं निकल रहा है और वे कूद गए। दुर्भाग्य से वे दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। उन्होंने इस त्रासदी में मारे गए यात्रियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री के अलावा रेलवे बोर्ड ने अलग से मृतकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 5,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

अज़रबैजान एयरलाइंस दुर्घटना, एक साज़िश या हादसा

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AP

रूस ने लोगों से अज़रबैजान एयरलाइंस विमान दुर्घटना के कारण के बारे में अटकलें न लगाने का आग्रह किया है, और उनसे जांच के परिणामों की प्रतीक्षा करने का आग्रह किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने गुरुवार को कहा, "अज़रबैजान एयरलाइंस विमान दुर्घटना के कारणों की जांच चल रही है और इसके निष्कर्ष आने से पहले अटकलें लगाना गलत है।"

कज़ाकिस्तान के अक्ताऊ शहर के पास बुधवार को एक एम्ब्रेयर EMBR3.SA यात्री जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई, यह विमान रूस के उस क्षेत्र से निकला था, जिसे मॉस्को ने हाल ही में यूक्रेनी ड्रोन हमलों से बचाया है। दुर्घटना ने संभावित रूसी वायु रक्षा हमले के दावों सहित गहन अटकलों को जन्म दिया है - एक सिद्धांत जिसे मॉस्को ने नकार दिया है।

प्रारंभिक निष्कर्ष और आधिकारिक बयान

जांच अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, और कज़ाख अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्होंने दुर्घटना स्थल से 38 शव बरामद किए हैं। कम से कम 29 जीवित बचे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, हालांकि उनकी चोटों की सीमा का सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया गया है। रूस में खराब मौसम की स्थिति के कारण शुरू में मार्ग बदलने के बाद विमान को कजाकिस्तान की ओर मोड़ दिया गया था। विमान मूल रूप से रूस के माखचकाला जा रहा था, फिर कैस्पियन सागर के पार लगभग 310 किलोमीटर पूर्व में स्थित अक्तौ की ओर मोड़ दिया गया।

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पक्षी के टकराने से दुर्घटना हुई होगी, हालांकि कुछ विमानन विशेषज्ञों ने संदेह व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर सामने आए दुर्घटना स्थल के वीडियो फुटेज ने सवाल खड़े कर दिए हैं, कुछ पर्यवेक्षकों ने सुझाव दिया है कि विमान को जो नुकसान हुआ है वह पक्षी के टकराने से मेल नहीं खाता। इसके बजाय, कुछ लोगों ने अनुमान लगाया है कि विमान पर मिसाइल या किसी अन्य प्रकार का हमला हो सकता है। इन अफवाहों के जवाब में, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने गुरुवार को सावधानी बरतने का आग्रह किया, आधिकारिक जांच के निष्कर्ष पर पहुंचने तक प्रतीक्षा करने के महत्व पर जोर दिया। पेसकोव ने कहा, "जांच पूरी होने से पहले अटकलें लगाना गलत है," उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को निष्कर्ष पर पहुंचने से बचना चाहिए।

यात्री और चालक दल का विवरण

एम्ब्रेयर 190 विमान में 62 यात्री सवार थे, जिनमें अज़रबैजान, रूस और अन्य देशों के नागरिक और पाँच चालक दल के सदस्य शामिल थे। अज़रबैजान एयरलाइंस के अनुसार, विमान का अक्टूबर में पूर्ण तकनीकी निरीक्षण किया गया था और उड़ान से पहले कोई ज्ञात समस्या नहीं थी। एयरलाइन ने दुर्घटना के कारण के बारे में अटकलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, राष्ट्रपति समीर रजायेव ने बाकू में संवाददाताओं से कहा कि "विस्तृत जांच" चल रही है।

