देश में होगा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण, बिहार में जारी विरोध के बावजूद चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

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चुनाव आयोग द्वारा बिहार में किए जा रहे मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण का विपक्ष द्वारा संसद से लेकर सड़क तक विरोध किया जा रहा है। इस भारी विरोध के बीच चुनाव आयोग ने बड़ी घोषणा की है। भारत निर्वाचन आयोग ने अब देश भर में मतदाता सूची की व्यापक जांच और सत्यापन के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि देशभर में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का काम अब शुरू करने का फैसला किया गया है और जल्द ही इसके लिए शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।

अगस्त 2025 से पूरे देश में होगा एसआईआर

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि अगस्त 2025 से पूरे देश में मतदाता सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध मतदाताओं, विशेष रूप से बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से आए संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना और उनकी फर्जी वोटर आईडी को हटाना है। इसके लिए मतदाताओं को अपनी नागरिकता, पहचान और निवास स्थान साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।

क्यों उठाया यह कदम?

चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों को रोकने और फर्जी मतदान को खत्म करने के लिए यह सत्यापन जरूरी है। आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन और आधार से लिंकेज जैसे उपायों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे मतदाता पहचान की प्रामाणिकता बढ़ाई जा सके। चुनाव आयोग ने बीती 24 जून को ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था और कहा था कि संवैधानिक कर्तव्य के तहत और मतदाता सूची की अखंडता और सुरक्षा के लिए यह मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का काम किया जाएगा। 

एसआईआर पर बिहार विधानसभा और संसद में हंगामा

पिछले महीने 24 जून को निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निर्देश दिया था। यह 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच होना है। बिहार में जून 2024 से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण में अब तक 88% मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है, और लगभग 5% अवैध प्रविष्टियां हटाई गई हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विवाद भी सामने आए हैं। विपक्ष द्वारा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण करने का भारी विरोध किया जा रहा है। बिहार विधानसभा और संसद में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ।

56 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने का दावा

दावा किया जा रहा है कि पुनरीक्षण में बिहार में कम से कम 56 लाख मतदाताओं के नाम कट सकते हैं। इसमें 20 लाख मतदाताओं का निधन हो चुका है। 28 लाख ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई जो अपने पंजीकृत पते से स्थाई रूप से पलायन कर गए हैं। वहीं, एक लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका कुछ पता नहीं है। 7 लाख मतदाता एक से अधिक स्थान पर पंजीकृत पाए गए हैं।

बिहार में 'SIR' पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव बोले - 'यह लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश'*
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पटना: बिहार विधानसभा में 'स्पेशल समरी रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को लेकर जारी गतिरोध के बीच, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में महागठबंधन के विधायकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि SIR के माध्यम से लोगों के अस्तित्व और हर तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है, और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग के पक्ष में खड़ा होकर जनता के नागरिक अधिकार को कमजोर करना चाहता है। सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग: तेजस्वी यादव का आरोप तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने SIR के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात रख रहे थे, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य मंत्रीगण ने "हल्की" और "अमर्यादित व अभद्र" भाषा का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया, जो सही नहीं है। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, सीपीआई एम विधायक दल के नेता कॉमरेड अजय कुमार, सीपीआई के विधायक दल के नेता कॉमरेड सूर्यकांत पासवान, पूर्व मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधायक भाई वीरेंद्र, राजद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर सहित महागठबंधन के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। "मुख्यमंत्री सरकार चलाने लायक नहीं, चुनाव आयोग मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा" तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब विपक्ष सदन में अपनी बात गंभीरतापूर्वक रखता है, तो सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहीं भी "घुसपैठिए" की बात क्यों नहीं की, और न ही भाजपा के किसी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज की है। उन्होंने पूछा कि अगर ऐसी बातें हैं, तो 2005 से 2025 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार और 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? तेजस्वी ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह चर्चा कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ने बिना विषय समझे बीच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो अब सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।" तेजस्वी ने सीधे आरोप लगाया कि "नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि "सरकार में बैठे हुए लोग वोटर चुन रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में वोटर सरकार चुनते हैं।" '55 लाख वोट काटने की साजिश, कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रयास' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके लोगों के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए, तो लोग सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, राशन, छात्रवृत्ति, आवास योजना आदि के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना विषय को समझे हस्तक्षेप किया और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मामले को बिगाड़ा। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि "इतने गंभीर मामले पर चर्चा में गंभीरता नहीं दिखना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष के द्वारा मामले को भटकाने का प्रयास लगता है क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि मतदाताओं के मताधिकार पर चर्चा हो।" तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में करीब 55 लाख वोट काटने की साजिश चल रही है, जिसमें सत्ता पक्ष की भूमिका स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि "चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर कार्य कर रहा है।" उन्होंने चुनाव आयोग के "मनमाने रवैये" और केंद्र सरकार के इशारे पर "अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली" को लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक बताया। महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी SIR को बताया 'लोकतंत्र के अस्तित्व पर हमला' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य महागठबंधन के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अपनी बात रखने और चर्चा करने के लिए होता है, लेकिन आज सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया ताकि मुद्दे को भटकाया जा सके। सीपीआई एमएल के कामरेड महबूब आलम ने SIR को "लोकतंत्र के अस्तित्व को खत्म करने का साजिश" बताया। उन्होंने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूरे देश में नहीं करके बिहार में क्यों की जा रही है, जबकि तीन महीने बाद ही चुनाव हैं। सीपीआई एम के कामरेड अजय कुमार ने इसे "नागरिक अधिकार छीनने की साजिश" बताया और कहा कि यह भाजपा के इशारे पर "चुनाव को हाईजैक करने का मामला" है। सीपीआई के विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि बोलने और वोट देने के अधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वे किसी के भी नागरिक अधिकार और वोट के अधिकार को छीनने नहीं देंगे और ऐसी साजिशों को नाकाम करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।
सम्राट चौधरी का विपक्ष पर हमला: 'नीतीश के उपराष्ट्रपति बनने पर NDA लेगा फैसला, SIR पर भ्रम फैला रहा विपक्ष'*
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दोनों सदन में आज SIR के बारे में विरोधी दल के लोगों ने काला कपड़ा पहनकर विरोध जताया इस पर मैं बताना चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है किसी भी पिछले दलित दलित समाज या कोई सामान्य जो भारत का नागरिक है हुआ किसी का मतदाता सूची से नाम नहीं कटेगा. लगभग 98% लोगों ने अपने पुणे परीक्षण के दौरान फॉर्म जमा किया 19 लाख लोग ऐसे पाए गए जिनकी मृत्यु हो गई है लगभग 20 लाख लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर गए हुए हैं लगभग 8 लाख लोग जो एक जगह से अधिक जगह पर उनका वोटर लिस्ट में नाम है लेकिन SIR से स्पष्ट है कि भारत के जो नागरिक है उनका वोटर लिस्ट में नाम रहेगा. इस पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है 26 तारीख को अब पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है, ड्रॉप कॉपी आएगा तब सभी पार्टियों को अधिकार होगा कि आप आवेदन डाल सकते हैं और ऑब्जेक्शन भी कर सकते हैं लेकिन सिर्फ और सिर्फ विरोधी दल कांग्रेस पार्टी हो आरजेडी हो चाहे बीजेपी हो यह लोग सब गुमराह कर रहे हैं बिहार के लोगों को 1990 में कहा था कि बांग्लादेशी को चुन चुन कर बाहर करेंगे ममता बनर्जी 2005 में लोकसभा के अंदर कहा था कि हम बांग्लादेशी को बाहर करेंगे तो आज यदि किशनगंज जिले में अचानक 10 गुना अधिक आवश्यक प्रमाण पत्र 120% से अधिक आधार कार्ड दिखाई दे रहा है इसकी जांच तो होनी ही चाहिए जांच हो रहा है निर्वाचन आयोग कर रहा है सरकार भी इसको गंभीरता से ले रहा है आगे भी इसके ऊपर कारवाई की जाएगी *काला कपड़ा यह लोग पहनकर आ रहे, यह लोग के ऊपर शनिश्चरा ग्रह आ गया है ज्यादा हावी हो रहे हैं
आज से संसद का मानसून सत्र, पहलगाम हमले से लेकर ट्रंप और एसआईआर पर हंगामा तय

