प्राथमिक शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगिण विकास की आधारशिला है दीपक सिंह शाखा प्रबंधक
ओमप्रकाश वर्मा नगरा बलिया । बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु स्कूल चलो अभियान रैली का आरम्भ भारतीय स्टेट बैंक नगरा के शाखा प्रबंधक दीपक कुमार सिंह एवं खंड शिक्षा अधिकारी नगरा आर पी सिंह के हरी झंडी दिखाकर किया। रैली में बच्चे हाथों में शिक्षा प्रेरक नारे लिखी तख्तियां लिए आधी रोटी खाएंगे, स्कूल पढ़ने जाएंगे उद्घोष करते चल रहे थे। स्कूल चलो अभियान रैली उच्च प्राथमिक विद्यालय नगरा परिसर से प्रारंभ होकर पृथ्वीराज चौहान चौक से होते हुए आर एन इंटरनेशनल स्कूल के बग़ल से बढ़ते हुए प्राथमिक विद्यालय चचयां पर संगोष्ठी में समाहित हुई। रैली में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए दीपक सिंह ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा व्यक्ति विकास की आधारशिला है। खंड शिक्षा अधिकारी नगरा आर पी सिंह ने कहा कि सरकार बच्चों के जीवन में तर्क, चिंतन, गुणात्मक शिक्षा और वैज्ञानिक संबोध के संचार हेतु दृढ़ संकल्पित है। इस हेतु नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षाअधिकार की व्यवस्था की गई है जिसके लिए नि:शुल्क शिक्षा, मध्यान्ह भोजन,फल,दूध, पुस्तक, ड्रेस, जूता, मोजा, स्वेटर, कहानी की पुस्तकें आदि सुविधाएं प्रदान की गई हैं। कार्यक्रम में दयाशंकर, राम,ब्रजेश कुमार सिंह,  मनोज सिंह, जितेंद्र सिंह, बीरेंद्र प्रताप यादव, ओम प्रकाश, सुदीप तिवारी, दयाशंकर, बालचंद, कृष्णा कुशवाहा सभासद, लालबहादुर सिंह सभासद,नगर पंचायत नगरा में अवस्थित समस्त विद्यालयों के समस्त स्टाफ एवं बच्चों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम सम्पादन में संजीव सिंह, बच्चा लाल, निर्मल, दुर्गेश प्रजापति, बृजेश आदि ने विशेष सहयोग प्रदान किया। बीरेंद्र प्रताप यादव ने कार्यक्रम में आए हुए प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन रामकृष्ण मौर्य ने किया।
बच्चों ने निकाली स्कूल चलो अभियान की रैली:21वीं सदी की यहीं पुकार, शिक्षा है सबका अधिकार’ ‘हर घर में चिराग जलेगा, हर बच्चा स्कूल चलेगा’ ‘
संजीव सिंह बलिया!हनुमानगंज:आज दिनांक 9-7-2025 को शिक्षा क्षेत्र हनुमानगंज की ब्लाक स्तरीय स्कूल चलो अभियान की रैली का आयोजन कम्पोजिट विद्यालय मिड्ढा से किया गया।  खण्ड शिक्षा अधिकारी हनुमानगंज माधवेंद्र कुमार पाण्डेय, ग्राम प्रधान मिडढा, पूर्व व वर्तमान ब्लॉक अध्यक्ष  जुबेर अहमद खान व अजय सिंह जी व स0अ0अजीत पाठक जी ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। सभी बच्चे ने नारा लगाते हुए गांव की गलियों का भ्रमण किया।सब पढे सब बढे, स्वच्छ रहेंगे स्वस्थ रहेंगे, एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा टूटा' 'घर-घर विद्या दीप जलाओ, अपने बच्चे सभी पढ़ाओ', 'पढ़ी लिखी नारी, घर-घर की उजियारी' 'पढेंगे पढ़ायेंगे, उन्नत देश बनाएंगे' ‘अनपढ़ होना है अभिशाप, अब न रहेंगे अंगूठा छाप' ‘शिक्षा से देश सजाएंगे, हर बच्चे को पढ़ाएंगे’ '21वीं सदी की यहीं पुकार, शिक्षा है सबका अधिकार’ ‘हर घर में चिराग जलेगा, हर बच्चा स्कूल चलेगा’ ‘ लड़का-लड़की एक समान, यही संकल्प, यही अभियान’ ‘मम्मी पापा हमें पढ़ाओ, स्कूल में चलकर नाम लिखाओ’एक भी बच्चा छूटा संकल्प हमारा टूटा ,का नारा लगाते हुए चल रहे थे। रैली में  अमरीष पाण्डेय, विनय राय, मोबीन जी , अमरेंद्र सिंह व हनुमानगंज के सभी ARP गण , वकील अहमद ने प्रतिभाग किया। रैली का नेतृत्व खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया। विद्यालय के सभी अध्यापकों ने सहयोग से रैली सफल रही। आगंतुक शिक्षक गण व खण्ड शिक्षा अधिकारी का बुके व माल्यार्पण कर कम्पोजिट विद्यालय मिड्ढा के शिक्षक गण ने स्वागत किया। वन महोत्सव के अन्तर्गत ईको क्लब के बच्चों के साथ  खण्ड शिक्षा अधिकारी ने वृक्षारोपण कार्य भी किया।
