साई कॉलेज में कला एवं मानविकी संकाय, आईक्यूएसी और छत्तीसगढ़ सोशियोलॉजीकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय सेमिनार आयोजित

अम्बिकापुर- सा विद्या या विमुक्तये, विद्या ददाति विनयं ज्ञान के दोनों लक्ष्य हमारी भारतीय ज्ञान परम्परा में हैं। श्रुतियों, वाचिक परम्पराओं से होते हुए यह ज्ञान हम तक पहुंचा है और इस ज्ञान के धरोहर को बनाये रखना हमारी जिम्मेदारी है। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विकसित भारत के परिप्रेक्ष्य में कला, विज्ञान और प्रबंधन में भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर कला एवं मानविकी संकाय, आईक्यूएसी और छत्तीसगढ़ सोशियोलॉजीकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक प्रेम कुमार सिदार ने कही।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में संचालित सेमिनार को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की नीति थी कि हम में अपने ज्ञान के प्रति हीनता का भाव भर दिया जाये जिससे हमारी मानसिकता को वर्षों दबाया जा सके । श्री सिदार ने कहा कि वेद, उपनिषद, पुराण, महाभारत, रामायण हमारे ज्ञान के स्रोत हैं। विज्ञान, अनुसंधान, चिकित्सा, खगोल, जीवन दर्शन, व्यापार भारत की खोज है। भारतीय अपने ज्ञान कौशल से दुनिया में समृद्ध थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान का ज्ञान, अनुसंधान हमारे ग्रंथों में पहले से मौजूद है। उन्हीं पर शोध-अनुसंधान के साथ पश्चिम के देश आज विकसित बने हुए हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय ग्रंथों का अध्ययन कीजिये जो सभी के लिये पाथेय होगा।इससे पहले महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले के साथ अतिथियों ने मां सरस्वती, श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ प्रदान कर और बैच लगा कर किया गया।

सेमिनार का विषय प्रवर्तन करते हुए संयोजक डॉ. आर.एन. शर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा हमारा पाथेय है। प्राचीन काल में भारतीय ज्ञान परम्परा दुनिया का नेतृत्व करती थी। गुलामी के दौर में भारतीय ज्ञान, विद्या को साजिश के तहत उपेक्षित किया गया। शासकों को पता था कि जब तक भारतीयों को उनके हीनता का एहसास नहीं कराया जायेगा, तब तक उन पर शासन नहीं किया जा सकता है। डॉ. शर्मा ने भारतीय ज्ञान परम्परा की ओर सभी का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में 250 से अधिक शोधपत्रों का वाचन होगा जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से विषय विशेषज्ञ ऑनलाइन जुड़े हैं।

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमें खुशी है कि प्राध्यापक, शोधार्थियों को इस राष्ट्रीय सेमिनार से भारतीय ज्ञान परम्परा के तथ्यों से जुड़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने प्राध्यापक, विद्यार्थियों, शोध अध्येताओं को पठनीयता के लिए आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.एन. खरे ने कहा कि हमारी विरासत भारतीय ज्ञान परम्परा है। दुनिया के जो भी आविष्कार, अनुसंधान हो रहे हैं वे भारतीय ज्ञान में है और उसे हमे फलक पर लाना होगा।

इस अवसर पर महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका सृजन का विमोचन अतिथियों ने किया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों को अंगवस्त्र, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। उद्घाटन सत्र का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेंद्र दास सोनवानी, पल्लवी मुखर्जी ने किया तथा डॉ. अलका पांडेय ने आभार प्रकट किया।

ऑफलाइन मोड में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राधेश्याम दुबे ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में नाथ साहित्य, दास कवियों,अष्टछाप कवियों के तथ्यों को फलक पर लाया। उन्होंने बताया कि वेद, उपनिषदों से भारतीय ज्ञान परम्परा वर्तमान तक पहुंची है जिसे संयोजित रखना हमारी जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम के दौरान सरगुजा के विभाग प्रचारक हेमंत नाथ, अभय पालोलकर, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के पीयुष पांडेय, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष कुमार देवांगन, वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

