साई कॉलेज में 74 प्रतियोगियों ने दी भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शांति कुंज हरिद्वार के तत्वावधान में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित हुई जिसमें भारतीय सभ्यता, संस्कृति, इतिहास, आध्यात्म और जीवन दर्शन से सवाल पुछे गये। परीक्षा में 74 प्रतियोगियों ने भाग लिया।

प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि परीक्षा के परीक्षार्थियों को भारतीय ज्ञान परम्परा से सम्बंधित पुस्तक उपलब्ध करायी गयी थी। उसी पुस्तक के विभिन्न तथ्यों पर आधारित परीक्षा हुई। डॉ. श्रीवास्तव ने परीक्षा से पुर्व भारतीय ज्ञान और विरासतों को लेकर प्रेरित किया। ओएमआर शीट पर हुई परीक्षा का बुकलेट सभी परीक्षार्थियों को उपलब्ध कराया गया। परीक्षा संचालन में सहायक प्राध्यापक नीतू सिंह, सगुफ्ता नाज, स्वाती शर्मा, शैली सिन्हा, तुलिका सिन्हा आदि ने सहयोग किया।

भारत सरकार को AISHE की सही एवं समय पर जानकारी प्रदान कर विकसित राष्ट्र के लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकेंगे: कुलपति प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह

अम्बिकापुर- संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन 2024-25 के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला दिनांक 11-10-2025 को विश्वविद्यालय के पुराने परिसर दर्रीपारा,अम्बिकापुर के प्रशासनिक भवन के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागृह में आयोजित किया गया।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि डॉक्टर नीता बाजपेई छत्तीसगढ़ राज्य नोडल अधिकारी AISHE एवं राज्य एनएसएस अधिकारी थी, साथ ही मुख्य वक्ता डॉ. जितेंद्र कुमार गुप्ता सहायक अध्यापक कंप्यूटर साइंस विभाग अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर थे। कार्यशाला के अध्यक्ष माननीय कुलपति प्रोफेसर प्रेम प्रकाश सिंह सर एवं विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर शारदा प्रसाद त्रिपाठी मंच पर उपस्थित थे।

कार्यशाला का संचालन विश्वविद्यालय के AISHE नोडल अधिकारी आनंद कुमार सहायक प्राध्यापक फार्मेसी विभाग के द्वारा किया गया, साथ ही उन्होंने कार्यशाला की प्रस्तावना भी प्रस्तुत की, सर्वप्रथम मंचस्थ अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा एवं संत गहिरा गुरु जी के छायाचित्र पर पुष्प अर्पण कर तथा दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।

कार्यशाला के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रेम प्रकाश सिंह के द्वारा अपने अध्यक्ष ही उद्बोधन में सभी उपस्थित प्राचार्य गण एवं नोडल अधिकारियों को भारत सरकार द्वारा जारी ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन की पोर्टल पर समय पर डाटा अपलोड करने एवं उससे संबंधित जरूरी पहलुओं पर सतर्कता के साथ-साथ डेटा को वैलिडेट करने एवं शिक्षक के दायित्वों को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कार्य करने का आह्वान किया, साथी उन्होंने महाविद्यालय से आए नोडल अधिकारियों को विश्वविद्यालय के प्रगति एवं आगामी योजनाओं के साथ साथ रिसर्च एवं शोध कार्य करने हेतु प्रेरित किया एवं इसके संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।

तत्पश्चात विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने कार्यशाला को उपस्थित प्राचार्य गण एवं नोडल अधिकारियों को विश्वविद्यालय के आयोजित होने वाले पूरक परीक्षा के संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश एवं जानकारी प्रदान की उसके पश्चात विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव प्रवीण अग्रवाल के द्वारा विश्वविद्यालय के पोर्टल पर सही समय पर आंतरिक मूल्यांकन के अंक एवं महाविद्यालय से संबंधित आवश्यक जानकारी को त्रुटि रहित पोर्टल पर अपलोड करने की अपील की गई।

कार्यशाला के द्वितीय तकनीकी सत्र में बिलासपुर विश्वविद्यालय से आए मुख्य वक्ता डॉ जितेंद्र गुप्ता के द्वारा महाविद्यालयों की ओर से भरे जाने वाले वेब डीसीएफ को ऑनलाइन लाइव माध्यम से एक-एक पहलुओं पर रोशनी देते हुए एवं उसके संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई साथ ही साथ उन्होंने पोर्टल के विभिन्न पहलुओं पर आने वाले शंकाओं का समाधान भी किया।