स्कूल चलो अभियान रैली से गूंजा नगरा: प्राथमिक शिक्षा व्यक्ति विकास की आधारशिला है – दीपक सिंह
संजीव सिंह बलिया!नगरा: 9 जुलाई – प्राथमिक शिक्षा व्यक्ति विकास की आधारशिला है" इस उद्घोष के साथ आज नगरा नगर में ‘स्कूल चलो अभियान’ की रैली का भव्य आयोजन किया गया। इस रैली का शुभारंभ भारतीय स्टेट बैंक नगरा के शाखा प्रबंधक दीपक कुमार सिंह एवं खंड शिक्षा अधिकारी आर. पी. सिंह ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर किया। रैली की शुरुआत उच्च प्राथमिक विद्यालय नगरा परिसर से हुई, जो पृथ्वीराज चौहान चौक होते हुए आर एन इंटरनेशनल स्कूल के पास से गुजरते हुए प्राथमिक विद्यालय चचयां में संगोष्ठी के साथ सम्पन्न हुई। रैली में स्कूली बच्चों ने “आधी रोटी खाएंगे, स्कूल पढ़ने जाएंगे” कोई न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार' ‘हिन्दु-मुस्लिम, सिख-इसाई मिलकर के सब करें पढ़ाई’ ‘अब ना करो अज्ञानता की भूल, हर बच्चे को भेजो स्कूल’ ‘एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा टूटा' जैसे नारे लगाते हुए हाथों में प्रेरक तख्तियां लेकर शिक्षा का संदेश जन-जन तक पहुँचाया। संगोष्ठी में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए दीपक कुमार सिंह ने कहा कि — “प्राथमिक शिक्षा किसी भी व्यक्ति के समग्र विकास की नींव होती है। इससे न केवल ज्ञान प्राप्त होता है, बल्कि जीवन को दिशा भी मिलती है।” खंड शिक्षा अधिकारी आर. पी. सिंह ने सरकार की नीतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा —“बच्चों के जीवन में तर्क, चिंतन और वैज्ञानिक सोच के विकास के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसी उद्देश्य से नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार कानून के तहत विद्यार्थियों को मिड-डे मील, किताबें, यूनिफॉर्म, जूते-मोज़े, फल, दूध आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।” कार्यक्रम में दयाशंकर राम, ब्रजेश कुमार सिंह,मनोज सिंह, जितेंद्र सिंह, बीरेंद्र प्रताप यादव, ओमप्रकाश, सुधीर तिवारी,अटेवा अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, सुदीप तिवारी, हेमंत यादव,अशोक चौहान, जनार्दन तिवारी,सत्यप्रकाश सिंह,उमेश सिंह, दयाशंकर, बालचंद, कृष्णा कुशवाहा (सभासद), लालबहादुर सिंह (सभासद) समेत नगर पंचायत नगरा के सभी विद्यालयों के शिक्षकगण व विद्यार्थी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में संजीव सिंह ,बच्चा लाल, शिव कुमार ,निर्मल, दुर्गेश प्रजापति, बृजेश आदि का विशेष योगदान रहा। आभार ज्ञापन बीरेंद्र प्रताप यादव द्वारा किया गया जबकि कार्यक्रम का संचालन रामकृष्ण मौर्य ने किया।
अतीत को भूलने वाले मानव का भविष्य हो जाता है अंधकारमय - डॉ. विद्यासागर उपाध्याय
संजीव सिंह बलिया ! जय माता दुल्हमी देवी त्रिभुवन स्नातकोत्तर महाविद्यालय चोगड़ा बलिया के क्रीड़ांगन में संस्थापक श्री बालकृष्ण चौहान व उनकी अर्धांगिनी स्वर्गीय राजेश्वरी देवी की संयुक्त प्रतिमा की स्थापना और अनावरण मुख्य अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद व दार्शनिक डॉ विद्यासागर उपाध्याय के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ। महाविद्यालय के सभागार में उपस्थित युवा विद्यार्थियों और गणमान्य लोगों को सम्बोधित करते हुए डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने कहा कि संसार का सबसे बड़ा और कठिन प्रश्न है "मैं कौन हूं?" जब मनुष्य को शंका होता है तब समाधान हेतु अवतार, महापुरुष,ऋषि,पैगंबर इत्यादि आते हैं और अपना विचार प्रस्तुत करते हैं।