स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के अवसर पर प्रतियोंगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

बैनर, पोस्टर, स्टीकर, पम्फलेट्स वितरित कर किया गया प्रचार प्रसार

गोरखपुर । केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, क्षेत्रीय कार्यालय, गोरखपुर द्वारा जनपद गोरखपुर के विकास खंड चरगांवा, नाहरपुर में स्थित सरस्वती इंटर काॅलेज में स्वतंत्रता दिवस, सेवा, सुशासन एवं गरीब कल्याण के 11 वर्ष और हर घर तिरंगा विषय पर गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गोष्ठी के दौरान प्रश्नोंत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें विजेता 20 प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

इसके साथ-साथ जनपद के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के बीच सामूहिक वार्ता की गई, बैनर, पोस्टर, स्टीकर लगाकर एवं पम्फ्लेट्स वितरित कर लोगों को विषयगत जानकारियां दी गई ।

कॉलेज में ध्वजारोहण के उपरांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख वंदना सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश को और ज्यादा मजबूत, एकजुट और समृद्ध बनायें।

खंड विकास अधिकारी चरगावां सत्य प्रकाश ने कहा कि यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और संघर्ष की याद दिलाता है ताकि हम आजाद होने के महत्व को याद रखें।

कॉलेज के प्रबंधक चंद्रभूषण मिश्र ने कहा कि यह दिन देश की प्रगति के लिए हमारी जिम्मेदारियों को समझाता है। कॉलेज के प्रधानाचार्य देवेंद्र प्रताप शास्त्री ने कहा कि 15 अगस्त भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक है और यह हमें हर साल एक नई प्रेरणा देकर जाता है।

क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी तारिक अजीज ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज 15 अगस्त को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। देश में हर तरफ स्वतंत्रता दिवस उत्सव की धूम है। सरकार के हर घर तिरंगा अभियान ने सबसे बड़े राष्ट्रीय पर्व की रौनक को और बढ़ा दिया है।

खुटहन स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर संतोष ने कहां कि हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से मुक्त हुआ था। ऐसे में हर भारतीय के लिए 15 अगस्त गौरव का दिन है।

कार्यक्रम का संचालन सुषमा श्रीवास्तव ने किया।I

*जिला अस्पताल में नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, घर बैठे ऑनलाइन खुद बना सकेंगे अपना पर्चा*

गोरखपुर। जिला अस्पताल में मरीज दिखाने के लिए अब लाइन लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। मरीज और उसके परिजन ओपीडी के लिए घर बैठे खुद ऑनलाइन पर्चा बना सकेंगे। इस सुविधा के तहत बुधवार को जिले का पहला पर्चा भी ऑनलाइन जेनरेट किया गया। इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि जिनके पास पहले से आभा आईडी होगी उन्हें इस काम में और भी सहूलियत होगी। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय कुमार और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके सुमन की मदद से इस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि जब मरीज सीएचसी, पीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से संदर्भित हों तो उन्हें उस चिकित्सा इकाई से ही ऑनलाइन पर्चा बना कर दिया जाए ताकि उन्हें भी जिला अस्पताल में लाइन न लगानी पड़े।

सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि जिला अस्पताल का ऑनलाइन पर्चा मरीज खुद जेनरेट करवाने के बाद उसे कहीं से भी प्रिंट करवा कर अस्पताल में चिकित्सक के कक्ष में जाएंगे। इस व्यवस्था पर पूरे प्रदेश में काम चल रहा है। राज्य स्तर के सहयोग से गोरखपुर जिले में हम यह व्यवस्था शीघ्र लागू करने में सफल रहे हैं। शहर के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर डिजिटल प्रेसक्रिब्शन की व्यवस्था पहले से ही लागू कर दी गई है। वहां पर अब मरीज की सारी एंट्री, दवा और जांच आदि डिजिटल पर्चे पर लिखी जाती है। अब इन केंद्रों से जो मरीज संदर्भित होंगे उन्हें जिला अस्पताल के भी पर्चे ऑनलाइन जेनरेट कर दिए जाएंगे, जिससे संदर्भित मरीज को परेशानी न उठानी पड़े। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों के मरीजों के लिए भी यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे संदर्भित मरीज सीधे चिकित्सक के पास जा सकेगा।