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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। यह सत्र 21 अगस्त यानी 32 दिन तक चलेगा। इसमें 21 बैठकें होंगी। पीएम मोदी आज सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से रू-ब-रू होंगे। ऑपरेशन सिंदूर समेत मुख्य मुद्दों पर पीएम मोदी नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान देंगे। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष को इससे जुड़े सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी

17 अहम बिल पेश होंगे

आज से शुरू होने वाले सत्र में 17 अहम बिल पेश होंगे और साथ ही सरकार कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा करेगी। केंद्र सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।

विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए

इस सत्र के हंगामेमदार रहने के भी आसार हैं। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए हैं, जिनपर वो सरकार की घेरेबंदी करेगा।बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अहमदाबाद विमान हादसा जैसे अहम मुद्दों पर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार

सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जवाब दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर नियमानुसार चर्चा को तैयार है। पीएम मोदी से जवाब की मांग पर रिजिजू ने कहा, विदेश यात्राओं को छोड़ दिया जाए, तो प्रधानमंत्री सत्र के दौरान हमेशा संसद में रहते हैं। हालांकि, उनसे हमेशा सदन में बैठे रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। जब भी सत्र चल रहा होता है, केंद्रीय मंत्री अपने विभागों से जुड़े प्रश्नों पर जवाब देने के लिए उपलब्ध होते हैं।

तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप: "बिहार में वोटों की चोरी", "अस्तित्व छीनने की साजिश"

पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज अपने पटना स्थित आवास पर इंडिया महागठबंधन के नेताओं के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार में चल रही मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रहा है और यह "वोट की चोरी" व लोगों के "अस्तित्व छीनने की साजिश" है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि एस.आई.आर. और उसकी प्रक्रिया को लेकर जो संदेह इंडिया महागठबंधन को पहले से था, वह अब हकीकत में सामने आ गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली और बिहार में चुनाव आयोग से इंडिया महागठबंधन के नेताओं के शिष्टमंडल मिले, लेकिन आयोग ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी चुनाव आयोग द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे स्पष्ट होता है कि "दाल में कुछ काला है"। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता पर "अमित शाह द्वारा दिए गए काम में लगे रहने" का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया और न्याय व लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी बताया कि 19 जुलाई, 2025 को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया महागठबंधन के नेताओं की बैठक होगी, जिसमें वे भी शामिल रहेंगे।

संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी, सीपीआई (माले) के धीरेन्द्र झा, सीपीआई की निवेदिता झा, सीपीआई (एम) के अरुण कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता प्रो. मनोज झा, राज्यसभा सांसद संजय यादव, प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद उपस्थित थे।

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि तीन दिन पहले सूत्रों के हवाले से 35 लाख वोट हटाए जाने की खबरें सामने आई थीं, और उन्हीं बातों को चुनाव आयोग ने तीन दिन बाद प्रेस नोट के माध्यम से स्वीकार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रक्रिया अभी चल रही है और एस.आई.आर. में आठ दिन शेष हैं, तो इतनी बड़ी संख्या में वोटरों के नाम कटने की बातें कैसे सामने आ गईं? उन्होंने दावा किया कि बिहार में पत्रकारों को सच्चाई दिखाने पर मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि बी.एल.ओ. पर दबाव बनाकर, फर्जी दस्तखत के सहारे, भाजपा के लोगों के माध्यम से मतदाताओं के नाम उनकी जानकारी के बिना फर्जी ढंग से अपलोड किए जा रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो फुटेज भी दिखाया।

"लोगों के अधिकार ही नहीं, अस्तित्व भी छीना जा रहा है":

तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को लोगों के "अधिकार ही नहीं, उनके अस्तित्व को भी छीनने" की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र में ऐसी बात है जिससे लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया जाए और उन्हें राशन, पेंशन, आरक्षण, किसान सम्मान निधि, सब्सिडी, छात्रवृत्ति, आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जनकल्याणकारी योजनाएं और अन्य नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया जाए। उन्होंने इसे एक बड़ी साजिश करार दिया। साथ ही, उन्होंने पंचायत राज व्यवस्था में पंचायत चुनाव के समय भी उनके मत को काटने की साजिश की आशंका जताई और पंचायत जनप्रतिनिधियों व नगर निगम के वार्ड पार्षदों से इस मामले में सजग रहने की अपील की।

उन्होंने दावा किया कि बिहार में 12 से 15 प्रतिशत वोटरों के नाम काटने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 17 दिनों से चल रही प्रक्रिया में 22 हजार ऐसी बूथें हैं जहाँ अब तक बी.एल.ओ. ने इस पर कोई एक्सरसाइज नहीं किया है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कोई भी जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं दे रहा है और ईमानदारी से काम नहीं हो रहा है, जो संविधान को खत्म करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास है।

उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए के अंदर चंद्रबाबू नायडू ने भी एस.आई.आर. पर सवाल उठाए हैं, लेकिन भाजपा और नीतीश कुमार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने दियारा क्षेत्र में गरीबों के वोट काटने की सुनियोजित साजिश का आरोप लगाया, जहाँ चौथी पीढ़ी तक के लोगों से कागजात मांगे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने प्रकोष्ठ के माध्यम से फायदा लेने का प्रयास कर रही है और चुनाव आयोग भी एक दल और एनडीए को फायदा पहुंचाने में लगा है।

इंडिया महागठबंधन के अन्य नेताओं का समर्थन:

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि फर्जीवाड़े की आशंका पहले से थी, जिसकी पुष्टि चुनाव आयोग के कार्यों से हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुन-चुनकर लोगों के नाम फर्जी तरीके से बाहर किए जा रहे हैं और सरनेम देखकर ऐसे वोटरों पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जब वे चुनाव आयोग से मिले थे तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता ने कहा था कि 20 प्रतिशत नाम कटेंगे, जिसका मतलब है कि 08 करोड़ वोटरों में से 02 करोड़ वोटरों को वंचित करने की साजिश चल रही है।

वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने इसे लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश बताया और कहा कि अतिपिछड़ा, दलित और अन्य गरीब लोगों को वोट से वंचित करने की साजिश है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों और नगर निगम के प्रतिनिधियों से सजग रहने की अपील की।

सीपीआई (माले) के धीरेन्द्र झा ने कहा कि जनता ने उनके खांचे में ढलने से मना कर दिया है, इसलिए बिहार में जनता के अधिकार को ही खत्म किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि 40 से 50 प्रतिशत ही जमीन पर काम हुए हैं, बाकी सत्ता पक्ष के इशारे पर हो रहे हैं।

सीपीआई की निवेदिता झा ने कहा कि आम नागरिकों, महिलाओं, वंचितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों, अल्पसंख्यकों के हक और अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग कठपुतली की तरह काम कर रहा है और उन्होंने अपना स्वयं का उदाहरण दिया, जहाँ बिना फार्म भरे उनके डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर दिए गए थे।

सीपीआई (एम) के अरुण कुमार ने कहा कि वे आम जनता के बीच जा रहे हैं और भाजपा की इस साजिश के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे, जो संवैधानिक संस्थाओं को खोखला कर रही है।

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण: 86.32% गणना प्रपत्र जमा, अंतिम 10 दिनों में बीएलओ करेंगे घर-घर संपर्क