झूपत-झूपत आवे दाई मोरे अंगना हो...से सजा नवरात्रि उत्सव, शक्ति की भक्ति में विभोर हुआ साई कॉलेज परिसर

अम्बिकापुर- झूपत-झूपत आवे दाई मोरे अंगना हो... के आह्वान से श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को नवरात्रि उत्सव मनाया गया। कल्चरल कमेटी के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मां देवी दुर्गा की आराधना एवं पूजा-अर्चना से हुई। प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव, प्राध्यापक और विद्यार्थियों ने देवी की तस्वीर पर मार्ल्यापण कर देवी ज्योति प्रज्ज्वलित किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी भारतीय सभ्यता-संस्कृति उत्सव, त्यौहारों से भरी पड़ी है जो खुशियों से सराबोर है। उन्होंने नवरात्रि और दशहरा की सभी को शुभकामना दी। कार्यक्रम के आयोजन में कल्चरल कमेटी प्रभारी डॉ. जसप्रीत कौर, डॉ.जगमीत कौर, डॉ. अलका पांडेय ने सहयोग किया। इस अवसर पर सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

धुनुची नृत्य से हुई देवी की आराधना

बांग्ला परिधान में सजी छात्राओं धुनुची नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। देवी की आराधना करते हुए महिषासुर का संहार किया। नौ देवियों के साथ हुई प्रस्तुति में शक्ति की भव्य पराकाष्ठा दिखी। इस अवसर पर पंखिड़ा ओ पंखिड़ा..., ढोल बाजे... आदि भक्ति गीतों पर गरबा की रंगीनियत दिखी। छात्राओं के गरबा में गुजरात के लोकपर्व को प्रस्तुत किया जिसमें एक भारत-श्रेष्ठ भारत दिखी।

युवा कांग्रेस ने सिलतरा हादसे पर SP को ज्ञापन सौंप की दोषियों पर FIR और उच्च स्तरीय जांच की मांग

रायपुर- छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस ग्रामीण संगठन के जिला अध्यक्ष सजल चंद्राकर ने आज राजधानी रायपुर में पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर सिलतरा स्थित गोदावरी प्लांट हुए दर्दनाक हादसे को लेकर चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।

सजल चंद्राकर ने कहा कि "सिलतरा में गोदावरी प्लांट में हुई यह दर्दनाक दुर्घटना केवल कुछ श्रमिकों की जान लेने वाली घटना नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की औद्योगिक व्यवस्था में व्याप्त लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का बड़ा उदाहरण है। 6 श्रमिकों की मौत और कई लोगों का गंभीर रूप से घायल होना यह साबित करता है कि प्रबंधन और मालिक ने केवल मुनाफे पर ध्यान दिया और श्रमिकों की जान को दरकिनार कर दिया।

यह हादसा केवल पीड़ित परिवारों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक गहरी पीड़ा है। हर रोज मेहनत करके अपने परिवार का पेट पालने वाले मजदूर अगर ऐसे असुरक्षित माहौल में काम करने को मजबूर होंगे, तो यह सरकार और प्रशासन दोनों की बड़ी विफलता है। हमारी माँग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो, पीड़ित परिवारों को न्याय मिले और घायल श्रमिकों को सर्वोत्तम इलाज मिले। यदि सरकार और प्रशासन इस गंभीर मामले को हल्के में लेते हैं तो युवा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी, हम सड़क से सदन तक आंदोलन करेंगे।"

उन्होंने आगे कहा कि इस संदर्भ में हमारी चार प्रमुख माँगें हैं –

1. प्लांट के मालिक एवं जिम्मेदार प्रबंधन अधिकारियों पर तत्काल FIR दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

2. हादसे की उच्च स्तरीय जाँच कर यह स्पष्ट किया जाए कि किसकी लापरवाही से यह दुर्घटना हुई।

3. मृतक श्रमिक परिवारों को उचित मुआवजा एवं घायलों का नि:शुल्क बेहतर उपचार सुनिश्चित किया जाए।