सीएमओ ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था में आभा आईडी होने से और आसानी से रजिस्ट्रेशन हो रहा है। यह आईडी लोग अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता की मदद से अपने आधार कार्ड के जरिये जेनरेट करवा सकते हैं। आभा आईडी होने से न केवल रजिस्ट्रेशन में आसानी होगी, बल्कि सभी प्रकार की रिपोर्ट व परामर्श आदि संरक्षित हो जाएंगे। इस आईडी के जरिये देश के किसी भी अस्पताल में पहुंचने के बाद अपनी पुरानी रिपोर्ट व अन्य डिटेल को मरीज अपनी सहमति देकर एक्सेस कर सकते हैं।

अभिमुखीकरण की हुई शुरुआत

पोस्टमार्टम से जुड़े चिकित्सा अधिकारियों के अभिमुखीकरण की एम्स गोरखपुर में बुधवार से शुरुआत हो गई। तीन दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन सीएमओ डॉ राजेश झा ने भी एम्स पहुंच कर कार्यशाला में प्रतिभाग किया। कार्यशाला के जरिये पोस्टमार्टम की विकसित तकनीकियों, फारेंसिंक विज्ञान की आधुनिक जानकारियों और गैप्स दूर करने के उपायों के बारे में एम्स गोरखपुर के फारेंसिक साइंस डिपार्टमेंट द्वारा खासतौर से प्रशिक्षण दिया जाएगा।

*इकतीस अगस्त तक चलेगा स्कूल आधारित विशेष टीकाकरण अभियान*

गोरखपुर। जिले में इकतीस अगस्त तक स्कूल आधारित विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज से मंगलवार को इस अभियान का उद्घाटन किया। अभियान के दौरान जिले के सभी स्कूलों में कक्षा पांचवीं और दसवीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कक्षा पांच में पढ़ने वाले दस वर्ष के विद्यार्थियों को टीडी दस और कक्षा दस में पढ़ने वाले सोलह वर्ष तक के विद्यार्थियों को टीडी सोलह वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से रक्षा करता है। इन बीमारियों में डिप्थीरिया (गलघोटू) और टिटनेस भी शामिल हैं। डिप्थीरिया (गलाघोंटू) बीमारी अब अपेक्षाकृत बड़े बच्चों में अधिक हो रही है, इसी वजह से कक्षा पांचवीं और दसवीं में पढ़ने वाले बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। उद्घाटन स्थल पर सत्र के दौरान 145 विद्यार्थियों की टीकाकरण किया गया।

सीएमओ डॉ झा ने बताया कि टीकाकरण के बाद कुछ बच्चों में बुखार और इंजेक्शन वाली जगह पर लालिमा या सूजन की दिक्कत हो सकती है । यह सामान्य प्रतिक्रिया है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इससे बचाव के उपाय बताने के साथ साथ बुखार की दवा भी दी जाती है।

उद्घाटन कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके चौधरी , जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, प्रधानाचार्य महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि और कई अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे।

अवश्य कराएं टीकाकरण

सीएमओ डॉ झा ने जनपदवासियों से अपील की है कि स्कूलों से उनके बच्चों के टीकाकरण के लिए जब भी कंसेंट मांगा जाए, अपनी सहमति अवश्य दे दें। उनकी सहमति से ही स्कूल आधारित विशेष टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकेगा। टीका गुणवत्तायुक्त है और पूरी तरह से सुरक्षित है। अपने पाल्यों को टीका अवश्य लगवाएं।

*बारिश से सड़क की पटरियों पर जलभराव की समस्या, मच्छरों का प्रकोप बढ़ा*

खजनी गोरखपुर।।कस्बे में सड़क की पटरियों पर जलभराव हो गया है। नाली का निर्माण नहीं होने से कस्बे के लोग वर्षों से जल निकासी की समस्या से परेशान हैं। हालांकि इस बीच कस्बे में ब्लॉक मुख्यालय गेट की ओर से नाले का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है किंतु निर्माण की गति बेहद धीमी है, इस बीच बारिश के कारण काम रूका हुआ है।मुख्यमार्ग पर सड़क से नीचे स्थीत लोगों के घरों और दुकानों में बारिश का पानी चला जाता है।