पटना, 15 जुलाई 2025 – बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत मतदाता सूची को अद्यतन करने का कार्य तेजी से जारी है। अब तक राज्य में 86.32% गणना प्रपत्र (Enumeration Forms - EF) एकत्र किए जा चुके हैं, और शेष मतदाताओं से संपर्क स्थापित करने के लिए लगभग 1 लाख बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) जल्द ही घर-घर जाकर सर्वेक्षण का तीसरा दौर शुरू करेंगे। यह अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कोई भी पात्र मतदाता प्रारूप मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित न रहे।

राज्य में कुल 7,89,69,844 मतदाताओं में से 6,81,67,861 ने अपने गणना प्रपत्र जमा कर दिए हैं। मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित और एक से अधिक स्थानों पर नामांकित व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए, एसआईआर के ईएफ संग्रह चरण में बिहार के लगभग 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 90.84% को कवर किया गया है। अब 25 जुलाई की अंतिम समय-सीमा से पहले केवल 9.16% मतदाताओं को अपने भरे हुए ईएफ जमा करने हैं।

शेष मतदाताओं को समय पर अपने प्रपत्र भरने और 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बिहार के सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के 5,683 वार्डों में विशेष शिविर स्थापित किए गए हैं और समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। बीएलओ मतदाताओं को अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके ECINet ऐप या https://voters.eci.gov.in पर ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से अपने फॉर्म ऑनलाइन भरने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।

ECINet के माध्यम से, मतदाता अपने EF ऑनलाइन भर सकते हैं और 2003 ईआर में अपने नाम भी खोज सकते हैं। वे ECINet ऐप का उपयोग करके अपने बीएलओ सहित अपने चुनाव अधिकारियों से भी जुड़ सकते हैं। आज शाम 6.00 बजे तक प्लेटफॉर्म पर 6.20 करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड किए जा चुके हैं। अपने ईएफ जमा करने की स्थिति की जांच के लिए एक नया मॉड्यूल आज रात https://voters.eci.gov.in पर लाइव हो जाएगा।

बीएलओ के प्रयासों में सभी राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) भी सहायता कर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक प्रतिदिन 50 ईएफ तक प्रमाणित और जमा कर सकता है। शहरी क्षेत्रों में किसी भी पात्र मतदाता के छूटने को रोकने के लिए, सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के सभी 5,683 वार्डों में विशेष शिविर भी लगाए जा रहे हैं।

बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण: 83.66% प्रपत्र जमा, ECI ने पारदर्शिता और पहुंच बढ़ाने के लिए उठाए कदम

बिहार में चल रहे SIR (सिस्टमैटिक इनरोलमेंट रिविजन) में भरे हुए गणना प्रपत्र (EFs) जमा करने की अंतिम तिथि में 11 दिन शेष रहने के साथ, BLOs (बूथ लेवल अधिकारी) द्वारा घर-घर जाकर किए गए दो दौर के बाद, बिहार में 7,89,69,844 मतदाताओं में से 6,60,67,208 या 83.66% मतदाताओं के EF एकत्र किए गए हैं।

अब तक 1.59% मतदाताओं को मृत पाया गया है, 2.2% स्थायी रूप से स्थानांतरित पाए गए हैं और 0.73% व्यक्ति एक से अधिक स्थानों पर नामांकित पाए गए हैं।

इसलिए, 88.18% मतदाताओं ने या तो पहले ही अपना EF जमा कर दिया है या उनकी मृत्यु हो गई है या उन्होंने अपना नाम एक ही स्थान पर रखा है या वे अपने पिछले निवास स्थान से स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं। अब केवल 11.82% मतदाताओं को अपने भरे हुए EF जमा करने हैं और उनमें से कई ने आने वाले दिनों में दस्तावेजों के साथ अपने गणना प्रपत्र जमा करने के लिए समय मांगा है।

ECI (भारत निर्वाचन आयोग) यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और शेष मतदाता अपने EF भरें। लगभग 1 लाख BLOs जल्द ही अपने घर-घर जाकर दौरे का तीसरा दौर शुरू करेंगे। उनके प्रयासों को सभी राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1.5 लाख BLAs (बूथ लेवल एजेंट) द्वारा बढ़ाया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक प्रति दिन 50 EF तक प्रमाणित और जमा कर सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र शहरी मतदाता ER (इलेक्टोरल रोल) से न छूटे, बिहार के सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के सभी 5,683 वार्डों में विशेष शिविर भी लगाए जा रहे हैं।

उन मतदाताओं के लिए जो अस्थायी रूप से राज्य से बाहर चले गए हैं, समाचार पत्रों के विज्ञापनों और ऐसे मतदाताओं के साथ सीधा संपर्क के माध्यम से केंद्रित प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे समय पर अपने EF भर सकें और 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाले प्रारूप मतदाता सूची में उनके नाम भी शामिल किए जा सकें। ऐसे मतदाता ECINet ऐप के माध्यम से अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके या https://voters.eci.gov.in पर ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से आसानी से EF ऑनलाइन भर सकते हैं (SIR दिशानिर्देशों के पैरा 3(d) के अनुसार)। वे अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से या व्हाट्सएप या इसी तरह के अनुप्रयोगों सहित किसी भी ऑनलाइन माध्यम से संबंधित BLOs को अपने फॉर्म भी भेज सकते हैं।

नवीनतम तकनीक और डिजिटलीकरण के उपयोग की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, ECI द्वारा हाल ही में लॉन्च किया गया ECINet प्लेटफॉर्म, एक एकल एकीकृत प्लेटफॉर्म है जो पहले के 40 विभिन्न ECI अनुप्रयोगों को subsume कर रहा है, इसे बिहार SIR अभ्यास के सभी पहलुओं के लिए भी तैयार किया गया है और यह कुशलता से चल रहा है।

ECINet के माध्यम से, मतदाता अपने इलेक्ट्रॉल फॉर्म ऑनलाइन भरने और जहां भी लागू हो, 2003 मतदाता सूची में अपने नाम खोजने में सक्षम हैं। मतदाता ECINet ऐप का उपयोग करके अपने चुनाव अधिकारियों, जिसमें उनके BLOs भी शामिल हैं, से भी जुड़ सकते हैं।

ECINet क्षेत्र-स्तर के चुनाव पदाधिकारियों के लिए फॉर्म और दस्तावेजों को अपडेट करने की प्रक्रिया को भी तेज कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप आज शाम 6.00 बजे तक 5.74 करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड किए गए हैं। ECINet के दस्तावेज़ समीक्षा मॉड्यूल ने AEROs (सहायक चुनावी पंजीकरण अधिकारी), EROs (चुनावी पंजीकरण अधिकारी) और DEOs (जिला चुनाव अधिकारी) द्वारा मतदाताओं की पात्रता के सत्यापन की गति को भी सुव्यवस्थित तरीके से तेज किया है।

बिहार में मतदाता गणना प्रपत्र संग्रह में तेजी: 74% से अधिक फॉर्म जमा, 25 जुलाई अंतिम तिथि

पटना, बिहार: बिहार में मतदाता गणना प्रपत्र संग्रह का कार्य तेजी से चल रहा है, और अंतिम तिथि से 14 दिन पहले ही 74.39% प्रपत्र जमा कर लिए गए हैं। राज्य के कुल 7,89,69,844 (लगभग 7.90 करोड़) मतदाताओं में से अब तक 5,87,49,463 गणना प्रपत्र एकत्र किए जा चुके हैं।

घर-घर जाकर बीएलओ कर रहे सहायता

सार्वजनिक सूचना रजिस्ट्री (SIR) के दूसरे चरण में, बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) घर-घर जाकर मतदाताओं की सहायता कर रहे हैं और उनके भरे हुए गणना प्रपत्र एकत्र कर रहे हैं। इस प्रक्रिया की प्रगति पर 38 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs), सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (EROs), और 963 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AEROs) सहित क्षेत्र-स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।

