दिल्ली में आप नेता सौरभ भारद्वाज के घर ईडी की रेड, 13 ठिकानों पर छापेमारी

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह छापेमारी की है। यह कार्रवाई राजधानी में स्वास्थ्य ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में हुए कथित 5,590 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच से जुड़ी है। ईडी की टीमें सौरभ भारद्वाज के आवास समेत 13 ठिकानों पर रेड कर रही हैं।

संजय सिंह ने क्या कहा?

ईडी की रेड के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और इसे झूठा और निराधार बताया है।आप नेता सौरभ भारद्वाज के खिलाफ ईडी की छापेमारी पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा, सौरभ भारद्वाज के खिलाफ दर्ज मामला झूठा और निराधार है। जिस समय ईडी ने मामला दर्ज किया था, उस समय वह मंत्री भी नहीं थे। आप नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करना और उन्हें जेल में डालना मोदी सरकार की नीति है। यह सभी आप नेताओं को एक-एक करके परेशान करने और जेल में डालने के लिए किया जा रहा है। पीएम मोदी की फर्जी डिग्री से ध्यान हटाने के लिए छापेमारी की जा रही है। पीएम मोदी की फर्जी डिग्री पर चर्चा होने से रोकने के लिए ईडी ने छापेमारी की है। 

आतिशी क्या बोलीं?

वहीं, दिल्ली की पूर्व सीएम और आप नेता आतिशी ने कहा, आज सौरभ जी के यहाँ रेड क्यों हुई? क्योंकि पूरे देश में मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं, क्या मोदी जी की डिग्री फर्जी है? इस चर्चा से ध्यान हटाने के लिए ही रेड डाली गई है। जिस समय का केस बताया जा रहा है, उस समय सौरभ जी मंत्री भी नहीं थे। यानी पूरा केस ही झूठा है। सत्येंद्र जी को भी तीन साल जेल में रखकर आखिरकार CBI/ED को क्लोज़र रिपोर्ट देनी पड़ी। इससे साफ़ है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं पर लगाए गए सारे केस सिर्फ झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं।

जून 2024 में दर्ज हा था केस

इस मामले में जून 2024 में दिल्ली की एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने केस दर्ज किया था। एसीबी का आरोप था कि आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान अस्पतालों और आईसीयू इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और फंड की हेराफेरी हुई। जांच में यह भी पाया गया कि 2018-19 में मंजूर किए गए 24 अस्पताल प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हुए। 6 महीने में आईसीयू अस्पताल तैयार करने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक केवल 50 फीसदी काम ही पूरा हुआ है, जबकि 800 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।

सौरभ भारद्वाज के साथ सत्येंद्र जैन पर गंभीर आरोप

इस मामले की शुरुआत अगस्त 2024 में तब हुई जब दिल्ली विधानसभा में उस समय के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में उन्होंने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन पर गंभीर आरोप लगाए थे। विजेंद्र गुप्ता का कहना था कि दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य परियोजनाओं में सुनियोजित हेराफेरी की, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया और निजी ठेकेदारों के साथ मिलीभगत की। फिलहाल ईडी इस पूरे घोटाले की तहकीकात कर रही है और सौरभ भारद्वाज तथा सत्येंद्र जैन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

पीएम मोदी की डिग्री नहीं होगी सार्वजनिक, दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द किया CIC का आदेश

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए की डिग्री सार्वजनिक नहीं होगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) का आदेश पलट दिया। अब दिल्ली यूनिवर्सिटी को प्रधानमंत्री की डिग्री नहीं दिखानी होगी। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने सीआईसी के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय की याचिका पर यह फैसला सुनाया। बता दें कि सीआईसी ने 2016 में दायर एक आरटीआई याचिका के आधार पर दिल्ली यूनिवर्सिटी को पीएम मोदी की ग्रेजुएशन डिग्री से संबंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था।

पीएम मोदी के एकेडमिक रिकॉर्ड के खुलासे को लेकर यह कानूनी लड़ाई की सालों से चल रही है। नीरज नाम के एक शख्स की ओर से सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने 1978 में बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी छात्रों के रिकॉर्ड के निरीक्षण की 21 दिसंबर, 2016 को अनुमति दे दी। पीएम मोदी ने भी इसी साल यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

