रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, गुरुग्राम ज़मीन घोटाले में ईडी ने दाखिल की चार्जशीट
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कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वाड्रा के खिलाफ हरियाणा के शिकोहपुर में हुए जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है।ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून की धाराओं के तहत ये चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने मामले में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी संस्थाओं से जुड़ी 36 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 43 संपत्तियां कुर्क की हैं।
आरोपपत्र के अनुसार वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में 7.5 करोड़ रुपए में 3.53 एकड़ ज़मीन खरीदी थी। जबकि परियोजना पूरी किए बिना ही उतनी ही ज़मीन 58 करोड़ रुपए में बेच दी गई। आरोपपत्र में रॉबर्ट वाड्रा को आरोपी बनाया गया है। उनके साथ ही इसमें और भी कई लोगों और कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। इस मामले में एजेंसी ने वाड्रा से 18 घंटे से ज़्यादा समय तक पूछताछ की। इसके साथ ही हरियाणा के कई अन्य कांग्रेस नेताओं से भी पूछताछ की गई। आरोपपत्र में उनके बयानों का ज़िक्र है।
क्या है वाड्रा पर आरोप
वाड्रा पर आरोप हैं कि उनसे जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपsमें 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी. इस सौदे का म्यूटेशन भी असामान्य तरीके से कर दिया गया. आरोप है कि हरियाणा के तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को इसका लाइसेंस दिया था. आवासीय परियोजना का लाइसेंस मिलने के बाद जमीन की कीमत बढ़ गई. बाद में वाड्रा से जुड़ी कंपनी ने कंपनी ने ये जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ में बेच दी।
मामले का खुलासा आईएएस अशोक खेमका ने किया था
आगे चलकर हुड्डा सरकार ने आवासीय परियोजना का लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर कर दिया। आरोप है कि इस पूरी डील में कई अनियिमताएं की गई। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे से जुड़े मामले में केस दर्ज किया। आगे चलकर ईडी ने भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की। राबर्ट वाड्रा से जुड़े इस मामले में हुई गड़बड़ी का खुलासा आईएएस अशोक खेमका ने किया था।
क्या है पूरा मामला?
• 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने एक एफआईआर (नं. 288) दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव (सेक्टर 83) में 3.53 एकड़ ज़मीन धोखाधड़ी से खरीदी थी। यह ज़मीन उन्होंने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. से 12 फरवरी 2008 को खरीदी थी और इसमें झूठा दस्तावेज़ी बयान देने का आरोप है।
• आरोप ये भी है कि वाड्रा ने अपना निजी प्रभाव इस्तेमाल करके इस ज़मीन के लिए कमर्शियल लाइसेंस भी हासिल कर लिया।
• अब इस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 जुलाई 2025 को एक अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया है। इसके तहत रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों जैसे स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. की कुल 43 अचल संपत्तियां जिनकी कीमत 37.64 करोड़ रुपये है, कुर्क की गई हैं।
• इसके बाद 17 जुलाई 2025 को राउज़ एवेन्यू कोर्ट, नई दिल्ली में इस मामले में 11 लोगों/संस्थाओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इसमें रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनियां, सत्यनंद याजी, केवल सिंह विर्क, और उनकी कंपनी ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. को आरोपी बनाया गया है।
• हालांकि, अभी कोर्ट ने इस चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया है यानी अदालत ने अभी यह तय नहीं किया है कि इन आरोपों पर मुकदमा चलाया जाएगा या नहीं।
7 hours ago