उप्र : ऊर्जा मंत्री ने लगातार छठवें वर्ष विद्युत दरों में बढ़ोतरी न होने पर प्रदेशवासियों को दी बधाई

*सभी कंज्यूमर कैटेगरी का टैरिफ यथावत, किसी भी वर्ग पर अतिरिक्त भार नहीं* *गरीब किसान मजदूर व्यापारी और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत* *जनता का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता एके शर्मा* लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए बिजली दरों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी न किए जाने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश सरकार की जन–केन्द्रित नीतियों और उपभोक्ता हितों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लगातार ऐसे निर्णय ले रही है, जो जनता की आर्थिक क्षमता को सुदृढ़ बनाते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले कई वर्षों में सरकार ने विद्युत क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है। उत्तर प्रदेश ने एक उपलब्धि हासिल करते हुए लगातार छठे वर्ष भी बिजली दरों में कोई वृद्धि न करने की परंपरा कायम रखी है। यह उपलब्धि प्रदेश को देश का पहला ऐसा राज्य बनाती है, जिसने इतनी लंबी अवधि तक अपने उपभोक्ताओं को स्थिर और किफायती बिजली दरों का लाभ प्रदान किया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा। उन्होंने बताया कि बिजली दरों को स्थिर रखने के पीछे सरकार का उद्देश्य जनता को अनावश्यक आर्थिक बोझ से बचाना है, ताकि आम नागरिकों की जेब पर अतिरिक्त भार न पड़े। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने घोषणा की है कि घरेलू, व्यावसायिक, औद्योगिक, कृषि एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं सहित सभी श्रेणियों (कंज्यूमर कैटेगरी) के लिए बिजली के टैरिफ लगातार छठवें वर्ष भी यथावत रखे गए हैं। इसका अर्थ है कि किसी भी वर्ग के बिजली उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।इस निर्णय से न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापारियों, उद्योगों और किसानों को भी लाभ होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और रोजगार को भी मजबूती मिलेगी। बिजली दरों में स्थिरता उद्योगों को अपनी लागत नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे प्रदेश में निवेश का माहौल भी बेहतर होता है। वर्तमान समय में जब देश के कई राज्यों में बिजली दरें बढ़ाई जा रही हैं, ऐसे समय में उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय आम जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। बिजली बिल में बढ़ोतरी न होने से गरीब परिवारों का घरेलू बजट सुरक्षित रहेगा, किसानों के लिए सिंचाई लागत नहीं बढ़ेगी और मजदूरों तथा रोजमर्रा कमाई करने वाले परिवारों को भी आर्थिक स्थिरता मिलेगी। छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। बढ़ती जीवन-यापन लागत के बीच बिजली दरों को स्थिर रखना प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता और जनता के प्रति समर्पण को दर्शाता है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दरों में स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ सरकार निरंतर विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए दिन–रात कार्य कर रही है। प्रदेश भर में विद्युत अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) को आधुनिक बनाने, पुराने तारों व ट्रांसफॉर्मरों को बदलने, भूमिगत केबलिंग जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक उपभोक्ताओं को निर्बाध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई नई परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली आपूर्ति में निरंतर सुधार हो रहा है और शहरी क्षेत्रों में ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है। मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जनता के हित में लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय से स्पष्ट है कि सरकार उपभोक्ता सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग की पूरी टीम उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा प्रदान करने और पारदर्शी तरीके से कार्य करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।उन्होंने यह भी कहा कि आगामी वर्षों में भी सरकार ऐसे निर्णय लेती रहेगी जो आम जनता के हित में हों। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बिजली आपूर्ति और सेवाओं की गुणवत्ता में और सुधार लाएं, ताकि प्रदेश की जनता को विश्वस्तरीय सेवाओं का अनुभव मिल सके।