कार्यशाला के समापन पर सभी अतिथियों का शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर आभार प्रदर्शित करते हुए धन्यवाद किया अंत में डॉ समन नारायण उपाध्याय के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया साथ ही राष्ट्रगान के उपरांत कार्यशाला के समापन की घोषणा की गई।

शांति और एकता का संदेश हुआ गूंजायमान, राइड फॉर पीस रैली 25 सम्पन्न

रायपुर- डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ (सी.एन.आई.) द्वारा आयोजित "राइड फॉर पीस बाइक रैली 2025" शुक्रवार शाम को वापिस रायपुर लौटी जिसका स्वागत के साथ ऐतिहासिक समापन रायपुर स्थित डायोसिस कार्यालय में हुआ। समापन कार्यक्रम में राइडर्स का स्वागत और सम्मान फूल मालाओं से हुआ, रविवार 5 अक्टूबर को शांति रैली रायपुर से सरगुजा संभाग के लिए रवाना हुई थी जो रायपुर से रायगढ़, जशपुर, अंबिकापुर, मैनपाट, पेंड्रा से बिलासपुर होते हुए रायपुर पहुचकर समाप्त हुई, शांति रैली में सैकड़ो लोग शामिल हुए।राइडर्स में शामिल लोगों ने सभी जगह नुक्कड़ नाटक के माध्यम से हरित भारत मिशन, पंच परिवर्तन, सामाजिक बुराइयों का दमन, यातायात जागरूकता, शिक्षा, चिकित्सा एवं पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया और उपस्थित नागरिकों के साथ शपथ लिया।

05 अक्टूबर से प्रारंभ हुई यह रैली रायपुर से निकलकर क्रमशः रायगढ़, जशपुर, अंबिकापुर, मैनपाट और पेंड्रा होते हुए 10 अक्टूबर को रायपुर वापस पहुँची। छह दिनों की रैली के दौरान जगह-जगह लोगों ने राइडर्स का स्वागत कर शांति, प्रेम और एकता का संदेश अपनाने का संकल्प लिया। रैली के दौरान जशपुर में श्री जूदेव ने अपने राजमहल में राइडर्स का भव्य स्वागत किया। उन्होंने नितिन लॉरेंस को रैली की सफलता के लिए विशेष मार्गदर्शन दिया और कहा — “ऐसी पहल समाज में भाईचारे और मानवीय मूल्यों को सशक्त करती हैं।इसी क्रम में राजेश अग्रवाल, मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन एवं उनके बड़े भाई ने अपने निवास पर नितिन लॉरेंस और पूरी राइड टीम का आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने सभी राइडर्स को अपने घर में नाश्ते का निमंत्रण दिया और रैली दल के लिए रामगढ़ भ्रमण की विशेष व्यवस्था भी की। अग्रवाल परिवार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि- “यह रैली युवाओं में सकारात्मक ऊर्जा और राष्ट्र निर्माण की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है।”

समापन समारोह के अवसर पर नितिन लॉरेंस, सचिव, डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ ने कहा- “यह यात्रा केवल बाइक रैली नहीं थी, बल्कि यह एक जन-आंदोलन था हरित भारत, स्वच्छ समाज और शांति के लिए, सभी प्रतिभागियों ने यह दिखाया कि जब लोग मिलकर आगे बढ़ते हैं, तो परिवर्तन निश्चित होता है।”

शांति रैली के संयोजक संजय नायक (रायड फॉर पीस टीम) ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी शांति रैली भविष्य में और भी बड़े पैमाने पर आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर विभिन्न चर्चों, सामाजिक संस्थाओं, युवाओं, पुलिस प्रशासन और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम का समापन “शांति और सेवा ही सच्चा धर्म है” के उद्घोष के साथ हुआ। शांति यात्रा में प्रमुख रूप से बिशप सुषमा कुमार, आलोक रंजन, संजय सालोमन, मनशीश केजू, रुपिका लॉरेंस, सन्नी, सागर फ़रिकार, राहुल करीम, समीर व अन्य शामिल थे।

प्रगति कॉलेज में हुआ चिकित्सा जागरूकता एवं स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन

रायपुर-  प्रगति कॉलेज में कम्युनिटी सेल द्वारा सेवा पखवाड़ा के तहत् आज 11 अक्टूबर 2025 को चिकित्सा जागरूकता शिविर एवं स्वैच्छिक रक्तदान अभियान का आयोजन किया। यह आयोजन बेहतर भारत एवं मां फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान किया गया।

कार्यक्रम की शुरुवात मां सरस्वती पूजा अर्चना के साथ हुई। प्राचार्य महादेव द्वारा बच्चों को स्वस्थ और तदरूस्ती के बारे में जागरूक किया साथ ही रक्तदान के माध्यम से जीवन बचाने में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। यह आयोजन छात्र-छात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जिससे वे स्वास्थ्य जांच के महत्व को समझ सके।

कार्यकम में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। अपने स्वस्थ्य के प्रति विद्यार्थियों ने जागरूकता दिखाते हुए आंख और दांत का चेकअप करवाया तथा 36 विद्यार्थियों ने रक्तदान किया। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य समस्या हेतु मनोचिकित्सक से संपर्क किया।

बेहत्तर भारत एवं माँ फाउडेशन के फाउडर के सयुक्त तत्वाधान में उनकी टीम डॉ. सीमा (स्त्रीरोग विशेषज्ञ) डॉ. सोएब खान (मनोचिकित्सक) डॉ. अकिता सदानी (दमरोग चिकित्सक), डॉ. विवेक (नेत्ररोग चिकित्सक), कार्यकम समन्वयक रिया तिवारी रही, जिनके सहयोग एवं समर्थन से आयोजन सभव हो पाया।

इस जागरूकता कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. सौम्या नैयर कम्युनिटी सेल के समन्वयक डॉ. के एन गजपाल एवं सदस्य, एडमिनिस्ट्रेटर साथ ही वाणिज्य, प्रबंधन, कम्प्यूटर विज्ञान, शिक्षा विभागों के समस्त विभागाध्यक्ष प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

साई कॉलेज में यूथ एक्टिविटी क्लब द्वारा कहानी, कविता और निबंध प्रतियोगिता हुई आयोजित

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को यूथ एक्टिविटी क्लब के तत्वावधान में कविता, कहानी और निबंध प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता में 93 से अधिक प्रतियोगियों ने भाग लिया। कहानी और कविता लेखना के लिये प्रतियोगियों को स्वयं की रूचि के अनुसार विषय तय करना था जबकि निबंध प्रतियोगिता के लिए विकसित भारत विषय निर्धारित था। यूथ एक्टिविटी क्लब के प्रभारी सहायक प्राध्यापक नीतू सिंह ने बताया कि कहानी में प्रतियोगियों ने जहां वर्तमान के साथ कल्पनाओं का आयाम दिया तो कविता में प्रकृति की हरियाली और महिला सशक्तीकरण फलक पर आया। निबंध प्रतियोगिता में विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने की ललक दिखी। युवाओं ने वर्तमान से भविष्य की इबारत लिखने की कोशिश की।

प्राचार्य डॉ.राजेश श्रीवास्तव ने प्रतियोगियों को लेखन और विषय के प्रति प्रेरित किया। प्रतियोगिता के दौरान सहायक प्राध्यापक तूलिका सिन्हा, स्वाती शर्मा, सोनाली गोस्वामी ने सहयोग किया।

साई कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का हुआ समापन, 250 से अधिक शोध पत्रों का हुआ वाचन

