बंगाल की खाड़ी में बन रहा लो प्रेशर एरिया, झारखंड में दिखेगा असर, मौसम विभाग ने किया अलर्ट

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मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में नए मौसमी पैटर्न डेवलप होने का संभावना जताया है। इससे पहले बंगाल की खाड़ी और आसपास क्षेत्रों में चक्रवाती हवाओं के चलने की संभावना है। जो धीरे-धीरे 13 अगस्त तक उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में मजबूत होगा। 14 अगस्त तक ये चक्रवाती हवाएं इन क्षेत्रों में लो-प्रेशर क्रिएट करेंगी, जिसकी वजह से एक बार फिर से मानसून रफ्तार पकड़ सकता है। इसका असर झारखंड के मौसम पर भी दिखेगा।

झारखंड के अधिकतर जिलों में आंधी-तूफान के आसार

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों में एक अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके असर से 13 अगस्त को लो प्रेशर एरिया बनेगा, जो अगले 48 घंटे में और घनीभूत हो जायेगा। इसके असर से झारखंड के अधिकतर जिलों में कहीं-कहीं आंधी-तूफान और गरज-चमक के साथ वर्षा एवं वज्रपात होने की संभावना है।

बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड भारी बारिश की आशंका

मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में मौसमी प्रणाली में बदलाव की वजह से देशभर में बारिश के पैटर्न में बदलाव होगी। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना रहेगी। मॉनसून ट्रफ से जुड़ने के बाद इसका असर और विस्तार होगा, जिससे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कोंकण व गोवा में जोरदार मानसून बारिश लौटेगी।

अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया, मुनीर के यूएम दौरे के बीच एलान

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अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) व उसकी विंग मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) घोषित कर दिया। यह घोषणा पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के दौरान की गई है। ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान सरकार के साथ करीबी बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बता दें कि बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की नाक में दम किया हुआ है। उसने पाकिस्तानी सेना के अलावा अर्धसैनिक बलों और चीनी नागरिकों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ली है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी जानकारी दी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, आज विदेश विभाग बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसके उपनाम मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में नामित कर रहा है। मजीद ब्रिगेड को बीएलए के पिछले विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के साथ एक सहयोगी के रूप में जोड़ रहा है।

क्यों लगा प्रतिबंध?

विदेश विभाग ने कहा कि 2024 में बीएलए ने कराची हवाई अड्डे और ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर के पास हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। 2025 में मार्च में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण के पीछे भी उसका हाथ था। बीएल ने 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। उस घटना में 31 नागरिकों व सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। 2019 में हुए कई हमलों के बाद बीएलए को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित किया गया था। इस साल मार्च में इस अलगाववादी समूह ने क्वेटा से पेशावर जा रही एक ट्रेन को हाईजैक करने की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें दर्जनों यात्री और सैनिक मारे गए थे।

आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता का जिक्र

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, विदेश विभाग द्वारा आज की गई कार्रवाई आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आतंकवादियों को नामित करना इस अभिशाप के विरुद्ध हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। आज की कार्रवाई संशोधित आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार की गई है। संघीय रजिस्टर में प्रकाशन के बाद एफटीओ प्रभावी हो जाते हैं।

आसिम मुनीर वर्दी में ओसामा बिन लादेन...', पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने कर दी देश से बाहर करने की मांग

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद दूसरी बार अमेरिका का दौरा किया। अपने अमेरिका दौरे के दौरान असीम मुनीर ने चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को कोई डुबोने की कोशिश करेगा, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे। मुनीर के अमेरिका की धरती पर दिए गए इन बयानों के बाद पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान और उसके सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर बेहद तीखा हमला बोला है। रुबिन ने असीम मुनीर को वर्दी पहने ओसामा बिन लादेन करार दिया है।

पेंटागन के एक पूर्व अधिकारी और मध्य पूर्व विश्लेषक माइकल रुबिन ने एएनआई को बताया कि पाकिस्तान का व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है और उन्होंने सेना प्रमुख की बयानबाजी की तुलना आईएसआईएस और ओसामा बिन लादेन की ओर से पहले दिए गए बयानों से की। रुबिन ने कहा, पाकिस्तान कई लोगों के मन में यह सवाल उठा रहा है कि क्या वह एक राष्ट्र होने की जिम्मेदारियां निभा सकता है। फील्ड मार्शल की बयानबाजी इस्लामिक स्टेट से सुनी गई बातों की याद दिलाती है।

‘पाकिस्तान ने वैध राज्य होने का अधिकार खो दिया’

माइकल रुबिन ने आगे कहा कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों से आधी दुनिया को धमका रहा है, यह इस बात का साफ संकेत है कि उसने एक वैध राज्य होने का अपना अधिकार खो दिया है।

'बैठक से बाहर निकाल दिया जाना चाहिए था'

विश्लेषक ने कथित टिप्पणियों के दौरान मौजूद अमेरिकी अधिकारियों की तत्काल प्रतिक्रिया न मिलने पर विशेष चिंता व्यक्त की। उन्होंने तर्क दिया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख को तुरंत बैठक से बाहर निकाल दिया जाना चाहिए था और देश से निष्कासित कर दिया जाना चाहिए था। रुबिन ने कहा, असीम मुनीर की ओर से टिप्पणियां करने के 30 मिनट के भीतर उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए था। उन्हें टैंपा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ले जाया जाना चाहिए था और अमेरिका से बाहर भेज दिया जाना चाहिए था।

मुनीर को अवांछित व्यक्ति घोषित करने की मांग

इसी के साथ रुबिन ने यहां तक मांग की के पाकिस्तान से प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा छीनना चाहिए और उसे आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश घोषित करना चाहिए। रुबिन ने यह भी सुझाव दिया कि जनरल मुनीर को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया जाना चाहिए। उनके अमेरिकी वीजा हासिल करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।

ट्रंप को भी दिखाया आइना

रुबिन ने डोनाल्ड ट्रंप के दृष्टिकोण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ट्रंप एक व्यापारी हैं और हॉर्स-ट्रेडिंग के आदी हैं, लेकिन यह समझना जरूरी है कि एक गलत शांति समझौता वास्तव में युद्ध को आगे बढ़ा सकता है। ट्रंप की महत्वाकांक्षा नोबेल शांति पुरस्कार जीतने की है, लेकिन उन्हें समझना होगा कि आतंकवाद को केवल शिकायतों के चश्मे से नहीं देखा जा सकता है।

1 सितंबर से दिल्ली-वॉशिंगटन फ्लाइट सर्विस बंद, जानें एअर इंडिया के इस फैसले की वजह

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एयर इंडिया 1 सितंबर 2025 से दिल्ली और वाशिंगटन, डी.सी. के बीच अपनी सेवाएं बंद कर देगी। एअर इंडिया ने सोमवार को घोषणा की कि वह एक सितंबर 2025 से दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच अपनी उड़ानों को अस्थायी रूप से बंद कर रही है। यह फैसला कई परिचालन कारणों की वजह से लिया गया है, जिसमें पूरे हवाई मार्गों की विश्वसनीयता और संचालन की मजबूती सुनिश्चित करना शामिल है।

दरअसल, एयर इंडिया के इस फैसले के पीछे दो वजह है। एअर इंडिया के 26 Boeing 787-8 विमानों में अपग्रेड का काम चल रहा है, जिससे कई विमान लंबे समय तक उड़ान के लिए उपलब्ध नहीं हो सकेंगे। एअर इंडिया ने पिछले महीने अपने 26 बोइंग 787-8 विमानों की रिट्रोफिटिंग (नया और उन्नत बनाना) की प्रक्रिया शुरू की है। यह एक बड़ा और विस्तृत कार्यक्रम है, जिसका मकसद यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना है। इस प्रक्रिया के कारण एक ही समय में कई विमान लंबे समय तक सेवा से बाहर रहेंगे और यह स्थिति कम से कम 2026 के अंत तक बनी रहेगी।

वहीं, पाकिस्तान का एयरस्पेस बंद है, जिससे लंबी दूरी की उड़ानों में दिक्कत हो रही है। इससे उड़ानों को लंबा मार्ग तय करना पड़ता है, जिससे उड़ानों का संचालन और अधिक जटिल और मुश्किल हो जाता है।

जिन यात्रियों ने 1 सितंबर 2025 के बाद की बुकिंग की है, उनसे संपर्क किया जाएगा और उन्हें दो विकल्प दिए जाएंगे। दूसरी फ्लाइट में बुकिंग और पूरा पैसा वापस भी लेने का विकल्प मिलेगा।एअर इंडिया के यात्री अभी भी वॉशिंगटन तक वन स्टॉप वाली उड़ानों का विकल्प चुन सकते हैं। ये उड़ानें अमेरिका के चार बड़े शहरों – न्यूयॉर्क (जॉन एफ. कैनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा), नेवार्क (ईडब्ल्यूआर), शिकागो और सैन फ्रांसिस्को के जरिए उपलब्ध होंगी।

