विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ से हुए सम्मानित



रायपुर- आज हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, उनके रायपुर स्थित निवास पर दिया गया. ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आरएन तिवारी ने सम्मान के साथ उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा और पुरस्कार का चेक उन्हें प्रदान किया गया.

विनोद कुमार शुक्ल ने अपने पाठकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा- “जब हिन्दी भाषा सहित तमाम भाषाओं पर संकट की बात कही जा रही है, मुझे पूरी उम्मीद है नई पीढ़ी हर भाषा का सम्मान करेगी. हर विचारधारा का सम्मान करेगी. किसी भाषा या अच्छे विचार का नष्ट होना, मनुष्यता का नष्ट होना है.”

वे पिछले कई सालों से बच्चों और किशोरों के लिए भी लिख रहे हैं. अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “मुझे बच्चों, किशोरों और युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं. मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि हर मनुष्य को अपने जीवन में एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. अच्छी किताबें हमेशा साथ होनी चाहिए. अच्छी किताब को समझने के लिए हमेशा जूझना पड़ता है. किसी भी क्षेत्र में शास्त्रीयता को पाना है तो उस क्षेत्र के सबसे अच्छे साहित्य के पास जाना चाहिये.”

आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि “किसी अच्छे काम की आलोचना अगर की जाती है तो उन आलोचनाओं को अपनी ताकत बना लें. आलोचना जो है, दूसरों का विचार है, जो उपयोगी या अनुपयोगी हो सकता है. किसी कविता की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर उससे अच्छी एक और नयी कविता को रच देना है. किसी काम की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर, उससे और अच्छा काम करके दिखाना होना चाहिए. साहित्य में गलत आलोचनाओं ने अच्छे साहित्य का नुक़सान ज्यादा किया है.”

उन्होंने कहा कि “जीवन में असफलताएँ, गलतियाँ, आलोचनाएँ सभी तरफ़ बिखरी पड़ी मिल सकती हैं, वे बहुत सारी हो सकती हैं. उस बिखराव के किसी कोने में अच्छा, कहीं छिटका सा पड़ा होगा. दुनिया में जो अच्छा है, उस अच्छे को देखने की दृष्टि हमें स्वयं ही पाना होगा. इसकी समझ खुद विकसित करनी होगी. हमें अपनी रचनात्मकता पर ध्यान देना चाहिये. जब कहीं, किसी का साथ न दिखाई दे, तब भी चलो. अकेले चलो. चलते रहो. जीवन में उम्मीद सबसे बड़ी ताकत है. मेरे लिये पढ़ना और लिखना साँस लेने की तरह है.”

इससे पहले उन्होंने अपनी एक कविता का भी पाठ किया-

सबके साथ

सबके साथ हो गया हूँ

अपने पैरों से नहीं

सबके पैरों से चल रहा हूँ

अपनी आँखों से नहीं

सबकी आँखों से देख रहा हूँ

जागता हूँ तो सबकी नींद से

सोता हूँ तो सबकी नींद में

मैं अकेला नहीं

मुझमें लोगों की भीड़ इकट्ठी है

मुझे ढूँढो मत

मैं सब लोग हो चुका हूँ

मैं सबके मिल जाने के बाद

आख़िर में मिलूँगा

या नहीं मिल पाया तो

मेरे बदले किसी से मिल लेना.

विनोद कुमार शुक्ल के बारे में

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे, लगभग 90 की उम्र के होने को आए विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के ऐसे रचनाकार हैं, जो बहुत धीमे बोलते हैं, लेकिन साहित्य की दुनिया में उनकी आवाज़ बहुत दूर तक सुनाई देती है. मध्यमवर्गीय, साधारण और लगभग अनदेखे रह जाने वाले जीवन को शब्द देते हुए हिंदी में एक बिल्कुल अलग तरह की संवेदनशील, न्यूनतम और जादुई दुनिया रची. वे उन दुर्लभ लेखकों में हैं, जिनके यहाँ एक साधारण कमरा, एक खिड़की, एक पेड़, एक कमीज़ या घास का छोटा-सा टुकड़ा भी किसी पूरे ब्रह्मांड की तरह खुल जाता है.