अज़रबैजान एयरलाइंस ने गुरुवार को यह भी घोषणा की कि वह जांच पूरी होने तक ग्रोज़्नी और माखचकाला दोनों के लिए सभी उड़ानों को निलंबित कर रही है। इसने लोगों को चौंका दिया है, कुछ विमानन विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि एयरलाइन को क्षेत्र के हवाई क्षेत्र में सुरक्षा जोखिमों पर संदेह हो सकता है। मॉस्को स्थित एक स्वतंत्र विमानन विशेषज्ञ और पायलट आंद्रेई लिटविनोव ने कहा, "किसी एयरलाइन द्वारा स्पष्ट स्पष्टीकरण के बिना किसी क्षेत्र के लिए अपनी सभी उड़ानों को निलंबित करना बेहद असामान्य है।" "यह हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंता का संकेत हो सकता है।"

षड्यंत्र के सिद्धांत

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, सोशल मीडिया पर दुर्घटना के बारे में षड्यंत्र के सिद्धांतों की बाढ़ आ गई है। सिद्धांत बताते हैं कि विमान रूसी विमान-रोधी मिसाइल प्रणाली से टकराया हो सकता है, जो संभवतः क्षेत्र में चल रहे तनाव से संबंधित है। माखचकाला और ग्रोज़नी दोनों को हाल ही में यूक्रेनी ड्रोन हमलों का निशाना बनाया गया था, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि विमान को रूसी सुरक्षा बलों द्वारा गलती से या जानबूझकर निशाना बनाया गया हो सकता है। हालाँकि, ये दावे निराधार हैं।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने गुरुवार को बताया कि यूक्रेनी स्रोतों और विमानन सुरक्षा सलाहकार ऑस्प्रे दोनों ने मिसाइल हमले की संभावना का सुझाव दिया है, जो रूसी-नियंत्रित क्षेत्रों के पास हाल ही में ड्रोन गतिविधि के संबंध में दुर्घटना के समय और स्थान की ओर इशारा करता है। हालाँकि, इस सिद्धांत की अभी पुष्टि होनी बाकी है, और कजाकिस्तान की आपातकालीन सेवाओं ने इस बात पर जोर दिया है कि दुर्घटना का कारण अभी भी जांच के अधीन है।

मुंबई नाव हादसा: 13 लोगों की मौत, जानें क्या हैं वो 4 बड़े कारण जिनसे हुआ यह दर्दनाक हादसा।

महाराष्ट्र में गेटवे ऑफ इंडिया के पास बुधवार शाम को हुए दर्दनाक नाव हादसे (Mumbai Boat Accident Update) में 13 लोगों की मौत हो गई. 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया है. इस पूरी घटना में कहां और क्या लापरवाही हुई, इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. अब तक हुई जांच से जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक 4 कारणों से यह हादसा हुआ है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो 4 कारण (Boat Accident Reasons) जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया.

हर दिन हजारों की संख्या में लोग मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया को देखने के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान इनमें से ज्यादातर एलिफेंटा आईलैंड को भी देखने के लिए जाते हैं. एलिफेंटा आईलैंड के लिए नाव से जाना होता है. बुधवार दोपहर को भी लोग आईलैंड को देखने के लिए एक नीलकमल नाम की बड़ी नाव से जा रहे थे, लेकिन लापरवाही की वजह से यहां दर्दनाक हादसा हो गया. तेज रफ्तार नेवी की बोट यात्रियों से भरी नाव से टकरा गई और फिर 13 लोगों की मौत हो गई.

हादसे के पीछे ये 4 कारण सामने आए हैं-

नाव में क्षमता से अधिक यात्रियों का होना

गलत जगह पर नेवी बोट की टेस्टिंग

सेफ्टी गैजेट की कमी

नौसेना नाव के चालकों का स्टंट करना

कैपेसिटी से ज्यादा लोग

बताया जा रहा है जिस समय यह हादसा हुआ उस समय नीलकमल नाव में करीब 120 से ज्यादा लोग सवार थे. हालांकि, नाव की केपेसिटी केवल 80 लोगों की ही थी. प्रशासन की लापरवाही के कारण धड़ल्ले से यहां केपेसिटी से ज्यादा लोगों को बैठाकर नाव चलाई जा रही है, जो बीते बुधवार को 13 लोगों की मौत का कारण बनी हैं. हादसे को लेकर पीड़ित परिवार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है.