आजमगढ़ मदरसा शिक्षक की अनियमितताओं पर यूपी सरकार ने चार अफसरों को किया निलंबित

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली से जुड़े एक गंभीर प्रकरण पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कई अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। आज़मगढ़ के एक मदरसे में कार्यरत रहे शिक्षक शमशुल हुदा खान के मामले में शासन ने अनियमित भुगतान, फर्जी सेवा लाभ और विदेश यात्रा से जुड़े गंभीर अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुए उच्च स्तर पर जांच कराई थी। जांच में लापरवाही और मिलीभगत सामने आने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने कड़े अनुशासनात्मक कदम उठाए हैं। प्रकरण के अनुसार, मदरसा दारूल उलूम अहिले सुन्नत मदरसा अशरफिया मिस्बाहुल उलूम (आज़मगढ़) में तैनात शमशुल हुदा खान ने वर्ष 2013 में ब्रिटेन की नागरिकता ग्रहण कर ली थी। इसके बावजूद स्थानीय प्रबंधक, प्रधानाचार्य और संबंधित विभागीय अधिकारियों की उदासीनता या संलिप्तता के चलते वह 2017 तक शिक्षक के रूप में वेतन और अन्य सुविधाएं प्राप्त करता रहा। इस अवधि में उसने न केवल नियमित वेतन लिया, बल्कि अनियमित चिकित्सा अवकाश, जीपीएफ, वीआरएस और पेंशन संबंधी लाभ भी हासिल कर लिए।जांच में यह भी सामने आया कि सेवा अवधि के दौरान शमशुल हुदा ने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और श्रीलंका की यात्राएं कीं, साथ ही खाड़ी देशों से होते हुए 2–3 बार पाकिस्तान भी गया। इन गतिविधियों और उसकी विदेशी नागरिकता का विवरण न तो समय पर विभाग को बताया गया और न ही संबंधित अधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद शासन ने संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडेय, तथा तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी साहित्य निकष सिंह, लालमन और प्रभात कुमार को निलंबित कर दिया है। इनमें से तीनों अधिकारी वर्तमान में गाज़ियाबाद, बरेली और अमेठी जिले में डीएमओ के पद पर तैनात थे। निलंबन अवधि में शेषनाथ पांडेय को झांसी मंडल आयुक्त कार्यालय से संबद्ध किया गया है, जबकि अन्य तीन अधिकारियों को अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय, लखनऊ से अटैच किया गया है।सरकार ने पहले ही शमशुल हुदा पर 16.59 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश जारी कर दिए थे। शासन ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव के चलते जनेश्वर मिश्र पार्क के आसपास आज कई मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन

लखनऊ। राजधानी में दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव कार्यक्रम के मद्देनज़र यातायात पुलिस ने जनेश्वर मिश्र पार्क और आसपास के क्षेत्रों में विशेष यातायात एवं डायवर्जन व्यवस्था लागू करने की घोषणा की है। कार्यक्रम सुबह से शुरू होगा, जिसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और प्रतिभागियों के पहुंचने की संभावना है। इस भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने हेतु कई मार्गों पर आवागमन प्रतिबंधित किया गया है और वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं। जनेश्वर मिश्र पार्क की ओर जाने वाले वाहनों का आवागमन बंद यातायात पुलिस के अनुसार, दयाल पैराडाइज़ चौराहा से जनेश्वर मिश्र पार्क गेट नंबर-2 की ओर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस दिशा से आने वाला सामान्य यातायात सीएमएस विशालखंड तिराहा, अंबेडकर उद्यान चौराहा या ग्वारी चौराहा के जरिए आगे बढ़ सकेगा।इसी प्रकार, जनेश्वर मिश्र पार्क गेट नंबर-4 से गेट नंबर-5/6 की तरफ जाने वाले वाहनों पर भी रोक रहेगी। इस मार्ग के लिए वैकल्पिक रास्ता नीरज चौक चौराहा और अंबेडकर उद्यान चौराहा को बनाया गया है। पिपराघाट गोल चक्कर तिराहा से जनेश्वर मिश्र पार्क गेट नंबर-6/5 की ओर जाने वाला यातायात भी प्रतिबंधित रहेगा। वहां से वाहन जी-20 तिराहा, शहीद पथ या दिलकुशा की ओर होकर उसी दिशा में जा सकेंगे।