विभीषण सम्मान से सम्मानित तिहार पर 12वीं सौगात ‘काला मन’ उपन्यास लेकर आ रहे हैं प्रियासन
बलरामपुर/नेपाल (देउखुरी), असोज 30 – नेपाल के सर्वाधिक दूसरे सबसे ज्यादा उपन्यास लिखने वाले उपन्यासकार सविन प्रियासन तिहार के अवसर पर अपना 12वां उपन्यास ‘काला मन’ बाजार में लाने की तैयारी कर रहे हैं।
दाङ के घोराही में रहकर साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय प्रियासन का नया उपन्यास ‘काला मन’ इस समय प्रेस में छपाई की प्रक्रिया में है। प्रियासन ने इससे पहले इसी वर्ष वैशाख महीने में ‘कड़ी’ उपन्यास प्रकाशित किया था। केवल छह महीने के अंतर में एक और नया उपन्यास पाठकों के बीच लाने की तैयारी में लगे प्रियासन का ‘काला मन’ 208 पृष्ठों का है।
प्रियासन का कहना है कि उन्होंने यह उपन्यास सिर्फ एक सप्ताह में लिखा, और अगले एक सप्ताह तक स्वयं ही सम्पादन, शब्द-सुधार और काट-छाँट का कार्य किया। ‘काला मन’ उपन्यास का मुख्य विषय कृषि आधारित उद्यमशीलता में सफल एक युवा और संघर्ष के बाद डॉक्टर बनी युवती के बीच प्रेम कहानी पर केन्द्रित है। इसके साथ ही उपन्यास में समाज को संदेश देने वाले कई उपकथाएँ (सब-प्लॉट्स) भी जोड़ी गई हैं।
जब प्रियासन से पूछा गया कि ‘काला मन’ का अर्थ क्या है, तो उन्होंने कहा – ‘काला मन’ का मतलब है नकारात्मक सोच। उनका कहना है कि उपन्यास यह संदेश देता है कि नकारात्मक सोच पर विजय पाकर हर क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है।
‘काला मन’ के प्रकाशन के साथ प्रियासन के कुल 12 उपन्यास प्रकाशित हो जाएंगे। उनके नाम पर एक कहानी संग्रह और एक संपादकीय संग्रह भी प्रकाशित हैं।
घोराही से प्रकाशित गणतन्त्र राष्ट्रिय दैनिक के प्रकाशक एवं प्रधान सम्पादक के रूप में कार्यरत प्रियासन नेपाल पत्रकार महासंघ के केन्द्रीय सचिव भी हैं। उन्होंने अपने प्रारंभिक दिनों में साहित्यिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई थी और राप्ती साहित्य परिषद् के केन्द्रीय महासचिव के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
हाल के वर्षों में वे पत्रकारिता और साहित्य दोनों क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इसके अलावा, वे सामाजिक अभियानों का भी नेतृत्व करते हैं, जिनमें ‘घोराही बनाओ अभियान’ विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
साहित्य, पत्रकारिता और समाजसेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रियासन को नेपाल सरकार द्वारा ‘विभीषण’ सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है, साथ ही उन्हें जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक दर्जनों पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
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