75 की उम्र को लेकर से क्या बोले आरएसएस प्रमुख भागवत, पीएम मोदी से जोड़ा जा रहा कनेक्शन

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से कहा है कि नेताओं को 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। भागवत ने एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी अवसर देना चाहिए। भागवत की इस टिप्पणी को पीएम मोदी के रिटायरमेंट से जोड़ा जा रहा है। संयोग से इसी साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 75 वर्ष के होने वाले हैं।

संघ प्रमुख भागवत मोरोपंत पिंगले की स्मृति में एक किताब के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस' पुस्तक का विमोचन करने के बाद, भागवत ने संघ के वरिष्ठ नेता की विनम्रता, दूरदर्शिता और जटिल विचारों को सरल भाषा में समझाने की अद्वितीय क्षमता को याद किया।

आरएसएस के विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक किताब के विमोचन के मौके पर भागवत ने कहा जब आप 75 के हो जाते हैं, इसका मतलब है कि अब आपको रुक जाना चाहिए और दूसरों को रास्ता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार पिंगले ने कहा था, 75 वर्ष के होने के बाद अगर आपको शॉल देकर सम्मानित किया जाता है, इसका मतलब है कि आपको अब रुक जाना चाहिए, आपकी आयु हो चुकी है; हट जाइए और दूसरों को आगे आने दीजिए।

भागवत ने आपातकाल (1975) के बाद राजनीतिक बदलाव के दौरान पिंगले की भविष्यवाणियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब चुनाव की चर्चा हुई, मोरोपंत ने कहा था कि अगर सभी विपक्षी दल एक साथ आएं तो करीब 276 सीटों पर जीत जाएंगे और जब परिणाम आए, तो 276 सीटों पर ही जीत हुई। हालांकि, वे चुनाव परिणाम के दौरान इन चर्चाओं से दूर रहे। पिंगले ने कभी अपनी उपलब्धियों का जिक्र नहीं किया। वह अपनी मुस्कुराहट से विषयों को बदल देते थे और किसी भी सम्मान समारोह में जाने से भी बचते थे।

भागवत के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उनका बयान किस तरफ इशारा करता है।शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने कहा कि संघ प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी को यह संदेश दिया है। संयोग से इसी साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के होने वाले हैं।संयोग से खुद भागवत भी इसी साल 75 साल के होने वाले हैं।

दुनिया प्रेम और मंगल की भाषा तब ही सुनती है, जब आपके पास शक्ति हो’, क्या हैं मोहन भागवत के बयान के मायने

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि भारत विश्व का सबसे प्राचीन देश है और उसकी भूमिका ‘बड़े भाई’ की है। भारत विश्व में शांति, सौहार्द और धर्म का प्रचार करने वाला राष्ट्र है। इसके साथ-साथ संघ प्रमुख ने बताया कि भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी है। मोहन भागवत जयपुर के हरमाडा स्थित रविनाथ आश्रम में आज आयोजित एक समारोह में पहुंचे थे। सम्मान समारोह के बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया।

भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी?

मोहन भागवत ने कहा कि विश्व को धर्म सिखाना भारत का कर्तव्य है, लेकिन इसके लिए भी शक्ति की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान पर हालिया कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि भारत किसी से द्वेष नहीं रखता, लेकिन विश्व प्रेम और मंगल की भाषा भी तब ही सुनता है जब आपके पास शक्ति हो। दुनिया आपकी बात तब ही सुनती है जब आपके पास शक्ति हो। यह दुनिया का स्वभाव है। इस स्वभाव को बदला नहीं जा सकता, इसलिए विश्व कल्याण के लिए हमें शक्ति संपन्न होने की आवश्यकता है। हमारी ताकत विश्व ने देखी है।

भागवत ने आगे कहा कि विश्व कल्याण हमारा धर्म है। विशेषकर हिंदू धर्म का तो यह पक्का कर्तव्य है। यह हमारी ऋषि परंपरा रही है, जिसे आज संत समाज आगे बढ़ा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने किया हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान, दिया बड़ा बयान

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल की धरती से कहा है कि हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है।उन्होंने हिंदू समाज को जिम्मेदार समुदाय बताते हुए कहा कि वह एकता को विविधता का प्रतीक मानते हैं। संघ प्रमुख ने ये बातें पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

देश का जिम्मेदार समाज हिंदू-भागवत

पश्चिम बंगाल के ब‌र्द्धमान में संघ के मध्य बंग प्रांत की सभा को संबोधित करते हुए हिंदू समाज की एकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना है, क्योंकि यह समाज भारत की सांस्कृतिक और नैतिक पहचान का प्रतीक है।भागवत ने कहा कि अक्सर लोगों द्वारा यह सवाल उठाया जाता है कि संघ सिर्फ हिंदू समाज पर ही क्यों ध्यान देता है। इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ही इस देश का जिम्मेदार समाज है, जो उत्तरदायित्व की भावना से परिपूर्ण है। इसलिए, इसे एकजुट करना आवश्यक है।

हिंदू ने विश्व की विविधता को अपनाया-भागवत

भागवत ने कहा, भारतवर्ष एक भौगोलिक इकाई नहीं है इसका आकार समय के साथ घट या बढ़ सकता है। इसे भारतवर्ष तब कहा जाता है जब यह अद्वितीय प्रकृति का प्रतीक हो। भारत का अपना चरित्र है। जिन लोगों को लगा कि इस प्रकृति के साथ नहीं रह सकते, उन्होंने अपना अलग देश बना लिया। जो लोग बचे रहे, वे चाहते थे कि भारत का सार बना रहे। यह सार क्या है? 15 अगस्त 1947 से अधिक पुराना है। यह हिंदू समाज है, जो विश्व की विविधता को अपनाकर फलता-फूलता है। यह प्रकृति विश्व की विविधता को स्वीकार करती है और उसके साथ आगे बढ़ती है। यह एक शाश्वत सत्य है जो कभी नहीं बदलता है।

