पीएम मोदी ने 'गाजा पीस प्लान' पर ट्रंप को सराहा, बोले-भारत शांति के साथ है

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हमास और इजरायल के बीच जारी जंग अब खत्म होने को है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में गाजा के लिए पीस प्लान चलाया जा रहा है। इसके तहत हमास सभी इजरायली बंधकों को रिहा करेगा। डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पीस प्लान के लिए हमास के राजी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी सराहना की है।पीएम मोदी ने गाजा में शांति प्रयासों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार जताया और कहा कि बंधकों की रिहाई शांति की दिशा में अहम कदम है।

पीएम मोदी ने किया समर्थन

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने समर्थन का इजहार किया है। पीएम मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के बीच हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।

ट्रंप का 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच दो वर्ष से जारी युद्ध को समाप्त कराने की एक शांति योजना पेश की थी। ट्रंप ने गाजा में संघर्षविराम के लिए एक 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव तैयार किया। जिसे इस्राइल ने स्वीकार कर लिया। हमास ने भी बंधकों की रिहाई और गाजा की सत्ता अन्य फलस्तीनियों को सौंपने की बात मान ली है। हालांकि शांति प्रस्ताव के कई अन्य बिंदुओं पर अभी हमास ने चर्चा के बाद फैसला लेने की बात कही है।

ट्रंप की धमकी के आगे झुका हमास

बता दें कि ट्रंप ने हमास को शांति प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए रविवार शाम छह बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। ट्रंप की धमकी के बाद ही हमास को बंधकों की रिहाई के लिए सहमति देने पर मजबूर होना पड़ा। ट्रंप ने अपनी धमकी में कहा है कि अगर हमास ने रविवार शाम 6 बजे तक इजरायल के साथ शांति समझौता नहीं किया तो सब कुछ बिगड़ जाएगा। ट्रंप ने आगे कहा कि हमास को शांति योजना स्वीकार करने का यह आखिरी मौका दिया जा रहा है। ट्रंप की सीधी धमकी के बाद हमास ने ऐलान कर दिया कि वह शांति समझौते के लिए तैयार है। हमास ने कहा कि वह सभी इजरायली बंधकों अपने पास से रिहा कर देगा, चाहे वह जीवित हों या फिर मर चुके हों।

अक्षय कुमार की 13 साल की बेटी से मांगी गई अश्लील तस्वीरें, एक्टर ने महाराष्ट्र सीएम से लगाई गुहार

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बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने एक सनसनीखेज घटना का खुलासा किया है। उन्होंने साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को उजागर करते हुए बताया है कि कैसे उनकी बेटी नितारा वीडियो गेम खेलते वक्त साइबर क्राइम का शिकार होते-होते बच गई। अक्षय ने इस घटना का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र सरकार से साइबर क्राइम से जुड़ा एक चैप्टर कोर्स में भी शामिल करने की मांग की है। बता दें कि अक्षय की बेटी नितारा सिर्फ 13 साल की हैं।

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महाराष्ट्र पुलिस के ‘साइबर अवेयरनेस मंथ’ के उद्घाटन समारोह में अक्षय कुमार ने उस आपबीती का खुलासा किया। कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय में हुआ, जहां अक्षय कुमार ने अपनी बेटी के साथ हुई साइबर क्राइम की घटना का जिक्र किया और देवेंद्र फडणवीस से विनती करते हुए कहा कि हर स्कूल में बच्चों को 'साइबर' को सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाए।

अक्षय कुमार में अपने घर में घटी घटना किया जिक्र

अक्षय कुमार ने कार्यक्रम में कहा, मैं आपको उस घटना के बारे में बताना चाहता हूं जो कुछ महीनों पहले मेरे घर में घटी थी। मेरी बेटी ऑनलाइन गेम खेल रही थी और उस गेम में कई लोग शामिल होते हैं जिन्हें हम नहीं जानते। वहां से मैसेज आता है, 'बहुत अच्छा खेला, वेरी गुड,' और फिर सवाल आता है कि 'तुम कहां रहती हो?' मेरी बेटी ने लोकेशन बता दी। फिर कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल हो गया, और फिर मैसेज आता है…'मेल हो या फीमेल?' मेरी बेटी उसका भी जवाब देती है। उसके बाद एक और मैसेज आता है, क्या आप मुझे अपनी न्यूड तस्वीरें भेज सकते हैं?

