अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी ने रिजर्व पुलिस लाइन गोण्डा के बहुउद्देश्यीय हॉल में रिक्रूट आरक्षियों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता का पढाया पाठ
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गोण्डा। आज 26-07-2025 को जनपद गोण्डा स्थित पुलिस लाइन के रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर (RTC) में अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत द्वारा नव नियुक्त आरक्षियों को “भावनात्मक बुद्धिमत्ता (Emotional Intelligence)” विषय पर एक विशेष एवं प्रेरक प्रशिक्षण सत्र प्रदान किया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता वह अत्यंत महत्वपूर्ण मानवीय क्षमता है जिसके माध्यम से व्यक्ति स्वयं की एवं दूसरों की भावनाओं को पहचानने, समझने, प्रभावी ढंग से व्यक्त करने में तथा भावनाओं का प्रभावी प्रबंधन करने में सक्षम होता है।
जो विशेष रूप से पुलिस बल जैसे चुनौतीपूर्ण एवं जनसंपर्क आधारित सेवा क्षेत्र में अत्यंत उपयोगी है; उन्होंने प्रशिक्षुओं को विस्तार से समझाया कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता के पाँच प्रमुख स्तंभ – स्व-चेतना (Self-Awareness), स्व-नियंत्रण (Self-Regulation), प्रेरणा (Motivation), सहानुभूति (Empathy) और सामाजिक कौशल (Social Skills) – किसी पुलिस अधिकारी को न केवल एक बेहतर संचारक, निर्णायक और टीम लीडर बनाते हैं, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से सशक्त, संवेदनशील और सामाजिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तित्व भी प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर महोदय ने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता का अभाव पुलिस-जन संवाद में बाधा बन सकता है जबकि इसका सशक्त विकास न केवल जनता के बीच विश्वास और भरोसे को बढ़ावा देता है, बल्कि टकराव की परिस्थितियों में संयम, विवेक और सहानुभूति के साथ कार्य करने की क्षमता भी प्रदान करता है, जिससे कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहूलियत होती है; उन्होंने यह भी बताया कि ध्यान (Meditation), आत्म-विश्लेषण, जर्नल लेखन, सहकर्मियों और नागरिकों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना, तथा गुस्से और तनाव पर नियंत्रण रखने के व्यावहारिक अभ्यास आदि।
भावनात्मक बुद्धिमत्ता को विकसित करने के प्रभावी उपाय हैं; एक भावनात्मक रूप से बुद्धिमान पुलिसकर्मी न केवल भीड़भाड़, विरोध और विवाद जैसी परिस्थितियों में विवेकपूर्ण निर्णय ले सकता है, बल्कि वह जनता की समस्याओं को समझकर संवेदनशीलता के साथ समाधान प्रस्तुत करता है, जिससे पुलिस की छवि जनहितैषी एवं सुलभ बनती है; अंततः यह प्रशिक्षण सत्र न केवल नव आरक्षियों के मानसिक, भावनात्मक एवं सामाजिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध होगा बल्कि यह उनके भविष्य के कर्तव्यों को अधिक मानवीय, सशक्त और जिम्मेदार ढंग से निभाने हेतु महत्वपूर्ण साबित हो सकेगा और एक ज़िम्मेदार तथा संवेदनशील पुलिसकर्मी बनने में मदद करेगा।
Jul 26 2025, 18:59