इतिहास से सबक और समाज में एकता की आवश्यकता

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने ऐतिहासिक आक्रमणों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पर शासन करने वाले आक्रमणकारियों ने समाज के भीतर विश्वासघात के कारण सफलता पाई। उन्होंने सिकंदर से लेकर आधुनिक युग तक के विभिन्न आक्रमणों का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज जब संगठित नहीं रहता, तब बाहरी ताकतें हावी हो जाती हैं। इसलिए, हिंदू समाज की एकजुटता सिर्फ वर्तमान की नहीं, बल्कि भविष्य की भी जरूरत है।

हिंदू पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत में कोई भी सम्राटों और महाराजाओं को याद नहीं करता, बल्कि अपने पिता का वचन पूरा करने के उद्देश्य से 14 साल के लिए वनवास जाने वाले राजा (भगवान राम) और उस व्यक्ति (भरत) को याद रखता है, जिसने अपने भाई की पादुकाएं सिंहासन पर रख दीं और वनवास से लौटने पर राज्य उसे राज सौंप दिया। उन्होंने कहा, ये विशेषताएं भारत को परिभाषित करती हैं। जो लोग इन मूल्यों का पालन करते हैं, वे हिंदू हैं और वे पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं। हम ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होते जो दूसरों को आहत करते हों। शासक, प्रशासक और महापुरुष अपना काम करते हैं, लेकिन समाज को राष्ट्र की सेवा के लिए आगे रहना चाहिए।

बता दें कि पहले ममता बनर्जी सरकार ने आरएसएस की रैली को अनुमति नहीं दी थी। इस पर संघ ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रास्ता खटखटाया था, जिसने उन्हें रैली की इजाजत दी।

मोहन भागवत के बयान से अलग है आरएसएस के मुखपत्र की राय, विवादित स्थलों के सर्वे पर जताई सहमति

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राम मंदिर के साथ हिंदुओं की श्रद्धा है लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वो नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं का नेता बन सकते हैं। ये स्वीकार्य नहीं है। ये बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसे समय पर कही है जब पिछले कुछ समय से देश में मस्जिदों को लेकर विवाद गहराया हुआ है। देश में मस्जिदों के सर्वे की मांग के बीच प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि ऐसे मुद्दों को उठाना अस्वीकार्य है। हालांकि, मोहवन भागवत की राय आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'ऑर्गेनाइजर' के लेख से बिल्कुल अलग है। 'ऑर्गेनाइजर' में लिखे लेख की माने तो विवादित स्थलों का वास्तविक इतिहास जानना जरूरी है।

आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने संभल मस्जिद विवाद पर अपनी लेटेस्ट कवर स्टोरी पब्लिश की है। जिसमें कहा गया है कि विवादित स्थलों और संरचनाओं का वास्तविक इतिहास जानना जरूरी है। पत्रिका में कहा गया है कि जिन धार्मिक स्थलों पर आक्रमण किया गया या ध्वस्त किया गया, उनकी सच्चाई जानना सभ्यतागत न्याय को हासिल करने जैसा है।

कई सांप्रदायिक घटनाओं का जिक्र

जिसमें दावा किया गया है कि कैसे संभल में शाही जामा मस्जिद के स्थान पर एक मंदिर मौजूद था। इसमें संभल के सांप्रदायिक इतिहास का भी वर्णन किया गया है। इसके अलावा पत्रिका में पिछले सालों में हुई सांप्रदायिक घटनाओं का भी जिक्र किया गया है। इस लेख में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर संघ प्रमुख की सलाह या चेतावनी को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया है।

अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा

पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर के लिखे संपादकीय में कहा गया है, धार्मिक कटुता और असामंजस्य को खत्म करने के लिए एक समान दृष्टिकोण की आवश्यकता है। बाबासाहेब आंबेडकर जाति-आधारित भेदभाव के मूल कारण तक गए और इसे समाप्त करने के लिए संवैधानिक उपाय प्रदान किए। तर्क दिया गया है कि यह तभी हासिल किया जा सकता है जब मुसलमान सच्चाई को स्वीकार करें और इससे इनकार करने से अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा।

लड़ाई राष्ट्रीय पहचान को साबित करने की

संपादकीय में कहा गया कि सोमनाथ से लेकर संभल और उसके आगे के सच को जानने की यह लड़ाई धार्मिक श्रेष्ठता के बारे में नहीं है। यह हमारी राष्ट्रीय पहचान को साबित करने और सभ्यतागत न्याय के बारे में है। लेख में ऐतिहासिक घावों को भरने की भी बात कही गई है।

मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों पर जताई चिंता, बोले-ऐसे आप हिंदुओं के नेता नहीं बन जाएंगे

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काशी, मथुरा में मंदिर मस्जिद का विवाद जहां अदालतों में लंबित में है वहीं संभल का प्रकरण सुर्खियों में बना हुआ है। इस बीच ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां धार्मिक ढांचों को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग यह मानने लगे हैं कि वे इस तरह के मुद्दों को उठाकर 'हिंदुओं के नेता' बन सकते हैं।

पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर बोलते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर ‘हिंदुओं के नेता’ बन सकते हैं। संघ प्रमुख ने समावेशी समाज की वकालत करते हुए कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है।

भारतीय समाज की बहुलता को रेखांकित करते हुए भागवत ने कहा कि रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस मनाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘केवल हम ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लंबे समय से सद्भावना से रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है। राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नयी जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।’’

राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं की आस्था का विषय-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था। उन्होंने किसी विशेष स्थल का उल्लेख किए बिना कहा, ‘‘हर दिन एक नया मामला (विवाद) उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं।’’ हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों तक पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आ जाए।

कट्टरता सही नहीं- भागवत

हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों में पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए हैं और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आए

Comic Street – An exciting new initiative by TVAGA and ICA at Indiajoy

The Comic Street Awards 2024 debuted at the prestigious India Joy Digital Entertainment Festival at the Hyderabad International Convention Center (HICC). A collaboration between the Telangana VFX, Animation, and Gaming Association (TVAGA) and the Indian Comics Association (ICA), the awards celebrated exceptional talent in the Indian comics industry, marking a new chapter in the legacy of India Joy. The awards were presented by former beauty queen and Bollywood actress Ruhi Singh, whose presence added a touch of glamour and star power to the event. In recognition of her contributions to the creative industry, Himanshu Singhal, PR & Industry Head of ICA, presented a memento to Ruhi Singh.