डिजिटलीकरण और सत्यापन प्रक्रिया जारी

गणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण और अपलोडिंग भी सुचारु रूप से आगे बढ़ रही है। SIR दिशानिर्देशों के पैरा 3(H) के अनुसार, BLOs ने अब तक एकत्र किए गए कुल गणना प्रपत्रों में से 3.73 करोड़ प्रपत्रों को BLO ऐप/ECInet के माध्यम से सफलतापूर्वक डिजिटाइज्ड और अपलोड कर दिया है। आज, अपलोड किए गए प्रपत्रों के AERO/ERO द्वारा सत्यापन के लिए ECInet में एक नया मॉड्यूल भी लागू किया गया है, जिससे प्रक्रिया में और पारदर्शिता आएगी।

अथक प्रयास और सामूहिक योगदान

24 जून, 2025 को SIR निर्देश जारी होने के बाद से पिछले 17 दिनों में यह उपलब्धि हासिल की गई है। गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है। इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए 77,895 BLOs, 20,603 नव नियुक्त BLOs और अन्य चुनाव अधिकारी अथक प्रयास कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों (PWDs), बीमार और कमजोर आबादी को सहायता प्रदान कर रहे हैं। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों (BLAs) की 1.56 लाख सक्रिय शक्ति ने भी इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे 74.39% गणना प्रपत्रों के संग्रह में सफलता मिली है।

ट्रेड यूनियनों का भारत बंद आज, हड़ताल पर 25 करोड़ कर्मचारी, बिहार में सबसे ज्यादा असर

#bharatbandh25croreemployeesstrikenationwide

पूरे देश में आज ट्रेड यूनियनों ने 'भारत बंद' का ऐलान किया है। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर यह बंद बुलाया है। बैंक, बीमा, डाक, कोयला खदान, हाईवे और कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्रों के लगभग 25 करोड़ कर्मचारी इसमें शामिल हैं।भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। दरअसल, बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और अन्य महागठबंधन विपक्षी दलों ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) के विरोध में बंद करने का ऐलान किया है।वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी भारत बंद का असर दिख रहा है।

बिहार में सबसे ज्यादा असर

भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। हाजीपुर, अररिया, दानापुर में चक्काजाम किया गया है। राजधानी में भी जाम का असर दिखने लगा है। विपक्षी दलों के कार्यकर्ता चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, पटना, जहानाबाद और भोजपुर में भी ट्रेनें रोक दी गई है। आरा स्टेशन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फरक्का एक्सप्रेस रोक प्रदर्शन कर रहे हैं। दरंभगा के जयनगर से पटना जाने वाली नमो भारत ट्रेन को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। राजद सहित महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन के आगे खड़े होकर जमकर नारेबाजी करते दिखे।

कोलकाता में आगजनी, पुलिस ने संभाला मोर्चा

वामपंथी दलों के यूनियनों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से बुलाए गए 'भारत बंद' में भाग लिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, उससे सटे हावड़ा जिले के साथ-साथ आसनसोल में भी सुबह से ही भारत बंद का असर दिख रहा है।

ओडिशा के भुवनेश्वर में CITU ने जाम किया नेशनल हाईवे

देशभर में आज बुलाए गए ‘भारत बंद’ का रेल से लेकर रोड तक बड़ा असर दिख रहा है। इस बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन सहित अन्य सेवाओं में व्यापक व्यवधान देखा गया। ओडिशा के भुवनेश्वर में राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध होने और केरल के कोट्टायम में दुकानों व शॉपिंग मॉल के बंद रहने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

भुवनेश्वर में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) की खोरधा जिला इकाई के सदस्यों ने ‘भारत बंद’ के समर्थन में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, मास्टर कैंटीन बस स्टैंड के पास ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर बस सेवाओं को बाधित किया। इससे भुवनेश्वर में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ और यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। CITU के राष्ट्रीय सचिव एआर सिंधु ने कहा, ‘लगभग 25 करोड़ संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक इस हड़ताल में शामिल हैं। बैंकिंग, डाक, कोयला खनन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में सेवाएं प्रभावित होंगी।’

बिहार एसआईआर फॉर्म संग्रह आधे रास्ते तक पहुंचा, 14 दिनों में 46.95% काम पूरा; 17 दिन शेष

पटना, बिहार: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है, और ऐसा लगता है कि गणना फॉर्म संग्रह का कार्य निर्धारित अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2025 से काफी पहले पूरा हो जाएगा. 24 जून, 2025 को एसआईआर निर्देश जारी होने के बाद से पहले 14 दिनों में, कुल 7,89,69,844 (लगभग 7.90 करोड़) मतदाताओं में से 3,70,77,077 गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जो कुल का 46.95% है (8 जुलाई, 2025 को शाम 6 बजे तक).

फॉर्म वितरण और अपलोडिंग की स्थिति

अभियान के पहले दो हफ्तों में, 7.90 करोड़ फॉर्म मुद्रित किए गए थे, और इनमें से 97% से अधिक फॉर्म (7,70,44,990) मतदाताओं को वितरित किए जा चुके हैं. साथ ही, 18.16% फॉर्म ECINET पर अपलोड किए जा चुके हैं. यह देखा गया है कि बड़ी संख्या में संभावित मतदाता एसआईआर आदेश दिनांक 24.06.25 में निर्दिष्ट पात्रता दस्तावेजों के साथ गणना फॉर्म जमा करना पसंद कर रहे हैं.

तेज गति से संग्रह कार्य जारी

अब प्रयास शेष आधे गणना फॉर्म और पात्रता दस्तावेजों को एकत्र करने का है, जबकि 25 जुलाई से पहले अभी भी 17 दिन बाकी हैं. पिछले 24 घंटों में यानी कल शाम 6 बजे से, 82,78,617 गणना फॉर्म एकत्र किए गए हैं, जो एक ही दिन में 10.5% संग्रह के बराबर है. फील्ड में इसी गति को बनाए रखते हुए, और लगभग 50 प्रतिशत फॉर्म शेष रहने के साथ, यह अभ्यास समय पर पूरा किया जा सकता है.

जमीनी स्तर पर बढ़े हुए प्रयास

संग्रह के प्रयासों को तेज करने के लिए जमीनी स्तर पर 20,603 अतिरिक्त बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) जोड़े गए हैं. पहले से ही, 77,895 बीएलओ मतदाताओं को उनके गणना फॉर्म भरने और उन्हें एकत्र करने में मदद करने के लिए घर-घर जा रहे हैं. बीएलओ ने पहले ही प्रत्येक घर में अपनी अनिवार्य तीन विजिट में से पहली पूरी कर ली है, और दूसरी विजिट चल रही है.

लगभग 4 लाख स्वयंसेवक, जिनमें सरकारी अधिकारी, एनसीसी कैडेट, एनएसएस सदस्य आदि शामिल हैं, भी एसआईआर प्रक्रिया में बुजुर्गों, पीडब्ल्यूडी (दिव्यांगजनों), बीमार और कमजोर आबादी को सुविधा प्रदान करने के लिए मैदान में काम कर रहे हैं.

प्रशासनिक और राजनीतिक दलों का सहयोग

इसके अलावा, सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों (ACs) को कवर करने वाले ईआरओ (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी), 963 एईआरओ (सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी), 38 डीईओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) और राज्य के सीईओ (मुख्य निर्वाचन अधिकारी) मतदाताओं को अपने फॉर्म जमा करने की सुविधा के लिए जमीनी स्तर पर मौजूद हैं.

सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों ने भी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) की नियुक्ति तेज कर दी है, और वे सक्रिय रूप से मैदान में भाग ले रहे हैं. आज की तारीख तक, 1,56,626 बीएलए नियुक्त किए जा चुके हैं, जो अभियान की शुरुआत में 1,38,680 थे. वे अभी भी चुनावी रोल पर मैनुअल के 25.2.1 के अनुसार और बीएलए नियुक्त कर सकते हैं.

यह दिखाता है कि बिहार में मतदाता पुनरीक्षण अभियान अपनी तय समय-सीमा के भीतर सफलतापूर्वक पूरा होने की दिशा में अग्रसर है.