डीयू ने दिया था छात्रों की गोपनीय का हवाला

डीयू ने इस आदेश को चुनौती दी और कहा कि छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी “फिड्युशियरी कैपेसिटी” (भरोसे में रखी गई गोपनीय जानकारी) के तहत आती है, जिसे किसी अजनबी को नहीं दिया जा सकता। विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि कोर्ट को रिकॉर्ड दिखाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

हाईकोर्ट ने 23 जनवरी 2017 को केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर रोक लगा दी है। डीयू की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि केंद्रीय सूचना आयोग का आदेश रद्द किया जाना चाहिए। हालांकि, मेहता ने कहा कि विश्वविद्यालय को अपना रिकॉर्ड कोर्ट को दिखाने में कोई आपत्ति नहीं है। 1978 की एक कला स्नातक की डिग्री है। इससे पहले, आरटीआई आवेदकों के वकील ने सूचना के अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए आदेश का बचाव किया था।

क्या है वो सलवा जुडूम केस? विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के फैसले को अमित शाह ने घेरा

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देश में उपराष्ट्रपति पद लिए 9 सितंबर को चुनाव होने हैं। एनडीए और विपक्ष दोनों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष ने बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। इस बीच सलवा जुडूम फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को घेरा है। शाह ने सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी पर हमला करते हुए कहा, उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज किया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक बना रहा। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार पद के लिए चुनने का आधार रही होगी।

एएनआ को दिए इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज कर आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। यही वजह है कि देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला है। उस समय नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे ले रहा था। उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने अपनी रक्षा के लिए सलवा जुडूम का गठन किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद नक्सलियों ने रातों रात एक आदेश जारी कर सबको बाहर निकाल दिया। कई जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमला हुए। उस स्कूल को भी तबाह कर दिया, जिसमें CRPF और सुरक्षा बल मौजूद थे।

क्या था सलवा जुडूम

छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यहां नक्सलियों के खिलाफ स्थानीय लोगों ने आंदोलन छेड़ा था। सलवा जुडूम का मतलब ‘शांति यात्रा’ होता है। ग्रामीणों ने नक्सलियों से अपनी सुरक्षा के लिए बिना किसी सरकारी मदद के शिविर स्थापित किए थे। बाद में बस्तर के इस अभियान को केंद्र और राज्य सरकार ने सहयोग दिया था। राज्य सरकार ने इस आंदोलन में कुछ सहायता प्रदान करनी शुरू कर दिया। इस आंदोलन का नेतृत्व बस्तर के युवा और स्थानीय लोग कर रहे थे।

नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में चला अभियान

आंदोलन से जुड़े लोगों ने नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में अभियान चलाया था। युवाओं ने अलग शिविर कैंपों की स्थापना की थी जिससे बच्चों को नक्सली विचारधारा से दूर रखा जा सके। हर गांव में नक्सलियों को खिलाफ अभियान चल पड़ा था। लोगों ने माओवादी विचारधारा का समर्थन करने वालों को गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया था। जब नक्सलियों ने इन शिविरों पर हमला करना शुरू किया तो सरकार ने आंदोलन के सदस्यों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त करना शुरू कर दिया था। सलवा जुडूम आंदोलन में शामिल स्थानीय युवकों को SPO बनाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। युवाओं को SPO ट्रेनिंग देकर नक्सलियों के खिलाफ हमला किया जाता था।

कोर्ट ने सलवा जुडूम व्यवस्था पर लगाई थी रोक

मानवाधिकार और कई समाजसेवियों ने सलवा जुडूम का विरोध किया। सलवा जुडूम पर आरोप लगा कि इसमें निर्दोष ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जा रहा है। लोगों के घर जलाने, जबरन कैंप में ले जाने और मानवाधिकार उल्लंघन समेत कई आरोप लगाए गए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नाबालिगों को हथियार देकर लड़ाई में झोंकना असंवैधानिक है। कोर्ट ने सलवा जुडूम और SPO व्यवस्था पर रोक लगा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के जज थे विपक्ष के उम्मीदवार

सलवा जुडूम पर रोक लगाने का फैसला जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने दिया था। उन्होंने सुनाते हुए कहा था कि सलवा जुडूम की स्थापना गलत थी और इसे असंवैधानिक समानांतर व्यवस्था बताया था तथा इसे समाप्त करने का आदेश दिया था।