The Lifetime Achievement Award was presented to the legendary cartoonist Abid Surti for his immense contributions to the Indian comics landscape. A true pioneer, Abid Surti is the creative genius behind Bahadur, India’s first-ever superhero, and has significantly shaped the Indian comics industry.

The ICA proudly hosted a panel discussion at Comic Street featuring prominent figures such as Sanjay Gupta (Raj Comics by Sanjay Gupta), Preeti Vyas (Amar Chitra Katha), Ajay Krishna (Forbidden Verse), and Ajitesh Sharma (Cinemics). The panel delved into various aspects of storytelling, industry evolution, and comic industry opportunities, offering invaluable insights and fostering engaging discussions among industry pioneers and enthusiasts.

Ajitesh Sharma, president of ICA, interacted with Prashant Varma, the visionary director of the highly acclaimed movie Hanu-Man, on Comics IP & Cinema. Ajay Krishna, Executive Member of ICA, presented a special memento to Prashant Varma, acknowledging his remarkable contributions to storytelling, creativity, and the growing universe of Indian superheroes.

Adding to the event's excitement, two new comic titles were launched: Chandrakanta, an Indian epic adapted into Comics by Cinemics, and Soul Contract, an Indian manga by Cosmics. These latest releases generated a buzz and showcased the vibrant creativity and innovation within the Indian comics industry.

 

An ICA Pavilion exhibiting Indian Comics was set up at Comics Street, and Ravi Tanwer, Anadi Abhilash, Mohamad Shabaz, Himanshu Singhal, Vasu Gupta, Saahil Sharma, Varun Malhotra, and Neelesh Makwane from ICA led the initiative. Moreover, ICA promoted the upcoming Comics Creator Championship, set to take place during Waves 2025, further engaging the community and encouraging creators to showcase their talent in this Create in India Challenge.

The event underscores India Joy’s commitment to fostering a thriving ecosystem for the AVGC sector. Telangana IT Minister KT Rama Rao highlighted that the festival embodies the state’s vision to position Hyderabad as a global hub, attracting more than 25,000 attendees globally and showcasing India's potential as a global media and entertainment industry leader.

 

Comic Street Award 2024

 

1. Best Comics

· Platinum: Professor Ashwatthama 3 (Cheeseburger Comics)

· Diamond: Ad Infinitum - Sisyphus (Chitragaatha Comics)

· Gold: Celestial Beings (Amar Chitra Katha)

2. Best Comics Writer

· Platinum: Bijoy Raveendran, Codename Alpha '97 (Yali Dream Works)

· Diamond: Saahil S Sharma, Operation Ganga (Alpha Comics)

· Gold: Soumya Das, Violated Series (The Hierophant Entertainment)

3. Best Artist

· Platinum: Dildeep Singh, Rakt katha Series (RCSG)

· Diamond: Caio Pegado, Soormas (Curious Bit Publication)

· Gold: Harsho Mohan Chattoraj, Al-Zebra (Alpha Comics)                      

4. Best Colorist

· Platinum: Valeria Verdi, Soormas (Curious Bit Publication)

· Diamond: Shadab Siddiqui & Sunil Dasturia, Rakt katha Series (RCSG)

· Gold: Jyoti Singh, Dvij: Born from Fire (Radiant Comics)                            

5. Best Cover Design

· Platinum: Violated Issue 1 (The Hierophant Entertainment)

· Diamond: Guddu Bomb Issue 1 (Chitragaatha Comics)

· Gold: Whispers of Void: Midnight Mist (Cosmics)

6. Best Kids Comics

· Platinum: Chahal Pahal (Alpha Comics)

· Diamond: Weatherman (Cinemics)

· Gold: Tinkle Holiday Special 54 (Amar Chitra Katha)

7. Best Manga

· Platinum: Whispers of Void: Midnight Mist (Cosmics)

· Diamond: Trio (Vaibhavi Studios)

8. Best Rising Talent

· Platinum: Ajay Krishna (Forbidden Verse)

· Diamond: Vasu Gupta (Alpha Comics)

· Gold: Prathamesh Gandhi (Colorist: Yali Dream Works)

9. Fan Favourite Comics

· Platinum: Tinkle 800 (Amar Chitra Katha)

· Diamond: FORBIDDEN VERSE: LEO'S CIVIL WAR (Forbidden Verse)

· Gold: The Legend of Watakattu - Claws of Justice (Alpha Comics)

10. Best Comics (Student Category)

· Platinum: Beaver And The Boy (Abin Antony)

 

About ICA

The Indian Comics Association (ICA) promotes and nurtures the Indian comics industry. Through various initiatives, events, and collaborations, ICA aims to foster creativity, support comic creators, and elevate the art of storytelling through comics in India. The association plays a crucial role in bridging the gap between industry, government, creators, and audiences, ensuring that the rich tradition of Indian comics continues to thrive and inspire future generations.

