पचपेड़वा ग्राम पंचायत आदमतारा : गौमाता भूख से तड़प-तड़प कर मर रही, सचिव की धमकी – "खबर लिखी तो नहीं छोड़ूंगा"
बलरामपुर।जनपद बलरामपुर विकासखंड पचपेड़वा के ग्राम पंचायत आदम तारा में स्थित गौशाला की हालत बेहद दयनीय और दिल दहला देने वाली है। गौमाताएं खुले आसमान के नीचे भूख-प्यास से तड़प रही हैं। कई दिनों से ना भूसा, ना पानी, ना चोकर – नतीजा यह कि आए दिन गौमाताओं की दर्दनाक मौत हो रही है। गांव के लोग कहते हैं कि "हमने कई बार प्रशासन को बताया, पर कोई सुनवाई नहीं।"
ग्राम पंचायत आदम तारा की गौशाला मानो मौत का कुआँ बन चुकी है। मूक पशु इंसान की लापरवाही का शिकार हैं। उनके शरीर पर पसलियां उभर आई हैं, आंखों में सूखापन और चेहरे पर बेबसी। सवाल उठता है — क्या यही है सरकार की गौसंरक्षण योजना? क्या यही संवेदनशीलता है पंचायत स्तर की व्यवस्था की?
जब संवाददाता ने मौके पर जाकर सच्चाई देखने और संबंधित जिम्मेदार अधिकारी से बात करने की कोशिश की, तो ग्राम पंचायत सचिव निलेश का रौद्र रूप सामने आया। संवाददाता द्वारा स्थिति पर सवाल उठाने और वर्जन लेने की कोशिश पर सचिव निलेश ने पत्रकार को धमकी देते हुए कहा —
> “अगर गौशाला, पंचायत भवन या सामुदायिक शौचालय की खबर लिखी, तो अंजाम बहुत बुरा होगा। कितने दिन बचोगे... किसी दिन दबोच ही लूंगा... कहावत है ना, ना घर का रहोगे ना घाट का!”
इस धमकी ने पूरे पत्रकार समाज में आक्रोश फैला दिया है। सवाल यह भी है कि जब पत्रकार गरीबों और किसानों की आवाज़ उठा रहे हैं, तब उन्हें ही डराया-धमकाया जा रहा है। आखिर सच लिखना अपराध है क्या?
ग्रामीणों ने कहा, “हमारी गौमाता भूख से मर रही है, प्रशासन मौन है। और जब कोई आवाज उठाता है तो उसे धमकाया जाता है। अगर यही हाल रहा, तो गरीब, गाय और आम जनता की आवाज कौन बनेगा?”
पत्रकारों ने जिलाधिकारी बलरामपुर से माँग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और सचिव निलेश के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। यह सिर्फ एक पंचायत की कहानी नहीं, यह उस सिस्टम की सच्चाई है जो गरीबों की पीड़ा, गौमाताओं की जान और पत्रकारों की सुरक्षा को दरकिनार कर चुका है।
जनता पूछ रही है – क्या भूख से मरती गायें किसी जिम्मेदारों की लापरवाही का प्रतीक?
बलरामपुर के दिल को हिला देने वाली यह खबर आज हर उस नागरिक के लिए आईना है जो सच से आँखें मूँद लेना चाहता है।
Oct 07 2025, 17:05