इसके अतिरिक्त, ताज अंडरपास से जनेश्वर मिश्र पार्क की ओर जाने वाले वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। इस दिशा से आने वाले वाहन अंबेडकर उद्यान चौराहा, सामाजिक प्रतीक स्थल चौराहा, 1090 चौराहा या समतामूलक चौराहा का उपयोग कर अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। केवल इन वाहनों को रहेगी छूट ट्रैफिक पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि डायवर्जन के दौरान आम जनता की किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय आवश्यकता या आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए एम्बुलेंस, फायर सर्विस, शव वाहन और स्कूली वाहनों को प्रतिबंधित मार्गों पर भी जाने की अनुमति दी जाएगी। आवश्यक होने पर इन वाहनों को मौके पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस अथवा स्थानीय पुलिस की सहायता से मार्ग दिया जाएगा।लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के सुचारु संचालन और जनता की सुविधा के लिए यातायात पुलिस ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे निर्धारित वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें और सहयोग बनाए रखें। किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता के लिए ट्रैफिक कंट्रोल नंबर 9454405155 पर संपर्क किया जा सकता है।
योगी सरकार दे रही किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीजों पर अनुदान

* कृषि मंत्री ने किसानों से की 30 नवम्बर तक बीज खरीद लेने की अपील * मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को दिए निर्देश लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि रबी फसलों की समयबद्ध बुवाई किसानों के लिए अधिक उत्पादन और बेहतर आय का सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज अनुदानित दरों पर उपलब्ध करा रही है, ताकि गेहूँ, चना, मसूर, मटर और सरसों जैसी प्रमुख फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सके। कृषि विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि हर किसान तक समय पर बीज पहुँचे और किसी को किसी प्रकार की चिंता न करनी पड़े। कृषि मंत्री ने शनिवार को बीज उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जिलों में पर्याप्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता रहे। मंत्री शाही ने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विभागीय आकलनों के अनुसार समय से की गई बुवाई से फसल अधिक पुष्ट विकसित होती है और उत्पादन उल्लेखनीय रूप से बढ़ता है। उन्होंने जानकारी दी कि गेहूँ की विलंबित बुवाई से प्रतिदिन उपज में कमी की संभावना तो होती है, परंतु समय पर की गई बुवाई खेती को अधिक लाभकारी बनाती है और किसानों की मेहनत का पूरा प्रतिफल सुनिश्चित करती है। प्रदेश के सभी अन्नदाताओं से अपील करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसलिए सभी किसान 30 नवम्बर 2025 के पूर्व अपने नजदीकी बीज बिक्री केंद्र से अनुदानित बीज प्राप्त कर बुवाई का कार्य पूरा कर लें। इससे वे न केवल अधिक उत्पादन और मुनाफा प्राप्त करेंगे, बल्कि प्रदेश को खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ दिलाने में भी सहभागी बनेंगे। बैठक में कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख तथा वरिष्ठ विभागीय अधिकारी प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, विशेष सचिव कृषि ओ.पी. वर्मा, निदेशक कृषि पंकज त्रिपाठी, बीज विकास निगम के निदेशक पीयूष शर्मा, अपर निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र) अनिल पाठक और संयुक्त निदेशक (उर्वरक) आशुतोष मिश्रा उपस्थित रहे।
युवा उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग सक्रिय
* एससीएसपी योजना के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को स्वावलंबन व रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से संचालित विपणन विकास सहायता (एससीएसपी) योजना के अंतर्गत आज विकास खण्ड बक्शी का तालाब स्थित महर्षि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, आईआईएम रोड, सीतापुर बाईपास, भिटौली चुंगी लखनऊ में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उप उद्योग आयुक्त मनोज कुमार चौरसिया उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता बैंक ऑफ इंडिया लखनऊ के जिला अग्रणी प्रबन्धक मनीष पाठक द्वारा की गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गिरीश, प्रशासनिक अधिकारी राजेश कुमार सिंह, प्रवक्ता सपन अस्थाना तथा जिला खादी ग्रामोद्योग कार्यालय से कताई पर्यवेक्षक सतीश चन्द्र गुप्ता एवं कनिष्ठ सहायक हेमन्त कुमार सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं विशेषकर ऋण सुविधा, प्रशिक्षण प्रावधान एवं उद्यम स्थापना की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। युवाओं को योजना का लाभ उठाकर अपना उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही योजनाओं से संबंधित पम्पलेट व स्टेशनरी सामग्री भी वितरित की गई।
अधिक रजिस्ट्रियों वाले स्थानों पर अब बढ़ेगी औचक निरीक्षणों की संख्या

* मंत्री रवींद्र जायसवाल ने दिए निर्देश, त्रुटि रहित निगरानी पर विशेष जोर लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और त्रुटि रहित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश के स्टांप तथा पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने आज यह जानकारी दी कि प्रदेश भर में उन सभी स्थानों पर, जहां संपत्ति रजिस्ट्रियों की संख्या अधिक दर्ज की जा रही है, वहां सरकार द्वारा किए जाने वाले औचक स्थलीय निरीक्षणों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। यह निर्णय हाल ही में धार्मिक और पर्यटन महत्व वाले क्षेत्रों में हुए भूमि सौदों की जांच के संदर्भ में व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए लिया गया है। मंत्री ने कहा है कि सरकार हर स्तर पर एक पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी उद्देश्य से विभाग यह प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि पहले सभी जिलों में उप-निबंधक द्वारा 50, एडीएम द्वारा 25 तथा जिलाधिकारी द्वारा 5 औचक स्थलीय निरीक्षण किए जाने का प्रावधान था। नई व्यवस्था के तहत, उन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां रजिस्ट्री की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है, ताकि विभागीय कार्यों की त्रुटि रहित निगरानी की जा सके और किसी भी अनियमितता को शुरुआती चरण में ही रोका जा सके। श्री जायसवाल ने स्पष्ट किया कि निरीक्षण की संख्या बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य उन सभी स्थानों पर विभागीय कार्यों की त्रुटि रहित निगरानी सुनिश्चित करना है जहां रजिस्ट्री का काम अधिक है। यह कदम संपत्ति के क्रय-विक्रय में होने वाली संभावित धोखाधड़ी और राजस्व चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है, जिससे आम जनता के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
दिव्यांगजन स्वास्थ्य देख-रेख पर संवेदीकरण कार्यक्रम सम्पन्न, तकनीक आधारित सेवाओं पर दिया बल
लखनऊ। राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय के सभागार में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 की धारा-25 के अंतर्गत स्वास्थ्य देख-रेख/सर्टिफिकेशन विषयक संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भूतपूर्व आई.ए.एस. एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने दिव्यांगजनों की स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुदृढ़, तकनीक-आधारित एवं सुलभ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम समाज में अधिकार-आधारित न्याय सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण माध्यम है, जिसे पारदर्शी एवं नागरिक-अनुकूल बनाया जाना आवश्यक है। विषय-विशेषज्ञ राहुल बजाज (अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय), आयुष्मिता सामल, प्रवीण प्रकाश अम्बष्ठ (उप मुख्य आयुक्त, दिव्यांगजन, भारत सरकार) एवं डॉ. पी.के. श्रीवास्तव (बलरामपुर अस्पताल) द्वारा दिव्यांगता मूल्यांकन के अद्यतन मानक, स्वास्थ्य संबंधी प्रावधान, मानसिक विकास पहलू एवं आवश्यक संवेदनशीलता पर विस्तृत व्याख्यान दिए गए, जिससे प्रतिभागी अधिकारियों को महत्वपूर्ण तकनीकी ज्ञान प्राप्त हुआ। अंतिम सत्र में राज्य आयुक्त प्रो. हिमांशु शेखर झा ने दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यू.डी.आई.डी. कार्ड निर्गमन प्रक्रियाओं को सरल, समयबद्ध एवं ई-गवर्नेन्स आधारित बनाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। कार्यक्रम में एस. गोविन्दराज (आयुक्त, दिव्यांगजन, भारत सरकार), डॉ. संदीपा श्रीवास्तव (निदेशक, चिकित्सा उपचार), डॉ. अमित कुमार राय (उपायुक्त दिव्यांगजन, उप्र), शशांक सिंह (सहायक आयुक्त/जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, लखनऊ) सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित रहे। प्रदेशभर के अपर निदेशक (चिकित्सा) एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
हॉस्टल में फंदे से लटका मिला छात्र का शव, मचा हड़कंप

लखनऊ । मोहान रोड स्थित स्पर्श राजकीय दृष्टि बाधित इंटर कॉलेज के छात्रावास में शुक्रवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कक्षा 10 में पढ़ने वाला एक छात्र कमरे के अंदर फंदे पर लटका पाया गया। छात्र को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना ने संस्थान में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्र सीतापुर जनपद का रहने वाला सूत्रों के अनुसार मृत छात्र की पहचान नितेश कुमार (19 वर्ष), निवासी सीतापुर के रूप में हुई है। नितेश वर्ष 2020–21 से दिव्यांग कल्याण एवं सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित इस विद्यालय में पढ़ाई कर रहा था और हॉस्टल के कमरा नंबर 2 में रहता था। जानकारी के अनुसार सुबह कर्मचारियों ने कमरे में प्रवेश किया तो नितेश को पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका देखा। छात्र के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई स्थिति को देखते हुए उसे उतारकर तुरंत रानी लक्ष्मीबाई राजकीय संयुक्त अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत की पुष्टि हुई।अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पारा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इंस्पेक्टर सुरेश सिंह ने बताया कि छात्र के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। अचानक हुई इस घटना से छात्र समेत कर्मचारी भी सदमे में अभी तक परिवार की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई है और न ही नितेश की मौत के कारण स्पष्ट हो सके हैं।नितेश अपने साथी शुभम के साथ हॉस्टल में रहता था। सहपाठियों ने उसे शांत स्वभाव का और पढ़ाई में अच्छा बताया। अचानक हुई इस घटना से छात्र समेत कर्मचारी भी सदमे में हैं। घटना ने हॉस्टल प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए दूसरी ओर, नितेश के माता-पिता ओमप्रकाश और गुड्डी बेटे की मौत की खबर सुनकर बदहवास हो गए।घटना ने हॉस्टल प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दृष्टिबाधित छात्र ने फंदा कैसे बनाया, उसे किसने नहीं देखा और यह सब कब हुआ इन सभी सवालों के जवाब पुलिस भी खोजने में जुटी है। शुरुआती जांच जारी है और पुलिस हर बिंदु पर गंभीरता से पड़ताल कर रही है।
हनी सिंह कंसर्ट के लिए लखनऊ में बड़ा ट्रैफिक डायवर्जन, कई मुख्य मार्ग आज रहेंगे बंद

लखनऊ । राजधानी के थाना आशियाना क्षेत्र में स्थित श्री काशीराम सांस्कृतिक स्थल (स्मृति उपवन) में चल रहे हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव के तहत 22 नवंबर 2025 को दोपहर 2 बजे हनी सिंह कंसर्ट का आयोजन प्रस्तावित है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों के पहुँचने की संभावना को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने क्षेत्र में व्यापक ट्रैफिक डायवर्जन लागू करने की घोषणा की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बंगलाबाज़ार चौराहा (रामकथा पार्क मोड़) से बंगलाबाज़ार पुलिस चौकी तिराहा और आगे बिजली पासी किला की ओर जाने वाले सभी वाहन अब सामान्य रूप से नहीं जा सकेंगे। इन्हें रामकथा पार्क, आशियाना चौराहा और पावर हाउस चौराहा से होकर भेजा जाएगा। बंगलाबाज़ार पुलिस चौकी तिराहा की ओर से भी बिजली पासी किला मार्ग पर प्रतिबंध रहेगा, जिसके स्थान पर वाहनों को खजाना मार्केट और स्मृति उपवन चौराहा होते हुए भेजा जाएगा। इसी प्रकार पिकेडली होटल तिराहा से पावर हाउस, स्मृति उपवन और बिजली पासी किला की दिशा में यातायात बंद रहेगा। वाहनों को बाराबिरवा चौराहा तथा शहीद पथ मोड़ कानपुर रोड तिराहा की ओर डायवर्ट किया जाएगा। वहीं बिजनौर अंडरपास चौराहा और प्रियम प्लाज़ा चौराहा से बिजली पासी किला की दिशा में जाने वाले वाहन भी वैकल्पिक मार्गों से भेजे जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान स्मृति उपवन तिराहा से चांसलर क्लब तिराहा, स्मृति उपवन तिराहा से बिजली पासी किला, तथा बिजली पासी किला से स्मृति उपवन चौराहा तक सभी प्रकार का यातायात पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर किसी भी चिकित्सकीय आपात स्थिति में एम्बुलेंस आदि को प्रतिबंधित मार्ग से भी गुजरने की अनुमति दी जाएगी। सहायता के लिए ट्रैफिक कंट्रोल नंबर 9454405155 जारी किया गया है।