साथ ही बारिश होने पर सड़क की पटरियों के किनारे होने वाले जलजमाव के कारण सड़क पर तेजी से गुजरने वाले वाहनों के पहिए से उड़ते गंदे पानी के छींटे के कारण सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों, दुकानदारों और घरों में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है।

बारिश में जलभराव की समस्या से परेशान लोगों को कहीं से राहत नहीं मिल रही है। साथ ही स्थानीय लोगों में जलभराव के कारण हमेशा जलजनित बिमारियों और मच्छरों के पनपने का भय बना हुआ है। बारिश के कारण गांवों के संपर्क मार्गों की हालत भी खराब है। खजनी, कटघर, छताईं, भैंसा बाजार, सतुआभार, बढ़नी, हरनहीं और खजुरी बाजार सहित प्रायः सभी कस्बों और आसपास के गांवों में सड़क की पटरियों के किनारे तथा छोटे बड़े गड्ढों में जलभराव और आसपास बिखरे कचरों और गंदगी से लोग परेशान हैं। बीते दिनों हुई लगातार बारिश के कारण सफाई का काम पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है।

खजनी ब्लॉक के एडीओ पंचायत राजीव दूबे ने बताया कि सफाई कर्मचारियों को सफाई करने के लिए लगाया गया है, मौके पर पहुंच कर सफाई व्यवस्था की जांच भी की जाएगी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है सफाई और छिड़काव कराना जरूरी है।

तहसील के लेखपाल के खिलाफ पट्टाधारकों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया

खजनी गोरखपुर। तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत बनकटा उर्फ भेउसा के ग्रामीणों ने हल्का लेखपाल पर कृषि पट्टा की भूमि में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को तहसील पर प्रदर्शन किया। जहां से अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने पर आज जिलाधिकारी कार्यालय गोरखपुर पहुंच कर प्रदर्शन किया। नाराज पट्टाधारक सुबह 11 बजे से ही तहसील पर अधिकारियों से मिलकर शिकायत करना चाहते थे, लेकिन अधिकारियों की अनुपस्थिति से आक्रोशित हो उठे।

नायब तहसीलदार जाकिर हुसैन मौके पर पहुंचे तो प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। समझाने-बुझाने के बाद नायब तहसीलदार ने आश्वस्त किया कि गुरुवार को एसडीएम से मुलाकात कर उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा, तब जाकर मामला शांत हुआ।

मामले में गांव के दीपचंद, लालजी, रीमा, किस्मती, कंवलवासी, अंजोरा, इंद्रावती, मारजादी आदि का कहना है कि

बनकटा गांव के ग्रामीणों से धोखे से हस्ताक्षर कराने के बाद कागजों में हेरफेर किया गया है। खजनी तहसील के लेखपाल पर धोखेबाजी का आरोप खिलाफ प्रदर्शन करते पट्टाधारकों ने बताया कि वर्ष 2002 में 20 लोगों को 10-10 डिसमिल कृषि भूमि का पट्टा दिया गया था।हल्का लेखपाल श्याम कन्हैया ने धोखे से हम सभी से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा लिए और अब कागजों में गड़बड़ी कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार ने समझाया आज एसडीएम से मिलाने का दिया है आश्वासन बताया कि बुधवार को जब कुछ लोग पट्टे की जमीन पर जोताई कर रहे थे तो इसकी सूचना सिकरीगंज पुलिस को दी गई, जिस पर पुलिस ने विवाद को देखते हुए जोताई रुकवा दी।

तहसीलदार धुर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और दोनों पक्षों को विवादित भूमि पर जाने से रोका गया है। वहीं, थाना प्रभारी कमलेश कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी, जिस पर विवाद की आशंका को देखते हुए जोताई रुकवा दी गई है। अब कोई कार्य राजस्व विभाग के आदेशानुसार ही होगा।