अम्बिकापुर- विकसित भारत का लक्ष्य युवाओं की भागीदारी, देश से गरीबी मिटाना, महिला शक्ति को पूरा अधिकार प्रदान करना है। व्यक्ति और परिवार की आय, क्रय शक्ति बढ़ेगी तो देश में समृद्धि आयेगी। यह बातें गुरूवार को श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विकसित भारत के परिप्रेक्ष्य में कला, विज्ञान और प्रबंधन में भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर कला एवं मानविकी संकाय, आईक्यूएसी और छत्तीसगढ़ सोशियोलॉजीकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अधिष्ठाता डॉ. संतोष सिन्हा ने कही।
उन्होंने कहा कि कला सिर्फ कला के लिए नहीं है, उसमें सौन्दर्य, जीवन और आध्यात्म भी है। डॉ. सिन्हा ने वैदिक गणित, खगोल, नैतिक मूल्यों को अवगत कराते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता संस्कृति विश्व कल्याण की बात करती है। मारे कृषि, बागवानी के अनुसंधान किसानो से पूरे होते हैं। उनकी तत्परता और बुद्धिमत्ता से ही खाद्यान्न मिलता है। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ.राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी ज्ञान परम्परा प्राचीन काल से समृद्ध रही है। ज्ञान-विज्ञान, अनुसंधान में हम अग्रणी रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम और हनुमान प्रबंधन के लिए सबसे बड़े उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 100 वर्ष यानि 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य समृद्धि के साथ पुरा करना है।
सेमिनार के संयोजक डॉ. आर.एन. शर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा विश्व शांति का संदेश देती है। विदेशियों ने आक्रमण के दौरान भारतीय मंदिरों को तो तोड़ा ही बल्कि हमारे ज्ञान और आत्मा पर प्रहार किया। उन्होंने शल्य चिकित्सा के सन्दर्भ में गलिदारी गुरूची, ब्राह्मी के गुण बताये। कापालिक तंत्र साधना और ह्यमन एनॉटामी से अवगत कराया। डॉ. शर्मा ने दो दिवसीय सेमिनार के बारे में बताया कि 250 से अधिक शोध पत्रों का वाचन हुआ। ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों मोड में श्रोता जुड़े रहे।
तकनीकी सत्र के दौरान विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरएन खरे ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ सोसियोलॉजीकल एसोसिएशन की अध्यक्ष, शहीद नंद कुमार पटेल कॉलेज वीरगांव रायपुर की प्राचार्य डॉ. प्रीति शर्मा ने भारतीय ज्ञान परम्परा और उसकी उपादेयता से अवगत कराया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. संतोष सिन्हा का स्वागत अंग वस्त्र, श्रीफल से किया गया। अतिथियों ने सेमिनार में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले और विषय विशेषज्ञों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेन्द्र दास सोनवानी, पल्लवी मुखर्जी ने किया।इस अवसर पर लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष कुमार देवांगन, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार शाक्य, दीपक तिवारी आदि उपस्थित रहे।
साई कॉलेज में कला एवं मानविकी संकाय, आईक्यूएसी और छत्तीसगढ़ सोशियोलॉजीकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय सेमिनार आयोजित

अम्बिकापुर- सा विद्या या विमुक्तये, विद्या ददाति विनयं ज्ञान के दोनों लक्ष्य हमारी भारतीय ज्ञान परम्परा में हैं। श्रुतियों, वाचिक परम्पराओं से होते हुए यह ज्ञान हम तक पहुंचा है और इस ज्ञान के धरोहर को बनाये रखना हमारी जिम्मेदारी है। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विकसित भारत के परिप्रेक्ष्य में कला, विज्ञान और प्रबंधन में भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर कला एवं मानविकी संकाय, आईक्यूएसी और छत्तीसगढ़ सोशियोलॉजीकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक प्रेम कुमार सिदार ने कही।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में संचालित सेमिनार को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की नीति थी कि हम में अपने ज्ञान के प्रति हीनता का भाव भर दिया जाये जिससे हमारी मानसिकता को वर्षों दबाया जा सके । श्री सिदार ने कहा कि वेद, उपनिषद, पुराण, महाभारत, रामायण हमारे ज्ञान के स्रोत हैं। विज्ञान, अनुसंधान, चिकित्सा, खगोल, जीवन दर्शन, व्यापार भारत की खोज है। भारतीय अपने ज्ञान कौशल से दुनिया में समृद्ध थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान का ज्ञान, अनुसंधान हमारे ग्रंथों में पहले से मौजूद है। उन्हीं पर शोध-अनुसंधान के साथ पश्चिम के देश आज विकसित बने हुए हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय ग्रंथों का अध्ययन कीजिये जो सभी के लिये पाथेय होगा।इससे पहले महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले के साथ अतिथियों ने मां सरस्वती, श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ प्रदान कर और बैच लगा कर किया गया।