अक्षय की महाराष्ट्र सरकार से खास अपील

इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री से मांग करते हुए अक्षय ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि हमारे महाराष्ट्र राज्य में सातवीं, आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा में हर हफ्ते साइबर पीरियड नाम से एक पीरियड होना चाहिए। जहां बच्चों को इसके बारे में समझाया जाए। उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि यह अपराध सड़क पर होने वाले अपराध से भी बड़ा होता जा रहा है। इस अपराध को रोकना बहुत जरूरी है।

ऑपरेशन सिंदूर पर वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह का बड़ा खुलासा, बोले-भारत ने पाक के 5 लड़ाकू विमान मार गिराया

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भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। वहीं, पातिस्तानी दावों की पोल खोल दी है। एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान की तरफ से भारत के जेट गिराने के दावे सिर्फ मनोहर कहानियां जैसे हैं। अगर उनके पास कोई सबूत हैं तो दिखाएं। भारत ने उनके पांच फाइटर जेट तबाह किए हैं, जिसमें F16 और J17 भी शामिल है।

हाल के वर्षों की सबसे महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर को हाल के वर्षों की सबसे महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई बताते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने भारत की मजबूत वायु रक्षा क्षमताओं और संयुक्त सेवा योजना को प्रदर्शित किया। भारतीय सेना को स्पष्ट संदेश दिया गया था। यह एक सबक है जो इतिहास में दर्ज होगा कि यह एक ऐसा युद्ध था जो एक लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था और इसे बिना बढ़ाए तुरंत खत्म कर दिया गया। हम देख रहे हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है, जो दो युद्ध (रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास) चल रहे हैं, उन्हें खत्म करने की कोई बात नहीं हो रही है, लेकिन हमने अपनी लड़ाई को उस स्थिति तक पहुंचाया, जहां दुश्मन युद्धविराम की मांग करने लगा।  

पाकिस्तान खुद युद्धविराम के लिए आगे आया

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 300 किमी अंदर घुसकर हमला किया। पहलगाम अटैक के बाद हमने तय किया कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी ही होगी। सेना को खुली छूट दी गई थी। हमने सटीकता से हमला किया। बाद में पाकिस्तान खुद युद्धविराम के लिए आगे आया।

पाकिस्तान को हुए नुकसान का किया जिक्र

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान को लेकर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, जहां तक पाकिस्तान के नुकसान का सवाल है। हमने बड़ी संख्या में उनके हवाई अड्डों और प्रतिष्ठानों पर हमला किए। इन हमलों के कारण पाकिस्तान के कम से कम चार जगहों पर रडार, दो जगहों पर कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो जगहों पर रनवे क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा तीन अलग-अलग स्टेशनों में उनके तीन हैंगर क्षतिग्रस्त हुए। भारत की ओर से किए गए इन हमलों में पाकिस्तान के कम से कम 4 से 5 लड़ाकू विमान, संभवतः एफ-16 तबाह हुए हैं। इसके साथ ही एक एसएएम प्रणाली नष्ट हो गई है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे पास एक लंबी दूरी के हमले का स्पष्ट सबूत है। 

पाक के दावों पर क्या कहा

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा आगे कहा कि अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने हमारे (भारत) 15 जेट मार गिराए हैं, तो उन्हें सोचने दीजिए। मैं इसके बारे में बात क्यों करूं? आज भी, मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा कि क्या हुआ, कितना नुकसान हुआ, कैसे हुआ, क्योंकि उन्हें पता करने दीजिए। क्या आपने एक भी तस्वीर देखी है जहां हमारे किसी एयरबेस पर कुछ गिरा हो, हमें कोई टक्कर लगी हो, कोई हैंगर तबाह हुआ हो, या ऐसा कुछ? हमने उन्हें उनकी जगहों की इतनी सारी तस्वीरें दिखाईं। लेकिन, वे हमें एक भी तस्वीर नहीं दिखा पाए। ये उनकी कहानी 'मनोहर कहानियां' है। उन्हें खुश रहने दीजिए, आखिरकार, उन्हें भी अपनी इज्जत बचाने के लिए अपने लोगों को कुछ तो दिखाना ही है। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम हमला

बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। इसके बाद लगातार तीन दिनों तक भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष जारी रहा। पाकिस्तान की ओर से हमलों का भारत ने भी बखूबी जवाब दिया।

राहुल गांधी ने विदेश में की भारतीय बाइक्स की तारीफ, अडानी-अंबानी पर साधा निशाना

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों कोलंबिया के चार दिन के दौरे पर हैं। वहां उन्होंने एक यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात करते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। इसके बाद उन्होंने शुक्रवार को एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर कर बजाज, हीरो और टीवीएस कंपनी की तारीफ की है। साथ ही इशारों ही इशारों में बिजनेसमैन अडानी-अंबानी पर हमला बोला।

भारतीय कंपनियां इनोवेशन से नाम कमा रही-राहुल गांधी

दक्षिण अमेरिका दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने कोलंबिया में बजाज, हीरो और टीवीएस की सफलता की सराहना की। राहुल गांधी ने कोलंबिया की सड़कों पर बजाज पल्सर मोटरसाइकिल के सामने खड़े होकर एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। साथ ही लिखा कि बजाज, हीरो और टीवीएस को कोलंबिया में इतना अच्छा प्रदर्शन करते देखकर गर्व महसूस हो रहा है। यह दर्शाता है कि भारतीय कंपनियां साठगांठ वाले पूंजीवाद से नहीं, बल्कि नवाचार से सफलता हासिल कर सकती हैं। ईआईए यूनिवर्सिटी में उन्होंने चंद उद्योगपतियों के बढ़ते दबदबे को भारत के लिए खतरा बताया।

भारत में लोकतंत्र पर हो रहा हमला

वहीं, राहुल ने कोलंबिया में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान कहा, सबसे बड़ा खतरा भारत में हो रहा लोकतंत्र पर हमला है क्योंकि भारत में कई धर्म, कई परंपराएं और कई भाषाएं हैं। भारत वास्तव में अपने सभी लोगों के बीच संवाद का एक केंद्र है और तमाम परंपराओं, तमाम धर्मों और तमाम विचारों के लिए जगह की जरूरत होती है। उस जगह को बनाने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था है। वर्तमान में भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर बड़े पैमाने पर हमला हो रहा है।

राहुल गांधी के बयान पर भड़की बीजेपी

राहुल गांधी के इन बयानों के बाद बीजेपी ने उन पर जोरदार हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, राहुल गांधी एक बार फिर विपक्ष के नेता की तरह नहीं, बल्कि एक प्रोपेगैंडा के नेता की तरह बर्ताव कर रहे हैं। वे विदेश जाकर भारतीय लोकतंत्र पर हमला करते हैं। वहीं, बीजेपी के प्रदीप भंडारी ने गांधी-वाड्रा परिवार पर भारत को गरीब बनाए रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, राहुल गांधी भारत विरोधी हैं। जब वे देखते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में एक बड़ी ताकत और चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन रहा है, तो वे जलन और नफरत में आकर भारत की तरक्की और लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं।

सोनम वांगचुक की रिहाई के लिए पत्नी पहुंची सुप्रीम कोर्ट, पति की गिरफ्तारी को दी चुनौती

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लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोनम वांगचुक की पत्नी ने अपने पति की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। गीतांजलि ने हेबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। उन्होंने सोनम की तत्काल रिहाई की मांग की है। गीतांजलि ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने सरकार पर सोनम को "देशद्रोही" बताकर बदनाम करने का आरोप लगाया है।