लेखपाल श्याम कन्हैया ने सभी आरोपों को नकारते हुए बताया कि यह मामला आयुक्त गोरखपुर के न्यायालय में विचाराधीन है। एक पक्ष भूमिधारी है और दूसरा कृषि पट्टाधारी, दोनों पक्षों में विवाद है। वे यह संक्रमणिय भूमिधारी संख्या की व जमीन है जो 1995 के बाद 229बी के तहत बंजर घोषित हुई थी। वर्ष 2002 में कृषि पट्टा दिया गया, जिसे 2011-12 में निरस्त किया गया। फिर 2019 में पुनः कब्जा देने का आदेश हुआ, जिसमें भौतिक परिवर्तन पर रोक लगी है।

इस संदर्भ में एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि मामला उपर आयुक्त के न्यायालय में विचाराधीन है और यथास्थिति बनाए रखने हेतु स्थगन आदेश है।

मुख्यमंत्री से शिकायत पर खजनी थाने में व्यापार के बकाया रूपए न लौटाने पर केस

खजनी गोरखपुर।थाने की महुआडाबर चौकी क्षेत्र के तालनवर गांव के हरहरवा मौजे की एक फर्म राय ट्रेडर्स की मालकिन रीता राय के द्वारा मुख्यमंत्री से शिकायत करने पर सीएम कार्यालय के निर्देश पर खजनी थाने में व्यापार के बकाया रूपए नहीं लौटाने पर महाराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर की फर्म वंश पाली पैक लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया है।

पीड़िता राय ट्रेडर्स की मालकिन रीता राय ने मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे गए अपने प्रार्थनापत्र में बताया है कि उसने 1 अप्रैल 2022 को वंश पाॅलीपैक लिमिटेड लक्ष्मीपुर महाराजगंज के मालिक वंश जायसवाल पर तीन लाख उनसठ हजार चार सौ चार रूपए (359404₹) बाकी थे, 7 अप्रैल 2022 से 23 दिसंबर 2022 तक 19 लाख 52 हजार 289 रूपए का माल दिया, कुल बकाया 23 लाख 11 हजार 693 रूपए थे जिसमें 19 लाख 90 हजार 189 रूपए का भुगतान किया गया किंतु 11 महीने बाद भी उन्हें बकाया रूपए 3 लाख 21 हजार 504 रूपए नहीं दिए गए।

11 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने गोरखपुर स्थित सीएम के कैंप कार्यालय में शिकायत की, कार्यालय से निर्देश मिलते ही खजनी थाने में केस संख्या 295/2025 में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 406 के तहत आरोपी फर्म के मालिक वंश जायसवाल वंश पाॅलीपैक लिमिटेड लैंड मार्क मुन्ना राइस मिल लक्ष्मीपुर महाराजगंज के खिलाफ केस दर्ज किया है।

थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने बताया एसएसआई बलराम पांडेय को जांच और कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

एसएसपी के निर्देश पर खजनी थाने में दहेज उत्पीड़न के आरोपी 9 के खिलाफ केस

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के बसियाखोर गांव के निवासी राकेश कन्नौजिया के बेटी प्रिया के द्वारा अपनी ससुराल के लोग के द्वारा दहेज के लिए प्रताणित करने की शिकायत गोरखपुर जिले के पुलिस कप्तान एसएसपी राजकरन नैय्यर से की गई,एसएसपी के आदेश पर 6 जुलाई 2025 को खजनी थाने में दहेज उत्पीड़न सहित आधा दर्जन धाराओं में 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है, खजनी पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

पीड़िता प्रिया ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उसकी शादी 15 अगस्त 2022 को पीपीगंज थाना क्षेत्र के मखनहां गांव के निवासी बनारसी के पुत्र विजय कुमार कन्नौजिया के साथ हुई थी। शादी के बाद ससुराल पहुंचने पर करीब 6 महीने तक सब कुछ ठीक रहा किंतु उसके बाद उसे कम दहेज लाने के लिए मारपीट, ताने और गालियां दे कर प्रताणित किया जाने लगा।

