बलिया बलिदान दिवस के पावन अवसर पर जिले में मंगलवार को ऐतिहासिक रैली का आयोजन:जिला कारागार का गेट खुला गूंजा भारत माता की जय
संजीव सिंह बलिया|बलिया बलिदान दिवस के पावन अवसर पर जिले में मंगलवार को ऐतिहासिक रैली का आयोजन किया गया, जिसमें देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिला कारागार का गेट विधिवत खोला गया। इस दौरान वंदेमातरम् तथा भारत माता की जय गूंजने लगा। जिला कारागार परिसर में स्थापित स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद राजकुमार बाघ की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। इसके उपरांत रैली के रूप में निकले जनसमूह ने शहर के प्रमुख चौराहों पर स्थापित स्वतंत्रता सेनानियों एवं महापुरुषों को पुष्पांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में वीरवर बाबू कुंवर सिंह, रामदहिन ओझा, डॉ. भीमराव अंबेडकर, मुरली बाबू, शेरे बलिया चित्तू पाण्डेय, तारकेश्वर पाण्डेय, मंगल पाण्डेय, लाल बहादुर शास्त्री, चंद्रशेखर आजाद, उमाशंकर सोनार, तथा महात्मा गांधी के नाम प्रमुख रहे। ऐतिहासिक रैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए क्रांति मैदान (टाउन हॉल) पहुँची, जहां इसका भव्य समापन हुआ। पूरे आयोजन में देशभक्ति की भावना और बलिया के गौरवशाली इतिहास की झलक देखने को मिली। इसमें जिसमें प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी, जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह तथा मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज के साथ ही आम जनमानस, छात्र, युवा एवं प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी ने इस दिन को एक अविस्मरणीय स्वरूप प्रदान किया।
बलिया : बलिया में बलिदान दिवस के अवसर पर प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु व परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने गंगा बहुद्देशीय सभागार में मंगलवार को दीप प्रज्वलित व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। साथ ही तीनों मंत्रियों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम विचार पाण्डेय एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के 49 परिवारों को साल एवं किचन सेट देकर सम्मानित किया गया, और 19 अगस्त 1942 की बलिया बलिदान दिवस की डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई।
प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने बलिया की माटी को श्रद्धा पूर्वक नमन करते हुए स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को याद किया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम में उन्होंने 1857 की क्रांति से लेकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन तक के बलिया के योगदान को रेखांकित किया।
मंत्री ने कहा, “अगर 1857 की क्रांति सफल हो जाती तो आज इतिहास कुछ और होता। लेकिन जब 1942 में महात्मा गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की, तब बलिया देश का वह पहला जिला बना, जिसने अंग्रेजी हुकूमत को 14 दिनों तक सत्ता से बाहर कर दिया। यह माटी मंगल पांडे, चित्तू पांडे, कुंवर सिंह, महानंद मिश्रा और मां गायत्री देवी जैसी विभूतियों की है।” बलिया न केवल स्वतंत्रता संग्राम में, बल्कि स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र के हनन के विरुद्ध भी अग्रणी भूमिका में रहा है।
आज भी 1942 की घटनाएं एक-एक दिन की तरह जीवंत हो उठीं,” उन्होंने कहा। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई नाट्य और सांस्कृतिक झांकियों की प्रशंसा करते हुए मंत्री ने कहा कि “ऐसे मंचन हमें हमारे इतिहास से जोड़े रखते हैं। आज का कार्यक्रम मानो स्वतंत्रता संग्राम के दिनों को फिर से जीवंत कर गया। बच्चों ने जो जोश और भावनात्मक प्रस्तुति दी, वह अद्वितीय थी।” मंत्री ने "क्या यूं ही मंजिलें मिलती हैं, लाखों चिराग जले तब जाकर सुबह आई है' से उद्बोधन का समापन किया। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि बलिया की ऐतिहासिक भूमिका और स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए बलिदानों को याद करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। मंत्री ने बताया कि बलिया का गौरवशाली इतिहास अब केवल प्रतीकात्मक कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उसे भव्य और स्थायी स्मारकों के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि “चार वर्षों से जब से मैं बलिया का जनप्रतिनिधि बना हूं, तब से मैंने देखा कि बलिदान दिवस पर सिर्फ एक प्रतीकात्मक जेल का फाटक खोला जाता था और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मानित कर टाउन हॉल ले जाया जाता था। लेकिन 19 अगस्त 2022 को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बलिया आए, तो मैंने उनसे निवेदन किया कि बलिया की इस महान क्रांति को स्थायी स्वरूप दिया जाए। साथ ही 19 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलिया में मेडिकल कॉलेज की घोषणा किया। चित्तू पांडे स्मृति संस्थान के लिए भी दो एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इस स्थल पर क्रांतिकारियों की स्मृतियों को सहेजने का कार्य किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी को बलिया की विरासत से प्रेरणा मिल सके।
मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि “पिछले तीन घंटे से जो हमने देखा, सुना, अनुभव किया वह अद्भुत था। बच्चों ने जिस मेहनत और समर्पण से प्रस्तुति दी, वह सराहनीय है। उनके शिक्षकों का भी हृदय से आभार जो इस कार्यक्रम को इस स्तर तक ले आए। उन्होंने बलिया की ऐतिहासिक और क्रांतिकारी पहचान पर बल देते हुए कहा कि जब भी दुनिया में कोई हमारा परिचय पूछता है, तो हम गर्व से कहते हैं कि “बागी बलिया” के निवासी हैं
6
टीमें 11-11 हजार रुपए से पुरस्कृत
बलिया बलिदान दिवस के अवसर पर गंगा बहुउद्देशीय सभागार में विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा देशभक्ति गीत एवं चित्तू मंगल पांडेय पर नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें सरस्वती वंदना/नित्य सनबीम स्कूल अगरसंडा, देश भक्ति गीत तेरी मिट्टी में मिल जावा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बलिया, गुलाब देवी बालिका इंटर कॉलेज बलिया, द होराइजन स्कूल गड़वार, महर्षी वाल्मिकी विद्यालय काजीपुर बलिया एवं संकल्प साहित्य सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के द्वारा गीत नाटक प्रस्तुत किया गया, जिस पर तीनों मंत्रियों ने 06 टीमों को 11000-11000 रुपए पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह, सीडीओ ओजस्वी राज, सीआरओ त्रिभुवन सिंह, जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष संत कुमार गुप्ता उर्फ मिठाई लाल, डीडीओ, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी रामविचार पाण्डेय एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार एवं महिला आयोग के सदस्य सुनीता सिंह, जयप्रकाश साहू, विभिन्न विद्यालय के छात्र-छात्राओं आदि उपस्थित रहे|
Aug 20 2025, 15:07