विचार सर्वाधिक शक्तिशाली साधन है जो क्रांतिकारी परिवर्तन लाता है।उन विचारों को जानने और समझने के लिए अपने अतीत को सदैव याद करना आवश्यक है,क्योंकि जो मानव अपने अतीत को भूल जाता है उसका भविष्य निश्चित ही अंधकारमय हो जाता है।अपने अतीत को जीवंत बनाए रखने हेतु हम प्रतिमा लगाते हैं।ये प्रतिमाएं हमें कर्तव्यबोध कराती हैं।आज जहां सभी लोग धन कमाने या खपाने हेतु शहर की ओर पलायन कर रहे हैं वहीं मै बारम्बार धन्यवाद ज्ञापित करता हूं महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र को जिन्होंने अपने धन का गांव में ज्ञानार्जन हेतु सदुपयोग किया है।महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राएं प्रेरणा लें विदुषी गार्गी, रानी लक्ष्मीबाई और सुनीता विलियम्स जैसी महान नारी शक्तियों से और छात्रों के लिए शानदार प्रेरणादायक बने हैं अभी - अभी पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले प्रथम भारतीय शुभांशु शुक्ला। कार्यक्रम में सर्वप्रथम वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा युगल प्रतिमा की स्थापना तथा अनावरण किया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय परिवार द्वारा उपस्थित अतिथिगण का स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र और पुष्पहार से स्वागत किया गया।कार्यक्रम को पूर्व विधायक शिवशंकर चौहान, भाजपा नेता बृजभान चौहान, समाजसेवी सुरेंद्र चौहान, डॉ सुरेश कुमार, डॉ मृत्युंजय नवल, डॉ अनिल कुमार सिंह, शशि प्रकाश उपाध्याय आदि ने सम्बोधित किया।अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार और संचालन सेवानिवृत्त प्रवक्ता गजेंद्र प्रताप सिंह ने किया।अंत में महाविद्यालय के संस्थापक बालकृष्ण चौहान ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
नगरा में मोहर्रम का मातमी जुलूस ! इमाम हुसैन की शहादत पर निकला जंजीरी मातम, गूंजे नौहे, उमड़ा अकीदतमंदों का हुजूम
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया) । नगर पंचायत नगरा में मोहर्रम के मौके पर कर्बला की याद में मातमी माहौल छाया रहा। इमाम हुसैन और उनके परिजनों की शहादत की याद में अकीदतमंदों ने मातम मनाया। सुबह से ही लोगों ने हाथों में अलम और दिलों में ग़म लेकर मातमी जुलूस की शुरुआत की। नगर के गांव से होते हुए जुलूस सायं 6:30 बजे तक कुजड़ मुहल्ले में पहुंचा, जहां ताजियों का मिलन हुआ। करीब 7 बजे ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान माहौल गमगीन हो गया। मातमी धुन पर गूंजते नौहे सुनकर हर आंख नम हो गई। जंजीरों और ब्लेड से खुद को लहूलुहान करते नौजवानों ने जब 'हुसैन-हुसैन' के नारे लगाए तो पूरा इलाका मातमी रंग में रंग गया। जुलूस में शामिल नासिर हुसैन, जावेद, पुलकेमार राईन, शादिक, इम्तियाज सिद्दीकी समेत अन्य अकीदतमंदों ने गमगीन स्वर में नौहे पढ़े। लोगों ने 'हाय हुसैन' की सदाएं बुलंद करते हुए करबला की यादें ताजा कर दीं। इस मौके पर बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने हिस्सा लिया। जंजीरों से मातम करने वाले युवाओं के जज्बे को देखकर हर कोई उनकी अकीदत को सलाम करता नजर आया। कार्यक्रम में कानून व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन कैमरे और एक-एक केस (सीसीटीवी मोबाइल टीम) का भी इस्तेमाल किया गया। शान्ति व सुरक्षा हेतु धानाध्यक्ष कौशल कुमार पाठक, उपजिलाधिकारी संजय कुमार कुशवाहा के नेतृत्व में पीएसी बटालियन मौजूद रहे। इस अवसर पर