उनका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिन्द’ 1971 में आया और वहीं से उनकी विशिष्ट भाषिक बनावट, चुप्पी और भीतर तक उतरती कोमल संवेदनाएँ हिंदी कविता में दर्ज होने लगीं. आगे चलकर ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ (1981), ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992), ‘अतिरिक्त नहीं’ (2000), ‘कविता से लंबी कविता’ (2001), ‘आकाश धरती को खटखटाता है’ (2006), ‘पचास कविताएँ’ (2011), ‘कभी के बाद अभी’ (2012), ‘कवि ने कहा’, चुनी हुई कविताएँ (2012) और ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ (2013) जैसे संग्रहों ने उन्हें समकालीन हिंदी कविता के सबसे मौलिक स्वरों में शुमार कर दिया. उनकी कविताएँ बोलने से ज़्यादा सुनने वाली, नारेबाज़ी से कहीं अधिक, धीमी फुसफुसाहट की तरह काम करती हैं, लेकिन असर उनका बहुत दीर्घकालिक है.

उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज़’ (1979) ने हिंदी कथा-साहित्य में एक नया मोड़ दिया, जिस पर मणि कौल ने फिल्म भी बनाई. इसके बाद ‘खिलेगा तो देखेंगे’ (1996), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ (1997, साहित्य अकादमी पुरस्कार), ‘हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़’ (2011), ‘यासि रासा त’ (2016) और ‘एक चुप्पी जगह’ (2018) के माध्यम से उन्होंने लोकआख्यान, स्वप्न, स्मृति, मध्यवर्गीय जीवन और मनुष्य की अस्तित्वगत जटिल आकांक्षाओं को एक नये कथा-ढांचे में समाहित किया.

कहानी-संग्रह ‘पेड़ पर कमरा’ (1988), ‘महाविद्यालय’ (1996), ‘एक कहानी’ (2021) और ‘घोड़ा और अन्य कहानियाँ’ (2021) में भी वही सूक्ष्म, घरेलू और लगभग उपेक्षित जीवन-कण अद्भुत कथा-समृद्धि के साथ उपस्थित होते हैं.

उनकी रचनाएँ अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुईं. ‘The Servant’s Shirt’, ‘A Window Lived In The Wall’, ‘Once It Flowers’, ‘Moonrise From The Green Grass Roof’, ‘Blue Is Like Blue’, ‘The Windows In Our House Are Little Doors’ जैसे अंग्रेज़ी अनुवादों ने उन्हें वैश्विक पाठकों तक पहुँचाया. ‘नौकर की कमीज़’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के साथ ‘पेड़ पर कमरा’ और अनेक कविताएँ विदेशी तथा भारतीय भाषाओं में रूपांतरित होकर एक व्यापक पाठक-वृत्त तक पहुँचीं. कई रचनाओं पर फिल्में बनीं, नाटक लिखे गए.

साहित्य अकादमी पुरस्कार, गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रज़ा पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान, ‘Blue Is Like Blue’ के लिए मातृभूमि पुरस्कार, साहित्य अकादमी का महत्तर सदस्य सम्मान और 2023 का पैन-नाबोकोव पुरस्कार जैसी उपलब्धियाँ उनके दीर्घ, शांत और गहन रचनात्मक सफ़र की सार्वजनिक स्वीकृति हैं.

लेकिन इन सब के बीच उनका लेखक-स्वर वही बना रहा-संकोची, आंतरिक, लगभग अदृश्य, जो शब्दों की अत्यधिक सजावट से बचते हुए, बेहद सरल वाक्यों में हमारे भीतर एक खिड़की खोल देता है, जहाँ से दुनिया थोड़ी और मानवीय, थोड़ी और कल्पनाशील और थोड़ी और सच दिखाई देने लगती है.