4. भविष्य में औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की सख्ती से जाँच और पालन कराया जाए।

सजल चंद्राकर ने कहा कि –"हमारी माँग है कि इस मामले में दोषियों को सख्त सजा मिले और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो युवा कांग्रेस व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होगी।"

ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला अध्यक्ष सजल चंद्राकर के साथ निम्न साथी उपस्थित थे- विनोद भक्कू कश्यप, मनहरण वर्मा, अमिताभ घोस, अंकित वर्मा, अनिरुद्ध वर्मा, तीरथ साहू, शुभांशु साहू, बैसाखू सागर, कुलदीप लोधी, रुपेश वर्मा, भूपेंद्र साहू, केतन सिंह, जीत निर्मलकर, ज्वाला गोस्वामी, प्रवेश पांडे एवं अन्य युवा कांग्रेस के साथी उपस्तिथ हुए ।

सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है मानववाद, जन्म शताब्दी वर्ष पर साई कॉलेज में पंडित दीन दयाल उपाध्याय को किया गया याद

अम्बिकापुर- पंडित दीनदयाल उपाध्याप का जीवन दर्शन देश को सशक्त, आत्मनिर्भर जीवन देता है। वे पूंजीवाद के आगोश में न जा कर सांस्कृतिक, सभ्यतागत और राष्ट्रवादी मूल्यों को बढ़ाते हैं। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष पर साई कॉलेज और मेरा युवा भारत (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कही।उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाना और अंत्योदय के लक्ष्य को पाना हमारा कर्तव्य है। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का लक्ष्य था कि देश का संसाधन आखिरी व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने मूल्य आधारित व्यवस्था को स्थापित किया जो हमारी भारतीयता का परिचायक है। हमारा जीवन समाज के लिए है और हम समाज की इकाई हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप अपने चारित्रिक, वाणीगत मूल्यों को बनाये रखें। नवरात्र के दौरान संकल्प लें मन, कर्म और वाणी से स्त्री मर्यादा का हमेशा सम्मान प्रदान करेंगे।

इससे पहले अतिथियों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. अजय कुमार तिवारी ने कहा कि पंडित दीन दयाल का जीवन दर्शन राष्ट्र प्रथम को अपनाता है। उन्होंने सत्ता, पद और धन की लिप्सा से उपर उठ कर जीवन जीन का संदेश दिया है।

कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक वंदना पांडेय ने किया। आभार प्रकट करते हुए डॉ. अलका पांडेय ने कहा कि व्यक्ति की उपयोगिता परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए है। हमें उच्च जीवन दर्शन स्थापित करना होगा जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने समाज को सौंपा है।

इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य, डॉ. श्रीराम बघेल, स्वाति शर्मा, संजय कुमार तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

देश के लिये सेना के बलिदान, सेवाभाव, समर्पण एवं कर्तव्यबोध को अपनाकर ही होगा आत्मर्निभर एवं सशक्त नवभारत का नवनिर्माण- प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह

अम्बिकापुर- संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा, अंबिकापुर के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में आज दिनांक 26 सितंबर 2025 को पूर्वाह्न 12:00 बजे से पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागृह में "जय हिंद की सेना" विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष

विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह, मुख्य अतिथि कर्नल रीमा सोबति, प्रिंसिपल सैनिक स्कूल अंबिकापुर एवं विशिष्ट अतिथि कैप्टन यू एस चारण, अध्यक्ष जिला सैनिक कल्याण बोर्ड सरगुजा एवं छत्तीसगढ़ राज्य रजत जयंती महोत्सव के नोडल अधिकारी एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी के गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया ।