सुरक्षित जगह पर टेस्टिंग

नाव हादसे को लेकर नेवी का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि नेवी की स्पीड बोट इंजन टेस्टिंग चल रही थी. इसी दौरान इंजन ने अपना नियंत्रण खो दिया और एक बड़ा हादसा हो गया. हादसे को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि जब सभी को पता है कि यह रास्ता यात्री बोट के लिए है, तो यहां टेस्टिंग की क्या जरूरती थी. टेस्टिंग हमेशा ऐसी जगह पर करनी चाहिए जहां कोई यात्री बोट आती-जाती ना हो.

नीलकमल बोट में सेफ्टी गैजेटकी कमी

नेवी की तेज रफ्तार वोट के टकराते ही नीलकमल बोट में एक छेद हो गया था. यात्रियों के देखते ही देखते ही नाव समुद्र में डूबने लगी थी. सभी लोगों ने बचने की कोशिश की, लेकिन बोट पर सुरक्षा के पूरे उपकरण ही नहीं थे, जो थे भी वह बहुत कम थे. इस कारण से यह हादसा और भी ज्यादा बड़ा होता चला गया. लोग पानी में डूब रहे थे, लेकिन उनके पास सेफ्टी गैजेट नहीं थे. हादसे से पहले अगर सुरक्षा बिंदुओं की जांच की जाती तो, शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता.

नौसेना नाव चालकों का स्टंट

हादसे को लेकर प्रत्यश्रदर्थियों का कहना है कि नौसेना नाव के चालक बहुत ही तेजी से नाव पर स्टंट कर रहे थे. उनकी स्पीड लगभग 100 किलोमीटर घंटा थी. वह हवा में खुब तेजी से नाव गोल-गोल लहरा रहे थे. साथ ही नाव को हवा में उड़ा के खतरनाक स्टंट कर रहे थे. इसी दौरान नौसेना के नाव चालकों की लापरवाही के कारण उनकी नाव यात्रियों से भरी नाव में टकरा गई थी.

मुंबई के कुर्ला में भीषण सड़क हादसा, 7 की मौत, 49 जख्मी
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* मुंबई के कुर्ला में बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बीईएसटी) की बस ने सोमवार रात कई लोगों को कुचल दिया। हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। 49 घायलों का इलाज चल रहा है। घायलों को सायन और कुर्ला भाभा में भर्ती कराया गया है।सड़क हादसे के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मुंबई हादसे में शामिल बेस्ट बस के चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। सोमवार रात को 9:50 बजे एल वार्ड के सामने अंजुम-ए-इस्लाम स्कूल के पास एसजी बारवे रोड पर यह हादसा हुआ। यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर भीड़भाड़ वाले इलाके में जा घुसी। तेज रफ्तार बस ने इस दौरान कई लोगों को रौंद दिया। आखिर में बस एक बिल्डिंग के आरसीसी कॉलम से टकराने के बाद रुक गई। लेकिन बिल्डिंग की बाउंड्री वॉल ढह गई। इस बीच बस ने 100 मीटर के दायरे में 40 वाहनों को टक्कर मार दी। इस भीषण हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है जबकि 49 घायल बताए जा रहे हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुर्ला बस हादसे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि ड्राइवर को बस चलाने का अनुभव नहीं था। वह पहली बार बस चला रहा था। इससे पहले वो हल्के वाहन यानि कार-वैन चलाया करता था। जांच में यह भी सामने आया है कि ड्राइवर को बेस्ट (बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन) ने कॉन्ट्रैक्ट पर रखा था। बताया जा रहा है कि आरोपी ड्राइवर संजय मोरे सोमवार को पहली बार बस चला रहा था। वह 1 दिसंबर को ही कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवर के रूप में बेस्ट में शामिल हुआ था। यह माना जा रहा है कि उसने ब्रेक की जगह एक्सलरेटर दबा दिया था। इसी वजह से यह हादसा हुआ। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया है। वह देर रात से हिरासत में था।