अधिवक्ता शफीक अहमद, सटीक अहमद एडवोकेट, प्रहलाद सिंह, पूर्व प्रमुख अनिल सिंह, श्रीप्रकाश सिंह, काशी नाथ जायसवाल, याहिया भाई, रिजवान भाई, यूनिवर्सिटी जी. इश्तियाक अहमद सहित कई गणमान्य लोग मौके पर मौजूद रहे। मोहल्लों में लगे इमाम चौक पर भी सजावट की गई थी। छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, सभी सिर झुकाकर इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद कर रहे थे। नगर में अमन-चैन और सौहार्द का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। मोहर्रम का यह जुलूस जहां एक ओर ग़म की मिसाल बना, वहीं दूसरी ओर भाईचारे और इंसानियत का संदेश देता रहा। नगर पंचायत नगरा में इस बार का मोहर्रम कार्यक्रम पूरी गरिमा और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।
झंडा एवं गाजे-बाजे के साथ ताजिया जुलूस निकाला
रामेश्वर प्रजापति नगरा बलिया। कर्बला के शहीदों एवम हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाये जाने वाला पर्व मुहर्रम नगरा में सोमवार को शांतिपूर्ण एवं सदभाव के साथ सम्पन्न हो गया।जहां मुहर्रम की दशवीं तिथि पर अकिलियत से जुड़े लोगों ने दिन में बैनर, झंडा एवं गाजे-बाजे के साथ ताजिया जुलूस निकाला।या अली या हुसैन के सदाओं की गूंज मचा दी।इस दौरान ताजिया जुलूस में शामिल लोगों ने ब्लेड मातम, जंजीर मातम और आग मातम के साथ लाठियों से एक से बढ़कर एक करतब दिखाए।ताजिया जुलूस एवं अखाड़ा के दौरान दिनभर बिजली भी गुल रही। सायंकाल पश्चिम मोहल्ला में मिलन के बाद ताजिया कर्बला में दफन किया गया। इस मौके पर काफी संख्या मे ग्रामीण लोग जुटे रहे। एहतियात के तौर पर नगरा के अलावा भीमपुरा, खेजुरी सहित कई थाने की पुलिस मौजूद रही।
5000 स्कूलों के मर्जर के खिलाफ दायर याचिका खारिज:हाईकोर्ट ने योगी सरकार के फैसले को सही ठहराया, कहा- यह बच्चों के हित में
संजीव सिंह बलिया!लखनऊ हाईकोर्ट ने यूपी के 5000 स्कूलों के मर्जर के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही ठहराया। कहा कि यह फैसला बच्चों के हित में है। ऐसे मामलों में नीतिगत फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती, जब तक कि वह असंवैधानिक या दुर्भावनापूर्ण न हो।* *दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून, 2025 को एक आदेश जारी किया था। इसमें यूपी के हजारों स्कूलों को बच्चों की संख्या के आधार पर नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्देश दिया था। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा।* *सरकार के आदेश के खिलाफ सीतापुर जिले की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 बच्चों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसके अलावा, एक अन्य याचिका भी दाखिल की गई। याचिकर्ताओं ने कहा था- यह आदेश मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून (RTE Act) का उल्लंघन करता है।* *छोटे बच्चों के लिए नए स्कूल तक पहुंचना कठिन होगा। यह कदम बच्चों की पढ़ाई में बांधा डालेगा। इससे असमानता भी पैदा होगी। 4 जुलाई को जस्टिस पंकज भाटिया ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। आज दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया गया।*
विद्यालयों के मर्जर के विरोध में सीनियर बेसिक शिक्षक संघ ने दिया समर्थन, पूरे प्रदेश में आंदोलन में भागीदारी का ऐलान
