उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा मंजूर, पीएम मोदी ने की अच्छे स्वास्थ्य की कामना

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। धनखड़ ने राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र भेजकर पद से इस्तीफे की बात कही थी। उन्होंने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। जिसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मएक्स पर अपने पोस्ट में कहा, जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।

इस्तीफे से पहले पूरे दिन राज्यसभा में सक्रिय रहे

इससे पहले सोमवार को धनखड़ पूरे दिन राज्यसभा में सक्रिय थे। सुबह उन्होंने विपक्ष को संसद को संवाद एवं चर्चा का सकारात्मक मंच बनाने की नसीहत दी और दोपहर बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करते हुए पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट किया। जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ पेश महाभियोग के नोटिस में एक सांसद के दोहरे दस्तखत पर जांच बैठाने की भी घोषणा की थी।

मानसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजकर कहा, 'स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए' मैं तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।

कांग्रेस बोली- पीछे कुछ और गहरे कारण

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद सियासी पारा भी चढ़ गया है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा, इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

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देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, संसद सत्र के बीच पद छेड़ने वाले पहले उपराष्ट्रपति

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक लेटर लिखा है। इसमें स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए डॉक्टरी सलाह के आधार पर यह फैसला किया है। उन्होंने अपने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार करने की बात कहते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला दिया है।

सत्र के बीच में पद से इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया। हालांकि, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही उनका इस्तीफा प्रभावी होगा। इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। सत्र के बीच में पद से इस्तीफा देने वाले धनखड़ देश के पहले उपराष्ट्रपति हैं। साथ ही कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति भी हैं।

1969 में वीवी गिरी ने किया था इस प्रावधान का उपयोग

भारत के संविधान के आर्टिकल 67(A) के तहत उन्‍होंने ये कदम उठाया। भारत के 75 साल के इतिहास में यह दूसरी बार है जब इस नियम का इस्‍तेमाल किया गया है। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जो उपराष्ट्रपति के पद की गरिमा को भी अंडरलाइन करती है। इससे पहले साल 1969 में वीवी गिरी ने इस प्रावधान का उपयोग किया था। इससे पहले 20 जुलाई 1969 को वीवी गिरी ने राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद छोड़ा था। गिरी बाद में भारत के राष्ट्रपति बने। वीवी गिरी का इस्तीफा एक महत्वपूर्ण मिसाल है क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति बनने की महत्वाकांक्षा के चलते पद छोड़ा था।

क्‍या कहता है आर्टिकल 67(A)?

भारतीय संविधान का आर्टिकल 67 उपराष्ट्रपति के कार्यकाल और पद से हटने की प्रक्रिया को परिभाषित करता है। इसके खंड (A) के तहत राष्ट्रपति को लिखित रूप में उपराष्ट्रपति इस्तीफा सौंपकर स्वेच्छा से पद छोड़ सकता है। खंड (B) में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में बहुमत और लोकसभा की सहमति से प्रस्ताव पारित कर हटाया जा सकता है, बशर्ते 14 दिन का नोटिस दिया जाए। धनखड़ ने अनुच्छेद 67(A) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य और चिकित्सकीय सलाह को प्राथमिकता देने की बात कही।

जस्टिस यशवंत वर्मा की बढ़ीं मुश्किलें, महाभियोग के लिए 145 सांसदों ने स्पीकर को सौंपा पत्र

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जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। भले ही जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ दी गई जांच रिपोर्ट को चुनौती दी हो लेकिन केंद्र सरकार ने महाभियोग की तैयारी तेज कर दी है। जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए 145 सांसदों के हस्ताक्षर वाला प्रस्ताव आज सोमवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दिया गया है। बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर जले हुए 500 रुपये के नोटों के ढेर मिले थे, जिसके बाद भारी बवाल देखने को मिला था।

इन नेताओं ने किए हस्ताक्षर

सोमवार को सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के 145 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक ज्ञापन सौंपा। हस्ताक्षर करने वालों में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अलावा बीजेपी से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूड़ी, पीपी चौधरी, सुप्रिया सुले और केसी वेणुगोपाल आदि शामिल हैं। संसद अब जस्टिस के ऊपर लगे आरोपों की जांच करेगी। जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर इस साल 15 मार्च 2025 को काफी संख्या में 500 रुपये के जले-अधजले नोट मिले थे।

किसी जस्टिस को हटाने की क्या है प्रक्रिया

किसी जस्टिस को हटाने के प्रस्ताव पर लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए. प्रस्ताव को सदन के अध्यक्ष/सभापति द्वारा स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है. यदि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो अध्यक्ष या सदन के सभापति न्यायाधीश जांच अधिनियम के अनुसार एक समिति का गठन करते हैं.