गिरफ्तारी को बताया अवैध

सोनम वांगचुक की पत्नी ने याचिका में कहा गया है कि सोनम लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। उन पर गलत आरोप लगाए गए। अब उन्हें एनएसए के तहत हिरासत में लेकर जोधपुर ले जाने की बात कही जा रही है, लेकिन प्रशासन ने इससे जुड़ा डिटेंशन ऑर्डर उपलब्ध नहीं करवाया है। ऐसे में यह हिरासत अवैध है। सोनम को रिहा किया जाए।

हिंसक झड़पों के बाद किए गए गिरफ्तार

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरण वैज्ञानिक सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख के आंदोलन का प्रमुख चेहरा हैं। सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसक झड़पों के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। जिसके बाद से वह राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं। अब वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने लद्दाख प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत की गई उनके पति की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से खास अपील

गीतांजलि ने यह कदम सोनम वांगचुक की रिहाई के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तत्काल हस्तक्षेप की मांग के एक दिन बाद उठाया है। उन्होंने अपील की कि राष्ट्रपति एक आदिवासी होने के चलते लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझें। राष्ट्रपति मुर्मू को भेजे 3 पेज के पत्र में अंगमो ने आरोप लगाया कि पिछले 4 सालों से लोगों के हितों के लिए काम करने के कारण उनके पति के खिलाफ जासूसी कराई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने पति की स्थिति के बारे में पूरी तरह से अनजान हैं। गीतांजलि ने अपने पति की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है। उन्होंने अपने पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर से भी अपील की। उन्होंने अपना पत्र एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया था।

भीड़ को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार

बता दें कि सोनम वांगचुक राज्य का दर्जा, स्थानीय नौकरी सुरक्षा और लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा की मांग करते हुए भूख हड़ताल पर थे। धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल के जरिए चल रहे आंदोलन ने पिछले दिनों उग्र रूप ले लिया। प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क गई और पुलिस के साथ झड़पों में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। हिंसा को देखते हुए उन्होंने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी और शांति की अपील की। हालांकि, उन्हें हिंसक प्रदर्शनों और और भीड़ को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले-दबाव में नहीं झुकें, भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने का दिया आदेश

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को भारत और चीन पर मास्को के साथ ऊर्जा संबंध तोड़ने के लिए दबाव बनाने के अमेरिका की कोशिशों की कड़ी आलोचना की और चेतावनी दी कि इस तरह के कदम आर्थिक रूप से उलटे पड़ सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनका देश भारत और चीन का आभारी है, जिन्होंने ब्रिक्स की स्थापना की। ये ऐसे देश हैं जो किसी का पक्ष नहीं लेते हैं और वास्तव में एक न्यायपूर्ण विश्व बनाने की आकांक्षा रखते हैं। 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ अपने रिश्तों को एक बार फिर नई ऊंचाई देते हुए अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वे भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करें। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वह नई दिल्ली की ओर से कच्चे तेल के भारी आयात के कारण भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के उपाय करे। दरअसल, अमेरिका ने भारत को झुकाने के लिए 50 फीसदी टैरिफ लगाया। डोनाल्ड ट्रंप ने सोचा इससे भारत-रूस की दोस्ती टूट जाएगी। भारत टैरिफ के दबाव में रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। इससे रूस कमजोर पड़ जाएगा। रूस-यूक्रेन खत्म हो जाएगा। मगर पुतिन ने अपने दोस्त को दबाव से उबारने का उपाय कर दिया।

रूस-भारत के बीच कभी कोई तनाव नहीं रहा-पुतिन

साउथ रूस के काला सागर रिसॉर्ट में गुरुवार शाम भारत सहित 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय वल्दाई चर्चा मंच से बोलते हुए पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि रूस और भारत के बीच कभी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा है और उन्होंने हमेशा अपनी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए हैं।

मोदी को बताया संतुलित-बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता

पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताया और कहा कि वे उनके भरोसेमंद संबंधों में सहज महसूस करते हैं। पुतिन ने मोदी के नेतृत्व वाली भारत की राष्ट्रवादी सरकार की सराहना की और उन्हें एक संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता बताया।