इस बीच पीड़िता ने एक बेटे को जन्म दिया और सोच कर उत्पीड़न सहती रही कि बच्चे को देखकर उनके अत्याचार कम हो जाएंगे। लेकिन 11 जुलाई 2024 को पीड़िता के पति सास श्वसुर देवर ननद आदि सभी ने मिलकर गालियां देते हुए यह कह कर घर से भगा दिया कि दहेज में एक लाख रूपए और हीरो होंडा लेकर नहीं आयी तो तुम्हें और तुम्हारे बच्चे को जलाकर मार दिया जाएगा। पीड़िता ने बताया कि मायके में रहते हुए जब उसने खजनी थाने में पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई तो कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

एसएसपी के आदेश पर खजनी पुलिस ने केस संख्या 294/2025 में बीएनएस की धाराओं 85, 352, 115(2), 351(3) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 में 9 नामजद आरोपितों पति विजय कुमार श्वसुर बनारसी सास भगवती देवी ननद गुड्डी, प्रियंका, सोनम देवर पप्पू, राम मिलन, अमित के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने बताया कि महिला की शिकायत पर दहेज उत्पीड़न और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है,

एसआई सत्यदेव को जांच और कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर मे पाथ एवं उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य निदेशालय के सहयोग से वेक्टर जनित रोग प्रबंधन कार्यशाला का सफल


गोरखपुर। उत्तर प्रदेश – जनस्वास्थ्य क्षमता को सुदृढ़ बनाने एवं वेक्टर जनित रोगों (Vector-Borne Diseases – VBDs) के प्रति क्षेत्रीय प्रतिक्रिया को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) गोरखपुर ने PATH एवं उत्तर प्रदेश शासन के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय के सहयोग से एक दिवसीय वेक्टर जनित रोग केस मैनेजमेंट कार्यशाला का सफल आयोजन किया।

PATH (Programme for Appropriate Technologies in Health) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है, जो विज्ञान, तकनीक और साझेदारी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ, प्रभावी और न्यायसंगत बनाने के लिए कार्य करता है।

कार्यशाला का उद्देश्य एवं दायरा

इस कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सकों, सामुदायिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं जनस्वास्थ्य पेशेवरों को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, लिम्फैटिक फाइलेरिया एवं विसरल लीशमैनियासिस (काला आजार ) जैसे रोगों के निदान, प्रबंधन एवं रोकथाम में उन्नत ज्ञान और व्यावहारिक कौशल प्रदान करना था। प्रतिभागियों ने विशेषज्ञ व्याख्यान, इंटरैक्टिव केस डिस्कशन और कौशल-आधारित डेमोंस्ट्रेशन सत्रों में भाग लिया।

कार्यशाला की मुख्य विशेषताएं

• साक्ष्य-आधारित प्रोटोकॉल: राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों एवं डब्ल्यूएचओ-अनुरूप उपचार प्रोटोकॉल के साथ नवीनतम निगरानी रणनीतियों की समीक्षा।

• व्यावहारिक प्रशिक्षण: निदान तकनीक, रोगी ट्रायेज मॉडल और प्रकोप प्रबंधन उपकरणों पर अभ्यास।

• सहयोगात्मक दृष्टिकोण: जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण, अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मी (आशा, एएनएम) और एआईआईएमएस गोरखपुर की क्लीनिकल टीमों के बीच समन्वित प्रतिक्रिया पर जोर। रणनीतिक योजना: रेफरल सिस्टम, जन-जागरूकता अभियानों एवं डाटा-आधारित निर्णय प्रक्रिया को मजबूत करने के ढांचे पर चर्चा।

इस मौके पर

• मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक, एआईआईएमएस गोरखपुर ने कहा: “यह कार्यशाला जनस्वास्थ्य क्षमता निर्माण और सामुदायिक लचीलापन बढ़ाने के प्रति हमारे संस्थान की प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है। मैं सभी चिकित्सकों से आग्रह करती हूँ कि इन रोगों के उन्मूलन के लिए सक्रिय योगदान दें। एआईआईएमएस इस क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है।”

• डॉ. सत्यब्रत, एनटीडी निदेशक, पीएटीएच ने कहा: “स्थानीय चिकित्सकों एवं जनस्वास्थ्य कर्मियों को सशक्त बनाना, इस क्षेत्र में वेक्टर जनित रोगों के खतरे को नियंत्रित करने और कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

• उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय के प्रतिनिधि ने कहा: “हम ऐसे साझेदारी प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारी अग्रिम पंक्ति की स्वास्थ्य संरचना को मजबूत बनाते हैं।”

• डॉ. अनिल कोपरकर, एआईआईएमएस गोरखपुर ने कहा: “शीघ्र निदान और त्वरित उपचार इन रोगों के नियंत्रण की कुंजी है। सामूहिक औषधि सेवन (MDA) की सफलता ही फाइलेरिया उन्मूलन की सफलता होगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से एआईआईएमएस वेक्टर जनित रोगों के निदान और उपचार के लिए उत्कृष्ट केंद्र बन सकता है।”

विशेषज्ञ योगदान

कार्यशाला में डॉ. जया चक्रवर्ती (बीएचयू), डॉ. शहवार काज़मी (WHO), डॉ. शोएब अनवर, राज्य एनटीडी लीड (PATH), तथा डॉ. कनिष्क एवं डॉ. बृजेश (एआईआईएमएस गोरखपुर) ने तकनीकी सत्र लिए।

आयोजन में योगदान

इस आयोजन को सफल बनाने में डॉ. आनंद दीक्षित के नेतृत्व में डॉ. अनिल कोपरकर एवं डॉ. प्रदीप खार्या (सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग, एआईआईएमएस गोरखपुर) के साथ डॉ. सिद्धार्थ चक्रवर्ती एवं उनकी पाथ टीम का विशेष योगदान रहा।

भविष्य की दिशा

यह कार्यशाला क्लीनिकल तत्परता एवं सामुदायिक प्रतिक्रिया तंत्र को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रतिभागियों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर आगामी प्रशिक्षण मॉड्यूल, कैस्केडिंग वर्कशॉप्स और क्षेत्रीय वेक्टर जनित रोग निगरानी एवं प्रबंधन टास्क फोर्स के गठन की योजना बनाई जाएगी।

एआईआईएमएस गोरखपुर पाथ, डब्ल्यूएचओ और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में जनस्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और वेक्टर जनित रोगों से बेहतर तैयारी सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयासरत है।

विशेष सचिव, पशुधन ने की मण्डल स्तर पर विभागीय समीक्षा

उपेन्द्र पांडेय

आज़मगढ़।प्रदेश के विशेष सचिव, पशुधन देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने वृहस्पतिवार को आयुक्त सभागार में मण्डलीय विभागीय समीक्षा किया। उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों को बरसात के दिनों में बैठने की दिक्कतें आ सकती हैं, इसलिए बरसात को दृष्टिगत रखते हुए सभी गोआश्रय स्थलों में 500 से 1000 वर्गफीट में ईंट का पक्का चबूतरा तत्काल बनवाया जाय।

विशेष सचिव ने निर्देश दिया कि वृहद गो संरक्षण केन्दों का निर्माण समयान्तर्गत गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए तथा जो पूर्ण हो गये हैं उसे तत्काल संचालित किया जाय। उन्होंने गोआश्रय स्थलों से सम्बद्ध चारागाह भूमि पर चारा बुवाई की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि चारागाह की ऐसी भूमि जिस पर अवैध अतिक्रमण है उसे अतिक्रमणमुक्त कराया जाय।

चारागाह की जो जमीन अतिक्रमणमुक्त एवं टैग्ड है उस भूमि पर हरे चारे की बुवाई की जाय, जिससे हरा चारा आच्छान का क्षेत्रफल बढ़ सके। विशेष सचिव श्री पाण्डेय ने यह भी निर्देश दिया कि चारागाह की जमीन के चारों तरफ मेड़बन्दी कराकर उस पर पाकड़, सुबबुल एवं अन्य पशु चारा प्रजाति के पेड़ लगाये जायें।