प्रधानमंत्री ने खुद पीएम पद शामिल करवाया, 130वें संशोधन पर अमित शाह का बड़ा बयान

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि विपक्ष की तीखी आलोचना के बावजूद संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हो जाएगा। यही नहीं, अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच साफ किया कि इस विधेयक में प्रधानमंत्री के पद को शामिल करने का प्रस्ताव स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था। बता दें कि हाल ही में समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र में शाह ने यह विधेयक पेश किया। इस विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को स्वतः हटाने का प्रस्ताव है, यदि उन्हें पांच साल या उससे अधिक कारावास की सजा वाले आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार और हिरासत में रखा जाता है।

जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस बना दिया जाएगा-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के रुख पर करारा हमला बोला। एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर वे कभी जेल गए, तो वे जेल से आसानी से सरकार चला लेंगे। जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस बना दिया जाएगा और डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से आदेश लेंगे।'

शाह का विपक्ष पर तंज

एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, 'मैं पूरे देश और विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या कोई भी नेता जेल से देश चला सकता है? क्या यह हमारे लोकतंत्र की गरिमा के अनुकूल है? आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर उन्हें कभी जेल जाना पड़ा, तो वे जेल से आसानी से सरकार बना लेंगे।

आरोप मुक्त होने पर पद बहाल हो जाएगा-शाह

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि इस बिल में असुरक्षा जैसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार होने के बाद अब जमानत मिलने तक जेल से सरकार नहीं चलेगी। यदि कोर्ट से जमानत मिल जाती है तो आप फिर से शपथ ले सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मामले में आरोप मुक्त होने पर पद बहाल हो जाएगा।

ये एनडीए के मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा-शाह

शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद इस विधेयक में पीएम पद को शामिल किया है। पहले इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर को अदालती समीक्षा से बचाने की कोशिश की थी। लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने अपने खिलाफ एक संवैधानिक संशोधन लाया, जिसमें कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि देश में आज देश में एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या अधिक अधिक है और प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं। इसलिए यह विधेयक सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं, बल्कि एनडीए के मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा।

दिल्ली सीएम की सुरक्षा में फिर बदलाव, सरकार ने सीआरपीएफ को हटाया, दिल्ली पुलिस देगी रेखा गुप्ता को सिक्योरिटी

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केंद्र सरकार ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को दी गई जेड श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा को वापस ले लिया है। यह सुरक्षा उन्हें कुछ दिन पहले एक हमले के बाद दी गई थी। अब उनकी सुरक्षा का जिम्मा फिर से दिल्ली पुलिस को सौंपा गया है। बता दें कि रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त की सुबह सिविल लाइंस में उनके कैंप कार्यालय में 'जन सुनवाई' कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने हमला किया था।

हमले के बाद बढ़ाई गई थी सुरक्षा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त को उनके कार्यालय में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को उनकी हत्या की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया था। इस घटना के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विशिष्ट व्यक्तियों को दी जाने वाली सीआरपीएफ की ‘वीआईपी’ सुरक्षा शाखा को केंद्र के ‘जेड’ श्रेणी सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था।

चार दिन में सरकार का यू टर्न

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पहले सीआरपीएफ सुरक्षा देने का आदेश तैयार किया था, लेकिन बाद में योजना बदली गई और कवर हटाने के आदेश जारी कर दिए गए। अब दिल्ली पुलिस सीएम गुप्ता की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी।

दिल्ली-एनसीआर में ई-वेस्ट मैनेजमेंट के लिए स्कूल बने "ई-वेस्ट हब"

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में इलेक्ट्रॉनिक कचरा (ई-वेस्ट) प्रबंधन के लिए एक अनूठी पहल की जा रही है, जिसमें स्कूल और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWAs) मिलकर काम कर रहे हैं। इस पहल के तहत, स्कूलों को "ई-वेस्ट हब" के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां छात्र अपने परिवारों को पुराने गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान को रीसाइकिल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ग्रामीण विकास ट्रस्ट (GVT) और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) के सहयोग से चल रहा यह अभियान शहर में एक नई मिसाल कायम कर रहा है।

अभियान का तीसरा चरण और विस्तार

2022 में शुरू हुई यह पहल अब अपने तीसरे चरण में है, जिसका विस्तार दिल्ली-एनसीआर के 18 प्रमुख इलाकों—जैसे मालवीय नगर, नेहरू प्लेस, महरौली और वसंत कुंज—तक हो गया है। इस चरण का मुख्य उद्देश्य स्कूलों और आरडब्ल्यूए को सामुदायिक केंद्रों के रूप में विकसित करना है, जो लोगों को ई-वेस्ट प्रबंधन के लिए जागरूक कर सकें।