भारत अपना अपमान नहीं होने देगा

पुतिन ने कहा कि क्या भारत अपने ऊर्जा संसाधनों को यूं ही छोड़ देगा? अगर ऐसा है तो इससे काफी नुकसान होगा। कुछ लोगों का मानना है कि यह 9-10 अरब डॉलर हो सकता है। अगर भारत पर अमेरिका प्रतिबंध लगाता है तो भी नुकसान इतना ही होगा। भारत और भारतीय लोग कभी भी किसी के सामने अपना अपमान नहीं होने देंगे। मैं पीएम मोदी को जानता हूं, वे भी ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगे।

अमेरिका की दबाव वाली नीति से भड़के पुतिन

पुतिन ने कहा कि भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है तो उसे निश्चित रूप से नुकसान होगा। रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, जिससे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएंगी। पुतिन की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यूरोप, भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदना बंद करने का दबाव बनाने के बाद आई है। हालांकि भारत ने दबाव ना मानते हुए तेल खरीद जारी रखी है।

पहलगाम हमला, टैरिफ, ट्रंप और अमेरिका...मोहन भागवत के भाषण की बड़ी बातें

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना को आज 100 साल पूरे हो चुके हैं। आरएसएस आज अपना शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है। पूरा कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग मैदान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 21 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के 100 साल पूरा होने पर नागपुर में विजयदशमी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर मोहन भागवत ने देश के लोगों से स्वदेशी की अपील की और पड़ोसी देशों में जारी उथल-पुथल का भी जिक्र किया। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया।

पहलगाम हमले पर क्या बोले भागवत?

मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा, पहलगाम हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या की। हमारी सरकार और सेना ने इसका जवाब दिया। इस घटना के बाद ही हमें दोस्त और दुश्मन का पता चला है। इस आतंकी हमले से देश शोक और आक्रोश में था। पूरी तैयारी के साथ हमारी सरकार और सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया। सरकार का समर्पण, सशस्त्र बलों का पराक्रम और समाज में एकता ने देश में एक आदर्श वातावरण प्रस्तुत किया। इस घटना और हमारे ऑपरेशन के बाद विभिन्न देशों द्वारा निभाई गई भूमिका ने हमारे सच्चे मित्रों को उजागर किया। देश के भीतर भी ऐसे असंवैधानिक तत्व हैं जो देश को अस्थिर करने का प्रयास करते हैं।

ट्रंप की टैरिफ पर क्या बोले भागवत?

भागवत ने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ अपने भले के लिए अपनाया होगा, लेकिन इसका असर सभी देशों पर पड़ेगा। उन्होंने जोर दिया कि भारत को किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और निर्भरता को मजबूरी में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया। भागवत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का होना जरूरी है, लेकिन यह मजबूरी का कारण नहीं होना चाहिए।

नेपाल हिंसा पर कही ये बात

नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि असंतोष को इस तरह के हिंसक आंदोलन के माध्यम से व्यक्त करना सही नहीं है। ऐसे रास्तों से सकारात्मक परिवर्तन नहीं आता। भागवत ने यह भी कहा कि ऐसे माहौल में बाहरी स्वार्थी देश अपने खेल खेल सकते हैं। हमारे पड़ोसी राज्य हमारे अपने हैं, इसलिए उनकी स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है।

मोहसिन नकवी ने घुटने टेके, एशिया कप 2025 की ट्रॉफी ले जाने पर PCB चीफ ने भारत से मांगी माफी

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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफा, देश के गृह मंत्री और एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने आखिरकार भारत के आगे घुटने टेक दिए हैं। दरअसल, भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से शिकस्त दी। एशिया कप 2025 का खिताब जीतकर भारतीय टीम के प्लेयर्स ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ मोहसिन नकवी के हाथ से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद वह नकवी काफी देर तक पोडियम पर खड़े। बाद मे नकवी गुस्सा होकर स्टेडियम से निकल गए और अपने साथ एशिया कप की ट्रॉफी और भारतीय प्लेयर्स के मेडल भी ले गए थे।