सेमिनार का विषय प्रवर्तन करते हुए संयोजक डॉ. आर.एन. शर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा हमारा पाथेय है। प्राचीन काल में भारतीय ज्ञान परम्परा दुनिया का नेतृत्व करती थी। गुलामी के दौर में भारतीय ज्ञान, विद्या को साजिश के तहत उपेक्षित किया गया। शासकों को पता था कि जब तक भारतीयों को उनके हीनता का एहसास नहीं कराया जायेगा, तब तक उन पर शासन नहीं किया जा सकता है। डॉ. शर्मा ने भारतीय ज्ञान परम्परा की ओर सभी का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में 250 से अधिक शोधपत्रों का वाचन होगा जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से विषय विशेषज्ञ ऑनलाइन जुड़े हैं।

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमें खुशी है कि प्राध्यापक, शोधार्थियों को इस राष्ट्रीय सेमिनार से भारतीय ज्ञान परम्परा के तथ्यों से जुड़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने प्राध्यापक, विद्यार्थियों, शोध अध्येताओं को पठनीयता के लिए आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.एन. खरे ने कहा कि हमारी विरासत भारतीय ज्ञान परम्परा है। दुनिया के जो भी आविष्कार, अनुसंधान हो रहे हैं वे भारतीय ज्ञान में है और उसे हमे फलक पर लाना होगा।

इस अवसर पर महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका सृजन का विमोचन अतिथियों ने किया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों को अंगवस्त्र, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। उद्घाटन सत्र का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेंद्र दास सोनवानी, पल्लवी मुखर्जी ने किया तथा डॉ. अलका पांडेय ने आभार प्रकट किया।

ऑफलाइन मोड में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राधेश्याम दुबे ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में नाथ साहित्य, दास कवियों,अष्टछाप कवियों के तथ्यों को फलक पर लाया। उन्होंने बताया कि वेद, उपनिषदों से भारतीय ज्ञान परम्परा वर्तमान तक पहुंची है जिसे संयोजित रखना हमारी जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम के दौरान सरगुजा के विभाग प्रचारक हेमंत नाथ, अभय पालोलकर, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के पीयुष पांडेय, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष कुमार देवांगन, वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

झूपत-झूपत आवे दाई मोरे अंगना हो...से सजा नवरात्रि उत्सव, शक्ति की भक्ति में विभोर हुआ साई कॉलेज परिसर

अम्बिकापुर- झूपत-झूपत आवे दाई मोरे अंगना हो... के आह्वान से श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को नवरात्रि उत्सव मनाया गया। कल्चरल कमेटी के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मां देवी दुर्गा की आराधना एवं पूजा-अर्चना से हुई। प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव, प्राध्यापक और विद्यार्थियों ने देवी की तस्वीर पर मार्ल्यापण कर देवी ज्योति प्रज्ज्वलित किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी भारतीय सभ्यता-संस्कृति उत्सव, त्यौहारों से भरी पड़ी है जो खुशियों से सराबोर है। उन्होंने नवरात्रि और दशहरा की सभी को शुभकामना दी। कार्यक्रम के आयोजन में कल्चरल कमेटी प्रभारी डॉ. जसप्रीत कौर, डॉ.जगमीत कौर, डॉ. अलका पांडेय ने सहयोग किया। इस अवसर पर सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

धुनुची नृत्य से हुई देवी की आराधना

बांग्ला परिधान में सजी छात्राओं धुनुची नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। देवी की आराधना करते हुए महिषासुर का संहार किया। नौ देवियों के साथ हुई प्रस्तुति में शक्ति की भव्य पराकाष्ठा दिखी। इस अवसर पर पंखिड़ा ओ पंखिड़ा..., ढोल बाजे... आदि भक्ति गीतों पर गरबा की रंगीनियत दिखी। छात्राओं के गरबा में गुजरात के लोकपर्व को प्रस्तुत किया जिसमें एक भारत-श्रेष्ठ भारत दिखी।

युवा कांग्रेस ने सिलतरा हादसे पर SP को ज्ञापन सौंप की दोषियों पर FIR और उच्च स्तरीय जांच की मांग

रायपुर- छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस ग्रामीण संगठन के जिला अध्यक्ष सजल चंद्राकर ने आज राजधानी रायपुर में पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर सिलतरा स्थित गोदावरी प्लांट हुए दर्दनाक हादसे को लेकर चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।