संजीव सिंह बलिया| लखनऊ, 5 जुलाई 2025 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के जबरन मर्जर (विलय) के आदेश के खिलाफ शिक्षक संगठनों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ ने उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अवधेश कुमार मिश्रा एवं प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार पाण्डेय 'कान्ह जी' ने एक संयुक्त पत्र जारी कर स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि जनविरोधी, शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा कंप्यूटर आधारित तरीके से विद्यालयों का मर्जर किया जा रहा है, जिसमें भौगोलिक दूरी और ग्रामसभा की स्थिति की अनदेखी की जा रही है। पत्र में कहा गया है कि यद्यपि नक्शे पर विद्यालय पास-पास दिखते हैं, लेकिन वास्तविकता में छात्रों को 2-3 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे छात्रों की शिक्षा में गंभीर बाधा उत्पन्न हो रही है। यह फैसला निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2010 की भावना के भी खिलाफ है। प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार पाण्डेय ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि संगठन के समस्त प्रांतीय पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों एवं जिला अध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ समन्वय स्थापित कर आंदोलन में शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करें। सीनियर बेसिक शिक्षक संघ ने स्पष्ट किया है कि वह इस शिक्षक एवं शिक्षा विरोधी आदेश के खिलाफ प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और जब तक सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। शिक्षक संगठनों की इस एकजुटता से प्रदेश भर में आंदोलन और तेज होने की संभावना है। सरकार पर अब बढ़ते दबाव के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करती है या नहीं।
श्री मौनी जी का एक-एक शब्द दिग्दर्शक
ओमप्रकाश वर्मा नगरा (बलिया)! गुरु-पूजनोत्सव का उल्लास और विगत माह में हुए पूज्य अतुल कृष्णभामिनीशरण' गुरुवर श्री मौनी जी महाराज के देहावसान के गम के बीच आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ जलकलश-वात्रा के साथ हुआ। जलयात्रा में भाग लेने वाली माँ-बहनें और बन्धु वृन्द हाथी-घोडे गाजे-बाजे सहित अद्वैत शिवशक्ति परमधामपीठ से चलकर श्री वनखण्डी नाथ (श्री नागेश्वरनाथ महादेव) मठ हा बिहरा पहुँचे, वहाँ यज्ञाचाये पं० रेवती रमण तिवारी एवं उनकी सहयोगी विप्र-मण्डली के निर्देशन में प्रधान यजमान श्री करुणानिधान भारती एवं सपत्नीक श्रीयुत् राम कृपाल चौरसिया ने जलदेवता वरुण का पूजनार्चन किया, तत्पश्चात् शोभा यात्रियों की भारी भीड़ पुनः परमधामपीठ पहुंची, यहाँ मण्डप-प्रवेश आदि कार्य किये गये। अन्ततः प्रसाद वितरित किया गया। सान्ध्य सत्र ज्ञानयज्ञ मण्डप में भक्तिभूमि वृन्दावन धाम से पधारे श्री अतुल कृष्याभामिनी शरण जी महाराज ने सुधी श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए अपने उद्‌बोधन में गुरुतत्त्व पर विद्वत्ता पूर्ण प्रकाश डाला, कहा कि गुरु का तन इधर-उधर (क्षत-विक्षत) हो सकता है, किन्तु गुरुतत्त्व अक्षुण्ण और शाश्वत है, उन्होंने बिल्ली और उसके बच्चे का उदाहरण देकर समझाया कि बिल्ली की भाँति सद्गुरु भी स्वशिष्य को सम्बल दे उसे भवबन्धन से मुक्त कर देते हैं। बिना गुरु के साधना में सफलता असम्भव है। भवभयमुक्त होने हेतु छटपटाहट अनिवार्य है। गुरु खोजना जरूरी नहीं, सद्‌गुरु ही सद्‌शिष्य की खोज लेते हैं। गुरु की आज्ञा का अनुपालन ही जरूरी है। मौनी बाबा जी मेरे नहीं हैं, उनका एक-एक शब्द ध्रुवतारा की भाँति दिग्दर्शक है, जो अनन्त काल तक असंख्य शिष्यों व भक्तों को उत्प्रेरित कर उनका अमित उपकार करेगा, पर हाँ, संयम और नियम अति आवश्यक है। जब तक साधना में थे तब तक गुरु दिखायी पड़े और जब सर्वस्व समर्पण कर दिया तब गुरुवर ने भवकूप से ज्ञान रूपा रज्जु के सहारे बाहर निकाला। गुरुकृपा से शिष्य भी गुरुता का अधिकारी, है। गया क्योंकि इस रहस्य का एक ही सूत्र है- मोहें लागी लगन गुरुचरनन की। सत्संग जो कि तीर्थराज के समतुल्य है गुरुकृपा से ही सम्भव है। सत्संग की महिमा अपार है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती पर प्रकृति प्रेम का अद्भुत संगम