जस्टिस वर्मा पर क्या है आरोप ?

इस साल मार्च में जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने की घटना हुई थी और घर के बाहरी हिस्से में एक स्टोररूम से जली हुई नकदी से भरी बोरियां बरामद हुई थीं। उस समय जस्टिस वर्मा दिल्ली उच्च न्यायालय में पदस्थ थे। जस्टिस वर्मा को बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन उन्हें कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपा गया। तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना के आदेश पर हुई आंतरिक जांच में उन्हें दोषी ठहराया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की ईडी को कड़ी फटकार, सीजेआई बोले-हमारा मुंह मत खुलवाइए, नहीं तो कठोर टिप्पणी करनी पड़ेगी

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय ईडी को जमकर फटकार लगाई है। जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने ईडी पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ बोलने पर मजबूर मत करो, वरना हमें कुछ कठोर कहना पड़ सकता है। ये टिप्पणी सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने सोमवार को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट बोर्ड (MUDA) केस में ईडी की अपील की सुनवाई के दौरान की।

दरअसल, ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को MUDA केस में समन भेजा था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मार्च में यह समन रद्द कर दिया था। ईडी ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आखिर में ईडी की अपील खारिज कर दी और कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।

राजनीतिक लड़ाई में इस्तेमाल ना होने की चेतावनी

ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 'श्रीमान राजू, कृप्या हमें अपना मुंह खोलने के लिए मजबूर न करें। वर्ना हमें ईडी के खिलाफ कुछ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ेगा। दुर्भाग्य से, मुझे महाराष्ट्र में इसे लेकर कुछ अनुभव है। इसे पूरे देश में मत फैलाइए। राजनीतिक लड़ाई को मतदाताओं के सामने लड़ने देना चाहिए, उसमें आप क्यों इस्तेमाल हो रहे हैं।

MUDA केस क्या है

साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई।

क्या है MUDA मामला?

सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी, जो उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार में दी थी। जमीन को MUDA ने विकास के लिए अधिग्रहित किया, जिसके बदले पार्वती को विजयनगर तीसरे और चौथे चरण के लेआउट में 38,283 वर्ग फीट जमीन दी गई। आरोप है कि केसारे गांव की तुलना में जमीन की कीमत अधिक है। मामले को पहले निचली कोर्ट, फिर हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था।

मॉनसूत्र सत्र से पहले पीएम मोदी ने किया ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र, बोले- पूरी दुनिया ने भारत का सैन्य सामर्थ्य देखा

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संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत।संसद के मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा कि यह मानसून सत्र देश के लिए बेहद गौरवपूर्ण है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत के कदम रखने और ऑपरेशन सिंदूर में उसके पराक्रम का उदाहरण दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानसून सत्र में आप सभी का स्वागत है। मानसून सत्र नवीनता का प्रतीक है। अब तक जो खबरें हैं, देश में मौसम बहुत ही अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है। कृषि को लाभदायक मौसम की खबरें हैं। बारिश देश और ग्रामीण, हर परिवार की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है। अब तक की जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 वर्ष के मुकाबले इस बार का पानी भंडार तीन गुना बढ़ा है। यह सत्र राष्ट्र के लिए गौरवपूर्ण सत्र है। यह सत्र देश के लिए अपने आप में विजयोत्सव है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम कह रहे हैं कि सत्र राष्ट्र गौरव और विजयोत्सव का सत्र है तो सबसे पहले तो मैं पहली बार इंटनेशनल स्पेस स्टेशन पर भारत का तिरंगा झंडा लहराना, हर देशवासी के लिए गौरव का पल है। देश में विज्ञान के प्रति इनोवेशन के प्रति नया उमंग और उत्साह भरने वाली सफल यात्रा रही है। सांसद, दोनों सदन, हर देशवासी जिस गौरव का अनुभव कर रहे हैं, उसमें एक स्वर से यशगान होगा, जो भारत को अंतरिक्ष में पहुंचाने का जो भावी कार्यक्रम है, उसका प्रेरक बनेगा।