मीडिया शिक्षा से रूबरू हुए स्कूली विद्यार्थी,जाना टीवी स्टूडियो और रेडियो प्रसारण की बारीकियां

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में गुरुवार को ब्रह्मविद द ग्लोबल स्कूल के विद्यार्थियों ने शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान छात्रों को जनसंचार एवं पत्रकारिता की शिक्षा से रूबरू कराया गया। कार्यक्रम में जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती ने छात्रों को संबोधित करते हुए जनसंचार की शिक्षा के क्षेत्र में संभावनाओं पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा के मूल में रचनात्मकता का सार निहित है, जिसके बिना यह अध्ययन अधूरा रहता है।इसी दौरान छात्रों ने कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे, जैसे—मीडिया क्षेत्र में सफलता का प्रतिशत क्या होता है, छात्रों के जीवन में पत्रकारिता का महत्व क्या है, तथा रचनात्मकता, बुद्धिमत्ता या व्यवहार में से कौन अधिक महत्वपूर्ण है। डॉ. मोहंती ने सभी प्रश्नों के उत्तर देते हुए बताया कि मीडिया समाज को दिशा देने और लोगों के जीवन को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाता है। इस दौरान बीएएमसी प्रथम सेमेस्टर के छात्रों ने भी अपने मीडिया शिक्षा से जुड़े अनुभव साझा किए।

इसके बाद शिक्षक डॉ. नीलेश साहू ने छात्रों को सामुदायिक लाइव रेडियो स्टेशन की विभिन्न प्रणालियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आरजे किस प्रकार कार्यक्रम रिकॉर्ड करते हैं, स्क्रिप्ट तैयार करते हैं और प्रसारण करते हैं। विद्यार्थियों ने स्वयं भी अपना परिचय रिकॉर्ड किया तथा पर्यावरण और समसामयिक मुद्दों पर अपने विचार रेडियो पर साझा किए।

वहीं विनोद सावंत ने टीवी स्टूडियो के माध्यम से समाचार प्रसारण की प्रक्रिया को समझाया। छात्रों ने लाइव न्यूज़ स्टूडियो की कार्यप्रणाली, ब्रेकिंग न्यूज़ जारी करने की प्रणाली और लाइव प्रसारण के दौरान स्टूडियो संचालन को करीब से देखा। भ्रमण के दौरान छात्रों ने पैनल कंट्रोल रूम (PCR), लाइटिंग, ऑडियो मिक्सर, टेलीप्रॉम्प्टर, ट्राईकास्टर, विज़ुअल सेटअप, एडिटिंग रूम जैसे तकनीकी उपकरणों का भी प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने यह भी समझा कि लाइव एंकरिंग का अंतिम आउटपुट कैसे तैयार होता है और फ्रेम चयन ट्राईकास्टर द्वारा किस प्रक्रिया से किया जाता है।

छात्रों ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का भी भ्रमण किया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की ओर से संयोजक चंद्रशेखर शिवारे द्वारा किया गया। स्कूल से शिक्षक अभिषेक चौबे, श्वेता शर्मा, ऐश्वर्या श्रीवास्तव और षणमुगप्रिया उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय से दीपक साहू, ज्योति साहू तथा जनसंचार विभाग के बीएएमसी प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मनाया गया जनजातीय गौरव दिवस

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में आज बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत – ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष विकास मरकाम रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति महादेव कांवरे जी ने की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति एवं संभागायुक्त महादेव कांवरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के स्वतंत्र आधुनिक भारत का सपना बिरसा मुंडा जी ने देखा था। जन जन तक विकास एवं शिक्षा पहुंचना उनका सपना था। जो हम सभी के सहयोग से ही साकार किया जा सकता है। इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित जन-मन योजना एवं धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के क्रियान्वयन की जानकारी भी दी, जो कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास, तथा बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में विशेष योगदान दे रही हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड, छत्तीसगढ शासन के अध्यक्ष विकास मरकाम ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि जनजातीय समाज के साहस, संघर्ष और बलिदान को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने मात्र 14 वर्ष की आयु में स्वतंत्रता का बिगुल फूंका,उन्होंने धरती आबा, धरती के भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि प्रारंभिक शिक्षा के समय ही बिरसा मुंडा जी ने, मुंडा समुदाय के हितों की रक्षा के लिए अंग्रेजों से विद्रोह किया तथा जल जंगल जमीन की हक की लड़ाई लड़ी, अल्प आयु में ही उन्होंने अपने समुदाय को नेतृत्व प्रदान किया और अबुआ देश - अबुआ राज का नारा दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले जनजातीय वीर सेनानियों की जीवनी प्रकाशित की तथा जन जन तक जनजातीय गौरव पहुंचाने का काम किया है और यह कार्यक्रम भी इसी श्रृंखला का भाग है।