समीक्षा में पाया गया कि बलिया एवं मऊ में गोचर भूमि कब्जामुक्त होने के पश्चात भी कम क्षेत्रफल में हरे चारे की बुवाई की गयी है। इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने सम्बन्धित मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि तत्काल इस ओर ध्यान देकर बुवाई का क्षेत्रफल बढ़ाना सुनिश्चित किया जाय। विशेष सचिव ने निर्देश दिया कि जिन गोआश्रय स्थलों में बरसात का पानी एकत्र हो गया है और कीचड़ हो गया है, वहॉं से गोवंशों को दूसरे स्थलो पर स्थानान्तरित कर व्यवस्थायें सुदृढ़ कराई जाय। उन्होने इयर टैगिंग तथा पशुधन एप पर पंजीकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि अब तक जितना टैग प्राप्त हुआ है उसको भारत पशुधन पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराया जाये। उन्होंने कहा कि पूर्व में चयनित वैक्सीनेटर एवं पैरावेट जो वर्तमान में अक्रियाशील हैं उनसे व्यक्तिगत सम्पर्क करें तथा पूर्व में किए गये टैगिंग का डाटा प्राप्त कर पोर्टल पर पंजीकृत किया जाय।

मण्डलायुक्त विवेक ने समीक्षा बैठक में कहा कि गोवंश संरक्षण संवेदनशीलता एवं शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है, इसलिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कराये जाने के दृष्टिगत सभी उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक बार अपने अपने क्षेत्र के गोआश्रय स्थलों का अवश्य निरीक्षण करें। निरीक्षण में यदि कोई कमी पाई जाती है तो तत्परता से सुधार कराया जाय।

मण्डलायुक्त ने पशुओं के टीकाकरण की समीक्षा में जनपद मऊ की प्रगति कम मिलने पर नाराजगी व्यक्त किया तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि तत्काल इस ओर ध्यान देकर अपेक्षित प्रगति लाई जाय तथा निर्धारित समयावधि में शत प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाय। समीक्षा में पशुधन बीमा, कृत्रिम गर्भाधान, कुक्कुट विकास नीति, बैकयार्ड पोल्ट्री कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा की गयी।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना, अपर जिलाधिकारी-प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, अपर निदेशक, पशुपालन डॉ. नीरज कुमार गौतम, मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, आजमगढ़ डॉ. मुकेश गुप्ता, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मऊ डा. आरपी चौरसिया, डीपीआरओ आजमगढ़ पवन कुमार, तीनों जनपद के उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित थे।

औद्योगिक प्रगति से रुका पूर्वांचल के युवाओं का पलायन : प्रदीप शुक्ला

गोरखपुर।7 अगस्त। ढांचागत उत्कृष्ट बुनियादी सुविधाओं के साथ ही गीडा में नेशनल-मल्टीनेशनल कंपनियों के निवेश से लगातार हो रही औद्योगिक प्रगति से सहजनवा विधानसभा क्षेत्र की चमक-धमक पूरे प्रदेश में बनी है। गीडा में नामी और बड़ी कम्पनियों द्वारा उद्योग लगाने से रोजगार के लिए पूर्वांचल के युवाओं का पलायन रुका है। इन सबका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है।

सीएम के विजन और मार्गदर्शन से सहजनवा विधानसभा क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री, एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और पब्लिक वेलफेयर का रोल मॉडल बनने की ओर अग्रसर है।

यह बातें सहजनवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रदीप शुक्ला ने कहीं। श्री शुक्ला गुरुवार को गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब सभागार में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने पहले अपनी बात रखी और फिर एक एक करके पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गीडा का अभूतपूर्व विकास हुआ है।

2017 के पहले जहां गिनती के उद्योग थे, वहां अब इसकी कतार नजर आती है। देश और दुनिया की बड़ी कम्पनियां यहां करोड़ो रूपये का निवेश कर रही हैं। स्वाभाविक रूप से इसका सर्वाधिक लाभ सहजनवा विधानसभा क्षेत्र को मिल रहा है। स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार मिला है तो औद्योगिक प्रगति से स्थानीय कारोबार को भी फायदा हो रहा है।

शुक्ला ने कहा कि सहजनवा विधानसभा क्षेत्र में बोर्डिंग स्कूल की सुविधाओं से युक्त, श्रमिकों के पाल्यों की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय, बालिकाओं के लिए सर्वोदय विद्यालय, पॉलिटेक्निक जैसे नए सौगात मिले हैं। यहां बेहतरीन मिनी स्टेडियम भी बन गया है