कर्नल रीमा सोबति प्रिंसिपल सैनिक स्कूल अंबिकापुर के द्वारा सैनिक स्कूल की उपलब्धियां का प्रस्तुतीकरण किया गया संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के सभी छात्रों को भी सैनिक स्कूल देखने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने अपने वकत्वय में कहा कि सैनिक स्कूल छत्तीसगढ़ की धरोहर और कैडेट को छात्रों को कैसे एनडीए (NDA) क्लियर करना है, सैनिक स्कूल में प्रवेश आदि से संबंधी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। शताधिक से अधिक छात्र आज सीधे भारतीय सेवा से जुड़े हुए हैं और अफसर के रूप में अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं इसके साथ ही सैनिक स्कूल अंबिकापुर के 100 से अधिक छात्र आज डॉक्टर बन देश की प्रगति में अपनी सेवाएं निरंतर दे रहे हैं । आज सर्वांगीण विकास का उदाहरण हमारे सामने है कि सैनिक स्कूल के कैडेट अनिमेष कुजूर को जो कि भारत देश का एकमात्र सबसे तेज धावक है और इसके साथ ही कैडेट खेलानंद साहू जिसने एनडीए में पहला स्थान प्राप्त किया है वह भी छत्तीसगढ़ राज्य से ही है।

विशिष्ट अतिथि कैप्टन यू एस चारण ने अपने संबोधन में इंडियन नेवी के संपूर्ण इतिहास से प्रारंभ कर सेना की कार्यप्रणाली एवं उसमें कैरियर के संभावनाओं के उपर प्रकाश डाला। भारत एवं अन्य देशों के साथ हुए युद्ध के कई अनुभवों को उन्होंने सेना के अमय साहस एवं शौर्य के कई दृश्य एवं अपने अनुभव साझा किये और संदेश दिया कि जिस प्रकार से थल सेना हमारे भारत के भू-भाग की रक्षा करती है ठीक उसी प्रकार, नौसेना समुद्र और तटीय क्षेत्रों की रक्षा करते हुए युद्ध की स्थिति में सेना के हर संभव बचाव एवं हमले के लिए मदद करती है।

सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी प्रस्तुत की साथ ही उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि अपने कर्मस्थल से अपने कर्तव्य का बोध कर कार्य करने हेतु प्रेरित किया। आज के इस युग में बड़े-बड़े राष्ट्र विकास का पैमाना युद्ध के उपकरण विकसित करने से लेकर एआई एवं रोबोट आधारित नीति पर कर रहे। युद्ध के इस परिदृश्य में हमें जीवन को जीने की कला को सीखना होगा। छोटी-छोटी खुशियों को समेट कर खुश होने की कला को सीखना होगा यही हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। समस्यायें सदैव रही हैं समाधान भी वहीं से निकला है। समाज की अनेक विकृतियां को हमें ही समाधान के रूप में प्रस्तुत होना होगा। रजत जयंती समारोह उक्त लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन और माध्यम होंगे। 50 वर्ष में जब छत्तीसगढ़ प्रवेश करेगा उस विकास की चुनौतियों से निपटने का अभी से प्रयास करना होगा। 2047 के विकसित भारत लक्ष्य के लिये हमें अभी से नई पीढ़ि को स्वस्थ्य मन और स्वस्थ्य तन के लिये प्रेरित करना होगा। विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम इसके माध्यम होंगे।

कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि जय हिन्द की सेना को समर्पित इस सेमिनार में पधारे भारतीय सेना को वरिष्ठ अधिकारियों को विश्वविद्यालय परिवार में अतिथि के रूप में देखकर बेहद खुशी है। उम्र के इस दौर मे भी मुझे देश के लिए सेना में सेवा देने की ललक बनी हुई है। सुरक्षित सीमायें एवं सुरक्षित देश, सेना के प्यार, बलिदान एवं समर्पण के बदौलत ही है। अगर सेना देश के लिए है तो हम सब देशवासियों को सेना के कल्याण एवं सशक्तीकरण के लिए सदा सेना के साथ तत्परता से खड़ा रहना होगा। स्वतंत्रता के रखवाले पराक्रमी जय हिन्द की सेना के लिए हमें इमानदारी से कर्मयोग में जीते हुए व्यापक भीषण भ्रष्टाचार के निवारण हेतु संघर्ष करते रहाना होगा। ऐसा करना ही देश के वीर