उन्होंने परलकोट आंदोलन के शहीद गेंदसिंह, सोनाखान के नायक वीर नारायण सिंह, बस्तर के क्रांतिकारी गुंडाधूर तथा सरगुजा क्षेत्र के लांगुर किसान जैसे वीरों के योगदान को विस्तार से याद किया। उन्होंने कहा कि “जनजातीय इतिहास स्वर्णिम है, परंतु दुर्भाग्यवश हमारे अनेक जनजातीय नायकों को इतिहास में वह स्थान नहीं मिला जिसके वे अधिकारी थे। जनजातीय गौरव दिवस ने हमें अपने नायकों और अपनी जड़ों से दोबारा जोड़ा है।

उन्होंने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा— “शिक्षा ग्रहण करो, लेकिन अपनी जड़ों को मत भूलो, नौकरी करो लेकिन अपने गाँव की सेवा करना मत छोड़ो, आधुनिक बनो लेकिन अपने तीज-त्योहारों को हमेशा याद रखो।

कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम के मूल उद्देश्य को बताया तथा कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में साथ ही विश्वविद्यालय के विज्ञापन जनसंपर्क तथा मीडिया व प्रबंधन में क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा गठित एडवरटाइजिंग क्लब का शुभारंभ किया जिसमें अभिषेक साहू (अध्यक्ष), कविता भारती (उपाध्यक्ष), प्रज्ञा देवांगन (सचिव), तारिणी रजक (कोषाध्यक्ष) एवं तारिणी सोनी को (सदस्य) नामित किया गया।

इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देकर कार्यक्रम को जीवंत बनाया गया तथा रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर MBA (HA) के विद्यार्थियों द्वारा मेडिकल कैंप आयोजित किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाया।

कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शित करते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ. आशुतोष मंडावी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमें हमारी संस्कृति और इतिहास से जोड़ते हैं ।उन्होंने सभी विद्यार्थियों का जनजातीय समूह विषयों पर शोध एवं अध्ययन के लिए आव्हान किया।

कार्यक्रम में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग विभागाध्यक्ष शैलेन्द्र खंडेलवाल, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभागाध्यक्ष डॉ. नृपेंद्र कुमार शर्मा, जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती, अग्रसेन महाविद्यालय की शिक्षिका ईशा गोस्वामी सहित विश्वविद्यालय के सभी अतिथि व्याख्याता, कर्मचारी, शोधार्थी, एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। मेडिकल कैंप में प्रमुख भूमिका डॉ. देवेंद्र कश्यप तथा साथी रहे।

केटीयू में आयोजित “तरंग 2025” का समापन – तीन दिवसीय उत्सव ने बिखेरी रचनात्मकता, कला और सांस्कृतिक विविधता की चमक

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक महोत्सव “तरंग 2025” का सोमवार को समापन हुआ। तीन दिनों तक चले इस उत्सव में विद्यार्थियों ने रचनात्मकता, अभिव्यक्ति, संस्कृति और कला के विविध आयामों को अत्यंत उत्साह के साथ प्रस्तुत किया। अंतिम दिवस पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। समापन सत्र में सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र मोहंती उपस्थित रहे। उन्होंने विजेता विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों को रचनात्मकता और अभिव्यक्ति के लिए उत्कृष्ट मंच मिलता है। विभाग निरंतर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास हेतु सार्थक कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा।

विजेता हुए सम्मानित

रंगोली प्रतियोगिता

प्रथम स्थान – “हमारी रंगोली” : स्नेहा साहू एवं आशीष पटेल

द्वितीय स्थान – “लक्ष्मीपथ” : अंजली शुक्ला एवं रुचिसा केसर

तृतीय स्थान – “प्रकाश पुष्प” : नैनी एवं सिमोनी

डांस प्रतियोगिता

प्रथम स्थान – ख्याति–प्रतिष्ठा मिश्रा

द्वितीय स्थान – माही रजक

तृतीय स्थान – मुस्कान भारती

तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान विद्यार्थियों की ऊर्जा, तालमेल, रचनात्मकता और मंचीय कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन देखने को मिला, जिसे सभी उपस्थित जनों ने सराहा। समापन समारोह का संचालन जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने किया। कार्यक्रम में अतिथि शिक्षक डॉ. निलेश साहू और विनोद सावंत सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