सभी सांसदों से पीएम मोदी की खास अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के सांसदों और उनकी पार्टियों के विदेश दौरे की सराहना की और कहा कि उन्होंने सकारात्मक माहौल बनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों के पराक्रम का बखान करते हुए सांसदों और विभिन्न दलों से एकता का संदेश देने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि संसद का मानसून सत्र सकारात्मक चर्चा और जनहित के कार्यों के लिए जाना जाएगा। उन्होंने सभी सांसदों से इस विजयोत्सव में सहभागी बनने और देश की प्रगति में रचनात्मक भूमिका निभाने की अपील की।

ऑपरेशन सिंदूर 100 फीसदी सफल-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा, पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति, सैन्य सामर्थ्य का रूप देखा है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जो लक्ष्य तय किया था, उसे 100 प्रतिशत हासिल किया. 22 मिनट में आतंक के अड्डों को जमींदोज कर दिया गया। बिहार के कार्यक्रम के दौरान जो घोषणा की थी, बहुत ही कम समय में सेना वो कर के दिखा दिया। मेक इन इंडिया की ताकत पूरी दुनिया ने देखी है। जब भी मैं विदेश में साथियों से मिलता हूं तो उसकी तारीफ होती है।

आज से संसद का मानसून सत्र, पहलगाम हमले से लेकर ट्रंप और एसआईआर पर हंगामा तय

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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। यह सत्र 21 अगस्त यानी 32 दिन तक चलेगा। इसमें 21 बैठकें होंगी। पीएम मोदी आज सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से रू-ब-रू होंगे। ऑपरेशन सिंदूर समेत मुख्य मुद्दों पर पीएम मोदी नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान देंगे। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष को इससे जुड़े सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी

17 अहम बिल पेश होंगे

आज से शुरू होने वाले सत्र में 17 अहम बिल पेश होंगे और साथ ही सरकार कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा करेगी। केंद्र सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।

विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए

इस सत्र के हंगामेमदार रहने के भी आसार हैं। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए हैं, जिनपर वो सरकार की घेरेबंदी करेगा।बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अहमदाबाद विमान हादसा जैसे अहम मुद्दों पर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार

सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जवाब दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर नियमानुसार चर्चा को तैयार है। पीएम मोदी से जवाब की मांग पर रिजिजू ने कहा, विदेश यात्राओं को छोड़ दिया जाए, तो प्रधानमंत्री सत्र के दौरान हमेशा संसद में रहते हैं। हालांकि, उनसे हमेशा सदन में बैठे रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। जब भी सत्र चल रहा होता है, केंद्रीय मंत्री अपने विभागों से जुड़े प्रश्नों पर जवाब देने के लिए उपलब्ध होते हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा का 'एक्स' हैंडल हैक: मुख्यमंत्री सोरेन ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश

रांची, झारखंड में राजनीतिक गहमागहमी के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल हैक कर लिया गया है। इस घटना की जानकारी स्वयं झारखंड के मुख्यमंत्री और JMM के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने दी। उन्होंने बताया कि पार्टी के सोशल मीडिया अकाउंट पर अनाधिकृत पहुंच बनाई गई है और इस मामले में उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

यह घटना तब सामने आई जब JMM के 'एक्स' हैंडल से कुछ असामान्य और आपत्तिजनक पोस्ट किए गए, जिसने पार्टी कार्यकर्ताओं और फॉलोअर्स के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर दी। मुख्यमंत्री सोरेन ने इस हैकिंग को गंभीरता से लेते हुए झारखंड पुलिस के साइबर सेल और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सोशल मीडिया अकाउंट की हैकिंग नहीं, बल्कि पार्टी की छवि और विश्वसनीयता को धूमिल करने का एक प्रयास है।

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक दलों को निशाना बनाने के लिए की जा सकती हैं, खासकर चुनाव से पहले या महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रमों के दौरान। JMM के अधिकारियों ने फिलहाल सभी फॉलोअर्स से हैक किए गए हैंडल से आने वाली किसी भी पोस्ट पर ध्यान न देने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक अकाउंट को सुरक्षित नहीं कर लिया जाता, तब तक उस हैंडल से की गई कोई भी पोस्ट पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं मानी जाएगी।