पिछले चरणों की सफलता

पहला चरण (2022): संगम विहार में 'रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल' (RRR) केंद्रों को मजबूत किया गया और कचरा बीनने वालों को ई-वेस्ट की सुरक्षित हैंडलिंग का प्रशिक्षण दिया गया।

दूसरा चरण (2023-24): एक जीपीएस-सक्षम ई-वेस्ट कलेक्शन वैन शुरू की गई, जो घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करती थी। इस चरण में लगभग 395 किलो ई-वेस्ट जमा किया गया, जिसमें से 370 किलो को सफलतापूर्वक रीसाइकिल किया गया।

बच्चों की भागीदारी और जागरूकता

इस अभियान में बच्चों की भूमिका महत्वपूर्ण है। स्कूलों में इंटरैक्टिव वर्कशॉप, क्विज़ और 'शपथ अभियान' चलाए जा रहे हैं। कई स्कूलों ने तो "ई-वेस्ट कॉर्नर" भी बनाए हैं, जहां छात्र अपने घरों से पुराने चार्जर, बैटरी, कैलकुलेटर और हेडफोन जैसे गैजेट्स लाकर जमा कर रहे हैं। इसका मकसद बच्चों में ई-वेस्ट के खतरनाक प्रभावों के प्रति जागरूकता पैदा करना और सुरक्षित निस्तारण की आदत डालना है।

कौन हैं सर्जियो गोर? अमेरिका ने भारत में नियुक्त किया नए राजदूत, जानें क्या है संकेत

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए अगले अमेरिकी राजदूत के नाम की घोषणा की है। उन्होंने अपने बेहद करीबी सहयोगी और विश्वासपात्र सर्जियो गोर को भारत का अगला राजदूत और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत नियुक्त किया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इसकी घोषणा की।

ट्रंप ने शुक्रवार को एक सोशल मीडिया में गोर को करीबी दोस्त बताया और कहा कि गोर कई वर्षों से मेरे साथ हैं। पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि 'मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का अगला राजदूत नियुक्त कर रहा हूं।' ट्रंप ने कहा कि सर्जियो गोर दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के भी विशेष प्रतिनिधि होंगे। ट्रंप ने भले ही सर्जियो गोर के नाम का एलान कर दिया है, लेकिन अभी गोर को सीनेट की मंजूरी भी लेनी होगी और जब तक उन्हें मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक गोर अपने मौजूदा पद पर बने रहेंगे।

ट्रंप ने कहा- शानदार राजदूत साबित होंगे

सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि 'दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले हिस्से में, मैं चाहता हूं कि कोई ऐसा हो, जिस पर मैं पूरी तरह से विश्वास कर सकूं और अपने एजेंडा को आगे बढ़ा सकूं ताकि अमेरिका को फिर से महान बनाया जा सके। सर्जियो एक शानदार राजदूत साबित होंगे। उन्हें बधाई।'

एरिक गार्सेटी की जगह लेंगे गोर

एरिक गार्सेटी के हटने के सात महीने बाद अमेरिका ने भारत में अपना स्थायी राजदूत नियुक्त किया है। सर्जियो भारत में 26वें अमेरिकी राजदूत होंगे। गार्सेटी ने मई 2023 से लेकर जनवरी 2025 तक भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में जिम्मेदारी निभाई।

एलन मस्क ने बताया था सांप

एक समय ट्रंप के करीबी रहे दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क ने सर्जियो गोर को सांप कहा था। दरअसल मस्क के सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख रहते हुए एलन मस्क और सर्जियो गोर में तनातनी की खबरें सामने आईं थी। जून 2025 में एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सर्जियो गोर को सांप कहकर उनकी आलोचना की थी। मस्क का यह पोस्ट उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद सामने आया था, जिनमें दावा किया गया था कि सर्जियो गोर ने व्हाइट हाउस में तैनाती के बावजूद अभी तक अपना सिक्योरिटी क्लीयरेंस पूरा नहीं किया है। हालांकि व्हाइट हाउस ने बताया कि गोर सिक्योरिटी क्लीयरेंस पूरा कर चुके हैं।

भारत-अमेरिका के रिश्तों में होगा बदलाव?