। सड़कों की कनेक्टिविटी के सवाल पर विधायक ने कहा कि उन्होंने गांव-गांव सड़कों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित कराया है, फिर भी यदि कहीं कुछ बाकी रह गया है तो उसे प्राथमिकता पर पूरा कराएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सहजनवा के लिए 700 करोड़ रुपये की लागत से एक एलिवेटेड फ्लाईओवर भी मंजूर किया गया है। इससे रोड कनेक्टिविटी और शानदार हो जाएगी।

एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कटका में पुल की समस्या का शीघ्र समाधान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि एक नया सर्किट हाउस भी सहजनवा विधानसभा क्षेत्र में बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक और कारोबारी प्रगति को देखते हुए कुछ प्रमुख ट्रेनों के सहजनवा में ठहराव के लिए वह प्रयास करेंगे।

कुछ पत्रकारों द्वारा सहजनवा क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं के बारे में पूछे जाने पर विधायक शुक्ला ने कहा कि उनका प्रयास सहजनवा की सीएचसी को बड़े ट्रामा सेंटर के रूप में विकसित कराने की है। इसे लेकर वह सीएम योगी से सम्पर्क करेंगे। बताया कि गीडा में अवस्थित कम्पनियों के सीएसआर फंड से भी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।

विधायक ने बताया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने गंभीर रोगों से पीड़ित गरीबों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से करीब 12 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दिलाई है। कार्यक्रम के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता विकास पांडेय और अतुल सिंह को विधायक प्रदीप शुक्ला द्वारा सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस के अध्यक्ष रीतेश मिश्र, उपाध्यक्ष भूपेंद्र द्विवेदी, महामंत्री पंकज कुमार श्रीवास्तव, संयुक्त मंत्री अंगद कुमार प्रजापति, कोषाध्यक्ष प्रिंस कुमार पांडेय, पुस्तकालय मंत्री विनय सिंह, कार्यकारिणी सदस्य राजीव पांडेय, विवेक कुमार, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अरविंद कुमार राय, टीपी शाही, सुरेश राय, आरपी सिंह, रामगोपाल द्विवेदी, अखिलेश पांडेय, अजय श्रीवास्तव, राज श्रीवास्तव, उमेश पाठक, सतीश पांडेय, मुकेश पांडेय, अजीत यादव, ओंकार धर द्विवेदी, ब्रजेंद्र सिंह, रामचंद्र शाही, रत्नेश पांडेय, विष्णु शंकर श्रीवास्तव, सुनील सिंह, अनवर अली, रशाद लारी, अरुण मिश्रा, संतोष गुप्ता, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, डॉ. मंगल शुक्ला, अजय तिवारी, दिनेश शुक्ला, सत्यव्रत त्रिपाठी, रफीक, बीडी शुक्ला, संजय दूबे, संदीप दूबे, राघवेंद्र त्रिपाठी, उपेंद्र त्रिपाठी, अनिल मिश्रा, सिंटू मिश्रा, चंदन तिवारी, राजन तिवारी, अमित पांडेय, वरुणेश शुक्ला, बृजेश सिंह, गौरव सिंह, कन्हैया, संतोष भट्ट, अशोक सिंह, जेपी दूबे, विजय पांडेय, दामोदर उपाध्याय, दुर्गेश यादव, इशरत शमीम सिद्दीकी, मनोज मिश्रा, संजय कुमार, हरेंद्र दूबे, आयुष द्विवेदी, संदीप त्रिपाठी, पुनीत पांडेय, अमर चंद श्रीवास्तव, राशिद नूर, मोहम्मद आतिफ, हरिकेश सिंह, मुर्तुजा हुसैन रहमानी, कंचन त्रिपाठी, नरसिंह प्रजापति, डीके गुप्ता, गोविंद कुशवाहा, शिशिर श्रीवास्तव, संजय पांडेय, संतोष त्रिपाठी, रामशंकर यादव, सुनय पांडेय, राजेश सोनकर, परवेज खान, फैय्याज अहमद, रजनीश श्रीवास्तव, योगेश श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।