सेनाओं के लिए सच्चा सम्मान होगा। उन्होने कहा कि देश में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार एक नासूर की तरह है, जो देश की प्रगति, सामाजिक समरसता एवं इसके निरंतर विकास को बाधित करता रहा है। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से एवं सेना के विराजमान मंचस्थ अतिथियों के आगमन से विश्वविद्यालय का मान सम्मान बढ़ता है। ऐसे कार्यक्रम स्कूल, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में होते रहना चाहिए। माननीय कुलपति ने युवाओं का आह्वान किया की भारतीय सांस्कृतिक विरासत, अनेकता में एकता को कायम रखते

हुए नवाचार के साथ अहिंसा की राह पर चलते हुए सशक्त एवं आत्मनिर्भर नवभारत का नवनिर्माण करे।

तत्पश्चात कुलपति ने मुख्य अतिथि कर्नल रीमा सोबति एवं विशिष्ट अतिथि कैप्टन यू एस चारण का सम्मान समृति चिन्ह, राजकीय अंगवस्त्र एवं श्रीफल प्रदान कर किया। सेमीनार में सैनिक स्कूल के अध्यापकगण, विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव प्रवीण अग्रवाल, सहायक कुलसचिव रामजी लाल मंडावी एवं टेमन लाल देवांगन तथा विश्वविद्यालय प्रशासनिक परिवार, शिक्षण विभाग के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहे।

खलिबा गोदग्राम पहुंचकर साई कॉलेज के स्वयं सेवकों ने मनाया एनएसएस का स्थापना दिवस

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों ने बुधवार को महाविद्यालय के गोदग्राम खलिबा में एनएसएस का स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम अधिकारी देवेन्द्र दास सोनवानी के नेतृत्व में स्वयं सेवकों ने खलिबा के शासकीय हायर सेकेण्डरी विद्यालय से स्वच्छता रैली निकाली, जिसमें स्वच्छता संदेश, मतदाता जागरूकता अभियान, नशामुक्ति, पर्यावरण के उद्घोष से ग्रामीणों को प्रेरित किया। खलिबा गांव का भ्रमण करने के बाद रैली प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक पाठशाला होते हुए हायर सेकेण्डरी परिसर में पहुंच कर सभा के रूप में परिणत हो गयी।

विद्यालय की प्राचार्य मीना पुरोहित के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें स्वयं सेवकों ने नशा से मुक्ति और स्वच्छता अभियान से प्रेरित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वच्छता अपनाने और नशा से दूर रहने का संदेश दिया गया। स्वयं सेवकों ने छत्तीसगढ़ी नृत्य से सभी को विभोर कर दिया। इस दौरान विद्यालय के विद्यार्थियों ने समूह नृत्य प्रस्तुत कर ताल से ताल मिलाया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य अतिथि मीना पुरोहित ने जीवन में शिक्षा और स्वच्छता पर बल दिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वीप नोडल अधिकारी डॉ. अजय कुमार तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को जीवन में गति के साथ अनुशासन देता है। एनएसएस देश का सबसे बड़ा परिवार है जो समाज सेवा के माध्यम से व्यक्तित्व का विकास करता है।

प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने सभी स्वयं सेवकों को गोदग्राम की महत्ता और एनएसएस की जिम्मेदारियों से अवगत कराया। उन्होंने सभी स्वयं सेवकों को जलपान कराया।

कार्यक्रम के दौरान सहायक प्राध्यापक सुमन मिंज, अल्पना तिर्की, अंकुश गुप्ता, रितेश गुप्ता, रोबिन, निशा निषाद, लता साहू, स्वीप अम्बेसडर शानू रानी तिर्की ,कृष्णा कुमार झा आदि उपस्थित रहे।

AI को संसाधन बना कर लिखेंगे विकसित भारत की इबारत: नेहरू युवा केन्द्र और साई कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया विकास दिवस