यह नियुक्ति केवल कूटनीतिक बदलाव भर नहीं मानी जा रही, बल्कि संकेत दे रही है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका रिश्तों का चरित्र और स्वरूप बदलने वाला है। सर्जियो गोर की छवि ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडा के कट्टर समर्थक और डोनाल्‍ड ट्रंप के भरोसेमंद सहयोगी के रूप में रही है, जिससे यह स्पष्ट है कि अमेरिका अब भारत के साथ अपने रिश्तों को ज्यादा लेन-देन आधारित नजरिए से देखेगा।

झारखंड में बारिश का कहर, अभी राहत के आसार नहीं, IMD ने 30 अगस्त तक के लिए जारी किया अलर्ट

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देश भर में मानसून की अलग-अलग गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। देश के कई राज्यों में बरसात देखने को मिल रही है। इस बीच बिहार-झारखंड से लेकर बंगाल और ओडिशा तक मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल का हिमालयी हिस्सा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अगले एक हफ्ते मूसलाधार बारिश हो सकती है। कई राज्यों में बिजली गिर सकती है।

30 अगस्त तक राहत नहीं

निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में 25 को फिर बन रहा है। जिसका असर झारखंड में देखा जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में लगातार निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनने से झारखंड के विभिन्न जिलों के लोगों को फिलहाल 30 अगस्त तक बारिश और वज्रपात से राहत नहीं मिलनेवाली है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक अभिषेक आनंद के अनुसार 23 अगस्त को गढ़वा, पलामू और लातेहार में भारी बारिश की चेतावनी है। यहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोहरदगा, गुमला, खूंटी, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, गिरिडीह, देवघर, धनबाद, जामताड़ा और दुमका में भी मध्यम से कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि 24 और 25 अगस्त को झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात

बुधवार रात से लगातार बारिश हो रही है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। चतरा जिले में बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जहां 24 घंटे में 106 मिमी बारिश दर्ज की गई। यहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और लगभग 600 घर पानी में घिर गए हैं। भारी बारिश के कारण सरायकेला के डांडू गांव में शुक्रवार को मिट्टी का एक कच्चा मकान गिर गया। इसके मलबे में 10 लोग दब गए। शुक्रवार को कई जिलों में सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। चाइबासा में शुक्रवार को 93 मिमी बारिश हुई है। जबकि रांची में 15 मिमी, मेदिनीनगर में 3 मिमी और जमशेदपुर में 11 मिमी बारिश हुई है।

तिलैया डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

लगातार बारिश के कारण कोडरमा में तिलैया डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। इसलिए शुक्रवार रात 9 बजे डैम के फाटक खोले गए। लक्ष्य रखा गया है कि डैम से हर सेकंड 1000 क्यूबिक पानी छोड़ा जाएगा। डीवीसी प्रबंधन ने कोडरमा जिला प्रशासन के साथ-साथ गिरिडीह, बोकारो, धनबाद और जामताड़ा जिले को भी अलर्ट कर दिया है। डैम के आसपास के गांवों में लोगों को माइक से अनाउंस करके नदी के किनारे न जाने की सलाह दी जा रही है।

क्या भारत में टिकटॉक से हट गया प्रतिबंध? जानें क्या है दावों की सच्चाई, भारत सरकार का आया बयान

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चीनी मोबाइल ऐप टिकटॉक पर भारत में लगा प्रतिबंध क्या हटा दिया गया है? ये सवाल इसलिए खड़े हुए, क्योंकि सोशल मीडिया पर इसके भारत में वापसी की अटकलें तेज हो गई हैं। कुछ यूजर्स यह दावा कर रहे थे कि उन्होंने चीनी ऐप की वेबसाइट ओपन की और वह बिना किसी रुकावट के खुल गई। हालांकि, गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर कुछ शो नहीं हो रहा है। वेबसाइट पर ऐप शो होने की जानकारी सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर निशान साधा। अब सरकार ने इस पर अपना आधिकारिक बयान जारी किया है।

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशान

कोरोना काल के बाद से ही भारत में टिकटॉक का अस्तित्व खत्म हो गया। भारत में टिकटॉक पिछले पांच सालों से बैन है। अब इसके शुरू होने की खबरें हैं। वेबसाइट पर ऐप शो होने की जानकारी सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर निशान साधा। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि टिकटॉक की वेबसाइट देश में चलने लगी है। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान के सीजफायर की तरह चीन के साथ भी शहादत का सौदा कर दिया गया है।