दिल्ली धमाका केस: एनआईए की कार्रवाई तेज, डॉ. शाहीन समेत चार आरोपी कस्टडी में

लखनऊ । देश की राजधानी दिल्ली में हुए भयानक बम धमाके के मामले ने अब उत्तर प्रदेश को भी सेंसरशिप के केंद्र में ला दिया है। एनआईए ने राजधानी निवासी डॉ. शाहीन सईद समेत चार आरोपियों को कस्टडी में लेकर जांच की रफ्तार को बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को लखनऊ और कानपुर, जबकि डॉ. आदिल को सहारनपुर लाया जा सकता है। दोनों से उनके संपर्क, करीबी सहयोगियों और संभावित नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। कानपुर क्यों गई थी शाहीन पता लगाने में जुटी एजेंसियां दो माह पहले डॉ. शाहीन की कानपुर और लखनऊ यात्रा पर एजेंसियां विशेष ध्यान दे रही हैं। उनका मकसद सिर्फ यह पता करना नहीं कि शाहीन वहां क्यों गई थी, बल्कि यह भी कि उसने किन लोगों से मुलाकात की और किन नेटवर्क के संपर्क में रही। यूपी एटीएस और एनआईए की टीम ने कई डॉक्टरों और संदिग्धों से पूछताछ तेज कर दी है।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि धमाके से जुड़े सात मोबाइल नंबर फरीदाबाद और दिल्ली के लाल किले के आसपास धमाके से पहले सक्रिय थे। धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी इन नंबरों से राजधानी और आसपास के 22 संवेदनशील नंबरों के साथ बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज भी किए गए। सुरक्षा एजेंसियां इन सभी कड़ियों को जोड़कर पूरे नेटवर्क को ट्रेस कर रही हैं।डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद कानपुर और लखनऊ की सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें भी शहर पर टिक गई हैं। जांच में यह भी पता चला कि धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी। शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, जिसमें से एक फुटेज में काले रंग की एसयूवी कार में महिला को देखा गया, लेकिन नकाब पहनने के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी। चारों आरोपियों को जल्द लिया जाएगा रिमांड पर जांच अधिकारी पुरानी एसयूवी कारों और अन्य संदिग्ध वाहनों की भी पड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस ने कश्मीरी मूल के छात्रों और शोधार्थियों का सत्यापन शुरू किया है। लगभग 150 छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन दो छात्र लापता हैं और संस्थान प्रशासन इस संबंध में सहयोग नहीं कर रहा।सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके के तार अब यूपी और पड़ोसी राज्यों तक जुड़े हुए हैं। एनआईए, आईबी, यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर आरोपियों और उनके सहयोगियों के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद में जुटी हैं। जांच अधिकारी कह रहे हैं कि चारों आरोपियों को जल्द ही रिमांड पर लेकर अलग-अलग जगहों पर पूछताछ की जाएगी।शहर में हड़कंप मचा हुआ है है। राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं सूत्रों के अनुसार, एनआईए और यूपी एटीएस की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। अब पूरा उत्तर प्रदेश सतर्क है और जांच का दायरा और गहरा गया है।इस सनसनीखेज मामले में एजेंसियों की तेज कार्रवाई और जांच की हर नई जानकारी लोगों की सांसें रोक रही है। राजधानी धमाके की साजिश में शामिल यह नेटवर्क अब यूपी में सक्रिय हो गया है, और सुरक्षा एजेंसियां इसे जड़ से उखाड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। सहारनपुर: जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों पर जांच का नया केंद्र दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना के बाद जांच का फोकस अब सहारनपुर की ओर बढ़ गया है। विशेषकर देवबंद क्षेत्र को खुफिया एजेंसियां लगातार मॉनिटर कर रही हैं, क्योंकि यह लंबे समय से कई आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स का गढ़ रहा है। इनमें मसूद अजहर का संगठन, जैश-ए-मोहम्मद, भी शामिल है।मसूद अजहर वर्ष 1994 में देवबंद आया था, और उसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। उस समय से लेकर अब तक कई प्रमुख घटनाओं में देवबंद और सहारनपुर का नाम सामने आया है।