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संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, हिंदुओं को 3-3 बच्‍चे पैदा करने की सलाह, जानें क्या वजह बताई

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारत में हिंदुओं की घटती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की है।उन्होंने हिंदुओं का नाम लिए बगैर भारत में उनकी घटती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर समाज की जनसंख्या वृद्धि दर गिरते-गिरते 2.1 प्रतिशत के नीचे चली गई तो तब समाज को किसी को बर्बाद करने की जरूरत नहीं, वह अपने आप ही नष्ट हो जाएगा। इसलिए कम से कम तीन बच्चे पैदा करना बेहद जरूरी है।

मोहन भागवत ने रविवार को नागपुर में कठाले कुल सम्मेलन में एक सभा में बोलते हुए कहा, कुटुंब समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक इकाई है। हालांकि जनसंख्‍या वृद्ध‍ि को देखते हुए सालों से ‘बच्‍चे 2 ही अच्‍छे’ का नारा सरकार की तरफ से लगाया जाता रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंख्या वृद्धि दर को सही बनाए रखना देश के भविष्य के लिए जरूरी है।

आधुनिक जनसंख्या विज्ञान का हवाला देते हुए भागवत ने कहा, किसी भी समाज की जनसंख्या 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वो समाज दुनिया से खत्म हो जाता है। भागवत ने कहा कि हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी, वो ये कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए। हमें दो से अधिक बच्चों की जरूरत है, यानी तीन (जनसंख्या वृद्धि दर के रूप में), जनसंख्या विज्ञान यही कहता है। यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) जीवित रहना चाहिए।' यहां 2.1 जनसंख्या से उनका आशय प्रजनन दर से था।

भारत में हिंदू आबादी गिरी

इसी साल भारत बढ़ती आबादी की लंबी छलांग लगाते हुए चीन को पछाड़ कर जनसंख्या में मामले में दुनिया में नंबर वन पर आ गया। हालांकि, भारत में बहुसंख्यक हिंदू पिछली जनगणना में 80 प्रतिशत थे। जो अब इस साल तक उनकी जनसंख्या वृद्धि दर घटने से देश में उनकी कुल आबादी घटकर 78.9 प्रतिशत ही रह गई है। वहीं, हिंदू आबादी अब भी देश में करीब 100 करोड़ है। दुनिया के 95 प्रतिशत हिंदू भारत में रहते हैं। वहीं, देश में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर बढ़ी है।

चंद्रबाबू नायडू भी कर चुके अधिक बच्चों की वकालत

मोहन भागवत से पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी दो से अधिक बच्चा पैदा करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों के लोगों को ज्यादा बच्चा पैदा करने की जरूरत है। दक्षिण में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। गांव खाली हो रहे हैं। आंध्र प्रदेश की सरकार दो से अधिक बच्चा पैदा करने वाले परिवारों को प्रोत्साहन राशि देने पर भी विचार कर रही है। सरकार यह भी कानून बनाने की तैयारी में है कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग ही स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ने के योग्य होंगे। नायडू का कहना है कि गांवों से युवाओं के पलायन की वजह से समस्या और विकराल हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय प्रजनन दर 2.1 है। जबकि दक्षिण के राज्यों में 1.6 फीसदी है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी को क्या नसीहत दी, भागवत की किस सलाह का दिया हवाला?

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बड़ी नसीहत दी है। मल्लिकार्जुन खरगे ने इसके लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की सलाह का हवाला भी दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी पर देश की हर मस्जिद में सर्वेक्षण कराकर समाज को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि ऐसा कर सत्तारूढ़ दल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की सलाह की अवहेलना कर रहा है। खरगे की टिप्पणी उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मद्देनजर आई है। संभल में एक मस्जिद में यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है कि क्या वहां कोई मंदिर था।

सर्वे के नाम पर खोद-खोदकर झगड़ा क्यों लगाया जा रहा-खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे रविवार को दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के एक महासंघ की ओर से दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी से मोहन भागवत के 2022 के बयान पर ध्यान देने को कहा। खरगे ने आरएसएस प्रमुख का हवाला दिया जिन्होंने कहा था कि हमारा उद्देश्य राम मंदिर का निर्माण करना था और हमें हर मस्जिद के नीचे शिवालय नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, आज देश में हर जगह सर्वे वाले ये पता लगा रहे हैं कि कहां पहले मंदिर थे और कहां मस्जिद थी, लेकिन 2023 में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हमारा लक्ष्य राम मंदिर बनाने का था, हर मस्जिद के नीचे शिवालय ढूंढना गलत है। जब बीजेपी-आरएसएस वाले ही ये बातें कह रहे हैं, तो फिर सर्वे के नाम पर खोद-खोदकर झगड़ा क्यों लगाया जा रहा है। हम सभी तो एक हैं।

क्या लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार भी ध्वस्त होगा-खरगे

खरगे ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं 'एक हैं तो सेफ हैं', लेकिन वे किसी को भी सेफ नहीं रहने दे रहे हैं। आप एकता की बात करते हैं, लेकिन आपके कार्य इसे धोखा देते हैं। आपके नेता मोहन भागवत ने कहा है कि अब जब राम मंदिर बन गया है, तो और अधिक पूजा स्थलों की तलाश करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप उनके शब्दों का सम्मान करते हैं, तो और कलह क्यों पैदा करते हैं?' खरगे ने बीजेपी से पूछा कि क्या वह लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार और चार मीनार जैसी संरचनाओं को भी ध्वस्त कर देगी, जो मुसलमानों की तरफ से बनवाई गई थीं।

आखिर भागवत ने क्या कहा था

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जून 2022 में ज्ञानवापी विवाद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भागवत ने कहा था कि इतिहास वो है जिसे हम बदल नहीं सकते। उनका कहना था कि इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, ये उस समय घटा.... हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? उनका कहना था कि अब हमको कोई आंदोलन नहीं करना है। संघ प्रमुख नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष 2022 के समापन समारोह के दौरान बोल रहे थे।