कांग्रेस बोली- चीन के साथ शहादत का सौदा किया

कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट करके हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने लिखा कि भारत में चीन की कंपनी ‘टिक टॉक’ की वेबसाइट चलने लगी है। चीन से झड़प में हमारे 20 जांबाज सैनिक शहीद हुए। पहले तो नरेंद्र मोदी ने चीन को क्लीनचिट दी। लेकिन जब कांग्रेस ने दबाव बनाया तो हेड लाइन मैनेज करने को ‘टिक टॉक’ बैन किया। वहीं अब पीएम मोदी फिर चीन से लप्पो झप्पो कर रहे हैं। वह चीन के विदेश मंत्री से मिले हैं और खुद चीन जाने वाले हैं। इस बीच ही टिक टॉक से जुड़ी ये खबर आ गई। साफ है, नरेंद्र मोदी का चीन प्रेम, देश प्रेम पर भारी पड़ा है। पाकिस्तान से सीजफायर की तरह चीन के साथ भी शहादत का सौदा कर दिया गया है।

क्या है भारत सरकार का बयान?

इस बवाल के बाद अब इस मामले पर भारत सरकार का बयान आ गया है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों ने यह स्पष्ट किया है कि चीनी ऐप टिकटॉक से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने टिकटॉक को अनब्लॉक करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। ऐसा कोई भी जानकारी झूठी और भ्रामक है।

2020 में टिकटॉक समेत कई मोबाइल एप्लिकेशन पर लगे थे बैन

बता दें कि जून 2020 में केन्द्र सरकार ने ने 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, जिनमें ज्यादातर चीनी थे। इनमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर और वीचैट शामिल थे। सरकार ने तब इन ऐप्स को बैन करने के पीछे तर्क दिया था कि ये ‘भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। जिस समय सरकार ने यह कदम उठाया, तब चीन के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण थे।

झारखंड में 1 सितंबर से निजी हाथों में होगी शराब की बिक्री, नई उत्पाद नीति के तहत लॉटरी संपन्न

रांची: झारखंड में 1 सितंबर से नई उत्पाद नीति (New Excise Policy) लागू हो रही है, जिसके तहत खुदरा शराब की बिक्री अब निजी हाथों में होगी। शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों में शराब दुकानों की बंदोबस्ती के लिए ई-लॉटरी (E-Lottery) प्रक्रिया पूरी की गई। इस प्रक्रिया से राज्य सरकार को आवेदन शुल्क के रूप में लगभग 40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

नई नीति के तहत राज्य में कुल 1,343 दुकानें संचालित होंगी। इनमें 1,184 कंपोजिट दुकानें (देसी और विदेशी दोनों शराब) और 159 देसी शराब की दुकानें शामिल हैं। राजधानी रांची में सबसे अधिक 150 दुकानें हैं। इन लॉटरी प्रक्रिया में झारखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के कारोबारियों ने भी हिस्सा लिया।

शराब के दाम में बदलाव

नई नीति के तहत, शराब पर लगने वाले वैट (VAT) को कम किया गया है, जबकि एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) और ट्रांसपोर्ट ड्यूटी (Transport Duty) बढ़ाई गई है। इससे कुछ लोकप्रिय ब्रांड की शराब 10 से 20 रुपये तक महंगी हो सकती है, जबकि विदेशों में बनी शराब की कीमतें कम होने की संभावना है।

रामगढ़ और गुमला में बंदोबस्ती

  • रामगढ़: जिले की कुल 42 दुकानों के लिए 12 समूह बनाए गए थे। ऑनलाइन पोर्टल के जरिए 178 आवेदन प्राप्त हुए, और शुक्रवार को ई-लॉटरी के माध्यम से बंदोबस्ती की गई। 1 सितंबर से चयनित निजी लाइसेंसधारियों द्वारा जिले में शराब की बिक्री शुरू होगी।
  • गुमला: उत्पाद अधीक्षक क्षितिज विजय मिंज ने बताया कि जिले में 57 करोड़ रुपये की बंदोबस्ती हुई है। कुल 89 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें लॉटरी के तहत पांच समूहों का चयन किया गया है। प्रत्येक समूह को तीन-तीन दुकानें चलाने का दायित्व मिला है। यह बंदोबस्ती अगले पांच वर्षों के लिए हुई है, जिसमें प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी।