चुनाव आयोग तक विपक्षी सांसदों के मार्च को पुलिस ने रोक, हिरासत में राहुल-प्रियंका समेत कई सांसद

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बिहार एसआईआर और ‘वोट चोरी’ पर अब सियासत गरमा चुकी है. विपक्ष और चुनाव आयोग में ठन गई है। एसआईआर और वोट चोरी पर सड़क से संसद तक संग्राम है। बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ ‘इंडिया’ ब्लॉक आज शक्ति प्रदर्शन कर रहा है।इस बीच सोमवार को संसद से लेकर चुनाव आयोग के भवन तक विपक्ष का मार्च तय था, लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी। विपक्षी सांसद के आगे बढ़ रहे मार्च को पुलिस ने रोका और राहुल गांधी समेत कई सांसदों को हिरासत में लिया है।

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बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च शुरू किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को रोकने के लिए परिवहन भवन में पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए। यहां उन्हें चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया गया। पुलिस का कहना है कि विपक्षी सांसदों की ओर से इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा समेत कई सांसदों ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश। कुछ सांसद बैरिकेड्स कूदकर बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब सांसदों ने सड़क से हटने से इनकार किया तो राहुल-प्रियंका गांधी समेत तमाम नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

दरअसल, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को पत्र लिखकर दोपहर 12.30 बजे मिलने के लिए बुलाया था। चुनाव आयोग ने उनसे 30 सांसदों के साथ आने को कहा था और आनले से पहले उन सांसदों की सूचना देने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों से कहा कि 30 लोग चुनाव आयोग के दफ्तर तक जा सकते हैं। इसके लिए पैदल या वाहन जैसे विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं हुआ।

जयराम रमेश ने कहा कि सिर्फ 30 नहीं पूरा विपक्ष चुनाव आयोग जाएगा। इस पर अखिलेश ने कहा कि जितने जाने दें हम चलने के लिए तैयार हैं। पुलिस जाने दे तो हम लोग चुनाव आयोग जाने के लिए तैयार हैं। पुलिस जाने नहीं दे रही है।

आधी दुनिया को ले डूबेंगे...अमेरिका से असीम मुनीर ने दी परमाणु हमले की गीदड़ भभकी

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पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर खुद अमेरिका के दौरे पर हैं। फील्‍ड मार्शल घोषित होने के बाद दो महीने के अंदर दूसरी बार अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “गोदी” ने आते ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत को गीदड़भभकी दी है। मुनीर ने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोकने के लिए बांध बनाया तो हमारे पास मिसाइलों की कमी नहीं है। हम 10 मिसाइल मारकर बांध को उड़ा देंगे।

मिसाइल हमले की धमकी

अमेरिका के दौरे पर गए मुनीर ने यह धमकी फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तानी मूल के कारोबारी अदनान असद की तरफ से रखे गए डिनर कार्यक्रम में दी। कार्यक्रम में मुनीर ने कहा, हम भारत के सिंधु नदी पर डैम बनाने का इंतजार करेंगे, और जब वे ऐसा करेंगे, तो हम दस मिसाइलों से उसे तबाह कर देंगे। सिंधु नदी भारत की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत खुद को विश्वगुरु के रूप में पेश करना चाहता है, लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं है।

आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे

पाकिस्तान के फील्ड मार्शल मुनीर यह गीदड़भभकी देने से भी नहीं चूके कि अगर भविष्य में भारत के साथ युद्ध में उनके देश के अस्तित्व को खतरा हुआ तो वो इस पूरे क्षेत्र को परमाणु युद्ध में झोंक देंगे। दिप्रिंट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि असीम मुनीर ने कहा कि हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं और अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे। असीम मुनीर की ये टिप्पणी काफी सनसनीखेज और असाधारण है, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका की धरती से किसी तीसरे देश को परमाणु युद्ध की धमकी दी गई है।

वोट चोरी के आरोपों पर गरमाई सियासत, संसद से चुनाव आयोग तक विपक्षी गठबंधन का मार्च, राहुल करेंगे अगुवाई

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देश में इन दिनों वोट चोरी के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ ही विपक्ष के 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे। इस मार्च का उद्देश्य है कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे

आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।

खरगे, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी भी होंगे शामिल

इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे।

भाजपा-निर्वाचन आयोग में मिलीभगत का आरोप

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है। एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव आयोग पर हेराफेरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत एक विधानसभा सीट के तथ्यों के जरिए कई दावे किए थे और भाजपा-निर्वाचन आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाया था।

कहां हैं जगदीप धनखड़? संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-नहीं हो पा रहा संपर्क

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देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। धनखड़ के पद छोड़े 19 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन इसके बाद से अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस्तीफे के बाद अब तक उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है। न ही उनका कोई बयान सामने आया है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। संजय राउत का कहना है कि जगदीप धनखड़ का कोई पता नहीं चल रहा है। उनसे न फोन पर संपर्क हो रहा और न उनके स्टाफ जवाब दे रहे हैं। यही नहीं, संजय राउत ने हैबियस कॉर्पस याचिका की चेतावनी दी है।

संजय राउत ने अमित शाह को यह खत 10 अगस्त को लिखा। इस पत्र में संजय राउत ने बताया कि कई सांसदों ने जगदीप धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके स्टाफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पत्र में कहा कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित की थी। वह इस दौरान पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसी शाम को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। संजय राउत के मुताबिक, तब से अब तक जगदीप धनखड़ की सेहत या ठिकाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

आवास में नजरबंद हैं धनखंड?

राउत का दावा है कि दिल्ली में ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि उपराष्ट्रपति को उनके आवास में नजरबंद किया गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस स्थिति को चौंकाने वाली और चिंताजनक बताते हुए सवाल उठाया कि उनके हालात और स्थान को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं है, जबकि देश को सच जानने का अधिकार है।

हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की चेतावनी

संजय राउत ने अपने पत्र में आगे खुलासा किया कि कुछ राज्यसभा सदस्य उपराष्ट्रपति की कुशलता जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी कदम उठाने से पहले उन्होंने गृह मंत्री से आधिकारिक जानकारी देने की मांग की। शिवसेना नेता ने शाह से आग्रह किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सच्ची जानकारी सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी अटकलों पर विराम लग सके।

कपिल सिब्बल ने भी सरकार से मांगा जवाब

संजय राउत से पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा था। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद से हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चला है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने पहले 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता' उपराष्ट्रपति के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। अब लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने नहीं उठाया बल्कि उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई फोन नहीं उठा रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें?

ट्रंप की धमकियों से झुकेगा नहीं भारत, दिया करारा जवाब, ₹31,500 करोड़ का रक्षा सौदा ठंडे बस्ते में

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अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के बाद भारत के साथ रिश्ते इस समय थोड़ा गरमी के दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। इस बीच भारत ने अमेरिका से इंडियन नेवी के लिए खरीदे जा रहे 6 अतिरिक्त बोइंग P-8i पोसीडॉन विमानों की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हालांकि सौदे को पूरी तरह रद्द नहीं किया गया है। यह सौदा लगभग ₹31,500 करोड़ (करीब 3.78 अरब डॉलर) का था।

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पोसीडन डील पर लगा विराम

रक्षा वेबसाइट IDRW की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 3 अगस्त को अमेरिकी कंपनी बोइंग से छह P-8I पोसीडन एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट की खरीद को रोक दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए किया जा रहा था, खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए।

पहले मंजूरी, फिर बढ़ी कीमत

साल 2021 में अमेरिका ने 6 और P-8i विमान भारत को बेचने की मंजूरी दी थी। उस समय इनकी कीमत लगभग 2.42 अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) थी। लेकिन जुलाई 2025 तक यह लागत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपये) हो गई। जिसका कारण सप्लाई चेन में रुकावट और महंगाई बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने पहले बढ़ती हुई लागत को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन कहीं न कहीं इसकी ऑपरेशनल जरूरतों के मुताबिक भारत इसकी खरीद को तैयार हुआ था। लेकिन टैरिफ की घोषणा के बाद अब रणनीतिक पुनर्मूल्यांकन फिर से शुरू हो गया है। हालांकि यह सौदा पूरी तरह रद्द नहीं हुआ है।

डील को अस्थायी रूप से रोका

भारत के पास फिलहाल 12 P-8I एयरक्राफ्ट हैं। पहली बार 2009 में भारत ने 8 विमान करीब 2.2 अरब डॉलर में खरीदे थे, इसके बाद 2016 में 4 और जोड़े गए। फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत सरकार ने इस डील को अस्थायी रूप से रोक दिया है। रक्षा मंत्रालय अब इस सौदे की रणनीतिक पुनर्समीक्षा कर रहा है जिसमें बढ़ती लागत, भू राजनीतिक हालात और भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।

ट्रंप के टैरिफ वॉर पर भारत के साथ खुलकर आया चीन, अमेरिका को लगाई लताड़

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डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया दिया है। जिसके बाद कुल लेवी (टैरिफ) 50% तक बढ़ गई है। यही नहीं ट्रंप ने सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी है। साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि टैरिफ पर विवाद सुलझने तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी। टैरिफ कतो लेकर अमेरिका के साथ बढ़ते विवाद के बीच चीन ने खुलकर भारत का समर्थन किया है।

चीन की अमेरिका को दो टूक

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता गुओ जैकून ने कहा कि अमेरिका रूसी तेल लेने पर भारत के खिलाफ टैरिफ लगाकर इसका दुरुपयोग कर रहा है। टैरिफ को लेकर चीन की एक स्‍पष्‍ट नीति है और इसका विरोध करता है। चीनी प्रवक्‍ता ने कहा कि अमेरिका तकनीक और ट्रेड के मुद्दों को हथियार के रूप में इस्‍तेमाल कर रहा है।

भारत में चीनी राजदूतका तंज

इससे पहले भारत में चीनी राजदूत ने एक्‍स पर एक पोस्‍ट करके अमेरिका पर कड़ा हमला बोला था। शू ने ट्रंप का नाम लिए बिना कहा, 'बुली को एक इंच दो तो वह एक मील ले लेगा।' उनकी इस टिप्‍पणी को भारत और ब्राजील को चीन के समर्थन से जोड़कर देखा जा रहा है। भारत की तरह से ही ब्राजील भी 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ का सामना कर रहा है। यह अमेरिका की ओर से किसी ट्रेडिंग पार्टनर पर लगाया गया सबसे ज्‍यादा टैरिफ है।

भारत ने अपनाया कड़ा रुख

वहीं, अमेरिका के टैरिफ लगाने के फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई। भारत ने आधिकारिक बयान में कहा कि अमेरिका का यह कदम अनुचित, अन्यायपूर्ण और गैरवाजिब है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि 'यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कदमों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया है जब कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में ऐसे कदम उठा रहे हैं। हम दोहराते हैं कि ये कदम अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

किस बात से भड़के हैं ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने का ऐलान करते हुए कहा है कि भारत, रूस से तेल खरीदने के मामले में चीन के बहुत करीब है। ऐसे में अमेरिका इससे निपटने के लिए सेकेंडरी प्रतिबंधों की ओर बढ़ेगा। व्हाइट हाउस में एक प्रेस कांफ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं कि हमने भारत पर रूसी तेल के लिए 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। वे रूस से तेल खरीद में चीन के काफी करीब है।

प्रेस कांफ्रेंस में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या रूस-यूक्रेन के साथ समझौता हो जाने पर वे भारत से टैरिफ हटा सकते हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब दिया कि फिलहाल तो भारत 50% टैक्स देगा, आगे क्या होगा, देखा जाएगा। जब अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया कि चीन और तुर्की भी रूस से तेल खरीद रहे हैं, तो फिर भारत पर ही इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों? इस पर ट्रंप ने कहा, अभी भारत पर टैरिफ लगाए सिर्फ 8 घंटे हुए हैं, आगे आप बहुत कुछ देखेंगे, सेकेंडरी प्रतिबंधों की बाढ़ आएगी।

राहुल गांधी के समर्थन में आए शशि थरूर, ‘वोट चोरी’ के दावे पर दिया साथ

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनाव में ‘वोट चोरी’ करने का आरोप लगाए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राहुल गांदी ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पीपीटी पेश कर कर्नाटक में लोकसभा सीट, महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और साथ ही एक ही वोटर के कई कई बूथों और राज्यों में नाम होने का आरोप लगाया। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने राहुल गांधी की तीखी आलोचना की है। हालांकि, काफी समय से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया है।