इसमें एअर इंडिया की साझेदारी अलास्का एयरलाइंस, यूनाइटेड एयरलाइंस और डेल्टा एअर लाइंस के साथ है, जिससे यात्री एक ही टिकट पर पूरी यात्रा कर सकेंगे और उनका सामान सीधे अंतिम गंतव्य तक भेजा जाएगा। एयर इंडिया भारत और उत्तरी अमेरिका के छह शहरों के बीच नॉन-स्टॉप उड़ानों का संचालन जारी रखेगी, जिनमें कनाडा के टोरंटो और वैंकूवर भी शामिल हैं।

बता दें कि अहमदाबाद विमान हादसे के बाद से एअर इंडिया की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। इस हादसे ने भारतीय एविएशन सिस्टम और एयर इंडिया की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए। 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जाने वाला विमान हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित 279 लोगों की मौत हो गई थी।

पूर्व भाजपा नेता सूर्या हांसदा पुलिस एनकाउंटर में ढेर, कई आपराधिक मामलों में था वांटेड

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गोड्डा जिले के ललमटिया निवासी पूर्व भाजपा नेता सूर्यनारायण उर्फ सूर्या हांसदा पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस टीम ने रविवार को सूर्या को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस उसकी निशानदेही पर ललमटिया जंगल में छुपाए गए हथियार को बरामद करने गई थी। जानकारी के अनुसार वो पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा, तभी पुलिस ने उस पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई। एसपी मुकेश कुमार ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है

सूर्या हांसदा की मां निलमनी मुर्मू ने बताया कि कल रविवार को पुलिस ने देवघर के मोहनपुर नावाडीह स्थित मौसी के घर से सूर्या को गिरफ्तार किया था। कल रात एनकाउंटर करने की बात कही जा रही है। देवघर के नावाडीह थाना क्षेत्र से गिरफ्तार करने के बाद उसे लाया जा रहा था। रात में पुलिस सूर्या को अपने साथ जांच के लिए जिरली समारी पहाड़ी पर ले गई, जहां पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में सूर्या हांसदा मारा गया।

कई अपराधिक मामले दर्ज

सूर्या हांसदा के खिलाफ गोड्डा व साहिबगंज जिले में जनवरी से अब तक कुल तीन मामले दर्ज हैं, जिसमें मुख्य रूप से ईसीएल खदान क्षेत्र में 30 से 40 राउंड फायरिंग, हाइवा फूंकने व साहिबगंज में पेट्रोल पंप के समीप आगजनी की घटना शामिल है। सूर्या हांसदा वर्ष 2000 के आसपास क्षेत्र में गैंगस्टर था। अपहरण हत्या, लूट आदि के करीब 50 से अधिक मामलों में उसकी संलिप्तता है।

राजनीति में भी आजमाया चुका है किस्मत

सूर्या हांसदा तीन बार चुनाव हार चुका था। उसने दो बार जेवीएम और एक बार बीजेपी से अपनी किस्मत जमाई थी। सूर्या हांसदा ने 2019 में बोरिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा। पार्टी ने बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ताला मरांडी का टिकट काट कर सूर्या हांसदा को दिया था। 2024 चुनाव में जयराम महतो की पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सूर्या हांसदा चुनाव लड़ चुका है।

गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से पुलिस कर रही थी छापेमारी

हाल ही में ईसीएल की राजमहल परियोजना के पहाड़पुर क्षेत्र में हुई गोलीबारी की घटना में भी सूर्या की संलिप्तता सामने आई थी। इसके अलावा साहिबगंज के क्रशर मिल में ट्रक और ट्रक जलाने के मामले में भी सूर्या शामिल था। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से छापेमारी कर रही थी। बोआरीजोर थाना क्षेत्र के जिरली पंचायत के सामरी, राहरबरिया और जालोकुंडी के बीच पहाड़ियों में पुलिस प्रशासन के जवान जमे हुए हैं। एसपी मुकेश कुमार ने पुलिस मुठभेड़ में सूर्या हांसदा के मारे जाने की पुष्टि की है। एसपी ने बताया कि सूर्या को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की एक टीम गई थी।

चुनाव आयोग तक विपक्षी सांसदों के मार्च को पुलिस ने रोक, हिरासत में राहुल-प्रियंका समेत कई सांसद