सपनों की पाठशाला में दिखी भविष्य की इबारत, सुरक्षित हाथों में है आपके बच्चों का भविष्य, साई स्कूल में हर्षोल्लास मनाया गया फन फेस्ट 2025

अम्बिकापुर- हम अभिभावकों के सहयोग से नयी पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं। जो सपना अभिभावक और प्रबंधन ने देखा है, उसे योग्य शिक्षकों के साथ पूरा किया जा रहा है। यह बातें साई बाबा डे बोर्डिंग स्कूल में शनिवार की रात आयोजित फन फेस्ट 2025 के दौरान श्री शिरडी शिक्षण समिति के सचिव अजय कुमार इंगोले ने कही। उन्होंने अभिभावक और विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चुनौतियों ही हमारी ताकत है। बच्चों के लिए संसाधन जुटायेंगे और नयी पीढ़ी को श्रेष्ठतम बनायेंगे। उन्होंने बताया कि साई स्कूल में गत दिनों सीबीएसई के द्वारा प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुए थे जिसमें आधुनिकता के साथ भविष्य की तैयारी दिखी।

इससे पहले दो प्री प्रायमरी बच्चों ने बाक्स से चिट निकाल कर दिया जिससे अभिभावकों के बीच से पुरूष मुख्य अतिथि संदीप किण्डो और महिला मुख्य अतिथि पुर्णिमा बेक के नाम की घोषणा हुई। प्रबंध समिति के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले, सचिव अजय कुमार इंगोले, सह प्रबंधक यशा इंगोले चैधरी, प्राचार्य प्राची गोयल के साथ मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत बैच लगाकर तथा पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया गया। स्वागत गीत के साथ कार्यक्रम में नयी रवानी आ गयी।

वर्ष भर की उपलब्धियों से अवगत कराते हुए प्राचार्य प्राची गोयल ने कहा कि आपके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। स्कूल परिसर में श्रेष्ठ भोजन, अच्छे खेल, योग और अनुभवी शिक्षकों के माध्यम से कक्षाओं का संचालन होता है। उन्होंने अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहे। हमारे विद्यार्थियों ने प्रयाग संगीत समिति और प्राचीन कला केन्द्र चंडीगढ़ से बेहतरीन सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेष में आयोजित होने वाले स्काउड, गाइड के कार्यक्रम जम्बुरी के लिये हमारे तीन विद्यार्थियों का चयन हुआ है जो गर्व का विषय है। गत वर्ष विषाखापट्टम में शैक्षणिक भ्रमण भारतीय जलपोत जलाष्वा का देखना लाजवाब रहा। इस वर्ष गोवा की हरितिमा से अवगत होंगे। उन्होंने बताया कि सीबीएसई के नियमित प्रशिक्षण हमारे शिक्षकों के साथ ही अन्य जिलों से आये शिक्षकों के लिये पाथेय बना। हम कृतिम बुद्धि, एआई के साथ आधुनिकता को अपनाते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि तनाव रहित विद्यार्थी, शिक्षक के बीच रिश्ते और कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम लाभदायक रहा। उन्होंने वार्षिक गतिविधियों से अवगत कराते हुए कहा कि लिटिल मास्टर शेफ जहां बच्चों को पोषण देता है तो रोबोट का प्रशिक्षण उन्हें आधुनिकता से जोड़ता है। साहित्य, कला और विज्ञान आधारित कार्यक्रम, वर्कशॉप विद्यार्थियों में नया संचार पैदा करता है। उन्होंने अभिभावक, विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि प्रबंधन, अभिभावक और शिक्षक तीनों मिल कर भविष्य की इबारत स्वर्णिम अक्षरों में लिखेंगे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अभिभावकों के बीच से चयनित पुरूष मुख्य अतिथि संदीप किण्डो ने कहा कि यह विद्यालय बच्चों को संस्कार के साथ शिक्षा देता है। इस परिसर में बेहतर स्वास्थ्य के साथ अच्छी परवरिश होती है। उन्होंने कहा कि संस्कृति, कला, विज्ञान और खेल आधारित कार्यक्रम विद्यार्थियों की नींव को मजबूत करता है जो इस परिसर में ही सुलभ महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हुईं मुख्य अतिथि पुर्णिमा बेक ने कहा कि साई स्कूल के परिसर में प्रत्येक विद्यार्थी से शिक्षकों का जुड़ाव अपनापन देता है। शिक्षक हमारे बच्चों की बुनियाद मजबूत कर रहे हैं जो देष के लिए सम्बल बनेंगे।