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में नेहरू युवा केन्द्र और श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में विकास दिवस मनाया गया, जिसमें विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत की रूपरेखा प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि राज्यों के विकास से ही देश का विकास होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो देश के लिए विकसित भारत का स्वप्न देखा है। उसे प्रत्येक भारतीय को प्राप्त करना है। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि विकसित भारत का जो लक्ष्य दिया गया है। उसके अनुरूप प्रत्येक वर्ष तैयारी करना है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य समृद्ध भारत से हासिल होगा। जल, जंगल, जमीन हमारे संसाधन हैं। इसका उपयोग मानव विकास के लिए किया जाना चाहिए।

डॉ. श्रीवास्तव ने आजादी के पूर्व भारत और प्रदेश की स्थिति और वर्तमान छत्तीसगढ़ और भारतीय प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 75 वर्षों में बुनियादी जरूरतों के साथ देश और प्रदेश ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। ज्ञान आधारित समाज बनाने के लिए तकनीकी ज्ञान, कौशल को उपयोग में लाना होगा। उन्होंने कहा कि विकास की राह में कृत्रिम बुद्धि (AI) हमारा सहयोगी बन चुका है। AI को तकनीकी संसाधन बना कर विकसित भारत की इबारत लिखी जायेगी।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. अलका पांडेय ने कहा कि विकसित भारत बनाने में आधी आबादी का पूरा योगदान रहेगा। महिलायें आत्मनिर्भर होंगी तो समाज भी आत्मनिर्भर बनेगा। आत्मनिर्भरता के लिए महिलाओं को शिक्षित होना पड़ेगा। शिक्षित महिला ही परिवार, समाज की जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगी।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. वर्षा शर्मा स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच से ही स्वस्थ भारत का निर्माण होगा। हमें अपने परिवेश को स्वच्छ रखना होगा और दूसरों को स्वच्छता अभियान के लिए प्रेरित करना होगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. जगमीत कौर ने कहा कि लैंगिक समानता के लिए युवाओं को आगे आना होगा। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेंद्र दास सोनवानी ने किया तथा कला एवं समाज विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. आर.एन शर्मा आभार प्रकट कियाकार्यक्रम के दौरान लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैलेष देवांगन, वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता और सभी प्राध्यापक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय एल्युमिनी एसोसिएशन द्वारा पहली बार पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय पूर्व छात्र संघ (KTUJMAA) द्वारा रविवार को अपना पहला पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित किया। छत्तीसगढ़ राज्य के 25वें वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में विश्वविद्यालय के कठाडीह परिसर में आयोजित यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में 2007 से लेकर 2025 तक के 100 से अधिक पूर्व छात्र शामिल हुए। यह सभा विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई, जिसने पहली बार पूर्व छात्रों को एक मंच पर लाया।

मुख्य अतिथि और कुलपति महादेव कवरे (आईएएस) ने इस सम्मेलन को विश्वविद्यालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने पूर्व छात्रों के अनुरोधों को स्वीकार करते हुए, उन्हें संबोधित करने के लिए काम करने का संकल्प लिया, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धन की कमी एक बड़ी बाधा है। कवरे ने पूर्व छात्रों से विश्वविद्यालय को बेहतर बनाने के लिए आर्थिक रूप से योगदान करने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन पूर्व छात्रों और उनके विश्वविद्यालय के बीच मजबूत संबंध स्थापित करेगा, जिससे विश्वविद्यालय समृद्ध होगा और आजीवन संबंध मजबूत होंगे।

कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा ने भी पूर्व छात्रों से उनके सहयोग की अपील की। उन्होंने नवगठित पूर्व छात्र संघ को अपने योगदान के माध्यम से विश्वविद्यालय की प्रगति में मदद करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। पूर्व छात्र संयोजक और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आशुतोष मंडावी ने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए और सम्मेलन की सफलता पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्व छात्र इस तरह के आयोजनों को भव्य स्तर पर आयोजित करना जारी रखेंगे।