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बिहार एसआईआर और ‘वोट चोरी’ पर अब सियासत गरमा चुकी है. विपक्ष और चुनाव आयोग में ठन गई है। एसआईआर और वोट चोरी पर सड़क से संसद तक संग्राम है। बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ ‘इंडिया’ ब्लॉक आज शक्ति प्रदर्शन कर रहा है।इस बीच सोमवार को संसद से लेकर चुनाव आयोग के भवन तक विपक्ष का मार्च तय था, लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी। विपक्षी सांसद के आगे बढ़ रहे मार्च को पुलिस ने रोका और राहुल गांधी समेत कई सांसदों को हिरासत में लिया है।

बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च शुरू किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को रोकने के लिए परिवहन भवन में पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए। यहां उन्हें चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया गया। पुलिस का कहना है कि विपक्षी सांसदों की ओर से इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा समेत कई सांसदों ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश। कुछ सांसद बैरिकेड्स कूदकर बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब सांसदों ने सड़क से हटने से इनकार किया तो राहुल-प्रियंका गांधी समेत तमाम नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

दरअसल, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को पत्र लिखकर दोपहर 12.30 बजे मिलने के लिए बुलाया था। चुनाव आयोग ने उनसे 30 सांसदों के साथ आने को कहा था और आनले से पहले उन सांसदों की सूचना देने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों से कहा कि 30 लोग चुनाव आयोग के दफ्तर तक जा सकते हैं। इसके लिए पैदल या वाहन जैसे विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं हुआ।

जयराम रमेश ने कहा कि सिर्फ 30 नहीं पूरा विपक्ष चुनाव आयोग जाएगा। इस पर अखिलेश ने कहा कि जितने जाने दें हम चलने के लिए तैयार हैं। पुलिस जाने दे तो हम लोग चुनाव आयोग जाने के लिए तैयार हैं। पुलिस जाने नहीं दे रही है।

आधी दुनिया को ले डूबेंगे...अमेरिका से असीम मुनीर ने दी परमाणु हमले की गीदड़ भभकी

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पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर खुद अमेरिका के दौरे पर हैं। फील्‍ड मार्शल घोषित होने के बाद दो महीने के अंदर दूसरी बार अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “गोदी” ने आते ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत को गीदड़भभकी दी है। मुनीर ने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोकने के लिए बांध बनाया तो हमारे पास मिसाइलों की कमी नहीं है। हम 10 मिसाइल मारकर बांध को उड़ा देंगे।

मिसाइल हमले की धमकी

अमेरिका के दौरे पर गए मुनीर ने यह धमकी फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तानी मूल के कारोबारी अदनान असद की तरफ से रखे गए डिनर कार्यक्रम में दी। कार्यक्रम में मुनीर ने कहा, हम भारत के सिंधु नदी पर डैम बनाने का इंतजार करेंगे, और जब वे ऐसा करेंगे, तो हम दस मिसाइलों से उसे तबाह कर देंगे। सिंधु नदी भारत की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत खुद को विश्वगुरु के रूप में पेश करना चाहता है, लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं है।

आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे

पाकिस्तान के फील्ड मार्शल मुनीर यह गीदड़भभकी देने से भी नहीं चूके कि अगर भविष्य में भारत के साथ युद्ध में उनके देश के अस्तित्व को खतरा हुआ तो वो इस पूरे क्षेत्र को परमाणु युद्ध में झोंक देंगे। दिप्रिंट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि असीम मुनीर ने कहा कि हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं और अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे। असीम मुनीर की ये टिप्पणी काफी सनसनीखेज और असाधारण है, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका की धरती से किसी तीसरे देश को परमाणु युद्ध की धमकी दी गई है।

वोट चोरी के आरोपों पर गरमाई सियासत, संसद से चुनाव आयोग तक विपक्षी गठबंधन का मार्च, राहुल करेंगे अगुवाई

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देश में इन दिनों वोट चोरी के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ ही विपक्ष के 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे। इस मार्च का उद्देश्य है कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे

आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।

खरगे, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी भी होंगे शामिल

इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे।

भाजपा-निर्वाचन आयोग में मिलीभगत का आरोप

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है। एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव आयोग पर हेराफेरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत एक विधानसभा सीट के तथ्यों के जरिए कई दावे किए थे और भाजपा-निर्वाचन आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाया था।