अभिभावकों की ओर से नायब तहसीलदार सुमित कुमार गुप्ता ने कहा कि मेरी बेटी आराध्या और बासु तीन वर्षों से इस परिसर में अध्ययनरत हैं। शिक्षकों का प्रेरणादायक रवैया हमेशा एहसास करता है कि मेरे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों की नियत संख्या प्रबंधन और शिक्षकों की जिम्मेदारी का एहसास करता है। अतिरिक्त गतिविधियां बच्चों के लिए नया अवसर देती हैं।

अभिभावकों की ओर सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक रानी रजक ने कहा कि स्कूल की प्रत्येक गतिविधि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवष्यक है जो इस परिसर में योग्य शिक्षकों के द्वारा मिलती है। वर्तमान की चुनौती गुड पैरेंटिंग है जो इस परिसर में विद्यार्थियों को मिलती है। शिक्षकों का नजरिया कि प्रत्येक बच्चा विशेष है, अच्छा लगता है।

वर्ष भर की गतिविधियों के आधार पर प्रबंध समिति के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले, सचिव अजय कुमार इंगोले, सह प्रबंधक यशा इंगोले चैधरी ने प्राचार्य प्राची गोयल ने रेड हाउस को विजेता और येलो हाउस को उपविजेता घोषित किया।

कार्यक्रम का संचालन चंदा किरण अम्बस्ट तथा श्यामा कशिश ने किया। स्कूल के कैप्टन हर्षवर्धन मिश्रा ने अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के दौरान संगीत शिक्षक भानुषंकर झा साथ सभी शिक्षकों ने सहयोग किया। कार्यक्रम के दौरान प्रबंध समिति ओर से रेखा इंगोले, अलका इंगोले, श्री साई बाबा आदर्ष महाविद्यालय के प्राध्यापक अरविन्द तिवारी, शैलेष देवांगन, डाॅ. दिनेश शाक्य आदि उपस्थित रहे।

रंगारंग कार्यक्रमों से सजी शाम

फन फेस्ट 2025 सपनों की पाठशाला में तब्दील हो गयी। तबला पर जहां दिल्ली घराने की थाप दिखी तो रोबोटिक्स में भारत का भविष्य, नरसिंह अवतार में जहां आध्यात्म अपने चरम पर रहा तो पिता की जिम्मेदारियों का एहसास करा गया। बच्चों ने बड़े स्क्रीन पर हरियाली के साथ ताल से ताल मिलाया तो देशभक्ति पर आधारित नाटिका के साथ शौर्य गाथायें फलक पर आ गयी। विरासतों में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, एपीजे अब्दुल कलाम, रतन टाटा पाथेय बने। बढ़ते मोबाइल के प्रयोग के प्रति बच्चों ने सचेत किया। वंदेमातरम् की 150वीं वर्षगांठ की झलक कार्यक्रम में लगातार दिखी।

है।

बेहतर स्वास्थ्य के लिए दांतों की अच्छी देखभाल जरूरी, नि:शुल्क दंत चिकित्सा शिविर में 100 से अधिक लोगों की हुई जांच

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को यूथ रेडक्रॉस सोसायटी एवं रेड रिबन क्लब के तत्वावधान में नि:शुल्क दंत चिकित्सा एवं परामर्श शिविर आयोजित हुआ, जिसमें 100 से अधिक लोगों के दांतों की जांच की गयी। शिविर में आये विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए रेलवानी डेंटल क्लिनिक की डा. पंखुड़ी रेलवानी ने कहा कि आप के स्वास्थ्य के लिये सबसे ज्यादा जिम्मेदार आपका मुख है। दांतों की नियमित सफाई से लार (स्लाइवा) अच्छे बनेंगे। दांत भोज्य पदार्थों को खाने, चबाने में सहयोग करते हैं। अच्छे से चबा कर खाये हुए भोजन स्वास्थ्य को बेहतर रखते हैं।