इस घटना ने एक बार फिर राजनीतिक दलों और सार्वजनिक हस्तियों के लिए साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है। उम्मीद है कि पुलिस इस मामले की त्वरित जांच कर दोषियों का पता लगाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता: पिछले छह महीनों में 197 गिरफ्तार

झा. डेस्क

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षाबलों को पिछले छह महीनों में बड़ी सफलता मिली है. इस अवधि में कुल 197 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इसके अलावा, सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 17 नक्सली मारे गए हैं. यह आंकड़े राज्य में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के ठोस प्रयासों को दर्शाते हैं.

पुलिस महानिदेशक (DGP) के अनुसार, इस अभियान में मारे गए और पकड़े गए नक्सलियों में कई शीर्ष कमांडर और इनामी अपराधी शामिल हैं. सुरक्षाबलों की रणनीति में बदलाव और खुफिया जानकारी के बेहतर इस्तेमाल से यह सफलता मिल रही है. नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार गश्त, छापेमारी और स्थानीय लोगों से समन्वय स्थापित कर अभियान को तेज किया जा रहा है.

वर्तमान में, 55 इनामी नक्सलियों पर कुल 8.45 करोड़ रुपये का इनाम घोषित है, और उनकी तलाश युद्धस्तर पर जारी है. इन इनामी नक्सलियों में कई ऐसे नाम शामिल हैं जिन पर राज्य में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है. सुरक्षाबल इन नक्सलियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं, जिसमें तकनीकी निगरानी और मानव खुफिया जानकारी का समन्वय किया जा रहा है.

झारखंड सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए आकर्षक पुनर्वास नीति भी लागू की है, जिसका उद्देश्य उन्हें मुख्यधारा में लौटने और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है. यह नीति उन नक्सलियों को प्रेरित कर रही है जो हिंसा का रास्ता छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन अपनाना चाहते हैं. सरकार और सुरक्षाबलों का यह संयुक्त प्रयास राज्य को नक्सलवाद मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति की उम्मीदें बढ़ रही हैं.

शाहरुख खान 'किंग' की शूटिंग के दौरान घायल, इलाज के लिए अमेरिका रवाना

झा. डेस्क

मुंबई से एक दुखद खबर सामने आई है: बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान अपनी आगामी फिल्म 'किंग' की शूटिंग के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह घटना मुंबई के गोल्डन टोबैको स्टूडियो में एक एक्शन सीक्वेंस फिल्माते समय हुई। हालांकि चोट की सटीक प्रकृति और कारण का खुलासा अभी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शाहरुख खान को मांसपेशियों में खिंचाव आया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, शाहरुख खान इलाज के लिए तत्काल अमेरिका रवाना हो गए हैं। प्रोडक्शन से जुड़े करीबी सूत्रों ने बताया है कि हालांकि चोट बहुत गंभीर नहीं है, यह सिर्फ मांसपेशियों में खिंचाव है, लेकिन अभिनेता को पिछले कुछ सालों में स्टंट करते हुए कई बार चोटें लग चुकी हैं। इसलिए उनकी टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियातन विदेश में सर्वश्रेष्ठ इलाज कराने का फैसला किया है।

इस चोट के कारण 'किंग' की शूटिंग रोक दी गई है। डॉक्टरों ने शाहरुख खान को कम से कम एक महीने का पूर्ण आराम लेने की सलाह दी है, जिससे फिल्म का शेड्यूल बुरी तरह प्रभावित हुआ है। फिल्म सिटी, गोल्डन टोबैको और वाईआरएफ स्टूडियो जैसे प्रमुख लोकेशन, जो जुलाई और अगस्त के लिए बुक थे, अब अगली सूचना तक रद्द कर दिए गए हैं। उम्मीद है कि फिल्म की शूटिंग सितंबर या अक्टूबर में फिर से शुरू हो पाएगी। यह खबर शाहरुख के प्रशंसकों और फिल्म उद्योग दोनों के लिए चिंता का विषय है, जो उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

इस बीच जो खबर सामने आयी कि उनका अमेरिका में सफल ओपरेशन हुआ जहाँ डॉक्टर ने उन्हें एक महीना आराम करने क़ी सलाह दी है.