75 की उम्र को लेकर से क्या बोले आरएसएस प्रमुख भागवत, पीएम मोदी से जोड़ा जा रहा कनेक्शन

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से कहा है कि नेताओं को 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। भागवत ने एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी अवसर देना चाहिए। भागवत की इस टिप्पणी को पीएम मोदी के रिटायरमेंट से जोड़ा जा रहा है। संयोग से इसी साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 75 वर्ष के होने वाले हैं।

संघ प्रमुख भागवत मोरोपंत पिंगले की स्मृति में एक किताब के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस' पुस्तक का विमोचन करने के बाद, भागवत ने संघ के वरिष्ठ नेता की विनम्रता, दूरदर्शिता और जटिल विचारों को सरल भाषा में समझाने की अद्वितीय क्षमता को याद किया।

आरएसएस के विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक किताब के विमोचन के मौके पर भागवत ने कहा जब आप 75 के हो जाते हैं, इसका मतलब है कि अब आपको रुक जाना चाहिए और दूसरों को रास्ता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार पिंगले ने कहा था, 75 वर्ष के होने के बाद अगर आपको शॉल देकर सम्मानित किया जाता है, इसका मतलब है कि आपको अब रुक जाना चाहिए, आपकी आयु हो चुकी है; हट जाइए और दूसरों को आगे आने दीजिए।

भागवत ने आपातकाल (1975) के बाद राजनीतिक बदलाव के दौरान पिंगले की भविष्यवाणियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब चुनाव की चर्चा हुई, मोरोपंत ने कहा था कि अगर सभी विपक्षी दल एक साथ आएं तो करीब 276 सीटों पर जीत जाएंगे और जब परिणाम आए, तो 276 सीटों पर ही जीत हुई। हालांकि, वे चुनाव परिणाम के दौरान इन चर्चाओं से दूर रहे। पिंगले ने कभी अपनी उपलब्धियों का जिक्र नहीं किया। वह अपनी मुस्कुराहट से विषयों को बदल देते थे और किसी भी सम्मान समारोह में जाने से भी बचते थे।

भागवत के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उनका बयान किस तरफ इशारा करता है।शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने कहा कि संघ प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी को यह संदेश दिया है। संयोग से इसी साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के होने वाले हैं।संयोग से खुद भागवत भी इसी साल 75 साल के होने वाले हैं।

दुनिया प्रेम और मंगल की भाषा तब ही सुनती है, जब आपके पास शक्ति हो’, क्या हैं मोहन भागवत के बयान के मायने

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि भारत विश्व का सबसे प्राचीन देश है और उसकी भूमिका ‘बड़े भाई’ की है। भारत विश्व में शांति, सौहार्द और धर्म का प्रचार करने वाला राष्ट्र है। इसके साथ-साथ संघ प्रमुख ने बताया कि भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी है। मोहन भागवत जयपुर के हरमाडा स्थित रविनाथ आश्रम में आज आयोजित एक समारोह में पहुंचे थे। सम्मान समारोह के बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया।

भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी?

मोहन भागवत ने कहा कि विश्व को धर्म सिखाना भारत का कर्तव्य है, लेकिन इसके लिए भी शक्ति की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान पर हालिया कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि भारत किसी से द्वेष नहीं रखता, लेकिन विश्व प्रेम और मंगल की भाषा भी तब ही सुनता है जब आपके पास शक्ति हो। दुनिया आपकी बात तब ही सुनती है जब आपके पास शक्ति हो। यह दुनिया का स्वभाव है। इस स्वभाव को बदला नहीं जा सकता, इसलिए विश्व कल्याण के लिए हमें शक्ति संपन्न होने की आवश्यकता है। हमारी ताकत विश्व ने देखी है।

भागवत ने आगे कहा कि विश्व कल्याण हमारा धर्म है। विशेषकर हिंदू धर्म का तो यह पक्का कर्तव्य है। यह हमारी ऋषि परंपरा रही है, जिसे आज संत समाज आगे बढ़ा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने किया हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान, दिया बड़ा बयान

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल की धरती से कहा है कि हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है।उन्होंने हिंदू समाज को जिम्मेदार समुदाय बताते हुए कहा कि वह एकता को विविधता का प्रतीक मानते हैं। संघ प्रमुख ने ये बातें पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

देश का जिम्मेदार समाज हिंदू-भागवत

पश्चिम बंगाल के ब‌र्द्धमान में संघ के मध्य बंग प्रांत की सभा को संबोधित करते हुए हिंदू समाज की एकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना है, क्योंकि यह समाज भारत की सांस्कृतिक और नैतिक पहचान का प्रतीक है।भागवत ने कहा कि अक्सर लोगों द्वारा यह सवाल उठाया जाता है कि संघ सिर्फ हिंदू समाज पर ही क्यों ध्यान देता है। इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ही इस देश का जिम्मेदार समाज है, जो उत्तरदायित्व की भावना से परिपूर्ण है। इसलिए, इसे एकजुट करना आवश्यक है।

हिंदू ने विश्व की विविधता को अपनाया-भागवत

भागवत ने कहा, भारतवर्ष एक भौगोलिक इकाई नहीं है इसका आकार समय के साथ घट या बढ़ सकता है। इसे भारतवर्ष तब कहा जाता है जब यह अद्वितीय प्रकृति का प्रतीक हो। भारत का अपना चरित्र है। जिन लोगों को लगा कि इस प्रकृति के साथ नहीं रह सकते, उन्होंने अपना अलग देश बना लिया। जो लोग बचे रहे, वे चाहते थे कि भारत का सार बना रहे। यह सार क्या है? 15 अगस्त 1947 से अधिक पुराना है। यह हिंदू समाज है, जो विश्व की विविधता को अपनाकर फलता-फूलता है। यह प्रकृति विश्व की विविधता को स्वीकार करती है और उसके साथ आगे बढ़ती है। यह एक शाश्वत सत्य है जो कभी नहीं बदलता है।

