सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है मानववाद, जन्म शताब्दी वर्ष पर साई कॉलेज में पंडित दीन दयाल उपाध्याय को किया गया याद
अम्बिकापुर- पंडित दीनदयाल उपाध्याप का जीवन दर्शन देश को सशक्त, आत्मनिर्भर जीवन देता है। वे पूंजीवाद के आगोश में न जा कर सांस्कृतिक, सभ्यतागत और राष्ट्रवादी मूल्यों को बढ़ाते हैं। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष पर साई कॉलेज और मेरा युवा भारत (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कही।उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाना और अंत्योदय के लक्ष्य को पाना हमारा कर्तव्य है। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का लक्ष्य था कि देश का संसाधन आखिरी व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने मूल्य आधारित व्यवस्था को स्थापित किया जो हमारी भारतीयता का परिचायक है। हमारा जीवन समाज के लिए है और हम समाज की इकाई हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप अपने चारित्रिक, वाणीगत मूल्यों को बनाये रखें। नवरात्र के दौरान संकल्प लें मन, कर्म और वाणी से स्त्री मर्यादा का हमेशा सम्मान प्रदान करेंगे।
इससे पहले अतिथियों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. अजय कुमार तिवारी ने कहा कि पंडित दीन दयाल का जीवन दर्शन राष्ट्र प्रथम को अपनाता है। उन्होंने सत्ता, पद और धन की लिप्सा से उपर उठ कर जीवन जीन का संदेश दिया है।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक वंदना पांडेय ने किया। आभार प्रकट करते हुए डॉ. अलका पांडेय ने कहा कि व्यक्ति की उपयोगिता परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए है। हमें उच्च जीवन दर्शन स्थापित करना होगा जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने समाज को सौंपा है।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य, डॉ. श्रीराम बघेल, स्वाति शर्मा, संजय कुमार तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Sep 27 2025, 16:15