दो दशक पुराने मामले में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भगोड़ा घोषित
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पुलिस अधीक्षक को स्वयं कुर्की व गैर जमानती वारंट का पालन कराने का आदेश
गोंडा।नगर पालिका परिषद गोंडा के पूर्व अध्यक्ष को 21 वर्ष पुराने बलबा,आगजनी व उपद्रव के एक मामले में न्यायालय ने भगोड़ा घोषित किया है।बताते चलें कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह की अदालत ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया।मुकदमे की सुनवाई के दौरान निर्मल श्रीवास्तव को कई बार तलब किये जाने के बावजूद अदालत में उपस्थित न होने पर पहले गैरजमानती वारंट जारी किया गया था।पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने में विफल रहने के बाद न्यायालय द्वारा यह आदेश दिया गया है।अदालत द्वारा पूर्व अध्यक्ष की चल एवं अचल सम्पति को कुर्क करने का भी आदेश दिया गया है तथा साथ ही पुलिस की निष्क्रियता को गंभीर लापरवाही मानते हुये अदालत ने पुलिस अधीक्षक को स्वयं गैरजमानती वारंट और कुर्की आदेश का तामीला सुनिश्चित कराने का सख्त निर्देश दिया।उक्त आदेश की एक प्रति पुलिस अधीक्षक को भेजा गया है ताकि न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित रूपेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ निर्मल श्रीवास्तव पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।ज्ञातव्य हो कि उक्त मामला 7 सितम्बर 2004 का है जब बिजली आपूर्ति अव्यवस्था को लेकर बड़ी संख्या में लोग इन्कैन चौराहे पर एकत्र हुए थे। आरोप है कि उग्र भीड़ ने समाजवादी पार्टी कार्यालय व एक शोरूम में तोड़फोड़ करने के साथ ही परिवहन निगम की एक बस में आग लगाने के बाद पुलिस पर पथराव किया।इस संबंध में कोतवाली में तैनात तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह ने नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराया था।पुलिस ने घटना की जांच के बाद निर्मल श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव,चुन्नू उर्फ सूरज,भोला सोनी,अविनाश श्रीवास्तव, राधेश्याम, कौशल,कैलाश श्रीवास्तव, साबिर बोरिंग वाले सहित कुल 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।जिसको लेकर न्यायालय में मामले की सुनवाई चल रही है।कई बार न्यायालय द्वारा निर्मल श्रीवास्तव को तलब किया गया परन्तु यह न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुये न्यायालय में पेश नहीं हो रहे थे।इस मामले में नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक विवेक त्रिवेदी ने बताया कि उन्हें अभी तक न्यायालय का कोई पत्र नहीं मिला है साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि न्यायालय के आदेश का पूरा पालन किया जाएगा और पुलिस द्वारा किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं किया जाता है।पत्र मिलने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई के संबंध में कुछ बता पाएंगे।













23 min ago
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