इतिहास से सबक और समाज में एकता की आवश्यकता

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने ऐतिहासिक आक्रमणों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पर शासन करने वाले आक्रमणकारियों ने समाज के भीतर विश्वासघात के कारण सफलता पाई। उन्होंने सिकंदर से लेकर आधुनिक युग तक के विभिन्न आक्रमणों का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज जब संगठित नहीं रहता, तब बाहरी ताकतें हावी हो जाती हैं। इसलिए, हिंदू समाज की एकजुटता सिर्फ वर्तमान की नहीं, बल्कि भविष्य की भी जरूरत है।

हिंदू पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत में कोई भी सम्राटों और महाराजाओं को याद नहीं करता, बल्कि अपने पिता का वचन पूरा करने के उद्देश्य से 14 साल के लिए वनवास जाने वाले राजा (भगवान राम) और उस व्यक्ति (भरत) को याद रखता है, जिसने अपने भाई की पादुकाएं सिंहासन पर रख दीं और वनवास से लौटने पर राज्य उसे राज सौंप दिया। उन्होंने कहा, ये विशेषताएं भारत को परिभाषित करती हैं। जो लोग इन मूल्यों का पालन करते हैं, वे हिंदू हैं और वे पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं। हम ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होते जो दूसरों को आहत करते हों। शासक, प्रशासक और महापुरुष अपना काम करते हैं, लेकिन समाज को राष्ट्र की सेवा के लिए आगे रहना चाहिए।

बता दें कि पहले ममता बनर्जी सरकार ने आरएसएस की रैली को अनुमति नहीं दी थी। इस पर संघ ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रास्ता खटखटाया था, जिसने उन्हें रैली की इजाजत दी।

मोहन भागवत के बयान से अलग है आरएसएस के मुखपत्र की राय, विवादित स्थलों के सर्वे पर जताई सहमति

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राम मंदिर के साथ हिंदुओं की श्रद्धा है लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वो नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं का नेता बन सकते हैं। ये स्वीकार्य नहीं है। ये बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसे समय पर कही है जब पिछले कुछ समय से देश में मस्जिदों को लेकर विवाद गहराया हुआ है। देश में मस्जिदों के सर्वे की मांग के बीच प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि ऐसे मुद्दों को उठाना अस्वीकार्य है। हालांकि, मोहवन भागवत की राय आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'ऑर्गेनाइजर' के लेख से बिल्कुल अलग है। 'ऑर्गेनाइजर' में लिखे लेख की माने तो विवादित स्थलों का वास्तविक इतिहास जानना जरूरी है।

आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने संभल मस्जिद विवाद पर अपनी लेटेस्ट कवर स्टोरी पब्लिश की है। जिसमें कहा गया है कि विवादित स्थलों और संरचनाओं का वास्तविक इतिहास जानना जरूरी है। पत्रिका में कहा गया है कि जिन धार्मिक स्थलों पर आक्रमण किया गया या ध्वस्त किया गया, उनकी सच्चाई जानना सभ्यतागत न्याय को हासिल करने जैसा है।

कई सांप्रदायिक घटनाओं का जिक्र

जिसमें दावा किया गया है कि कैसे संभल में शाही जामा मस्जिद के स्थान पर एक मंदिर मौजूद था। इसमें संभल के सांप्रदायिक इतिहास का भी वर्णन किया गया है। इसके अलावा पत्रिका में पिछले सालों में हुई सांप्रदायिक घटनाओं का भी जिक्र किया गया है। इस लेख में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर संघ प्रमुख की सलाह या चेतावनी को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया है।

अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा

पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर के लिखे संपादकीय में कहा गया है, धार्मिक कटुता और असामंजस्य को खत्म करने के लिए एक समान दृष्टिकोण की आवश्यकता है। बाबासाहेब आंबेडकर जाति-आधारित भेदभाव के मूल कारण तक गए और इसे समाप्त करने के लिए संवैधानिक उपाय प्रदान किए। तर्क दिया गया है कि यह तभी हासिल किया जा सकता है जब मुसलमान सच्चाई को स्वीकार करें और इससे इनकार करने से अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा।

लड़ाई राष्ट्रीय पहचान को साबित करने की

संपादकीय में कहा गया कि सोमनाथ से लेकर संभल और उसके आगे के सच को जानने की यह लड़ाई धार्मिक श्रेष्ठता के बारे में नहीं है। यह हमारी राष्ट्रीय पहचान को साबित करने और सभ्यतागत न्याय के बारे में है। लेख में ऐतिहासिक घावों को भरने की भी बात कही गई है।

मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों पर जताई चिंता, बोले-ऐसे आप हिंदुओं के नेता नहीं बन जाएंगे

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काशी, मथुरा में मंदिर मस्जिद का विवाद जहां अदालतों में लंबित में है वहीं संभल का प्रकरण सुर्खियों में बना हुआ है। इस बीच ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां धार्मिक ढांचों को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग यह मानने लगे हैं कि वे इस तरह के मुद्दों को उठाकर 'हिंदुओं के नेता' बन सकते हैं।

पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर बोलते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर ‘हिंदुओं के नेता’ बन सकते हैं। संघ प्रमुख ने समावेशी समाज की वकालत करते हुए कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है।

भारतीय समाज की बहुलता को रेखांकित करते हुए भागवत ने कहा कि रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस मनाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘केवल हम ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लंबे समय से सद्भावना से रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है। राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नयी जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।’’

राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं की आस्था का विषय-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था। उन्होंने किसी विशेष स्थल का उल्लेख किए बिना कहा, ‘‘हर दिन एक नया मामला (विवाद) उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं।’’ हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों तक पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आ जाए।

कट्टरता सही नहीं- भागवत

हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों में पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए हैं और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आए

Comic Street – An exciting new initiative by TVAGA and ICA at Indiajoy

The Comic Street Awards 2024 debuted at the prestigious India Joy Digital Entertainment Festival at the Hyderabad International Convention Center (HICC). A collaboration between the Telangana VFX, Animation, and Gaming Association (TVAGA) and the Indian Comics Association (ICA), the awards celebrated exceptional talent in the Indian comics industry, marking a new chapter in the legacy of India Joy. The awards were presented by former beauty queen and Bollywood actress Ruhi Singh, whose presence added a touch of glamour and star power to the event. In recognition of her contributions to the creative industry, Himanshu Singhal, PR & Industry Head of ICA, presented a memento to Ruhi Singh.

