पुलिसिया सिस्टम से आहत पत्रकार पैदल ही लखनऊ रवाना*
अमृतपुर पुलिस द्वारा पत्रकारों पर फर्जी मुकदमों की शिकायत करेंगे मुख्यमंत्री से
अमृतपुर फर्रुखाबाद 31 अक्टूबर। जब लोकतंत्र में चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों को न्याय के लिए संघर्ष करना पड़े तो साफ जाहिर होता है कि लोकतांत्रिक प्रणाली खतरे में है। ऐसी स्थिति में न्याय पाने वाली जनता का क्या हाल होता होगा। रात दिन भ्रष्टाचार के पहाड़ों से टकराने वाले यह कलमकार अपनी जिंदगी दांव पर लगा देते हैं। कभी माफियाओं के चंगुल से तो कभी ऐसे उपद्रवियों के हमले से आहत होते हैं और फिर इन सजक प्रहरियों को अपनी जान तक गवानी पड़ती है। लेकिन यह ना तो कभी सच्चाई लिखने से पीछे हटे हैं और न हीं उस सच्चाई को दिखाने से कभी इन्होंने समझौता किया है। यह सजक प्रहरी इस समय उत्तर प्रदेश के भाजपा की सरकार में न्याय पाने के लिए भटकते रहे। और फिर इन्हें सड़कों पर उतरना पड़े तो साफ जाहिर होता है कि फर्रुखाबाद की पुलिसिया सिस्टम में बहुत बड़ी खामियां आ चुकी है। मामला अमृतपुर थाना क्षेत्र का है। जहां महिला थाना अध्यक्ष द्वारा पत्रकारों के ऊपर बिना जांच कई मुकदमे लिख दिए गए। जिससे आहत होकर पत्रकारों ने अपनी समस्या के निदान के लिए क्षेत्राधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक और उसके बाद में पुलिस कप्तान से मिलकर समस्याओं के निदान के लिए गुहार लगाई। लेकिन कहीं से कोई निदान मिलते नहीं दिखा तो फिर इन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संगठन के बैनर तले तहसील अध्यक्ष प्रताप सिंह यादव की निगरानी में पत्रकारों का आधा सैकडा से अधिक का जत्था न्याय पाने के लिए अमृतपुर थाने से पैदल मार्च करते हुए लखनऊ योगी आदित्यनाथ के दरबार की तरफ कूँच करने लगा। पत्रकार एकता जिंदाबाद के स्लोगन के साथ फर्रुखाबाद पुलिसिया सिस्टम से बेहाल इन पत्रकारों के कदम मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ रहे थे। सुबह 10 बजे के बाद अपने गंतव्य की तरफ निकले यह मीडिया कर्मी बैनर लिए हुए शाम तक फर्रुखाबाद पांचाल घाट पहुंच चुके थे। इन्हें बीच में अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा रोक कर वार्ता करने का प्रयास किया गया। लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। इसका मुख्य कारण रहा कि मीडिया कर्मी पहले ही इन अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा चुके थे परंतु इन अधिकारियों ने इन कलमकारों की बात को ना तो सुना और ना ही इनके ज्ञापन पर कोई ध्यान दिया। अब यह लोकतंत्र के सजग प्रहरी अपनी समस्या के निदान के लिए और फर्रुखाबाद की पुलिस के सिस्टम को दुरुस्त करवाने के लिए मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचकर अपनी फरियाद करना चाहते हैं। उनके कदम लगातार अपने गंतव्य की तरफ बढ़ रहे हैं। देखना यह है कि फर्रुखाबाद के प्रशासनिक सिस्टम से आहत इन मीडिया कर्मियों को मुख्यमंत्री दरबार में न्याय मिल पाता है अथवा नहीं। लेकिन उम्मीद की किरण लेकर यह पत्रकार बंधु अपने संगठन के बैनर तले पदाधिकारियो और पत्रकारों के साथ लगातार लखनऊ की तरफ बढ रहे हैं। इनके साहस और संघर्ष के बढ़ते कदमों को कई संगठनों का समर्थन मिलता जा रहा है। किसान संगठन ने तो सहयोग और समर्थन देने का सोशल मीडिया पर ऐलान भी कर दिया है।







Nov 01 2025, 20:10
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