मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का विजन – विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लिए डिजिटल क्रांति को नई गति देने पर बल

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि विकसित भारत 2047 के साथ विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्यों को पूर्ण करने एवं सहज, सरल, त्वरित और पारदर्शिता के साथ सुचारू शासन की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों, विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा संभागों में नए मोबाइल टॉवर लगाने तथा फाइबर नेटवर्क लाइन बिछाने जैसे कार्यों में तेजी लाई जाए। आने वाले समय में राज्य में समय सीमा के भीतर चरणबद्ध रूप से 5,000 से अधिक मोबाइल टॉवर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0 के माध्यम से वर्तमान में विभिन्न विभागों की 85 ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार करते हुए 250 अन्य ऑफलाइन सेवाओं को भी ऑनलाइन सेवाओं में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त होगा, तो इससे समय की बचत होगी तथा कार्यालय आने-जाने में होने वाला खर्च भी कम होगा। इसके साथ ही टीयर-थ्री के अनुरूप स्टेट डाटा सेंटर को अपग्रेड करने की भी बात कही गई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में प्रदेश में विभाग द्वारा संचालित प्रमुख परियोजनाओं—अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, नियद नेल्लानार एवं L.W.E. सैचुरेशन डैशबोर्ड, भारतनेट फेस-2, छत्तीसगढ़ स्टेट डाटा सेंटर (CGSDC), आधार एनरोलमेंट इन-हाउस मॉडल, ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0, सीजी स्वान, ई-प्रोक्योरमेंट तथा कैपेसिटी बिल्डिंग सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली।

इस दौरान प्रमुख सचिव निहारिका बारिक ने विगत सवा साल में विभाग द्वारा अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विगत 4 वर्षों से लंबित डाटा सेंटर के अपग्रेडेशन की निविदा प्रक्रिया पूर्ण की गई, खनिज 2.0 पोर्टल का गो लाइव किया गया, वाई-फाई मंत्रालय योजना तथा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल सफलतापूर्वक शुरू हुए। इसके साथ ही भारतनेट फेज-2 परियोजना का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया एवं अटल मॉनिटरिंग पोर्टल डैशबोर्ड का निर्माण कर 19 विभागों की 100 योजनाओं के KPI इसमें प्रदर्शित किए गए हैं।

इस बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में जीएसटी कलेक्शन में ऐतिहासिक बढ़त: 18% वृद्धि दर के साथ देश में अव्वल

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभाग के कार्यों एवं राजस्व संग्रहण की विस्तार से जानकारी प्राप्त की और कर संग्रहण बढ़ाने के उपायों पर कार्य करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कर की राशि का उपयोग देश और प्रदेश के विकास कार्यों में होता है, इसलिए सभी को ईमानदारी पूर्वक कर अदा करना चाहिए। श्री साय ने कहा कि जो लोग कर (जीएसटी) की चोरी करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए तथा उनसे कर की वसूली सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को जीएसटी एवं वैट से कुल 23,448 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38% है। छत्तीसगढ़ ने 18% की जीएसटी वृद्धि दर हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है।

बैठक में वित्त एवं वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री ओ.पी. चौधरी ने विभागीय जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने जीएसटी संग्रहण हेतु विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि आगे भी नियमों के अनुरूप संग्रहण बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ कर अपवंचन के मामलों एवं उनसे निपटने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने फर्जी बिल, दोहरी बहीखाता प्रणाली और गलत टैक्स दरों का उपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की नवाचारी पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण की औसत समय सीमा को 13 दिन से घटाकर 2 दिन कर दिया गया है।

बैठक में अधिकारियों ने जीएसटी विभाग द्वारा हाल ही में की गई बड़ी कार्रवाइयों एवं कर चोरी की राशि की वसूली की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों से शासन के कर राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में जीएसटी कार्यालय स्थापित किए गए हैं, जिससे कर संग्रहण एवं जीएसटी से जुड़ी सेवाओं का कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ संपादित किया जा रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश कुमार बंसल, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत तथा आयुक्त वाणिज्यिक कर पुष्पेंद्र मीणा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