पूर्व छात्रों डॉ. संजय शेखर, हनी बग्गा, अनंत वर्मा और राखी सहारे ने भी अपने अनुभव साझा किए और विश्वविद्यालय को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई पूर्व छात्रों द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण पदों का लाभ उठाना कितना महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण "एक पेड़ माँ के नाम" शीर्षक से वृक्षारोपण अभियान था। प्रत्येक पूर्व छात्र ने परिसर में एक पौधा लगाया, जो विकास, स्मृति और स्थिरता का प्रतीक था। प्रतिभागियों को परिसर का एक निर्देशित दौरा भी कराया गया, जिसमें टीवी स्टूडियो, रेडियो स्टेशन, पुस्तकालय और छात्रावास शामिल थे। इस कार्यक्रम में KTUJMAA की कार्य समिति का औपचारिक परिचय भी हुआ। निम्नलिखित सदस्यों को नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए प्रस्तावित और नामित किया गया: अध्यक्ष: डॉ. के. एन. किशोर, उपाध्यक्ष: पूनम दीवान, अभिषेक गोस्वामी और बलवंत खन्ना, महासचिव: डॉ. बी. एन. पांडा, कोषाध्यक्ष: विनोद सावंत, संयुक्त सचिव: आकृति उपाध्याय, संयुक्त कोषाध्यक्ष: लीनिमा साहू, कार्यकारी सदस्यों में देवव्रत भगत, संदीप प्रधान, टिकेश्वर पटेल, राजकुमार दास, गुलशन वर्मा और ग़ज़ल शर्मा शामिल हैं। यह कार्यक्रम पूर्व छात्रों को स्मृति चिन्ह देने और डीजे पार्टी के साथ संपन्न हुआ।

सशक्त महिला को चाहिए बेहतर स्वास्थ्य, साई कॉलेज में गुणवत्ता युक्त सेनेटरी पैड के दिये गये टिप्स

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को वूमेन वेलफेयर एंड एंटी सेक्सुअल हैरासमेंट सेल के तत्वावधान में महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आधारित कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि महिला को शक्तिशाली बनने के लिए उसका स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। आपका स्वास्थ्य अच्छा होगा तभी आप अपने अधिकारों का उपयोग कर पायेंगी। उन्होंने महिला सशक्तीकरण एवं लैंगिक समानता पर बल दिया। उन्होंने छात्राओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप आत्मनिर्भर बनिये दुनिया आपके स्वागत के लिए तैयार है। आधी आबादी को पूरी आजादी मिलेगी।

डॉ. श्रीवास्तव ने युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तहत मेरा युवा भारत के विकास दिवस से अवगत कराया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. वर्षा शर्मा ने जीवन में तनाव से बाहर निकलने का आह्वान किया। महिलाओं से कहा कि आपके स्वास्थ्य से परिवार का स्वास्थ्य निर्धारित होता है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए फेमिकेयर इन्टरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की टीम लीडर नीलू मौर्य ने कहा कि महिलाओं को बाजार के सेनेटरी पैड उपयोग करते समय सावधानी रखना चाहिहए। यदि उसमें केमिकल, प्लास्टिक के तत्व स्वास्थ्य के विपरीत हैं तो उसका प्रयोग नहीं करना चाहिए। अच्छे सेनेटरी पैड स्वास्थ्य के अनुकूल होते हैं।

इस दौरान उन्होंने बाजार में मिलने वाले सेनेटरी पैड और फेमिकेयर के पैड की गुणवत्ता पानी में भिगोकर दिखाया। कार्यक्रम का संचालन अदिती भारती और विधि पांडेय ने किया तथा आभार डॉ. अलका पांडेय ने प्रकट किया।

महाविद्यालय शासी निकाय की सदस्य अलका इंगोले तथा वूमेन वेलफेयर एंड एंटी सेक्सुअल हैरासमेंट सेल के प्रभारी डॉ. अलका पांडेय ने अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के दौरान सबीना यादव, अनिता पैकरा, चम्पा यादव सभी महिला प्राध्यापक तथा छात्रायें उपस्थित रहीं।

“सशक्तिकरण की ओर: जागरूकता संगोष्ठी” का सेलम इंग्लिश स्कूल, रायपुर में भव्य एवं सफल आयोजन