कहां हैं जगदीप धनखड़? संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-नहीं हो पा रहा संपर्क

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देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। धनखड़ के पद छोड़े 19 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन इसके बाद से अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस्तीफे के बाद अब तक उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है। न ही उनका कोई बयान सामने आया है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। संजय राउत का कहना है कि जगदीप धनखड़ का कोई पता नहीं चल रहा है। उनसे न फोन पर संपर्क हो रहा और न उनके स्टाफ जवाब दे रहे हैं। यही नहीं, संजय राउत ने हैबियस कॉर्पस याचिका की चेतावनी दी है।

संजय राउत ने अमित शाह को यह खत 10 अगस्त को लिखा। इस पत्र में संजय राउत ने बताया कि कई सांसदों ने जगदीप धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके स्टाफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पत्र में कहा कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित की थी। वह इस दौरान पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसी शाम को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। संजय राउत के मुताबिक, तब से अब तक जगदीप धनखड़ की सेहत या ठिकाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

आवास में नजरबंद हैं धनखंड?

राउत का दावा है कि दिल्ली में ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि उपराष्ट्रपति को उनके आवास में नजरबंद किया गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस स्थिति को चौंकाने वाली और चिंताजनक बताते हुए सवाल उठाया कि उनके हालात और स्थान को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं है, जबकि देश को सच जानने का अधिकार है।

हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की चेतावनी

संजय राउत ने अपने पत्र में आगे खुलासा किया कि कुछ राज्यसभा सदस्य उपराष्ट्रपति की कुशलता जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी कदम उठाने से पहले उन्होंने गृह मंत्री से आधिकारिक जानकारी देने की मांग की। शिवसेना नेता ने शाह से आग्रह किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सच्ची जानकारी सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी अटकलों पर विराम लग सके।

कपिल सिब्बल ने भी सरकार से मांगा जवाब

संजय राउत से पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा था। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद से हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चला है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने पहले 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता' उपराष्ट्रपति के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। अब लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने नहीं उठाया बल्कि उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई फोन नहीं उठा रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें?

ट्रंप की धमकियों से झुकेगा नहीं भारत, दिया करारा जवाब, ₹31,500 करोड़ का रक्षा सौदा ठंडे बस्ते में

#boeingjetdealof36arabdollorindiapausesamiddonaldtrumptariffrise

अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के बाद भारत के साथ रिश्ते इस समय थोड़ा गरमी के दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। इस बीच भारत ने अमेरिका से इंडियन नेवी के लिए खरीदे जा रहे 6 अतिरिक्त बोइंग P-8i पोसीडॉन विमानों की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हालांकि सौदे को पूरी तरह रद्द नहीं किया गया है। यह सौदा लगभग ₹31,500 करोड़ (करीब 3.78 अरब डॉलर) का था।

पोसीडन डील पर लगा विराम

रक्षा वेबसाइट IDRW की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 3 अगस्त को अमेरिकी कंपनी बोइंग से छह P-8I पोसीडन एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट की खरीद को रोक दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए किया जा रहा था, खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए।

पहले मंजूरी, फिर बढ़ी कीमत

साल 2021 में अमेरिका ने 6 और P-8i विमान भारत को बेचने की मंजूरी दी थी। उस समय इनकी कीमत लगभग 2.42 अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) थी। लेकिन जुलाई 2025 तक यह लागत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपये) हो गई। जिसका कारण सप्लाई चेन में रुकावट और महंगाई बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने पहले बढ़ती हुई लागत को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन कहीं न कहीं इसकी ऑपरेशनल जरूरतों के मुताबिक भारत इसकी खरीद को तैयार हुआ था। लेकिन टैरिफ की घोषणा के बाद अब रणनीतिक पुनर्मूल्यांकन फिर से शुरू हो गया है। हालांकि यह सौदा पूरी तरह रद्द नहीं हुआ है।

डील को अस्थायी रूप से रोका

भारत के पास फिलहाल 12 P-8I एयरक्राफ्ट हैं। पहली बार 2009 में भारत ने 8 विमान करीब 2.2 अरब डॉलर में खरीदे थे, इसके बाद 2016 में 4 और जोड़े गए। फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत सरकार ने इस डील को अस्थायी रूप से रोक दिया है। रक्षा मंत्रालय अब इस सौदे की रणनीतिक पुनर्समीक्षा कर रहा है जिसमें बढ़ती लागत, भू राजनीतिक हालात और भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।