The Lifetime Achievement Award was presented to the legendary cartoonist Abid Surti for his immense contributions to the Indian comics landscape. A true pioneer, Abid Surti is the creative genius behind Bahadur, India’s first-ever superhero, and has significantly shaped the Indian comics industry.

The ICA proudly hosted a panel discussion at Comic Street featuring prominent figures such as Sanjay Gupta (Raj Comics by Sanjay Gupta), Preeti Vyas (Amar Chitra Katha), Ajay Krishna (Forbidden Verse), and Ajitesh Sharma (Cinemics). The panel delved into various aspects of storytelling, industry evolution, and comic industry opportunities, offering invaluable insights and fostering engaging discussions among industry pioneers and enthusiasts.

Ajitesh Sharma, president of ICA, interacted with Prashant Varma, the visionary director of the highly acclaimed movie Hanu-Man, on Comics IP & Cinema. Ajay Krishna, Executive Member of ICA, presented a special memento to Prashant Varma, acknowledging his remarkable contributions to storytelling, creativity, and the growing universe of Indian superheroes.

Adding to the event's excitement, two new comic titles were launched: Chandrakanta, an Indian epic adapted into Comics by Cinemics, and Soul Contract, an Indian manga by Cosmics. These latest releases generated a buzz and showcased the vibrant creativity and innovation within the Indian comics industry.

 

An ICA Pavilion exhibiting Indian Comics was set up at Comics Street, and Ravi Tanwer, Anadi Abhilash, Mohamad Shabaz, Himanshu Singhal, Vasu Gupta, Saahil Sharma, Varun Malhotra, and Neelesh Makwane from ICA led the initiative. Moreover, ICA promoted the upcoming Comics Creator Championship, set to take place during Waves 2025, further engaging the community and encouraging creators to showcase their talent in this Create in India Challenge.

The event underscores India Joy’s commitment to fostering a thriving ecosystem for the AVGC sector. Telangana IT Minister KT Rama Rao highlighted that the festival embodies the state’s vision to position Hyderabad as a global hub, attracting more than 25,000 attendees globally and showcasing India's potential as a global media and entertainment industry leader.

 

Comic Street Award 2024

 

1. Best Comics

· Platinum: Professor Ashwatthama 3 (Cheeseburger Comics)

· Diamond: Ad Infinitum - Sisyphus (Chitragaatha Comics)

· Gold: Celestial Beings (Amar Chitra Katha)

2. Best Comics Writer

· Platinum: Bijoy Raveendran, Codename Alpha '97 (Yali Dream Works)

· Diamond: Saahil S Sharma, Operation Ganga (Alpha Comics)

· Gold: Soumya Das, Violated Series (The Hierophant Entertainment)

3. Best Artist

· Platinum: Dildeep Singh, Rakt katha Series (RCSG)

· Diamond: Caio Pegado, Soormas (Curious Bit Publication)

· Gold: Harsho Mohan Chattoraj, Al-Zebra (Alpha Comics)                      

4. Best Colorist

· Platinum: Valeria Verdi, Soormas (Curious Bit Publication)

· Diamond: Shadab Siddiqui & Sunil Dasturia, Rakt katha Series (RCSG)

· Gold: Jyoti Singh, Dvij: Born from Fire (Radiant Comics)                            

5. Best Cover Design

· Platinum: Violated Issue 1 (The Hierophant Entertainment)

· Diamond: Guddu Bomb Issue 1 (Chitragaatha Comics)

· Gold: Whispers of Void: Midnight Mist (Cosmics)

6. Best Kids Comics

· Platinum: Chahal Pahal (Alpha Comics)

· Diamond: Weatherman (Cinemics)

· Gold: Tinkle Holiday Special 54 (Amar Chitra Katha)

7. Best Manga

· Platinum: Whispers of Void: Midnight Mist (Cosmics)

· Diamond: Trio (Vaibhavi Studios)

8. Best Rising Talent

· Platinum: Ajay Krishna (Forbidden Verse)

· Diamond: Vasu Gupta (Alpha Comics)

· Gold: Prathamesh Gandhi (Colorist: Yali Dream Works)

9. Fan Favourite Comics

· Platinum: Tinkle 800 (Amar Chitra Katha)

· Diamond: FORBIDDEN VERSE: LEO'S CIVIL WAR (Forbidden Verse)

· Gold: The Legend of Watakattu - Claws of Justice (Alpha Comics)

10. Best Comics (Student Category)

· Platinum: Beaver And The Boy (Abin Antony)

 

About ICA

The Indian Comics Association (ICA) promotes and nurtures the Indian comics industry. Through various initiatives, events, and collaborations, ICA aims to foster creativity, support comic creators, and elevate the art of storytelling through comics in India. The association plays a crucial role in bridging the gap between industry, government, creators, and audiences, ensuring that the rich tradition of Indian comics continues to thrive and inspire future generations.