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भारत ने पहले ही बता दिया था कि किसी भी कीमत पर नकवी के हाथ से विनिंग ट्रॉफी भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव नहीं लेंगे। यह जानते हुए भी ट्रॉफी अपने हाथ से देने पर अड़ा रहा, लेकिन भाव नहीं मिला तो मैदान पर ही अलग-थलग पड़ गया। बाद में ट्रॉफी अपने आदमियों से वापस लौटा दिया और खुद भी मैदान से गायब हो गया।

मोहसिन नकवी की इस हरकत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाया। हद तो तब हो गई जब नकवी एशिया कप की ट्रॉफी और मेडल को अपने होलट लेकर चले गए, जबकि प्रोटोकॉल के मुताबिक ट्रॉफी को एसीसी के ऑफिस में होना चाहिए। इसके अलावा बीसीसीआई ने नकवी की हरकत पर साफ कर दिया था कि उन्हें एशियन क्रिकेट काउंसिल की होने वाली बैठक में जवाब देना होगा।

दुबई में मंगलवार को एसीसी की बैठक हुई थी। इसमें बीसीसीआई ने एशिया कप ट्रॉफी का मुद्दा उठाया। इसके बाद नकवी ने माफी मांग ली। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ मोहसिन नकवी ने भारत से माफी मांग ली है। उन्होंने एशियन क्रिकेट काउंसिल की मीटिंग में कहा कि हमें अब नई शुरुआत करनी चाहिए। नकवी ने एसीसी की बैठक में कहा, जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था, लेकिन अब हमें नई पहल करनी चाहिए। सूर्यकुमार यादव खुद आकर ट्रॉफी ले जाएं।

संघ के शताब्दी समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी, स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का किया जारी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आज अपना शताब्दी समारोह मना रहा है। इस मौके पर दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में विशेष कार्यक्रम में आयोजित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने आरएसएस के राष्ट्र के प्रति योगदान को रेखांकित करने वाला विशेष रूप से डिजाइन एक स्मारक डाक टिकट और सिक्के को जारी किया।

भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गौरवशाली 100 वर्षों की यात्रा के उपलक्ष्य में, भारत सरकार की ओर से विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी किया गया। 100 रुपये के इस सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अंकित है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि अंकित है, जबकि स्वयंसेवकों को भक्ति और समर्पण भाव से उनके समक्ष नतमस्तक दिखाया गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित की गई है, जो एक अत्यंत गौरवशाली और ऐतिहासिक क्षण है। इस सिक्के के ऊपर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है- राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम।

संघ अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह के दौरान कहा, आज महानवमी है। आज देवी सिद्धिदात्री का दिन है। मैं सभी देशवासियों को नवरात्रि की बधाई देता हूं। कल विजयादशमी का महापर्व है- अन्याय पर न्याय की जीत, असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत है। विजयदशमी भारतीय संस्कृति के इस विचार और विश्वास का कालजयी उद्घोष है। ऐसे महान पर्व पर 100 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना ये कोई संयोग नहीं था। ये हजारों वर्षों से चली आ रही उस परंपरा का पुनरुत्थान था। जिसमें राष्ट्र चेतना, समय समय पर उस युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए-नए अवतारों में प्रकट होती है। इस युग में संघ उसी अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार है।

आरएसएस का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है। मैं आज इस अवसर पर राष्ट्र सेवा को समर्पित कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं, अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि 1963 में RSS के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की परेड में शामिल हुए थे। उन्होंने बहुत आन-बान-शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था। जिस तरह विशाल नदियों के किनारे मानव सभ्यताएं पनपती हैं, उसी तरह संघ के किनारे भी और संघ की धारा में भी सैकड़ों जीवन पुष्पित, पल्लवित हुए हैं। अपने गठन के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विराट उद्देश्य लेकर चला। ये उद्देश्य रहा- राष्ट्र निर्माण।

हर स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा-पीएम मोदी

हर स्वयंसेवक ने छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। संघ की विचारधार में कोई भी हिंदू छोटा या बड़ा नहीं है। हर आपदा के बाद स्वयंसेवक आगे आए, कोरोना काल में लोगों की मदद की। संघ ने एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान की बात कही। हर स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा है।

क्या होता है शटडाउन, अमेरिका में 6 साल में पहली बार क्यों ठप हुआ सरकार का कामकाज?

