सोनम वांगचुक पर कसा CBI का शिकंजा, जांच के दायरे में आया उनका संस्थान, विदेशी फंडिंग को लेकर रडार पर
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लद्दाख के चर्चित शिक्षा सुधारक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक विवादों में घिर गए हैं। सोनम वांगचुक पर जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो के जांच के दायरे में आ गए हैं। वांगचुक के संस्थान के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) उल्लंघन को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच शुरू कर दी है। सीबीआई वांगचुक की संस्था के खिलाफ विदेश से मिली फंडिंग की जांच कर रही है। पर्यावरण कार्यकर्ता पर अपनी संस्था के लिए अवैध तरीके से विदेश से फंडिंग लेने का आरोप है।
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पिछले 2 महीने से जांच जारी
सीबीआई ने यह जांच गृह मंत्रालय की शिकायत पर की जा रही है और आरोप लगाया कि संस्थान कथित तौर पर बिना एफसीआरए अनुमति के विदेशी फंड प्राप्त कर रहा है। विदेशी फंडिंग को लेकर पिछले 2 महीने से उनके खिलाफ जांच चल रही है, लेकिन अभी केस दर्ज नहीं हुआ है। सीबीआई टीम ने वांगचुक के संस्था एचआईएएल और स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख से 2022 से 2024 तक की फंडिंग से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। अगस्त में लद्दाख प्रशासन ने एचआईएएल का जमीन आवंटन रद्द किया था। प्रशासन का दावा है कि जमीन का उपयोग आवंटन उद्देश्य के लिए नहीं हुआ और कोई लीज एग्रीमेंट भी नहीं हुआ।
केन्द्र ने लद्दाख हिंसा के लिए ठहराया जिम्मेदार
लद्दाख हिंसा के कारण सोनम वांगचुक फिर चर्चा में हैं। केंद्र ने बुधवार को लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर भड़काने का आरोप लगाया है कि उन्होंने अरब स्प्रिंग शैली के विरोध प्रदर्शनों और नेपाल में हाल ही में हुए Gen Z विरोध प्रदर्शनों का हवाला देकर लोगों को गुमराह किया। गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर को छठी अनुसूची (संविधान की) और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी।
क्यों हुई लद्दाख में हिंसा
लेह में बुधवार को बंद के आह्वान पर शहर में बाजार दुकानें बंद रहीं। बड़ी संख्या में लोग एनडीएस स्मारक मैदान में इकट्ठा हो गए। बाद में छठी अनुसूची और राज्य के समर्थन में नारे लगाते हुए शहर की सड़कों पर मार्च निकाला। स्थिति तब बिगड़ गई, जब कुछ लोगों ने भाजपा और हिल काउंसिल के मुख्यालय पर पथराव कर दिया। कार्यालय परिसर और एक इमारत में मौजूद फर्नीचर और कागजात में आग लगा दी। एक ग्रुप ने कई वाहनों को भी फूंक दिया। हालात काबू करने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। गोलीबारी भी करनी पड़ी। कई घंटों की भीषण झड़प के बाद स्थिति काबू में आई। सोनम वांगचुक ने लेह हिंसा पर दुख व्यक्त करते हुए इसके लिए युवाओं में पनप रही हताशा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हिंसक विरोध का संभवतः यही तात्कालिक कारण था।
7 hours ago