रायपुर-  चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया, छत्तीसगढ़ डायोसीज़ के तत्वावधान में सेलम इंग्लिश स्कूल, मोती बाघ, रायपुर में आज “सशक्तिकरण की ओर: जागरूकता संगोष्ठी” का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समाज में शिक्षा, अवसर और आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साबित हुआ।

इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी एवं शैक्षिक योजनाओं की जानकारी देना तथा बच्चों और युवाओं को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर प्रेरित करना था।

“बच्चों का भविष्य शिक्षा और आत्मनिर्भरता से ही सुरक्षित होगा। योजनाएं तभी सफल होंगी जब हम उनका लाभ समय पर उठाएँ।”

सशक्तिकरण का संकल्प

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं समुदाय के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी ने एक स्वर से शिक्षा को जीवन का सबसे बड़ा हथियार मानते हुए इन योजनाओं का लाभ उठाने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर गेस्ट स्पीकर्स के रूप में आमंत्रित अल्बर्ट कुजूर और शालिनी टोप्पो ने विस्तार से विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। विशेष रूप से उन्होंने PM-VIKAS (प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन) योजना की उप-योजनाओं – सीखो और कमाओ, नई रोशनी, नई मंजिल, उस्ताद और हमारी धरोहर – पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि ये योजनाएं न केवल कौशल विकास और रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराती हैं बल्कि भारत की पारंपरिक कलाओं और शिल्पों को भी नई ऊर्जा देती हैं।

“गरीबी शिक्षा की राह में बाधा नहीं बननी चाहिए। सरकार ने रास्ता दिखाया है, अब हमें आगे बढ़कर उसका लाभ लेना है।”

छात्रवृत्तियों से शिक्षा के नए आयाम

कार्यक्रम में प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति – ₹5,000/- तक।

स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति – ₹7,000/- तक।

व्यावसायिक पाठ्यक्रमों हेतु – ₹10,000/- तक की सहायता।

यह संदेश बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए अत्यंत उत्साहवर्धक रहा। वक्ताओं ने कहा कि “गरीबी शिक्षा की राह में बाधा नहीं बननी चाहिए। सरकार ने रास्ता दिखाया है, अब हमें आगे बढ़कर उसका लाभ लेना है।”

आयोजकों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में सीएनआई डायोसीज़ की बिशप, द राइट रेव. डॉ. सुषमा कुमार और डायोसीज़ सेक्रेटरी श्री नितिन लॉरेंस की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष महत्व प्रदान किया। उनके प्रेरक विचारों ने उपस्थित जनसमूह के भीतर विश्वास और आत्मबल का संचार किया।

सेलम स्कूल की प्रभारी प्राचार्य, श्रीमती रुपिका लॉरेंस, ने मंच से छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा – “आज का यह आयोजन केवल एक संगोष्ठी नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। अगर हमारे बच्चे शिक्षित होंगे, आत्मनिर्भर होंगे, तभी परिवार, समाज और राष्ट्र मजबूत होगा। हमें इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने बच्चों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाना है।”

“हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चा पढ़े, सीखे और अपनी प्रतिभा से समाज को रोशन करे। यह संगोष्ठी उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।”

भविष्य की दिशा

आयोजकों ने घोषणा की कि इस तरह की संगोष्ठियां आगे भी निरंतर आयोजित की जाएंगी, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय जागरूक होकर शिक्षा और सरकारी योजनाओं से अधिकतम लाभ उठा सके।

सेलम इंग्लिश स्कूल ने इस पहल को सफल बनाने के लिए चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया, छत्तीसगढ़ डायोसीज़ का विशेष आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी अतिथियों, गेस्ट स्पीकर्स, वक्ताओं और उपस्थित लोगों का हार्दिक आभार प्रकट किया गया।

शिक्षा ही वह दीपक है जो अंधकार मिटाकर हर घर में उजाला कर सकती है।


जनहित का संदेश

यह संगोष्ठी वास्तव में समुदाय के सशक्तिकरण, शिक्षा और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि “शिक्षा ही वह दीपक है जो अंधकार मिटाकर हर घर में उजाला कर सकती है।”