देश में होगा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण, बिहार में जारी विरोध के बावजूद चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

#sirbeginacrosscountryfrom_august 

चुनाव आयोग द्वारा बिहार में किए जा रहे मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण का विपक्ष द्वारा संसद से लेकर सड़क तक विरोध किया जा रहा है। इस भारी विरोध के बीच चुनाव आयोग ने बड़ी घोषणा की है। भारत निर्वाचन आयोग ने अब देश भर में मतदाता सूची की व्यापक जांच और सत्यापन के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि देशभर में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का काम अब शुरू करने का फैसला किया गया है और जल्द ही इसके लिए शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।

अगस्त 2025 से पूरे देश में होगा एसआईआर

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि अगस्त 2025 से पूरे देश में मतदाता सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध मतदाताओं, विशेष रूप से बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से आए संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना और उनकी फर्जी वोटर आईडी को हटाना है। इसके लिए मतदाताओं को अपनी नागरिकता, पहचान और निवास स्थान साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।

क्यों उठाया यह कदम?

चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों को रोकने और फर्जी मतदान को खत्म करने के लिए यह सत्यापन जरूरी है। आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन और आधार से लिंकेज जैसे उपायों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे मतदाता पहचान की प्रामाणिकता बढ़ाई जा सके। चुनाव आयोग ने बीती 24 जून को ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था और कहा था कि संवैधानिक कर्तव्य के तहत और मतदाता सूची की अखंडता और सुरक्षा के लिए यह मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का काम किया जाएगा। 

एसआईआर पर बिहार विधानसभा और संसद में हंगामा

पिछले महीने 24 जून को निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निर्देश दिया था। यह 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच होना है। बिहार में जून 2024 से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण में अब तक 88% मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है, और लगभग 5% अवैध प्रविष्टियां हटाई गई हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विवाद भी सामने आए हैं। विपक्ष द्वारा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण करने का भारी विरोध किया जा रहा है। बिहार विधानसभा और संसद में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ।

56 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने का दावा

दावा किया जा रहा है कि पुनरीक्षण में बिहार में कम से कम 56 लाख मतदाताओं के नाम कट सकते हैं। इसमें 20 लाख मतदाताओं का निधन हो चुका है। 28 लाख ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई जो अपने पंजीकृत पते से स्थाई रूप से पलायन कर गए हैं। वहीं, एक लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका कुछ पता नहीं है। 7 लाख मतदाता एक से अधिक स्थान पर पंजीकृत पाए गए हैं।

बिहार में 'SIR' पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव बोले - 'यह लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश'*
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पटना: बिहार विधानसभा में 'स्पेशल समरी रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को लेकर जारी गतिरोध के बीच, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में महागठबंधन के विधायकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि SIR के माध्यम से लोगों के अस्तित्व और हर तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है, और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग के पक्ष में खड़ा होकर जनता के नागरिक अधिकार को कमजोर करना चाहता है। सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग: तेजस्वी यादव का आरोप तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने SIR के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात रख रहे थे, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य मंत्रीगण ने "हल्की" और "अमर्यादित व अभद्र" भाषा का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया, जो सही नहीं है। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, सीपीआई एम विधायक दल के नेता कॉमरेड अजय कुमार, सीपीआई के विधायक दल के नेता कॉमरेड सूर्यकांत पासवान, पूर्व मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधायक भाई वीरेंद्र, राजद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर सहित महागठबंधन के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। "मुख्यमंत्री सरकार चलाने लायक नहीं, चुनाव आयोग मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा" तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब विपक्ष सदन में अपनी बात गंभीरतापूर्वक रखता है, तो सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहीं भी "घुसपैठिए" की बात क्यों नहीं की, और न ही भाजपा के किसी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज की है। उन्होंने पूछा कि अगर ऐसी बातें हैं, तो 2005 से 2025 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार और 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? तेजस्वी ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह चर्चा कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ने बिना विषय समझे बीच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो अब सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।" तेजस्वी ने सीधे आरोप लगाया कि "नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि "सरकार में बैठे हुए लोग वोटर चुन रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में वोटर सरकार चुनते हैं।" '55 लाख वोट काटने की साजिश, कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रयास' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके लोगों के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए, तो लोग सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, राशन, छात्रवृत्ति, आवास योजना आदि के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना विषय को समझे हस्तक्षेप किया और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मामले को बिगाड़ा। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि "इतने गंभीर मामले पर चर्चा में गंभीरता नहीं दिखना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष के द्वारा मामले को भटकाने का प्रयास लगता है क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि मतदाताओं के मताधिकार पर चर्चा हो।" तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में करीब 55 लाख वोट काटने की साजिश चल रही है, जिसमें सत्ता पक्ष की भूमिका स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि "चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर कार्य कर रहा है।" उन्होंने चुनाव आयोग के "मनमाने रवैये" और केंद्र सरकार के इशारे पर "अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली" को लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक बताया। महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी SIR को बताया 'लोकतंत्र के अस्तित्व पर हमला' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य महागठबंधन के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अपनी बात रखने और चर्चा करने के लिए होता है, लेकिन आज सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया ताकि मुद्दे को भटकाया जा सके। सीपीआई एमएल के कामरेड महबूब आलम ने SIR को "लोकतंत्र के अस्तित्व को खत्म करने का साजिश" बताया। उन्होंने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूरे देश में नहीं करके बिहार में क्यों की जा रही है, जबकि तीन महीने बाद ही चुनाव हैं। सीपीआई एम के कामरेड अजय कुमार ने इसे "नागरिक अधिकार छीनने की साजिश" बताया और कहा कि यह भाजपा के इशारे पर "चुनाव को हाईजैक करने का मामला" है। सीपीआई के विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि बोलने और वोट देने के अधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वे किसी के भी नागरिक अधिकार और वोट के अधिकार को छीनने नहीं देंगे और ऐसी साजिशों को नाकाम करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।
सम्राट चौधरी का विपक्ष पर हमला: 'नीतीश के उपराष्ट्रपति बनने पर NDA लेगा फैसला, SIR पर भ्रम फैला रहा विपक्ष'*
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दोनों सदन में आज SIR के बारे में विरोधी दल के लोगों ने काला कपड़ा पहनकर विरोध जताया इस पर मैं बताना चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है किसी भी पिछले दलित दलित समाज या कोई सामान्य जो भारत का नागरिक है हुआ किसी का मतदाता सूची से नाम नहीं कटेगा. लगभग 98% लोगों ने अपने पुणे परीक्षण के दौरान फॉर्म जमा किया 19 लाख लोग ऐसे पाए गए जिनकी मृत्यु हो गई है लगभग 20 लाख लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर गए हुए हैं लगभग 8 लाख लोग जो एक जगह से अधिक जगह पर उनका वोटर लिस्ट में नाम है लेकिन SIR से स्पष्ट है कि भारत के जो नागरिक है उनका वोटर लिस्ट में नाम रहेगा. इस पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है 26 तारीख को अब पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है, ड्रॉप कॉपी आएगा तब सभी पार्टियों को अधिकार होगा कि आप आवेदन डाल सकते हैं और ऑब्जेक्शन भी कर सकते हैं लेकिन सिर्फ और सिर्फ विरोधी दल कांग्रेस पार्टी हो आरजेडी हो चाहे बीजेपी हो यह लोग सब गुमराह कर रहे हैं बिहार के लोगों को 1990 में कहा था कि बांग्लादेशी को चुन चुन कर बाहर करेंगे ममता बनर्जी 2005 में लोकसभा के अंदर कहा था कि हम बांग्लादेशी को बाहर करेंगे तो आज यदि किशनगंज जिले में अचानक 10 गुना अधिक आवश्यक प्रमाण पत्र 120% से अधिक आधार कार्ड दिखाई दे रहा है इसकी जांच तो होनी ही चाहिए जांच हो रहा है निर्वाचन आयोग कर रहा है सरकार भी इसको गंभीरता से ले रहा है आगे भी इसके ऊपर कारवाई की जाएगी *काला कपड़ा यह लोग पहनकर आ रहे, यह लोग के ऊपर शनिश्चरा ग्रह आ गया है ज्यादा हावी हो रहे हैं
आज से संसद का मानसून सत्र, पहलगाम हमले से लेकर ट्रंप और एसआईआर पर हंगामा तय