चिकित्सकों की अटूट सेवा भावना का स्वस्थ छत्तीसगढ़ के निर्माण में है अटूट योगदान - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  चाहे कोरोना महामारी का संकट रहा हो या दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की चुनौती, हमारे डॉक्टरों ने हर परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। उन्होंने अपने जीवन की परवाह किए बिना, सेवा को धर्म मानकर कार्य किया है। हम उन महान लोगों को कभी नहीं भूल सकते जिन्होंने कोरोना जैसी बड़ी महामारी के दौरान अपना फर्ज निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हमारी सरकार का उद्देश्य केवल सेवाओं की पहुंच बढ़ाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देना है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राजधानी रायपुर स्थित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम, मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन न केवल चिकित्सा समुदाय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि छत्तीसगढ़ राज्य निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूता रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम सब जानते हैं कि डॉक्टरों का जीवन आसान नहीं होता। कठिन परिश्रम, लंबी ड्यूटी और मानसिक तनाव उनके दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। फिर भी वे अपनी जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटते। उनके साहस और समर्पण के कारण हमारा समाज सुरक्षित और स्वस्थ रहता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आपके परिश्रम से ही हम एक स्वस्थ, सक्षम और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण कर सकते हैं। आज मैं केवल आप सभी को धन्यवाद देने नहीं आया हूं, बल्कि यह आश्वस्त करने भी आया हूं कि हमारी सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने डॉक्टर्स डे के विशेष अवसर पर सभी चिकित्सकों को बधाई देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग केवल एक सेवा प्रदाता नहीं, बल्कि जीवन रक्षक प्रणाली है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि संकट के समय जब सभी लोग घरों में सुरक्षित रहने का प्रयास कर रहे थे, तब हमारे डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा में जुटे रहे। यह अदम्य साहस और समर्पण ही उनकी असली पहचान है। मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि हमारी सरकार की यह स्पष्ट नीति है कि हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें और हर डॉक्टर को पूरा सम्मान और सहयोग मिले। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ और संवेदनशील बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे इसी जज्बे और मानवीय संवेदना के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहें। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर हमने 109 संविदा चिकित्सकों एवं 563 ब्रांडेड डॉक्टरों के पदस्थापना आदेश जारी किए हैं।

इस अवसर पर कोविड-19 के दौरान सेवा देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए 14 चिकित्सकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं उनके परिजनों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। भावुक क्षणों से भरे इस समारोह में समूचा सभागार कृतज्ञता एवं सम्मान की भावना से अभिभूत रहा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 109 संविदा चिकित्सकों को नियुक्ति आदेश तथा एमबीबीएस बांड पोस्टिंग के प्रथम चरण में 563 अनुबंधित चिकित्सकों को नियुक्ति एवं पदस्थापना आदेश प्रदान किया।

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ने कहा कि यह दिन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारे चिकित्सकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी न केवल अपने दायित्वों का निर्वहन किया, बल्कि कोविड जैसी महामारी के दौरान अपने परिवार से दूर रहकर लोगों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। आपके योगदान को शब्दों में बांधना कठिन है। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि शीघ्र ही शेष 92 एमबीबीएस बांड अनुबंधित चिकित्सकों एवं 157 विशेषज्ञ पीजी बांड चिकित्सकों के पोस्टिंग आदेश भी जारी किए जाएंगे।

कार्यक्रम में अंत में आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू, इंद्र कुमार साहू, गुरु खुशवंत साहेब के साथ ही महापौर मीनल चौबे, सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक म्हस्के तथा राज्यभर से आए स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने खाद की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए खाद और बीज की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को सतत रूप से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से डीएपी के स्थान पर एनपीके खाद के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात कही और किसानों को इसके लाभ से अवगत कराने को कहा। श्री साय ने कलेक्टरों के माध्यम से जिलेवार सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता और वितरण की निगरानी और सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि खेती-किसानी का यह समय किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि इस समय खाद-बीज की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा आती है, तो इसका सीधा असर फसलों की बुआई और उत्पादन पर पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को समय पर और उचित दर पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि समितियों में एनपीके खाद की व्यवस्था भी की जा रही है, किसानों को इसे उपलब्ध कराने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने अमानक और नकली खाद की बिक्री पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।

बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, संचालक कृषि राहुल देव सहित मार्कफेड के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ के अधिकारी-कर्मचारी नहीं कर पाएंगे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग, अधिसूचना जारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ के अधिकारी और कर्मचारी अब शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे. Intraday, क्रिप्टोकरेंसी की खरीदी और Future and option (F&O) में ट्रेडिंग को सरकार ने अवचार के तौर पर माना है. इससे छत्तीसगढ़ के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए इनका लेन-देन प्रतिबंधित हो गया है. इसकी अधिसूचना राज्य सरकार ने जारी कर दी है.