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संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, हिंदुओं को 3-3 बच्‍चे पैदा करने की सलाह, जानें क्या वजह बताई

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारत में हिंदुओं की घटती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की है।उन्होंने हिंदुओं का नाम लिए बगैर भारत में उनकी घटती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर समाज की जनसंख्या वृद्धि दर गिरते-गिरते 2.1 प्रतिशत के नीचे चली गई तो तब समाज को किसी को बर्बाद करने की जरूरत नहीं, वह अपने आप ही नष्ट हो जाएगा। इसलिए कम से कम तीन बच्चे पैदा करना बेहद जरूरी है।

मोहन भागवत ने रविवार को नागपुर में कठाले कुल सम्मेलन में एक सभा में बोलते हुए कहा, कुटुंब समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक इकाई है। हालांकि जनसंख्‍या वृद्ध‍ि को देखते हुए सालों से ‘बच्‍चे 2 ही अच्‍छे’ का नारा सरकार की तरफ से लगाया जाता रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंख्या वृद्धि दर को सही बनाए रखना देश के भविष्य के लिए जरूरी है।

आधुनिक जनसंख्या विज्ञान का हवाला देते हुए भागवत ने कहा, किसी भी समाज की जनसंख्या 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वो समाज दुनिया से खत्म हो जाता है। भागवत ने कहा कि हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी, वो ये कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए। हमें दो से अधिक बच्चों की जरूरत है, यानी तीन (जनसंख्या वृद्धि दर के रूप में), जनसंख्या विज्ञान यही कहता है। यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) जीवित रहना चाहिए।' यहां 2.1 जनसंख्या से उनका आशय प्रजनन दर से था।

भारत में हिंदू आबादी गिरी

इसी साल भारत बढ़ती आबादी की लंबी छलांग लगाते हुए चीन को पछाड़ कर जनसंख्या में मामले में दुनिया में नंबर वन पर आ गया। हालांकि, भारत में बहुसंख्यक हिंदू पिछली जनगणना में 80 प्रतिशत थे। जो अब इस साल तक उनकी जनसंख्या वृद्धि दर घटने से देश में उनकी कुल आबादी घटकर 78.9 प्रतिशत ही रह गई है। वहीं, हिंदू आबादी अब भी देश में करीब 100 करोड़ है। दुनिया के 95 प्रतिशत हिंदू भारत में रहते हैं। वहीं, देश में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर बढ़ी है।

चंद्रबाबू नायडू भी कर चुके अधिक बच्चों की वकालत

मोहन भागवत से पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी दो से अधिक बच्चा पैदा करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों के लोगों को ज्यादा बच्चा पैदा करने की जरूरत है। दक्षिण में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। गांव खाली हो रहे हैं। आंध्र प्रदेश की सरकार दो से अधिक बच्चा पैदा करने वाले परिवारों को प्रोत्साहन राशि देने पर भी विचार कर रही है। सरकार यह भी कानून बनाने की तैयारी में है कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग ही स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ने के योग्य होंगे। नायडू का कहना है कि गांवों से युवाओं के पलायन की वजह से समस्या और विकराल हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय प्रजनन दर 2.1 है। जबकि दक्षिण के राज्यों में 1.6 फीसदी है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी को क्या नसीहत दी, भागवत की किस सलाह का दिया हवाला?

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बड़ी नसीहत दी है। मल्लिकार्जुन खरगे ने इसके लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की सलाह का हवाला भी दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी पर देश की हर मस्जिद में सर्वेक्षण कराकर समाज को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि ऐसा कर सत्तारूढ़ दल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की सलाह की अवहेलना कर रहा है। खरगे की टिप्पणी उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मद्देनजर आई है। संभल में एक मस्जिद में यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है कि क्या वहां कोई मंदिर था।

सर्वे के नाम पर खोद-खोदकर झगड़ा क्यों लगाया जा रहा-खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे रविवार को दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के एक महासंघ की ओर से दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी से मोहन भागवत के 2022 के बयान पर ध्यान देने को कहा। खरगे ने आरएसएस प्रमुख का हवाला दिया जिन्होंने कहा था कि हमारा उद्देश्य राम मंदिर का निर्माण करना था और हमें हर मस्जिद के नीचे शिवालय नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, आज देश में हर जगह सर्वे वाले ये पता लगा रहे हैं कि कहां पहले मंदिर थे और कहां मस्जिद थी, लेकिन 2023 में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हमारा लक्ष्य राम मंदिर बनाने का था, हर मस्जिद के नीचे शिवालय ढूंढना गलत है। जब बीजेपी-आरएसएस वाले ही ये बातें कह रहे हैं, तो फिर सर्वे के नाम पर खोद-खोदकर झगड़ा क्यों लगाया जा रहा है। हम सभी तो एक हैं।

क्या लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार भी ध्वस्त होगा-खरगे

खरगे ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं 'एक हैं तो सेफ हैं', लेकिन वे किसी को भी सेफ नहीं रहने दे रहे हैं। आप एकता की बात करते हैं, लेकिन आपके कार्य इसे धोखा देते हैं। आपके नेता मोहन भागवत ने कहा है कि अब जब राम मंदिर बन गया है, तो और अधिक पूजा स्थलों की तलाश करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप उनके शब्दों का सम्मान करते हैं, तो और कलह क्यों पैदा करते हैं?' खरगे ने बीजेपी से पूछा कि क्या वह लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार और चार मीनार जैसी संरचनाओं को भी ध्वस्त कर देगी, जो मुसलमानों की तरफ से बनवाई गई थीं।

आखिर भागवत ने क्या कहा था

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जून 2022 में ज्ञानवापी विवाद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भागवत ने कहा था कि इतिहास वो है जिसे हम बदल नहीं सकते। उनका कहना था कि इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, ये उस समय घटा.... हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? उनका कहना था कि अब हमको कोई आंदोलन नहीं करना है। संघ प्रमुख नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष 2022 के समापन समारोह के दौरान बोल रहे थे।