डा. रूही फातिमा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि दांतों की सफाई सुबह और रात्रि में भोजन के उपरांत अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने दांतों के लिए ब्रश करने की विधि से सभी को अवगत कराया। डा. हर्षिता सिंहल दांतों से सम्बंधित जानकारी और स्वास्थ्य से सम्बंधित जानकारी दी।

शिविर के दौरान यूथ रेडक्रॉस सोसायटी एवं रेड रिबन क्लब प्रभारी एल.पी गुप्ता के साथ सहायक प्राध्यापक अभिषेक कुमार, चांदनी व्यापारी, सोनाली गोस्वामी तथा राहुल कुमार गुप्ता, सुशील कुमार गुप्ता, अनुज, आकाश, तृप्ति, जया, पूजा, अभिलाषा, रूपाली, आंचल, अनुषा ने सहयोग किया।

चाचा नेहरू की जयंती पर विद्यार्थियों के खिले चेहरे, साई कॉलेज में मनाया गया बाल दिवस

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शुक्रवार को पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में मनायी गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव, प्राध्यापक और विद्यार्थियों ने बच्चों के चाचा नेहरू की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि आज के आधुनिक भारत की तस्वीर नेहरू ने ही देखी थी। उन्होंने ही कृषि प्रधान देश के लिए संसाधन जुटाये और उद्योग आधारित समाज बनाया जो वर्तमान में ज्ञान आधारित हो गया। बड़े उद्योग, कारखाना, संयंत्र, बांध बना कर देश की नींव को मजबूत किया। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि नेहरू को बच्चों से बेहद लगाव था, इसलिये उनके जन्म दिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने बाल गीतों के साथ रंगारंग कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति दी। महाविद्यालय के शिक्षकों ने विद्यार्थियों के बीच मिठाई के साथ अल्पाहार वितरित किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेंद्र दास सोनवानी ने किया। इस अवसर पर सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

केटीयू के “तरंग 2025” का दूसरा दिन रेट्रो और बॉलीवुड थीम में रंगा

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव “तरंग 2025” के दूसरे दिन परिसर रेट्रो और बॉलीवुड थीम के रंग में रंगा दिखाई दिया। विद्यार्थियों ने पुराने दौर के फैशन, क्लासिक बॉलीवुड किरदारों और प्रतिष्ठित फिल्मी व्यक्तित्वों की झलक पेश कर पूरे वातावरण को उत्साह और रचनात्मकता से भर दिया।

दिनभर चले कार्यक्रमों में डांस प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण रही। विद्यार्थियों ने हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय गीतों पर शानदार प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें ऊर्जा, तालमेल और मंचीय अभिव्यक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। दर्शकों ने भी प्रतियोगियों का जोश बढ़ाते हुए खूब सराहना की।

डांस प्रतियोगिता में:

प्रथम स्थान: ख्याति-प्रतिष्ठा मिश्रा

द्वितीय स्थान: माही रजक

तृतीय स्थान: मुस्कान भारती

प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों ने अपनी सृजनात्मकता, आत्मविश्वास और उत्कृष्ट प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। रेट्रो लुक्स, बॉलीवुड के क्लासिक हीरो-हीरोइन और मशहूर ऑन-स्क्रीन किरदारों की झलक पूरे परिसर में दिखाई दी, जिससे उत्सव का वातावरण और भी जीवंत एवं यादगार बन गया।

केटीयू में रचनात्मकता और अभिव्यक्ति का उत्सव “तरंग 2025” का हुआ शुभारंभ, पहले दिन रंगोली प्रतियोगिता से बिखरी कला और कल्पना की छटा