छत्तीसगढ़ राजपत्र में किए गए प्रकाशन में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 नियम 19 में, उप-नियम (5) के खण्ड (1) के उप खण्ड जोड़ा गया है. इसके साथ शेयरों, प्रतिभूतियों या अन्य निवेशों की बार-बार खरीद एवं बिक्री (Intra day, BTST, Future and option (F&O) व cryptocurrency में ट्रेडिंग / निवेश) को अवचार (कदाचार) माना जाएगा.

हालाकि इसके साथ ही सरकार ने राहत देते हुए इन्वेस्टमेंट के लिहाज से शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और डिबेंचर्स में निवेश करने की अनुमति दी है.

 

ग्रामोद्योग में रोजगार की असीम संभावनाएं, मुख्यमंत्री ने दिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि पारंपरिक रूप से बुनाई, कढ़ाई, हस्तशिल्प और माटी कला से जुड़े कारीगरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विशेष रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य में लगे लोगों की आजीविका को पुनर्जीवित करना और उनकी आय बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में ग्रामोद्योग विभाग के कार्यों और गतिविधियों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान राज्य में रेशम, हस्तशिल्प, खादी, हथकरघा और माटीकला से जुड़े पारंपरिक कारीगरों, बुनकरों और उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने बैठक में ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत शामिल सभी घटकों से जुड़ी आधारभूत जानकारी ली और कहा कि इन क्षेत्रों में रोजगार की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, आधुनिक तकनीक और विपणन के लिए ठोस एवं समन्वित कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि स्थायी रूप से रोजगार के अवसरों का सृजन हो सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रेशम उत्पादन, कोसा वस्त्र निर्माण और हथकरघा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की परंपरा और दक्षता को नई ऊंचाई देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में संचालित भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से कुशल कारीगरों की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने संस्थान के सुचारु संचालन की दिशा में भी ठोस कदम उठाने की बात कही। श्री साय ने कहा कि विभाग द्वारा प्रशिक्षण के लिए जो राशि आबंटित की जाती है, उसका पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए, ताकि कारीगरों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक शिल्प और बुनाई से जुड़े अत्यंत कुशल कारीगर मौजूद हैं, जो पीढ़ियों से बेहद सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां एवं उत्पाद तैयार करते आ रहे हैं। ये हस्तनिर्मित वस्तुएं लोगों को काफी पसंद आती हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिए कि इन उत्पादों को राज्य और देश के बड़े बाजारों तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री और निर्यात की संभावनाओं को सक्रिय रूप से तलाशने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने की बात भी उन्होंने कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिटी मॉल का निर्माण समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किया जाए, ताकि राज्य के उत्पादों को विशेष स्थान और ब्रांडिंग मिल सके तथा छत्तीसगढ़ की पारंपरिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से प्रस्तुत किया जा सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएं। इस क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग कर उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार लाया जाए, ताकि रेशम उद्योग को मजबूती मिले और अधिक से अधिक लोगों को इससे रोजगार उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि हम अपने पारंपरिक कारीगरों और बुनकरों की कला को सम्मान देकर ही उनके जीवन को समृद्ध बना सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सचिव ग्रामोद्योग श्याम धावड़े सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

200 मिलियन टन से अधिक सीमेंट ग्रेड चूना पत्थर की नीलामी के लिए प्री-बिड सम्मेलन में शामिल हुए निवेशक

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में खनिज क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए चूना पत्थर, लौह अयस्क और बॉक्साइट खनिज के नए ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसी क्रम में आज नवा रायपुर अटल नगर में निवेशकों के लिए प्री-बिड सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस प्री-बिड सम्मेलन का उद्देश्य राज्य की समृद्ध खनिज संपदा को औद्योगिक निवेश के लिए उपलब्ध कराना, स्थानीय विकास को बढ़ावा देना तथा पारदर्शी ई-नीलामी प्रणाली के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित करना है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमत्री के सचिव एवं खनिज सचिव पी. दयानंद ने कहा कि हमें नई औद्योगिक नीति के अनुरूप खनिज क्षेत्र के विकास के साथ ‘विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़’ के संकल्प को साकार करना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज नीति और नई उद्योग नीति से खनिज आधारित उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। राज्य में खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए भरपूर संभावनाएं हैं।