सजल चंद्राकर ने कहा कि "सिलतरा में गोदावरी प्लांट में हुई यह दर्दनाक दुर्घटना केवल कुछ श्रमिकों की जान लेने वाली घटना नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की औद्योगिक व्यवस्था में व्याप्त लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का बड़ा उदाहरण है। 6 श्रमिकों की मौत और कई लोगों का गंभीर रूप से घायल होना यह साबित करता है कि प्रबंधन और मालिक ने केवल मुनाफे पर ध्यान दिया और श्रमिकों की जान को दरकिनार कर दिया।

यह हादसा केवल पीड़ित परिवारों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक गहरी पीड़ा है। हर रोज मेहनत करके अपने परिवार का पेट पालने वाले मजदूर अगर ऐसे असुरक्षित माहौल में काम करने को मजबूर होंगे, तो यह सरकार और प्रशासन दोनों की बड़ी विफलता है। हमारी माँग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो, पीड़ित परिवारों को न्याय मिले और घायल श्रमिकों को सर्वोत्तम इलाज मिले। यदि सरकार और प्रशासन इस गंभीर मामले को हल्के में लेते हैं तो युवा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी, हम सड़क से सदन तक आंदोलन करेंगे।"

उन्होंने आगे कहा कि इस संदर्भ में हमारी चार प्रमुख माँगें हैं –

1. प्लांट के मालिक एवं जिम्मेदार प्रबंधन अधिकारियों पर तत्काल FIR दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

2. हादसे की उच्च स्तरीय जाँच कर यह स्पष्ट किया जाए कि किसकी लापरवाही से यह दुर्घटना हुई।

3. मृतक श्रमिक परिवारों को उचित मुआवजा एवं घायलों का नि:शुल्क बेहतर उपचार सुनिश्चित किया जाए।

4. भविष्य में औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की सख्ती से जाँच और पालन कराया जाए।

सजल चंद्राकर ने कहा कि –"हमारी माँग है कि इस मामले में दोषियों को सख्त सजा मिले और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो युवा कांग्रेस व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होगी।"

ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला अध्यक्ष सजल चंद्राकर के साथ निम्न साथी उपस्थित थे- विनोद भक्कू कश्यप, मनहरण वर्मा, अमिताभ घोस, अंकित वर्मा, अनिरुद्ध वर्मा, तीरथ साहू, शुभांशु साहू, बैसाखू सागर, कुलदीप लोधी, रुपेश वर्मा, भूपेंद्र साहू, केतन सिंह, जीत निर्मलकर, ज्वाला गोस्वामी, प्रवेश पांडे एवं अन्य युवा कांग्रेस के साथी उपस्तिथ हुए ।

सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है मानववाद, जन्म शताब्दी वर्ष पर साई कॉलेज में पंडित दीन दयाल उपाध्याय को किया गया याद

अम्बिकापुर- पंडित दीनदयाल उपाध्याप का जीवन दर्शन देश को सशक्त, आत्मनिर्भर जीवन देता है। वे पूंजीवाद के आगोश में न जा कर सांस्कृतिक, सभ्यतागत और राष्ट्रवादी मूल्यों को बढ़ाते हैं। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष पर साई कॉलेज और मेरा युवा भारत (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कही।उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाना और अंत्योदय के लक्ष्य को पाना हमारा कर्तव्य है। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का लक्ष्य था कि देश का संसाधन आखिरी व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने मूल्य आधारित व्यवस्था को स्थापित किया जो हमारी भारतीयता का परिचायक है। हमारा जीवन समाज के लिए है और हम समाज की इकाई हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप अपने चारित्रिक, वाणीगत मूल्यों को बनाये रखें। नवरात्र के दौरान संकल्प लें मन, कर्म और वाणी से स्त्री मर्यादा का हमेशा सम्मान प्रदान करेंगे।

इससे पहले अतिथियों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. अजय कुमार तिवारी ने कहा कि पंडित दीन दयाल का जीवन दर्शन राष्ट्र प्रथम को अपनाता है। उन्होंने सत्ता, पद और धन की लिप्सा से उपर उठ कर जीवन जीन का संदेश दिया है।

कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक वंदना पांडेय ने किया। आभार प्रकट करते हुए डॉ. अलका पांडेय ने कहा कि व्यक्ति की उपयोगिता परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए है। हमें उच्च जीवन दर्शन स्थापित करना होगा जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने समाज को सौंपा है।

इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य, डॉ. श्रीराम बघेल, स्वाति शर्मा, संजय कुमार तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।