#parliamentmonsoonsession

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। यह सत्र 21 अगस्त यानी 32 दिन तक चलेगा। इसमें 21 बैठकें होंगी। पीएम मोदी आज सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से रू-ब-रू होंगे। ऑपरेशन सिंदूर समेत मुख्य मुद्दों पर पीएम मोदी नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान देंगे। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष को इससे जुड़े सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी

17 अहम बिल पेश होंगे

आज से शुरू होने वाले सत्र में 17 अहम बिल पेश होंगे और साथ ही सरकार कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा करेगी। केंद्र सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।

विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए

इस सत्र के हंगामेमदार रहने के भी आसार हैं। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए हैं, जिनपर वो सरकार की घेरेबंदी करेगा।बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अहमदाबाद विमान हादसा जैसे अहम मुद्दों पर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार

सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जवाब दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर नियमानुसार चर्चा को तैयार है। पीएम मोदी से जवाब की मांग पर रिजिजू ने कहा, विदेश यात्राओं को छोड़ दिया जाए, तो प्रधानमंत्री सत्र के दौरान हमेशा संसद में रहते हैं। हालांकि, उनसे हमेशा सदन में बैठे रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। जब भी सत्र चल रहा होता है, केंद्रीय मंत्री अपने विभागों से जुड़े प्रश्नों पर जवाब देने के लिए उपलब्ध होते हैं।

तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप: "बिहार में वोटों की चोरी", "अस्तित्व छीनने की साजिश"

पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज अपने पटना स्थित आवास पर इंडिया महागठबंधन के नेताओं के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार में चल रही मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रहा है और यह "वोट की चोरी" व लोगों के "अस्तित्व छीनने की साजिश" है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि एस.आई.आर. और उसकी प्रक्रिया को लेकर जो संदेह इंडिया महागठबंधन को पहले से था, वह अब हकीकत में सामने आ गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली और बिहार में चुनाव आयोग से इंडिया महागठबंधन के नेताओं के शिष्टमंडल मिले, लेकिन आयोग ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी चुनाव आयोग द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे स्पष्ट होता है कि "दाल में कुछ काला है"। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता पर "अमित शाह द्वारा दिए गए काम में लगे रहने" का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया और न्याय व लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी बताया कि 19 जुलाई, 2025 को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया महागठबंधन के नेताओं की बैठक होगी, जिसमें वे भी शामिल रहेंगे।

संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी, सीपीआई (माले) के धीरेन्द्र झा, सीपीआई की निवेदिता झा, सीपीआई (एम) के अरुण कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता प्रो. मनोज झा, राज्यसभा सांसद संजय यादव, प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद उपस्थित थे।

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि तीन दिन पहले सूत्रों के हवाले से 35 लाख वोट हटाए जाने की खबरें सामने आई थीं, और उन्हीं बातों को चुनाव आयोग ने तीन दिन बाद प्रेस नोट के माध्यम से स्वीकार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रक्रिया अभी चल रही है और एस.आई.आर. में आठ दिन शेष हैं, तो इतनी बड़ी संख्या में वोटरों के नाम कटने की बातें कैसे सामने आ गईं? उन्होंने दावा किया कि बिहार में पत्रकारों को सच्चाई दिखाने पर मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि बी.एल.ओ. पर दबाव बनाकर, फर्जी दस्तखत के सहारे, भाजपा के लोगों के माध्यम से मतदाताओं के नाम उनकी जानकारी के बिना फर्जी ढंग से अपलोड किए जा रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो फुटेज भी दिखाया।

"लोगों के अधिकार ही नहीं, अस्तित्व भी छीना जा रहा है":

तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को लोगों के "अधिकार ही नहीं, उनके अस्तित्व को भी छीनने" की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र में ऐसी बात है जिससे लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया जाए और उन्हें राशन, पेंशन, आरक्षण, किसान सम्मान निधि, सब्सिडी, छात्रवृत्ति, आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जनकल्याणकारी योजनाएं और अन्य नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया जाए। उन्होंने इसे एक बड़ी साजिश करार दिया। साथ ही, उन्होंने पंचायत राज व्यवस्था में पंचायत चुनाव के समय भी उनके मत को काटने की साजिश की आशंका जताई और पंचायत जनप्रतिनिधियों व नगर निगम के वार्ड पार्षदों से इस मामले में सजग रहने की अपील की।

उन्होंने दावा किया कि बिहार में 12 से 15 प्रतिशत वोटरों के नाम काटने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 17 दिनों से चल रही प्रक्रिया में 22 हजार ऐसी बूथें हैं जहाँ अब तक बी.एल.ओ. ने इस पर कोई एक्सरसाइज नहीं किया है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कोई भी जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं दे रहा है और ईमानदारी से काम नहीं हो रहा है, जो संविधान को खत्म करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास है।

उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए के अंदर चंद्रबाबू नायडू ने भी एस.आई.आर. पर सवाल उठाए हैं, लेकिन भाजपा और नीतीश कुमार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने दियारा क्षेत्र में गरीबों के वोट काटने की सुनियोजित साजिश का आरोप लगाया, जहाँ चौथी पीढ़ी तक के लोगों से कागजात मांगे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने प्रकोष्ठ के माध्यम से फायदा लेने का प्रयास कर रही है और चुनाव आयोग भी एक दल और एनडीए को फायदा पहुंचाने में लगा है।

इंडिया महागठबंधन के अन्य नेताओं का समर्थन:

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि फर्जीवाड़े की आशंका पहले से थी, जिसकी पुष्टि चुनाव आयोग के कार्यों से हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुन-चुनकर लोगों के नाम फर्जी तरीके से बाहर किए जा रहे हैं और सरनेम देखकर ऐसे वोटरों पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जब वे चुनाव आयोग से मिले थे तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता ने कहा था कि 20 प्रतिशत नाम कटेंगे, जिसका मतलब है कि 08 करोड़ वोटरों में से 02 करोड़ वोटरों को वंचित करने की साजिश चल रही है।

वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने इसे लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश बताया और कहा कि अतिपिछड़ा, दलित और अन्य गरीब लोगों को वोट से वंचित करने की साजिश है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों और नगर निगम के प्रतिनिधियों से सजग रहने की अपील की।

सीपीआई (माले) के धीरेन्द्र झा ने कहा कि जनता ने उनके खांचे में ढलने से मना कर दिया है, इसलिए बिहार में जनता के अधिकार को ही खत्म किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि 40 से 50 प्रतिशत ही जमीन पर काम हुए हैं, बाकी सत्ता पक्ष के इशारे पर हो रहे हैं।

सीपीआई की निवेदिता झा ने कहा कि आम नागरिकों, महिलाओं, वंचितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों, अल्पसंख्यकों के हक और अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग कठपुतली की तरह काम कर रहा है और उन्होंने अपना स्वयं का उदाहरण दिया, जहाँ बिना फार्म भरे उनके डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर दिए गए थे।

सीपीआई (एम) के अरुण कुमार ने कहा कि वे आम जनता के बीच जा रहे हैं और भाजपा की इस साजिश के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे, जो संवैधानिक संस्थाओं को खोखला कर रही है।

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण: 86.32% गणना प्रपत्र जमा, अंतिम 10 दिनों में बीएलओ करेंगे घर-घर संपर्क


पटना, 15 जुलाई 2025 – बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत मतदाता सूची को अद्यतन करने का कार्य तेजी से जारी है। अब तक राज्य में 86.32% गणना प्रपत्र (Enumeration Forms - EF) एकत्र किए जा चुके हैं, और शेष मतदाताओं से संपर्क स्थापित करने के लिए लगभग 1 लाख बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) जल्द ही घर-घर जाकर सर्वेक्षण का तीसरा दौर शुरू करेंगे। यह अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कोई भी पात्र मतदाता प्रारूप मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित न रहे।

राज्य में कुल 7,89,69,844 मतदाताओं में से 6,81,67,861 ने अपने गणना प्रपत्र जमा कर दिए हैं। मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित और एक से अधिक स्थानों पर नामांकित व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए, एसआईआर के ईएफ संग्रह चरण में बिहार के लगभग 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 90.84% को कवर किया गया है। अब 25 जुलाई की अंतिम समय-सीमा से पहले केवल 9.16% मतदाताओं को अपने भरे हुए ईएफ जमा करने हैं।

शेष मतदाताओं को समय पर अपने प्रपत्र भरने और 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बिहार के सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के 5,683 वार्डों में विशेष शिविर स्थापित किए गए हैं और समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। बीएलओ मतदाताओं को अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके ECINet ऐप या https://voters.eci.gov.in पर ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से अपने फॉर्म ऑनलाइन भरने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।

ECINet के माध्यम से, मतदाता अपने EF ऑनलाइन भर सकते हैं और 2003 ईआर में अपने नाम भी खोज सकते हैं। वे ECINet ऐप का उपयोग करके अपने बीएलओ सहित अपने चुनाव अधिकारियों से भी जुड़ सकते हैं। आज शाम 6.00 बजे तक प्लेटफॉर्म पर 6.20 करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड किए जा चुके हैं। अपने ईएफ जमा करने की स्थिति की जांच के लिए एक नया मॉड्यूल आज रात https://voters.eci.gov.in पर लाइव हो जाएगा।

बीएलओ के प्रयासों में सभी राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) भी सहायता कर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक प्रतिदिन 50 ईएफ तक प्रमाणित और जमा कर सकता है। शहरी क्षेत्रों में किसी भी पात्र मतदाता के छूटने को रोकने के लिए, सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के सभी 5,683 वार्डों में विशेष शिविर भी लगाए जा रहे हैं।

बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण: 83.66% प्रपत्र जमा, ECI ने पारदर्शिता और पहुंच बढ़ाने के लिए उठाए कदम

बिहार में चल रहे SIR (सिस्टमैटिक इनरोलमेंट रिविजन) में भरे हुए गणना प्रपत्र (EFs) जमा करने की अंतिम तिथि में 11 दिन शेष रहने के साथ, BLOs (बूथ लेवल अधिकारी) द्वारा घर-घर जाकर किए गए दो दौर के बाद, बिहार में 7,89,69,844 मतदाताओं में से 6,60,67,208 या 83.66% मतदाताओं के EF एकत्र किए गए हैं।

अब तक 1.59% मतदाताओं को मृत पाया गया है, 2.2% स्थायी रूप से स्थानांतरित पाए गए हैं और 0.73% व्यक्ति एक से अधिक स्थानों पर नामांकित पाए गए हैं।

इसलिए, 88.18% मतदाताओं ने या तो पहले ही अपना EF जमा कर दिया है या उनकी मृत्यु हो गई है या उन्होंने अपना नाम एक ही स्थान पर रखा है या वे अपने पिछले निवास स्थान से स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं। अब केवल 11.82% मतदाताओं को अपने भरे हुए EF जमा करने हैं और उनमें से कई ने आने वाले दिनों में दस्तावेजों के साथ अपने गणना प्रपत्र जमा करने के लिए समय मांगा है।

ECI (भारत निर्वाचन आयोग) यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और शेष मतदाता अपने EF भरें। लगभग 1 लाख BLOs जल्द ही अपने घर-घर जाकर दौरे का तीसरा दौर शुरू करेंगे। उनके प्रयासों को सभी राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1.5 लाख BLAs (बूथ लेवल एजेंट) द्वारा बढ़ाया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक प्रति दिन 50 EF तक प्रमाणित और जमा कर सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र शहरी मतदाता ER (इलेक्टोरल रोल) से न छूटे, बिहार के सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के सभी 5,683 वार्डों में विशेष शिविर भी लगाए जा रहे हैं।

उन मतदाताओं के लिए जो अस्थायी रूप से राज्य से बाहर चले गए हैं, समाचार पत्रों के विज्ञापनों और ऐसे मतदाताओं के साथ सीधा संपर्क के माध्यम से केंद्रित प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे समय पर अपने EF भर सकें और 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाले प्रारूप मतदाता सूची में उनके नाम भी शामिल किए जा सकें। ऐसे मतदाता ECINet ऐप के माध्यम से अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके या https://voters.eci.gov.in पर ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से आसानी से EF ऑनलाइन भर सकते हैं (SIR दिशानिर्देशों के पैरा 3(d) के अनुसार)। वे अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से या व्हाट्सएप या इसी तरह के अनुप्रयोगों सहित किसी भी ऑनलाइन माध्यम से संबंधित BLOs को अपने फॉर्म भी भेज सकते हैं।

नवीनतम तकनीक और डिजिटलीकरण के उपयोग की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, ECI द्वारा हाल ही में लॉन्च किया गया ECINet प्लेटफॉर्म, एक एकल एकीकृत प्लेटफॉर्म है जो पहले के 40 विभिन्न ECI अनुप्रयोगों को subsume कर रहा है, इसे बिहार SIR अभ्यास के सभी पहलुओं के लिए भी तैयार किया गया है और यह कुशलता से चल रहा है।

ECINet के माध्यम से, मतदाता अपने इलेक्ट्रॉल फॉर्म ऑनलाइन भरने और जहां भी लागू हो, 2003 मतदाता सूची में अपने नाम खोजने में सक्षम हैं। मतदाता ECINet ऐप का उपयोग करके अपने चुनाव अधिकारियों, जिसमें उनके BLOs भी शामिल हैं, से भी जुड़ सकते हैं।

ECINet क्षेत्र-स्तर के चुनाव पदाधिकारियों के लिए फॉर्म और दस्तावेजों को अपडेट करने की प्रक्रिया को भी तेज कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप आज शाम 6.00 बजे तक 5.74 करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड किए गए हैं। ECINet के दस्तावेज़ समीक्षा मॉड्यूल ने AEROs (सहायक चुनावी पंजीकरण अधिकारी), EROs (चुनावी पंजीकरण अधिकारी) और DEOs (जिला चुनाव अधिकारी) द्वारा मतदाताओं की पात्रता के सत्यापन की गति को भी सुव्यवस्थित तरीके से तेज किया है।

बिहार में मतदाता गणना प्रपत्र संग्रह में तेजी: 74% से अधिक फॉर्म जमा, 25 जुलाई अंतिम तिथि

पटना, बिहार: बिहार में मतदाता गणना प्रपत्र संग्रह का कार्य तेजी से चल रहा है, और अंतिम तिथि से 14 दिन पहले ही 74.39% प्रपत्र जमा कर लिए गए हैं। राज्य के कुल 7,89,69,844 (लगभग 7.90 करोड़) मतदाताओं में से अब तक 5,87,49,463 गणना प्रपत्र एकत्र किए जा चुके हैं।

घर-घर जाकर बीएलओ कर रहे सहायता

सार्वजनिक सूचना रजिस्ट्री (SIR) के दूसरे चरण में, बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) घर-घर जाकर मतदाताओं की सहायता कर रहे हैं और उनके भरे हुए गणना प्रपत्र एकत्र कर रहे हैं। इस प्रक्रिया की प्रगति पर 38 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs), सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (EROs), और 963 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AEROs) सहित क्षेत्र-स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।