खनिज सचिव पी. दयानंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य है, जहां कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, लीथियम, कोबाल्ट तथा रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे 28 से अधिक प्रमुख खनिजों की भरपूर उपलब्धता है। छत्तीसगढ़ में अब तक 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी हो चुकी है और आने वाले समय में इस संख्या को और आगे बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स के माध्यम से विभिन्न खनिज समूहों के लिए अनुसंधान किया जा रहा है। इसके साथ ही सोनाखान भवन में एक ड्रिल कोर लाइब्रेरी स्थापित की जा रही है, ताकि अन्वेषण की गुणवत्ता और सटीकता को सुदृढ़ किया जा सके।

खनिज सचिव श्री दयानंद ने यह भी बताया कि डीजीएम द्वारा चयनित कुल 9 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है, जिनमें 4 चूना पत्थर, 2 लौह अयस्क और 3 बॉक्साइट ब्लॉक शामिल हैं। इन ब्लॉकों में उपलब्ध संसाधनों का वाणिज्यिक दोहन निवेशकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। चूना पत्थर के 200 मिलियन टन से अधिक भंडार बलौदाबाजार, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में स्थित हैं, जिनमें औसतन 42 प्रतिशत से अधिक कैल्शियम ऑक्साइड की मात्रा आंकी गई है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे इन ब्लॉकों को एक आकर्षक औद्योगिक अवसर के रूप में देखें और छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीतियों का लाभ उठाएं। राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सहयोग, पारदर्शिता और समयबद्ध अनुमतियां सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

खनिज विभाग के संचालक रजत बंसल ने ई-नीलामी प्रणाली की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि निविदा पोर्टल पर सभी खनिज ब्लॉकों से संबंधित विवरण उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित क्षेत्रों में रेलवे और सड़क जैसे मजबूत आधारभूत ढांचे के साथ स्थानीय श्रमशक्ति भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिससे उद्योगों की स्थापना सुगम और आर्थिक रूप से व्यावहारिक होगी। प्रति वर्ष 3-4 मिलियन टन उत्पादन क्षमता वाले उद्योगों की स्थापना की संभावना के साथ इन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर व्यापक रोजगार सृजन होगा।

इस अवसर पर कार्यक्रम में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के उप महानिदेशक अमित धारवाड़कर, संयुक्त संचालक अनुराग दीवान, संजय कनकाने सहित विभिन्न निवेशक, औद्योगिक प्रतिनिधि, भूवैज्ञानिक एवं तकनीकी विशेषज्ञ तथा खनिज एवं उद्योग विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने मुख्यमंत्री साय से की सौजन्य मुलाकात

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मंत्रालय महानदी भवन में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर राज्य शासन द्वारा सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, वृद्धजनों तथा दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी।

केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अठावले ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार समन्वय के साथ समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करती रहेंगी। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।

महिलाओं के खाते में पहुंचे पैसे, महतारी वंदन योजना की 647 करोड़ रुपये की 17वीं किस्त हुई वितरित

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना के अंतर्गत आज एक तारीख को माह जुलाई 2025 की सत्रहवीं किश्त का भुगतान जारी कर दिया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश की 69.23 लाख से अधिक महिलाओं को कुल 647.66 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए इस योजना की शुरुआत मार्च 2024 में की गई थी। अब तक लगातार 17 महीनों में 11081.68 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश की महिलाओं को प्रदाय की जा चुकी है। योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

योजना से होने वाले भुगतान एवं अन्य जानकारी से अवगत होने के लिए महतारी वंदन योजना के पोर्टल अथवा महतारी वंदन योजना का मोबाईल ऐप भी है जिसे हितग्राही प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपनी जानकारी देख सकते हैं। यदि कोई आवेदिका इस सहायता राशि का लाभ नहीं लेना चाहती है, अर्थात् लाभ त्याग करना चाहती है तो वे पोर्टल में लाभ त्याग के ऑप्शन में जाकर लाभ त्याग कर सकती है।