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पिछले कुछ महीनों से पार्टी आलाकमान से इतर नजरिया रखने वाले शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। राहुल गांधी ने चुनाव में धांधली के 'ठोस सबूत' पेश किए और भारतीय चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया। थरूर ने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने और स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया।

चुनाव आयोग से की खास गुजारिश

शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी के पोस्ट को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसमें राहुल गांधी लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के बारे में बता रहे हैं। शशि थरूर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कहा, ‘ये गंभीर प्रश्न हैं जिनका सभी दलों और सभी मतदाताओं के हित में गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को अक्षमता, लापरवाही या उससे भी बदतर, जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता। चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और चुनाव आयोग के प्रवक्ता को देश को सूचित करते रहना चाहिए।’

काफी समय से पार्टी लाइन से हटकर दे रहे थे बयान

शशि थरूर का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, शशि थरूर पिछले कुछ महीनों से कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी और इमरजेंसी के दौर की आलोचना भी की थी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी थरूर सरकार के साथ खड़े नजर आए। जिसके बाद मॉनसूव सत्र के दौरान कांग्रेस की ओर से पार्टी के वक्ताओं में थरूर का नाम शामिल नहीं किया गया था। जिसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।

देश के गुनहगार सुन लें- वक्त बदलेगा, सजा मिलेगी', राहुल ने किसपर साधा निशाना?

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर लगातार हमलावर हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज वोटर लिस्ट में कथित धांधली के मुद्दे पर बेंगलुरू में ‘वोट अधिकार रैली’ को संबोधित करेंगे। इससे ठीक पहले कांग्रेस सांसद ने वोट चोरी मुद्दे पर चुनान आयोग को आड़े हाथों लिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी मुद्दे को लेकर एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, 'वोट चोरी सिर्फ एक चुनावी घोटाला नहीं, ये संविधान और लोकतंत्र के साथ किया गया बड़ा धोखा है। देश के गुनहगार सुन लें- वक्त बदलेगा, सजा जरूर मिलेगी।'

चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत का आरोप

इससे एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' के मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया था कि भारत के चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना तीसरा कार्यकाल मिला। राहुल गांधी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी सिर्फ 25 सीटों के अंतर से प्रधानमंत्री बने। चुनाव आयोग भाजपा को भारत में चुनावी व्यवस्था को नष्ट करने में मदद कर रहा है। चुनाव आयोग हमें महादेवपुर (कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र) में आंकड़े नहीं दे रहा है। अगर हम अन्य लोकसभा सीटों पर भी ऐसा करें, तो हमारे लोकतंत्र की सच्चाई सामने आ जाएगी।'

महादेवपुरा असेंबली सीट का जिक्र कर लगाए आरोप

राहुल गांदी ने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े सामने रखते हुए आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेरफेर करके 'वोट चोरी' का मॉडल भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए लागू किया गया है। इस दौरान कांग्रेस नेता ने कहा था कि बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी की गई, जबकि यह सीट पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 32,707 मतों के अंतर से जीती थी।

महाराष्ट्र चुनाव में पहली बार हमें सबूत मिला- राहुल

राहुल गांधी ने कहा, महाराष्ट्र के चुनाव हुए, महाराष्ट्र चुनाव में पहली बार हमें सबूत मिला। विधानसभा और लोकसभा के बीच में जादू से वोटर्स आते हैं। जहां भी इन वोटर्स ने वोट किया। वहां पर वोट बीजेपी को गया। महाराष्ट्र चुनाव के बाद जब हमें संदेह हुआ, तब गठबंधन के सारे नेताओं ने पीसी की। हमने चुनाव आयोग से कहा कि आप हमें वोटर लिस्ट दीजिए, वीडिया रिकॉर्डिंग दीजिए। चुनाव आयोग ने मना कर दिया। न उन्होंने हमें वोटर लिस्ट दी और न उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग दी। हमें शक हुआ कि यह क्यों नहीं दे रहे हैं। क्या कारण है। तो हमारे दिमाग में सवाल आया कि क्या चुनाव आयोग बीजेपी की मदद कर रहा है। क्या चुनाव आयोग ही इलेक्शन को चोरी करवा रहा है

डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दिखाए तेवर, टैरिफ विवाद के बीच भारत के साथ ट्रेड डील पर बातचीत से किया इनकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को अपना तेवर दिखाया है। ट्रंप ने टैरिफ विवाद हल होने तक भारत के साथ किसी भी व्यापार वार्ता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद का समाधान नहीं हो जाता, तब तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के मनमाने टैरिफ के आगे भारत झुक नहीं रहा, जो अमेरिकी राष्ट्रपति को परेशान कर रहा है। अब उनके बयान से ये बौखलाहट साफ नजर आ रही है।

बुधवार को ट्रंप ने एक नया आदेश जारी कर भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ थोप दिया, जिससे कुल टैक्स अब 50% हो गया है। ट्रंप से वॉशिंगटन में ओवल ऑफिस में जब एक पत्रकार ने पूछा कि 50% टैरिफ लगाने के बाद क्या बातचीत शुरू होगी, तो उन्होंने कहा- नहीं, पहले मसला (टैरिफ) सुलझे, फिर बात होगी।

पीएम मोदी ने कहा- मैं तैयार हूँ

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर पहले से लगाए गए 25 प्रतिशत के टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया और अब उन्होंने भारत के साथ ट्रेड डील करने को लेकर भी बड़ी बात कह दी है। राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से ट्रैरिफ बढ़ाने के फैसले को लेकर भारत ने भी पलटवार किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि हम देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है। भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी वालों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है, इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूँ, भारत तैयार है!

ट्रंप ने बढ़ाया है टैरिफ

इससे पहले व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया और विशेष रूप से भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात की ओर इशारा करते हुए टैरिफ बढ़ाने की बात कही। आदेश में दावा किया गया है कि ये आयात चाहे प्रत्यक्ष हों या बिचौलियों के माध्यम से, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा पेश करते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रूसी तेल न खरीदने की बात कही है। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने अपने निवेश हितों का हवाला देते हुए ऑयल इंपोर्ट रोकने से मना कर दिया।

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग की चुनौती, कहा-लिखित में प्रमाणित करें, शुक्रवार 3 बजे तक मांगा जवाब

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने महाराष्ट्र के चुनाव का डेटा दिखाकर आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है और 40 लाख वोट रहस्यमयी तरीके से जोड़े गए। कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया। राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर लगाए गए आरोपों के बाद कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उन्हें पत्र लिखकर जवाब मांगा है। इस पत्र में उनसे कहा गया है कि वह निर्वाचन नियमों के तहत शपथपत्र भरकर उन मतदाताओं के नाम दें, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है।

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कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को पत्र भेजा है। ये पत्र सीईओ कर्नाटक के साथ मीटिंग और राहुल गांधी की आज की प्रेसवार्ता को लेकर है। पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलने और ज्ञापन सौंपने के लिए समय मांगा गया था। 8 अगस्त 2025 को दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच का समय निश्चित किया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि मतदाता सूचियाँ पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती हैं, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के मुताबिक इसे तैयार किया जाता है। चुनाव आयोग का कहना है कि नवीनतम मतदाता सूचियाँ कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर तैयार की जाती हैं।

राहुल ने लगाया 'वोट की चोरी' का आरोप

राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि लाखों ऐसे नाम जोड़े गए हैं, जो अयोग्य हैं और वहीं लाखों योग्य मतदाताओं के नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं। राहुल ने इसे 'वोट की चोरी' बताया और कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता अब सवालों के घेरे में है।

राहुल गांधी ने कहा- चुनाव आयोग क्राइम में हिस्सेदार

राहुल ने कहा है कि मैं ये सब पब्लिकली कह रहा हूं और ये डेटा हमारा नहीं चुनाव आयोग का है। उन्होंने ये नहीं कहा कि ये वोटर लिस्ट गलत है। राहुल गांधी ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग डिजिटल डेटा नहीं देता है, इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट नहीं देता है, सीसीटीवी नहीं देता है तो वो क्राइम में हिस्सेदार हैं।