ओमप्रकाश वर्मा नगरा! भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान से रचा प्रेरणा का नया अध्याय" नगरा (बलिया)। राष्ट्र निर्माण के प्रेरणास्त्रोत और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर रविवार को सलेमपुर स्थित नवीन आदर्श इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम देशभक्ति, विचार और संवेदनाओं का अद्वितीय संगम बन गया। इस विशेष अवसर पर संगोष्ठी, पुष्पांजलि समारोह और ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम ने न केवल डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण और मातृवंदन की एक नई चेतना भी जगाई। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता के चित्र और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से हुई। उपस्थित लोगों ने उनके विचारों को आत्मसात करते हुए 'एक राष्ट्र, एक विधान, एक निशान' के उनके सपनों को साकार करने की शपथ ली। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा के जिला महामंत्री अलोक शुक्ला 'सोनू' ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन सच्चे अर्थों में राष्ट्र के लिए समर्पित था। उनका बलिदान आज भी हमें प्रेरणा देता है कि हम बिना स्वार्थ के देश और समाज के लिए कार्य करें। वहीं मंडल अध्यक्ष जय प्रकाश वर्मा 'गुड्डू' ने कहा कि डॉ. मुखर्जी जैसे महापुरुषों की विचारधारा को गांव-गांव तक पहुंचाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने बताया कि किस प्रकार डॉ. मुखर्जी ने धारा 370 का विरोध करते हुए 'एक देश में दो विधान नहीं चलेंगे' का नारा दिया और अपने प्राणों की आहुति दी। उनके विचार आज के भारत की आत्मा हैं। कार्यक्रम में सबसे विशेष और भावुक पहल रही 'एक पेड़ मां के नाम'। इस दौरान मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों, कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने अपनी माताओं की स्मृति और सम्मान में एक-एक पौधा रोपित किया। इस भावनात्मक पहल ने कार्यक्रम में मानवीय संवेदनाओं का स्पर्श जोड़ दिया। इस मुहिम का उद्देश्य न सिर्फ पर्यावरण को संरक्षित करना है, बल्कि मातृत्व की महिमा को भी स्थायी स्वरूप देना है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी, बूथ अध्यक्ष, कार्यकर्ता, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र-छात्राएं शामिल हुए। सभी ने डॉ. मुखर्जी के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के संचालन में मण्डल कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही, जिन्होंने पूरे आयोजन को अनुशासित, सुसंगठित और भावनात्मक रूप से सजीव बनाए रखा। मंच पर देशभक्ति गीतों और नारों से वातावरण गूंजता रहा — “भारत माता की जय”, “डॉ. मुखर्जी अमर रहें” जैसे उद्घोष कार्यक्रम के हर कोने में गूंजते रहे। अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने पौधों को संरक्षित रखने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी ली और तय किया कि अगले वर्ष तक इन पौधों को एक विशाल हरित अभियान का हिस्सा बनाया जाएगा। संपूर्ण कार्यक्रम एक सच्चे राष्ट्रभक्त, विचारक और तपस्वी नेता को समर्पित था, जिसकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए पथ प्रदर्शक बनी रहेगी।