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अमेरिकी सरकार का कामकाज बंद हो गया है। अमेरिका में सीनेट में सरकार के खर्चों को लेकर सहमति नहीं बन पाई. लिहाजा इससे जुड़ा बिल पास नहीं हो पाया। दरअसल, अमेरिकी सीनेट मंगलवार शाम को बिना किसी वित्तीय प्रस्ताव को पारित किए स्थगित हो गई, जिससे सरकारी शटडाउन लगभग निश्चित हो गया। रिपब्लिकन सांसदों ने 21 नवंबर तक सरकार को अल्पकालिक तौर पर फंड करने के लिए विधेयक पेश किया था, लेकिन वह भी पारित नहीं हो सका। डेमोक्रेट सांसदों ने इस बिल का विरोध किया, जिसके बाद ट्रंप सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार सरकारी फंडिंग रुक गई और शटडाउन हो गया। 

व्हाइट हाउस के प्रबंधन एवं बजट कार्यालय ने भी ज्ञापन जारी कर पुष्टि की है कि सरकार मंगलवार मध्यरात्रि से बंद हो जाएगी। इस ज्ञापन पर निदेशक रसेल वॉट के हस्ताक्षर हैं। इस बीच डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन एक-दूसरे पर शटडाउन की जिम्मेदारी डाल रहे हैं। रिपब्लिकन के पास कांग्रेस का नियंत्रण है, लेकिन सीनेट में खर्च से जुड़े किसी भी बिल को पास करने के लिए 60 वोटों की ज़रूरत होती है, जो उनके पास नहीं हैं।

क्या है शटडाउन?

अमेरिकी सरकार को चलाने के लिए हर साल बजट पास करना ज़रूरी होता है। अमेरिका में वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अक्तूबर से होती है। वित्तीय वर्ष की शुरुआत में सरकार बजट बनाती है और ये तय करती है कि सरकारी पैसा कहां खर्च किया जाएगा। अगर तय तारीख तक अमेरिकी संसद संघीय सरकार को फंड देने वाला बिल पास नहीं कर पाती है तो सरकार का कामकाज बंद हो जाता है। नतीजतन, "नॉन-एसेंशियल" (ग़ैर-जरूरी) सेवाएं और दफ़्तर बंद हो जाते हैं। इसे ही शटडाउन कहा जाता है।

क्या क्या होगा प्रभावित?

• एसेंशियल वर्कर्स: सैन्य कर्मचारी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और अस्पताल कर्मचारी अपनी ड्यूटी जारी रखेंगे, लेकिन वेतन शटडाउन के अंत तक नहीं मिलेगा।

• नॉन-एसेंशियल कर्मचारी: फर्लो पर भेजे जाएंगे।

• अनुमानित संख्या: कांग्रेस बजट ऑफिस (CBO) के अनुसार लगभग 7,50,000 फेडरल कर्मचारियों को अस्थायी फर्लो का सामना करना पड़ सकता है।

यूएस में पहले भी हुआ शटडाउन

ट्रंप के पहले कार्यकाल में सबसे पहला शटडाउन 22 दिसंबर 2018 से 25 जनवरी 2019 तक हुआ। 35 दिनों तक शटडाउन चला और यह अब तक का सबसे लंबा शटडाउन था। इसका मुख्य कारण था मैक्सिको बॉर्डर की दीवार के लिए फंडिंग पर विवाद। ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए कांग्रेस से 5.7 बिलियन डॉलर की मांग की थी, लेकिन डेमोक्रेट्स ने इसे मंजूरी नहीं दी, जिसके कारण शटडाउन हुआ। वहीं दूसरा शटडाउन 14 फरवरी 2019 को लगा जो लगभग 3 दिन चला। यह शटडाउन तब हुआ जब ट्रंप और कांग्रेस ने आपातकालीन स्थिति घोषित करने के बाद समझौता किया, जिससे सरकारी कामकाजी बंदी को टाला जा सका।