पटना में यूरोकिड्स का बड़ा विस्तार, हार्वर्ड से प्रेरित 'ह्यूरेका' से बच्चों में जिज्ञासा और रचनात्मकता का विकास*
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पटना, 12 सितंबर 2025 – भारत के प्रमुख प्री-स्कूल विशेषज्ञ यूरोकिड्स ने अपने पाठ्यक्रम का 8वां संस्करण ‘ह्यूरेका’ (Visible Thinking Curriculum) लॉन्च करने की घोषणा की है। यह पाठ्यक्रम हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के Project Zero से प्रेरित है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की समग्र विकास की दृष्टि के अनुरूप तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य छोटे बच्चों की सोचने की आलोचनात्मक और रचनात्मक क्षमता को बढ़ाना है। पाठ्यक्रम के शुभारंभ की घोषणा करते हुए, लाइटहाउस लर्निंग के प्री-के डिवीजन (यूरोकिड्स) के सीईओ, केवीएस शेषासाई ने कहा, “यूरोकिड्स में हम आजीवन सीखने की नींव जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच को बचपन से ही पोषित करके रखते हैं। डॉ. अनीता मदान ने Heureka को प्रारंभिक बाल शिक्षा क्षेत्र का सबसे अभिनव पाठ्यक्रम बनाया है। हमारा समग्र दृष्टिकोण बच्चों को केवल स्कूल के लिए नहीं बल्कि जीवन के लिए तैयार करता है, ताकि वे बदलती दुनिया में सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकें। इस नए पाठ्यक्रम के साथ हम पटना और बिहार में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने के लिए उत्साहित हैं।” डॉ. अनीता मदान, हेड ऑफ करिकुलम डेवलपमेंट, यूरोकिड्स ने कहा, “ह्यूरेका प्रारंभिक शिक्षा का एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। EPICS ढांचे के तहत हम केवल IQ पर ही नहीं बल्कि भावनात्मक, शारीरिक, रचनात्मक और आध्यात्मिक विकास पर भी ध्यान दे रहे हैं। हम बच्चों को केवल प्रश्नों के उत्तर देने की बजाय उत्तरों पर प्रश्न उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं। यह बदलाव जिज्ञासा, आलोचनात्मक विश्लेषण और आसपास की दुनिया से गहरे जुड़ाव को बढ़ावा देता है। ‘ह्यूरेका’ का उद्देश्य केवल शैक्षणिक तैयारी नहीं है, बल्कि ऐसा दृष्टिकोण विकसित करना है जिसमें बच्चे समस्याओं का समाधान कर सकें, सार्थक तरीके से दुनिया से जुड़ सकें और जीवनभर सीखने वाले बनें।” यूरोकिड्स ने अपनी आक्रामक विकास रणनीति के तहत पटना और पूरे बिहार में उपस्थिति बढ़ाने की भी घोषणा की। आने वाले 5 वर्षों में संस्था राज्य में 41 नए केंद्र खोलेगी। वर्तमान में बिहार में 34 केंद्र हैं, जो बढ़कर 75 हो जाएंगे। इससे राज्य में प्रारंभिक शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर होगी। यूरोकिड्स लगातार पाठ्यक्रम का अद्यतनीकरण करता है ताकि बच्चों को उच्चस्तरीय प्रारंभिक शिक्षा मिल सके। ‘ह्यूरेका’ बच्चों को 'क्या' सोचना है, यह सिखाने की बजाय 'कैसे' सोचना है, यह कौशल देता है। इसमें 20 संरचित Harvard-inspired Thinking Routines शामिल हैं, जो बच्चों में जिज्ञासा जगाती हैं, कल्पनाशीलता को बढ़ावा देती हैं और आलोचनात्मक सोच विकसित करती हैं। यह तरीका बच्चों को केवल जानकारी ग्रहण करने तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उन्हें गहराई से समझने और रचनात्मकता के साथ जुड़ने में मदद करता है। यह पाठ्यक्रम 18 महीनों के गहन शोध, पायलट टेस्टिंग और सुधार के बाद विकसित किया गया है। इसकी नींव EPICS दर्शन पर रखी गई है, जो पांच मुख्य विकास क्षेत्रों – भावनात्मक, शारीरिक, बौद्धिक, रचनात्मक और आध्यात्मिक पहलुओं – को संबोधित करता है, जिन्हें अक्सर शिक्षा प्रणाली में नज़रअंदाज़ किया जाता है। ‘ह्यूरेका’ में 13 विशेष कार्यक्रम (जैसे कोडक्वेस्ट, यूरोकनेक्ट, यूरोफिट, यूरोआर्ट, एलिवेट, और कई अन्य) शामिल हैं, जो हर बच्चे की सीखने की यात्रा के अनुरूप बनाए गए हैं, ताकि वे न केवल शैक्षणिक सफलता हासिल कर सकें, बल्कि जीवनभर के व्यक्तिगत विकास के लिए भी तैयार हो सकें। NEP 2020 के अनुरूप, जो प्राचीन भारतीय ‘पंचकोष’ की अवधारणा से प्रेरित है, ‘ह्यूरेका’ इन सिद्धांतों को अपने शैक्षिक दृष्टिकोण में समाहित करता है। यूरोकिड्स अपने HomeBuddy ऐप को भी पाठ्यक्रम के अनुरूप उन्नत कर रहा है, जिसमें इंटरैक्टिव कंटेंट होगा जो बच्चों के संज्ञानात्मक विकास को सहारा देगा और संतुलित स्क्रीन टाइम सुनिश्चित करेगा। 23 साल के अनुभव, 500 शहरों में 1,700 से अधिक प्री-स्कूलों के नेटवर्क और अब तक 7 लाख से अधिक बच्चों को शिक्षित करने के साथ यूरोकिड्स लगातार भविष्य के लिए नन्हें दिमागों को तैयार कर रहा है। ‘ह्यूरेका’ पाठ्यक्रम यूरोकिड्स की इस प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है कि वह बच्चों को जिज्ञासु, संतुलित और सर्वांगीण शिक्षार्थी बनाएगा और प्रारंभिक शिक्षा में अपनी अग्रणी भूमिका बनाए रखेगा।
Sep 13 2025, 21:41