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव “तरंग 2025” का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति महादेव कावरे ने किया। कुलपति श्री कावरे ने अपने संबोधन में कहा कि “तरंग 2025 विद्यार्थियों की सृजनात्मकता और अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करने का उत्कृष्ट मंच है। आप सभी संचार के विद्यार्थी हैं और रंगोली प्रतियोगिता भी संचार का एक सुंदर माध्यम है। रंगोली के माध्यम से भावनाओं और विचारों को सहज रूप से सैकड़ों लोगों तक पहुँचाया जा सकता है। हाल ही में आयोजित राज्योत्सव में हमने देखा कि किस प्रकार बस्तर आर्ट सहित विभिन्न लोककलाओं ने दर्शकों को प्रभावित किया। उसी प्रकार रंगोली समाज में सुंदर संदेश देने और संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने की एक प्रभावी कला है।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलसचिव सुनील शर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों की प्रतिभा, रचनात्मकता और संगठन क्षमता को मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में इस प्रकार के कार्यक्रम नेतृत्व कौशल को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र मोहंती ने बताया कि विभाग का प्रयास हमेशा यह रहता है कि विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उनकी रचनात्मक क्षमता को विकसित करने के लिए लगातार अवसर प्रदान किए जाएँ।

रंगोली प्रतियोगिता कौन रहे विजेता-

रंगोली प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने सामाजिक सरोकार, संस्कृति और सृजनात्मकता पर आधारित आकर्षक कृतियाँ बनाई।

• प्रथम स्थान – “हमारी रंगोली”: स्नेहा साहू और आशीष पटेल

• द्वितीय स्थान – “लक्ष्मीपथ”: अंजली शुक्ला और रुचिसा केसरी

• तृतीय स्थान – “प्रकाश पुष्प”: नैनी और सिमोनी

“तरंग 2025” के अंतर्गत शुक्रवार को सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम विभाग के अतिथि शिक्षक डॉ. निलेश साहू, गुलशन वर्मा, शोधार्थी विनोद सावंत, विभिन्न विभागाध्यक्ष, अन्य अतिथि, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

योग्यता, क्षमता और प्रस्तुति से बनेगा कॅरिअर, साई कॉलेज में आयोजित हुआ कॅरिअर गाईडेंस एवं पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट कार्यक्रम

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरूवार को कॅरिअर गाईडेंस एवं पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट कार्यक्रम आयोजित हुआ। अतिथियों का स्वागत करते हुए वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के अध्यक्ष राकेश सेन ने कहा कि वाणिज्य की दुनिया में लगातार अपने को अद्यतन बनाये रखना है। अपने पाठ्यक्रम के साथ ही विशेष तथ्यों से अवगत होते रहना होगा और सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ना होगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बिलासपुर के जेसीसी इंस्टीट्यूट के निदेशक जीत द्विवेदी ने विद्यार्थियों को साक्षात्कार के टिप्स दिये। उन्होंने खेल-खेल में अपने कॅरिअर के प्रति स्वयं को अद्यतन रखने की जानकरी दी। उन्होंने कहा कि आप अपने को हमेशा बेहतर प्रस्तुत करें जिससे आपकी क्षमता बढ़ेगी और अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि योग्यता, क्षमता और प्रस्तुति तीनों मिला कर व्यक्तित्व बनता है जिससे आप जॉब के लिये तैयार होते हैं।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्नॉइट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के प्रशिक्षक बृजेश भाटिया ने साफ्ट स्किल के लिए सभी विद्यार्थियों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि साफ्ट स्किल बेहतर होगी तो व्यक्तित्व में निखार आयेगा। प्रत्येक विद्यार्थी को लगातार अपने पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि त्वरित बुद्धि के लिए तैयार रहना होगा। अपने दिमाग को तेज रखने का प्रशिक्षण लगातार देना होगा।

प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने सभी को कॅरिअर, जॉब और उनकी तैयारियों को लेकर प्रेरित किया।कार्यक्रम के दौरान वाणिज्य एवं प्रबंधन एवं कम्प्यूटर साईंस एंड आईटी के विद्यार्थी शामिल रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. डॉली शर्मा ने किया तथा विशेषज्ञों का आभार डॉ. जसप्रीत कौर ने किया। कार्यक्रम के दौरान सहायक प्राध्यापक शैली सिन्हा, साक्षी गोयल, शुभम गोयल तथा सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।