महतारी वंदन योजनांतर्गत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। जिन हितग्राहियों का खाता डीबीटी इनेबल नहीं है वे तत्काल बैंक जाकर आधार सीडिंग करवायें क्योंकि उनको भुगतान किये जाने पर राशि वापस हो जा रही है तथा इस हेतु उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है। यदि किसी हितग्राही को किसी प्रकार की शिकायत हो तो इस पोर्टल में शिकायत करें ऑप्शन में जाकर अपनी समस्या ऑनलाईन दर्ज कर सकती है।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने हितग्राही महिलाओं से अपील की है कि वह अपना आधार कार्ड अपडेट कराएं, ताकि राशि के भुगतान में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। ज्ञात हो कि आधार कार्ड को हर 10 वर्षों में अपडेट करना अनिवार्य है। कई हितग्राहियों का भुगतान आधार इनएक्टिव होने के कारण निरस्त किया गया है। ऐसे हितग्राहियों को आधार केंद्र में जाकर पहचान एवं निवास प्रमाण-पत्र के साथ आधार अपडेट कराना आवश्यक है, ताकि आगामी किश्त का भुगतान सुनिश्चित हो सके।

स्कूल छोड़ सड़कों पर उतरा शिक्षकों का सैलाब, स्कूलों में पढ़ाई ठप, 23 प्रदेश संचालक अलग-अलग जिलों में गरजे, सरकार पर जमकर बरसे

रायपुर- प्रदेश के 1,80,000 शिक्षक आज एक बार फिर से स्कूलों की पढ़ाई छोड़ सड़कों पर उतरे। शिक्षकों ने राज्य सरकार को साफ-साफ और दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर अब भी सुनवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में राज्यभर के सभी स्कूलों में तालेबंदी कर वे सभी अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाएंगे और सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत एवं जाकेश साहू ने विभिन्न जिलों में आंदोलन का नेतृत्व करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव 2023 के पहले प्रदेश के समस्त शिक्षकों से कई वादा किए थे जिसे मोदी की गारंटी का नाम दिया गया था। जिसमें सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने, क्रमोन्नत वेतनमान देने, पुरानी पेंशन बहाल करने, प्रथम सेवा गणना करने, पदोन्नति करने सहित अनेको लिखित एवं मौखिक वादे किए गए थे। लेकिन चुनाव जीतने के बाद सरकार ने एक भी वादे पूरी नहीं की है।

प्रदेश संचालक कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, भूपेंद्र बनाफर, शंकर लाल साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर एवं लैलूंन भरतद्वाज आदि ने विभिन्न ब्लाकों में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार लगातार शिक्षकों से विवाद मोल ले रहे हैं। सरकार द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद किया जा रहा है। स्कूलों में शिक्षकों की संख्या दिन प्रतिदिन घटाई जा रही है। प्रदेश के आम जनता को गुमराह किया जा रहा है। शिक्षा में गुणवत्ता लाने की बाते कही जा रही है लेकिन जब शिक्षकों को ही स्कूलों से हटाएंगे और स्कूलों को बंद करेंगे तो कहां से शिक्षा में गुणवत्ता आएगी।

प्रदेश संचालक प्रदीप पांडे, प्रदीप लहरे, राजकिशोर तिवारी, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, धरम दास बंजारे एवं अनिल कुमार टोप्पो ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षिका सोना साहू को माननीय न्यायालय के आदेश पर एरियर्स राशि सहित क्रमोन्नति वेतनमान दिया गया है। लेकिन उक्त आदेश का पालन राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से अभी तक नहीं किया गया है। प्रदेश के शिक्षकों ने मांग की है कि सोना साहू के तर्ज पर राज्य के सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान का एरियर्स राशि सहित लाभ दिया जाए। साथ ही प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ दी जाए। पदोन्नति में बीएड की अनिवार्यता को खत्म कर डीएड योग्यताधारीयो को भी पदोन्नत किया जाए। तथा 2008 के सेटअप को लागू करके युक्तिकरण किया जाए एवं वर्तमान में हुए युक्तिकरण को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।

शिक्षक साझा मंच के समस्त 23 प्रदेश संचालकों ने विभिन्न जिलों एवं ब्लॉकों में राज्य सरकार को सीधे सीधे और दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि आज प्रदेश के पूरे सभी 146 विकासखंडों में शिक्षक अपनी मांगों को लेकर स्कूलों को छोड़कर सड़कों पर उतरे हैं और अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यदि आने वाले दिनों में सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो प्रदेशभर के स्कूलों में तालेबंदी कर सभी शिक्षक सड़क पर उतरकर अपने मांगों के लिए संघर्ष करेंगे एवं बच्चों की पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित होने पर जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।