डिजिटलीकरण और सत्यापन प्रक्रिया जारी

गणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण और अपलोडिंग भी सुचारु रूप से आगे बढ़ रही है। SIR दिशानिर्देशों के पैरा 3(H) के अनुसार, BLOs ने अब तक एकत्र किए गए कुल गणना प्रपत्रों में से 3.73 करोड़ प्रपत्रों को BLO ऐप/ECInet के माध्यम से सफलतापूर्वक डिजिटाइज्ड और अपलोड कर दिया है। आज, अपलोड किए गए प्रपत्रों के AERO/ERO द्वारा सत्यापन के लिए ECInet में एक नया मॉड्यूल भी लागू किया गया है, जिससे प्रक्रिया में और पारदर्शिता आएगी।

अथक प्रयास और सामूहिक योगदान

24 जून, 2025 को SIR निर्देश जारी होने के बाद से पिछले 17 दिनों में यह उपलब्धि हासिल की गई है। गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है। इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए 77,895 BLOs, 20,603 नव नियुक्त BLOs और अन्य चुनाव अधिकारी अथक प्रयास कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों (PWDs), बीमार और कमजोर आबादी को सहायता प्रदान कर रहे हैं। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों (BLAs) की 1.56 लाख सक्रिय शक्ति ने भी इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे 74.39% गणना प्रपत्रों के संग्रह में सफलता मिली है।

ट्रेड यूनियनों का भारत बंद आज, हड़ताल पर 25 करोड़ कर्मचारी, बिहार में सबसे ज्यादा असर

#bharatbandh25croreemployeesstrikenationwide

पूरे देश में आज ट्रेड यूनियनों ने 'भारत बंद' का ऐलान किया है। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर यह बंद बुलाया है। बैंक, बीमा, डाक, कोयला खदान, हाईवे और कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्रों के लगभग 25 करोड़ कर्मचारी इसमें शामिल हैं।भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। दरअसल, बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और अन्य महागठबंधन विपक्षी दलों ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) के विरोध में बंद करने का ऐलान किया है।वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी भारत बंद का असर दिख रहा है।

बिहार में सबसे ज्यादा असर

भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। हाजीपुर, अररिया, दानापुर में चक्काजाम किया गया है। राजधानी में भी जाम का असर दिखने लगा है। विपक्षी दलों के कार्यकर्ता चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, पटना, जहानाबाद और भोजपुर में भी ट्रेनें रोक दी गई है। आरा स्टेशन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फरक्का एक्सप्रेस रोक प्रदर्शन कर रहे हैं। दरंभगा के जयनगर से पटना जाने वाली नमो भारत ट्रेन को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। राजद सहित महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन के आगे खड़े होकर जमकर नारेबाजी करते दिखे।

कोलकाता में आगजनी, पुलिस ने संभाला मोर्चा

वामपंथी दलों के यूनियनों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से बुलाए गए 'भारत बंद' में भाग लिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, उससे सटे हावड़ा जिले के साथ-साथ आसनसोल में भी सुबह से ही भारत बंद का असर दिख रहा है।

ओडिशा के भुवनेश्वर में CITU ने जाम किया नेशनल हाईवे

देशभर में आज बुलाए गए ‘भारत बंद’ का रेल से लेकर रोड तक बड़ा असर दिख रहा है। इस बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन सहित अन्य सेवाओं में व्यापक व्यवधान देखा गया। ओडिशा के भुवनेश्वर में राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध होने और केरल के कोट्टायम में दुकानों व शॉपिंग मॉल के बंद रहने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

भुवनेश्वर में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) की खोरधा जिला इकाई के सदस्यों ने ‘भारत बंद’ के समर्थन में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, मास्टर कैंटीन बस स्टैंड के पास ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर बस सेवाओं को बाधित किया। इससे भुवनेश्वर में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ और यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। CITU के राष्ट्रीय सचिव एआर सिंधु ने कहा, ‘लगभग 25 करोड़ संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक इस हड़ताल में शामिल हैं। बैंकिंग, डाक, कोयला खनन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में सेवाएं प्रभावित होंगी।’

बिहार एसआईआर फॉर्म संग्रह आधे रास्ते तक पहुंचा, 14 दिनों में 46.95% काम पूरा; 17 दिन शेष

पटना, बिहार: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है, और ऐसा लगता है कि गणना फॉर्म संग्रह का कार्य निर्धारित अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2025 से काफी पहले पूरा हो जाएगा. 24 जून, 2025 को एसआईआर निर्देश जारी होने के बाद से पहले 14 दिनों में, कुल 7,89,69,844 (लगभग 7.90 करोड़) मतदाताओं में से 3,70,77,077 गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जो कुल का 46.95% है (8 जुलाई, 2025 को शाम 6 बजे तक).

फॉर्म वितरण और अपलोडिंग की स्थिति

अभियान के पहले दो हफ्तों में, 7.90 करोड़ फॉर्म मुद्रित किए गए थे, और इनमें से 97% से अधिक फॉर्म (7,70,44,990) मतदाताओं को वितरित किए जा चुके हैं. साथ ही, 18.16% फॉर्म ECINET पर अपलोड किए जा चुके हैं. यह देखा गया है कि बड़ी संख्या में संभावित मतदाता एसआईआर आदेश दिनांक 24.06.25 में निर्दिष्ट पात्रता दस्तावेजों के साथ गणना फॉर्म जमा करना पसंद कर रहे हैं.

तेज गति से संग्रह कार्य जारी

अब प्रयास शेष आधे गणना फॉर्म और पात्रता दस्तावेजों को एकत्र करने का है, जबकि 25 जुलाई से पहले अभी भी 17 दिन बाकी हैं. पिछले 24 घंटों में यानी कल शाम 6 बजे से, 82,78,617 गणना फॉर्म एकत्र किए गए हैं, जो एक ही दिन में 10.5% संग्रह के बराबर है. फील्ड में इसी गति को बनाए रखते हुए, और लगभग 50 प्रतिशत फॉर्म शेष रहने के साथ, यह अभ्यास समय पर पूरा किया जा सकता है.

जमीनी स्तर पर बढ़े हुए प्रयास

संग्रह के प्रयासों को तेज करने के लिए जमीनी स्तर पर 20,603 अतिरिक्त बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) जोड़े गए हैं. पहले से ही, 77,895 बीएलओ मतदाताओं को उनके गणना फॉर्म भरने और उन्हें एकत्र करने में मदद करने के लिए घर-घर जा रहे हैं. बीएलओ ने पहले ही प्रत्येक घर में अपनी अनिवार्य तीन विजिट में से पहली पूरी कर ली है, और दूसरी विजिट चल रही है.

लगभग 4 लाख स्वयंसेवक, जिनमें सरकारी अधिकारी, एनसीसी कैडेट, एनएसएस सदस्य आदि शामिल हैं, भी एसआईआर प्रक्रिया में बुजुर्गों, पीडब्ल्यूडी (दिव्यांगजनों), बीमार और कमजोर आबादी को सुविधा प्रदान करने के लिए मैदान में काम कर रहे हैं.

प्रशासनिक और राजनीतिक दलों का सहयोग

इसके अलावा, सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों (ACs) को कवर करने वाले ईआरओ (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी), 963 एईआरओ (सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी), 38 डीईओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) और राज्य के सीईओ (मुख्य निर्वाचन अधिकारी) मतदाताओं को अपने फॉर्म जमा करने की सुविधा के लिए जमीनी स्तर पर मौजूद हैं.

सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों ने भी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) की नियुक्ति तेज कर दी है, और वे सक्रिय रूप से मैदान में भाग ले रहे हैं. आज की तारीख तक, 1,56,626 बीएलए नियुक्त किए जा चुके हैं, जो अभियान की शुरुआत में 1,38,680 थे. वे अभी भी चुनावी रोल पर मैनुअल के 25.2.1 के अनुसार और बीएलए नियुक्त कर सकते हैं.

यह दिखाता है कि बिहार में मतदाता पुनरीक्षण अभियान अपनी तय समय-सीमा के भीतर सफलतापूर्वक पूरा होने की दिशा में अग्रसर है.